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Vedic Horoscope
ज म ववरण
नाम Abc
लग पु ष
ज म तथ 24/10/2018
ज म के समय 14:30
ज म थान Patna, Patna, Bihar, India
अ ांश 25.4166700: N
दे शांतर 85.1666700 E
समय े 5.5 E
पंचांग ववरण
सूय दय 05:56:40
सूया त 17:09:52
दनमान 11:13:12
रा मान 12:46:48
क ळ संवत 5119
क संवत 1940
संव सर बलं वन्/Vilambi
आयन द णायण
ऋतू शरद ऋतू
मास अ न
तथ पू णमा
वार बुधवार
वार (वॆ दक) बुधवार
न , चरण अ नी-1
रा श मॆष रा श
योग व
करण बव-सू
जम र चू
वशो र दशा केतु
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अवकहडा च
न अ नी
ना ड आद
अ
गण दे व
रा श मॆष रा श
रा श वा म मंगल
वण य
व य चतु पाद
इस अवकहडा च शाद मलान के लए उपयोगी है.
घात च
मास् कात क
तथ 1-6-11
दवस् र ववार
न मखा
योग व कंभ
करण बव
हर 1
रा श मेष
नए उ ाटन, मह वपूण काय और लंबी या ा के लए घाता तथी, न , दन आ द को चोडे।
हर समय क एक इकाई के लए सं कृत श द है, या दन का उपखंड, लगभग तीन घंटे लंबा है हार = 1 का
मतलब है, सूय दय से 3 घंटे।
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भा यशाली हालात
भा य दन शु वार, श नवार, मंगलवार
भा यशाली ह शु , श न, मंगल
म रा श तुला, मथुन
म लन तुला, धनू
जीवन र न नीलम
भा यर न हीरा
पु यर न प ा
अनुकूल् दे वता बालाजी, सु य, महाल मी
शुभ लोहा सोना
शुभ वण नीला, लाल, हरा
शुभ दशा द ण, ईशान कोण
शुभ समय् शाम
यहा र न धारण का सूचना मक ववरण दयागया है, गत परामश के बना र न धारण करना अ छा नही है.
गत प से र न दारण का वषय जान ने के लया कृपया आपका यो तषीका सूचना ले.
जै मनी कारक
ह चर कारक थर कारक
बुध आ म कारक ा त कारक
मंगल अमा य कारक ा ु कारक
शु ा ु कारक दारा कारक
शन मा ु कारक आयु कारक
सूय पु कारक आ म कारक
चं ा त कारक मा ु कारक
गु दारा कारक पु कारक
ह थत
ह R/C रा श D/M/S भाव
सूय - तुल 06:46:54 9
चं मॆष 02:48:60 3
मंगल मकर 22:50:29 12
बुध तुल 26:56:18 9
गु ु क 02:37:23 10
शु (R)(C) तुल 10:20:34 9
शन धनू 10:14:04 11
रा (R) कक 07:05:10 6
केतु (R) मकर 07:05:10 12
व ह और अ तंग व ह. R = व , C = आ त
ह सा र ण
ह न / चरण न. आ ध नव नव. अ ध
लन शत भषा-2 रा म श
सूय वा त-1 रा ध गु
चं अ नी-1 केतु मे मं
मंगल वण-4 चं कक चं
बुध वशाखा-3 गु म बु
गु वशाखा-4 गु कक चं
शु वा त-2 रा म श
शन मूल-4 केतु कक चं
रा पु य म-2 शन क बु
केतु उ.षाढ़ा-4 सूय मी गु
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ह सा र ण
ह अव5 वभाव पु/ ी तव थ.
