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चौथा

इ का

eISBN: 978-93-5261-664-0
© काशकाधीन
काशक: डायमंड पॉकेट बु स ( ा.) ल .
X-30 ओखला इंड टयल ए रया, फेज-II
नई िद ी-110020
फोन: 011-40712100, 41611861
फै स: 011-41611866
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वेबसाइट: www.diamondbook.in
सं करण: 2016
चौथा इ का
लेखक : जे स हेडली चेईज
चौथा इ का
ना ते क टे को पूरी तरह खाली करके और तस ी करके िक अब उसम कु छ भी बाक नह
बचा है, जैक आरशर ने उसे एक ओर खसका िदया। िफर उसने कॉफ के पॉट के अ दर झांका।
केतली खाली हो चुक थी। आरशर ने दीघ िनः वास भरी। और सगरे ट जलाकर कमरे क दरो-
दीवार का िनरी ण करने लगा।
उसे याद हो आया िक वह सट सेिवन जैसे िनकृ तम होटल म रह चुका है। उसके मुकाबले तो
यह होटल कह यादा साफ सुथरा था। और सबसे बड ी बात तो यह थी िक इससे यादा स ता
और कोई होटल पे रस म था भी नह ।
आरशर ने अपनी कलाई घड ी क ओर ि पात िकया। जो पेटसन से िमलने का समय हो
चुका था। इस अ वाइंटमट का िवचार आते ही वह उस नीरस मेटो रे लया ा के िवषय म सोचने लगा
जो लाजा एंथनी होटल से आर भ होकर डब क, इकेवे लस को कॉड- क लन जवे ट होकर
अ त म अलामा मासयू पर समा होगी।
उसक िवचारधारा अतीत क ओर मुड गई। यिद व ने उसके साथ दगा न िकया होता तो
आज वह बहत अमीर यि होता। बिढ या-सी वातानुकू लत कार उसके पास होती, जसे वद म
सुस जत कोई शोफर चला रहा होता, पर ये सब तो अतीत क बात थ ।
जैक ने ज दी-ज दी जैकेट पहनी और वयं को आईने म देखा। उसक आयु पचास के करीब हो
चली थी, िफर भी लंबा कद और शरीर प रपु था। सर के बाल य िप पहले क तरह घने नह थे-
िफर भी नीली आंख-भरे -भरे गाल और गुलाबी प रं गत लये उसका चेहरा अब भी आकषण रखता
था। एक बात उसे खटक रही थी। उसका पेट कु छ बड ा हो गया था जसके कारण उसक त द पर
जैकेट कु छ जम नह रही थी। इसके अलावा उसे अपने सूट म भी बहत को त हो रही थी। हालांिक
उसका सूट एक कु शल दज के हाथ सला था-िक तु व क मार के कारण अपना प खो चुका
था और काफ जीण-शीण हो चला था। खैर कु छ भी हो...जैक ने मन ही मन कहा-कु ल िमलाकर
मेरा यि व अब भी काफ भावशाली है-पहले वाली बात तो नह है, िफर भी मेरा चेहरा काफ
रौबीला है।
जैक ने खड क से बाहर झांका। हमेशा क तरह नीचे मंदगित से यातायात चालू था-कार क
तथा िविभ वाहन के चलने क आवाज ब द खड क से भी उस तक बाखूबी पहच ं रही थ ।
जैक खड क के पास से मुड आया...चलो अब ओवरकोट पहनू ं और चलू।ं तभी उसे
िवचार आया...ओवरकोट के साथ मुझे फै ट हैट भी पहनना पड ेगा और लाजा एंथनी होटल
पहच
ं ने पर जब म अपना फै ट हैट हैट क रखवाली करने वाली लड क को दग ं ू ा तो मुझे उसे
लड क को कम से कम तीन क िटप देनी पड ेगी। सो जैक ने ओवरकोट पहनने का िवचार
याग िदया। अपना ीफकेस उठाया, कमरे से बाहर आकर दरवाजे पर ताला लगाया और ल ट क
ओर आगे बढ ने लगा।
उसी ण एक और आदमी ल ट के बगल वाले कमरे से बाहर िनकला। अपने दरवाजे को ब द
करके ल ट के पास आया, और बटन दबाया।
उसे देखकर जैक ने अपनी चाल धीमी कर दी, और उसक ओर देखने लगा। उस जैसा मनोहर
इंसान जैक ने आज तक नह देखा था। उसका शरीर इकहरा एवं मजबूत, बाल घने और काले
याह, नाक ग ड जैसी और आंख मोहक और भेदक थ । जैक सोने लगा, यह ज र कोई
अिभनेता होगा। इसक वेशभूषा देखो तो हजार क होगी। हालांिक इसका लबास िबलकु ल साधारण
है िक तु उसक काट से उसका कष िविदत होता था। जूते और बे ट तो जु क के बने हये ह।
नैकटाई है, तो वह भी इटा लयन।
इस दौरान वह आदमी ल ट म वेश कर चुका था, और जैक के पहच
ं ने क राह देख रहा था िक
वह पहच
ं े, तो ल ट का दरवाजा ब द क ं ।
जैसे ही जैक ल ट के भीतर हआ, उसको उस आदमी के लबास से िकसी महंगी एवं बिढ या-
सी खुशबू क लपट आने लग ।
‘हे ई वर या आदमी है।’ उसके देखकर जैक आरशर ई या बोध से भर गया था। उसक उं गली
म एक हीरे क अंगूठी थी। एक कलाई पर सोने क अमेगा घड ी थी, और दसरी पर
ू लेिटनम का
े लट था।
“बहत ही सुहावना िदन है।” उस आदमी ने जैक से कहा, जो अब ल ट का दरवाजा ब द कर
रहा था। उस आदमी क आवाज ऐसी थी, मान कोस के चाल म स का बज रहा है। बस त ऋतु म
तो पे रस के या ही कहने!”
“हां।” आरशर ने संि उ र िदया। उसे िव मय हो रहा था िक इतना बड ा ध ासेठ एक ऐसे
साधारण से होटल म।
तभी उस आदमी ने अपनी जेब से सोने का सगरे ट केस िनकाला- जस पर उसके नाम के
आरं िभक अ र हीर म जड े हये थे।
“मेरे िवचार म आप सगरे ट तो नोश फरमाते ही ह गे। यह कह उसने सगरे ट केस खोलकर
आरशर के आगे कर िदया था, और िफर सगरे ट सुलगाने के लये अपनी जेब से र नजिड त
डंनिहल लाईटर िनकाला था। नीचे पहच ं कर उसने जैक आरशर क ओर देखकर सर िहलाया था-
और िफर रसे शन काउं टर पर जाकर अपने कमरे क चाबी दी थी, और होटल से बाहर िनकल गया
था।
आरशर को इस होटल म िनवास करते तीन स ाह हो चुके थे। सो इस दौरान रसे शन लक एवं
ारपाल मे यं केिवल से उसक काफ राह-रसम हो गई थी। आरशर ने अपने कमरे क चाबी मे यं
केिवल के सामने रखी और पूछा, “यह कौन साहब बहादरु ह?” केिवल-आरशर क ओर देखने
लगा।
“वह मे यं ि टोफर ेनिवल है। वह कल रात ही जमनी से यहां पहच
ं ा है।”
“जमनी से? लेिकन वह तो अं ेजी बोलता है।”
“वह अं ेज ही है मे यं आरशर।”
“वह यहां काफ िदन तक ठहरे गा?”
“उसने एक ह ाह के लये कमरा रजव कराया है।”
आरशर के चेहरे पर एक धूत मु कान फैल गई। “बहत ही उपयु समय पर पे रस आया है।
बस त ऋतु म तो पे रस अपने यौवन पर होता है।” कहकर आरशर बाहर चला आया। मेटो रे लवे क
ओर आगे बढ ते हये जैक आरशर सोचने लगा- ेनिवल जैसा ध ासेठ पे रस के बेड मामूली से
होटल म य ठहरा हआ है...ज र कोई बात होगी। उसका सगरे ट केस ही बीस बाजार क का
होगा। थोड ी देर प चात जैसे ही आरशर को अपने म त क से िनकाल िदया तथा जो पैटसन एवं
उसके वािहयात िबजनेस ताव के बारे म सोचने लगा जसे जो पैटसन उसके ार तर क देना
चाहता था।
डेढ वष पूव आरशर ने पैटसन जैसे आदमी के लये काम करने क ओर यान तक न िदया
होता िक तु अब हालात बदल चुके थे।
इस समय मेटो रे ल के सैकड लास कंपाटमे ट म बैठे हये आरशर अतीत म जा पहच
ं ा। डेढ
वष पूव वह यूसेन ( व जरलड) म थत एक िव ीय सं था का सीिनयर पाटनर था। उसक फम
के पास रो फ का अरब का वस अकाउं ट था। रो फ जो संसार के स प यि य म एक था।
आरशर और रो फ क प नी हे गा-रो फ क पूजं ीिनवेश क देख-भाल करते थे।
आरशर एक बहत ही आकां ी यि था और उसक आकां ा ही उसके मौजूदा हालत के हेतु
बनी थी। हआ यूं था िक जैक आरशर के एक घिन िम ने उसे गु संकेत िदया था िक आ टे लया
क एक खान म िनकल िनकलने क संभावना है। तुम ऐसा करो िक उस क पनी के शेयर खरीद
लो। य िक जैसे ही यह समाचार िविदत होगा, लोग धड ाधड उस क पनी के शेयर खरीदने
लगगे अतः उन शेयर के दाम आसमान को पश करने लगगे। उस समय तुम कम दाम पर खरीदे
शेयर बाजारी भाव पर बेच देना। बैठे िबठाये तुम करोड पित हो जाओगे। आरशर को यह ताव
जंच गया था। सो उसने रो फ के अकाउं ट से पैसा िनकाला था और उस क पनी के शेयर खरीद
लये थे...इस भावना के साथ िक जब इन शेयर के भाव चढ गे, तो म इ ह बेच दग ं ू ा। मुनाफा खुद
रख लूगं ा, और रो फ के खाते से िनकाली हई रकम वापस लौटा दग ं ू ा लेिकन िक मत को कु छ और
ही मंजूर था। वह क पनी फेल हो गई। सो मुनाफा तो दर, आरशर ने
ू जो रकम रो फ के अकाउं ट से
िनकाली थी, वह भी वापस नह लौटा पाया।
उस समय यिद रो फ क प नी हे गा रो फ ने उसके साथ सहयोग बरता होता, तो आज यह
नौबत न आई होती। हे गा ने इस मामले म उसक सहायता करने से कतई इनकार कर िदया था।
आरशर का िवचार था िक रो फ उस पर गबन का मुकदमा चलायेगा, िक तु उसने आरशर के िव
कोई कायवाही नह क थी। य िक रो फ इस बात से जानकार था िक मेरी प नी और जैक आरशर
के अनुिचत स ब ध ह और उस पर मुकदमा चलाने से वह यह भेद खोल देगा, और इस कार मेरी
खूब बदनामी होगी। सो उसने चु पी साध ली थी, लेिकन जैक आरशर को कह का नह छोड ा था।
उसने अपना अकाउं ट जैक आरशर क फम से वापस ले लया था। उसी के अकाउं ट से वह फम
चलती थी। इसके साथ ही उसने यह समाचार आम कर िदया था िक जैक आरशर एक अिव वसनीय
और गबनकार है। इसके दो प रणाम िनकले थे। एक यह िक रो फ का अकाउं ट हाथ से जाते ही वह
फम डावांडोल हो गई थी, और उसके अ य पाटनर ने जो काफ बूढ े हो गये थे, जैक आरशर को
पचास हजार देकर फम से अलग कर िदया था, और फम ब द कर दी थी। दसरा
ू यह िक जैक
आरशर के जीवन पर बहत कु भाव पड ा था। कोई भी फम उसे अपने द तर के पास तक नह
फटकने देती थी।
आरशर एक अंतरा ीय िव ीय िवशेष एवं कर परामशदाता होने के साथ-साथ ललना ि य भी
था। स प ौढ ाय उसक ड ा शैली के कारण उसके लये लालाियत रहती थ । वह च,
जमन एवं इटे लयन भाषाय धारा वाह से बोलता था। जरा-सी चूक ने उसे गबनकार बना िदया था।
अ यथा उसके जीवन ने िशखर का पश िकया होता। और अब उसे हर समय यह िचंता लगी रहती
ै ा िकया जाये।
थी िक पेट के दोजख के लये दो व का ईधं न कैसे मुहय
उ ह िदन एडमॉ डो शैिपलो नामक एक दि ण अमरीक ने आरशर से स पक जुटाया था, और
यह ताव िकया था िक यिद तुम हमारी ोमोशन कंपनी का कानूनी काम करने के लये तैयार
होओ, तो हम तु ह सौ डॉलर सा ािहक वेतन, और कमीशन के प म दस ितशत दे सकते ह।
यह प रयोजना एक करोड के करीब क है। यह सुनकर आरशर के कान खड े हो गये थे, और
उसने हामी भर ली थी।
तब एड शैिपलो ने उसे अपनी प रयोजना का यौरा िदया था िक हमारी क पनी यूरोप म जगह-
जगह पर हॉ लडे कै प बनाना चाहती है। और क पनी का मा लक जो पैटसन तो मांग और आपूित म
अपना जवाब नह रखता और िबजनेस म िदल खोलकर पैसा लगाता है। इस िबजनेस के लये ईरान
के शाह से उसक बातचीत चल रही है और शाह ने इस िबजनेस म बहत िदलच पी य क है।
आरशर चुपचाप यह सब सुनता रहा था। वह भलीभांित जानता था िक यूरोप क कई क पिनय ने
यह िबजनेस शु कर रखा है और तकरीबन सभी क सभी घाटे म जा रही ह।
िफर जब वह टेशन पर गाड ी बदल रहा था तो उसने अपने आपको सां वना देते हये कहा,
“ या पता, ईरान का मूख शाह इस िबजनेस म पैटो डालस लगा दे और यह क पनी चल उठे और
मेरा भा य खुल जाये।”
इ ह िवचार म त वह कोई यारह बजे के करीब लाज एंथनी होटल पहच ं ा था जहां पर एड
शैिपलो उसक ती ा कर रहा था। शैिपलो के चेहरे पर बद तूर मु कान बनी रहती थी और वह
बड ी गमजोशी से िमलता था लेिकन इस समय उसका मुखम डल उदासीन देखकर आरशर का
दय धक से रह गया।
“कोई गड बड हो गई है या?” आरशर ने पूछा।
“गड बड तो नह , अलब ा एक बाधा उ प हो गई है,” शैिपलो ने आरशर को कु स पर
बैठने के लये इशारा करते हये कहा, “लेिकन कौन ऐसी बाधा है जसको हटाया न जा सके...हआ
यूं है िक शाह ने हमारी प रयोजना म पैसा लगाने से इनकार कर िदया है।”
“यह तो बहत बुरा हआ।”
“हां”, शैिपलो ने कहा, “शाह नह तो कोई और सही। हमारी प रयोजना म कई लोग पैसा लगाने
के लये तैयार ह गे। तु ह िचंता करने क कोई ज रत नह । िम टर पैटसन तुमसे िमलना चाहते ह।
वह एक स िच यि ह लेिकन आज उनका मूड जरा ऐसा ही है। सो तुम उनक हां म ह िमलाते
जाना।”
आरशर काफ देर तक यानपूवक शैिपलो क ओर देखता रहा।
“तुम मुझे यह बताओ िक पैटसन मुझे िनयो जत करे गा या नह ?”
“मेरे िवचार म तो ज र करे गा। सौ डॉलर ित स ाह उसके लये कोई बड ी बात नह । इसके
अित र वह तु हारी यो यता से बहत भािवत है। चलो, म तु ह उससे िमला लाऊं।” कहकर
शैिपलो-आरशर को एक तरफ से कोने म ले आया जहां पर पैटसन पीने म य त था, वह शायद
पांच छः पैग चढ ा चुका था।
उसका कद छोटा, शरीर मोटा, नाक गोल और आंख म कार िक म क थ ।
पैटसन पर नजर पड ते ही आरशर भांप गया िक उसे चढ ी हई है। पैटसन एक ठे ठ अमरीकन
लग रहा था। आम अमरीकन क तरह उसका लबास भड क ला था, आवाज ऊंची थी, और मुंह
म सगार था।
पैटसन कु छ देर तक धुुध
ं ली-धुध
ं ली नजर से उसक और देखता रहा था, और िफर एक कु स क
ओर इशारा करते हये बोला था, “तो तुम आरशर हो? या िपयोगे?”
“मारिटनी” आरशर ने कहा-
“एड! शैिपलो ने मुझे बताया है िक तुमने हमारी ोमोशन क म देखी है। उसके बारे म तु हारी
या राय है?”
“मेरी राय म तो आपक ोमोशन क म बहत लाभदायक स होनी चािहये।”
“वह तो होगी,” पैटसन ने कहा, “लेिकन मुझे यह समझ नह लगी िक उस साले शाह ने हमारी
प रयोजना म पैसा लगाने से य इनकार कर िदया?”
“इस बारे म तो म तभी कु छ कह सकता था यिद म बातचीत के समय उप थत होता।”
“तुम वक ल लोग हमेशा घुमा-िफरा कर बात करते हो। कभी अपना सरा हाथ नह आने देते,”
पैटसन ने कहा, “खैर छोड ो-म यह कहना चाहता ह ं िक एड कल सउदी अरब जा रहा है। तुम भी
उसके साथ चले जाओ। उन साले अरिबय के पास पैसा ही पैसा है।”
“म एड के साथ अरब जाने के लये तैयार ह ं िक तु सौ डॉलर सा ािहक पर नह ।”
“सौ डॉलर पर जाने के लये कौन कह रहा है।” पैटसन ने कहा, “म तु ह पूरा खच दग
ं ू ा और यिद
तुम ठे का जुटा लाये; तो म तु ह ठे के क कु ल रकम का दो ितशत दग
ं ू ा।”
आरशर सोचने लगा, यह अमरीकन लोग भी या चीज ह। पैसे का लालच देकर कोई भी काम
करवा लेते ह।
“वहां पर आपक कु छ वाकिफयत है?” आरशर ने पूछा।
“ य भई वहां पर कोई वाकिफयत पैदा क ?” पैटसन ने एड से पूछा।
“वाकिफयत तो वहां पहच
ं कर पैदा करनी पड ेगी।” एड ने कहा।
इतनी देर म पैटसन का िगलास खाली हो गया, और वह शैिपलो क ओर देखने लगा। शैिपलो
उसका इशारा समझ गया, और वेटर को पास बुलाकर पैटसन का िगलास भरने को कहा। आरशर
सोचने लगा-चलो इस बहाने म य-पूव क या ा ही सही। या पता वहां पर भा य खुल जाये और
कोई बिढ या-सी नौकरी या काम िमल जाये। तिनक देर प चात जब वेटर पैटसन के र िगलास
म ह क डाल रहा था, ग लयारे म ह का-सा होह ा सुनाई िदया।
एक औरत और उसके साथ दो आदमी ल ट क कतार क ओर आगे बढ रहे थे। उनके
पीछे -पीछे होटल का सहायक मैनज
े र था- जसके पीछे कु ली उसी औरत एवं उसके साथ दो आदिमय
का सामान ले जा रहे थे।
उस औरत क ओर देखकर आरशर का दय धक से रह गया।
वह हे गा रो फ थी।
आरशर ने हे गा को तब से नह देखा था जब से उसने रो फ का पैसा गबन करने के प चात्
अपनी करतूत पर पदा डालने क खाितर हे गा का सहयोग पाने के लये उसे लैकमेल करने का
यथ यास िकया था।
उसने ज दी से अपना चेहरा हाथ से ढांप लया िक कह हे गा क नजर उस पर न पड जाये।
हे गा इस समय पहले से भी अ धक सु दर लग रही थी। उसने एक रमणीक लबास पहन रखा था,
तथा उसक चाल-ढाल से रईसी टपक रही थी। सारांश, इस समय वह आ मिव वास क मूित लग
रही थी। हे गा को देखकर आरशर ई या बोध से भर गया िक अपने पित हरमन रो फ क मृ यु के
बाद इसका स दय और िनखर आया है, और उसके अंग-अंग से आ मिव वास टपक रहा है।
हे गा के साथ जो दो आदमी थे वे उसके साथ-साथ चल रहे थे। उनम से जसका कद लंबा था,
वह झुककर उससे कु छ बात कर रहा था। दसरा
ू जसका कद छोटा थे वह हे गा के पीछे -पीछे चल
रहा था।
जब हे गा और उसका टाफ ल ट ारा ऊपर चले गये गये, तो पैटसन ने कहा, “बड ी
शानदार चीज है। कौन थी वह?”
पैटसन क िदलच पी देखकर आरशर ने सोचा, यही मौका है, इस अभ अमरीकन को भािवत
करने का।
“वह मैडम हे गा रो फ थी।”
“हे गा रो फ? तु हारे कहने का आशय है उस इलै टॅािनक उ ोगपित हरमन रो फ क प नी।”
“हरमन रो फ के िनधन को तीन-चार मास हो चुके ह।” आरशर ने बताया-“अब हे गा रो फ ही
उसके िबजनेस कारपोरे शन क मा लक है और सुना है िक बड ी कु शलता से काम चलाती है।”
पैटसन क आंख खुल गई।ं
“अ छा? उसके साथ वे दो टु चे कौन थे?”
“ जसका कद लंबा था उसका नाम टेनले िवनबान है। वह उसका कानूनी सलाहकार है तथा
उसके िबजनेस के कानूनी मामल क देखरे ख करता है। दसरा ू जसका कद छोटा था, उसका नाम
े िडक लोमन है तथा वह कारपोरे शन का उप-अ य है। हे गा क कारपोरे शन अरब क है। जहां
तक म जानता ह,ं हे गा क िनजी स प ही एक अरब से ऊपर है।”
“ओह।” पैटसन ने दीघ वास छोड कर कहा, “बहत पैसे वाली है।”
“वह तो है ही।” आरशर ने मारिटनी का िगलास खाली करके मेज पर रखते हये कहा।
“इसके लये एक और िडंक लाओ, एड।” पैटसन ने शैिपलो से कहा।
शैिपलो जब वेटर को उं गली के इशारे से हमारी मेज क ओर बुला रहा था, तो पैटसन ने आरशर
से कहा, ‘‘तु ह उसके बारे म इतनी जानकारी है, तो इसका आशय है िक तुम उसे जानते होओगे।”
यही मौका था जब आरशर को अपना मुंह ब द रखना चािहये था, िक तु मारिटनी के नशे से
उसक जबान ढीली पड गई थी।
“जानता होऊंगा?” आरशर ने कहा, “म और हे गा हम दोन इक े रो फ क पूज
ं ी क देख-रे ख
िकया करते थे। उससे पहले हमारे बहत घिन संबध
ं थे।”
“अ छा।” पैटसन-आरशर क इस बात से बहत भािवत हआ था। “इसका आशय है िक तुमने
उसे भोगा भी है।”
“बस इतना कहना ही काफ है िक हमारे संबध
ं बहत घिन थे।” आरशर ने वेटर के हाथ से
मारिटनी का िगलास लेते हये कहा।
“म पूरी बात समझ गया ह।ं ” पैटसन ने सगार का लंबा कश लेकर कहा, “तो इसका मतलब है
िक यह औरत अरबपित है।”
“होगी।” आरशर ने मारिटनी का आधा िगलास खाली करके कहा। वह बड ा सहज अनुभव कर
रहा था।
“लेिकन अब तो तुम उसके लये काम नह करते।” पैटसन ने अपनी आंख आरशर के चेहरे पर
गढ ाते हये पूछा।
‘सावधान।’ आरशर ने वगत कहा, ‘कह नशे म अपना भेद मत खोल बैठना।’
“ना अब म उसके लये काम नह करता। हमारा आपस म झगड ा हो गया था। वह एक बहत
ही मु कल िक म क औरत है।” आरशर ने मारिटनी क चु क लेकर कहा, “सउदी अरब जाने के
लये जब िटकट आरि त हो जाय, तो आप मुझे बता देना िक मुझे वहां या करना होगा।”
पैटसन ने तुर त कोई जवाब देन े क बजाय अपनी िडंक ख म क और कु छ देर तक सोचकर
बोला, “पैसे का बंध जब यह इसी होटल म हो सकता है, तो उन अरबी टु च के पाया य जाया
जाये।”
आरशर एकटक उसक ओर देखने लगा।
“म समझा नह िम टर पैटसन। इस होटल म पैसे का बंध कहां से हो जायेगा?”
“अपने िदमाग से काम लो आरशर। इस हे गा नामक औरत को तुम बहत अ छी तरह से जानते
हो। उसे अपनी प रयोजना के बारे बताओ। हम बस कु छ लाख क ज रत है। और लाख उसके
लये मुग दाने के बराबर ह। तुम उससे बात करो।”
यह सुनते ही आरशर के हाथ पसीने से तर हो गये।
“िम टर पैटसन, म आपको आ वासन देता ह ं िक मैडम रो फ आपके हॉ लडे कै प के िबजनेस म
िबलकु ल पैसा नह लगायेगी। म उसे बहत अ छी तरह से जानता ह।ं उससे यह बात करने का कोई
फायदा नह होगा।”
पैटसन काफ देर तक आरशर क ओर देखता रहा था। िफर वह शैिपलो क ओर देखने लगा था।
“यहां का कबाबगृह िकधर है? मुझे भूख लगने लगी है।” और कहकर वह अपनी जगह से उठ
खड ा हआ था, और आरशर को संबो धत करते हये बोला था, “तुम उस औरत से मेरी एक
मुलाकात करा दो। बाक बात म खुद कर लूग ं ा। यिद तुम इतना भी नह कर सकते, तो िफर म तु ह
नह रखना चाहग ं ा। म मा उन आदिमय को िनयो जत करता ह,ं जो काम कर सकते ह ।” कहकर
वह कबाबगृह क ओर चला गया। शैिपलो भी अपनी जगह से उठ खड ा हआ।
“तुमने सुन लया न जैक िक िम टर पैटसन या कह रहे थे। मेरे िवचार म इस काम म कोई
मु कल नह होनी चािहये। तुम उस औरत को अ छी तरह से जानते हो।” कहकर शैिपलो पैटसन के
पीछे -पीछे चला गया था।

