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इस अध्ययन के दौरान सामाख्याल्र ी में प्रजातिय ों के पतिय ों के 47 कोंकाल् तमल्े हैं , जबतक हरपनहल्ल्ी

के पास िीन प्रजातिय ों के साि पिी कोंकाल् पाए गए हैं । पवन, अिय उजाा का एक की ख स्त्र ि
मानी जािी है । ल्े तकन, तवोंड टरबाइन आसपास के िे त् ों में पिी जीवन के तल्ए खिर बनार उभर रही
है । अध्ययन में पिा चल्ा तक तवोंड टरबाइन के ब्ले ड से टकराने से पतिय ों की मौि ह रही है ।
गुजराि के कच्छ में स्थिि सामाख्याल्ी और कनाा टक के दु आ और दावणगेरे में तवोंड टरबाइन सोंयोंत् ों
के आसपास पतिय ों की मौि ों के कारण ों की जाों च करने पर श धकिाा इस निीजे पर पहों चे हैं । चार
प्रमु ख

इस अध्‍ययन के दौरान सामाख्‍याल्ी में प्रजातिय के पस्िय ों के 47 कोंकाल् तमल्े हैं , जबतक
हरपनहल्ल्ी के पास िीन प्रज

तवतवधिा िे त् ों से तिरा यह िे त् पतिय ों की तवतवध प्रजातिय ों का आवास है , जहाों सतदा य ों में आकातटक,
यूर प और मध्य एतशया से प्रवासी पिी भी आिे हैं । सामाख्याल्ी पाए गए पिी कोंकाल् ों में से 43
कोंकाल् प्रवासी पतिय ों के आगमन के मौसम में तमत्े हैं । इनमें से अतधकिर कोंकाल् टरबाइन के 20
मीटर के दायरे में पाए गए हैं । टरबाइन से टकराने के कारण कबूिर की प्रजाति ढ र फाख्ता की
मौिें सबसे अतधक हई हैं । हौतसल् और कठसारों ग मा प्रजाति के पतिय ों के शव भी श धकिाा ओों क
तमल्रे हैं । अध्ययन में शातमत् पिी तवज्ञानी डा रमे श कुमार सेल्वाराज के अनु सार आसपास के िास के

चील् और बाज जै से तशकारी पतिय ों की दे व हैं । इस कारण इन पतिय ों के तवोंड टरबाइन के ब्लेड से
टकराने का खिरा बना रहिा हैं । तशकारी की उम्र ल्ोंबी हा 24 ये बहि कम अोंडे दे िे हैं , इनकी मौिे
अतधक ह ने से इन पिी प्रजातिय ों पर ल्ि ह ने के सोंकट में वृस्ि ह सकिी हैं । अध् पणापािी वन ों
हैं , जहा थिानीय पतिय ों की 5 प्रजातियाों पायी जािी हैं। वर्ा 204-45 के दौरान तवोंड टरबाइन िेत् ों में
नौ चरण ों में अध्ययन तकया गया। यहाों 60 मीटर के दायरे में साि पिी कोंकाल् तमल्े है , तजसमें से
चार कोंकाल् प्रवासी पतिय ों के आगमन के मौसम में पाए गए इस अध्ययन से प्रति टरबाइन औसिन
0.5 पतिय ों के मारे जाने का पिा चल्िा है । यह सीतमि डे टा ह सकिा है क् तों क पतिय ों के तवोंड
टरबाइन के टकराने से गा मौिे 40 तदन के अोंिरात् पर दजा की गई हैं । तनयतमि तनगरानी से पतिय ों
की मौि ों का डे टा अतधक ह सकिा है । वैज्ञातनक ों के अनु सार, की तनयतमि तनगरानी और पवन-चक्की
ल्गािे समय पतिय ों के आवास क ध्यान में कक ढ़ थिान का चयन करना इस तदशा में महत्वपूणा ह
सकिा है । ऐसा करने से पतिय ों क तवोंड टरबाइन के खिरे से बचाया जा िा श धकिाा ओों में रमे श
कुमार सेल्वाराज (बाम्बे स सायटी, मुों बई), अनू प वी., अरूण पी.आर., राजा जयपाल्, और म हम्मद
समसूर अल्ी (सल्ीम अल्ी पिी तवज्ञान एवों प्राकृतिक इतिहास

शातमल्र िे । यह् अोंध्ययन श ध पतत्का करों ट साइों स में प्रकातशि तकया गया है ।

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