सूय कुम चर पु ष वायु नीच
चं बाल चर पु ष अ न सम
मंगल कुम चर ी भू उछ
बुध मृ चर पु ष वायु म
गु मृ थर ी जल सम
शु कुम चर पु ष वायु व
शन कुम पु ष अ न सम
रा वृ चर ी जल श ु
केतु वृ चर ी भू श ु
भाव सा र ण
भाव रा श D/M/S
ल न भाव कुंभ 12:43:11
धन भाव मीन 12:43:11
ातृ भाव मॆष 12:43:11
मा ु भाव वृषभ 12:43:11
पु भाव मथुन 12:43:11
श ु भाव कक 12:43:11
कळ भाव सह 12:43:11
अयु भाव कय 12:43:11
भा य भाव तुल 12:43:11
रा य भाव ु क 12:43:11
लाभ भाव धनू 12:43:11
य भाव मकर 12:43:11
नैस गक मै च
ह म श ु सम
सूय चं , मंगल.गु शु , श न, रा , केतु बुध
चं सूय, बुध रा , केतु मंगल, गु , शु , श न
मंगल सूय, चं , गु , केतु बुध, रा शु , श न
बुध सूय, शु चं गु , केतु, मंगल, श न, रा
गु सूय, चं , मंगल, रा बुध, शु श न, केतु
शु बुध, श न, रा , केतु सूय, चं मंगल, गु
शन बुध, शु , रा सूय, चं , मंगल, केतु गु
रा गु , शु , श न सूय, चं , मंगल, केतु बुध
केतु मंगल, शु सूय, चं , श न, रा बुध, गु
ता का लक मै च
ह सू चं मं बु गु शु श रा कॆ
सू - श म श म श म म
चं श - म श श श श म म
मं म म - म म म म श श
बु श श म - म श म म म
गु म श म म - म म श म
शु श श म श म - म म म
श म श म म म म - श म
रा म म श म श म श - श
कॆ म म श म म म म श -
श = श ,ु म= म
ल न (D-1)
नवमांश से शाद और भा य दे खना है। यह भी भागीदारी, जीवन साथी, और ल न चाट के सामा य ठ क वषय के साथ
संबं धत है। सभी वग कुंड लयोमे यह सबसे अ धक मह वपूण है.
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होरा (D-2)
े कान कुंडली शरीर के अंग , वा य के मु के बारेमे बताताहै। यह भी भाई, बहन, म और गठबंधन , 3 भाव
ल न कु डली म क तरह के बारे म बताता है। यह भी क ठन काम करने के लए, या एक समूह म कुछ
goal.Energy, ज ासा, साहस, कौशल ा त करने के लए हमारी मता को दशाता है। drekkana के बेहतर
व ेषण के लए हम भी ल न कुंडली म 3 भाव और मंगल ह क थ त क जांच करने क ज रत है।
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चतुथाश (D-4)
चतुथाश सामा य सामा यता, भावना , घर और सुख, भावना मक संतोष, मनोवै ा नक सुख से संबं धत है। इस चाट
का व ेषण करने के लए हम चं मा, पारा और चौथा भगवान क जांच करना होगा। उ ह इस चाट म आंत रक
शां त के लए अ छ तरह से रखा जाना चा हए। यह न त संप और आराम के बारे म भी बताता है
स तांश (D-7)
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दशमांश (D-10)
दशमांश कै रयर के बारे म बात करता है, इस अ सा म श , थ त, उपल ध, थ त, कौशल, वसाय और कै रयर
का संकेत मलता है। इस वगा का व ेषण करने के लए हम 10 व भाव और कै रयर के मह व के बारे म वचार
करना होगा। कै रयर के मामले म 10 व वामी को जीवन म अ छे भाव के लए यहां मजबूत होना चा हए। सूय,
बुध, बृह प त और दसव भु कै रयर के लए संकेतक ह।
ादशांश (D-12)
दशाँष भा य, नय त, पछले जनम का कम, माता- पता, वंशानुगत ल ण, पछले जनम का जीवन के भाव से
संबं धत है। अं तम जीवन का याय करने के लए योग कया जाता है, हमारी अंत न हत कंडीश नग इस जीवन को
