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ा भषे

क वधान –
Santosh Kumar Gupta

ा भषे
क वधान –

ा भषे
क (१) -
ावण माह म जीवन क क ठनाइय (शमशान) के
म य भगवान का अ भषे
क अथात आनं
द ही आनं
द....
अ भषेक केव भ कार म गृ ह थ केलए कम म अ धक लाभ दे नेवालेअखं ड धारा भषे
क का मह व उ ले
खनीय ह।
इसकेलए पीतल क ृ ं
गी का योग करना उ चत ह एक बड़ी ृ

गी को एक बार भर दे
ने से
वो करीब 3 मनट तक धारा
वाह करता रहता ह।
वभ से
अ भषे
क के
मह व आप पु
तक म पढ़ सकते
ह परं
तु
वो आराधना ही या जो मौ लकता को मा णत
नह कर दे
इसी म म मा शु जल से
कभी अ भषे
क करके
उसक समी ा पछले
कम से
अव य कर कु
छ नवीन अ त नवीन
चे
तना मले
गी...
औघड़ दानी को "दे
ने
केभाव" पर खू
ब हं
सी आएगा...
अने
को बार जब मू
ढ यजमान अ भषेक साधना स प करके कमर सीधा करता आ उठता है
तो उसको ऐसा भाव आता
है
मानो अनेक वष क तप अभी ही पू
ण करकेहला हो...
ा ा यायी के
शु उ चारण के
साथ ा भषे
क करने
म कम से
कम 3 लोग क आव यकता होती ही ह।
अ भषे
क केलए बहोत कम मा ा म ध के
साथ काफ अ धक मा ा म जल मलाकर सू
ती कपड़े
सेछानकर के
उस से
अ भषे
क करना चा हए।
ा भषे
क सेहमारे
कु
ंडली केसभी पाप ह क शां
त वषपयत केलए वतः स प हो जाता ह। जतने
भी कार के
य ग आ द है
वो वतः शां
त होते
ह।
यू

तो तांक ा भषेक केजल म अने
क औष धय केरस को भी मलाते हैअपने मं
त को शी स केलए परं
तु
यह वषय गुग य और गु
त है
लेकन भू
ल से
भी उसम "गोरोचन" का योग करना घातक स होता ह।
ा ा यायी का पाठ अ य त क ठन और अ यास क वषय व तु
हैशव जी केयो त लग पीठो म परं
परा सेकुछ
व पीढ़ दर पीढ़ चले आ रहे ह ले
कन बाक यादातर थान केबाबा पढ़ना लखना जानते
नह के वल बे
वकू
फ बनाते

1
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta
जै
सेक मने सू ोक 3 का उदाहरण दया था । जो लखा है
वो सं
के
ता मक है
शु उ चारण का मा इस लए
ब त अ धक ु
ट होता ह।
सू ोक 3 –
मू
ल-
या मषु रश त ह तेबभ य तवे
। शवा र ताङ्
कु मा ह गू
म सी: पुष गत्
 
॥३॥
शु पाठ -
जा मखु रश त ह तेबभ य तवे
। शवा र ताङ्
कु मा ह गू
म सीही पुख गत ॥ ३ ॥
अतः मने ोक 3 क ही भांत पू
रा पा (DECODED) ा ा यायी का ले
खन आर भ कया जो क अभी ग तशील
है
। जसको थोड़ा कम संकृत का जानकार भी शु शु पढ़ सकता ह।
ले
कन जो लोग थोड़ा भी सं
कृत नह जानते
ह उनकेलए अ भषे
क का सरल और सु
सा य म लखू

ंा...

