Professional Documents
Culture Documents
सद य सद य सद य सद य सद य व
बजली यां क प रवहन अिभयां क टाफ़ आयु
इनके अधीन येक वभाग के िलए िनदे शालय काय करते है , जसमे -
अपर सद य बजली (A.M.L.)
सलाहकार Advisor
कायकार िनदे शक Executive Director
िनदे शक Director
संयु िनदे शक Joint Director
उप-िनदे शक Dy.- Director
सहायक व ुत इं जीिनयर A.E.E.
1
17 े ीय रे ल -
े मु यालय
1) पूव रे ल फ़ेअल लेस, कोलकाता
2) प म रे ल चचगेट, मु बई
3) उ र रे ल नई- द ली
4) द ण रे ल चे नई
5) म य रे ल छ.िश.ट., मु बई
6) पूव-म य रे ल हाजीपुर
7) पूव-म य-तट य रे ल भुवने र
8) प म -म य रे ल जबलपुर
9) उ र-पूव रे ल गोरखपुर
10) उ र-प म रे ल जयपुर
11) उ र-म य रे ल इलाहाबाद
12) उ र-पूव-सीमा त रे ल गुवाहाट (मालीगाव)
13) द ण -पूव रे ल गाडन र च, कोलकाता
14) द ण-प म रे ल हु बली
15) द ण-म य रे ल िसक ाबाद
16) द ण-पूव-म य रे ल बलासपुर
17) मे ो रे ल कोलकाता
येक े ीय रे लवे को कई मंडल तथा े ीय ईकाई मे वभा जत कया जाता है।
मंडल का शासिनक मु खया मंडल रे ल बंधक (D.R.M.) होते है इनके अधीन सभी वभागो
का शाखा अिधकार कायरत है जैसे क व ुत वभाग का व ुत सामा य शाखा के िलए
वर मंडल व ुत अिभयंता (सामा य) Sr.D.E.E.(G) है । मंडल अिधका रय के मदद के िलए
मंडल सहायक अिधकार होते है जैसे क सहायक मंडल व ुत अिभयंता (A.D.E.E)।
े य ईकाई जैसे कारखाना (Workshop) का मु खया मु य कारखाना बंधक
(C.W.M.) है । कारखाने का शासन मंडल का काय प रिध मे नह आता है ।
उ पादन इकाईयां-
अ. इकाई थान रा य
1 इ ट ल कोच फ़ै पैर बूर (चे नई) तिमलनाडु
2 रे ल कोच फ़ै कपूरथला पंजाब
3 िच रं जन लोकोमो टव व स िच रं जन प म बंगाल
4 रे ल ह ल फ़ै टर बगलु कनाटक
5 ड जल लोकोमो टव व स वाराणसी उ र दे श
6 ड जल लोको मॉडनाइजेशन व स प टयाला पंजाब
2
7 रे ल ंग कारखाना िसथौली म य दे श
3
इँ जनीयर
उप-िनदे शक Dy.- Director
सहायक व ुत इं जीिनयर A.E.E.
इन सबके सहयोग िलए अपर मु य व ुत अिभयंता (Dy.C.E.E.),व र व ुत अिभयंता
(Senior Electrical Engineer,S.E.E.) एवं सहायक व ुत अिभयंता (A.E.E.) रहते है ।
मंडल तर पर
मंडल रे ल बंधक (D.R.M.)
अित र मं ल रे ल बंधक (A.D.R.M.)
वर मंडल व ुत अिभयंता (सामा य)Senior Div.Elect.Engr.(Gen.)
वर मंडल व ुत अिभयंता (कषण वतरण)Senior Div.Elect.Engr.(TRD.)
वर मंडल व ुत अिभयंता(कषण चल टाक)Senior Div.Elect.Engr.(TRS.)
वर मंडल व ुत अिभयंता(कषण प रचालन)Senior Div.Elect.Engr.(TRO.)
सहायक मंडल व ुत अिभयंता (A.D.E.E.)
उप-पाठ 5. विभ न े के काय ( व ुत)
1. सामा य सेवा (GENERAL SERVICES)
अ) बा अनुर ण (ओएसएम) - इसके अ तगत टे शन प रसर ,याड,रे ल कमचार
आवास,सड़क, स वस इमारत इ या द क लाइट, व ुत मोटर प प,वातानुकूल इमारत,वाटर-
कूलर तथा या ी आर ण णाली (PRS) आ द काय आते है ।
ब) गाड़ काश एवं वातानुकूल (कोिचंग) - इसके अ तगत गाड़ अथात कोच के अ दर लगे
व ुत उपकरण एवं वातानुकूल कोच का अनुर ण स बंधी काय आते है ।
2. कषण वतरण (TRACTION DISTRIBUTION)— व ुत कषण वतरण के अ तगत
आनेवाले काय िन निलखीत है .
