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Tally.ERP 9

Kiran Patil

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INDEX

Chapter - 1 ........................................................................................................ 4

Advantages of Accounting :- .......................................................................... 4

Introduction to Accounting ................................................................................. 4

Defination........................................................................................................ 5

Types of Accounts: ........................................................................................ 6

Golden Rules of Accounts ............................................................................. 7

Double Entry System of Book Keeping ......................................................... 7

Introduction: ........................................................................................................ 9

Chapter - 2 ........................................................................................................ 9

Introduction to Tally.ERP 9 ............................................................................... 9

Features of Tally.ERP 9 .............................................................................. 10

 Resizing Screens ............................................................................... 11

 Multiple Selection capabilities .............................................................. 12

 Information panel................................................................................ 12

Tally.ERP 9 Screen Components ................................................................ 13

Chapter - 3 ...................................................................................................... 15

Maintaining Company Data ............................................................................. 15

Modification of Company information ........................................................... 17

Chapter - 4 ...................................................................................................... 19

Creates Ledger and Groups............................................................................ 19

Create Accounts/Ledger :- ........................................................................... 20

Create Multiple Ladgers: .............................................................................. 24

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Create New Group: ...................................................................................... 24

Exercise:1 ..................................................................................................... 26

Voucher: ....................................................................................................... 28

Types of Voucher: ........................................................................................ 28

Chapter - 5 ...................................................................................................... 28

Accounting Voucher ......................................................................................... 28

Vouchar Entry :- ........................................................................................... 34

Exercise – 1: ................................................................................................. 37

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Chapter - 1

Introduction to Accounting

Objective :-
 अकाउ टग या है?
 अकाउ टग के मह व या है?
 अकाउ टग के डे फनेशन
 अकाउ टग के स और ाकार

Accounting :- अकाउ टग यह एक ोसेस है, पहचान करने क , रकॉ डग, सारांश और


आ थक जानकारी क रपो टग क , जो िनमाता के िलए िव तीय यौरा देकर िनणय लेने
के िलए मददत करता है|

Advantages of Accounting :-
िन िलिखत अकाउ टग रखने से लाभ होते है -

1) अकाउ टग से हमे कसी िवशेष समय क अविध म लाभ या हािन ई है यह समझ


सकते ह।

2) हम कारोबार के िन िव ीय ि थित को समझ सकते ह

अ) वसाय म ह कतनी संपि है।

ब) िबजनेस पर कतना ऋण है।

ग) िबजनेस म कतनी कै िपटल है।

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3) इसके अलावा, हम अकाउ टग रखने से िबजनेस के लाभ या हािन के कारण को समझ


सकते ह।

ऊपर दए गय फायद से हम आसानी से यह समझ म आता है क अकाउ टग िबजनेस क


आ मा है।

Defination :-

अकाउ टग सीखते समय हम िनयिमत प से कु छ श द का योग करना पडता है। तो


पहले हम इन श द के अथ समझते है -

1) Goods :- माल को िबजनेस म िनयिमत और मु य प से खरीदा और बेचा जाता ह।


उदाहरण के िलए - एक कराना दुकान म साबुन, तेल आ द गुडस् ह। मुनाफे क खरीद
और माल क िब पर िनभर करता है।

2) Assets :- ऐसे स क मती चीज होती है, जो िबजनेस के िलए आव यक होती है और


िबजनेस क संप ती होती है। उदाहरण के िलए- िब ड ग, वेइ कल, मशीनरी, फन चर।

3) Liabilities :- लाइअिबलटीज़ दुसर ारा िबजनेस को द जाती है है। उदाहरण के िलए


– बक से िलया गया लोन, े िडट पर माल क खरीद।

4) Capital :- कै िपटल याने पूंजी जो िबजनेस के मािलक ारा कया गया िनवेश होता है।
यह कै िपटल कै श, गुडस् या ऐसे स के प म होता है। जब क यह कै िपटल िबजनेस के
मािलक ारा इ वे ट कया गया है, तो िबजनेस के अनुसार यह कै िपटल भी एक
लाइअिबलटीज़ होती है|

5) Debtor:- िजसस िबजनेस को िनि त रािश लेनी होती है उसे डे टर कहा जाता है|

6) Creditor :- िज हे हमारे िबजनेस को िनि त रािश देनी होती है है उ हे े िडटर कहा


जाता है।

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7) Business Transaction :- एक िव ीय घटना है जो िबजनेस से संबंिधत है और


िजसका भाव कं पनी क िव ीय ि थित पर पडता ह। उदाहरण के िलए – माल क
खरीद, वेतन, े िडट पर माल को बेचना।

8) Cash Transaction :- जो ै ज़ै शन नकदी म कए जाते है उ हे कै श ै ज़ै शन कहा


जाता है।

9) Credit Transaction :- जो ै ज़ै शन े िडट पर कए जाते है उ हे े िडट ै ज़ै शन


कहा जाता है।

10) Account:- अकाउ ट कसी ै ज़ै शन का टे म ट होता है, जो कसी ऐसे स,


लाइअिबलटीज़, आमदनी या खच को भािवत करता है|

11) Ledger :- लेजर एक बुक होता है िजसम पसनल , रयल या नॉिमनल के सभी
अकाउ ट होते है िजनक एं ी ,जनल या सहायक पु तीका म होती है|

Types of Accounts:

1) Personal Accounts:- सभी ि , सोसायटी, ट, बक और कं पिनय के खाते


पसनल अकाउ ट ह। उदाहरण के िलए - Rahul A/c, Gayatri Sales A/c, Subodh
Traders A/c, Bank of Maharashtra A/c.

