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॥ सरलभैरवपूजा ॥

o साधक शुद्ध दो लालवस्त्र ( लालधोती तथा लाल ईत्तरीय ) पहनकर


कम्बल या कु श या ऄन्य प्रकार के शास्त्र िविहत असान पर बैठे ।
o ॎ ह्रीं अधारशििकमलासनाय नमः॥ कहकर असान का पूजन करे ।
o भं भैरवाय नमः॥ आस मंत्र से भस्म के ित्रपुण्ड्र सर ,कण्ड्ठ ,ह्रदय ,दोनों
बाहुओं और नािभ पे धारण करे ।
o भं भैरवाय नमः॥ आस मंत्र से रुद्राक्ष की माला वा एक रुद्राक्ष या एक से
ज्यादा रुद्राक्ष धारण करे ।
o भं भैरवाय नमः॥ कहकर तीन बार अचमन करे ।
o भं भैरवाय नमः॥ कहकर तीन बार प्राणायाम करे ।
o भं भैरवाय नमः॥ कहकर भैरवपिवत्र वा स्माततपिवत्र वा सोने /चााँदी/ताम्बे
की ऄंगूठी (िबना नग वाली ) धारण करे ।


o तदनन्तर भैरवपूजा का संकल्प करे ।
ॎ िवष्णुर्ववष्णुर्ववष्णु: श्रीमद्भगवतो महापुरुषस्य िवष्णोराज्ञया प्रवततमानस्य
ऄद्य श्रीब्रह्मणोऽिनन िितीयपराद्धे श्रीश्वेतवाराहकल्पे वैवस्वतमन्वन्तरे
ऄष्टािवशिततमे किलयुगे किलप्रथमचरणे जम्बूिीपे भरतखण्ड्डे भारतवषे
अयातवतैंकदेशान्तगतते ऄमुकक्षेत्रे ऄमुकनगरे ऄमुकग्रामे िवक्रमशके बौद्धावतारे
ऄमुकनामसंवत्सरे ऄमुकायने ऄमुकऋतौ महामाङ्गल्यप्रदमासोत्तमे मासे
ऄमुकमासे ऄमुकपक्षे ऄमुकितथौ ऄमुकवासरे ऄमुकनक्षत्रे ऄमुकयोगे ऄमुककरणे
ऄमुकरािशिस्थते चन्द्रे ऄमुकरािशिस्थते सूये ऄमुकरािशिस्थते देवगुरी शेषेषु
ग्रहेषु यथायथारािशस्थानिस्थतेषु सत्सु एवं ग्रहगुणगणातवशेषणिविशष्टायां
शुभपुण्ड्यितथौ ऄमुकगोत्र: ऄमुकशमातऽहम् ऄमुकवमातऽहम्, ऄमुकगुप्तोऽहम्
ममात्मन: श्रुितस्मृिततन्त्रागमपुराणोिफलप्राप्त्यथं
धमातथतकाममोक्षचतुर्ववधपुरुषाथतिसद्यथं श्रीमहाभैरवदेवताप्रीत्यथं यथोपचारै :
अगमोििवधानेनश्रीभैरवपूजनमहं कररष्ये ॥
o िनम्न मन्त्र के िारा श्रीभैरवजी का ध्यान करे "
कपालहस्तं भुजगोपिवतं कृ ष्णच्छवव दण्ड्डधरं ित्रनेत्रम् ।
ऄिचन्त्यमाद्यं मधुपानसिं हृदद स्मरे भैरविमष्टदं तम् ॥"
o िनम्न मन्त्र से श्रीभैरवजी का अवाहन करे । ( ऄगर प्रितमा प्राण
प्रितिित हो तो यहााँ पुष्पांजिल देवे )
ॎ शूलहस्ताय नमः अवाहयािम ॥
o िनम्न मंत्र से पुष्प वा दभत का असान समर्वपत करे ।
ॎ नीलरूपाय नमः असनं समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से श्रीभैरवजी के चरणों पर पाद्य समर्वपत करे ।
ॎ ईध्वतकेशाय नमः पादयो: पाद्यं समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से श्रीभैरवजी के िशरभाग पर ऄर्घयत समर्वपत करे ।
ॎ अपदुद्धारणाय नमः ऄर्घयं समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से श्रीभैरवजी के मुख मे अचमनीय जल समर्वपत करे ।
ॎ िनशीनाथाय नमः अचमनीयं समपतयािम ॥


