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उ र

देश मा यिमक िश ा प रषद्, इलाहाबाद


क ा-12 तक शा
पा म तथा पा -पु तक

उ े य एवं ल य-
मा यिमक तर पर छा को तकशा के त व के िश ण का उ े य, उनके म त क क प , यथाथ एवं मब िच तन के लए
तुत करना है। सम प से तकशा म पा म िन नांिकत उ े य क पूित हेत ु िनधा रत िकया गया है-

1. छा को ऐसे मौ लक िनयम एवं स ा त से प रिचत कराना जो िवचार को िनय त करते ह।


2. उनको वै ािनक शोध म यु तािकक ि याओं से प रिचत कराना।
3. छा को िवचार ि या म आये हए दोष को पकड़ने तथा उनसे बचने के यो य बनाना।
4. छा म तािकक ि कोण तथा तकसंगत िवचार और स य के ित स मान उ प करना।

उपयु उ े य एवं ल य क पूित हेतु पा व तु को तुत करते समय अ यापक को िवचाराधीन करण के यावहा रक प पर
िवशेष बल देना तथा दैिनक जीवन से ा त और उदाहरण देना अपेि त है।

तकशा
इसम 50-50 अंक के दो न-प ह गे

थम न-प (पूणाक - 50)

1. तकशा तथा उनका वग करण (10)


2. उि य का तािकक व प, अ तरानुमान क कृित एवं व प, अ तरानुमान के िविभ व प से संबं धत दोष करण,
अ तरानुमान के कार। (10)
3. याय वा य : आकार एवं संयोग। (10)
4. िम याय वा य (10)
5. याय वा य के िनयम के उ ंघन से उ प दोष (10)

ि तीय न-प (पूणाक - 50)

1. ा क पना (08)
2. सा यानुमान (08)
3. यव था एवं िनयम का सं थापन (08)
4. वग करण (08)
5. आगमना मक युि य के िव लेषण एवं आगमना मक प ित का योग, आगमन तक से संबं धत दोष करण (09)

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6. ायोिगक अथवा आगमन क िव धयां (09)

पु तक-
कोई भी पु तक िनधा रत या सं तुत नह क गयी है। िव ालय के धान िवषय अ यापक के परामश से पा म के अनु प
उपयु पु तक का चयन कर ल।

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