2) Real Accounts:- रयल अकाउ ट म सभी ऐसे स और गुडस् अकाउ ट शािमल है।
जैसे - Cash A/c, Furniture a/c, Building A/c.

3) Nominal Accounts:- िबजनेस से संबंिधत सभी आय और खच नॉिमनल अकाउ ट के


अंतगत आते है। उदा - Salary A/c, Rent A/c, Commission A/c,
Advertisement A/c, Light Bill A/c.

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Golden Rules of Accounts:

ै ज़ै शन करते समय, हम डेिबट या े िडट साइड का फै सला करना होता है। इसके
िन िलिखत िनयम ह –

1) Personal Accounts:-

Debit : The Receiver or Debtor

Credit : The Giver or Creditor

2) Real Accounts:

Debit : What comes in

Credit : What goes out

3) Nominal Accounts:

Debit : All Expenses & Losses

Credit : All Incomes & Gains

Double Entry System of Book Keeping


येक ै ज़ै शन यापर पर दो तरीके से भािवत करता है।

उदाहरण के िलए,

a) गुडस् कै श मे खरीदा – इस ै ज़ै शन म गुडस् िबजनेस मे आ रहा है ले कन उसी समय


िबजनेस से कै श बाहर जा रही है|
b) गुडस् े िडट पर द ता ेडस को बेचा – इस ै ज़ै शन मे गु स िबजनेस से बाहर जा रहा
ह आिण उसी समय द ा ेडस हमारे कारोबार का देनदार हो जाता है|

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डबल एं ी िस टम के अनुसार – ऐसे सभी िबजनेस ै ज़ै शन को अकाउं ट मे रकॉड करते


समय इसके दो पहलू होते है Debit aspect (receiving) और Credit aspect (giving).

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Chapter - 2

Introduction to Tally.ERP 9

Objective :-
 टैली पैकेज का प रचय
 टैली पैकेज क फ चस
 टैली न का प रचय

Introduction:

Tally.ERP 9 दुिनया का सबसे तेज और सबसे शि शाली समवत ब भाषी िबजनेस


अकाउं ट ग और इनव ी मैनेजमट सॉ टवेयर है। Tally.ERP 9 को छोटे और म यम
िबजनेस क ज रत को पूरा करने के िलए िवशे प से िडजाइन कया गया है| यह पूर
तरह से इं ट ेडेट स ती और अ यंत िव वसनीय है| Tally.ERP 9 को खरीदना आसान है,
फा ट इ टॉल होता है और िसखने और उपयोग करने के िलए आसान है| Tally.ERP 9 को
आपके यापर के सभी िबजनेस ऑपरे शन जैसे sales, finance, purchasing,
inventory और manufacturing को वचािलत और एक कृ त करने के िलए बनाया गया
है|

अब Tally.ERP 9 के नए वजन म रमोट ए सेस से कही भी काम कर सकते है| यह audit


और compliance स वस, इं टी ेडेट सपोट और िस यो रटी मैनेजमट दान करता है|

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इसके श तीशाली फ चस और पीड और टैली इआरपी 9 क पावर के साथ बढी ई MIS,


Multi-lingual, Data Synchronization और Remote क मता आपके िबजनेस क
ोसेस को और भी आसान करता है और लागत को भावी ढं ग से कम करता है|

Features of Tally.ERP 9

टैली इआरपी 9 म नए फ चस को शािमल कया गया है –

 Remote Access:

टैली इआरपी9 कह से भी रमोट के दारा डेटा ए सेस करने क मता दान करता है|
इस फचर से युजर रमोट युजर आईडी बनाता है, अिधकृ त करता है और रमोट ए सेस
करने क अनूमती देता है|

 Tally.NET (to be read as Tally.NET)

Tally.NET िडफ़ॉ ट प से अनुकूल माहौल बनाता है, जो इंटरनेट पर आधारीत िविभ न्


सेवा क सुिवधा के िलए पीछे से काम करता है| हर एक टैली इआपी9 इस .नेट क स वस
के िलए इनेबल होता है| टैली.नेट िन निलिखत सेवा / मता को दान करता है -
Tally.NET के फ चस :

• रमोट युजर बनाना और उ हे मटेन रखना


• रमोट ए सेस
• रमोट सटर
• सपोट सटर
• (Tally.NET) के मा यम से डेटा का स ोनाइजेशन
• ोड ट अपडेट और अप ेड

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 Simplified Installation process