आगे बढ़ाया हम पांचव भाव पर वचार करने क ज रत है, बृह प त इस amsha के साथ ऊपर चीज का व ेषण
करने के लए।
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षोडशांश (D-16)
षोडशांश चौती भाव का मामल के साथ शुदाश मा सौद ; यानी खुशी, घर, वाहन, संप के आंत रक दय
और मनो व ान के संदभ म चतुताश से गहरे तर को दशाता है। इस चाट का व ेषण करने के लए हम चौथे वामी
(शाद चाट), बुध और चं मा के यायाधीश पर वचार करने क आव यकता है।
वशांश (D-20)
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चतु वशांश (D-24)
चतु वशांश आ या मक मता या त परता, श ा, उ च चीज पर यान दे ने क मता के बारे म बताता है। इसका
उपयोग आ या मक ा त मता को पहचानने के लए कया जाता है। हम 9 व भगवान, बुध, बृह प त और दे खने
के लए मकर का ह इस वगा चाट का व ेषण करने क आव यकता है।
स त वशांश (D-27)
स व वशांष (भांश) शारी रक श और तनाव के बारे म बताती है। यह सम जीवन का व ेषण करने म भी मदद
करता है।
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शांश (D-30)
शांश भा य, चोट, मनी, रोग के बारे म बताता है। यह जीवन म छु पे ए खतर क खोज म भी मदद करता है।
लॉड ऑफ़, और ेट्स इन बड भाव एस (ल न कुंडली मे 8, 12 और 6 भाव और मारक, बाधक भाव) को यहां
समझना चा हए क वे जीवन म अपना काम कैसे कर सकते ह।
खवेदांश (D-40)
खवेदांश ज म कुंडली के गहराई से पढ़ने के लए, वशेष शुभ और अशुभ भाव का अ छा- ू नग, अ छे और बुरी
आदत , भावना मक और मनोवै ा नक व प के ववरण के लए मदद करता है।
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अ वेदांश (D-45)
अ वेदांश नै तकता और नै तकता के बारे म बताता है, और ठ क ू नग सामा य संकेत इसके अलावा, 9 व और 5
व भाव से संबं धत है इं गत करता है क इनम से 3 मु य दे वता म से कौन सबसे अ धक त ब बत करेगा।
ष ांश (D-60)
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षॊडशवग सा र ण
ल सू चं मं बु गु शु श रा कॆ
D-1 11 7 1 10 7 8 7 9 4 10
D-2 5 5 5 5 4 4 5 5 4 4
D-3 3 7 1 6 3 8 11 1 4 10
D-4 2 7 1 7 4 8 10 12 4 10
D-7 1 8 1 9 1 2 9 11 11 5
D-9 10 9 1 4 3 4 10 4 6 12
D-10 3 9 1 1 3 4 10 12 2 8
D-12 4 9 2 7 5 9 11 1 6 3
D-16 11 4 2 1 3 6 6 2 4 4
D-20 5 5 2 4 6 10 7 11 5 5
D-24 3 10 7 10 2 6 1 1 9 9
D-27 6 1 3 12 7 12 4 10 4 10
D-30 9 11 1 10 7 2 9 9 6 6
D-40 5 10 4 1 12 10 2 2 4 4
D-45 12 11 5 11 5 8 4 12 11 11
D-60 12 8 6 7 12 1 3 5 6 12
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ह बल
ह बल
सूय (अ धप त: 7th भाव, थत्: 9 ) 50%
चं (अ धप त: 6th भाव, थत्: 3 ) 65%
मंगल (अ धप त: 3rd और 10th भाव, थत्: 12 ) 75%
बुध (अ धप त: 5th और 8th भाव, थत्: 9 ) 60%
गु (अ धप त: 11th और 2nd भाव, थत्: 10 ) 35%
शु (अ धप त: 4th और 9th भाव, थत्: 9 ) 75%
श न (अ धप त: 12th और 1st भाव, थत्: 11 ) 65%
रा थत्: 6 45%
केतु थत्: 12 55%
यह दे खते ए ह कोर एक ह क ताकत के बारे म बताता है। कोर के ऊपर 50% के साथ एक ह अ छा
प रणाम दे दगे और 50% से नीचे, bhukti अव ध उनक दासा म सामा य प रणाम दे दगे.
