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ी सा य यो तष व ापीठम्

Vedic Horoscope

जननी ज म सौ यानां, वधनी कुल संपदां |


पदवी पूव पु यानां, ल यते ज मप का ||

ज म ववरण
नाम Abc
लग पु ष
ज म तथ 24/10/2018
ज म के समय 14:30
ज म थान Patna, Patna, Bihar, India
अ ांश 25.4166700: N
दे शांतर 85.1666700 E
समय े 5.5 E
पंचांग ववरण
सूय दय 05:56:40
सूया त 17:09:52
दनमान 11:13:12
रा मान 12:46:48
क ळ संवत 5119
क संवत 1940
संव सर बलं वन्/Vilambi
आयन द णायण
ऋतू शरद ऋतू
मास अ न
तथ पू णमा
वार बुधवार
वार (वॆ दक) बुधवार
न , चरण अ नी-1
रा श मॆष रा श
योग व
करण बव-सू
जम र चू
वशो र दशा केतु

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अवकहडा च
न अ नी
ना ड आद

गण दे व
रा श मॆष रा श
रा श वा म मंगल
वण य
व य चतु पाद
इस अवकहडा च शाद मलान के लए उपयोगी है.

घात च
मास् कात क
तथ 1-6-11
दवस् र ववार
न मखा
योग व कंभ
करण बव
हर 1
रा श मेष
नए उ ाटन, मह वपूण काय और लंबी या ा के लए घाता तथी, न , दन आ द को चोडे।
हर समय क एक इकाई के लए सं कृत श द है, या दन का उपखंड, लगभग तीन घंटे लंबा है हार = 1 का
मतलब है, सूय दय से 3 घंटे।

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भा यशाली हालात
भा य दन शु वार, श नवार, मंगलवार
भा यशाली ह शु , श न, मंगल
म रा श तुला, मथुन
म लन तुला, धनू
जीवन र न नीलम
भा यर न हीरा
पु यर न प ा
अनुकूल् दे वता बालाजी, सु य, महाल मी
शुभ लोहा सोना
शुभ वण नीला, लाल, हरा
शुभ दशा द ण, ईशान कोण
शुभ समय् शाम
यहा र न धारण का सूचना मक ववरण दयागया है, गत परामश के बना र न धारण करना अ छा नही है.
गत प से र न दारण का वषय जान ने के लया कृपया आपका यो तषीका सूचना ले.

जै मनी कारक
ह चर कारक थर कारक
बुध आ म कारक ा त कारक
मंगल अमा य कारक ा ु कारक
शु ा ु कारक दारा कारक
शन मा ु कारक आयु कारक
सूय पु कारक आ म कारक
चं ा त कारक मा ु कारक
गु दारा कारक पु कारक
ह थत
ह R/C रा श D/M/S भाव
सूय - तुल 06:46:54 9
चं मॆष 02:48:60 3
मंगल मकर 22:50:29 12
बुध तुल 26:56:18 9
गु ु क 02:37:23 10
शु (R)(C) तुल 10:20:34 9
शन धनू 10:14:04 11
रा (R) कक 07:05:10 6
केतु (R) मकर 07:05:10 12
व ह और अ तंग व ह. R = व , C = आ त

ह सा र ण
ह न / चरण न. आ ध नव नव. अ ध
लन शत भषा-2 रा म श
सूय वा त-1 रा ध गु
चं अ नी-1 केतु मे मं
मंगल वण-4 चं कक चं
बुध वशाखा-3 गु म बु
गु वशाखा-4 गु कक चं
शु वा त-2 रा म श
शन मूल-4 केतु कक चं
रा पु य म-2 शन क बु
केतु उ.षाढ़ा-4 सूय मी गु

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ह सा र ण
ह अव5 वभाव पु/ ी तव थ.
सूय कुम चर पु ष वायु नीच
चं बाल चर पु ष अ न सम
मंगल कुम चर ी भू उछ
बुध मृ चर पु ष वायु म
गु मृ थर ी जल सम
शु कुम चर पु ष वायु व
शन कुम पु ष अ न सम
रा वृ चर ी जल श ु
केतु वृ चर ी भू श ु

भाव सा र ण
भाव रा श D/M/S
ल न भाव कुंभ 12:43:11
धन भाव मीन 12:43:11
ातृ भाव मॆष 12:43:11
मा ु भाव वृषभ 12:43:11
पु भाव मथुन 12:43:11
श ु भाव कक 12:43:11
कळ भाव सह 12:43:11
अयु भाव कय 12:43:11
भा य भाव तुल 12:43:11
रा य भाव ु क 12:43:11
लाभ भाव धनू 12:43:11
य भाव मकर 12:43:11
नैस गक मै च
ह म श ु सम
सूय चं , मंगल.गु शु , श न, रा , केतु बुध
चं सूय, बुध रा , केतु मंगल, गु , शु , श न
मंगल सूय, चं , गु , केतु बुध, रा शु , श न
बुध सूय, शु चं गु , केतु, मंगल, श न, रा
गु सूय, चं , मंगल, रा बुध, शु श न, केतु
शु बुध, श न, रा , केतु सूय, चं मंगल, गु
शन बुध, शु , रा सूय, चं , मंगल, केतु गु
रा गु , शु , श न सूय, चं , मंगल, केतु बुध
केतु मंगल, शु सूय, चं , श न, रा बुध, गु