ा भषे
क (2) -
वधान अ ल खत है
। ज ह सं
कृत पढने
म सम या हो वो सभी नीले
कलर म लखे ोक को ॐ नमः शवाय से
र ले
स कर द ।

परं
तु
यथा सं
भव य द पाठ कर सके
तो बहोत उ म होगा ।

काले
कलर म लखे ोक मंआ द पढ़ना ही पढ़ना है
। न वक प ह।

नाग पं
चमी/महा शवरा / ावण क माष शवरा / पूरेावण माह /पुषो म माह म कभी भी अ भषे
क कया जा
सकता ह। फर भी नागपं
चमी और महा शवरा का मह व बहोत अ धक ह।

जय गुदे
व।ε
हर हर महादे
व।

2
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta

*** ॥ व तवाचन ॥ ***


न न मंका पाठ करतेए पू
जन थल पर शुभ श य को स मान और दै य ख दा र य को
थान करनेहे
तुएक ोक वा तवाचन कर ।
॥ ॐ व त न ो वृ वा:, व त न: पू ष ा व वे
दा: ।
व त न ता य अ र ने
म:, व त नो बृ
ह प तदधातु॥

*** ॥ प व ीकरण ॥ ***


वयं केऊपर जल छड़क -
ॐ अप व : प व ो वा सवाव थां
गतोS पवा ।
य: मरेत पु

डरीका ं स: वा यंतर: शु
च॥
ॐ पु

डरीका : पु
नातु॥ पु

डरीका : पुनातु
॥ पु

डरीका : पु
नातु

*** ॥ आचमन ॥ ***


आचमन कर -
ॐ भू: आ म त वाय वाहा । ॐ भुव: व ात वाय वाहा ।
ॐ व: शव त वाय वाहा । ॐ भूभुव: व: सव त वाय वाहा ।

*** ॥ संक प ॥ ***


हाथ म अ त, पु प द णा द ले कर सं
क प कर -
ॐ व णवे नम: ॐ व णवे नम: ॐ व णवे नम: । ॐ अ णोअ ह तीयपराध ी े त
वाराह क पेवै
व वत मं
वंतरे
, अ ा वश ततमे क लयुगेक ल थमचरणे , बौ ावतारे
भू
ल के

3
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta
ज बूपे भरतख डे भारतवष, काशी ेे - - - - - - - नगरे
, वरोधीकृ त स व सरे
, मासो मे मासे
ावण मासे, शुल प े , पु
यायां
प चमी तथौ, - - - - वासरे , ना प चमी महापव , - - - - - - - -
गो ो प : - - - - - - - नाम गु
ता/शमा/वमा अहं , ु त मृ त पुराणो , फलावा तकामनया,
ाता ात का यक वा चक मान सक सकल पाप नवृ पू वकं , सकल आ थक भौ तक
आ या मक उ त ा यथ ी सदा शव ी यथ ी शव सश , सपुान्, सगणान् पू जनं
च ा भषे कं क र ये ।

*** ॥ गणप त मरण ॥ ***


सु
मख
ु ेकदंत क पलो गजकणक: । ल बोदर वकटो व ननाशो वनायक: ॥
धुके
तुगणा य ो भालचंो गजानन: । ादशैता न नामा न य: पठेछृ
णु
य ाद प ॥
व ार भेववाहेच वेशे नगमेतथा । संामेसंकटेचैव व न त य न जायते ॥
व तु ड महाकाय सू
यको ट सम भ: । न व नं कुमे देव सव कायषुसवदा ॥

ॐ स बु स हताय ीमन् महागणा धपतये नम: ।


ॐ ल मी नारायणा यां नम: । ॐ उमा महेरा यां नम: ।
ॐ वाणी हर यगभा यां नम: । ॐ श च पु
रं
दरा यांनम: ।
ॐ इ देवता यो नम: । ॐ कुल दे
वता यो नम: ।
ॐ थान देवता यो नम: । ॐ वा तुदे
वता यो नम: ।
ॐ ाम देवता यो नम: । ॐ मातृपतृचरणकमले यो नम: ।
ॐ सव यो देवेयो नम: । ॐ सव यो देवेश यो नम: ।
ॐ सव यो आ द ये यो नम: । ॐ सव यो तथ यो नम: ।
ॐ सव यो ा णे यो नम: । ॐ एत कम धान दे वताय नम: ।