ह ी
ह भाव
सूय 3
चं 9
मंगल 6, 3, 7
बुध 3
गु 4, 2, 6
शु 3
शन 5, 1, 8
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भाव बल
भाव गुण फ लत
1. ल न (कुल मलाकर जीवन) 35 अ छा
2. धन भाव ( व और प रवार) 27 साधारण
3. ातृ भाव (भाई और बहन, छोट या ा) 26 साधारण
4. मातृ भाव (माँ, श ा और वाहन) 26 साधारण
5. पु भाव ( ान, ब चे, यार) 29 साधारण
6. शतृ भाव ( वा य और मन) 31 अ छा
7. कल भाव ( ववाह और ापार) 35 अ छा
8. आयु भाव (आयु और घटना ) 30 अ छा
9. भा य भाव ( पता और भा य) 28 साधारण
10. रा य भाव (कै रयर, नाम और स ) 25 यह यान दे ने क ज रत
11. लाभ भाव (लाभ और म ) 26 साधारण
12. य भाव ( य और वदे श) 19 यह यान दे ने क ज रत
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वशो र दशा/ भु
शु बुध 02.05.2040
शु केतु 03.03.2043
सूय महादशा आरंभ दन् 02.05.2044 चंद ् महादशा आरंभ दन् 02.05.2050
गु गु 02.05.2085 शन शन 03.05.2101
गु रा 08.12.2098 शन गु 20.10.2117
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दोष् और प रहार
काल सप दोष
कालसप दोष एक बुरे दोष म से एक है जो हमारे मान सक और शारी रक जीवन पर भाव डालता है। ये एक तरह
का अनुवं शक दे ष है. यह सभी कामोमे दे री और भा य दे ता है । यह लोग को बना कसी सफलता के रहते ह और
सर के लए जी वत रहते ह । जब सभी ह रा , केतु चे बीच् मे रहतेहै तब कुंडलीमे कालसप योग् ब तीहै । पूरे
कालसप योग का गठन होता है जब कुंडली का आधा ह म खाली नह होता है। भले ही एक ह रा के बाहर हो,
केतु अ का कोई का पार योग नह है।
292.8414920
मंगल् दोष
मंगल ह भावना का एक ह है। कुंडली म अगर मंगल ह अ छ तरह से रखा जाता है तो वे अपनी भावना
पर नयं ण रखगे और जब 1, 4, 7, 8 व या 12 व भाव म मंगल को बुरी तरह थत है तो वह अपनी
भावना को नयं त करने म असमथ होगा। इन घर म मंगल ह का थान उनके भारी भावना मक वहार और
ोध के कारण ववाह के जीवन म एक सम या का कारण बनता है। इस मंगल दोष से ववाह म वलंब हो जाता है
और शाद के बाद क सम या भी हो सकती है। इस लए इस दोष के बारे म जानने से आपको उपचार करने और इस
दोषा के नकारा मक भाव को कम करने और समय-समय पर ववाह और खुश ववा हत जीवन मलेगा।
आपके ज म कुंडली म, मंगल ह बारहवां भाव ( य भाव) भाव मे थत है. मंगल क यह थ त बताती है
क आपके ज म कुंडली म मंगल दोष है.
आपके चाट म मंगल ह उ छ राशी मे है यह आपक मंगल दोष् को कम कर रहा है, मंगल ह से अनुकूल प रणाम
पाने के लए मंगल ह पर उपचार करना बेहतर है.