ता का लक मै च
ह सू चं मं बु गु शु श रा कॆ
सू - श म श म श म म
चं श - म श श श श म म
मं म म - म म म म श श
बु श श म - म श म म म
गु म श म म - म म श म
शु श श म श म - म म म
श म श म म म म - श म
रा म म श म श म श - श
कॆ म म श म म म म श -
श = श ,ु म= म
ल न (D-1)

सम जीवन, कृ त, वा य, श ा, कै रयर, शाद , ब च आ द


नवांश (D-9)

नवमांश से शाद और भा य दे खना है। यह भी भागीदारी, जीवन साथी, और ल न चाट के सामा य ठ क वषय के साथ
संबं धत है। सभी वग कुंड लयोमे यह सबसे अ धक मह वपूण है.

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होरा (D-2)

व ीय थ त, यह भी क पु ष / म हला, स य / न य, गत / सामा जक, मान सक / भावना मक शेष से


संबं धत है। कक म हला / चं मा क ओर है, सह पु ष / सौर पहलू भी है
े काण (D-3)

े कान कुंडली शरीर के अंग , वा य के मु के बारेमे बताताहै। यह भी भाई, बहन, म और गठबंधन , 3 भाव
ल न कु डली म क तरह के बारे म बताता है। यह भी क ठन काम करने के लए, या एक समूह म कुछ
goal.Energy, ज ासा, साहस, कौशल ा त करने के लए हमारी मता को दशाता है। drekkana के बेहतर
व ेषण के लए हम भी ल न कुंडली म 3 भाव और मंगल ह क थ त क जांच करने क ज रत है।

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चतुथाश (D-4)

चतुथाश सामा य सामा यता, भावना , घर और सुख, भावना मक संतोष, मनोवै ा नक सुख से संबं धत है। इस चाट
का व ेषण करने के लए हम चं मा, पारा और चौथा भगवान क जांच करना होगा। उ ह इस चाट म आंत रक
शां त के लए अ छ तरह से रखा जाना चा हए। यह न त संप और आराम के बारे म भी बताता है
स तांश (D-7)

स तमशाह ब च और पोते, या रचना मक अनुमान , रचना मक मता, और कस ड ी को सहन या रहना या


एहसास होना चा हए के साथ संबं धत है। हम सांता योग क भ व यवाणी करने के लए पांचम भाव, बृह प त को
स तमश के साथ जांचना होगा।

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दशमांश (D-10)

दशमांश कै रयर के बारे म बात करता है, इस अ सा म श , थ त, उपल ध, थ त, कौशल, वसाय और कै रयर
का संकेत मलता है। इस वगा का व ेषण करने के लए हम 10 व भाव और कै रयर के मह व के बारे म वचार
करना होगा। कै रयर के मामले म 10 व वामी को जीवन म अ छे भाव के लए यहां मजबूत होना चा हए। सूय,
बुध, बृह प त और दसव भु कै रयर के लए संकेतक ह।
ादशांश (D-12)

दशाँष भा य, नय त, पछले जनम का कम, माता- पता, वंशानुगत ल ण, पछले जनम का जीवन के भाव से
संबं धत है। अं तम जीवन का याय करने के लए योग कया जाता है, हमारी अंत न हत कंडीश नग इस जीवन को
आगे बढ़ाया हम पांचव भाव पर वचार करने क ज रत है, बृह प त इस amsha के साथ ऊपर चीज का व ेषण
करने के लए।
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षोडशांश (D-16)

षोडशांश चौती भाव का मामल के साथ शुदाश मा सौद ; यानी खुशी, घर, वाहन, संप के आंत रक दय
और मनो व ान के संदभ म चतुताश से गहरे तर को दशाता है। इस चाट का व ेषण करने के लए हम चौथे वामी
(शाद चाट), बुध और चं मा के यायाधीश पर वचार करने क आव यकता है।
वशांश (D-20)

वशांश उपासना या भ , धा मक वकास, हमारे अतीत के धम , हम पूजा करने के लए इ छु क ह दे वता के लए


मता के बारे म बताता है इस वगा का व ेषण करने के लए हम बृह प त पर वचार करना होगा, 5 व भाव म
शाद चाट और 5 व वा म

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चतु वशांश (D-24)

चतु वशांश आ या मक मता या त परता, श ा, उ च चीज पर यान दे ने क मता के बारे म बताता है। इसका
उपयोग आ या मक ा त मता को पहचानने के लए कया जाता है। हम 9 व भगवान, बुध, बृह प त और दे खने
के लए मकर का ह इस वगा चाट का व ेषण करने क आव यकता है।
स त वशांश (D-27)

स व वशांष (भांश) शारी रक श और तनाव के बारे म बताती है। यह सम जीवन का व ेषण करने म भी मदद
करता है।

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शांश (D-30)

शांश भा य, चोट, मनी, रोग के बारे म बताता है। यह जीवन म छु पे ए खतर क खोज म भी मदद करता है।
लॉड ऑफ़, और ेट्स इन बड भाव एस (ल न कुंडली मे 8, 12 और 6 भाव और मारक, बाधक भाव) को यहां
समझना चा हए क वे जीवन म अपना काम कैसे कर सकते ह।
खवेदांश (D-40)