*** ॥ ी गु मरण् ॥ ***


गु ा गुव णु गुदे
वो महेर: । गुसा ात परं त मैीगुवे नम: ॥ 1 ॥
अख डम डलाकारं ा तं येन चराचरम्। तत्
-पदंद षतंये
न त मैीगुवे नम: ॥ 2 ॥
अ ान त मरां
ध य ानां
जन शलाकया । च ुमी लतं ये
न त मैीगुवे नम: ॥ 3 ॥
ॐ नम: शवाय गु
रवेस चदानं दमू
तये । न पंचाय शां
ताय नराल बाय ते
जसे ॥
ॐ गु
ंगुयो नम: ।
ॐ परम गुयो नम: । ॐ परा पर गुयो नम: । ॐ पारमे गुवे नम: ।
ॐ द ौघ गु ंनमा म । ॐ स ौघ गु ं
नमा म । ॐ मानवौघ गुंनमामी ।

*** ॥ नव ह पूजन ॥ ***


ॐ ा मु
रा र पु रां
तकारी भानु
: शशी भूमसु
तो बु
ध ।
गु शु: श न रा के तव: सव हा: शां तकरा भवं
तु॥

 अब शव प रवार केव भ सद य का पू जन करना है



 उन सभी केमंो चारण करतेए शव लग पर गं
ध अ त अ पत कर
 जनके भी मंपढने म सम या हो उसकेलए अ यास कर
 अ यथा मा ओम नमह शवाय के जप से
उस केनाम सेअ त चं
दन शव लग पर
अपण कर ।

4
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta
गौरी पू
जन -
ॐ नमो देै
महादेै शवायै सततं नम: । नम: कृयै
भ ायै
नयता: णता: मताम् ॥
ॐ अ बे
अ बके अ बा लकेन मा नय त क न । सस य क: सुभ कांका पील वा सनीम् ॥
हे
मा तनयांदे
व वरदां
शंकर याम् । ल बोदर य जनन गौरीमावाहया यहम् ॥

नं
द र पूजन -
ॐ आयं गौ: पृर मीद सदन् मातरं पु
र: । पतरं च य व: ॥
ॐ ै
तु
वाजी क न द ा नद ासभ: प वा । भर नं पु
री यंमा पा ायु
ष: पु
रा ॥

वीरभ पूजन -
ॐभ ं
कण भ: ृणुय ाम दे
वा भ ं
प येमा भयज ा: । थरै र ै तुुवा गू

स तनू
भ शे
मह
देव हतं
यदायु
:॥
ॐ भ ो नो अ नरा तो भ ा रा त: सु
भग भ ो अ वर: । भ ा उत श तय: ॥

का तकेय पूजन -
ॐ यद ं
द: थमं जायमान उ समुा त वा पु रीषात् । ये न य प ा ह रण य बा उप तुयं
म ह जातंतेअवन् ॥
ॐ य बाणा: स पतंत कु
मारा व शखा इव । त इंो बृ ह प तर द त: शम य छतुव ाहा शम
य छतु ॥

कु
बेर पू
जन -
ॐ कु
वद यवमं
तो यवंच था दा यनुपू
व वयूय । इहे
हष
ैां
कृणु
ह भोजना न ये
ब हषो नम उ
यजं त॥
ॐ वय गू
ंसोम ते तव मन तनूषुब त: । जावंत: सचे
मह॥

सप पूजन -
जलहरी म सप का आकार हो तो सप का पू
जन कर प ात शव पू
जन कर ।
ॐ नमो तु
सप यो येके
च पृ थवीमनु। ये
अं तर ेयेद व ते
य: सप यो नम: ॥
अनं
ता ान् महा कायान् नाना म ण वरा जतान् । आवाहया यहम् सपान् फणा
स तक म डतान् ॥

गं
गा पू
जन -
उ फुलामल पु
डरीक चरा कृणे
श व या मका, कुभो ा भय तोयजा वदधती

ता बरालंकृता ।
ा या श श शे
खरा खल नद शोणा द भ: सेवता, येय ा पाप वना शनी मकरगा भागीरथी साधकै
:

ॐ इमं म गं
गेुधी हवम ा च मृ
डय वामव यु राचके । अध य करे देव चंचूड़ ये नघे।
नज प समासा ाग छ मम् स धो भव ॥