o िनम्न मन्त्र से श्रीभैरवजी को जलस्नान करावे ।
ॎ नग्नरूपाय नमः स्नानं समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से अचमनीय जल समर्वपत करे ।
ॎ कपालहस्ताय नमः स्नानान्तरं अचमनीयं समपतयािम ॥
o िनम्न मन्त्र से दो रि वस्त्र वा दो रिसूत्र वा ऄक्षत श्रीभैरवजी को
समर्वपत करे । ॎ सपतभूषणाय नमः वस्त्रं समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से गन्ध समर्वपत करे ।
ॎ विनननेत्राय नमः गन्धान् धारयािम ॥
o िनम्न मंत्र से ऄक्षता समर्वपत करे ।
ॎ चंद्राद्धतधाररणे नमः गंधस्योपरर ऄक्षतान् समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से पुष्प समर्वपत करे ।
ॎ शान्ताय नमः पुष्पं समपतयािम ॥
( ऄष्टोत्तरशत वा ऄष्टोत्तरसहस्र नामाचतनं कृ त्वा )
o यहााँ पर समयानुसार ऄष्टोत्तरशतनाम या सहस्रनाम से पूजा करे ।
o िनम्न मंत्र से धुप (घृत+गुग्गुलु) समतिपत करे ।
ॎ भूतनाथाय नमः धूपं अघ्रापयािम ॥
o िनम्न मंत्र से घी ( मिहषघृत,ऄजाघृत ) का ( या ितल,सरसो

,चमेली, िनगुतन्डी ,ऄरं डी या कटु तैल का दीप भी ऄर्वपत दकया जा

सकता है ॥) दीपक समतिपत करे । ॎ भीमाय नमः दीपान्दशतयािम ॥


o िनम्न मंत्र से शुद्ध यथाशििनैवेद्य समर्वपत करे ।
( ईड़द का बड़ा,रोट ,पापड़,सेव, जलेबी, आमारती, पेड़,े ईबलीहुइईड़ददिध के
साथ ,पायस, मोदक ,) ॎ त्रैलोक्यरक्षकाय नमः नैवेद्यं समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से नैवेद्यानन्तर जल समर्वपत करे ।
ॎ ऄनाददभूताय नमः नैवेद्यानन्तरं अचमनीयं समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से ताम्बूल ( पान का बीड़ा ) समर्वपत करे ।
ॎ नीलकं ठस्वरूपाय नमः ताम्बूलं िनवेदयािम ॥


o िनम्न मंत्र से दिक्षणा (िहरण्ड्य/रजत/ताम्र/) समर्वपत करे ।
भं भैरवाय नमः दिक्षणां समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से यथालब्ध ऋतुफल समर्वपत करे ।
भं भैरवाय नमः ऋतुफलं समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से श्रीभैरवजी की अरती करे ।
ॎ कृ ष्णिजनवाय नमः नीराजनं समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से पुष्पांजिल दे ।
भं भैरवाय नमः मन्त्रपुष्पञ्जवल समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से श्रीभैरवजी की प्रदिक्षणा करे ।
भं भैरवाय नमः प्रदिक्षणां समपतयािम ॥
o िनम्न मंत्र से श्रीभैरवजी को नमस्कार करे ।
भं भैरवाय नमः नमस्कारान् समपतयािम ॥
o पूजा की बची हुइ सामग्री को िनमातल्य देवता को समर्वपत करे ।
ॎ चण्ड्डेश्वयै नमः॥
o िनम्नमंत्र से क्षमाप्राथतना करे ॥
भं भैरवाय नमः क्षमस्व क्षमस्व ॥
o ईद्धरणी से जल लेकर भैरव के दािहने हाथ मे पूजाफल का समतपण
करे ॥ ॎतत्सत्भैरवापतणमस्तु ॥

Compiled by-Animesh Nagar ,


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