खवेदांश ज म कुंडली के गहराई से पढ़ने के लए, वशेष शुभ और अशुभ भाव का अ छा- ू नग, अ छे और बुरी
आदत , भावना मक और मनोवै ा नक व प के ववरण के लए मदद करता है।

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अ वेदांश (D-45)

अ वेदांश नै तकता और नै तकता के बारे म बताता है, और ठ क ू नग सामा य संकेत इसके अलावा, 9 व और 5
व भाव से संबं धत है इं गत करता है क इनम से 3 मु य दे वता म से कौन सबसे अ धक त ब बत करेगा।
ष ांश (D-60)

ष ंष को भ व यवा णय के ब त ही अ छे ू नग म योग कया जाता है और नणय, यह एक सू म भाव है जो


जुड़ने के मामल म महसूस कया जाता है जो क कुछ ही मनट के बाद पैदा होते ह। इन डवीजन के सश वशेष
दे वता का मूल प से मह वपूण भाव है।

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षॊडशवग सा र ण
ल सू चं मं बु गु शु श रा कॆ
D-1 11 7 1 10 7 8 7 9 4 10
D-2 5 5 5 5 4 4 5 5 4 4
D-3 3 7 1 6 3 8 11 1 4 10
D-4 2 7 1 7 4 8 10 12 4 10
D-7 1 8 1 9 1 2 9 11 11 5
D-9 10 9 1 4 3 4 10 4 6 12
D-10 3 9 1 1 3 4 10 12 2 8
D-12 4 9 2 7 5 9 11 1 6 3
D-16 11 4 2 1 3 6 6 2 4 4
D-20 5 5 2 4 6 10 7 11 5 5
D-24 3 10 7 10 2 6 1 1 9 9
D-27 6 1 3 12 7 12 4 10 4 10
D-30 9 11 1 10 7 2 9 9 6 6
D-40 5 10 4 1 12 10 2 2 4 4
D-45 12 11 5 11 5 8 4 12 11 11
D-60 12 8 6 7 12 1 3 5 6 12

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ह बल
ह बल
सूय (अ धप त: 7th भाव, थत्: 9 ) 50%
चं (अ धप त: 6th भाव, थत्: 3 ) 65%
मंगल (अ धप त: 3rd और 10th भाव, थत्: 12 ) 75%
बुध (अ धप त: 5th और 8th भाव, थत्: 9 ) 60%
गु (अ धप त: 11th और 2nd भाव, थत्: 10 ) 35%
शु (अ धप त: 4th और 9th भाव, थत्: 9 ) 75%
श न (अ धप त: 12th और 1st भाव, थत्: 11 ) 65%
रा थत्: 6 45%
केतु थत्: 12 55%
यह दे खते ए ह कोर एक ह क ताकत के बारे म बताता है। कोर के ऊपर 50% के साथ एक ह अ छा
प रणाम दे दगे और 50% से नीचे, bhukti अव ध उनक दासा म सामा य प रणाम दे दगे.

ह ी
ह भाव
सूय 3
चं 9
मंगल 6, 3, 7
बुध 3
गु 4, 2, 6
शु 3
शन 5, 1, 8

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भाव बल
भाव गुण फ लत
1. ल न (कुल मलाकर जीवन) 35 अ छा
2. धन भाव ( व और प रवार) 27 साधारण
3. ातृ भाव (भाई और बहन, छोट या ा) 26 साधारण
4. मातृ भाव (माँ, श ा और वाहन) 26 साधारण
5. पु भाव ( ान, ब चे, यार) 29 साधारण
6. शतृ भाव ( वा य और मन) 31 अ छा
7. कल भाव ( ववाह और ापार) 35 अ छा
8. आयु भाव (आयु और घटना ) 30 अ छा
9. भा य भाव ( पता और भा य) 28 साधारण
10. रा य भाव (कै रयर, नाम और स ) 25 यह यान दे ने क ज रत
11. लाभ भाव (लाभ और म ) 26 साधारण
12. य भाव ( य और वदे श) 19 यह यान दे ने क ज रत