* * *

सडिवच लंच करने के बाद आरशर अपने कमरे म लौट आया था। और अपने आपको कोसने बैठ
गया था िक मने हे गा के साथ अपने संबध
ं क पैटसन के सामने शेखी य बघारी। मेरे िवचार म म
बूढ ा हो गया ह।ं साल-भर पहले म कभी ऐसी गलती न करता, पर अब या क ं ?
िफर उसने अपने टे वलस चेक देखे थे और यह पाया था िक पैसा ख म होता जा रहा है। और कोई
धंधा है नह । न ही कोई ऑफर है। हे गा से स पक करना असंभव है।
िपछली बार जब हम इक े थे तो उसने लैकमेल करने के अपराध म दस साल तक जेल म
सड ने क धमक दी थी। आरशर यह अ छी तरह से जानता था िक यिद मने हे गा को जो पैटसन
जैसे आदमी से िमलने को कहा, तो उसक या िति या होगी। उससे िमलना अिनवाय था।
सो या िकया जाये।
तब उसने अपनी जैकेट उतारी और िब तरे पर लेट गया वह अ सर अपने िब तरे पर लेटकर
अपनी सम याओं का समाधान िनकाला करता था। लेिकन इस समय मारिटनी के नशे के कारण
िब तरे पर सर रखते ही उसक आंख लग गई थी। जब उसक न द खुली थी तो जरा-जरा अंधरे ा हो
चुका था। वह तीन घंटे से ऊपर तक सोता रहा था। तब उसे बोध हआ िक कोई उसके कमरे का
दरवाजा खटखटा रहा है। उसने अपनी घड ी क ओर देखा। सं या के सवा आठ बजे। उसने सोचा,
शायद होटल क नौकरानी आई होगी। उसने िचड िचड ेपन से उसे अ दर आने का कहा।
तभी दरवाजा खुला और ि टोफर ेनिवल अपने पूरे ठाट-बाट म कमरे क चौखट के बाहर
खड ा नजर आया।
आरशर उसे देखकर िचहक
ं गया, और िब तरे पर उठकर बैठ गया।
“माफ क जयेगा, मने आपके आराम म खलल डाला।” ेनिवल ने अपनी खनकती हई आवाज
म कहा, “म इस गु ताखी के लये आपसे माफ का खा तगार ह।ं ”
“कोई बात नह , आप तशरीफ लाइये।”
“बात यूं है िक मेरे सगरे ट ख म हो गये ह और बाजार बहत दर है
ू । मने सोचा आप ही से ले लू।ं ”
आरशर बड े यान से उसके मनोहर चेहरे को देख रहा था िक अनायास उसके मन म एक
िवचार क धा और वह अपने िब तरे से उठकर उसके समीप आकर बोला, “आपको जतने सगरे ट
चािहये उतने ले जाइये। पहले म आपको अपना प रचय दे द.ं ू .मुझे जैक आरशर कहते ह और
आपका शुभ नाम?”
“मेरा नाम ि टोफर ेनिवल है।”
“आप अं ेज लगते ह।”
“म अं ेज ही ह।ं ”
आरशर बड े यान से उसके शानदार सूट तथा लेिटनम एवं सोने के े लेट को देख रहा था।
“म अभी आराम करके उठा ह।ं यिद आपको अवकाश हो, तो पधा रये।”
“म आपके िव ाम म बाधा नह डालना चाहता, ेनिवल ने एक चरचराती हई आरामकु स पर
बैठते हये कहा, “बड ा अनोखा-सा होटल है।”
“वह तो है ही लेिकन िफर भी काफ सुिवधाजनक है।”
“मेरे िवचार म इस होटल को सुिवधाजनक कहने क बजाय स ता करना अ धक उपयु होगा।”
“िन संदेह यह पे रस का सबसे स ता होटल है।” आरशर ने सहमित य क ।
“मुझे अ छी तरह से मालूम है। म ायः होटल क दर सूिचय क तुलना करता रहता ह।ं तभी तो
इस होटल म िनवास कर रहा ह।ं ”
“इसका आशय है िक आपका सजाव-बनाव िब कु ल कपटी है।” आरशर ने कहा।
“सजाव-बनाव सदैव कपटी होते ह, िम टर आरशर। जहां तक मेरा अनुमान है आप कोई लखपित
तीत होते ह।”
“काश ऐसा होता!” आरशर ने ठ डी सांस लेकर कहा, “म एक अंतरा ीय िव ीय िवशेष ह।ं
यिद आपको अखरे न तो या म पूछ सकता ह ं िक आप या शुगल फरमाते ह?’’
ेनिवल ने अपनी टांग अपने सामने फैला द और अपने चमचमाते हये जूत क ओर देखने लगा।
आप मुझे अवसरवादी कह सकते ह। और इस समय म अवसर क तलाश म ह।ं यह संसार मेरे
लये अवसर तट है।
‘अवसरवादी?’ अपनी सगरे ट क राख झाड ने के साथ-साथ आरशर सोचने लगा। इस आदमी
ने अपना बहत अ छा िववरण िदया है।
“लेिकन आप काफ सं ांत तीत होते ह। आपका कोई न कोई धंधा तो होगा ही।
“सं ांत से यिद आपका संकेत मेरे साज-सामान क ओर है,” ेनिवल ने अपनी कलाइय पर
सोने एवं लेिटनम के े लेट का पश करते हये कहा, “तो हर अवसरवादी के पास ऐसे साज-
सामान होते ह। यिद वह ख ता हाल हो जाये, तो िफर उसके लये कोई आशा नह रहती।”
ेनिवल ने एक ऐसी हक कत बयान क थी जो शत- ितशत आरशर पर लागू होती थी। वह इस
बात से बहत आहत हआ था।
“म आपसे िब कु ल सहमत ह,ं लेिकन आपने अभी तक मेरे न का कोई उ र नह िदया।”
“कौन से न का?”
“वही िक आप या धंधा करते ह।”
“इस व तो मेरा कोई धंधा नह । और कल का कु छ पता नह । एक अवसरवादी, आपको मालूम
होना चािहये िक आशाओं के भरोसे जीता है।”
आरशर उसके मनोहर यि व एवं उसके ठाट-बाट को देखकर सोचने लगा िक यिद इस आदमी
के साथ पटु ता से काम लया जाये तो इसके ारा पैटसन के साथ मेरी सम या का समाधान िनकल
सकता है।”
“म शायद आपके लये कोई िचकर अवसर उपल ध कर सकूं ।” आरशर ने गोल-मोल श द म
कहा।
“ िचकर अवसर म मुझे हमेशा िच रहती है,” ेनिवल ने उ र िदया, “यिद इस नीरस कमरे से
बाहर जाकर इक े पेेगटे ी खाय तो या िवचार है। मने आज सुबह से कु छ नह खाया और खाली
पेट मेरा िदमाग काम नह करता।”
आरशर का िदल गवाही देन े लगा था िक इस आदमी से मेरा मतलब हल हो सकता है। वह तुर त
अपनी जगह से उठ खड ा हआ।
“ पेघटे ी य ‒ टीक िडनर करते ह-िबल म दग
ं ू ा। उसक तुम िचंता मत करो। आओ चल।”
िडनर के दौरान ेनिवल अनेक िवषय पर बात करता रहा था। आरशर उसक बात को बड े
यान से सुनता रहा था। और उसके सामा य ान एवं संवादपटु ता से बहत भािवत हआ था।
जब वे िडनर खा चुके, तो ेनिवल ने अपनी छु री कांटा एक ओर का रखकर कहा, “इस वािद
िडनर के लये बहत-बहत ध यवाद। अब िबजनेस क बात करते ह। आपने िकसी िचकर अवसर
का ज िकया था।”
आरशर कु स के साथ टेक लगाकर बैठ गया तथा द त कु रे दनी से अपने दांत साफ करने लगा।
“मेरा िवचार है िक हम दोन एक-दसरे ू के लये लाभदायक स हो सकते ह िक तु कु छ बताने से
पहले म तु हारे बारे म और जानना चाहग
ं ा। तुम अपने आपको अवसरवादी कहते हो। इससे तु हारा
या अथ है...तिनक िव तार से बताओ।”
“बात यूं है िक पनीर के िबना िडनर का मजा आधा रह जाता है। यिद आपका बजट इजाजत देता
हो तो।”
“मेरा बजट कॉफ ी के अलावा और िकसी चीज क इजाजत नह देता।” आरशर ने ढ वर
म कहा।
“तो चलो कॉफ ी ही सही।” ेनिवल स मत बोला, “इससे पूव िक म अपने िदल का हाल
आपके सामने खोलू ं अथात् अपने बारे म आपको िव तार से बताऊं, अगर आप मुझे थोड ा-सा
संकेत दे द िक आपके मन म या है, तो कैसा रहेगा।”
“मुझे कोई आप नह ,” आरशर ने कहा, और वेटर को दो कॉिफय का ऑडर देन े के बाद
ेनिवल क ओर मृतव जेह हआ। म एक ऐसी क पनी का कानूनी सलाहकार ह ं जो यूरोप म अनेक
थान पर हॉ लडे कै प िनमाण करना चाहती है। इस क पनी का मा लक एक अमरीकन है जो इस
काम के लये बीस लाख डॉलर जुटाना चाहता है। वह एक अ खड -सा आदमी है लेिकन म उसे
राजी कर लूग ं ा िक वह तु ह अपने अगुवा के प म िनयो जत कर ले। यह िवचार मेरे मन म अभी-
अभी क धा है सो पहले म उससे बात कर लू.ं ..तु ह या काम करना होगा। यह म तु ह उससे बात
करने के बाद बताऊंगा। मुझे िव वास है िक वह तु हारे यि व से बहत भािवत होगा। लेिकन
उससे बात करने से पहले तु हारे बारे म कु छ जानकारी ा करना चाहग ं ा।’’
“यह हॉ लडे कै प का जो तुमने ज िकया है, मने तो सुना है िक लोग इस िबजनेस से हाथ
ख चते जा रहे ह। मेरे िवचार म पयटक हॉ लडे कै प को कोई खास पसंद नह करते।”
आरशर ने सकारा मक सर िहलाते हये सोचा, यह आदमी कोई मूख नह है। हर बात जानता है।
“इस बारे म बाद म बात करगे। अब तुम मुझे अपने बारे म बताओ।”
ेनिवल ने अपना विणम सगरे ट केस खोला तथा उसे खाली पाकर नसूचक ि से आरशर
क ओर देखने लगा।
“तु हारे पास सगरे ट है या िबना सगरे ट िपये गुजर करनी पड ेगी?”
आरशर ने वेटर को सगरे ट का पैकेट लाने का इशारा िकया। जब वे दोन सगरे ट सुलगा चुके,
तो आरशर ने कहा, “अब गद तु हारे पाले म है-तुम चाहो तो शु हो जाओ।”
ेनिवल ने आरशर को एक मधुर मु कान से देखा।
“यार लोग मुझे ि स कहकर पुकारते ह। तुम भी मुझे इसी नाम से संबो धत कर सकते हो। साफ-
साफ पूछो तो म एक जाईगोलो ह-ं अथात् मेरा धंधा स प ौढ ाओं क कामाि शांत करना है।
इसे एक घृिणत यवसाय समझा जाता है-लेिकन जो कु छ भी है यह एक यवसाय है। इसे वही लोग
घृणा क ि से देखते ह ज ह ौढ ाओं क शारी रक इ छाओं का कोई अहसास नह होता। तुम
िकसी भी होटल म जाकर देख लो तु ह अनेक ऐसी ौढ ाएं देखने को िमलगी जो वेटस, बारमैन
के पीछे पड े रहने के साथ-साथ िकसी अकेले मद क ताक म रहती ह। हजार ऊबाऊ अनाकषक
एवं अकेली ौढ ाय होती ह जनक यह इ छा होती है िक कोई उनको लाड करे , नखरे सहे
और उ ह अ छी तरह से भोगे, और ये औरत अपनी इ छाओं को पूरा करने के पूरे दाम देती ह। ये
जो साज-सामान मेरे पास देख रहे हो ये सब मनोहत ौढ ाओं के िदये हये ह। यह े लेट मुझे एक
ऐसी ौढ ा ने िदये थे, जसे यह वहम हो गया था िक मुझे उसके साथ ेम है। यह विणम सगरे ट
कैस एक आ टयन काउं टेस ने मुझे िदया था। वह यह ज िकया करती थी िक हर सं या मेरे साथ
डांस िकया करो। िफर मेरे सौभा य और उसके दभु ा य से उसे ही दौरे पड ने लगे और इस कार
उससे मेरा िपंड छू ट गया। म इस समय उनतालीस वष का ह ं तथा गत बीस वष ं से म स प
ौढ ाओं के जीवन को सुखी रखता रहा ह।ं सारांश, यही मेरा धंधा है।”
यह सुनकर आरशर के भीतर खुशी क लहर दौड गई िक मने इसके बारे म सही अनुमान
लगाया था।
“मेरे याल से तुम ठीक ही कह रहे थे िक पनीर के बगैर िडनर का मजा आधा रह जाता है।”