प रहार
च द सु म य तो हर रोज़
7000 वार मंगल मं का पाठ क रये. य द आप् खुद नही कर स े तो को य पं डत से आपका नाम् पर् कवास े है.
मंगलवार को तोर दल और लाल कपड़ा दान कर।
मंगलवार को भगवान ल मी नर सह के ववाह कर।
कुछ यो तषी मंगल दे ष भाव को कम करने के लए कोरल पहनने का सुझाव दे ते ह ले कन यह सही नह है क
उ चत जांच के बना इसे पहनना बेहतर नह है।
ज मकु डली फल
ज मकुंड लका योग
Vesi: a planet (excepting moon) in the 2nd from the sun
One born in Vesi Yoga will be weak-sighted, firm in his word, be hard working and will
have a bent body. So say Yavanas.
vesi Yoga caused by Jupiter
Should Jupiter cause Vesi Yoga, the native will accumulate money, be learned and be
good-hearted.
Nipuna (Budha-Aditya) yoga: Sun and Mercury together or in Sama Saptaka
Skillful, expert, well-known and respected.
Adhiyoga:Benefices in 6th, 7th and 8th from Moon.
King, minister or an army chief.
Viparita Raja Yoga
Success after pressures or someone else`s losses
ल न फल
कुंडली व ेषण
आप कुंभ ल न मे पैदा ए है । इस ल न का अ धपती श न है । ये यारहवाँ भाव (लाभ भाव) मे थत् है । तीय
भाव (धन भाव) मीन रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती गु है। ये दसवां भाव (रा य भाव) मे थत् है । तृतीय
भाव ( ातृ भाव) मॆष रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती मंगल है. ये बारहवां भाव ( य भाव) मे थत् है । चतुथ
भाव (मातृ भाव) वृषभ रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती शु है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है । पंचम
भाव (पु भाव) मथुन रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती बुध है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है । छठा
भाव (शतृ भाव) कक रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती चं है । ये तृतीय भाव ( ातृ भाव) मे थत् है । सातवाँ
भाव (कल भाव) सह रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती सूय है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है ।
आठवाँ भाव (आयु भाव) क य रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती बुध है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है
। नौवां भाव (भा य भाव) तुल रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती शु है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है ।
दसवां भाव (रा य भाव) ु क रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती मंगल है । ये बारहवां भाव ( य भाव) मे
थत् है । यारहवाँ भाव (लाभ भाव) धनू रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती गु है । ये दसवां भाव (रा य भाव)
मे थत् है । यारहवाँ भाव (लाभ भाव) धनू रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती श न है । ये यारहवाँ भाव (लाभ
भाव) मे थत् है ।
आपका रा श मॆष है । आप अ नी न , पहले चरण मे पैदा एहै । आप केतु महादशा मे पैदा ए है।
आपका ल न: के लये
शुभ ह: शु श न बुध
अशुभ ह: मंगल चं गु
मारक ह: मंगल सूय गु
योग कारक ह: शु
व भ गृह म भावा धप त क भ व यवा णयां
ये भ व यवाणी होरा शा से ली गई ह.
आपका ल न वामी, श न is placed in eleventh house. You will always be endowed with gains,
good qualities, fame and many wives.
आपका सरा भाव भु, गु is placed in tenth house. You will be libidinous, honourable and
learned; you will have many wives and much wealth, but you will be bereft of filial
happiness.
आपका तीसरा भाव अ धपती, Mars is placed in twelfth house. You will spend on evil deeds, will
have a wicked father and will be fortunate through a female.
आपका चौथे भाव भु, Venus is placed in ninth house. You will be dear to one and all, be
devoted to God, be virtuous, honourable and endowed with every land of happiness.
आपका पांचव भाव भु, Mercury is placed in ninth house. You will be a prince, or equal to him,
will author treatises, be famous and will shine in your race.