टैली इआरपी9 एक नए सुधारीत इ टॉलर के साथ आता है, जो युजर को आव यकता के


अनुसार एक ही न से अलग अलग सेट ग को कॉ फ गर करने क अनूमती देता है|

 Control Centre

कं ोल सटर यह नया फ चर टै ली इआरपी9 म शािमल कया गया है| यह युटीलीटी अलग


अलग जहग पर इ टॉल टैली और युजर के िबच इं टरफे स करती है| कं ोल सटर के मददत से
आप –

• पूविनधा रत िस यो रटी के तर के साथ यजर बना सकते है


• स ली टॅ ली इआरपी9 को मॅनेज और कॉ फ गर कर सकते है
• साइट पर सरडर, क फम या रजे ट कर सकते है
• अकाउं ट से संबंिधत जानकारी को बनाए रख सकते है

 Enhanced Look & Feel

 Resizing Screens

युजर टै ली क न या वडो को अपने िहसाब से रसाइज कर सकते है| यह


रसाइज के मापदंट जैसे ऊंचाई और चौड़ाई tally.ini फाइल म प रभािषत होती है|
इस तरह से न का आकार बदलके युजर िविभ न् कं पिनय के समान रपोट क
तुलना कर सकता है|

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 Multiple Selection capabilities

युजर एक रपोट म कई लाइन को एक साथ िसले ट कर सकता ह और रपोट क


आप य ता के आधार पर इ हे िडलीट या हाइड कर सकता है|

 Information panel

इ फॉमशन पॅनल टॅ ली ने िनचले भाग म होता है| इसमे पांच लॉक होते ह
Product, Version, Edition, Configuration और Calculator|

 Calculator

डाटा सग और रमोट कने टीवीटी के दौरान यह कने न टेटस को दशाता है| यह


कै ल यूलेटर के प म भी काम करता है|

 Enhanced Payroll Compliance

टैली इआरपी 9 अब पेरोल अिधक सरल आिण िबजनेस के सारे अकाउं ट ग फं शन को


अिधक काय म बनाये गए है| इसका एडवांस वैधािनक फ चर और ोसेस को बेहतर, तेज
और सटीक बनाया गया है|

 Excise for Manufacturers

टैली इआरपी9 उ पाद शु ल से संबंिधत यापार क आव य ता के िलए एक पण


समाधान दान करता है|

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Tally.ERP 9 Start-up Screen:

Title Bar Getaway of Horizontal Button Close Button


Tally Bar

Task Bar Release License Configuration Calculator Vertical


Information Information Setup Pane Button Bar

Tally.ERP 9 Screen Components

Title bar: यह टैली इआरपी9 वजन को द शत करता है|

Horizontal button bar: ल वेज क, कबोड ल वेज और टैली इआरपी9 क हे प का


िसले शन|

Close button: टैली क न को िमिनमाइज, र टोर या लोज करना|

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Gateway of Tally: यहाँ मेन,ू न, रपोट और आपके दारा िसले ट कए डेटा को


दखाता है|

Buttons toolbar: टैली के साथ व रत इ टरै शन करने के िलए यहाँ बट स है|

Calculator Area: कै लकु लेशन करने के िलए|

Info Panel: टैली का वजन नंबर, लाइसस िडटे ल और कॉ फ गरे शन िडटे ल|

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Chapter - 3

Maintaining Company Data

Objectives :-
 टैली म कं पनी बनाएँ
 कं पनी को एिडट करना
 कं पनी क जानकारी को एिडट करना

हम एक उदाहरण के िलए एक कं पनी अॅपे स से स और स वस को लेते है| यह कं पनी


कं पयूट र के उपकरण और सॉ टवेयर खरीद करती है और यह सीधे ाकक को बेचती है|
अब नीचे दी गई जानकारी के अनुसार यह कं पनी बनाते है -
Gateway of Tally > Company Info. > Create Company

अब company creation क Windows ओपन होगी, यहाँ िन न जानकारी टाइप कर –

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Directory: कं पनी डाटा जो लोके शन पर टोर होगा, उसका पाथ हम यहाँ दे सकते है|
Name: कं पनी का नाम यहाँ दे|

Company Logo: हम यहाँ कं पनी के लोगो को िडफाइन कर सकते है|

Mailing Name: यहाँ उपर दया कं पनी का नाम अपनेआप आ जाता है| हम अपनी
ज रत के िहसाब से इसमे बदल कर सकते है|

Addess: कं पनी का पता यहाँ टाइप करे |

Statutory Compliance: देश क सूची से भारत को िसले ट कर।

State: रा य क सूची से उिचत रा य को िसले ट कर।

Pin Code: िन द पते का िपन कोड दज कर।

Telephone No.: कं पनी का टेलीफोन नंबर दज कर।

E- Mail: यहाँ दया गया ई-मेल पर टैली डा यूमटस्, रपोट और डाटा को भेजता है|

Currency Symbol: यहाँ िडफ़ॉ ट प से Rs होता ह|

Maintain: कं पनी का नेचर िसले ट कर याने िसफ अकाउं ट या इनव ी के साथ अकाउं ट|

Financial Year From: कं पनी का िव तीय वष जो तारीख से शु होती है वह दज कर|

Books Beginning From: उपर द गयी तारीख यहाँ अपने आप आ जाती है| ले कन हम
कं पनी के अकाउं ट बूक जो तारीख से शु हो रहा है वह तारीख दे सकते है| उदा. के िलए
अगर कं पनी 10 जून को शु ई है तो यहाँ 10 जून तारीख दे|