जो पैटसन जब लाजा एंथनी होटल वापस पहचं ा तो उस समय आधी रात हो चुक थी। वह
काउं टर लक से अपने कमरे क चाबी ले रहा था िक आरशर उसके पास आकर खड ा हो गया।
वह गत दो घंट से लॉबी म उसक राह देख रहा था।
“गुड ईविनंग िम टर पैटसन।”
जो पैटसन ने मुंह बनाकर उसक ओर देखा।
“ या बात है?”
“म आपसे कोई आव यक बात करना चाहता ह।ं िम टर पैटसन।”
“तो बार म चलो।”
जब वे दोन बार म आकर बैठ गये, और वेटर उनको िडं स सव करके जा चुका, तो पैटसन ने
पूछा, “उस हे गा रो फ नामक औरत का या हआ?”
“मेरे िवचार म मैडम रो फ को पैसा लगाने के लये मनाया जा सकता है।” आरशर ने कहा।
पैटसन ितरछी नजर से आरशर क ओर देखने लगा।
“तुमने उससे बात क है? सुबह तो तुम कह रहे थे िक हमारे िबजनेस म वह िकसी सूरत म पैसा
लगाने के लये तैयार नह होगी?”
“वह मेरा फौरी याल था िम टर पैटसन लेिकन बहत सोच-िवचार के प चात म इस नतीजे पर
पहच
ं ा ह ं िक उसे मनाया जा सकता है।”
“तुमने उससे स पक िकया है?”
“िम टर पैटसन, न तो मने उससे स पक िकया है, और न ही ऐसा करने का मेरा कोई इरादा है
लेिकन मुझे यक न है िक मैडम रो फ को इस बात के लये मनाया जा सकता है िक वह हमारे धंधे
म बीस लाख डॉलर लगा द।”
“तुम यह घुमा-िफराकर बात मत करो और सीधी सपाट बात कहो।”
“िम टर पैटसन, इस थित को हण करने से पहले आपके लये जानना ज री है िक मैडम
रो फ एक कामो मािदनी है।”
“कामो मािदनी?...वह या बला होती है?”
“कामो मािदनी ऐसी नारी को कहते ह जो अित कामुक होती है और बार-बार भोग के लये
लालाियत रहती है।”
“तु हारे कहने का आशय है िक वह रिति य है।”
“वह इससे कु छ अ धक ही है। म हे गा को गत बीस वष ं से जानता ह,ं िम टर पैटसन...काम
उसके लये उतना ही आव यक है जतना मेरे और आपके लये भोजन।”
यह सुनकर पैटसन च कर म पड गया।
“देखने म तो वह वाकई शानदार चीज है। तु हारा या िवचार है यिद यौन- ड ा से म उसे
संतु कर द,ं ू तो वह पैसा लगाने के लये तैयार हो जायेगी?”
यह सुनकर आरशर यानपूवक पैटसन के चेचकदार चेहरे क ओर देखकर सोचने लगा...काश
हम अपने चेहर को उस नजर से देख सकते जस नजर से अ य देखते ह।
“नह िम टर पैटसन, यह स भव नह होगा। हे गा िवशेष कार के मद म िच लेती है। वह ऐसे
मद ं क ओर आकिषत होती है, जनका कद ल बे हो, आयु म उससे छोटे ह , अतशय मनोहर ह ,
संवादपुट ह , और उसक भांित वाहता से जमन, च एवं इटे लयन भाषाय बोल सकते ह ।”
“बहत ही किठन िवला सनी है।”
“वह अरबपित है...उसका द ु तोषणीय होना वाभािवक है।”
“हां,” पैटसन ने अपनी नाक मसलते हये कहा, “एड शैिपलो के बारे म तु हारी या राय है? वह
जवान भी है, मनोहर भी है, तथा पेिनश भाषा भी बोल लेता है।”
आरशर ने नकारा मक सर िहला िदया।
“एड-हे गा को आकिषत नह कर पायेगा। मेरा िवचार है िक कोई ऐसा आदमी ढू ढं ना चािहये
जसे देखते ही हे गा उस पर आिशक हो जाये। म हे गा को बहत अ छी तरह से जानता ह।ं एक
बार उसका िदल िकसी पर आ जाये, तो िफर वह उसके लये कु छ भी करने के लये सहमत हो
जाती है। तब एक स ाह प चात वह आदमी हे गा को हमारी प रयोजना के बारे बताने के साथ
उसक राय मांग े और उससे यह कहे-िक मुझे अपनी क पनी के लये बीस लाख क जुटाने ह, और
यिद म यह नह कर पाया, तो नौकरी से मेरी छु ी हो जायेगी। हे गा इस बात को कभी बरदा त नह
करे गी। उसक सबसे बड ी कमजोरी यह है िक जस पर वह रीझी हो, उसके ित वह बहत उदार
होती है। वह फौरन उसे बीस लाख देन े के लये तैयार हो जायेगी। म इस बात क गारं टी दे सकता
ह।ं ”
“लेिकन पहले तो ऐसा आदमी ढू ढं ना पड ेगा, जस पर हे गा रीझ जाये।”
पैटसन के मुंह से यह श द सुनकर आरशर ने शांित का दीघ वास छोड ा और कु स के साथ
टेक लगाकर बैठ गया।
िम टर, पैटसन, यिद मने ऐसा आदमी ढू ढं न लया होता, तो इतनी रात गये आपको क न िदया
होता। म आपसे वेतन ही इसी बात का पाता ह।ं मेरा काम है आपक सेवा करना और आपको
परामश देना।”
पैटसन सीधा होकर बैठ गया।
‘‘तुमने इतनी ज दी आदमी भी ढू ढं लया?”
“वह एकदम हे गा के मतलब का है। वह उसे देखते ही उस पर ल ू हो जायेगी।”
“ऐसा आदमी तुमने इतनी ज दी ढू ढं ा कैसे?”
आरशर इस सवाल के जवाब के लये तैयार होकर आया था, और ेनिवल को प ी पढ ाकर
आया था।
‘‘वह एक यावसाियक जाईगोलो है, िम टर पैटसन और स प ौढ ाओं क कामाि शांत
करने म अपना जवाब नह रखता। कु छ वष पूव उसने मेरी एक ौढ ा लाइ ट क बहत अ छी
सेवा क थी। तब से म उसे जानता ह।ं आज दोपहर संयोगवश मेरी उससे मुलाकात हो गई। उसे
देखते ही मुझे लगा था िक उससे हमारी सम या का समाधान हो जायेगा। आप उससे एक बार िमल
ल िफर आपको अपने आप अंदाजा हो जायेगा।”
“यह जोईगोल तो बड े टु चे कार के आदमी होते ह,” पैटसन ने मुंह बनाकर कहा, “तु हारे
िवचार म वह इस औरत रो फ को आकिषत कर लेगा?”
“िब कु ल कर लेगा। यिद मुझे लेशमा भी संदेह होता, तो मने आपका समय न न िकया होता।”
”तो ठीक है िफर...कल यारह बजे उसे यहां ले आना।”
ेनिवल ने यह बात बल देकर आरशर से कही थी िक म पैटसन को कब और कहां पर िमलूग
ं ा।
मान लो वह मुझे नह रखना चाहता, तो कम से कम उसक जेब से बिढ या लंच तो खाया जाये।
तुम उससे कहना िक म उसे कल एक बजे र ज के कबाबगृह म िमल सकता ह।ं उसक इ छा हो
तो वहां पहच
ं जाये नह तो उसक मज ।
“मेरे िवचार म आपका उससे यहां इस होटल म िमलना अनुपयु होगा। कह ऐसा न हो िक मैडम
रो फ आप दोन को इक े देख ल। इसके अलावा वह बहत य त है। िक तु कल एक बजे र ज
के कबाबगृृह म िमल सकता है।”
“वह य त है तो हो। उसे यहां आना चािहये। उसक गरज है।”
“हम भी उससे गरज है िम टर पैटसन। इसके अलावा वह एक हाई लास जाईगोलो है। मेरे िवचार
म बेहतर यही होगा िक जैसे वह चाहता है वैसे र ज म उससे िमल ल।”
“एक जाईगोलो के इतने नखरे ।”
“अपने मतलब के लये िकसी के भी नखरे सहने पड ते ह। और जब वह मैडम रो फ को हमारे
िबजनेस म बीस लाख लगाने के लये सहमत कर देगा, तो हम उसके नखरे जरा भी नह खलग।
“तो ठीक है। म कल एक बजे से र ज म िमल लूग
ं ा।” कहकर पैटसन ने अपनी जेब से सौ का
नोट िनकाला, और आरशर के हाथ म देता हआ बोला, “इसे तुम अपने खच के लये रख लो।”
आरशर ने वह नोट जेब म डाला, और वहां से चला आया।