आपका छठे भाव भु, Moon is placed in third house. You will be given to anger, be bereft of
courage, inimical to all of your co-born and will have disobedient servants.
आपका सातवां भाव भु, Sun is placed in ninth house. You will have union with many women,
be well disposed to your own wife and will have many undertakings.
आपका आठव भाव भु, Mercury is placed in ninth house. You will betray your religion, be a
heterodox, will beget a wicked wife and will steal others wealth.
आपका नौव भाव भु, Venus is placed in ninth house. You will be endowed with abundant
fortunes, virtues and beauty and will enjoy much happiness from co-born.
आपका दसव भाव भु, Mars is placed in twelfth house. You will spend through royal abodes,
will have fear from enemies and will be worried in spite of being skilful.
आपका यारहव भाव भु, Jupiter is placed in tenth house. You will be honoured by the king, be
virtuous, attached to your religion, intelligent, truthful and will subdue your senses.
आपका बारहव भाव भु, Saturn is placed in eleventh house. You will incur losses, be brought
up by others and will sometimes gain through others.
Dwi graha yogas (Two planets in one house)
You are having Sun and Mercury in one sign.
If the Sun and Mercury are in one House, you will be in service, will have unsteady wealth,
be sweet in speech, will have fame and money, be noble, dear to king and good people
and will possess strength, beauty and learning.
You are having Sun and Venus in one sign.
If the Sun and Venus be together, one will be skillful in use of weapons, be mighty, weak-
sighted in old age, will be able to amuse the public and will have abundant money earned
through women.
You are having Mercury and Venus in one sign.
Should Mercury and Venus be together at birth, you will be abundantly rich, a politician, an
artisan, will study Vedas, be good in speech, will know to sing, make fun and like scents
and flowers.
Thri graha yoga (Three planets in one house)
शु महादशा : 02.05.2024 से
अगर शु आपके चाट म अ छ तरह से रखता है तो एक ब चे के ज म के साथ पू रत एक खुश और सुखी वैवा हक
जीवन का अनुभव होगा। मौ क लाभ, सव और खुश वैवा हक जीवन से ा त सुख, दे शी जीवन के जीवन को जी वत
बनाएंगे। ापार और खेती से मौ क लाभ और आपके म संघ क वृ , नाममा शु ल दशा के भाव ह। इस अव ध
के दौरान आप 'जी वत रहने और जी वत रहने के स ांत' पर व ास करना शु करगे! आप वयं खुश रहगे और आपके
चार ओर के लोग को भी खुशी दे गा। सुकुरा दशा के कमजोर भाव से आप अपनी प नी से झगड़गे; भचार और
वदे शी भू म म नवास काड पर भी ह गलतफहमी और ःख जैसी चीज आपको खी और उदास जीवन जीने के लए
े रत करगी। समु पर या ा और ऋण का मोचन भी होगा.