TallyVault Password: TallyVault यह एक सुधारीत िस यो रटी फ चर है, जो कं पनी


के डेटा क सुर ा के िलए एि टेड फॉम मे होता है और यह पासवड ोटे ट होता है| इस
पासवड के िबना डाटा को ए सेस नही कया जा सकता| अगर यह पासवड भूल गये तो इसे
रकवर नही कया जा सकता|

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Use Security Control: टैली म कई िस यो रटी कं ोल है, जो िविभ न युजर क


अथॉ रटी को िडफाइन करता है| इसम डेटा को ए सेस करना, डेटा भरना, बदल करना या
िडलीट करना आ द क अथॉ रटी दे सकते है|

Base Currency Information: इसम करं सी से संबंधीत िविभ न् जानकारी होती है जैसे
करं सी िस बॉल, करंसी का नाम, डेिसमल लेसेस आदी|

उपर द गयी सभी जानकारी दज करने के बाद नीचे के Y बटन को ेस कर| अब


Geteway of Tally क न इस तरह से दखेगी -

Modification of Company information:

कं पनी बनाने के बाद, आप कं पनी के िववरण मे बदलाव कर सकते ह। इस के िलए Alt + F3


क ेस करे और जो कं पनी को मोिडफाई करना है वह िसले ट कर|

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Shut Company:

य द आपने कोई कं पनी को ओपन कया है और अब आप इसे बंद करना चाहते है तो Alt +
F3 ेस कर और कं पनी को िसले ट कर| इस कं पनी का नाम िल ट से िनकाल दया जाएगां|

Delete Company:

अगर आपको तयार कोई कं पनी को िडलीट करना ह तो पहले उसके सभी एं ीज को िडलीट
करना होगा, फर Alt+D क ेस कर|

इसके अलावा वट कल बटन बार पर िन न बटन होते है -

1) F1: Select Company – अगर आपको एक से अिधक कं पनी ओपन करनी है तो F1


क ेस कर|

2) F1: Shut Company – अगर एक से कं पनी ओपन है और कोई कं पनी बंद करनी है तो
Alt+F1 क ेस कर|

3) F2: Date – यहाँ से आप टै ली क आज क तारीख बदल सकते ह।

4) F2: Period - कं पनी का करं ट िप रयड सेट करने के िलए Alt+F2 क ेस कर|

5) F3: Company – यह िवक प तभी ए टीवेट होता है जब एक से अिधक कं पनी ओपन


हो| कसी कं पनी को िसले ट करने के िलए F3 क दबाएँ।

6) Alt + F3: Company Info - आप Alt + F3 क ेस करगे तो company info मेनू


ओपन हेागा|

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Chapter - 4

Creates Ledger and Groups

Objecitve :-
 लेजर बनाएँ।
 एक से अिधक लेजर बनाएँ।
 लेजर का ूप बनाएँ।

Ledgers/ Accounts:

जनल एं ीज करने से पहले हमे लेजर बनाने होते है| लेजर एक तरह के अकाउं ट होते है,
िजनक मदद से हम वाउचर एं ीज करते है| उदाहरण के िलए Sahayog Traders a/c,
Bank A/c आ द.

Goups:

ुप एक िह तरह के लेजस का सं ह होता है| हम एक ही तरके लेजस का कं पनी पर भाव


देखने के िलए इन ुप को बनाते है| उदाहरण के िलए सभी से स लेजर को Sales
account ुप म लेते है|

Predefined Groups of Accounts :-

Tally.ERP 9 म पहले से ही 28 पूविनधा रत ुप होते है। िजसम से 15 मु य या


ाथिमक ुप और 13 सब- ुप होते ह।

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Create Accounts/Ledger :-
लेजर बनाने के िलए -

Getway of Tally---------Accounts Info. ---Leadger --SingleLedger----


------- Create

लेजर क इस वडो म िनचे के हेडस् ह -

Name: यहां पाट का / लेजर का नाम दज कर।

Alia: अगर आप उपनाम नाम देना चाहते ह तो यहां दे|

Under: यह लेजर िजस ुप के नीचे आता आता है उसको िसले ट करे |

Inventory Values are Affected: अगर आप इनव ी मटेन कर रहे है और इस लेजर के


ै ज़ै शन इनव ी पर असर करगे तो यहाँ Yes दे|

Address: पाट का पता दज कर।

State: िल ट से टेट को िसले ट कर|

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Pin Code: िपन कोड दज कर।

Opening balance: अगर कोइ आप नग बैलस है तो यहाँ दज कर।

यहाँ अकाउं ट ुप और उनके संभव लेजर क िल ट ह –

1 Bank Accounts For Saving & Current Accounts

(Do not take banks


from which we take
loan)

2 Bank OCC(Overdreft Accounts of Bank Overdreft in any


and Cash Credit)

& Bank OD A/c

3 Branch/Division Accounts of any branch or division of


business

4 Capital Account Accounts for Capital

5 Cash-in-Hand For Cash A/c, Petty Cash

6 Current Assets For Assets A/c which are of Short Period


or regurlarly fluctuating value like Bills
Receivable,

7 Current Liabilities liabilities which are of short period likes


Bills Payable.