i. ॅ शन सब- टे शन/ पावर स लाई इ टालेशन (TSS/PSI)
ii. ॅ शन पावर कं ोल (TPC)
iii. ऊपर उप कर (OHE)
i v. रमोट क ोल उपकरण (RCE)
3.कषण चल टाक (TRACTION ROLLING STOCK)
कषण चल टाक वभाग ारा व ुत लोकोमो टव का अनुर ण,सुधार करना तथा
रखरखाव कया जाता है ।
4. कषण चल प रचालन (Traction Rolling Operation)
व ुत चल प रचालन वभाग ारा व ुत लोकोमो टव के संचालन क यव था का
काय कया जाता है ।
4
उप-पाठ 6 विभ न क याण योजनाएं
सभी रे वे ,मंडल,कारखाना, तर पर एक कािमक अिधकार दे खरेख के िलए रहता है ,
जो कमचार के क याण के काय करता है । इनक मदद के िलए क याण िनर क का दल
रहता है । इसका मु य उ े य रे ल किमय को उनके अिधकार एवं सु वधाओं के बारे मे जान
-कार दे कर जाग क करना है तथा उिचत मदद करना है ।
क याण योजनाओं के अ तगत सु वधाएं :
a) रे लवे मनोरं जन गृह
b) रे लवे कूल
c) ब च का कप
d) हॉली डे होम
e) ट .वी.सेनेटे रयम
f) कै ट न सु वधाएं
g) को-आपरे टव सोसाईट
h) हॉ टल(छा ावास)
i) लब
j) छा वृ आ द क याण योजनाएं है ।
* * *
5
8 ल मशीन ह तचिलत एवँ लोहा एवँ लकड आ द मे छे द
व ुत ारा करने के िलए.
9 पाने ( पेनर) लैट,दो मुखी, नट बो ट पकडने, कसने एवँ
ए ज टे बल, बा स खोलने के िलए.
पाना, रच पाना.
10 सटर पंच -- जाब मे ब दु िनशान के िलए
11 आर (टे नन साँ) 250,400,mm लकड काटने के िलए
12 है क साँ फ स, एडज टे बल लोहा काटने के िलए
13 ट ल फूट 15,30 cm सीधा ल बाई नाप के िलए
14 ाई वेअर 150,300 mm समकोण, 90 ड ी कोण नाप
के िलए
15 इले िशयन चाकू (नाईफ) --- केबल (तार) के इ सुलेशन
िछलने, का ने के िलए
16 सो ड रं ग आयरन (क हया) 25,40,65,125 watt वाइं ट टिमनल जोड बनाने के
िलए
17 टडड वायर गेज --- केबल (तार) का नाप (साइज)
चेक करने के िलए
18 माइ ोमीटर ---- मोटाई , यास आ द सू मता
से नापने के िलए
19 वाइस पाइप, बच, एव ् ँ हड जाब को फ स पकडने के
िलए
20 टे कोमीटर् ---- मशीन का RPM चेक करने के
िलए
6
उप-पाठ मांक - 3 औजार के योग के दौरान सावधािनयां
***
7
उप-पाठ मांक - 2 ली ट काऊंट,ए युरेसी ,क़ैिलबरे शन
ली ट काऊंट : मेन केल का युनतम भाग एवं विनयर केल का कुल भाग के बीच के
अनुपात को ली ट काउं ट कहते है । जैसे क मेन केल मे 1 भाग हो ओर विनयर केल मे
25 भाग हो तब ली ट काऊंट = 1/25 = 0.04
ए युरेसी : कसी व तु का सह नाप नह िमल सकता है । तापमान टू स के ु ट एवं
य ारा ु टयां आ द के कारण नाप मे यितयान आते रहते है , जैसे क 100 सेमी ल बा
व तु अलग य अलग समय नापने पर कसी को 99 सेमी,दु सरे को 99.5 से.मी.,ओर
कसी को 99.8 से.मी. नाप ा हु आ तब सबसे कम ु ट या सह नाप का सबसे िनकटतम
नाप 99.8 से.मी. से समझोता कया जाता है । इस तरह कसी व तू का मूल नाप के
िनकटतम माप का समझोते को ए युरेसी कहते है । अगर ु ट (एरर) कम हो तो ए युरेसी
अिधक होगी।
कैिलबरेशन : हमेशा इ तेमाल होने वाले टू स एवं उपकरं ण मे ु टयां पैदा हो जाता है एवं
व सनीयता कम हो जाता है ओर इससे बगड़ना या धोखा हो सकता है । उपकरण के
उपयोग का आवृ के अनुसार तीन माह, ह माह,एक वष,दो वष आ द अ तराल मे
िनयिमत प से चेक होना चा हए। इस तरह िनयिमत प से कसी भी उपकरण का
योगशाला मे रखे हु ए टै डड (मानक) उपकरण से िमलान करके से टं ग कया जाता है ।
इस काय को कैिलबरे शन कहते है ।
8
माइ ोमीटर : अिधक से अिधक ए युरेसी से नाप ा करने के िलए माइ ोमीटर का
उपयोग कया जाता है ।
***
पाठ मांक - 4 मैटे रयल है डिलंग एवं टोरे ज
9
4. चु बक य पदाथ (मै ने टक मैटे रयल) : आसानी से चु बक बनने वाला एवं चु बक य
बल रे खाओं को आसानी से गुजरने मे मदद करने वाला पदाथ को मै ने टक मैटे रयल कहते
है । सभी व ुत मशीन और उपकरण मे इस पदाथ का योग होता है । उदा.