* * *

आरशर और पैटसन र ज होटल के कबाबगृह म बैठे थे, और पौने घंटे से ेनिवल क राह देख
रहे थे, ेनिवल अभी तक नह पहच
ं ा था, और पैटसन बार-बार अपनी घड ी क ओर ताक रहा
था।
“यह साला जाईगोलो अपने आपको समझता या है। अभी तक नह पहच
ं ा।” पैटसन ने रोष से
कहा।
“तभी ेनिवल कबाब ह म वि हआ, और वह खड े होकर चार ओर एक िनगाह डाली।
पैटसन उसक ओर देखता का देखता रह गया। वह उसके यि व एवं वेशभूषा से बहत भािवत
हआ था। उसी समय होटल का गृह बंधक ेनिवल के पास पहच
ं गया था, और झुककर कहा था,
“ ेनिवल आप! आप तो लगता है हम भूल ही गये ह।”
गृह बंधक ने यह सब च भाषा म कहा था जो पैटसन के िब कु ल अथ प े नह पड ा था।
“गृह बंधक ने उससे या कहा है?” पैटसन ने आरशर से पूछा।
“उसने ेनिवल का वागत िकया है िक आप तो हम लगता है भूल गये ह।”
“उसने मेरा तो ऐसा वागत नह िकया था।” पैटसन ने आरशर ने कहा, “म यहां कई बार आ
चुका ह।ं ”
“अरे हेनरी तुम।” ेनिवल ने गृह बंधक के साथ हाथ िमलाते हये कहा था, “मेरा िवचार था तुम
सेवािनवृ हो चुके होओगे।”
“वाह भई,,” पैटसन ने आरशर से कहा, “इसका आशय है इसे यहां का सारा टाफ जानता है।”
“यहां का या, पे रस का कोई ऐसा रे तरां नह जहां का टाफ ेनिवल को न जानता हो।”
आरशर ने पैटसन को बताया।
तभी ेनिवल उनक मेज के पास पहचं गया। “है ो जैक,” उसने आरशर को िवश िकया, “और
तब पैटसन को संबो धत करते हये बोला, “आप िम टर पैटसन ह गे। मुझे ेनिवल कहते ह।”
उसी ण गृह बंधक यंजन-सूची लेकर ेनिवल के पास आकर खड ा हो गया।
“अरे भई यंजन सूची िम टर पैटसन के सामने रखो,” ेनिवल ने गृह बंधक से कहा, “मेजबान
वह ह, म तो इनका मेहमान ह।ं ”
वह यंजनी पैटसन के लये काले अ र समान थी य िक वह च भाषा म थी। सो इन तीन ने
अपनी िचनुसार खाना मंगाया था। खाने के दौरान ेनिवल पैटसन के साथ अनेक िवषय पर बात
करता रहा था। पैटसन उसक िव तृत जानकारी से बहत भािवत हआ था। खाना खाने के बाद
उ ह ने बिढ या से बिढ या िक म क वा णी पान क थी। वािद खाना एवं बिढ या वा णी
पान करने के बाद जब ेनिवल संतु हो गया था, तो उसने पैटसन से कहा था, अब िबजनेस क
बात करते ह। आप िन चत प से मेरे बारे म जानना चाहगे। म अपना बायो डाटा खुद देता ह,ं म
एक अं ेज ह।ं मेरी आयु उ तालीस वष है। म के ज िव विव ालय का तालीम या ता ह।ं जमन,
च एवं इटे लयन भाषाय वाह से बोल लेता ह।ं टेिनस व पोल का खलाड ी ह।ं ी का मुझे
बहत शौक है। िपआनो खूब बजा लेता ह।ं मॉडन आट संगीत से मुझे बहत लगाव है। जब मेरी िश ा
समा हई थी तो मेरे िपता मुझे अपने िबजनेस म जूिनयर पाटनर बनाना चाहते थे िक तु मुझे
िबजनेस म कोई िच नह थी। मने पाया था िक म स प ौढ ाओं क देिहक इ छाय पूरी करके
मजे का जीवन यतीत कर सकता ह।ं गत बीस वष ं से मेरा यह धंधा है अथात् म एक पेशेवर
जाईगोल ह ं तथा म इस यवसाय म िब कु ल सफल रहा ह।ं जैक आरशर ने मुझे बताया है िक हे गा
रो फ क देख-रे ख करने के लये आपको मेरे जैसे िवशेष क आव यकता है। मैडम रो फ से
अभी तक मेरी मुलाकात तो नह हई िक तु मुझे अपने आप पर िव वास है िक वह मेरे हाथ म आ
जायेगी। आप अपने िबजनेस को आगे बढ ाने के लये हे गा रो फ से बीस लाख डॉलर लेना
चाहते ह। यिद म एवं आप िकसी समझौते पर पहच ं सके तो यह रकम म आपके लये ा कर
सकता ह।ं
“शायद।” पैटसन ने सगार का कश लेकर कहा।
“शायद नह , म अव य िन चत यह पैसा आपको हा सल करके दग
ं ू ा।”
पैटसन सोच म पड गया था जबिक आरशर बड ी उ सुकता से उसक ओर देख रहा था।
“तुम इसक यव था कैसे करोगे?”
“इससे आपका कोई संबधं नह ,” ेनिवल ने कहा, “मुझे इस काय म चंद एक ह ते ज र लग
जायगे, लेिकन पैसा म आपको ा करके दग ं ू ा।”
“म आपको आ वासन देता ह,ं िम टर पैटसन,” आरशर ने कहा, “िक ि स जो कह रहा है
करे गा।”
पैटसन ने हक
ं ारा भरा।
“तो िफर लग जाओ इसम।”
ेनिवल ने कॉफ ी क चु क लेकर कहा, “मेरी ओर से कु छ शत ं ह। यह कहने क तो कोई
ज रत नह िक आर भक खचा आपके सर पर होगा।”
“आर भक खच से तु हारा आशय?” पैटसन ने पूछा।
“मेरा आशय है िक म मैडम रो फ को बराबर के तर पर िमलना चाहग
ं ा इसके लये मुझे लाजा
एंथनी होटल म एक कमरा चािहये, एक भावशाली कार चािहये और शु -शु म उस पर खचने
के लये पांच हजार करना पड ेगा।”
पैटसन को सोचने का कोई मौका न देकर आरशर ने कहा, “बीस लाख हा सल करने के लये यह
कोई यादा खचा नह है। आ खर आप यह रकम ा करने के लये एड एवं मुझे िवमान ारा
सऊदी अरब भेजने के लये तैयार बैठे थे।”
“मुझे मंजूर है।” पैटसन ने अपना सगार रोल करते हये कहा, “लेिकन एक बात याद रखना
ेनिवल, यिद तुमने यह काम नह िकया, तो म तु हारे लये आफत खड ी कर दग ं ू ा।”
यह सुनकर ेनिवल के चेहरे क मु कान गायब हो गई और उसका मुखम डल प थर क भांित
कठोर हो गया।
“िम टर पैटसन” ेनिवल ने पैनी आवाज म कहा, “म आपको बतला द ं ू िक म एक अं ेज ह ं कोई
अमरीकन नह जो आपक धमक म आ जाऊंगा। मने आपसे कह िदया है िक म आपको मैडम रो फ
से बीस लाख ा कर दग ं ू ा। इस पर आप मुझे धमक दे रहे ह। यिद आप मुझे यह काम स पना
चाहते ह, तो म अपनी शत ं पर यह काम क ं गा, आपक धमक के जोर पर नह , समझ गये।”
“तुम तो खाम वााह म गरम हो रहे हो,” पैटसन ने ढीले पड ते हये कहा, “मने तो एक साधारण
सी बात कही थी। इसम बुरा मानने क कोई बात नह । म अपने श द वापस ले लेता ह।ं ”
“तो िफर पैसे के बारे म जैक से बात कर लो। लाजा एंथनी होटल म थानांत रत होने से पहले
मुझे पांच हजार स िमल जाने चािहये। अब मेरी एक और अ वाइंटमे ट है। सो म चलता ह।ं ”
कहकर ेनिवल वहां से चला आया था।
“यह तो बड ा ही मग र आदमी है।” ेनिवल के जाने के बाद पैटसन ने आरशर से कहा।
“जो कु छ भी है, वह हमारे लये बीस लाख डॉलर उपल ध कर सकता है।”
त प चात् पैटसन ने वेटर से िबल लाने को कहा था। िबल चुकाने के प चात् दोन वहां से चले
आये थे।

* * *
हे गा रो फ संसार क स प औरत म से एक थी। इस समय वह लाजा एंथनी होटल के अपने
सेट म सुग ं धत पानी के बाथ टब म लेटी हई थी। उसक लंबी टांग पानी म हलचल-सी पैदा कर रही
थी। और उसने अपने तन को अपनी हथे लय के कटोर म ले रखा था।
हे गा हालांिक वी आईपी लास म या ा करती थी, तथा एयर हॉ टे सज उसके आगे-पीछे घूमती
रहती थ , लेिकन लंबी उड ान से उसे बड ी उकताहट होती थी। िवशेषकर जब उसे टेनले
िवनबान एवं ै िडक लोमन जैसे नीरस आदिमय के साथ सफर करना पड ता था। लेिकन ये दोन
आदमी रो फ इलै टॅािनक कारपोरे शन का काम चलाने के लये बहत ज री थे।
एक समय जब हे गा ने कारपोरे शन क अ य ा का पदभार संभाला था तो उसने टेनले िवनबन
एवं लोमन क छु ी करने क सोची थी। लेिकन गौर करने पर वह इस नतीजे पर पहच ं ी थी िक ये
दोन आदमी बहत ही कायकु शल ह, अतः इनको बरखा त करना कारपोरे शन के िहत म गलत
होगा।
लोमन ही ने ांस म कारपोरे शन क शाखा खोलने का ताव रखा था। इस संबध ं म उसने ांस
के धान मं ी से बात क थी जसने उसे बहत ो सािहत िकया था। ांस म शाखा खोलने के बहत
फायदे थे, सो हे गा ने इस ताव क वीकृित दे दी थी। लोमन ने हे गा से कहा था, “म एवं
िवनबान ांस सरकार से आगे बातचीत करने के लये पे रस जायगे।”
“बस त ऋतु म पे रस!” हे गा ने मन ही मन म गुदगुदी अनुभव क थी।
सो जब हे गा ने िवन एवं बन लोमन को यह कहा था िक म खुद तुम दोन के साथ जाऊंगी, तो वे
हैरान रह गये थे।
पर तु इस समय सात घंटे क लंबी उबाऊ उड ान के बाद बाथ टब म लेटी हई हे गा को
आ चय हो रहा था िक मेरे यहां आने का या तुक था। बस त ऋतु म पे रस अ ुत होता है लेिकन
जब इंसान अकेला हो या उसके साथ िवनबान एवं लोमन जैसे दो नीरस आदमी ह और यह मालूम
हो िक समाचार वग तु हारी हर नकली हरकत पर नजर रखे हये है, तो पे रस का या मजा आयेगा!
हे गा ने अपनी ल बी खूबसूरत टांग िहलाई ं जससे बाथ टब का सुग ं धत पानी छल-छल करने
लगा। उसे िवधवा हये पांच मास हो चुके थे। अब वह अपने िदवंगत पित हरमन रो फ क समूची
संप क एकमा मा लक थी। उसक अपनी िनजी संप ही एक अरब से ऊपर थी। पेराडाइज सटी
म उसका अपना एक डील स हाउस था। यूयाक म एक गे ट हाउस था। वरजरलड म एक
डील स िवला था। सब कु छ था िक तु वतं ता नह थी। वह जो कु छ भी करती थी, वह समाचार के
प म अखबार म छपता था। उसे समाचारप से अ यंत घृणा थी।
काम उसक बहत बड ी मजबूरी थी, वैसे ही जैसे शराब शराबी क होती है। जब हरमन रो फ
का िनधन हआ था तो उसने सोचा था िक अब जो कोई मद मुझे भायेगा म उसके साथ यौन स पक
जुटा लया क ं गी, लेिकन शी ही उसने पाया था िक यिद म अखबार क प ल सटी से दर रहना

चाहती ह,ं तो अपने ेम संबध
ं म अभी भी मुझे वैसा ही िववेक रखना पड ेगा जैसा िक म रो फ
के जीवन काल म रखती आई थी। इन पांच महीन म हे गा ने तीन यौन स पक जुटाये थे-एक -
यूयाक के होटल के वेटर के साथ, दसरा एक ऐसे
ू बूढ े के साथ जसके बारे म कोई यह अनुमान
भी नह लगा सकता था िक उसम कामशि होगी भी; और तीसरे एक बदबूदार िह पी के साथ
जसको हे गा ने अपनी कार म ल ट दी थी और िफर उसने हे गा को कार क िपछली सीट पर
लटाकर चंड हार से उसे संतु िकया था।
ऐसे कब तक चलेगा। म हर लहाज से स प ह ं िक तु काम सुख से वंिचत ह।ं िवलासी एवं कामी
ह।ं बार-बार यौन ड ा के लये लालाियत रहती ह।ं मुझे अपने लये एक पित ढू ढं ना चािहये-
कोई ऐसा मद जो रह समय मेरे साथ रहे तािक म जब भी रित ड ा के लये उ कंिठत होऊं उसके
साथ समागम म संल हो जाऊं और मुझे यह भय न हो िक मेरी बदनामी होगी।
तब हे गा बाथ टब से बाहर िनकली और आदमकद दपण के सामने खड े होकर अपने शरीर
का जायजा लेन े लगी। हे गा क आयु चौवालीस वष थी लेिकन उ उसके साथ बड ी उदारता से
पेश आई थी। सू म भोजन एवं यूिट सय स क सुिव त ने उसके शरीर को सुघड बनाये रखा
था। वह व थ एवं ऊंचे कद क थी। नाक-न शा सु दर था। केश लंब,े गदन पतली एवं लंबी,
ना सका सुडौल। तन भरे -भरे एवं शं वाकार। िनत ब पु एवं स मोहक, कमर पतली, हाथ-पैर
रोम रिहत, अधरो गुलाबी और चाल मादक और आंख मतवाली थ । लेिकन अपने इस स दय का
मुझे या फायदा जसका कोई शंसक नह । और न ही िकसी को यह अनुमान है िक यह शरीर
िकतना सुख दे और ले सकता है, हे गा ने तौ लये से अपना शरीर प छते हये वगत कहा।
त प चात् कमरे म आकर हे गा ने देखा िक नौकरािनयां उसका सामान खोल गई ह। उसने
िवनबान एवं लोमन के साथ कबाब गृह म भोजन करने क हां कर ली थी। तब उसने अपने आपको
भड क ले व एवं आभूषण से सजाया और ल ट लेकर नीचे चली गई। वहां पहच ं ते ही िवनबान
एवं लोमन उसके दाय बाय आकर खड े हो गये और तब िवनबान तथा लोमन दोन उसक
अगुवाई करते हये उसे भोजनक म ले गये। हे गा ने जैसे ही भोजन क म पग धरा, लोग उसक
ओर देखने लगे थे-और हे गा इस बात से अवगत थी िक मेरा स दय यहां बैठे लोग क आंख का
के है।
संयोगवश हे गा ने अपने लये उस मेज का चयन िकया था जसके सामने पैटसन बैठा था। हे गा
पर नजर पड ते ही पैटसन मन ही मन म कहने लगा-आरशर ठीक कहता था-इस जैसी रमणी को
ेनिवल जैसा छबीला ही वश म कर सकता है।
खाना खाने के दौरान पैटै सन बड े यान से हे गा क ओर देखता रहा था। त प चात् जब तक
हे गा िवनबान एवं लोमन के साथ वहां से चली नह गई थी, पैटसन वह बैठा वा णी पान करता रहा
था। हे गा जब ल ट से अपने सुईट क ओर ऊपर जा रही थी, तो सोचने लगी-िफर वही! सोने क
दो गो लयां! या ऐसा समय आयेगा जब म अपनी तम ा पूरी कर सकूं गी।
अपने सुईट म पहच ं कर वह खड क के पास जाकर खड ी हो गई और नीचे ती गित
यातायात को देखने लगी। नीचे पे रस का शोरोगुल था। लोग ऐश मौज म म त थे, लेिकन हे गा
अकेली या कर सकती थी। हे गा ने खड क के पद िगराये और अपने एका त सुईट पर एक
ि डाली। पित!
यही मेरी सम या का समाधान है।
एक पित।
तब हे गा ने अपने कपड े उतार कर फक िदये, और िनव बाथ म म चली गई। वहां पर
अलमारी खोली जसम न द क गो लय क शीशी रखी थी। िफर बेड म म आकर एक छोटी-सी
नाईट डेस पहनी और िब तरे पर लेट कर सोचने लगी...मेरी जैसी रमिणयां जब िब तरे पर लेटती ह
तो उनके ेिमय का अंक उ कंठा से उनक बाट जोह रहा होता है और एक म ह ं िक मुझे सोने क
गो लयां खाकर न द क गोद का सहारा लेना पड ता है।
थोड ी देर प चात् जब गो लयां अपना असर िदखाने लग तो हे गा ने सोचा-मेरी मनोशारी रक
सम या का एक ही समाधान है...एक खूबसूरत सा -पु पित।
तब उसक आंख न द से बो झल होने लग ।