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वशो र दशा/ भु

ज म दशा केतु/शु /बुध

केतु महादशा आरंभ दन् 02.05.2017 शु महादशा आरंभ दन् 02.05.2024

महादशा भु आरंभ दन् महादशा भु आरंभ दन्

केतु सूय 28.11.2018 शु शु 02.05.2024

केतु चंद ् 05.04.2019 शु सूय 01.09.2027

केतु मंगल 04.11.2019 शु चंद ् 01.09.2028

केतु रा 01.04.2020 शु मंगल 02.05.2030

केतु गु 20.04.2021 शु रा 02.07.2031

केतु शन 27.03.2022 शु गु 02.07.2034

केतु बुध 06.05.2023 शु शन 02.03.2037

शु बुध 02.05.2040

शु केतु 03.03.2043

सूय महादशा आरंभ दन् 02.05.2044 चंद ् महादशा आरंभ दन् 02.05.2050

महादशा भु आरंभ दन् महादशा भु आरंभ दन्

सूय सूय 02.05.2044 चंद ् चंद ् 02.05.2050

सूय चंद ् 19.08.2044 चंद ् मंगल 03.03.2051

सूय मंगल 18.02.2045 चंद ् रा 02.10.2051

सूय रा 26.06.2045 चंद ् गु 02.04.2053

सूय गु 21.05.2046 चंद ् शन 02.08.2054

सूय शन 09.03.2047 चंद ् बुध 02.03.2056

सूय बुध 19.02.2048 चंद ् केतु 01.08.2057

सूय केतु 25.12.2048 चंद ् शु 02.03.2058

सूय शु 02.05.2049 चंद ् सूय 01.11.2059


मंगल महादशा आरंभ दन् 02.05.2060 रा महादशा आरंभ दन् 03.05.2067

महादशा भु आरंभ दन् महादशा भु आरंभ दन्

मंगल मंगल 02.05.2060 रा रा 03.05.2067

मंगल रा 28.09.2060 रा गु 13.01.2070

मंगल गु 16.10.2061 रा शन 07.06.2072

मंगल शन 22.09.2062 रा बुध 14.04.2075

मंगल बुध 01.11.2063 रा केतु 01.11.2077

मंगल केतु 28.10.2064 रा शु 19.11.2078

मंगल शु 27.03.2065 रा सूय 19.11.2081

मंगल सूय 27.05.2066 रा चंद ् 14.10.2082

मंगल चंद ् 02.10.2066 रा मंगल 14.04.2084

गु महादशा आरंभ दन् 02.05.2085 श न महादशा आरंभ दन् 03.05.2101

महादशा भु आरंभ दन् महादशा भु आरंभ दन्

गु गु 02.05.2085 शन शन 03.05.2101

गु शन 20.06.2087 शन बुध 06.05.2104

गु बुध 01.01.2090 शन केतु 14.01.2107

गु केतु 07.04.2092 शन शु 23.02.2108

गु शु 14.03.2093 शन सूय 24.04.2111

गु सूय 13.11.2095 शन चंद ् 05.04.2112

गु चंद ् 01.09.2096 शन मंगल 05.11.2113

गु मंगल 01.01.2098 शन रा 14.12.2114

गु रा 08.12.2098 शन गु 20.10.2117

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दोष् और प रहार
काल सप दोष
कालसप दोष एक बुरे दोष म से एक है जो हमारे मान सक और शारी रक जीवन पर भाव डालता है। ये एक तरह
का अनुवं शक दे ष है. यह सभी कामोमे दे री और भा य दे ता है । यह लोग को बना कसी सफलता के रहते ह और
सर के लए जी वत रहते ह । जब सभी ह रा , केतु चे बीच् मे रहतेहै तब कुंडलीमे कालसप योग् ब तीहै । पूरे
कालसप योग का गठन होता है जब कुंडली का आधा ह म खाली नह होता है। भले ही एक ह रा के बाहर हो,
केतु अ का कोई का पार योग नह है।
292.8414920

You don't have Kalasarpa dosha in your chart.

मंगल् दोष
मंगल ह भावना का एक ह है। कुंडली म अगर मंगल ह अ छ तरह से रखा जाता है तो वे अपनी भावना
पर नयं ण रखगे और जब 1, 4, 7, 8 व या 12 व भाव म मंगल को बुरी तरह थत है तो वह अपनी
भावना को नयं त करने म असमथ होगा। इन घर म मंगल ह का थान उनके भारी भावना मक वहार और
ोध के कारण ववाह के जीवन म एक सम या का कारण बनता है। इस मंगल दोष से ववाह म वलंब हो जाता है
और शाद के बाद क सम या भी हो सकती है। इस लए इस दोष के बारे म जानने से आपको उपचार करने और इस
दोषा के नकारा मक भाव को कम करने और समय-समय पर ववाह और खुश ववा हत जीवन मलेगा।
आपके ज म कुंडली म, मंगल ह बारहवां भाव ( य भाव) भाव मे थत है. मंगल क यह थ त बताती है
क आपके ज म कुंडली म मंगल दोष है.
आपके चाट म मंगल ह उ छ राशी मे है यह आपक मंगल दोष् को कम कर रहा है, मंगल ह से अनुकूल प रणाम
पाने के लए मंगल ह पर उपचार करना बेहतर है.
प रहार
च द सु म य तो हर रोज़
7000 वार मंगल मं का पाठ क रये. य द आप् खुद नही कर स े तो को य पं डत से आपका नाम् पर् कवास े है.
मंगलवार को तोर दल और लाल कपड़ा दान कर।
मंगलवार को भगवान ल मी नर सह के ववाह कर।
कुछ यो तषी मंगल दे ष भाव को कम करने के लए कोरल पहनने का सुझाव दे ते ह ले कन यह सही नह है क
उ चत जांच के बना इसे पहनना बेहतर नह है।
ज मकु डली फल
ज मकुंड लका योग
Vesi: a planet (excepting moon) in the 2nd from the sun
One born in Vesi Yoga will be weak-sighted, firm in his word, be hard working and will
have a bent body. So say Yavanas.
vesi Yoga caused by Jupiter
Should Jupiter cause Vesi Yoga, the native will accumulate money, be learned and be
good-hearted.
Nipuna (Budha-Aditya) yoga: Sun and Mercury together or in Sama Saptaka
Skillful, expert, well-known and respected.
Adhiyoga:Benefices in 6th, 7th and 8th from Moon.
King, minister or an army chief.
Viparita Raja Yoga
Success after pressures or someone else`s losses
ल न फल
कुंडली व ेषण
आप कुंभ ल न मे पैदा ए है । इस ल न का अ धपती श न है । ये यारहवाँ भाव (लाभ भाव) मे थत् है । तीय
भाव (धन भाव) मीन रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती गु है। ये दसवां भाव (रा य भाव) मे थत् है । तृतीय
भाव ( ातृ भाव) मॆष रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती मंगल है. ये बारहवां भाव ( य भाव) मे थत् है । चतुथ
भाव (मातृ भाव) वृषभ रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती शु है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है । पंचम
भाव (पु भाव) मथुन रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती बुध है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है । छठा
भाव (शतृ भाव) कक रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती चं है । ये तृतीय भाव ( ातृ भाव) मे थत् है । सातवाँ
भाव (कल भाव) सह रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती सूय है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है ।
आठवाँ भाव (आयु भाव) क य रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती बुध है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है
। नौवां भाव (भा य भाव) तुल रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती शु है । ये नौवां भाव (भा य भाव) मे थत् है ।
दसवां भाव (रा य भाव) ु क रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती मंगल है । ये बारहवां भाव ( य भाव) मे
थत् है । यारहवाँ भाव (लाभ भाव) धनू रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती गु है । ये दसवां भाव (रा य भाव)
मे थत् है । यारहवाँ भाव (लाभ भाव) धनू रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती श न है । ये यारहवाँ भाव (लाभ
भाव) मे थत् है ।