चंपूजन -
द ध शं
ख तु
ष ाराभंीरो दाणव स भवम् । यो ना प त नशा नाथं
सोममावाहया यहम् ॥

5
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta
क तमुख पूजन -
ॐ असवेवाहा वसवेवाहा वभु वेवाहा वव वतेवाहा गण येवाहा गणपतयेवाहा
अ भभु
वेवाहा अ धपतयेवाहा शूष ाय वाहा स गू

सपाय वाहा चंाय वाहा यो तषेवाहा
म ल लु चाय वाहा दवा पतयतेवाहा ॥
ॐ ओज मे सह म आ मा च मे तनूमे शम च मे वम च मे
अङा न च मे
अ थी न च मे
प गू ं
ष च मे
शरीरा ण च म आयुमे जरा च मेय े
न क प ताम् ।

यान एवंभगवान केपंचव का थापना –


 गं
धा त चढाएं

याये
न यं
महे
शंरजत ग र नभं चा चंा वतंसं। र ना क पो वला ं परशुमृ
ग वराभी त ह तं
स म् ॥
प ासीनं समं
तात्तुत ममरगणै ा कृ वसानं ।
व वा ं व वंं न खल भय हरं प च व ं नें ॥

 ये
कव था केलए शव लग पर एक एक व व प अभाव म गं
धा त चढाएं

स ोजात थापन -
प मं
पू
ण चंाभं
जगत्
सृ करो वलम् । स ोजातं
यजे
त सौ यं
मं
द मत मनोहरम्

वामदे
व थापन -
उ रंव म यं
व थ त करंवभु
म्। स वलासं नयनं
वामदे
वंपू
जये
त्

अघोर थापन -
द णं
नील जीमू
त भं
सं
हार कारकम्
। वक ूकुटलं
घोरम घोरा यं
तमचये
त्

त पुष थापन -
यजे
त पू
व मु
खंसौ यं
बालाक स श भम् । तरोधान कृयपरं ं
त पुषा भधम्

ईशान थापन -
ईशानंफ टक यं
सव भू
तानु
कंपतम् । अतीव सौ यम कार - पं
ऊ वमु
खंयजे
त्

ॐ उमा महेरा यांनम: यानंसमपया म ।

आवाहन -
 अ त छड़क द ।
ॐ नम ते म यच उतो त इखवे नम: । बा यामुत तेनम: ॥
ए ेह गौरीश पनाक पाणे शशांक मौले वृ
षभा ध ढ़ ।
दे
वा ध दे
वेश महेश न यंगृ
हाण पू
जां भगवन्नम ते ॥
आवा ा म दे
वे
शमा द म या त व जतम्। आधारंसव लोकानामा ताथ दा यनम्

ॐ उमा महेरा यां नम: आवाहनं समपया म ।

आसन -
 कमल ( या गु
लाब या व वप )पु
प चढ़ाय ।

6
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta
ॐ या ते शवा तनूरघोरा Sपापका शनी । तया न त वा श तमया ग रश ता भ
चाकशी ह ॥
व ा मनेनम तु
यंचद बर नवा सने । र न सहासनंचा ददा म क णा नधे ॥
ॐ उमा महेरा यांनम: आसनाथ पु पंसमपया म ।

यथा उपल ध साम ीय से


पू
रेशव प रवार का पू
जन पं
चा र मंसे
कर ।

अ भषे
क–

 अब भगवान का अ भषेक सवा दो घं


टेतक कर ।
 सव ेपू ण शु नयम यु ा ा यायी का पाठ होता है अ भषेक केलए ।
 ज हेइसका ान नह हो वे सू के अनवरत पाठ ारा भी अ भषे
क कर सकतेह

 जो ये
भी नह कर पाएंवो मा एक बार सू का पाठ करके आगेकेसारे
समय
अ भषे
क काल म य बक मंअथवा प चा र मंया गु द अ य कसी भी शव
मंका जप करतेए अ भषे क कर ।
 ॐ य बकं यजामहेसु
गंधम् पु वधनम् ।
उवा क मव बंधनान् मृ योमुीय मामृ
तात् ॥
 ॐ नमः शवाय