* * *

हे गा जब मीठी-मीठी धूप म होटल से बाहर िनकली तो एक ेस फोटो ाफर को पहले भी कई


बार देखा था, और उस पर नजर पड ते ही हे गा के र गटे खड े हो जाते थे, लेिकन हे गा उसे
देख कर मु करा दी थी, और हाथ िहला कर उसका अिभवादन िकया था। हे गा ने अपने अनुभव से
िश ा ा क थी िक समाचार वग को अपनी यवहारपटु ता से खुश रखना चािहये।
तब वह पैदल चलती हई चै पयन ए ल, पर थत फाकेट बार एवं रे तरां क ओर रवाना हो गई
थी। उसे पे रस का वातावरण बहत सुहावना लग रहा था। चे टनट के पेड पूरे जोबन पर थे।
पयटक चहलकदमी कर रहे थे। चार ओर गहमागहमी थी।
इसी सुहावने वातावरण का आन द लेते हये हे गा फाकेट बार एवं रे तरां पहच
ं गई थी, और एक
कोने क सीट पर जाकर बैठ गई थी।
उसी ण एक वेटर उसक मेज के सामने आ खड ा हआ था जो उसके शै पेन रं ग के ऊनी कोट
से बहत भािवत हआ था। हे गा आराम से बैठी थी, और आसपास बैठी आड बर-ि य अमरीकन
औरत को देख रही थी, ज ह ने र नजिड त ऐनक एवं िविच कार के हैट पहन रखे थे। िवनबान
ने हे गा को अपने साथ लंच करने को कहा था िक तु हे गा ने सोचा िक इस बोर आदमी के साथ
बैठकर उसक नीरस बात सुनने से तो अकेले भोजन करना भला। सो उसने िवनबान से बहाना बना
िदया था िक मुझे शॉिपंग करने जाना है लेिकन बस त ऋतु म पे रस म एक रमणी अकेले भोजन
करे !
हे गा ने अपना हड बैग खोलकर सगरे ट केस से सगरे ट िनकाला ही था िक िकसी ने अपना हीर
जिड त सगरे ट लाईटर जलाकर उसक सगरे ट के सामने कर िदया। हे गा ने बड े आराम से
अपना सर आगे करके सगरे ट सुलगाई, और तब सर उठाकर उसक ओर देखा।
अब हे गा को यह कैसे मालूम हो सकता था िक ेनिवल एक घंटे तक उसके होटल के बाहर
उसक ती ा करता रहा था और तब उस पर यान रखते हए उसका पीछा करते-करते चुपके से
उसक साथ वाली सीट पर आ बैठा था।
उसक भूरी आंख म देखकर हे गा के शरीर म काम लहर दौड गई। ‘मद है।’ हे गा ने मन ही
मन म कहा-सुव त और मनोहर-कलाइयां भी तो देख , या मजबूत और घने बाल वाली ह।
मु कान है तो रमणीय-दांत ह, तो ऐसे मानो मोितय क लड ी ह ।
वे दोन एक दसरे
ू क ओर देखते रहे।
“पे रस क बस त ऋतु क सभी शंसा करते ह लेिकन यिद कोई साथी न हो तो यह बस त ऋतु
बहत खलती है।”
“तुम िबना साथी के हो?” हे गा ने पूछा।
“ या म भी यही सवाल आपसे कर सकता ह?
ं ” ेनिवल ने कहा।
हे गा मु कराने लगी।
“हां तुम यह सवाल कर सकते हो, और उसका जवाब यह है िक म िबना साथी के ह।ं ”
“तो िफर हम दोन क कमी पूरी हो गई। अब हम दोन िबना साथी के नह रहे।”
ेनिवल क हा जर जवाबी पर हे गा हंसने लगी।
वह िदलच प आदिमय को यूं पटा लेती थी िक तु अंत म उसे पछताना पड ता था। उसके साथ
कई साल से ऐसा होता आ रहा था। सो वह ेिमय के चयन म सावधानी बरतने लगी थी। लेिकन
इस समय कु छ तो सुहावने मौसम, और कु छ ह क के स र से वह कु छ असावधान सी हो गई थी।
“म एक वष से पे रस नह आई, लेिकन मुझे तो यह वैसे का वैसा लगता है।”
“कभी कोई चीज वैसी नह रहती। हर चीज व के तकाजे के साथ बदलती रहती है। अब आप
इन लोग क ओर ही दे खये।” ेनिवल ने सड क पर राह चलत क ओर इशारा करके कहा,
“इन लोग को देखकर मुझे ऐसा अनुभव होता है मानो आप एवं मेरे जैसे लोग पुराने हो गए ह । अब
तो इन लंब-े लंब े गंदे बाल , कंधे पर िगटार लटका कर चलने वाल का जमाना आ गया है। आप
और मेरी जैसी सुकिचय वाले तो लु होते जा रहे ह।”
हे गा इस ओर कोई यान नह दे रही थी िक वह या कह रहा है। वह तो उसका मनोहर यि व
देखने म य त थी। वह दस िमनट तक लगातार बोलता रहा था, और िफर उसने एकाएक कहा था,
“म तु ह बोर कर रहा ह?
ं ”
“िब कु ल नह । मुझे तु हारी बात म बड ा रस आ रहा था।”
वह हे गा क ओर देखकर मु कराने लगा और हे गा सोचने लगी- या मद है!
“यिद आपने िकसी को समय न दे रखा हो तो िफर मेरे साथ लंच क जये,” ेनिवल ने उसे
िनमं ण िदया, “यहां से थोड ी ही दर एक बह
ू त बिढ या-सा रे तरां है।”
हे गा के िदल म गुदगुदी होने लगी। बहत ही चालू है-हे गा ने मन ही मन म कहा-आयु म मुझसे
कई वष छोटा होगा और शंसनीय ि से मेरी ओर देखता है।
“हां-हां ज र,” हे गा ने कहा, “लेिकन पहले हम एक दसरे
ू को अपना प रचय तो द, मुझे हे गा
रो फ कहते ह।” कहकर यानपूवक उसक ओर देखने लगी िक वह या िति या य करता है।
ायः ऐसा होता था िक हे गा जब भी िकसी को अपना नाम बताती थी, तो लोग िव मय से उसक
ओर देखने लगते थे, िक तु ेनिवल ने कोई िति या य नह क थी।
“मेरा नाम ि टोफर ेनिवल है।” कहकर उसने वेटर को िबल देन े को कहा और तब िबल का
भुगतान करके हे गा से बोला, “आप जरा यह िकये, म इतनी देर म अपनी कार ले आऊं।”
जब वह उठकर जा रहा था, तो हे गा उसक पीठ क ओर देखने लगी...देखो तो या लंबा कद
और सुघड शरीर है-हे गा ने मन ही मन म कहा-िब कु ल मेरे मतलब क चीज है।
तब वह सोचने लगी-म मद के मामले म हमेशा गलती कर बैठती ह-ं बॉन म उस युवा से याराना
गांठा था, तो वह भ ड ा िनकला, नसाऊ म -पु लड के से यारी क तो उसे जाद टोनेू के
अलावा कु छ सूझता ही नह था, और तीसरा वह जो इतना खूबसूरत और तगड ा था िक देखते
बनता था-लेिकन वह एक लैकमेलर िनकला। मद ं के चयन म मने ऐसी न जाने िकतनी गलितयां
क ह लेिकन इस बार भा य ज र मेरा साथ देगा।
इतनी देर म ेनिवल गहरे नीले रं ग क म सडीज कार लेकर वहां पहच
ं गया और हे गा को
अपनी बगल म िबठा लया। इतनी देर म ेनिवल क कार के पीछे कई कार क गई थ ज ह ने
हान बजाने शु कर िदये थे।
“पे रस वाल को तो कार चलाने क तमीज तक नह ” ेनिवल ने अपनी कार आगे बढ ाते हये
कहा, “जरा आगे क कार क नह िक वे आसमान सर पर उठा लेते ह।”
“मुझे तो पे रस म कार चलाने के नाम से ही डर लगता है।” हे गा ने कहा।
“रमिणय को पे रस म कार चलानी ही नह चािहये।” ेनिवल ने कहा, “उनके साथ तो कोई कार
चलाने वाला होना चािहये।”
हे गा को उसक बात बहत अ छी लग रही थ । इसके साथ ही उसे ेनिवल के कार चलाने का
टाइल बहत अ छा लगा था।
“यह म सडीज गाड ी है न?” हे गा ने पूछा।
“हां।”
“बहत बिढ या गाड ी है। म म सडीज म पहले कभी नह बैठी।”
“शहर से बाहर सड क पर चलाने के लये तो बहत बिढ या गाड ी है िक तु शहर के
अ दर।”
तब ेनिवल ने अपनी म सडीज एक तंग गली से गुजारी और पािकग लाट म लाकर खड ी कर
दी। हे गा ने कार से उतरने के लये दरवाजे के है डल पर हाथ रखा ही था िक ेनिवल िव ुत गित
से अपनी सीट से उतरा और फटाक से हे गा का दरवाजा खोल िदया।
हे गा उसक तेजी एवं स यता से बड ी भािवत हई।
“वैरी मैनरली।” उसने ेनिवल क शंसा क ।
“आप एवं मेरे जैस म अदब आदाब नह होगा, तो िकसम होगा।” ेनिवल ने कहा, “वह रे तरां
यहां से थोड ा आगे है वहां तक पैदल चलना पड ेगा।”
तब ेनिवल-हे गा का बाजू थाम कर उसे रे तर के पास ले आया। रे तरां को देखकर हे गा बुझ
सी गई।
वह आलीशान रे तरांओं म जाने क आदी थी-और यह देखने म िब कु ल ढाबा सा लगता था।
ेनिवल-हे गा का हाथ थामे उसे रे तरां के अ दर ले आया। उसके अ दर वेश करते ही रे तरां का
मा लक लाड- ेनिवल के पास पहच ं गया और बड ी गमजोशी से उसका वागत िकया। ेनिवल
ने जब हे गा का लाड से प रचय करवाया, तो हे गा- लाड का पूरा नाम सुनकर हैरान रह गई।
लाड पे रस एवं सारे यूरोप का स बावच था। तब ेनिवल हे गा को रे तरां के एक कुं ज म ले
आया। जसक स जा देखकर हे गा दंग रह गई। इस जैसा बिढ या एवं खूबसूरत कुं ज हे गा ने
पे रस के िकसी रे तर म नह देखा।
तब हे गा के बैठने के लये जब ेनिवल ने कु स मेज के नीचे से अपनी ओर सरकाई थी, हे गा
ने कहा था, “म तो क पना भी नह कर सकती थी िक पे रस म ऐसे थान भी ह।”
“यहां का खाना भी कु छ कम नह ।” ेनिवल ने बताया, और लाड को खाना भेजने के लये
कहा।
खाना भी ऐसा था िक हे गा एक-एक िनवाले के प चात सौ-सौ मुंह खाने क शंसा करती रही
थी।
खाना खाने के प चात् और वीटिडश आने से पूव ेनिवल ने अपना र नजिड त विणम
सगरे ट केस खोलकर हे गा को सगरे ट पेश क ।
हे गा ने सगरे ट केस से सगरे ट लेते हये कहा, “बहत ही सु दर सगरे ट केस है।”
“यह सगरे ट केस एक आ टयन काउं टेस ने मुझे उपहार म िदया था।” ेनिवल ने उसे बताया
और उस व को याद करने लगा जब इस सगरे ट केस को ा करने के लये उसे उस मोटी
ौढ ा आ टयन काउं टेस को स करने के लये बाथ म म घंट उसके साथ डांस करना
पड ता था।
हे गा बड े यान से उसके चेहरे क ओर देखने लगी थी, मान उसके चेहरे को पढ ने का
यास कर रही हो।
“तुम पे रस या करने आये हो?”
“िबजनेस और ऐश,” ेनिवल ने टालने के अंदाज म हाथ िहलाकर कहा, “आप बताईये...आप
तो यहां लबास खरीदने आई ह गी?”
“म अपने िबजनेस के संबध
ं म पे रस आई ह।ं और कु छ शॅािपंग भी क ं गी।”
ेनिवल हैरानी का अिभनय करने लगा।
“म मान ही नह सकता िक आप जैसी रमणी िबजनेस करती होगी।” कहकर ेनिवल ने अपने
माथे पर हाथ मारा, “ओह-म भी िकतना मूख ह ं िक आपको पहचान नह पाया। अरे ! आप तो मैडम
रो फ ह।”
इतनी देर म वेटर आइस म लेकर पहच
ं गया, और वे खामोश हो गये।
वेटर जब आइस म रखकर चला गया, और वे दोन आइस म पान करने लगे, तो ेनिवल ने
स मत कहा, “तो आप रो फ इलै टािनक कारपोरे शन क मा लक ह। कोई िदन ही ऐसा होता होगा
जब समाचार प म आपका नाम नह पढ ता होऊंगा। आपसे भट होना मेरे लये बड े गौरव क
बात है, और यह भी या इ फाक है िक हम दोन एक ही होटल म ठहरे ह।”
“म बहत ही दौलतमंद औरत ह ं िक तु मेरी दौलत ने मुझसे मेरी वतं ता छीन ली है। जससे मुझे
ायः अकेलेपन का अहसास होता है। मुझे अपनी नकलो-हरकत से सावधानी बरतनी पड ती है।”
“म आपक मु कल को खूब समझता ह।ं समाचारवग हर समय ताक म रहते ह गे िक आपका
िबजनेस कैसा चल रहा है, आप कौन-सी नयी क पिनयां खरीद रही ह, आप िकससे िमलने गई,ं
आपसे कौन िमलने आया। तािक वे आपके नाम के साथ िमच मसाला लगाकर समाचार को रोमांचक
बना सक।”
“आपका िबजनेस या है?” हे गा ने उ सुकता से पूछा।
“कु छ यह कु छ वह,” ेनिवल ने कहा, “अब िबजनेस क नीरस बात से खाने का मजा मत
िबगािड ये। पे रस जैसे शहर म हसीन बात करनी चािहये।” कहकर वह उससे इस अंदाज म बात
करने लगा िक वह मं मु ध हो गई। जब वेटर ने कॉफ ी लाकर उनके सामने रखी, तो उस समय
भी ेनिवल एकालाप कर रहा था। हे गा उसके एकालाप से जरा भी बोर नह हई थी।
“आज से पहले मने कभी न तो इतना बिढ या खाना खाया है और न ही ऐसी िदलच प बात
सुनी ह।”
“खाना तो यहां का होता ही बिढ या है। रही बात तो म तब बात करता ह ं जब मेरे साथ मेरे
मतलब का हसीन साथी हो। अब देखो न, इधर तो मुझे आपक संगित से आन द आ रहा है, और
उधर मेरी अ वाइंटमे ट है। म आपको होटल छोड देता ह।ं ” कहकर ेनिवल िबल चुकाने चला
गया। तिनक देर बाद जब वे दोन म सडीज कार म होटल क ओर जा रहे थे, तो ेनिवल ने कहा,
“यिद कल भी ऐसी ही मुलाकात क जाये तो कैसा रहे? म ॉिमस करता ह ं कल कम बात
क ं गा।” ेनिवल ने एक िदलफक मु कान के साथ कहा, “यहां ऐसा ही एक और बिढ या-सा
रे तरां है। आप मेरे साथ वहां पर िडनर करना पसंद करगी?”
“ज र।” हे गा ने िन संकोच कहा।
होटल पहच
ं कर ेनिवल हे गा के साथ-साथ ल ट तक गया। ल ट जब तक नीचे नह पहच
ं ी,
वह लगातार एक दसरे
ू क ओर देखते रहे।
“यिद आपको आप न हो, तो म आपको हे गा कहकर पुकार लया क ं ...आपका नाम बहत
हसीन है।” ेनिवल ने पूछा।
‘‘मने तु ह माना थोड े ही िकया है।’’ हे गा ने उ र िदया।
“तो िफर कल रात आठ बजे यह लॉबी म मुलाकात होगी।”
हे गा ने सकारा मक सर िहलाया, उसक कलाई का पश िकया और ल ट म सवार होकर
ऊपर अपने सुईट क तरफ चली गई।
जो पैटसन एक कुं ज म बैठा सा चय हे गा और ेनिवल क ओर देख रहा था। जब हे गा क
ल ट नजर से ओझल हो चुक तो वह टहलता हआ जो पैटसन के पास चला आया।
‘‘कोई सम या नह होगी िम टर पैटसन...बस और तीन-चार िदन क बात है... िफर यह
िचिड या मेरी मु ी म होगी।’’
कहकर ेनिवल रसे शन काउं टर पर चला गया।
“एक काड और एक लफाफा।” ेनिवल ने कहा।
“अभी ली जये।”
ेनिवल ने काड पर हे गा के नाम यह संदेश लखा-“हसीन संगित दान करने के लये बहत
ध यवाद-ि स।” और तब काड को लफाफे म ब द करके रसे शन लक को देते हये बोला, “इसे
आप मैडम रो फ को भेज देना और इसके साथ गुलाब के बारह फूल भी तथा उन फूल क क मत
मेरे िबल म जोड देना।”
जब ेनिवल होटल से बाहर आया, और अपनी म सडीज कार क ओर आगे बढ ने लगा।