लोहा, ट ल,िनकल,आ द।
10
3.कम घन व (लो-डे सट ) - वजन मे ह का हो ।
4. वलनशील न हो
5.लचीलापन होना चा हए।
उप-पाठ - 6 भंडार मे सावधािनयॉ
1.है डिलंग के समय नुकसान नह होना चा हए।
2.आग लगने एवं दु घटना से बचाव करना चा हए।
3.चोर होने से रोकने का उपाय करना चा हए।
उप-पाठ मांक - 7 मैटे रयल का चुनाव (सेले शन)
1.आव य ानुसार पया ् मा ा मे मैटे रयल रखना चा हए।
2.यां क(मैकेिनकल),उ मीय(थमल),तथा रासायिनक(केिमकल) गुणव ा का यान रखना
चा हए।
3.आसानी से उपल ध एवं टकाऊ तथा स ता होना चा हए।
4. व सनीय िनमाताओं से ा होना चा हए।
***
पाठ मांक - 5 य गत संर ा
उप-पाठ मांक - 1 टू स एवं अ य उपकरण का उपयोग
1. कसी य को टू स दे ते समय केवल टू स के है डल क तरफ़ से दे ।
2.फ़ाइल, ू ाइवर आ द न कदार टू स बना कवर के जेब मे न रख।
3. व ुत स कट मे काय करते समय इ सुलेटेड टू स का ह योग करे ।
4.घुमने वाली मशीन मे काय करते समय सुिन त करे क स लाई ब द है एवं अचानक
कोई उसे आन नह कर सकता है ।
5.चालू स कट मे कभी भी काय न कर न ह कसी अ य य को काय करने को े रत
कर।
उप-पाठ मांक - 2 से ट बे ट,हे लमेट सीढ का योग
ऊॅचाई पर काय करते समय से ट बे ट,हे लमेट का उपयोग कर। ऊॅचाई थान,सीढ
पर कोई ओेजार न रख। सीढ को हमेशा कसी दू सरे य ारा पकड़कर रखना चा हए।
11
उप-पाठ मांक - 5 अिथग(Earthing)
सभी मशीन एवं उपकरण क बाड को अथ करना ज र है ता क लीकेज करट से शाक
(झटका) न लगे।
***
12
पाठ मांक - 6 व ुत ख ड मे संर ा
उप-पाठ मांक - 1 व ुत लाइन मे इ ड शन भाव
उप-पाठ मांक - 3 लेटफ़ाम एवं फ़ुट ओवर ज पर काय करते समय सावधािनयॉ
लेटफ़ाम पर,फ़ुट ओवर ज पर काय करते समय इ ड शन करे ट का खतरा होता
है । काय करने वाले कमचार को अपना अलग अिथग सुिन त कर काय करना चा हए।
13
पाठ मांक - 7 अ नशमन काय
उप-पाठ मांक - 1 अ नशमन यं के कार
अ नशमन यं मु यत: पॉच कार के होते है :
1.सोडा एिसड टाइप
2.फ़ोम टाइप
3.काबन डाई-आ साइड
4. ाई केिमकल पाउडर
5. अ य तर के जैसे - रे त क बा ट , फ़ायर गेड ।
1.सोडा एिसड टाइप : - इसक पहचान यह है क यं मे नोजल बाड के साथ लगा रहता
है । ऊपर मे लगे लंजर मे कैप लगी रहती है । यह शु क आग (Dry fier) को बुझाने के िलए
उपयोग कया जाता है ।इसमे पानी िमि त सो डयम बाइ-काबनेट गैस पैदा होता है । और
इससे बनी झाग 20 से 25 फ़ ट दू र तक क आग को बुझाने के काम आता है । व ुत आग
के िलए यह उपयोगी नह है ।
2.फ़ोम टाइप :- इसमे नोजल कैप के साथ लगाया जाता है बाड के साथ नह । कैप मे
लॉ कंग यव था होती है । यह वशेष प से व एवं तेल से स बंिधत आग ( बी ेणी ) को
बुझाने के िलए उपयोग कया जाता है । इसके झाग मे व ुत चालकता के कारण व ुत आग
बुझाने के िलए उपयोगी नह ह। ए- ेणी आग मे भी उपयोग कया जा सकता है एवं इसका
रज 20 से 25 फ़ ट तक होता है ।
3.काबन डाई -आ साईड :(Co2) :- इसका आकार गैस िसिल डर जैसे होता है , ड चाज टयुब
के साथ हान लगा रहता है । 3 से 15 पाउं ड मता के िमलते है । इसका रज 8 से 10 फ़ ट