सू –

ॐ भूॐ भु वाहा ॐ वाहा ह र ह ॐ नम ते म यव


उतो त इखवे नमह । बा यामुत ते नमह ॥
जा ते शवा तनू रघोरा पापका शनी । तया न त वा श तमया ग रश ता भ चाकशी ह ॥
जा मखु रश त ह तेबभ य तवे । शवा र ताङ् कु मा ह गु म सीही पुख गत ॥
शवेन वचसा वा ग रशा छा वदाम स । जथा नह सव म जगद य म गु म सु
मना असत ॥
अ य वोचद धव ा थमो दैो भखक् ।
अह सवा भय सवा जातु धा यो धराचीही परा सु व॥
असौ ज ता ो अ ण उत ब ुसु मगंलह ।
जेचैन गुम ा अ भतो द ु ताहा सह शो वै खा गुम हे ड ईमहे॥
असौ जोवसप त नील ीवो वलो हतह । उतै नम् गोपा अ ुदहाजह स ो मृ डया त नह

नमो तु नील ीवाय सह ा ाय मीढु खे । अथो जेअ य स वानो ह ते योकरम् नमह ॥
मुच ध वन व मु भयो रा य याम । जा ते ह त इखवह पराता भगवोवप ॥
व य धनुकप दनो वश यो बाण-वां -२म् उत । अने श य जा इखव आभु र य नखं गधह

जा तेहे
तीम ढुम ह ते बभूव तेधनु। तया मान् व त वम य या प रभु जह ॥
प र तेध वनो हे तर मा वृण ुव तह । अथो ज इखु ध तवारे अ म धे हतम ॥
अवत य धनु ्
व गुम सह ा शते खध ुे। नशीज श यानाम् मु खा शवो नह सु मना भव ॥
नम त आयु धा याना तताय धृ णवे । उभा यामु
त ते नमो बा याम् तव ध वने ॥
मा नो महा तमुत मा नो अभकम् मा न उ त मु त मा न उ तम ।

7
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta
मा नो वधीही पतरम् मोत मातरम् मा नह या त वो री रखह ॥
मा न तोकेतनयेमा न आयु ख मा नो गोखुमा नो अ े
खु री रखह ।
मा नो वीरान् भा मनो वधीह व म तह सद मत् वा हवामहे ॥
ॐ उमामहेरा यांनम: अ भषे कंसमपया म ।

शां
या भषे
क-
ॐ ौहौ शा तर त र गूं
शां
त ह पृथवी शा तरापह शां
तरोखधयह शांत ह । वन पतयह
शां
तव े दे
वाहा शां
त ा शांत ह सव गूं
शांत ह शां
तरे
व शां
त ह सा मा शां
तरे
ध।

अब भगवान को व , उपव , गं
ध , सु
गं
ध , अ त , एवं
पुप अ पत कर ।

भ म-
अ नहो समुत
ूंवरजाहोमपा वतम्। गृ
हाण भ म हेवा मन्भ ानां
भूतदायक ॥
ॐ उमा महेरा यां नम: भ म समपया म ।
भ म अ पत कर ।

व वप –
यथासंया उपल ध व वप शव जी को चढाएं ।
ॐ नमो ब मने च कव चने च नमो व मणे च व थने च।
नम: ुताय च ुतसेनाय च नमो याय चाहन याय च ।
दलं गु
णाकारं नेंच धायु धम् । ज मपाप सं हारंमे
क ब वं शवापणम्

दशनं
ब वप य पशनं पापनाशनम् । अघोर पाप संहारं
मेक ब वं शवापणम्॥

अंगपूजा -
ये
क बार गं
धा तपु प से शव जी केव भ स बं धत अंग को पूजत कर ।
ॐ भवाय नम: पादौ पूजया म । ॐ जग प े नम: जं
घेपूजया म ।
ॐ मृ डाय नम: जानु
न पूजया म । ॐ ाय नम: ऊ पू जया म ।
ॐ काला तकाय नम: क ट पूजया म । ॐ नाग ाभरणाय नम: ना भ पू
जया म ।
ॐ त ाय नम: तनौ पू जया म । ॐ भवनाशनाय नम: भुजान् पू
जया म ।
ॐ कालकं ठाय नम: कंठंपू
जया म । ॐ महे
शाय नम: मु
खं पूजया म ।
ॐ ला य याय नम: ललाटं पू
जया म । ॐ शवाय नम: शर: पू जया म ।
ॐ णता तहराय नम: सवा य ा न पूजया म ।

