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the intellectual (बद्

ु धिजीवी – हरिशंकि पिसाई)

scene १

दो लड़के आपस में बात कि िहे हैं.

१: अिे सन
ु भाई, वो अपने पड़ोस में ममश्रा जी हैं न, वो सन
ु ा है intellectual हो गए हैं.

२: intellectual? मतलब ?

१: भाई, बद्
ु धिजीवी. Europe गए थे दो साल को, लौटे हैं तो लोग बता िहे हैं कक intellectual हो
गए हैं.

२: अच्छा!! क्या किते हैं भाई ये intellectual लोग?

१: अिे पहले नाममल ब्लैक फ्रेम का चस्मा पहनते थे, अब golden फ्रेम का चस्मा पहनने लगे हैं.
घंटो दीवाि की तिफ सि किके सोचते िहते हैं. चेहिे पि smile िहती है छोटी सी. ककसी ने पछ
ू ा कक
smile ककस बात की तो बोले की उन्होंने दनु नया को समझ मलया है तभी smile किता हूूँ.

२: अच्छा!! गज़ब भाई!

१: औि तो औि बताते हैं कक अब पिू ा मह


ु खोलकि नहीं बोलते. औि हस्ते भी बस थोड़े से होठ
खोलकि हैं. कहते हैं- तम्
ु हािे मलए ये funny है , I’m just amused.

२: याि तब तो अपने मलए अच्छा है . अपने लोगो को वो flood relief के मलए funds चाहहए,
intellectual हैं तो समझेंग,े चल चलते हैं. ममल भी लेंगे औि funds का जुगाड़ भी हो जायेगा.

दोनों फ़ोन किते हैं. तो फ़ोन पि इंग्ललश में कहते हैं- i will be free in half an hour. Then we
can meet.
scene २

एक तिफ दोनों लड़के बैठे हैं, एक तिफ शमाम जी. बीच में टे बल पि अिखुली ककताबें िखी हैं, जो
हदखा िही हैं कक पढ़ के लापिवाही से िखी हैं. पि सबका कवि ऊपि की तिफ है . जो उन ककताबों के
नाम हदखा िहा है .

दोनों लड़के कभी ककताबों को दे खते हैं, आपस में कफि शमाम जी को.

शमाम सी थोडा अकड़ औि संयम के साथ बैठे नजि आते हैं. एकटक से उन दोनों को न दे खकि वो
थोडा साइड की तिफ दे ख िहे हैं. ग्जससे उनसे बात किने पि उन्हें थोड़ी सी गदम न उनकी ओि किनी
पड़े. एक हाथ से ठुड्डी सहला िहे हैं जैसे कक गहिी सोच में हों. वो बाि बाि ककताबों की औि दे खते
हैं कफि दोनों लड़कों की ओि जैसे की कह िहे हों कक हाूँ इतनी गहिी ककताबें पढता हूूँ. तम
ु ने नाम भी
सन
ु े हैं कभी? ममश्रा जी की हि हिकत में एक grace है .

काफी दे ि तक दोनों ककताबों से related कुछ नहीं पछ


ू ते तो ममश्रा जी बेचैन होने लगते हैं.

ममश्रा जी - (गहिी आवाज़ में) to my mind... (एक साइड के होठ खोल कि ही बोलते हैं)

दोनों लड़के आस पास दे खने लगते हैं की आवाज़ कहाूँ से आई...

ममश्रा जी – हम लोग बहुत पीछे हैं. जब मैं Europe गया तब मझ


ु े ये बात समझ आई.

२- सि आपको ये बात जानने के मलए Europe जाना पड़ा?

ममश्रा जी- जो पीछे होता है उसे नहीं हदखता कक वो पीछे है . दिू से दे खनेवाला ही ये बात बता
सकता है .

१- तो सि, आपको क्यूँू लगता है कक हम पीछे हैं?

ममश्रा जी हलके से मस्


ु कुिाकि सि हहलाते हैं.

ममश्रा जी - to my mind, we don’t have character!!

लड़के बात बदलते हैं.

2: वो सब छोडडये सि, वो केिल में flood आया तो बहुत तबाही हो गयी. जानमाल का इतना
नक
ु सान हुआ कक पनू छए मत.

ममश्रा जी - हाूँ, मैंने उसके बािे में news दे खी थी.

दोनों लड़के ये सन
ु कि खश
ु हो जाते हैं.