होता है । यह य गत आग के अलावा सभी मौके पर इ तेमाल हो सकता है एवं कसी
व तु मे ित या कोई ध बा आ द नह छोड़ता है ।
4. ाई केिमकल पावडर ( D.C.P) :- इसमे ड चाज टयुब मे गर वा व लगा रहता है । कैप
मे ेिशंग डवाइस लगी होती है । यह वशेष प से व ुत आग बुझाने के िलए सीधे उपयोग
कया जा सकता है । यह य गत आग के अलावा सभी मौके पर इ तेमाल हो सकता है ।
इसका रज 4 मीटर तथा ेशर 50 पी.एस.आई होता है । इसमे सो डयम बाई काब नेट 97%,
मै निशयम ट रे ट 11/2%, मै निशयम काब नेट 1%, ाई कै शयम फ़ा फ़ेट 1/2%, इस
केिमकल के िम ण को पावडर के प मे दो क टे नर मे रख दया जाता है । काबन डाई
आ साइड गैस िसिल डर, अ दर के क टे नर मे रखा जाता है ।
5.अ य तर के - अ) रे त क बा ट :- बा ट मे रे त भरकर रख दया जाता है । आव यकता
पडने पर आग पर रे त फ़ककर आग को बुझाया जा सकता है ।
ब) फ़ायर गेड :- यह एक मशीन है जो पानी को आग पर अिधक दबाव के साथ 50 से
100 फ़ ट रज से िछड़कने का काम करती है । इस मशीन मे एक पाइप टै ड होता है
जसक ऊचॉई 2 से 3 फ़ ट है । इसम लगे हु ए डलीवर हॉज पाइप क ल बाई 50 से 100
14
फ़ ट होता है । मशीन के ांच पाइप का आ खर भाग मे जेट फ़ट कया रहता है । ओर वा व
को खोलने या ब द करने के िलए एक हाइ े ट चाबी होती है ।
***
पाठ मांक - 9 मैटे रयल है डिलंग एवं उपकरण का संचालन
उप-पाठ मांक - 1 उपकरण के कार
मैनुअल उपकरण
1. कै रयर - बा स े ,हाथ क ाली आ द।
2. े वट आधार पर ढलान म।
मैकेिनकल उपकरण -
1. ऊपर उठाने का उपकरण - िल टं ग
2. सीधा ले जाने वाला उपकरण- फ़ोक िल ट
15
उप-पाठ - 2 उपकरण के काय
मैनुअल : य ारा मैटे रयल को ठे ले मे ओर पे टय मे उठाकर थाना तर करने क
विध होती है । इसम य को अिधक म करना पड़ता है । इसमे समय अिधक लगता है ।
े व ट आधार : इस विध मे ढलान ( लोप) का फ़ायदा उठाकर मैटे रयल को ओर आसानी
से /सरलता से थाना तर कया जाता है ।
मैकेिनकल है लंग : इस तरह के उपकरणं व टकल (ऊ द) एवं हो रजो टल ( ेितज) दोनो
संचरण काय के िलए उपयोगी है , जसम मानव म कम होता है । अिधक भार व तू कम
समय मे अिधक दू र थाना त रत कर सकता है । उदा. फ़ोक िल ट, क, े न आ द।
उप-पाठ - 4 सावधािनयां
1. मशीन क मता के अनुसार ह वजन उठाना चा हए।
2. सतकता से काय करना चा हए एवं कुशल य के िनर ण मे काय कर।
3. वायर रोप /िल टं ग चेन आ द का िनर ण अव य कर।
4. ओवर लोड न कर।
***
16
4.फ़श क सफ़ाई स ाह मे एक बार करना चा हए।
5.नािलय क सफ़ाई समय समय पर होना चा हए।
6. काय थल पर हवा एवं रोशनी पया मा ा मे होना चा हए।
7. हर 14 माह मे एक बार पुताई होना चा हए।
8. हर 5 साल मे एक बार प टं ग होना चा हए।
***
अ याय - 02
पाठ मांक - 1 सामा य व ुत तकनीक एवं प रभाषाएं
उप-पाठ मांक - 1 व ुत स कट ,करट,वो टे ज,रे ज टस
1. व ुत प रपथ (स कट) : करट को बहने के िलए तैयार कया गया चालको का पथ (माग)
को व ुत प रपथ कहते है । एक पूण प रपथ मे व ुत स लाई , व ुत लोड, इसको जोड़ने
वाले तार , िनयं क यु , एवं बचाव यु शािमल होता है ।
a. ब द प रपथ : ( लोज स कट)- यह पूण स कट कहते है इसके ारा व ुत करट