* * *

उसी शाम जब आरशर एवं ेनिवल होटल जाज िफ थ म पैटसन से िमलने गये, तो वह बड े
अ छे मूड म और स र म था। वेटर को ऑडर देन े के प चात् उसने आरशर से कहा, “तुमने इस
काम के लये िब कु ल सटीक आदमी चुना है।” तब वह खीस काढ कर कर ेनिवल को
संबो धत करते हये बोला, “तुम बहत चालू हो। उसक श ल से लग रहा था िक वह तु हारे हाथ
िबक गई है। तुमने उसे खूब रझाया है।”
“औरत का रझाना तो मेरा पेशा है िम टर पैटसन।” इतनी देर म वेटर तली हई मछली लेकर
उनक मेज के पास पहच ं गया और वे खामोश हो गये। जब वेटर जा चुका, तो पैटसन ने अपनी बात
जारी करके कहा, “तु हारा काम उसके िदल म यह िबठाना है िक हमारी प रयोजना बहत ही
लाभदायक है और वह उसम बीस लाख लगा दे। म तु ह अपनी इस प रयोजना के बारे म तफसील
से बता देता ह।ं यिद बाद म कु छ और मालूम करने क ज रत पड े, तो आरशर से पूछ लेना। यह
अ छी तरह से समझा देगा।”
ेनिवल ने सकारा मक सर िहला िदया।
“एक बार वह तु हारे ह थे चढ जाये, तो िफर मेरी नजर कई और थान पर भी है जहां पर
हॉ लडे कै पस िनमाण िकये जा सकते ह।”
आरशर जो चुपचाप बैठा था, सोचने लगा िक पैटसन आसमान पर उड ने लगा है। इसे जमीन
पर उतार लाऊं तो अ छा है।
“म आपको यह बात बता द ं ू िम टर पैटसन िक हे गा एक बहत ही कु शल एवं चतुर िबजनेस
वूमन है। यिद आप इस याल म ह िक पैसा लगाने के बाद वह एक िन य साझेदार बनने के लये
सहमत हो जायेगी तो आप बहत भारी गलतफहमी म ह। वह िबजनेस पर पूरा िनयं ण चाहेगी।”
पैटसन मुंह मैला करके बोला, “एक औरत मेरे िबजनेस म दखल दे यह मेरे बस से बाहर है।”
कहकर वह ेनिवल क ओर देखकर बोला, “तुम उसे यह कहना िक हम उसके पैसे पर उसे
प चीस ितशत दगे लेिकन िनयं ण हमारा होगा।”
आरशर क अपे ा के िवपरीत ने जब पैटसन को यह उ र िदया िक इसके लये हे गा को सहमत
करने म कोई िद कत नह होगी, तो आरशर यह सुनकर हैरान रह गया।
पैटसन ने ेनिवल का बाजू थपथपा कर कहा, “यह हई न बात।”
“तुम यह बताओ िक उससे पैसा हा सल करने म िकतना समय लग जायेगा?”
“ज दबाजी करना कोई उिचत नह होगा, िम टर पैटान। दस िदन तो लग ही जायगे। अभी तक
मने उसके साथ सहवास ही नह िकया।”
“दस िदन ठीक ह-लेिकन जरा खच का याल रखना यादा खचा मत करना।”
“आप खच क बात करते ह, और म काम पूरा करने क सोचता ह।ं ऐसे काम म खच क कोई
परवाह नह िकया करता। इसके अलावा मेरे बारे म हे गा का िवचार है िक म एक धना ह।ं सो
उसका यह म बनाये रखने के लये मुझे उस पर खचा तो करना ही पड ेगा।”
“वह तो म मानता ह ं लेिकन मेरे पास पैसे का पेड तो नह है बस इतना याल रखना।”
“पैसे का पेड िकसके पास होता है,” ेनिवल ने लापरवाही से कहा, और पे रस क नाईट
लाईफ के बारे म एकालाप आर भ कर िदया। ेनिवल पे रस के जीवन के बारे म इतना बह ुत था
िक पैटसन िदलच पी से उसका एकालाप सुनने लगा। ेनिवल एकालाप के साथ-साथ अनेक कार
के पकवान से पेट पूजा कर रहा था।
जब वह खाना खा चुका, तो पैटसन ने उसे िकसी बिढ या से वे यालय का नाम पता बताने को
कहा।
“तुम ऐसा करो िक इस वे यालय म चले जाना,” ेनिवल ने एक कागज पर एक वे यालय का
पता लखकर देते हए कहा, “और लाइंट से सौदा तय कर लेना। यौन ड ा म वह बहत ही
स म है। वह तु ह कई िदन के लये संतु कर देगी।”
“अ छा म तो चला,” पैटसन अपनी जगह से उठकर बोला, “तुम जरा खच का याल रखना।”
कह वह होटल से बाहर िनकल आया।
“ या घिटया आदमी है,” ेनिवल ने आरशर से कहा, और वेटर को इशारा करके बोला, “मेरे
लये कॉफ ी और ांडी।”
“हां घिटया है,” आरशर ने कहा, “लेिकन हाल-िफलहाल तो उसी के ारा मेरी जीिवका चलती
है।”
“तु हारा या याल है?” ेनिवल अपनी भ ह चढ ाकर बोला, “तुम भी यही सोचते हो िक
हे गा इसक वािहयात प रयोजना म पैसा लगाने के लये सहमत हो जायेगी।”
“कदािप नह । लेिकन जब तक पैटसन का यह म बना रहता है िक हे गा इतनी रकम दे देगी तब
ै ा होता रहेगा। सो
तक मुझे सौ डॉलर ित स ाह और तु ह अपने आमोद- मोद के लये पैसा मुहय
हम अपने फायदे पर लात य मार?”
“और जब हे गा इस ताव को र कर देगी, तो?”
“तो तु ह अपने लये कोई और ौढ ा तलाश करनी पड ेगी, और मुझे नह नौकरी ढू ढं नी
पड ेगी।”
“तुम गंभीर नह हो।” ेनिवल ने कहा।
“िब कु ल गंभीर ह।ं और वा तिवकता से कभी मुंह नह चुराता।” आरशर ने जवाब िदया।
“यार, तुम पराजयवादी हो। तुम थित को मेरी ि से देखो। कु छ ही घंट म मने संसार क
स प औरत को लुभा लया है। वह मेरे साथ रमण करने के लये उ कंिठत है। एक बार हम ेमी
बन गये तो उसके करोड मेरी पहच ं म ह गे। म मानता ह ं िक छल योजनाय बनाना मेरे वश से
बाहर है, लेिकन तुम तो ऐसे काम म महारत रखते हो। यिद मने गलत कहा हो तो मुझे बता दो।”
ेनिवल क यह बात सुनकर आरशर के कान खड े हो गये।
“तुम कहना या चाहते हो?”
“म यह कहना चाहता ह ं िक पैटसन को तो छोड द और हे गा से जतना पैसा बन पड े उतना
ऐंठ।”
आरशर काफ देर तक सोचता रहा।
“तु हारी िवचारधारा िब कु ल गलत है ि स। पैटसन क आ थक सहायता के िबना हम आगे नह
बढ सकते। तु हारे पास म सडीज कार और लाजा एंथनी का कमरा नह रहेगा, और म अलग
आ थक संकट म पड जाऊंगा। म मानता ह ं िक पैटसन से िपंड छु ड ाने का तु हारा ताव बहत
ही अ छा है लेिकन अगर हमने ऐसा िकया, तो पैसा कहां से आयेगा तथा दसरी बात यह है
ू िक तुमने
अभी तक हे गा का एक ही ख देखा है िक वह खूबसूरत एवं मधुरभाषी है। उसका दसरा
ू प
सवथा िविभ है। वह जतनी सु दर है उतनी ही कठोर एवं चतुर है। वह एक स अंतरा ीय
िव ीय िवशेष क बेटी है तथा उसने िपता का िदमाग उ रा धकार म पाया है। हे गा एक िव ीय
िवशेष होने के साथ-साथ अथशा और कानून क पंिडत है। वह छल को कोस दर से ू सूंघ लेती
है। इसम कोई संदेह नह िक यौन उसक कमजोरी है और वह अपने यार पर िदल खोलकर पैसा
खच करती है लेिकन यिद कोई उसक कमजोरी का फायदा उठाना चाह तो यह असंभव है। वह
फौरन ताड जाती है और उसको बुरे के घर तक पहच ं ाकर दम लेती है। तुम उसको कम मत
आंको।”
आरशर आंख ब द करके सोचने लगता िक िपछली बार जब मेरी जरा-सी चूक से हरमन रो फ
का पैसा डू ब गया था तो हे गा ने मुझे संकट से उबारने क बजाय मुझे अपने घेरे म ले, मेरी वह
हालत क िक मुझे दो व क रोटी के लाले पड े हये ह। य न उससे बदला लया जाये। लेिकन
कैसे?”
“म इस बारे म सोचूंगा ि स।”
यही तो म कह रहा ह।ं हमारे पास अभी दस िदन ह। इस दौरान तो वह टु चा पैटसन हम पैसा देगा
ही देगा। और हम उसक आंख म यह धूल झ कते रहगे िक हे गा शीशे म उतर रही है। िफर हम
पैटसन को झांसा दे दगे।”
“ि स, म तु ह िफर बता द ं ू िक हे गा को कम आंकना बहत बड ी िहमाकत होगी।”
आरशर क यह चेतावनी सुनकर ेनिवल हंसने लगा था।
“आज दोपहर यिद तुमने यह देख लया होता िक वह मुझे कैसे टु कर-टु कर देख रही थी, तो तुम
यह बात कभी न कहते। वह तो पेड पर पके हये आम क तरह मेरी गोद म िगरने के लये तैयार
है।”
त प चात आरशर अपने होटल वापस लौट आया, और अपने कमरे म िब तरे पर लेटकर यह
सोचने लगा िक ऐसी या योजना बनाई जाये िक हे गा बीस लाख देन े पर तैयार हो जाये। लेिकन
उसके तेज-तरार िदमाग ने उसका कोई साथ नह िदया।
आ खर थक-हारकर उसने रे िडयो ऑन कर िदया, और यारह बजे के समाचार सुनने लगा। सबसे
मह वपूण समाचार यह था िक अपहरणकताओं क एक टोली ने पांच लोग को बंधक बना लया है
उनको मु करने के लये एक करोड िफरौती धन मांगा है। आरशर ने अधीरता से रे िडयो ब द
कर िदया, और कपड े उतारने लगा। उसने आधी ही कमीज उतारी थी िक क गया और रे िडयो
क ओर देखने लगा।
अपहरण!
एक योजना उसके िदमाग म ज म लेन े लगी, और िफर वह सारी रात नह सो पाया।

* * *

रे लस दा लोर एक छोटा-सा रे तरां है जो फांते लू पैलेस के पीछे क गली म थत है। हे गा


एवं ेनिवल जब वहां पहच
ं े, तो वहां क वािमनी मैडम टोनेली ने उनका वागत िकया और उनक
अगुआई करती हई एक मेज कु स क ओर ले गई। इस रे तरां म मा पं ह युगल के बैठने क
यव था थी। हे गा जब कु स पर बैठ गई, तो ेनिवल ने कहा, “यहां पहच ं ने से पहले ही मने मैडम
टोनेली को ाईड िचकन तैयार करने के लये कह िदया था। तुम इसके हाथ का बना मुगा खाओगी,
तो तु ह पता चलेगा िक ाईड िचकन या होता है। पता नह इसम या- या मसाले डालती ह।”
“तुम तो पे रस के बारे म बहत कु छ जानते हो, ि स। यह जगह हबह मेरी इ छानुकूल है।
बड े-बड े रे तराओं के बनावटी वातावरण से तो कई बार जी ऊबने लगता है। तुम तो पे रस के
कोने-कोने से प रिचत लगते हो।”
“बस थोड ी-सी सुध-बुध है,” ेनिवल ने कहा, “मौका िमलने पर म तु ह िबयाना, ॉग एवं
मा को के ऐसे-ऐसे रे तराओं म ले चलूग ं ा िक तुम हैरान रह जाओगी। अब पहले म तु ह यह बताता
ह ं िक मैडम टोनेली ाईड िचकन कैसे तैयार करती ह।”
ेनिवल जब उसे यह बता चुका िक िचकन िकस भांित से तैयार िकया जाता है, तो हे गा ने कहा,
“यह तो कोई वगलोक का पकवान लगता है।”
“यह एक अपवािदक भोजन है-तु हारे जैसी अपवाद- व प रमिणय के लये।” ेनिवल ने कहा।
हे गा अपनी शंसा सुनकर स हो गई।
“ि स, तुम मुझे यह बताओ िक तुम काम या करते हो?”
आरशर ने इस बारे म ि स को पहले ही प ी पढ ा दी थी। आरशर आज सुबह ि स से िमलने
आया था, और उसे यह समझाया था, मेरे िदमाग म एक क म आई है लेिकन अभी उसका प
िनखारना बाक है। तुम ऐसा करना िक आज रात उसे सैर-सपाटा करवाकर होटल वापस छोड
जाना लेिकन उसके साथ सहवास मत करना। म हे गा क नस-नस से प रिचत ह।ं उससे जतना
यादा इंतजार करवाओगे, उतनी ही वह तु हारे लये कामो कंिठत होगी-िफर उसे हाथ म लेना
बड ा आसान होगा। कल रात तुम दो िदन के लये होटल से गायब हो जाना। जाने से पहले हे गा
के कमरे म फूल का एक गुलद ता भेज देना और उसके साथ यह का लगा देना िक म अपने
काम के स ब ध म दो िदन के लये बाहर जा रहा ह।ं इन दो िदन म उसक कायाि और
भड केगी और यही हमारा उ े य है। तब दो िदन बाद तुम उसके कमरे म जाना और िफर उसके
साथ रमण करना।”
ेनिवल ने आरशर क बात प े बांध ली थी।
सो इस समय उसने हे गा के न का उ र िदया, “ ेनिवल ट ट से मुझे इतनी आय होती है िक
मुझे िकसी चीज क कमी महसूस नह होती। वैसे म अपने आपको य त रखने के लये एक ऐसे
िब डर के साथ कायरत ह ं जो अपनी एक ापट क म को यहां पर तर क देना चाहता है। इस
नीरस िवषय को छोड ो।”
“वह क म या है?” हे गा ने पूछा।
“कोई खास ऐसी नह जसम तु ह िच हो।” ेनिवल ने आरशर के सखाये अनुसार कहा, “यह
तुम या नीरस सा िवषय ले बैठी हो?”
इसी समय मैडम टोनेली भोजन लेकर उनक मेज पर पहच
ं गई थी, और वे चुप कर गये थे।
हे गा ने ऐसा वािद भोजन जीवन म कभी नह िकया था। जब वे भोजन कर रहे थे, तो ेनिवल
ने एक ओर िदलच प एकालाप आर भ कर िदया था। हे गा केवल ह ं हां करती रही थी। उसके
िदमाग म एक ही बात घूम रही थी िक मेरे पास इतना पैसा है...म य न अपना पैसा इस क म म
लगाकर इस अ ुत मद को अपने क जे म कर लू।ं
“तुम मुझे अपनी क म के बारे म बताते य नह ि स?”
“बात यह है हे गा िक म अपने बॉस क अनुमित के िबना उस क म के बारे म िकसी से कोई
बात नह कर सकता।”
यह सुनकर हे गा का मुंह मैला हो गया।
खाना खाने के बाद ेनिवल हे गा को लाजा एंथनी होटल वापस ले आया।
“दभु ा य से अपने िबजनेस के संबध
ं म िकसी से िमलने जाना है। आज क शाम बहत ही असीन
थी। संगित देन े के लये बहत-बहत ध यवाद।”
पैटसन एक कुं ज म बैठा बड े यान से देख रहा था िक हे गा कैसी टु कर-टु कर नजर से ि स
क ओर देख रही है।
“ध यवाद तो मुझे करना चािहये।” हे गा ने कहा, “आज क शाम वाकई बहत हसीन गुजरी है।”
तब ेनिवल हे गा को ल ट के पास लाया था और काफ देर तक उसका हाथ पकड े खड ा
रहा था। िफर हे गा के हाथ को अपने ह ठ का पश देकर छोड िदया था।
हे गा जब ऊपर अपने सुईट म पहच ं ी थी, तो उस समय रात के यारह बजे थे। तब उसने अपने
कपड े बदले थे, और िब तरे पर लेट गई थी।
आज वह खुशी के अहसास से भरी हई थी।
मुझे उससे ेम हो गया है। और वह भी मेरे हाथ िबक गया है। ल ट के पास खड ा जब वह
मुझे िवदा कर रहा था, तो कैसी नजर से मुझे देख रहा था। ऐसी नजर से तभी कोई मद िकसी औरत
को देखता है जब उस पर रीझ गया हो। लेिकन हे गा यह नह जानती थी िक ेनिवल एक
यावसाियक ेमी है और औरत को यार भरी नजर से देखना उसका पेशा है।
तब एकाएक वह िचंितत हो गई िक ेनिवल ने कल िमलने का तो कोई ज ही नह िकया। भूल
गया होगा। हे गा ने अपने आपको सां वना दी-कल फोन करे गा और िफर िकसी अ ुत जगह ले
जायेगा। ेनिवल के याल से भी हे गा को न द नह आई और आ खर उसे सोने क दो गो लयां
खाकर न द क शरण लेनी पड ी।
अगली सुबह वह देर तक सोती रही थी। जब उसक आंख खुली थी, तो दस बज चुके थे। वह
नहाने-धोने के लये बाथ म जा रही थी िक टेलीफोन क घंटी सुनकर उ सुकता से फोन क ओर
लपक िक कह ि स का फोन न हो। लेिकन वह लांबी लक का फोन था।
“मैडम, आपके नाम एक संदेश है। आप कह तो आपके कमरे म भेज द।ं ू ”
“हां भेज दो।” हे गा ने उदासीन वर म कहा, और संदेश का इंतजार करने लगी।
तिनक देर प चात एक वेटर गुलाब के फूल का एक गुलद ता लेकर हे गा के कमरे म पहच

