05 Note To Teachers

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मूल की ओर : पररयोजना के काययपत्रक हे तु प्रस्तावित

वियाकलाप
निर्दे श:-
i. यह एक राष्ट्रीय स्तर की गौरवपूर्ण पररयोजिा है ।
ii. कायणपत्रक में 50% सामग्री बोलिे या सम्प्रेषर् कौशल के नवकास और व्यक्तित्व नवकास पर
आधाररत होिी चानहए।
iii. जहााँ जरूरत हो वहााँ आकषणक और प्रेरक नचत्र, कार्ू ण ि इत्यानर्द का प्रयोग करें ।
iv. अपिे कायणपत्रक में वास्तनवक जीवि की क्तथिनतयोों का नचत्रर् कर छात्रोों को कक्षा के बाहर की
र्दु निया से सीखिे के नलए उत्प्रेररत करें ।
v. भाषायी र्दक्षताओों के नवनवध कौशलोों के नवकास हे तु निया कलाप निम्नवत प्रस्तानवत हैं :

1. श्रिण कौशल विकास सम्बन्धी कायय :-


 निर्दे श सुिकर उसके अिुसार कायण करिा
 निर्दे श के अिुसार अनभिय करिा
 कहािी सुिकर उसके अिुसार अनभिय करिा
 सुिे हुए नववरर् के आधार पर ‘हााँ ’ या ‘िहीों’ में उत्तर र्दे िा
 सुिाई गई कहािी के आधार पर उत्तर र्दे िा
 श्रव्य सामग्री के वाताण लाप के आधार पर निनर्दण ष्ट् चररत्र का अनभिय करिा

2. उच्चारण कौशल विकास सम्बन्धी कायय :-


 नर्दए गए शब्ोों का शुद्ध उच्चारर् करिा
 शब् श्ररोंखला को आगे बढाते हुए अन्य शब् बतािा
 नचत्र में र्दी गई गनतनवनधयोों का वर्णि करिा
 र्दी गई नचत्र श्ररोंखला के आधार पर कहािी का वर्णि करिा
 नर्दए गए नबोंर्दुओों का प्रयोग करके कहािी सुिािा
 निनर्दण ष्ट् घर्िा की कल्पिा करते हुए इस का वर्ण ि करिा
 आयोनजत कायणिम का प्रनतवेर्दि नलखिा
 नर्दए गए नवषय पर र्दो नमिर् का भाषर् र्दे िा
 नर्दए गए उर्दाहरर् के अिुसार शब्ोों के जोड़े बिािा
 र्दी गई पररक्तथिनत के अिुसार निधाण ररत व्यक्ति से वाताण लाप करिा
 नवनभन्न ररश्तेर्दारोों की प्रमुख नवशेषताएाँ बतािा
 नवनभन्न पेशेवरोों की प्रमुख नवशेषताएाँ बतािा
 नर्दए गए प्रसोंग/नवषय के सम्बन्ध में अपिे अिुभव सुिािा
 नर्दए गए घर्िा िम के आधार पर ‘सोंनक्षप्त समाचार’ सुिािा
 नर्दए गए सोंनक्षप्त समाचार का नवस्तार करिा

3. शुद्ध ले खन कौशल विकास सम्बन्धी (ितय नी केंवित) कायय :-


 श्रुतलेख नलखिा
 शब्ोों की वतणिी शुद्ध करिा
 प्रस्तुत सामग्री के आधार पर िए शब्ोों का निमाण र् करिा
 वतणिी की दृनष्ट् से सबसे शुद्ध शब् बतािा
 शब् श्ररोंखला में अन्य शब् नलखिा
 नर्दए गए अिण हे तु सवोत्तम शब् का चुिाव करिा
 शब् के नवपरीत अिण हे तु सवोत्तम शब् का चुिाव करिा

4. व्याकरवणक तत्ोों के विकास सम्बन्धी कायय :-


 पाठ में प्रयुि सोंज्ञा शब्ोों को छाों र्कर नलखिा
 पाठ में आए मुहावरोों को चुिकर उिके अिण नलखिा
 वाक्य प्रयोग द्वारा नर्दए गए मुहावरोों के अिण स्पष्ट् करिा
 नर्दए गए शब्ोों के नलोंग बर्दलिा
 नर्दए गए शब्ोों के वचि बर्दलिा
 र्दी गई सूची से नवशेषर् तिा सोंज्ञा शब् अलग-अलग करिा
 नर्दए गए उर्दाहरर् के अिुसार नवशेषर् शब् से सोंज्ञा शब् बिािा
 नर्दए गए शब्ोों में से उपसगण तिा मूल शब् अलग-अलग करिा
 नर्दए गए उपसगों के प्रयोग से र्दो-र्दो िए शब् बिािा
 नर्दए गए शब्ोों में से मूल शब् तिा प्रत्यय अलग-अलग करिा
 नर्दए गए प्रत्ययोों के प्रयोग से र्दो-र्दो िए शब् बिािा
 पाठ में आए निया शब्ोों की सूची बिािा
 र्दो-र्दो पयाण यवाची शब् नलखिा
 नवलोम शब् नलखिा
 वाक्याों श हे तु एक शब् नलखिा
 पर्द व्याख्या में बर्दलाव करिा जैसे निया बिािा, नवशेषर्, निया नवशेषर् आनर्द ।
 लेख नलखिे की कला
 रचिात्मक लेखि एवों सावणजनिक उद्बोधि ।
 शब् पहे ली, कार्ू ण ि, नचत्रकारी आधाररत गनतनवनधयााँ ।