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8 Deposite Assets For Fixed Deposite in Bank or any Bonds

9 Direct Expenses & Expenses which effets directly on


Expenses ( Direct ) Production or Gross Profit like Factory
Rent, Wages etc.

10 Direct Incomes & Incomes which affets directly on


Production or on Gross Profit
Income (Direct )

11 Duties & Taxes For A/c like VAT, Excise duty, Sales Tax,
Income Tax come under this group.

12 Expenses Indirect & Expenses under administration come


under this group like Advetisement,
Indirect (Expenses )
Salaries etc.

13 Income Indirect & Incomes like Commission received, Rent


received
Indirect (Income )

14 Fixed Assets For the assets which are of long period


come under this group like Machinary,
Building etc.

15 Investment For investment in Shares, Bonds, Long


term Bank Deposite etc.

16 Loans (Liability ) For the long term loan taken form others

17 Misc. Expenses For the Assets which are before start


(Assets) company

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18 Provision For the Provision of Future expenses like


Income Tax, Depreciation

19 Purchase A/c For the accounts of Purchase &


Purchase ruturn

20 Sales A/c For the accounts of Sales & Sales Return

21 Reserves & Surplus / For the accounts of Reserves like


General Reserve
Retained Earning

22 Stock - in - hand For Closing Stock

23 Sundry Creditor From whom purchased goods on Credit

24 Sundry Debtor To whom sold goods on Credit.

25 Suspense A/c For the Accounts whous group we can't


decied

26 Secured Loans For long term and short term loan whic is
taken against security of some assets

27 Unsecured Loans For loans obtained without any security.

लेजर स न म िन िलिखत आ शन उपल ध ह -

Display – यहाँ बनाएं लेजर क िल ट दखती है|

Alter – यहाँ से आप लेजर मे बदल कर सकते है|

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Delete ledger – आप Alter न पर Alt+D क ेस करके कोई भी लेजर िडलीट कर


सकते है|

Create Multiple Ladgers:


अगर आप ज दी से एक ही ुप म कई लेजर बनाना चाहते है तो यह आ शन चुने

Under group: जो ुप के िनचे यह लेजस बनाने है वह ुप िसले ट कर|

Create New Group:

Group: एक ही नेचर के लेजस का कलशन को ुप कहा जाता है|


टैली म पहले से ही कइ ुप बने होते है, ले कन अगर आपको खुद का कोई ुप बनाना है तो
-

Getway of Tally ----Account Info.----- Groups------Single Group-----


Create

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यहाँ िनचे क जानकारी को भरे –

1) Name: ुप का नाम यहाँ एंटर करे |


2) Alias: रे फरं स के िलए अगर आप अलग नाम चाहते है तो यहाँ दे|
3) Under: टैली म पहले से ही िडफाइन ुप मे से काई भी पैरट ुप को िसले ट करे |
4) Group behaves like a Sub-Ledger: अगर आपने यहाँ Yes िसले ट कया तो यह
यह ुप लेजर के िलए कं ोल अकाउं ट क तरह काम करे गा| याने िसफ ुप का बैल स
दखेग ा ना क लेजर के िहसाब से|
5) Nett Debit/Credit Balances for Reporting: अगर आपने यहाँ Yes िसले ट
कया तो Trial Balance म अगल डेिबट और े िडट बैलस क जगह इस ुप क नेट
अमाउं ट दखेगी|
6) Used for calculation: अगर आप इस ुप के अकाउं ट ग करते समय डयु टज और
टै स को लागू करना चाहते ह तो यहाँ Yes िसले ट करे |

Alter Group:

ुप तयार करने के बाद अगर आपको इसमे बदल करना है तो Single and Multiple
Groups से After को िसले ट करे |

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Delete Group:

कसी ुप को िडलीट करने के िलए Alt + D ेस करे | ले कन ुप को िडलीट करने से पहले


इसके सभी लेजस को िडलीट करना होगा|

Exercise:1

अब िनचे दए गये लेजर बनाएं| इसक वाउचर एं ी आप चै टर नं. 5 के ए ससाइज़ 2 मे


देखगे|

Sr. No. Ledger Group

1 Capital A/c Capital Account

2 Vehical A/c Fixed Assets

3 Furniture A/c Fixed Assets

4 Bank of India Bank Account

5 Purchase A/c Purchase A/c

6 Sales A/c Sales A/c

7 Sujit A/c Sundry Debtors

8 Telephone Bill A/c Indirect Expenses

9 Commission Rec. A/c Indirect Income

10 Himanshu Sales Sundry Creditors

11 Purchase Return A/c Purchase A/c

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12 Salary A/c Indirect Income