गया। उस गुलद ते के साथ एक का लगा हआ था। के पर लखा था-
“मुझे अपने िबजनेस के संबध
ं म शहर से बाहर जाना पड रहा है। दो िदन प चात वापस लौटते
ही तुमसे िमलूग
ं ा।”
‒ि स!
दो िदन।
चलो! उसने यह तो लखा है न िक वापस लौटते ही िमलूग
ं ा। म उसका इंतजार क ं गी।
तब वह खड क के पास जा खड ी हई थी, और सोचने लगी थी िक ि स के िबना पे रस
िब कु ल सूना लगेगा। पहाड जैसे ये दो िदन कैसे कटगे।
जैसा िक आरशर चाहता था, ये दो िदन हे गा ने बड ी मु कल से काटे थे। अपने आपको
लोमन एवं िवनबान के साथ काय य त रखने पर भी वह हर ण ि स को मरण करती रही।
जबिक ि स ने उसके बारे म सोचा तक नह था। आरशर क सीख अनुसार वह दो िदन के लये
शहर से बाहर चला गया था, और पैटसन के पैसे पर ऐश मौज म म रहा था।
तीसरे िदन सुबह यारह बजे ेनिवल वापस पे रस पहच
ं ा था, और लाजा एंथनी होटल म अपने
कमरे म जाकर सबसे पहले आरशर को फोन िकया था।
“अब तुम इस काम म जुट जाओ। पैटसन से मेरी बात हई थी, अब वह अकु लाने लगा है।”
कहकर आरशर ने ेनिवल को समझाया था िक हे गा पर िकस तरह से प ू डालना चािहये।
“यह सब तो म कर लूग
ं ा आरशर िक तु सम या यह है िक पैसा ख म होता जा रहा है।”
“इस बारे म म कु छ नह कर सकता ि स। इसके लये तो तु ह खुद पैटसन से बात करनी
पड ेगी।”
सो आरशर से नकारा मक उ र पाकर ेनिवल-पैटसन के कमरे म गया। पैटसन उस समय अपने
िबजनेस के बारे म शैिपलो से िवचार-िवमश कर रहा था।
“यह या तमाशा है भई?” पैटसन ने जवाब तलबी वर म पूछा, “दो िदन से तुम कहां गायब
थे?”
“म गायब नह हआ था,” ेनिवल ने बताया, “वरन हे गा को और कामो कंिहत करने के लये
यहां से बाहर चला गया था। जैक और मने इस बारे म सलाह-मशिवरा िकया था और इस नतीजे पर
पहच
ं े थे िक दो िदन तक हे गा से न िमलने से हे गा मेरे लये और अधीर हो जायेगी। आज रात म
अपना काम क ं गा।”
“ या काम करोगे?” पैटसन ने उ सुकता से पूछा।
“पहले उसे आपक प रयोजना के बारे म बताऊंगा, और तब उसके साथ रमण करके उसे स
क ं गा।” पैटसन ने सहमित म सर िहलाया।
“और उसके प चात?”
“उसके प चात तो हे गा पर िनभर करता है। मेरे याल म तो वह पैसा देन े के लये तैयार हो
जायेगी य िक मेरा अनुभव है िक अपनी यौनतृि के प चात औरत इतनी स होती है िक िकसी
काम को ना नह करती-लेिकन नारी च र के बारे म या कहा जा सकता है। यिद वह फौरन राजी
नह हई तो म उसे और कामाकु ल करके उसक तृि क ं गा। आप बहरहाल इस बात से आ व त
रिहये िक दस िदन के अ दर आपको पैसा िमल जायेगा।”
“तो ठीक है तुम उसके साथ जो मज करो-मुझे तो पैसे से मतलब है।”
“वह तो म कर लूग ं ा लेिकन बात यह है िम टर पैटसन िक आपने मुझे खच के लये जो पैसे िदये
थे, वह ख म हो गये ह। यिद आप यह काम जारी रखवाना चाहते ह, तो मुझे पांच हजार और
दी जये।”
पैटसन आ ेय ि से ेनिवल क ओर देखने लगा।
“म तु ह फूटी कौड ी नह दगं ू ा। अब तुम अपनी जेब से पैसा खच करो। जब वह मुझे पैसा दे
देगी, तो म तु ह उसम से कमीशन दे दग ं ू ा। उससे पहले तु ह अपनी जेब से खच करना पड ेगा।”
“मेरे पास पैसा कहां से आया िम टर पैटसन। इस वा तिवकता को आप अ छी तरह से जानते ह।
या तो आप मुझे पांच हजार और दी जये, नह तो मुझे इस काम को रोकना पड ेगा।”
पैटसन ोध से लाल-पीला हो गया।
“मने पहले जो तु ह पैसा िदया था, उसका या हआ? तुम मुझे उसका पूरा िहसाब दो।”
“पैसे का िहसाब मने आज तक नह रखा। पैसा खचने के लये होता है, िहसाब रखने के लये
नह । लगता है शायद आपक काम करवाने क मज नह । मेरा िवचार यह है िक आप हे गा रो फ
से पैसा लगवाने के बारे म भूल जाईये।”
पैटसन और शैिपलो एक-दसरेू का मुंह देखने लगे। तिनक संकोच के प चात पैटसन ने अपनी
जेब से बटु आ िनकाला और तीन हजार िगनकर ेनिवल के सामने रख िदये।
“म इससे अ धक एक फूटी कौड ी भी नह दग
ं ू ा।” पैटसन ने कहा।
“और म पांच हजार से फूटी कौड ी भी कम नह लूग ं ा। आप हे गा रो फ का काम िकसी और
से करवा लेना। मुझे आज दोपहर मिडड जाना है-वहां पर एक स प ौढ ा को मेरी सेवा क
आव यकता है।” कहकर ेनिवल अपनी जगह से उठा और बाहर जाने लगा।
“ िकये तो।” पैटसन उसे रोकते हये बोला, “म तु ह पांच हजार पूरे कर देता ह।ं लेिकन याद
रखना, अगर काम नह हआ, तो...।”
“मने आपसे पहले भी कहा था िक आप मुझे धमक नह दगे। म धमिकय से पानी नह होता
लेिकन जो काम कहता ह ं उसे पूरा करता ह।ं ” ेनिवल ने कहा और कमरे से बाहर चला गया।

* * *

नौ बजे सुबह जब वेटर ना ता लेकर हे गा के कमरे म पहच


ं ा, तो टे म एक बंद लफाफा देखकर
हे गा संदेश पढ ने को एकदम उ सुक हो गई। वेटर मु कल से कमरे से बाहर िनकला होगा िक
हे गा ने लफाफा खोला और उसे पढ ने लगी। उसम लखा था-
बशत िक तुमने मुझे िमलने से इनकार नह िकया, तो आज रात साढ े आठ बजे म तु हारे कमरे
म तुमसे िमलने आऊंगा।
‒ि स
यह संदेश पढ कर हे गा िवभोर हो उठी। कॉफ पीने के साथ-साथ उसका म त क तेजी से
काम करने लगा।
‘आज रात’ हे गा ने सोचा।
आज रात म थित पर िनयं ण रखूंगी। कह घूमने नह जायगे। यह कमरे म िडनर करगे और
िफर...
मेरे पास तैयारी के लये सारा िदन है। बिढ या से बिढ या खाना मंगवाऊंगी, वेटर को कमरे से
बाहर भेज दगं ू ी। यही होगा न लोग अफवाह उड ायगे-उड ाने दो तब म ि स के साथ िब तरे म
लेटकर अपनी अि शांत क ं गी।
इसी समय िवनबान का टेलीफोन आया था िक ुसे स एक जगह देखने जाना है। हे गा ने सरदद
का बहाना बनाकर उसे टाल िदया था। तब उसने लाजा होटल के हेयर डेसर को फोन िकया था,
और उससे यह कहा था िक तीन बजे तुम खुद भी आ जाना और यूटीिशयन को साथ ले आना।
इसके प चात वह बाथ म म नान करने चली गई। नहाने के प चात हे गा सुग ं धत पानी के बाथ
टब म लेट गई और सोचने लगी िक िकसी के साथ सहवास िकये मुझे कई िदन हो गये ह। मेरे भीतर
क उ णता पराका ा पर है। सो म वयं एवं ि स को िनव करके उससे उ मु यौन ड ा
क ं गी। इस िवचार के साथ वह इस क पना म खो गई िक जब ि स मेरे ह ठ पर चु बन अंिकत
कर रहा होगा, तो म अपनी टांग को घुटन क ओर मोड कर जांघ के साथ सटा लूग ं ी और िफर
जांघ को भरपूर फैलाकर...
नहाने के प चात हे गा डे संग म म आई थी, और एक बहत ही सु दर लबास पहना था। तब
उसने होटल के गृह बंधक को ऊपर कमरे म बुलाया था और उसे आज रात के लये शै पेन, अनेक
कार क वा िणय एवं नाना कार के खान का ब दोब त करने को कहा था तथा उसे यह िहदायत
दी थी- आठ बजे तक खाना कमरे लग जाना चािहये और वेटर के कने क कोई ज रत नह होगी।
म खुद िडनर सव क ं गी।
गृह बंधक हे गा को आ वासन देकर िडनर का बंध करने नीचे चला गया था।
इधर जब हे गा इन तैया रय म लगी हई थी, तो उधर आरशर एवं ेनिवल आपस म यह संभाषण
कर रहे थे।
“आज तो कयामत का िदन है,” ेनिवल ने कहा, “आज रात म हे गा के साथ सहवास क ं गा।
उधर मने उस हरामी से पांच हजार िनचोड लये ह। तुम चाहो तो उन पांच हजार म से अपनी
कमीशन काट ले लो।” कहकर उसने हजार क का नोट आरशर के आगे कर िदया।
आरशर जसक जेब िदन- ितिदन खाली होती जा रही थी, उसने िन संकोच हजार का नोट उसके
हाथ से लेकर अपनी जेब म डाल लया।
“वह जो अपनी प रयोजना के अलम-गलम कागज पैटसन ने मुझे िदये ह, वह मने पढ े। मुझे तो
नह लगता िक कोई अ लम द यि इस प रयोजना म पैसा लगायेगा।” ेनिवल ने कहा।
“म जानता ह।ं ” आरशर ने सहमित य क , “लेिकन यह एक जुआ है...शायद दांव सीधा
पड जाये। लेिकन जहां तक म हे गा को समझता ह ं वह इस प रयोजना म पैसा लगाने के लये
कभी तैयार नह होगी। वह एक बहत ही चतुर िबजनेस वूमन है...।”
िफर आरशर आधे घंटे तक उसे समझाता रहा, और ेनिवल यान लगाकर आरशर क बात
सुनता रहा। जब आरशर उसे पूरी प ी पढ ा चुका, तो ेनिवल ने न िकया, “जब हे गा इस
ताव को र कर देगी, जैसा िक तुम एवं म जानते ह िक वह करे गी, तो तुमने आगे या सोचा है।”
“मेरे िदमाग म एक योजना िवक सत हो रही है। लेिकन अभी उसके बारे म कु छ कहना ज दबाजी
होगी। अभी व है, पहले तो तुम हे गा के साथ सहवास करो। यह सबसे मह वपूण है। अपनी
कामाि शांत होते ही उसने तु हारी दासी बन जाना है।”
आठ बजते ही वेटर ने हे गा के कमरे म खाना लगा िदया। शै पेन क बोतल बफ म लगा द ।
इस दौरान हे गा अधीरता से बार-बार अपनी घड ी क ओर देख रही थी। उसने एक बहत ही
खूबसूरत लबास पहन रखा था जससे उसके तन क सारी ितयक रे खाय य हो रही थ ।
सारा बंध करने के बाद वेटर एवं गृह बंधक हे गा के कमरे से नीचे चले गये थे। और हे गा
यह इंतजार करने लगी िक कब साढ े आठ बजे।
ऐन आठ बज कर तीस िमनट पर हे गा के दरवाजे पर द तक हई। हे गा ने लपककर दरवाजा
खोला। बाहर ेनिवल खड ा था। उसने खूबसूरत काफ का सूट पहन रखा था जसम वह बहत ही
मनोहर लग रहा था। ेनिवल ने हे गा का हाथ पकड कर अपने ह ठ का पश िदया।
“तुम िकतनी खूबसूरत लग रही हो,” ेनिवल ने हे गा के स दय क शंसा करके कहा, “अभी
दो िदन पूव तुमसे मुलाकात हई थी लेिकन ऐसा लगता है मानो तुमसे िमले सिदयां बीत गई ह ।”
कहकर वह कमरे के अ दर चला आया और मेज पर िडनर लगा हआ देखकर बोला, “हे गा यह
सब या है? म तो तु ह बाहर ले जाना चाहता था।”
“आज नह ! आज रात यह खाना खायगे। चलो आओ पहले मिदरापान कर। म तो वोदका एवं
मारिटनी लूग
ं ी।
“म भी यही लूगं ा।” ेनिवल ने ीफकेस, जो वह अपने साथ लाया था, एक कु स पर रखा, और
वोडका एवं मारिटनी िम ण करने के लये उस मेज क ओर चला गया जस पर बोतल और िगलास
लगे हये थे। “इतनी सारी चीज तुम शॅािपंग करने गई थ ?”
“ना! म तो अपने नीरस सहकिमय के साथ कायरत थी। और तुम?”
ेनिवल हंसने लगा।
“म भी कायरत था एक काम म।” ेनिवल मिदरा के दो िगलास हाथ म थामे हे गा के समीप आते
हये बोला।
हे गा ने एक िगलास ेनिवल के हाथ से ले लया, और एक चु क लेकर बोली, “तुम बहत
अ छी िडंक बनाते हो-हबह वैसे ही जैसे िहकल बनाता है।”
“िहकल कौन?” ेनिवल ने मुंह बनाकर पूछा।
“िहकल मेरा गृह बंधक है। म उसे लो रडा छोड आई ह।ं बहत ही वफादार है। और आमलेट
तो इतने वािद बनाता है िक खाने वाले उं ग लयां चाटते रह जाते ह।”
ेनिवल को हे गा के बूढ े एवं वफादार गृह बंधक म या िदलच पी हो सकती थी।
“तुमने यह तो बताया नह िक खाने का या ो ाम है।” ेनिवल ने कहा।
“तु ह भूख लग रही है या?”
“भूख तो नह लग रही-बात यूं है िक म अभी थोड ी देर पहले नाईस से आया ह।ं िवमान के
नै स इतने घिटया िक म के थे िक मुंह का मजा िबगड गया है।”
“नाईस यानी दि ण ांस गये थे, तुम।” हे गा ने कहा, “दि ण ांस मुझे बहत अ छा लगता है।
तुम यह िडंक ख म करो, और खाना खाते ह।”
ेनिवल जब अपने एवं हे गा के लये दो लेट म खाना लगा रहा था, तो हे गा टु कर-टु कर नजर
से उसक ओर देख रही थी और सोच रही थी-िकतना अ ुत मद है ि स। इसम ऐसी िवशेषता है जो
मने आज तक िकसी मद म नह देखी।
“तुम मुझे नाईस के बारे म बताओ।” हे गा ने उसके साथ खाना शु करते हये कहा।
“दरअसल म तुमसे परामश करना चाहता ह,ं हे गा। मुझे शायद कु छ िदन के लये सउदी अरब
जाना पड े और सच बात है िक म वहां िब कु ल नह जाना चाहता।”
सह सुनकर हे गा त ध रह गई और परे शान नजर से उसक ओर देखने लगी।
“सउदी अरब? लेिकन य ?”
“यह एक बहत लंबा और नीरस िक सा है लेिकन तुमम यिद होने क ताकत है तो म तु ह बता
देता ह।ं ” कहकर ेनिवल ने तली मछली का एक और िनवाला लया, “यह बहत वािद है, तुम
भी लो।”
हे गा ने नकारा मक सर िहला िदया।
“तुम मुझे यह बताओ िक तु ह सउदी अरब य जाना पड ेगा?”
“यह बताने के लये पहले मुझे अपने बारे म बताना पड ेगा।” ेनिवल ने इस बार भुन े मुग क
टांग पर हाथ साफ करके कहा।
“तुम मुझे उलझन म मत डालो और सारी बात बताओ।” हे गा ने अधीरता से कहा।
“बात यह है हे गा िक अपनी मृ यु से पहले मेरे िपता ने अपनी संप का एक ट ट बना िदया था।
(वह झूठ बोला) इस ट ट से मुझे इतनी अ छी आय होती थी िक म एक सं ांत जीवन यतीत करता
था। लेिकन जब से पाउडं क क मत िगरी है, मुझे िद कत होने लगी है। इस लये मुझे काम करना
पड ा और वा ता ऐसे आदमी से पड ा है जसे यह धुन सवार है िक यहां हॉ लडे कै प का बहत
कोप है। इतनी पूज
ं ी उसके पास है नह िक सारा िबजनेस अपने पैसे से कर सके। उसे पैसे क
ज रत है, और मेरे बारे म उसे न जाने कैसे यह वहम हो गया िक म ही एकमा ऐसा आदमी ह ं जो
उसके लये पैसा जुटा सकता ह।ं मने यहां पर अपनी जान-पहचान के कई साहकार से बात चलाई
थी लेिकन कोई भी इस िबजनेस म पैसा लगाने के लये तैयार नह है। अब मेरे बॉस महोदय को यह
धुन सवार हो गई है िक सउदी अरब जाओ। वहां िन चत कोई न कोई पैसा लगाने के लये तैयार हो
जायेगा। इसी मजबूरी म मुझे सउदी अरब जाना पड ेगा।” कहकर ेनिवल अपनी जगह से उठा
और अपनी एवं हे गा क लेट म मुगा मलाई डालने लगा।
“यहां का खाना तो बहत ही वािद है, और’’ अपने हाथ से लेट म डालकर बोला-“खाने का
जो मजा है। वह श द से परे ह। ेनिवल खाने म य त था था जबिक हे गा यह सोच रही थी िक
पांच िदन प चात म पैराडाइज सटी वापस लौट जाऊंगी और यह पता नह कब सउदी अरब चला
जाये। इस िवचार से हे गा का िदल हौलने लगा।
वह जबद ती क मु कान मु कराकर बोली, “मने जान-बूझकर आ मसेवा का बंध िकया था िक
तु ह अ छा लगेगा। इसे छोड ो और मुझे उस प रयोजना के बारे म बताओ।”
ेनिवल सोचने लगा, अब यह कौतूहल होने लगी-इसे और कौतूहल होने दो। िफर यह अपन आप
जाल म फंस जायेगी। सो उसने िवरोधा मक हाथ िहला िदया।
“तुम या बेकार िवषय ले बैठी हो। मुझे मालूम है तु ह उसम कोई िच नह होगी।” ेनिवल ने
भुनी मछली का टु कड ा मुंह म डालते हये कहा।
“म उस प रयोजना के बारे म जानना चाहती ह।ं ” हे गा ने तड ककर कहा जसे सुनकर
ेनिवल च क-सा गया।
“अ छा तो बाद म बताऊंगा। सच पूछने तो म उस प रयोजना के सम त कागजात अपने साथ
लाया ह।ं ” ेनिवल ने कु स पर रखे ीफकेस क ओर इशारा करके कहा। ऐसा करके ेनिवल ने
बहत भारी चूक क थी।
आरशर ने उसे सावधान िकया था िक हे गा के साथ पैसे क बात करते हये बड ी होिशयारी से
यवहार करना लेिकन इस समय हे गा का कौतूहल देखकर ेनिवल ज रत से अ धक
आ मिव वासी हो गया था।
ेनिवल के ह ठ पर आ व त मु कान पाकर हे गा यानपूवक उसके चेहरे क ओर देखने लगी।
इसी ण उसके म त क म खतरे क लाल ब ी क धी थी। आरशर ने ेनिवल को बहत अ छी
तरह से बताया था िक हे गा एक बहत ही चतुर िबजनेस वूमन है और छल को कोस दर से ू सूंघ
लेती है। ेनिवल को चािहये था िक वह आरशर क चेतावनी पर गंभीरता से अमल करता लेिकन
आज तक उसका मूख स प ौढ ाओं से वा ता पड ा था जो उसके -पु शरीर को देखते
ही िपघल जाती थ ।
उसने हे गा को भी वैसा ही समझा था और उसका यह आ मिव वास उसक नाकामयाबी के हेतु
बना था।
ेनिवल क ओर देखते हये जो पेट पूजा करने म म था, हे गा अपने आपसे सवाल करने
लगी। कह यह िकसी छल क शु आत तो नह । नह , ऐसा नह हो सकता। म खाम वााह म श क
हो रही ह।ं हे गा ने अपने आपको सां वना दी। लेिकन खतरे क लाल ब ी लगातार उसके म त क
म क ध रही थी। यह आदमी मुझे अ छा लगा है। म इसे अपने िब तरे म लटाकर इसके साथ
यौनाचार करना चाहती ह।ं लेिकन अगर यह कोई यव था हई तो हे गा ने बड े सहज भाव से
उससे पूछा, “हॉ लडे कै प के लये जो तुम जगह देखने गये थे, वह नाईस म है?”
“वह नाईस म नह ला रस म है। बहत सु दर जगह है। और उस जगह के आसपास का य तो
अ ुत है।”
“वह जमीन िकतने हे टेयर म है?”
ेनिवल को कु छ पता होता, तो जवाब देता।
कंधे उचकाकर बोला, “यह सारी तफसील न शे म दी हई है। तुम इस िक से को छोड ो और
भोजन का आन द लो। म तो क पना भी नह कर सकता था िक इस होटल वाले इतना बिढ या
खाना बनाते ह। तुम और लो।”
ेनिवल ने अपने िगलास म शै पेन उड ेलते हये कहा।
“म और खाना नह खाऊंगी। ध यवाद!”
ेनिवल इस बात से अनिभ था िक हे गा ने अपनी नीली आंख उस पर गाढ रखी ह।
“तुम बड ी गंभीर नजर आ रही हो, हे गा। मने तु ह बताया है िक इस प रयोजना म तु ह कोई
िदलच पी नह होगी और मुझे यह भी िव वास है िक कोई आदमी भी इस योजना म पैसा नह
लगायेगा।”
“वह अमरीकन कौन है जसके साथ या जसके लये तुम कायरत हो? उसका नाम या है?”
ेनिवल संकोच म पड गया।
“उसका नाम? जो पैटसन। वा वत म वह इसी होटल म ठहरा हआ है।”
“वही जसका कद छोटा, शरीर मोटा एवं चेहरे पर चेचक के दाग ह?”
ेनिवल हैरान का हैरान का रह गया।
“हां वही। बहत ही बोर आदमी है।”
“मने उसे देखा है।” हे गा ने कहा, “अपना िबजनेस बढ ाने के लये उसे िकतना पैसा चािहये?”
हे गा को अपनी ओर गौर से देखते पाकर ेनिवल असहज हो गया िक यह औरत पहल मेरे हाथ
से छीनती जा रही है।
“उसे बीस लाख क ज रत है,” ेनिवल ने हंसते हये कहा, “लेिकन कौन अकलमंद इस
िबजनेस म बीस लाख लगायेगा। हालांिक यह िबजनेस काफ लाभदायक है। इसके अलावा मुझ
इसम दो ितशत ब ा िमलेगा।”
“म खूब अ छी तरह से समझती ह ं िक उसके वा ते पैसा जुटाने के लये तु ह दलाली िमलेगी। म
ऐसी बात को खूब समझती ह ं ि स।” हे गा ने शै पेन क चु क लेकर कहा।
“बहरहाल मुझे यक न है िक इस िबजनेस के लये कोई पैसा लगाने के लये तैयार नह होगा। सो
म सोचता ह ं सउदी अरब जाने म या हज है। इसी बहाने अरब देख आऊंगा।”
“तु हारे पास वहां के लये पासपोट है?” ेनिवल को अब हे गा क तहक काती आवाज से
य ता होने लगी थी।
“मेरे िवचार म िम टर पैटसन पासपोट का ब ध कर रहा है।”
हे गा ने सर िहलाया, और अपने हाथ म पकड े छु री कांटे...।
“और खाओ ि स, अभी तु हारी भूख नह िमटी होगी।”
“खाना इतना बिढ या है िक भूख पर भूख लगे जा रही है।”
ि स जब अपनी लेट खाने से भर रहा था, तो हे गा ने सगरे ट सुलगाई थी, और लंब-े लंब े कश
लेन े लगी थी।
“हॉ लडे कै प” हे गा ने कहा, “कोई बुरी इ वे टमे ट नह है। बीस लाख, ला रस? मान लो यिद
कोई पैसा लगाने के लये तैयार हो जाता है, तो िम टर पैटसन क या शत ं ह गी-मेरा आशय है िक
वह िकन शत ं पर पैसा लेन े के लये तैयार होगा?”
ेनिवल ने यान से हे गा क तरफ देखा...िफर अपनी लेट लेकर उसके पास आकर बैठ गया।
“वह इस रकम पर प चीस ितशत देगा।”
“यह तो बहत ही अ धक है। बक तो इससे बहत कम सूद पर पैसा देन े के लये तैयार हो जायगे।”
ेनिवल ने कंधे उचका िदये और सोचने लगा िक इन नीरस बात ने तो खाने का मजा िकरिकरा
कर िदया है।
“म इस बारे म कु छ नह जानता हे गा।”
“और िनयं ण िकसके पास रहेगा?” हे गा ने पूछा।
“जहां तक म समझता ह,ं िनयं ण वह अपने हाथ म रखेगा। जब तु ह इस प रयोजना म कोई िच
नह , तो तुम खाम वााह म अपना सर य खपा रही हो।”
तब हे गा काफ देर तक चुप बैठी रही। उसक खामोशी से ेनिवल असहज होता जा रहा था
तथा खाना खाने के साथ बार-बार उसक ओर देख रहा था। हे गा अचल अपनी जगह पर बैठी थी।
उसक आंख धुधं ली हो गई थ तथा उसका चेहरा सवथा भावशू य था।
“देखो हे गा...।”
हे गा ने उसक बात पूरी नह होने दी और हाथ क चे ा से अधीरता य क ।
“तुम अपनी पेट पूजा से मतलब रखो, और मुझे सोचने दो।” हे गा क आवाज इतनी च ड थी
िक उसक कठोरता से ेनिवल क भूख गायब हो गई, और उसने लेट एक तरफ रख दी।
“म बहत यादा खा चुका ह।ं ”
“अभी तो पनीर और शरबत बाक है,” हे गा ने कहा, “उ ह भी पान करो।”
“और तुम?”
“मुझे कॉफ ला दो।”
ेनिवल अिन छा से अपनी जगह से उठा और दो याले कॉफ ी बना लाया। उसे अनुभूित हो
रही थी िक हे गा म अक मात् प रवतन आ गया है िक तु वह इसे िन चत नह कर पा रहा था।
हे गा के रवैये म खापन आ गया था तथा उसके चेहरे से कठोरता झलकने लगी थी।
“मुझ वह कागजात िदखाओ, ि स।”
अब से पौन घंटे पहले हे गा उसके लये कामो कंिठत हो रही थी। वह सारा िदन उसके बारे म
सोचती रही थी िक तु अब उसके मन म यह बात बैठती जा रही थी िक यह एक छल योजना है सो
उसक कामो कंठा अपने आप से मंद पड ने लगी थी।
आरशर जो िक हे गा को बहत अ छी तरह से जानता था, उसने ेनिवल को सावधान िकया
था-‘यह सही है िक हे गा एक बहत ही कामुक ी है और यौन उसक कमजोरी है लेिकन यिद उसे
शक पड जाये िक कोई उसक कमजोरी का अनुिचत लाभ उठाने का यास कर रहा है तो उसक
कामुकता सद पड जाती है।”
तुम खाम वााह म अपने आपको य परे शान कर रही हो।” ेनिवल को यह महसूस होने लगा
था िक हे गा उस पर हावी होती जा रही है और इस बात से उसे िचंता होने लगी।
“मने तु ह वह कागजात िदखाने को कहा था ि स,” हे गा क आवाज म कठोरता थी।
हे गा के इस तहकमाना अंदाज से ेनिवल घबरा-सा गया और उसने अपना ीफकेस खोलकर वे
सारे कागजात उसके सामने रख िदये।
“तुम अपने लये ांडी बना लो।” हे गा ने कहा, और कु स के साथ टेक लगाकर उन कागजात
का अ ययन करने लगी। ेनिवल को अब यक न हो गया था िक बाजी मेरे हाथ से िनकल कर
हे गा के हाथ म आ गई है। वह सु त कदम से मेज के पास आया और अपने लये ांडी बनाने
लगा।
“इन कागजात म...।” इससे पूव िक ेनिवल अपनी बात पूरी कर पाता, हे गा ने हाथ के इशारे
से उसे खामोश रहने को कहा।
“मुझे पढ ने दो।”
ेनिवल ांडी का िगलास हाथ म थामे खड क के पास आया और नीचे यातायात क ओर
देखने के साथ-साथ सोचने लगा िक यह औरत कोई िम ी क डली नह है जो घुल जायेगी। तब वह
और संभावनाय टटोलने लगा। य िप उसका आ मिव वास िहल गया था, िक तु उसे इस बात का
यक न था िक एक बार मने इसके साथ रमण कर लया, तो िफर यह मेरी दासी बन जायेगी।
अंततः हे गा ने वह कागजात नीचे रख रख िदये। उसक ती बुि इन कागजात को पढ ते ही
यह बात हण कर गई थी िक यह प रयोजना सफल होना तो या आरं भ ही नह हो सकती। इसके
साथ वह ि स के मानव च र को समझ गई थी और इस प रणाम पर पहच ं ी थी िक इस यौन शि
वाले मद को नकेल डालना कोई किठन काम नह ।
“काफ िदलच प प रयोजना है,” हे गा ने कहा, “मेरे पास काफ पैसा है और पैसा काम म लगाने
के लये होता है। यिद िम टर पैटसन बीस लाख पर प चीस ितशत देन े के लये सहमत ह, तो यह
बहत ही लाभदायक ताव है।”
“लेिकन हे गा...।”
हे गा ने उसे खामोश रहने का इशारा िकया।