आपका रा श मॆष है । आप अ नी न , पहले चरण मे पैदा एहै । आप केतु महादशा मे पैदा ए है।
आपका ल न: के लये
शुभ ह: शु श न बुध
अशुभ ह: मंगल चं गु
मारक ह: मंगल सूय गु
योग कारक ह: शु
व भ गृह म भावा धप त क भ व यवा णयां
ये भ व यवाणी होरा शा से ली गई ह.
आपका ल न वामी, श न is placed in eleventh house. You will always be endowed with gains,
good qualities, fame and many wives.
आपका सरा भाव भु, गु is placed in tenth house. You will be libidinous, honourable and
learned; you will have many wives and much wealth, but you will be bereft of filial
happiness.
आपका तीसरा भाव अ धपती, Mars is placed in twelfth house. You will spend on evil deeds, will
have a wicked father and will be fortunate through a female.
आपका चौथे भाव भु, Venus is placed in ninth house. You will be dear to one and all, be
devoted to God, be virtuous, honourable and endowed with every land of happiness.
आपका पांचव भाव भु, Mercury is placed in ninth house. You will be a prince, or equal to him,
will author treatises, be famous and will shine in your race.
आपका छठे भाव भु, Moon is placed in third house. You will be given to anger, be bereft of
courage, inimical to all of your co-born and will have disobedient servants.
आपका सातवां भाव भु, Sun is placed in ninth house. You will have union with many women,
be well disposed to your own wife and will have many undertakings.
आपका आठव भाव भु, Mercury is placed in ninth house. You will betray your religion, be a
heterodox, will beget a wicked wife and will steal others wealth.
आपका नौव भाव भु, Venus is placed in ninth house. You will be endowed with abundant
fortunes, virtues and beauty and will enjoy much happiness from co-born.
आपका दसव भाव भु, Mars is placed in twelfth house. You will spend through royal abodes,
will have fear from enemies and will be worried in spite of being skilful.
आपका यारहव भाव भु, Jupiter is placed in tenth house. You will be honoured by the king, be
virtuous, attached to your religion, intelligent, truthful and will subdue your senses.
आपका बारहव भाव भु, Saturn is placed in eleventh house. You will incur losses, be brought
up by others and will sometimes gain through others.
Dwi graha yogas (Two planets in one house)
You are having Sun and Mercury in one sign.
If the Sun and Mercury are in one House, you will be in service, will have unsteady wealth,
be sweet in speech, will have fame and money, be noble, dear to king and good people
and will possess strength, beauty and learning.
You are having Sun and Venus in one sign.
If the Sun and Venus be together, one will be skillful in use of weapons, be mighty, weak-
sighted in old age, will be able to amuse the public and will have abundant money earned
through women.
You are having Mercury and Venus in one sign.
Should Mercury and Venus be together at birth, you will be abundantly rich, a politician, an
artisan, will study Vedas, be good in speech, will know to sing, make fun and like scents
and flowers.
Thri graha yoga (Three planets in one house)

You are having Sun, Mercury and Venus in one sign.