सामा य प से बहता है ।
b. खुला प रपथ (ओपन स कट)- यह स कट प रपूण नह होता है एवं कोई करट नह बहता
है ।
c. शॉट स कट - इसम बना लोड प रपथ पुण हो जाता है एवं नामल करट का कई गुणा
अिधक करट का वाह होता है एवं प रपथ मे ित पहु च
ँ ता है ।
व ुत स कट मु य प से दो कार होते है :
1. सीर ज ( ेणी) प रपथ
2. पैरेलल (समाना तर) प रपथ
1. सीर ज प रपथ : जस प रपथ मे करट का बहाव हे तु एक ह माग (पथ) होता है ,सीर ज
प रपथ कहलाता है ।
2. पैरेलल प रपथ : जस प रपथ मे करट के वाह के िलए अनेक रा ते (माग) है या सभी
पुज एक ह व ुत ोत के आर-पार (Across) जुड़े हो समाना तर /पैरेलल प रपथ
कहलाता है ।
सीर ज एवं पैरेलल प रपथ मे अ तर
सीर ज प रपथ पैरेलल प रपथ
1. करे ट के िलए एक ह पथ होता है । इसमे करट के िलए कई/अनेक पथ होते है ।
2. व ुत लोड को माला के आकार मे जोड़ा लोड को िसढ (Ladder)क आकार मे जोड़ते है ।
जाता है ।(झालर जैस)े
3.रे ज टस क मा ा के आधार पर सभी लोड वो टे ज सभी लोड मे समान होता है ।
मे वो टे ज वभ हो जाता है ।
4.करट क मा ा सभी लोड मे समान होता है । लोड रे ज टस क मा ा के अनुसार करट
17
बढता घटता ( वभ हो) जाता है ।
5. सीर ज मे जोड़ने से रे ज टस का मान कुल रे ज टस सबसे कम वाला रे ज टस क
(वै यु) बढता जाता है । मा ा से भी कम होगा।
18
इसको व ुत मे एपेरे ट पावर कहते है। ड .सी. मे एवं शु द रे ज टस स कट मे वो ट X
ए पीअर = पावर होता है और इसका युिनट वाट (Watt.) है ।
1000 वाट को कलोवाट कहते है , इसी तरह 10,00,000 (दस लाख) वाट एक मेगा वाट के
बराबर होता है ।
व ुत मे 746 वाट एक अ श के बराबर होता है ।
एक कलोवाट व ुत श 1.34 अ श (h.p.) के बराबर होता है ।
V = I X R या I = V/R, R = V/ I
इसी तरह व ुत स कट मे पावर से स ब धत सू िन निल खत है :
पावर = वो टे जXकरट (ए पीअरं मे) = VxI वाट,
करट = पावर/ वो टे ज - P/V = I ए पीयर
वो टे ज = पावर/ करट P/I = V वो ट
19
उदाहरण - 1
िच के अनुसार वो टे ज ात करना है :
उदाहरण - 2
उपरो िच ानुसार प रपथ मे बहने वाली करट िनकािलए :
उदाहरण - 3
िच ानुसार करट = 8 ए पीअर , तथा वो टे ज = 24 वो ट , प रपथ का ितरोध ात
करना है ।
20
ओहम ् के िनयम के अनुसार रे ज टस R = वो टे ज(V) ÷ करट (I)
प रपथ का ितरोध R = 24 ÷ 8 = 3Ω
उ प रपथ का ितरोध = 3Ω --- उ र.
श (पावर) के िलए सू :
21
सू : कुल ितरोध 1/R = 1/R1 + 1/R2
R = R1 R2 ÷ R1+ R2
उपरो प रपथ के अनुसार कुल ितरोध R = 6x3 ÷ 6+3 = 18 ÷ 9 = 2 ओ
या 1/R= 1/R1+1/R2 या R= 1 ÷ 1/R1+1/R2
= 1 ÷ 1/6 + 1/3 = 1 ÷ 1+2/6 = 1 ÷ 3/6 = 6/3 = 2 ओ --- ( उ र.
22
उदा. िन निल खत प रपथ मे अ) कुल ितरोध ब) करे ट स) पावर िनकािलए ?
****
उप-पाठ - 4 मै ने ट म, इले ोमै नेट, ए पीअर टन, एम.एम.एफ़.
व ुत स कट एवं चु बक य स कट मे तुलना
23
मांक व ुत स कट चु बक य स कट
01 इसमे इले ान वा हत होता है । इसमे चु बक य बल रे खाये ( ल स)
होती है ।
02 इसमे इले ोमो ट ह फोस ् E.M.F. इसमे मँ नेटोमो ट ह फोस M.M.F.
