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इसके अलावा, च िंतपूर्णी माता मिंचिर के ार ही चिशाओिं में भगवान् चशव के मिंचिर हैं – पूवव में

कलाेे श्वर महािे व, पचिम में नारायर्ण महािे व, उत्तर में मु कुिंि महािे व और िचिर्ण में चशव बरी।

आस पास के अन्य िशवनीय स्थल :-

1. डे रा बडभाग चसिंह : माता च िंतपूर्णी मिंचिर से लगभग 40 चक० मी० िू र बाबा बडभाग
चसिंह का स्थान है | ये चसक्खिं के छठवे गुरु हरगखचबन्द चसिंह के पड़पौत्र बाबा राम चसिंह
के पुत्र थे | इन्हखने मुगलखिं के चवरुद्ध सिंघर्व चकया था और अिंत में अपना जन्म स्थान
क्र्तापुर छखड़कर बाबा जी मैडी गााँ व ले गये | इन्हखने यहााँ 18 वर्ो तक कठखर तप
चकया और अपनी तपस्या के बल पर इन्हखने तिंत्र चवद्या में प्रवीन सरिार िे व नाहर चसिंह
कख अपने वश में कर चलया और स्थानीय जनता कख उसके िंगुल से ब ा चलया |
2. डे रा चसद्ध बाबा रुद्रू : च िंतपूर्णी मिंचिर से लगभग 42 चक० मी० िू र यह प्रचसद्ध डे रा है |
यहााँ पर महान यखगी रुद्रुनिंि ने साधना की थी | इस डे रे में 125 वर्ो से अखिं ड धुनी जल
रही है चजसकी राख अनेक व्याचधयख के उप ार में काम लाइ जाती है | कहते है चक
डे रा बाबा रुद्रू के प्रािं गर्ण में पािं महात्माओिं ने समाचध ली और वहािं पािं पीपल के वृि
पैिा हख गये | लखक चवशवास है चक यचि कखई व्यक्ति पागल हख गया हख अथवा उसे सािं प
ने डिं स चलया हख तख वह इन वृिखिं चक पररक्रमा करके ठीक हख जाता है | प्रचतवर्व यहााँ
पिं भीष्म पवव मनाया जाता है | चजनमे क्तखिं ड़ी, िही और घी बािं टा जाता है |
3. डे रा जखगी पिंगा : च िंतपूर्णी मिंचिर से लगभग 45 चक० मी० िू र एक चनजवन वन में ऊना-
हखचशयारपुर सड़क पर क्तस्थत इस डे रे चक स्थापना महात्मा आत्मानिं ि ने की थी | यहााँ
पर लखगख चक मनखकामना पूर्णव हखती है | लखक मत है चक बाबा रुद्रुनिंि भी कई वर्ो तक
यहााँ तपस्या करते रहे |

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