य द शु कमजोर या कमजोर है या बीमार पड़ता है तो आपको पा रवा रक जीवन म सम याएं पड़ेगी, आपक प नी को
वा य सम याएं ह गी, आपको व ीय नुकसान हो सकता है और कुछ वा य सम याएँ भी ह गी। बीमार रखा वीनस
क वजह से सम या पर काबू पाने के लए, आपको सु मं या ल मी तो रोज़ाना पाठ करना ज री है।
े ी ो े ी ो ओ औ ो े ी
सम या से पी ड़त हो सकते ह, ीण हो जाओ, अ म और नाखुश हो धन क हा न, अपमान, प रवार के जीवन म
गलतफहम और अनाव यक बुरा त ा और परेशानी आपको अलग-अलग तरीक से समझगी। अपने दशा म चं मा के
नकारा मक भाव पर काबू पाने के लए, आपको मं मं क ज रत है या शव पंचप ी मं भी नय मत प से चं
ह क तो का जप करते ह।
रा महादशा : 03.05.2067 से
य द रा अनुकूल ह के साथ जुड़ गए या य द वह आपके चाट म अ छ तरह से रखे ह, तो इस रे दशा जीवन के सभी
े से धन और समृ लाएगा। आप फोटो ाफ , कला और श प और जा ई व ान म च रखते ह। इसके अलावा,
आप जो भी वदे शी भाषा सीखते ह, उस पर भी आपको एक कमाल का आनंद मलेगा, आप साहसी, एक शोधकता और
सामा जक सेवा के एक ह गे। साधारण या नाममा चरण के तहत, आप के कारण मौ क धन ा त होने क
संभावना है सामा जक रक, त ा, थ त और त ा।
अगर रा आपके चाट म बलहीन हो तो इस दशा का तकूल भाव आपको सामा जक पछड़ेपन, मान सक तनाव और
चता, बुरे सपने, वदे शी दे श म परेशानी लाएगा। आप भी व ीय हा न, बीमार वा य, डर और बुरे वचार का अनुभव
करगे। रा दशा के तहत, अ रयन म घर , प व ंथ का पाठ, पूण घरेलू सुख, स ा ढ़ अ धका रय का स मान और
येक म सामंज य होगा। आदर करना।
गु महादशा : 02.05.2085 से
य द बृह प त आपके चाट म अ छ तरह से रखता है, तो आपके पास कोई मन नह होगा और कसी भी कार क
बीमा रय से भी मु कल से पी ड़त होगा। आपके ारा जो कुछ भी कया जाता है, उसम संतोष होगा और म संघ
ब कुल शानदार होगा। एक ब चे का ज म और धमाथ सं थान क न व को भी सूची म जोड़ा जा सकता है। नजी
मामल म कसी गड़बड़ी का नाममा गु दशा के तहत अनुभव होगा और इससे भी मह वपूण बात यह है क आप सभी
चता से मु ह गे.एक बल गु दशा के साथ, प रवार के ःख के साथ कई रोग के कई हमल से पी ड़त होने से
आपके जीवन म चता से भरा हो सकता है। कसर के मामले म, राजनी तक सफलता, पदो त, ऊंचा पद, मानवतावाद
काय, रा ीय सेवाएं, घरेलू स ाव और सफलता और अ ात ोत से धन के अ ध हण आपके रा ते म आ सकते ह। धनु
और मीन, बेटे, धन, स और सामा य सफलता के मामले म होने वाले ह।
य द बृह प त आपके चाट म एक नकारा मक ह या बीमार है, तो यह दशा व ीय सम या , ब च क हा न, अचानक
गरावट, वा य सम या और थ त का नुकसान हो सकता है। गु मं या गु तो के जप क तरह उपचार करना
बृह प त के नकारा मक प रणाम को कम करेगा।
श न महादशा : 03.05.2101 से
य द श न अ छ तरह से रखा जाता है और योगा धकार ह तो इस महा डैश म आप नरंतर धन ' वाह-इ स' के साथ खुश
रहगे, वदे शी नमं ण ा त करगे, नए कायशाला को खोलगे और अपने समुदाय के भीतर वाले लोग से संपक करगे।
अ छ तरह से रखा सैटन पदो त, क रयर, नाम और स म वृ दे ता है। आपको व भ े से भी सहायता मल
सकती है श न कमा का ह है य द वह अ छ तरह से इस महाशाह म रखा गया तो आप सफलतापूवक अपने सभी
उप म को पूरा करगे।
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य द श न इस बीमारी म रखा या कमजोर कर दया जाता है तो आप को अनपे त नुकसान, प रवार और दो त के बीच
येक उप म और गलतफहमी म नराशा हो सकती है। कमजोर सैटन भी क रयर या नौकरी के नुकसान म सम या
का कारण बनता है। नकारा मक प रणाम को र करने के लए श न मं या श न तो का पाठ करना ज री है ।
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