वो टे ज होता है । होता है ।
03 इसमे रे ज टस होता है । इसमे रल टस होता है ।
04 इसमे क ड ट वट होती है । इसमे परिमय बिलट होती है ।
24
ए पीअर टन = व ुत चु बक मे वा हत करट X वायल के टन क सं या
25
ड चा जग के समय KOH K + OH
Ni(OH)4+2K Ni(OH)2+ 2KOH (+ लेट),
Fe + 2OH Fe (OH)2 (- लेट)
चा जग के समय Ni(OH)2 + 2OH Ni (OH)4 (+ लेट),
Fe (OH)2+2K Fe +2KOH (- लेट)
26
नोट -- िनकल आयरन एवं िनकल कैडिमयम सेल मे अ तर इतना है क कैडिमयम सेल मे
िनगे टव लेट आयरन आ साइड क जगह पर कैडिमयम होता है । कैडिमयम का आ त रक
ितरोध कम होने से िनकल कैडिमयम सेल का मता एवं गुणव ा अिधक है ।
व ुत मोटर : व ुत उजा को यां क ऊजा मे प रवितत करने वाली मशीन को मोटर कहते
है ।
िस दा त:- चु बक य े मे कोई व ुत वाहक चालक पदाथ (क ड टर) रखा जाय तो उस
चालक मे एक बल उ प न हो जाता है , इस बल के कारण रोटर घुमने लगता है । यह मोटर
का मूल िस दा त है ।
27
िसंगल फ़ेज ए.सी.मोटर मे टे टर चु बक रोटे टं ग कार का नह होता है । इसको रोटे टं ग
कार का बनाने के िलए फ़ेज िभ नन के िलए अित र टा टग वा डं ग एवं कैपेिसटर
इ तेमाल करके मशीन को दो फ़ेज मोटर जैसे टाट कया जाता है ।
जनरे टर : यां क ऊजा को व ुत उजा मे प रवितत करने वाले मशीन को जनरेटर (जिन )
कहते है ।
िस दा त :- जनरेटर फ़ैराडे का इले ो-मै ने टक इ ड शन िनयम के आधार पर काय करता
है । इस िनयम के अनुसार जब कभी चु बक य बल रे खाओ को कोई चालक (क ड टर) ारा
काटा जायगा उस क ड टर मे व ुत वाहक बल (E.M.F.) े रत होता है ।
जनरे टर मे टे टर वा डं ग को उ े जत करने से चु बक य े पैदा होता है । रोटर मे मेन
वा डं ग होता है जसको ाईम मूवर ारा घुमाया जाता है,तब टे टर फ़ ड के बल-रे खाओ
को रोटर क ड टर ारा काटा जाता है एवं रोटर क ड टर मे आ टन टं ग वो टे ज पैदा होता
है जसको काबन श / लप रं ग ारा बाहर स कट मे िलया जाता है ।
ड .सी. जनरे टर मे काबन श एवं क युटेटर का योग से इस ए.सी. वो टे ज को ड .सी. मे
बदलकर बाहर स कट मे िलया जाता है ।
***
अ याय-03 ा ग एवं प रपथ को पढना एवं बनाने क विध
प रचय (Introduction) – ाइं ग को इ जिनयर लोगो का भाषा कहा जाता है इसका कारण यह
है क कसी व तु जसे पहले दे खा नह गया है , का स पूण ान जब श दो ारा नह
कराया जा सकता है तो उसके िलए केवल ाइं ग ह एक मा यम है जसके ारा उस व तु के
अंग, यांग के मानिच बनाकर व तृत प से समझाया जा सकता है । इसिलए सभी
त निशयन/सुपरवाइजर को ाइं ग एवं प रपथ (स कट) को पढने एवं बनाने आना
चा हए। ाइं ग का अथ है वह रे खािच जसमे पूरा केल के साथ या आयाम (Dimension) एवं
सभी अंगो का स पूण यौरा दया जाता है ।
28
सामा य प से बड़े अ र का (Capital letter) ह उपयोग होता है ।अ र का साइज
िन निल खत चिलत है -
अ) मु य शीषक, ाइं ग मांक आ द - 6,8,10 एवं 12 िम.मी.ऊॅचाई.
ब) उप-शीषक - 3,4,5,एवं 6िम.मी ऊॅचाई.
स) मैटे रयल के नाम,नाप एवं अ य नो स - 2,3,4,5 िम.मी. ऊॅचाई.
उदा.