१: तो सि हम लोग उस flood के survivors की help के मलए funds collect कि िहे हैं.

ममश्रा जी ये सन
ु कि आगे झक
ु कि हथेली पि ठुड्डी िख लेते हैं.
ममश्रा जी - to my mind, nature को balance पसंद है . संतल
ु न, you know. एक philospher ने
मलखा है कक आबादी ज्यादा बढ़े गी तो उसे balance किने के मलए nature ऐसा ही कुछ किे गा.

दोनों लड़के एक दस
ु िे की तिफ disappointment से दे खने लगते हैं. औि ममश्रा जी अपना िाग
अलापे जा िहे हैं.

ममश्रा जी – to my mind, our greatest enemy is poverty.

१: तो सि, आपके हहसाब से क्या किना चाहहए ये गिीबी हटाने के मलए.

ममश्रा जी – मैंने इस बािे में काफी सोचा. ये capitalist औि socialist दोनों humanity के against
हैं. ये दोनों गिीबी नहीं ममटा सकते. हमें modern technology का use किके production बढ़ाना
चाहहए. ह्म्म्म्म.

२: सि, कफि consume किने के मलए क्या किें ग?


े उसके मलए भी तो पैसे लगें गे?

ममश्रा जी – तम्
ु हे क्या लगता है ये मैंने नहीं सोचा है ! यही तो सोच िहा हूूँ आजकल. एक theory
बनाने में लगा हुआ हूूँ.

२: सि, मेिे हहसाब से हमें इस society की नए मशिे से शरु


ु आत किनी चाहहए.

ममश्रा जी घिू कि दोनों को दे खते है .

ममश्रा जी - तम्
ु हे मालम
ू भी है , society का पहला फ़ज़म ये है कक वो खुद को ख़त्म किे . Society
must destroy itself. ये जात-पात, ऊूँच-नीच हटे गी तब कुछ नया होगा.

पहला लड़का कुछ कहते कहते रुक जाता है .

१: सि कफि...poverty का क्या किें गे? सवाल तो ये है !

ममश्रा जी आंखे बंद किके सोचते हैं.

ममश्रा जी – ultimately I have to return to Gandhi. Student Power. Youth Power. हमें
अपने youth को आजादी दे नी चाहहए. वही बदलेंगे इस दनु नया को. वही बदलेंगे. जो society अपने
youth को दबाती है , वो कभी ऊपि नहीं उठ सकती. ये दे खो यही professor andrews की ककताब
में मलखा है . औि इसमें - इसमें भी यही बात.

लड़के एक दस
ु िे को दे खकि उठने का इशािा किने लगते है . कक तभी ममश्रा जी का फ़ोन बजने लगता
है . फ़ोन पि बात किते किते ममश्रा जी का होठ कांपने लगता है . सािा pose ख़त्म होने लगता है .
चस्मा झट से ननचे. वो एंगल ख़त्म किके शिीि कमान कक तिह मड़
ु जाता है .

ममश्रा जी - उसकी ये हहम्मत...ये ये...

२: क्या हुआ सि...सब ठीक तो है ?


ममश्रा जी के चेहिे से लाली गायब, चेहिा सफ़ेद पड़ा हुआ.

ममश्रा जी – (गहिी सांस छोड़ते हुए) क्या जमाना आ गया, आजकल के नौजवान...

१: हुआ क्या है सि?

ममश्रा जी - मेिी बेटी दे हिादन


ू में जॉब किती है . उसकी मौसी भी हैं. तो पता चला है कक उसने
अपनी मजी से लड़का पसंद कि मलया है . इंगेजमें ट भी कि ली है . शादी किने का मन है , आज बता
िहे हैं.

२: लड़का क्या किता है सि?

ममश्रा जी - डॉक्टि है .

१: ये तो अच्छी बात है . doctor लड़का.

ममश्रा जी – क्या अच्छी बात. मैं ये शादी होने नहीं दं ग


ू ा.

२: सि हदक्कत क्या है ? दोनों लोग जवान हैं, समझदाि हैं. अपने फैसले खद
ु कि सकते हैं.
औि आपको बता तो िहे हैं कक शादी किनी है .

१: हाूँ सि. चोिी तो कि नहीं िहे कोई? आप इतना क्यों पिे शान औि दख
ु ी लग िहे हैं?

ममश्रा जी: लड़का हमसे छोटी जानत का है !!

the end.

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