अ मू त पू
जा -
ये
क बार मंजप कर गं
धा त, पुप, ब वप अ पत कर ।
ॐ शवाय तमूये नम: । ॐ भवाय जलमूये नम: ।
ॐ ाय अ नमूये नम: । ॐ उ ाय वायु
मूयेनम: ।
ॐ भीमाय आकाशमूये नम: । ॐ ईशानाय सू
यमूयेनम: ।
ॐ महादे
वाय सोममूये
नम: । ॐ पशुपतयेयजमानमूये नम: ।

प रवार पू
जन -

8
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta
भगवती पू जन -
ये
क बार मंजप कर शव लग पर गं धा त, पुप, अ पत कर ।
ॐ उमायैनम: । ॐ शंकर यायै नम: । ॐ पाव यैनम: ।
ॐ गौय नम: । ॐ का यै नम: । ॐ का ल ै नम: ।
ॐ को टदेै नम: । ॐ व धा र यै नम: । ॐ गं
गा देै नम: ।
नवश न् पू
जया म, सव पचाराथ गंधा तपु पा ण समपया म ।

गण पूजन -
ये
क बार मंजप कर शव लग पर गं धा त, पुप, अ पत कर ।
ॐ गणपतये नम: । ॐ का तकेयाय नम: । ॐ पुपदंताय नम: ।
ॐ कप दने नम: । ॐ भैरवाय नम: । ॐ शूलपाणये नम: ।
ॐ च डेशाय नम: । ॐ द डपाणये नम: । ॐ नं
द राय नम: ।
ॐ महाकालाय नम: । ॐ वीरभ ाय नम: ।
सवान् गणा धपान् पू जया म, सव पचाराथ गंधा तपु पा ण समपया म ।

एकादश पू
जन -
ये
क बार मंजप कर शव लग पर गं धा त, पुप, अ पत कर ।
ॐ अघोराय नम: । ॐ पशुपतयेनम: । ॐ शवाय नम: ।
ॐ व पा ाय नम: । ॐ व पणेनम: । ॐ य बकाय नम: ।
ॐ कप दनेनम: । ॐ भैरवाय नम: । ॐ शूलपाणये नम: ।
ॐ ईशानाय नम: । ॐ वामदेवाय नम: ।
एकादश ान् पू जया म, सव पचाराथ गंधा तपु पा ण समपया म ।

सौभा य -
अबीर, गु
लाल आ द चढ़ाय ।

धू
प-
अगरब ी जलाय ।

दप-
व लत द पक पर घं
ट ावादन करतेए अ त छोड़ द ।

नैवे-
नै
वेके
उपर ब वप या पु
प ो ण करतेए अपण कर एवंन न प च ाणा न मं का एक
एक बार जप कर –
ॐ ाणाय वाहा । ॐ अपानाय वाहा । ॐ ानाय वाहा ।
ॐ उदानाय वाहा । ॐ समानाय वाहा ।

अब भगवान को चं
दन, ता बू
ल, द णा एवं
नीराजन अ पत कर ।

यान -
वं
दे
दे
वउमाप त सु
रगु
ंवं
दे
जग कारणं
, वं
देप गभू
षणं
मृ
गधरं
वं
दे
पशू
ना प तम् ।

9
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta
वं
देसू
यशशां कव हनयनं वं
दे
मुकु
ंद यं, वं
देभ जना यं च वरदं वंदेशवंशक
ंरं॥
शां
तं प ासन थं श शधरमुकुटंप चव ं नेम्, शू लं
व ं च खड् गंपरशुमभयदंद णां गं
वह तम् ।
नागंपाशंच घं
ट ा डम क स हतंसां
कुशंवामभागे, नानालं
कारयुंफ टकम ण नभं पावतीशं
नमा म ॥
कपूरगौरंक णावतारं सं
सारसारंभु
जग हारं। सदावसं तंदयार वदेभवं भवानी स हतंनमामी ॥
ॐ उमा महेरा यांनम: नीराजनं दशया म ।