If Mercury, Sun and Venus be together, you will be insatiable, talkative, intent on
wandering and subjected to grief on account of women.
Chatur graha yogas (Four planets in one house)
Planetary Predictions
Sun Sign and House placement
If the Sun is in Libra at birth, the native will face frustration, destruction and heavy
expenditure, will be intent on living in foreign places (out of distress), be wicked, mean, be
devoid of affection, will live by selling gold and other metals, be jealous, fond of doing
others' jobs, will co-habit with others' wives, be dirty, will incur royal contempt and be
shameless.Sun in the 9th bhava
Born with the paternal curse; possess wealth, children and relatives; orator; preacher;
spiritual guru; high rank in the religious institution or in the temple committee. Even if you
are less attached to your father and have little respect for him, you will have paternal
wealth.
Moon Sign and House placement
Should the Moon be in Aries, the native will have a golden coloured body, will be endowed
with lasting wealth, be devoid of co-born, be valorous, self-respected, auspicious,
prosperous, libidinous, will have weak legs, ugly nails and little hair, be fickle-minded, will
consider honour, as wealth, will possess hands and legs, like the lotus, (i.e. these will be
lotus-red), will have more sons, round eyes, be friendly, be afraid of getting into watery
places, like river, well etc.), will have wounds on the head and be won over by
females.Moon in the 3rd bhava
You will be rich, learned, strong, a miser; and will have virtuous brothers. You will be a
coward; and effeminate in nature. You will have good handwriting.
Mars Sign and House placement
If Mars is posited in Capricorn at birth, one will be wealthy (fortunate), be endowed with
happiness and pleasures, be wealthy, will have an excellent disposition, be famous, be an
Army chief, or a king, will possess a good wife, be successful in war, will live in his own
country, be independent, be a protector, be virtuous and will be interested in various
procedures.Mars in the 12th bhava
Eye disease; residence in an alien land; trouble from thieves. You may die of cancer/
vehicle/ electricity/ by the lack of minerals.
Mercury Sign and House placement
If Mercury falls in Libra at the time of one's birth, the native will possess knowledge of
arts, be intent upon arguments, be an able speaker, will spend money lavishly, will have
business in various directions, will honour wise men, guests, Gods and preceptors
(elders), be skillful in pretending to serve others, be amiable, devoted to Gods, fraudulent,
fickle-minded and sometimes short-tempered and yet sometimes (notably)
peaceful.Mercury in the 9th bhava
You are very clever; proficient in poetry and music; learned man; famous businessman
and consultant. You will be very lucky when Mercury conjuncts with Venus in the 9th.
Jupiter Sign and House placement
Should Jupiter at the time of one's birth be in Scorpio, he will be expert in Sastras, be a
king, will be a commentator of many Bhasyas (a commentary, which explains Sutras word
by word with comments of its own, for example, on Vedas), be skillful, will construct
temples and towns, will have many wives, but few sons, be troubled by diseases, will
undergo many difficulties, be very fierce, be ostentatious in his performance, be virtuous
and will indulge in contemptuous acts.Jupiter in the 10th bhava
High job (Top Management); famous. You will have happiness, sons, virtue and a nice
home. You may be a religious leader, a preacher or a priest. The peculiarity of Jupiter in
the 10th is that you won’t get any help from your sons.
Venus Sign and House placement
If Venus occupies Libra, the native will acquire hard-earned money, be valorous, endowed
with superior robes etc., interested in living in foreign countries, will protect his own
people, be skillful in his duties, rich, meritorious, famous by honouring Gods and
Brahmins, be a scholar and be fortunate.Venus in the 9th bhava
Fortunes after marriage; virtuous wife. You will be an expatriate. Expert in music; talent in
music; lyric writer; earn from financial transactions; respectable government job. You will
have wealth and prosperity. Venus in the 9th in a female horoscope gives her good
husband, luck and long life.
Saturn Sign and House placement
If Saturn occupies Sagittarius, one will be skillful in behavior, teaching, Vedic meanings,
learning and denotation, (i.e. he will be best placed in these respects), be famous due to
virtuous children, family profession and his own virtues, will enjoy excellent affluence in
his old age, will speak less, will have many names and be soft in disposition.Saturn in the
11th bhava
You will be noble, rich; and have long life. You will suffer on account of your children and
harm your elder brother. You will be pious and worthy of government job.
Rahu Sign and House placement
Rahu is favourably situated in Cancer sign. It brings light in the darkness which may
surround the native, helps him to see clearly into his affairs, and to act judiciously without
hesitating.Rahu in the 6th bhava
You will have body strength, mental strength, financial prosperity and long life. You won’t
have any fear of enemies. You may enter the civil service. Rahu in exaltation in the 6th will
cause disaster. A weak Rahu in the 6th is beneficial.
Ketu Sign and House placement
Ketu in Capricorn is a very evil position. It brings with it sorrow, and a tendency to
neurasthenia, which it is difficult to overcome. It gives the native a character or
disposition which is subject to constant changes; it is also a sign of disappointment in
love through the native’s own fault, as he has not the gift of attracting love.Kethu in the
12th bhava
You will spend wealth and live in a foreign country abandoning your wife and children.
You won’t get happiness from home. You may die by the attack of your adversaries/by
falling from height.
व शॊ र दशा फल
केतु महादशा : 02.05.2017 से
य द केतु अपने चाट म अ छ तरह से रखे ह तो आप धन ा त कर रहे ह गे, मू यवान चीज का प र हण, भेदभाव का
लाभ, स मं दर म आकषक लाभ और पूजा करगे। ये केतु दास के श शाली चरण के तहत होने के प रणाम ह।
आप एक सुखी और सुखी जीवन का भी नेतृ व करगे जो एक ब चे के ज म के साथ पूरक होगा। साधारण चरण म, आप
अपनी तभा का दशन करके व र अ धका रय से धन ा त कर सकते ह और आप नए दो त भी बना सकते ह।
य द केतु आपके चाट म अ छा नही है, तो आप चोट और बीमा रय के शकार ह गे, आप खी और खी ह गे, मन से
परेशा नयां और महान बुराई आपके रा ते आएगी। व ीय नुकसान भी होगा। आपके वैवा हक जीवन म कोई शां त और
सुख नह होगा.इस दास के तहत, ए रयन कई शमनाक और शमनाक प र थ तय का सामना करगे। र तेदार , संप य
के नुकसान, मवे शय और अ य घरेलू सामान के साथ परेशानी होगी। खतर , प नी क मृ यु, बुराई से संप के
अ ध हण का मतलब होगा। इस सम या से मुकाबला करने के लए आपको केतु मं या गणेश तो रोज़ाना ज री है।