5. बोध कौशल विकास सम्बन्धी कायय :-


 नर्दए गए शब्ोों के आधार पर वाक्य बििा
 उनचत अिण हे तु तानलका के स्तोंभोों के शब्ोों का नमलाि करिा
 नर्दए गए प्रश्ोों के एक-र्दो शब् में उत्तर र्दे िा
 उनचत शब् भर कर ररि थिाि की पूनतण करिा
 नर्दए गए कििोों के नवषय में ‘सत्य’ य ‘असत्य’ नलखिा
 नर्दए गए प्रश्ोों के उत्तर ‘हााँ ’ अिवा ‘िहीों’ में र्दे िा
 आर्दशण सोंसर्द का आयोजि

6. विकवसत ज्ञान पर आधाररत ले खन सम्बन्धी कायय :-


 आयोनजत कायणिम का प्रनतवेर्दि नलखिा
 नवनभन्न ररश्तेर्दारोों की प्रमुख नवशेषताएाँ नलखिा
 नवनभन्न पेशेवरोों की प्रमुख कायण नलखिा
 निनर्दण ष्ट् पररक्तथिनत/घर्िा की कल्पिा करते हुए कुछ वाक्य नलखिा
 निर्दे शािुसार पशु /पक्षी के सम्बन्ध में अपिे अिुभव नलखिा
 नर्दए गए शब्ोों को उनचत िम में रखकर अिण पूर्ण वाक्य बिािा
 नर्दए गए नवषय पर निधाण ररत शब्ोों में अिुच्छेर्द नलखिा
 नर्दए गए नबोंर्दुओों का प्रयोग करके निधाण ररत शब्ोों में अिुच्छेर्द नलखिा
 र्दी गई पररक्तथिनत के अिुसार निधाण ररत व्यक्तियोों के वाताण लाप नलखिा
 नर्दए गए घर्िा िम के आधार पर ‘सोंनक्षप्त समाचार’ नलखिा
 नर्दए गए सोंनक्षप्त समाचार को नवस्तारपूवणक नलखिा
 र्दी गई नचत्र श्ररोंखला के आधार पर कहािी नलखिा
 नर्दए गए नबोंर्दुओों का प्रयोग करके कहािी नलखिा
 सम्पार्दक को पत्र
 र्े लीफोि पर बातचीत करिे का तरीका
 रे नियो / र्े लीनवजि के कायण िमोों की िकल (प्रस्तु नत की िकल)

7. पररिे शीय सजगता एिों जीिन मू ल्य विकवसत करने सम्बन्धी कायय :-
 पाठ्य सामग्री आधाररत प्रायोजिा कायण
 प्रस्तुत किा वस्तु को स्वयों के जीवि से जोड़ कर र्दे खिा
 किािक की नभन्न पररक्तथिनत के अिुसार भनवष्य का अिुमाि करिा
 नवषय को अपिे पररवार, पड़ोस, समाज से जोड़ कर प्रस्तुत करिा
 घनर्त घर्िािम के आधार पर भनवष्य की क्तथिनतयोों का अिुमाि
 जीवि मूल्ोों सीख सम्बन्धी पररचचाण
 पररक्तथिनत नवशेष पर वार्द नववार्द
 पात्र बर्दल कर कहािी लेखि करिा
 गद्य सामग्री की पद्य रूप में प्रस्तुनत
 पद्य सामग्री की गद्य रूप में प्रस्तु नत
 कक्षा को बाहरी र्दु निया एवों प्रकरनत से सम्बोंनधत गनतनवनधयोों से जोड़िा ।
 छात्रोों को शैनक्षक एवों सह-शैनक्षक क्षेत्रोों से र्दों तकिाओों, िीनत किाओों, पौरानर्क किाओों,
नवज्ञाि फोंतासी, आर्दशण लोगोों, िैनतक एवों प्रेरर्ार्दायक तिा अन्य किाओों को पढिे एवों
उिसे सीख लेिे को प्रेररत करिा।
कक्षा िार वशक्षण – अवधगम काययपत्रक वििरण

िमाों क कक्षा कुल पाठ निया कलाप पत्रक सोंख्या


1 I 23 31
2 II 15 20
3 III 15 20
4 IV 14 18
5 V 18 24
6 VI 17 23
7 VII 20 26
8 VIII 18 24

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