13 Janta Bank A/c Loans (Liability)

14 Advertisement Exe. A/c Indirect Expenses

15 Office Rent A/c Indirect Expenses

16 Dhiraj A/c Sundry Debtor

17 Sales Return A/c Sales Account

18 Electricity Bill A/c Indirect Expenses

19 Vehical Depreciation A/c Depriciation

Furniture Depreciation
20 Depriciation
A/c

21 Bills Receivable A/c Current Assets

22 Kishor A/c Sundry Creditor

23 Bills Payable A/c Current Liability

24 Mandar A/c Sundry Debtor

25 Sum Microsystem A/c Sundry Debtor

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Chapter - 5

Accounting Voucher

Objectives :-
 वाउचर एं ी के टाइप देखना
 वाउचर एं ी करना

Voucher:

एक वाउचर एक द तवेज होता है, जा कसी िव ीय ै ज़ै शन का िववरण होता है|


मै युअल एं ी म इसे जनल एं ी भी कहते है| वाउचर मे सभी िबजनेस ै ज़ै शन पूण
िववरण के साथ रकाड कया जाता है|

Types of Voucher:

Tally.ERP 9 म पूविनधा रत िन िलिखत वाउचर के कार है|

1) Contra (F4) : यह कारे के वल बक अकाउं ट और कै श ै ज़ै शन के िलए उपयोग होता


है| उदाहरण के िलए आपने बक म कै श जमा कया या बक से कै श िनकाला या फर एक
बक अकाउं ट से दूसरे अकाउं ट मे पैसे ा सफर कये तो इ हे Contra मे लेना चािहएं|
ले कन बक से लोन िलया तो यह इस वाउचर टाइप म नही आएगा|
Eg. 1) Open Bank Account in Bank of India with Rs. 5000

2) Withdrawn from Bank of India Rs. 2000

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2) Payment (F5) : यह कार तब िसले ट कर जब ै ज़ै शन कै श मे हो| उदाहरण जब


cash a/c या कसी बक अकाउं ट से कै श से भुगतान कया हो तो इस टाइप को िसले ट
कर|
E.g. 1) Machinary Purchase for cash Rs. 20000

2) Salary Paid Rs. 3000

3) Receipt (F6) : जब िबजनेस म कोई भी ोत से कै श या चेक आता है तो यह वाउचर


का टाइप िसले ट कर|
E. g. 1) Machinary Sold for cash Rs. 10000

2) Commission Received Rs. 2000

4) Journal (F7) : जब गैर कै श ै ज़ै शन हो या जो उपर दए गए कसी टाइप म फट


नह हो रहा है तो इस टाइप को िसले ट कर| उदाहरण के िलए े िडट पर से स और
पचस, िलए लोन पर याज देना या कु छ अकाउं ट एडज टमट|
E.g. 1) Depreciation to be charged on Machinery Rs. 50000

2) Bills Receivable of Rs. 10000 from Sun Traders.

3) Bills Payable to India co. of Rs. 2500

5) Sales (F8) : सभी कै श और े िडट से स के िलए यह टाइप िसले ट करे |


E.g. 1) Sold Goods on credit to Sun Micorsystem for Rs. 20000

6) Credit Note (Ctrl + F8) : जब हम सेल कया आ माल वापस िमलता है, तो
उसका िडटे ल एक नोट मे होता है िजसे े िडट नोट कहा जाता है| जब से स रटन
ै ज़ै शन हो तब यह वाउचर टाइप िसले ट करे |
e.g. 1) Goods Return by Sagar Traders of Rs. 2500

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नोट – डेिबट/ े िडट नोट को एि टव करने के िलए वाउचर एं ी न पर F11 क


ेस कर| फर Use Debit/Credit Notes के आगे Yes दे| इसके अलावा Reverse
Journal और Memo को एि टव करने के िलए Use Rev. Journal & Optional
vouchers के आगे Yes दे| आिखर म सेव करने के िलए Ctrl + A ेस करे |

7) Purchase (F9) :- सभी पचस (कै श और े िडट म) को Purchase Voucher टाइप


म एंटर करे |

E.g. Puchase Machinery from Sun Traders for Rs. 40,000/-.

8) Debit Note (Ctrl + F9) :- जब हम खरीदा आ माल वापर करते ह, तो उस माल


का िववरण एक नोट म होता है| इसे डेिबट नोट कहा जाता है। जब पचस रटन
ै ज़ै शन हो तब यह वाउचर टाइप िसले ट करे |

e.g. 1) Goods return to Sumit Traders of Rs. 3000

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9) Reversing Journal (F10) :- इस एं ी का भाव िसधे अकाउं ट पर नही होता| कई


बार कु छ ै ज़ै शन के असर को योगा मक के िलए देखना होता है, तब इस वाउचर
टाइप को िसले ट करे |
इस टाइप म कये जाने वाले एं ीज का असर िवशेष िपरीएड के िलए िह हेाता है और
हम उस िपरीएड पर ही इसका भाव देख सकते ह| इस िपरीएड के बाद इस वाउचर
टाइप के सभी एं ीज रवस हो जाती है|
नोट: यह वाउचर टाइप एि टव करने के िलए वाउचर एं ी न पर F11 ेस कर और
Use Reversing Journals & Optional Vouchers option म Yes दे|