शु महादशा : 02.05.2024 से
अगर शु आपके चाट म अ छ तरह से रखता है तो एक ब चे के ज म के साथ पू रत एक खुश और सुखी वैवा हक
जीवन का अनुभव होगा। मौ क लाभ, सव और खुश वैवा हक जीवन से ा त सुख, दे शी जीवन के जीवन को जी वत
बनाएंगे। ापार और खेती से मौ क लाभ और आपके म संघ क वृ , नाममा शु ल दशा के भाव ह। इस अव ध
के दौरान आप 'जी वत रहने और जी वत रहने के स ांत' पर व ास करना शु करगे! आप वयं खुश रहगे और आपके
चार ओर के लोग को भी खुशी दे गा। सुकुरा दशा के कमजोर भाव से आप अपनी प नी से झगड़गे; भचार और
वदे शी भू म म नवास काड पर भी ह गलतफहमी और ःख जैसी चीज आपको खी और उदास जीवन जीने के लए
े रत करगी। समु पर या ा और ऋण का मोचन भी होगा.
य द शु कमजोर या कमजोर है या बीमार पड़ता है तो आपको पा रवा रक जीवन म सम याएं पड़ेगी, आपक प नी को
वा य सम याएं ह गी, आपको व ीय नुकसान हो सकता है और कुछ वा य सम याएँ भी ह गी। बीमार रखा वीनस
क वजह से सम या पर काबू पाने के लए, आपको सु मं या ल मी तो रोज़ाना पाठ करना ज री है।

सूय महादशा : 02.05.2044 से


अगर सूय आपके चाट म अ छ तरह से रखा जाता है तो इस महाशाह म वहां मू यवान चीज का वलय, और त त
मं दर के लाभ दता, लाभ द लाभ और अपने श शाली चरण म दे शी पर पूजा क जाएगी। ले कन दे खभाल के कारण
वा य से लया जाना चा हए य क, अपने सामा य चरण के तहत, मूल बीमार वा य और बीमारी से पी ड़त हो सकता
है आप भी वदे शी पयटन के लए और भी भा यशाली ह गे, जहां तक राजनी तक ग त व धय का संबंध है, आप भी ऐसे
चुनाव के लए खड़े हो सकते ह जहां आप न त प से रा प त या सामा जक और राजनी तक नकाय के त न धय
के प म चुने जाएंगे।
य द सूरज कमजोर या कमजोर या बीमार पड़ता है तो इस महाशाह म आप दशा के कमजोर चरण के दौरान र तेदार ,
म और पड़ो सय और आपके सहयो गय के बीच चोट, रोग, अ यता और गलतफहमी के शकार होते ह और आप
भी भा वत हो सकते ह। कान म दद और कुछ मू परेशा नयां इस सूय महा डशा, मं सूय मं या शव पंच मं के
नकारा मक प रणाम पर काबू पाने के लए और अ भषेक भगवान शव को करते ह।

चंद ् महादशा : 02.05.2050 से


अगर चं मा आपके चाट म अ छ तरह से रखा तो इस महासाह म आप माला, स , स मान, गहने, घरेलू सुख और
भू म और धन के अ ध हण का आनंद ले रहे ह गे। आपक संप म वृ , आपके प रवार के जीवन म खुशी और आपके
बौ क ग त व धय म सफलता होगी। आप अपने दो त के च को बढ़ाना होगा और आप धा मक मामल के लए
कोप ह गे। आप भी सामा य समृ , ापार म समृ और आपके गत वसाय और वसाय म भी प ंच सकते
ह।
य द चं मा कमजोर है तो इस महाशाह म आप मान सक तनाव से पी ड़त हो सकते ह। आप ठं ड, एलज और पेट क

े ी ो े ी ो ओ औ ो े ी
सम या से पी ड़त हो सकते ह, ीण हो जाओ, अ म और नाखुश हो धन क हा न, अपमान, प रवार के जीवन म
गलतफहम और अनाव यक बुरा त ा और परेशानी आपको अलग-अलग तरीक से समझगी। अपने दशा म चं मा के
नकारा मक भाव पर काबू पाने के लए, आपको मं मं क ज रत है या शव पंचप ी मं भी नय मत प से चं
ह क तो का जप करते ह।