जल आरती -
ॐ ौहौ शा तर त र गूं
शां
त ह पृथवी शा तरापह शां
तरोखधयह शांत ह । वन पतयह
शां
तव े दे
वाहा शां
त ा शांत ह सव गूं
शांत ह शां
तरे
व शां
त ह सा मा शां
तरे
ध।

महा मंराज –
यू
नतम 11 माला जप आं
ख बं
द करकेयान क त करकेशव के
परम आनं
द म डू
ब कर कर ।
॥ ॐ नम: शवाय ॥

जप समपण -
ॐ गुतगु गो ता वं
गृ
हाणा मतकृ
तंजपं। स भवतु
मेदे
व वत सादान महेर: ॥

नम कार -
ॐ नम: श भवाय च मयोभवाय च नम: शं कराय च मय कराय च नम: शवाय च शवतराय च ।
तव त वं न जाना म को शो स महेर । या शो स महादे
व ता शाय नमो नम: ॥
नेाय नम तु यंउमादे
हाधधा रणे। शू लधा रणे तुयंभूताना पतये नम: ॥
गं
गाधर नम तु यंवृषभ वज नमो तुते। आशु तोष नम तु यंभूय ो भू
य ो नमो नम: ॥
ॐ नधनपतये नम: । नधनपता तकाय नम: । ऊ वाय नम: । ऊ व लगाय नम: । हर याय नम: ।
हर य लगाय नम: । द ाय नम: । द लगाय नम: । भवाय नम: । भव लगाय नम: । शवाय नम:
। शव लगाय नम: । शवाय नम: । शव लगाय नम: । वालाय नम: । वल लगाय नम: । आ माय
नम: । आ म लगाय नम: । परमाय नम: । परम लगाय नम: ।
एतत् सोम य सू य य सव लग (गूं
) थापय त पा ण मंप व म् ।
ॐ उमा महेरा यांनम: नम कारो म ।

ाथना पूवक मापन -


आवाहनं न जाना म न जाना म वसजनं । पू
जांचै
व न जाना म म व परमेर ॥
मंहीनं या हीनं भ हीनं सुरेर । यत्पूजतं मया दे
व प रपू
ण तद तु
मे॥
यद्रं पद ं मा ा हीनं
च यद् भवेत । तत्सव यतां दे
व म व परमेर ॥
म व देवदेवे
श म व भु वनेर । तव पादा बुजे न यं न ला भ र तु मे

असारे संसारेनजभजन रे जड धया । मं तंमामं
धंपरम कृपया पातु
मु
चतम् ॥
मद य: को द न - तव कृपण -र ा त - नपु
ण । वद य: को वा मे जग त शर य: पशु पते

समपण -
गतं
पापं गतं:खं गतंदा र य
्मे
व च । आगता सुख स प : पु
या च तव दशनात् ॥
दे
वो दाता च भो ा च दे
व प मदंजगत् । दे वं
जप त सव यौ दे
व: सोहमे
व ह॥

10
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta
साधुवासाधु
वा कम य दाच रतंमया । तत् सव कृपया दे
व गृ
हाणाराधनंमम् ॥
शं
ख या आचमनी का जल दे व केद ह त म देतेए सम त पूजा फल उ हे सम पत कर द ।
अने
नकृत पू
जाकमणा ीसं वदा मक: सा बसदा शव: ीयं
ताम् । ॐ तत् सद ापणम तु ।

इसके
बाद वै
दक, गृ
ह थ या सं
कृत आरती कर पु
पां
जलद।

आरती कस कार कर—


शव क आरती म सव थम शव चरण का यान करके ४ बार आरती उतार, फर ना भ कमल का
यान करके२ बार, फर मु
ख का मरण करके १ बार, फर सवाग क ७ बार, इस कार १४ बार
आरती उतार । इसकेबाद शं
ख म या पा म जल ले
कर घुमातेए छोड़ और न न शां त पाठ कर
-