10) Memo (F10) :- मेमो वाउचर एक नॉन अकाउं ट ग वाउचर है और इसमे कए गए


सभी एं ीज अकाउं ट पर असर नही करते| यह एं ीज एक अलग मेमोरी रिज टर म टोर
होती है| आप इन मेमोरी वाउचर को रे युलर वाउचर म कनवट कर सकते है| जब आप
भिव य म होने वाले खच के िलए ावधान करना चाहते है, ले कन भूलने संभावना
होती है, तो यह वाउचर टाइप िसले ट कर|
उदाहरण के िलए जब आपने कसी ए पलाइ को कु छ आइटम खरीदने के िलए कै श देते
है, िजसक सही कमत आपको मालूम नही है| तो बजाय दो एं ीज करने के , िजसम से
एक petty cash advance और दुसरी बची नकदी क वापसी , आप इस एं ी को
मेमोरी मे कर और बाद म इसे वा तव म खच अमाउं ट क ही एं ी पेमट वाउचर म कर|

11) Post Dated :- इस टाइप का भिव य क एं ीज के िलए ही उपयोग हेाता है| ले कन


मेमोरी वाउचर के िवपरीत, यह एं ीज अपने आप दी गई तारीख पर रे युलर एं ीज म
कनवट हो जाती है| रे युलर होने वाले ै ज़ै शन के िलए यह वाउचर टाइप उपयोगी है|
उदा. अगर आप हर महीने क 10 तारीख पर कराया भुगतान करते है, तो आप post
dated voucher टाइप म यह सभी एं ीज को कर और फर हर मिहने क 10 तारीख
को यह एं ीज ऑटोमे टक रे गुलर एं ी मे क वट ह गे|
Ctrl+T ेस करके आप Post Dated Voucher टाइप को िसले ट कर सकते है|

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12)Optional :- ऑ शनल वाउचर कसी भी वाउचर का कार नह है| सभी वाउचर


(non-accounting vouchers को छोड के ) को वाउचर एं ी करते समय ऑ शनल
माक कर सकते है|

ऑ शनल वाउचर एक नॉन अकाउं ट ग वाउचर है, यानी इसम कए गए सभी वाउचर
एं ीज का असर अकाउं ट बुक पर नही होगा| टैली इआरपी9 इन एं ीज को लेजर मे
पो ट नही करता ले कन इसको अलग ऑ शनल रिज टर म टोर करके रखता है| आप
इनमे बदल कर सकते है और जब चाहे तब इन ऑ शनल वाउचर को रे गुलर वाउचर म
क वट कर सकते है|

उदाहरण के िलए आप 50,000 / - क मशीनरी के िलए अगले मिहने म खच करना


चाहते है, ले कन इस वाउचर के साथ आज ही रपोट देखना चाहते है| तो आप यह एं ी
करते समय आप इसे ऑ शनल माक कर सकते है| फर जब आप इस ऑ शनल वाउचर
के साथ रपोट देखगे तो इसका इफे ट आप दख सकते है|

Creating a New Voucher Type

हम उपरो वाउचर टाइप के अलावा इ य नया वाउचर टाइप बना सकते ह| मान लीिजए
हम बक और पीटी कै श को अलग रकॉड करना चाहते है और इसके िलए पहले से िडफाइन
पेमट वाउचर क जगह दो वाउचर टाइप चाहते है| यह करने के िलए हमे Bank
Payment voucher टाइप बनाना होगा|
एक नया वाउचर टाइप बनाने के िलए -
Go to the Gateway of Tally - Accounts Info. - Voucher Types - Create.

अब हमे िन म जानकारी को भरना है –

1. Name: Bank Payment

2. Type of Voucher: Payment (िडफ़ॉ ट Tally.ERP 9 वाउचर को पेसीफाइ करे ,


िजसका काय नए वाउचर को कॉपी चािहए)

3. Abbr.: Bank Pymt (संि प)

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4. Method of Voucher Numbering: यहाँ आप Automatic, Manual or None मे


से कसी एक चून सकते है|

5. Use Advance Configuration: No

6. Use EFFECTIVE Dates for Vouchers: No

7. Make ‘Optional’ as default: No (Yes दया तो यह इस वाउचर टाइप को


िडफ़ॉ ट प से ऑ शनल वाउचर बना देगा)

8. Use Common Narration: Yes

9. Narrations for each entry: No

10. Print after saving Voucher: No

11. Name of Class: Skip.

आिखर मे सेव करने के िलए Y या Enter ेस करे |

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Vouchar Entry :-

1) In Double Entry Mode :- इस टाइप म डेिबट कौर े िडट का िववरण अलग कॉलम
मे होता है|
नीचे double Entry Mode वाउचर एं ी न का उदाहरण है:

ऊपर क न म िन िलिखत कं पोनंट है -


a) Date :- वाउचर एं ी न के ऊपर बा ओर, एक डेट का ऑ शन होता है| वाउचर
एं ी करते समय िपछले वाउचर क डेट यहां िडफ़ॉ ट प से आ जाती है| इसम बदल
करने के िलए F2 क ेस करे |

b) Type of Voucher :- न के उपर िसले ट कया वाउचर का टाइप दखता है|

c) Ref. :- यह ऑ शन िसफ पचस और से स टाइप मे दखता है| यहाँ आप िबल नंबर को


रे फरं स नंबर के प म दे सकते ह|

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d) Dr/Cr :- यहाँ डेिबट लेजर डेिबट साइड म और े िडट लेजर े िडट साइड म िसले ट
करे | अगर आपको यहाँ Dr/Cr क जगह To/By दख रहा है तो F12 क ेस कर और
Use Cr/Dr instead of To/By during entry के सामने Yes दे और फर सेव करने
के िलए Ctrl + A ेस कर|

e) Debit/Credit Amount :- यहाँ अमाउं ट दे।

f) Narration :- यहाँ इस वाउचर एं ी के बारे म िव तार से िववरण होता है।

2) In Single Entry Mode :- यह िसफ Payment, Receipt और Contra voucher


टाइप के िलए है| यहाँ हमे वाउचर एं ी के समय डेिबट या े िडट को पेिसफाइ करने क
ज रत नही है| यह एक से अिधक डेिबट या े िडट िसले ट करने मे मदद करता है|

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Note: Single Entry Mode को एि टवेट करने के िलए Configure button को ि लक


कर, फर F12 क ेस कर| बाद म Use Single Entry mode for
Pymt./Rcpt./Contra के सामने Yes िसले ट कर| आिखर म Ctrl+A क ेस करके सेव
करे |

3) Show Ledger Current Balances :-

उपर दए गए वाउचर एं ी के दौरान अगर आपको लेजर बैलस देखना है, तो F12 क ेस
कर| Show Ledger Current Balance के आगे Yes दे और फर बाद म Ctrl+A क
ेस करके सेव करे |

4) Warn of Negative Cash Balance :-


अगर आप चाहते है क , टैली ने आपको िनगे टव कै श क वा नग देना चािहएं, तो
Configure बटन पर ि लक कर| F12 क ेस कर और Warn on Negative cash
balance के सामने Yes द| आिखर म Ctrl+A क ेस करके सेव करे |

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Exercise – 1:

Sr. Date Voucher Perticular Debit Credit Narration


No. Type

1 01- F6 Dr. Cash A/c 1,00,000


04- Receipts Cr. Capital A/c 1,00,000
2014

2 01- F7 Dr. Vehicle A/c 50,000


04- Journal Cr. Capital A/c 50,000
2014

3 01- F7 Dr. Furniture A/c 30,000


04- Journal Cr. Capital A/c 30,000
2014

4 10- F4 Dr. Bank of India 5000


04- Contra Cr. Cash Ac 5000
2014

5 21- F9 Dr. Purchase A/c 70000


04- Purchase Cr. Cash A/c 70000
2014

6 26- F8 Dr. Cash A/c 35000


04- Sales Cr. Sales A/c 35000
2014

7 03- F8 Dr. Sujit A/c 10000

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05- Sales Cr. Sales A/c 10000


2014

8 12- F8 Dr. Bank of India 8000 Ch. No.


05- Sales Cr. Sales A/c 8000 303131
2014

9 18- F5 Dr. Telephone Bill 1000 Ch. No.


05- Payment Cr. Bank of India 1000 303133
2014

10 21- F6 Dr. Cash A/c 2500


05- Receipt Cr. Commission A/c 2500
2014

11 2- F9 Dr. Purchase A/c 10000


06- Purchase Dr. Himanshu Sales 10000
2014

12 15- Ctrl + F9 Dr. Sun Mirosystem A/c 2000


06- Debit Cr. Purchase Return 2000
2014 Note A/c

13 17- F5 Dr. Salary A/c 2000


06- Payment Cr. Cash A/c 2000
2014

14 20- F6 Dr. Cash A/c 20000


06- Receipt Cr. Janta Bank A/c 20000
2014

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15 22- F5 Dr. Advertisement A/c 5000


06- Payment Cr. Cash A/c 5000
2014

16 06- F5 Dr. Office Rent A/c 2000 Ch. No.


07- Payment Cr. Bank of India 2000 303132
2014

17 11- F8 Dr. Dhiraj A/c 6000


07- Sales Cr. Sales A/c 6000
2014

18 13- Ctrl +F8 Dr. Sales Return A/c 1000


07- Credit Cr. Dhiraj A/c 1000
2014 Note

19 18- F5 Dr. Electricity Bill A/c 3000


07- Payment Cr. Cash A/c 3000
2014

20 23- F4 Dr. Cash A/c 2000


07- Contra Cr. Bank of India 2000
2014

21 25- F7 Dr. Vehical Depriciation 1000


07- Journal A/c 1000
2014 Cr. Vehical A/c

22 25- F7 Dr.FurnitureDepriciation 3000


07- Journal A/c 3000

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2005 Cr. Furniture A/c

23 10- F5 Dr. Janta Bank A/c 2600 Being


08- Payment Cr. Cash A/c 2600 Inst.Paid
2014

24 12- F7 Dr. Bills Receivable A/c 2200


08- Journal Cr. Kishor A/c 2200
2007

25 20- F7 Dr. Mandar A/c 2000


08- Journal Cr. Bills Payable 2000
2014

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