A B C D 1 2 3 4 ऊ द (Vertical)अ र
A B C D 1 2 3 4 (70 ड ी (Inclined)झुका)
2.गोिथक लेटर (Gothic Letter): अगर िसंगल ोक अ र को अिधक मोटा कया जाय उसे
गोिथक अ र कह सकते है । सभी अ र क मोटाई (Thickness) एक समान होना चा हए। इस
कार के अ र ाइं ग मे मु य शीषक िलखने के िलए उपयोग होता है । सामा य प से
अ र का मोटाई,उसक ऊॅचाई का 1/5 से 1/10 ह सा होना चा हए।
ऊॅचाई एव चौड़ाई का अनुपात 5:4 (केवल A,K,M,W को छोड़कर,इसके िलए ऊॅचाई एवं
चौड़ाई समान नाप के होना चा हए)।
अ र C,D,G,O,Q आ द व टकल अव था मे गोलाकार एवं झुके हु ए र ित मे अ डाकृित का
होना चा हए।
उदा. A B C D 1 2 3 4 (व टकल )
A B C D 1 2 3 4 (70 ड ी झुके हु ए)
ाइं ग मे सभी अंग और िलखे हु ए नाप आ द प दखाई दे ना चा हए। इसके िलए तीन
कार के ाइं ग बनाये जाते है ।
1.फ़ुल साइज - कोई भी व तु का वा त वक नाप के बराबर का आकार मे जो ाइं ग बनाये
जाते है उसे फ़ुल साइज कहते है । इसमे सभी नाप व तु के नाप के समान होता है जैसे क
एक फ़ुट ल बाई का व तु को एक फ़ुट ह दखाया जाता है ।
2.बड़ा (Enlarge) साइज - छोटे आकार के व तु जसके समान नाप के ाइं ग प नह
दखाई दे ता है , ऐसे व तु का ाइं ग वा त वक आकार से बढा करके बनाया जाता है ।
उदा. जैसे क एक च ल बा व तु को 1फ़ुट ल बा दखाया जाता है ।
29
3.छोटा (Reduced) साइज- जब बहु त बढे व तु का ाइं ग बनाया जाता है उसको छोटे पैमाने
मे बनया जाता है ता क ाइं ग पेपर पर सह दशाया जा सके।
उदा. 100 फ़ुट क व तु का एक फ़ुट ल बा ाइं ग बनाया जाता है । (100:1)
1. लान: कसी व तु का, ऊपर से गोचर होने वाले य का रे खािच नाप स हत बनाया
जाता है जसे लान कहलाते है ।
2.एिलवेशन: कसी भी व तु का चारो दशा (Side) से दखाई दे ने वाला ाइं ग को एिलवेशन
कहते है । सामने से दखाई दे ने वाला य का नाप स हत तैयार कया गया ाइं ग को उस
व तु का ट एिलवेशन कहते है , इसी तरह सभी ओर के बैक एिलवेशन एव साइड
एिलवेशन बनाया जाता है ।
30
3.ए ड यु (End View): कसी व तु का बाजू से दखाई दे ने वाला य का नाप स हत
बनाया हु आ ाइं ग को ए ड ु या साइड ु कहते है ।
उदा. 2इंच ्
2.5" लान ्
3"
एिलवेशन
लान ्
एिलवेशन ए ड ु
31
लेन केल: लेन केल का अथ है क उसमे एक मु य भाग और एक उपभाग होता है ,
इसमे दो तरह के नाप पढ सकता है ।उदा. इं च और सूत या से.मी. ओर िम.मी.
डायगोनल केल : इसमे मु य ड वजन के साथ दो उप ईकाई पढ सकता है । जैसे क
मीटर,डे सीमीटर एवं सट मीटर।
उप-पाठ - 6 ाइं ग बोड, ाइं ग मैटे रयल एवं उपकरण
32
सै ड पेपर लाक : पे सल का न क बराबर रखने के िलए (Sharpening) इसका उपयोग
होता है ।
ाइं ग के उपकरण :
ट- वैअर - यह एक हाड लकड़ का बना हु आ होता है इसमे टाक एवं लेड दो पटट 90
ड ी कोण मे जुड़े हु ये होते है ।यह ाइं ग बोड के बाए कनारे के पटट पर ऊपर-नीचे चलाकर
ैितज (Horizontal) एवं समाना तर रे खाएं इसके ारा बनाया जाता है । इसके ऊपर सेट-
वेअर चलाकर व टकल एवं झुके हु ए रे खाएं बनाया जा सकता है ।
33
जतना चाहे बराबर के ह से मे बॉट सकते है । यह साधारणतया पारदश ला टक का बना
हु ए होते है ।
***
अ याय 04 व ुत पदाथ के बुिनया द गुण ( Basic properties of Electrical Materials)
34
उदा. चॉद ,तॉबा,ए युिमिनयम,ज ता,िनकल,पारा आ द। तथा तरल मे अ ल, ार य
िम ण , कॉपर स फ़ेट, स फ़र नाइ े ट का घोल एवं गैस मे िनयान ,म युर वेपर, सो डयम
वेपर आ द।
िन न चालकता पदाथ : इसका ितरोध अिधक होता है , इसिलए यह अ छा चालक नह
होता है । यह यादातर धातु िम ण (Alloy) होता है जो रे ज टर एवं ह ट ंग एलीमे ट आ द
बनाने का उपयोग मे लाया जाता है ।
उदा. टं ग टन,िनकल ोिमयम एवं लोहे का िम ण तथा नाइ ोम ।
2. कुचालक पदाथ : - जन पदथ क ितरोधक मता अ यािधक होती है अथात सामा य
प से व ुत करे ट को गुजरने नह दे ता है कुचालक कहा जाता है । या यह पदाथ व ुत
णाली मे व ुत श संचरण एवं वतरण णाली एवं अ य सभी व ुत उपकरण , मशीन
मे व ुत लीकेज ( रसाव) रोकने के िलए उपयोग कया जाता है ।
उदा.