मंगल महादशा : 02.05.2060 से


य द आपके चाट म मंगल को अ छ तरह से रखा गया है, तो आप धन, कपड़े, गहने और अ य सभी भौ तक सुख के साथ
दखाएंगे। ताजा नयु यां, लाभ, जीत, संबंध म वृ और आपके सभी सामा य सुख और इ छा को पूरा कया
जाएगा भी आपका रा ता आ जाएगा। आपके सामा जक रक, त ा, थ त और त ा के कारण आपको मौ क धन
ा त होने क संभावना है। आप ऊजावान और सफल होने क भी संभावनाएं ह
य द मंगळ कमजोर ह तो शाद म वलंब होगा। आप वा य सम या से पी ड़त हो सकता है आप इस महा दशा म
जमीन, घर या अचल संप खो सकते ह। इन सम या को र करने के लए आपको कुजा मं या कुंज तो का जप
करना होगा। इसके अलावा, बेहतर प रणाम के लए भगवान सु म य या नृ सह क पूजा कर

रा महादशा : 03.05.2067 से
य द रा अनुकूल ह के साथ जुड़ गए या य द वह आपके चाट म अ छ तरह से रखे ह, तो इस रे दशा जीवन के सभी
े से धन और समृ लाएगा। आप फोटो ाफ , कला और श प और जा ई व ान म च रखते ह। इसके अलावा,
आप जो भी वदे शी भाषा सीखते ह, उस पर भी आपको एक कमाल का आनंद मलेगा, आप साहसी, एक शोधकता और
सामा जक सेवा के एक ह गे। साधारण या नाममा चरण के तहत, आप के कारण मौ क धन ा त होने क
संभावना है सामा जक रक, त ा, थ त और त ा।
अगर रा आपके चाट म बलहीन हो तो इस दशा का तकूल भाव आपको सामा जक पछड़ेपन, मान सक तनाव और
चता, बुरे सपने, वदे शी दे श म परेशानी लाएगा। आप भी व ीय हा न, बीमार वा य, डर और बुरे वचार का अनुभव
करगे। रा दशा के तहत, अ रयन म घर , प व ंथ का पाठ, पूण घरेलू सुख, स ा ढ़ अ धका रय का स मान और
येक म सामंज य होगा। आदर करना।

गु महादशा : 02.05.2085 से
य द बृह प त आपके चाट म अ छ तरह से रखता है, तो आपके पास कोई मन नह होगा और कसी भी कार क
बीमा रय से भी मु कल से पी ड़त होगा। आपके ारा जो कुछ भी कया जाता है, उसम संतोष होगा और म संघ
ब कुल शानदार होगा। एक ब चे का ज म और धमाथ सं थान क न व को भी सूची म जोड़ा जा सकता है। नजी
मामल म कसी गड़बड़ी का नाममा गु दशा के तहत अनुभव होगा और इससे भी मह वपूण बात यह है क आप सभी
चता से मु ह गे.एक बल गु दशा के साथ, प रवार के ःख के साथ कई रोग के कई हमल से पी ड़त होने से
आपके जीवन म चता से भरा हो सकता है। कसर के मामले म, राजनी तक सफलता, पदो त, ऊंचा पद, मानवतावाद
काय, रा ीय सेवाएं, घरेलू स ाव और सफलता और अ ात ोत से धन के अ ध हण आपके रा ते म आ सकते ह। धनु
और मीन, बेटे, धन, स और सामा य सफलता के मामले म होने वाले ह।
य द बृह प त आपके चाट म एक नकारा मक ह या बीमार है, तो यह दशा व ीय सम या , ब च क हा न, अचानक
गरावट, वा य सम या और थ त का नुकसान हो सकता है। गु मं या गु तो के जप क तरह उपचार करना
बृह प त के नकारा मक प रणाम को कम करेगा।

श न महादशा : 03.05.2101 से
य द श न अ छ तरह से रखा जाता है और योगा धकार ह तो इस महा डैश म आप नरंतर धन ' वाह-इ स' के साथ खुश
रहगे, वदे शी नमं ण ा त करगे, नए कायशाला को खोलगे और अपने समुदाय के भीतर वाले लोग से संपक करगे।
अ छ तरह से रखा सैटन पदो त, क रयर, नाम और स म वृ दे ता है। आपको व भ े से भी सहायता मल
सकती है श न कमा का ह है य द वह अ छ तरह से इस महाशाह म रखा गया तो आप सफलतापूवक अपने सभी
उप म को पूरा करगे।

ी ी ो ै ो ो े औ ो े ी
य द श न इस बीमारी म रखा या कमजोर कर दया जाता है तो आप को अनपे त नुकसान, प रवार और दो त के बीच
येक उप म और गलतफहमी म नराशा हो सकती है। कमजोर सैटन भी क रयर या नौकरी के नुकसान म सम या
का कारण बनता है। नकारा मक प रणाम को र करने के लए श न मं या श न तो का पाठ करना ज री है ।

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