आरती -
कपूरगौरंक णावतारं संसारसारंभुजग हारं । सदावसं तंदयार वदे भवं
भवानी स हतं नमामी ॥
जय शव ॐ कारा, भज शव ॐ कारा । ा व णु सदा शव अ गी धारा ॥ १ ॥
ॐ हर हर हर महादे व ***
एकानन चतु रानन पंचानन राजै। हं
सासन ग ड़ासन वृ षवाहन साजै ॥ २ ॥ ॐ हर हर...
दो भु
ज चा चतु भुज दशभु ज अ त सोहै । तीनो प नरखते भु वन जन मोहे ॥ ३ ॥ ॐ हर हर..
अ माला वनमाला ं डमाला धारी । पु रानाथ मुरारी करमाला धारी ॥ ४ ॥ ॐ हर हर...

ता बर पीता बर बाघा बर अंगे
। सनका दक ग ड़ा दक भू ता दक सं गे॥ ५ ॥ ॐ हर हर...
कर म ये इक म डल च शूल धता । सु खकता :खहता सु ख म शव रहता ॥ ६ ॥ ॐ हर हर..
काशी म व नाथ वराजे नद चारी । नत उठ योत जलावत दन दन अ धकारी ॥ ७ ॥
ॐ हर हर...
ा व णु सदा शव जानत अ ववे का । णवा र ॐ म ये येतीन एका ॥ ८ ॥ ॐ हर हर...
गु
णा वामी क आरती जो कोइ नर गावे , यारांमन शुहोय जावे , यारां
पाप परा जावे
, यारे
सुख स प आवे , यारां:ख दा र य जावे , यारे घर ल मी आवे , भणत भोलानं द वामी, रटत
शवानंद वामी इ छा फल पावे ॥ ९ ॥ ॐ हर हर हर महादे व…..

जैशव ॐ कारा -
जैशव ॐ कारा ।
मन भज शव ॐ कारा । मन रट शव ॐ कारा ॥ हो शव भू री जटावाला ।
हो शव द घ जटावाला ॥ हो शव भाल चंवाला । हो शव तीन नेवाला ॥
हो शव ऊपर गं गधारा । हो शव बरसत जलधारा ॥ हो शव ती नेवाला ।
हो शव गल वच ड् माला ॥ हो शव क बुीव वाला । हो शव भ मी अं ग वाला ॥
हो शव फ णधर फण धारा । हो शव वृ षभ कं ध वाला ॥ हो शव ओढ़त मृ ग छाला ।
हो शव धारण मु ड माला ॥ हो शव भूत े त वाला । हो शव बैल चढ़ण वाला ॥
हो शव पारबती यारा । हो शव भ न हत कारा ॥ हो शव दलन वाला ।
हो शव पीवत भं ग याला ॥ हो शव म त रहन वाला । हो शव दरसन द भोला ॥
हो शव परसन हो भोला । हो शव बरसो जलधारा ॥ हो शव काटो जमफासा ।
हो शव मे
ट ो जम ासा ॥ हो शव रहते मत वाला । हो शव ऊपर जल धारा ॥
हो शव ई र ॐ कारा । हो शव बम बम बम भोला ॥ ा व णुसदा शव,
भोले भोलेनाथ महादे व अ ागी धारा । ॐ हर हर हर महादे
व॥

11
ा भषे
क वधान –
Santosh Kumar Gupta

आरती के
बाद भ भाव से
सर झु
काकर शव तु
त कर -

शव तु त-
वंदेदे
व उमा प त सु
र गु
ंवं
देजग कारणं
, वं
देप ग भू
षणं
मृ
ग धरंवं
दे
पशूना प तम् ।
वंदेसू
य शशांक व ह नयनंवं
दे
मुकु

द यं , वं
दे
भ जना यं च वरदं
वं
देशवं शंकरं

फर हाथ म पु
प ले
कर मंपु
पां
ज ल पढ़तेए सदा शव को पु
प अपण कर -

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