अ क (Mica) एबोनाइट
कॉच माबल
लेट चीनी िम ट
रबर िस क
सूती पेपर ए बे टास
तरल मे खिनज तेल, खा तेल ,वािनश
गैसो मे -- एस.एफ़.6 (SF6 ) स फ़र हे सा लोराइड
कुचालक पदाथ का िन निल खत ऐ क गुण होने चा हए :-
1. ितरोध मता उ च होना चा हए।
2. यां क सु ढता पया होना चा हए।
3. नमी सोखने का वभाव नह होना चा हए ।
4. अ छा ताप वाहक होना चा हए।
3 सेमीक टर(अदचालक पदाथ) :- इस पदाथ के वभाव/गुण चालक और कुचालक के
बीच का होता है । यह व ुत इं जिनय रं ग इले ॉिन स मे जैस-े रे डयो
रे फ़ायर,डायोड,आ द के प मे । उदा. िसिलकान,जमिनयम, िसलेिनयम।
4.चु बक य पदाथ : वो पदाथ जो आसानी से चु बक बन सकता है या चु बक य बल
रे खाओं के िलए अ छा चालक हो उसे चु बक य पदाथ कहते है । सभी व ुत मशीन मे कोर
बनाने के िलए और मापक उपकरण मे इ तेमाल होता है ।
चु बक य पदाथ तीन कार के होते है :
1. फ़ेरो-मै ने टक मैटे रयल- इस पदाथ का चु बक य चालकता (Permeability) बहु त
अिधक होता है । उदा. आयरन,कोबा ट,और िनकल।
35
2. पैरा-मै ने टक मैटे रयल :- इन पदाथ मे ह का सा चालकता (Permeability) होता
है । उदा. ए युिमिनयम, ले टनम।
3. डाया-मै ने टक मैटे रयल :- इन पदाथ मे चु बक य चालकता (Permeability)
ब कूल नह होता है । जैसे क िस वर,कॉपर, ब मथ, हाई ोजन गैस आ द।
इन पदाथ मे चु बक य चालकता बहु त अिधक होनी चा हए एवं आयरन लॉस कम से
कम होना चा हए।
36
का कड़क आवरण बन जाने से वाइं डं ग का यां क मजबूती बढता है साथ-साथ वािनश के
कारण कसी भी व तु क सु दरता बढती है ।
साइकल का ववरण :
1. पदाथ /पुरानी वाइं डं ग को पहले साफ़ करे ।
2. वाइं डं ग को व ुत ओवन मे ह ट ंग चै बर मे रखकर 100 से 110 ड ी से सयस
तक गरम करके पुण नमी मु करे (सुखाय)।
3. गरम कये हु ए वाइं डं ग को दो घंटे तक या तब तक वािनश मे डु बोकर रख ता क
सभी छे द मे वािनश भर जाये और उसमे से पूर हवा बाहर िनकल जाए।
4. वाइं डं ग को वािनश से बाहर िनकालकर रखे रह ता क उसमे से अनाव यक वािनश
टपक कर िनकल जाय।
5. इस वाइं डं ग को 110 ड ी से सयस गरम ओवन मे चार घंटे के िलए पकाया जाये
ता क वािनश सूखकर कड़क हो जाये।
37
3. ताप चालकता, व कॉिसट पया हो ।
4. वलन शील न हो एवं वयं बुझने वाला हो।
5. तेल, व,अ लीय तथा ार य व तुओं से भा वत न हो।
6. कसी िम ट के साथ िमले हु ए रासायिनक पदाथ से या औेर कोई अ य धातु के
भाव से ित न हो, ओेर नमी को शोषण करने का वभाव न हो।
7. यां क सु ढता पया हो ता क क पन (Vibration) से ित न हो।
8. उ च तापमान मे काय के िलए स म हो।
9. आसानी से उपल ध हो एवं मू य कम हो।
10. पया लचीलापन (Flexibility) हो।
***
38