* * *

“बीस लाख मेरे लये कोई मायने नह रखते ब क मुझे इस बात क खुशी होगी िक इसम से तु ह
दो ितशत कमीशन िमलेगी। अब हम ऐसा करगे िक म और तुम ला रस म वह जगह देखने
जायगे। दि ण ांस मुझे वैसे ही बहत अ छा लगता है। वहां जाने से एक पंथ दो काज हो जायगे।
काम का काम हो जायेगा और मौज क मौज। हम वहां पर के ज होटल म ठहरगे। वह कालटन
होटल वाले मुझे बहत अ छी तरह से जानते ह। खच के लये तु ह कोई िचंता करने क ज रत
नह । वह तुम मुझ पर छोड दो। तुम ऐसा करो िक अपने िम टर पैटसन से यह कहो िक मुझे इस
प रयोजना म िदलच पी है और तुमने मुझे वह जगह िदखाने के लये राजी कर लया है। उसे ऐसा
बताने से तु हारी कमीशन सुिन चत हो जायेगी।” कहकर हे गा उसका हाथ थपथपा कर बोली,
“हम रात साढ े दस बजे क उड ान से यहां चलगे। ठीक है न?”
ेनिवल ने सकारा मक सर िहला िदया।
“म िम टर पैटसन से यही कहग
ं ा। वह यह जानकर स हो जायेगा।”
“वह तो होगा ही।” हे गा ने कहा, “उसक आंख म फौलाद क सी स ती थी। अ छा तो ि स, म
आज सारा िदन य त रही ह,ं सो अब तुम भी चलकर आराम करो। तुमने मुझे अपनी संगित देकर
आज क शाम को इतना रोचक बनाया इसके लये म तु हारी आभारी ह।ं ”
यह सुनकर ेनिवल असफलता बोध से भर गया िक म या सोचकर आया था और या हो गया।
हे गा मुझे िवदा कर रही है।
“मने तो सोचा था...।” इससे पूव िक ि स अपनी बात पूरी कर पाता हे गा ने उसे रोक िदया।
“मुझे मालूम है, तुम या सोचकर आये थे।” हे गा अपनी जगह से उठती हई बोली, “इस बारे म
बाद म बात करगे...कल।”
ि स जब कागजात उठाने लगा, तो हे गा ने बड ी खाई से कहा, “इन कागजात को यह
छोड दो। म इनको गौर से पढ ना चाहती ह।ं अ छा तो अब तुम अपने कमरे म जाकर आराम
करो।”
हे गा ने एक कार से उसे नीचा िदखा िदया था। ेनिवल के जाईगोलो जीवन म यह पहली बार
था जब उसे एक औरत क भािवता सहन करनी पड रही थी।
ेनिवल चुपचाप हे गा के कमरे से बाहर िनकल आया, और अपने कमरे म आकर आरशर का
न बर घुमाया और सारसा वृ ांत उसके ब कर िदया।
दसरी
ू ओर से आरशर ने िनराशा क दीघ वास छोड कर कहा था, “मने तु ह शु म ही
समझाया था िक हे गा एक बहत ही चतुर औरत है और छल को कोस दर से ू सूंघ लेती है। तुमने
बना बनाया मामला िबगाड िदया है। वह भांप गई है िक तुम उससे छल करना चाहते हो।”
“यिद वह यह भांप गई है, तो कल मुझे अपने साथ वला रस य ले जा रही है?” ेनिवल ने
कहा।
“तु हारी इस बात से साफ जािहर है िक तुम हे गा को मानव च र का िब कु ल अंदाजा नह लगा
पाये। खैर, शनैः-शनैः अपने आप समझ जाओगे। हे गा अपने मकसद क खाितर तु ह अपने साथ
ले जा रही है। वह तु ह इ तेमाल करने के उ े य से तु ह अपने साथ ले जा रही है...वह तु हारे
शरीर से अपने तन क तपन बुझाना चाहती है, तुम ऐसा करो िक उसक इ छानुसार चलो। जो वह
कहे वह करो। मेरा िवचार शनैः-शनैः िवकास पाने लगा है। िफर देखो या होता है।”
“ई वर के लये तुम अपना िवचार तो बताओ।”
“अभी कु छ िदन और ठहरो। मौका आने पर सारी बात बता दगं ू ा। इस बीच यह बात कभी मत
भूलाना िक हे गा से छल करना असंभव है। वह बहत ही तेज और चालाक औरत है। उससे म ही
िनपट सकता ह।ं ” कहकर आरशर ने फोन ब द कर िदया।

* * *
ेनिवल कालटन होटल म अपने कमरे क बा कनी म खड ा धूप सक रहा था। इस समय वह
बहत ही अ स और अिन चत अनुभव कर रहा था।
पे रस म कल जब वह पैटसन से िमला था, और उसे यह बताया था िक हे गा ला रस म वह
जगह देखना चाहती है, तो वह यह सुनकर स हो गया था।
“तुमने बहत बिढ या काम िकया है ेनिवल। समझो वह फंस गई। जब हे गा वह जगह देखेगी
तो फौरन तैयार हो जायेगी। तुम ऐसा करो िक के ज म हेनरी लेगर को फोन करो। वह उस जगह का
ॅापट डीलर है। वह तुम दोन को वह जगह िदखाने ले जायेगा। एक बार हे गा क वह जगह देखने
क देर है िक वह पैसा िनवेश करने के लये तैयार हो जायेगी।”
ेनिवल को पूरी आशा थी िक हे गा से मुलाकात होगी। लेिकन लाजा एंथनी के रसे शन लक
ने उसे यह सूचना दी थी िक मैडम रो फ अपने कमरे म नह ह...वह बाहर गई हई ह, और न जाने
कब वापस लौट।
ेनिवल ने सारे िदन पे रस म इधर-उधर टहलते हये काटा था और शाम को अपने कमरे म वापस
लौटा था। कह छः बजे जाकर हे गा का फोन आया था।
ं जाना।” हे गा ने फुत ली आवाज म कहा था। “मने
“ि स, एक घंटे बाद तुम नीचे लॉबी म पहच
सारसा बंध कर िदया है। एक ह ते के लये कपड े ले आना।”
आज से पहले िकसी और ने उसे इस तरह से आदेश नह िदये थे। ेनिवल ने अपनी ढ ता
य करने का यास िकया।
“देखो हे गा...म...।”
हे गा ने उसे टोक िदया।
“बाद म बात करगे, ि स। इस समय मेरे पास कु छ आदमी खड े ह।” कहकर हे गा ने फोन
ब द कर िदया था।
तब ेनिवल ने आरशर को फोन िकया था।
“ य , कैसे चल रहा है?” दसरी ओर से
ू आरशर ने पूछा।
“कैसे चल रहा है!” ेनिवल ने झ ाकर उ र िदया था, “उसने मेरे ित ऐसा रवैया अपना लया
है... मानो म जाईगोले होऊं।”
आरशर हंसने लगा था।
“जाईगोलो तो तुम हो ही। धीरज से काम लो और अपने ल य को अपने सामने रखो। मेरी िदमागी
क म पनपने लगी है। तुम जब कालटन होटल पहच ं जाओ, तो मुझे फोन कर देना। एक बात को
हमेशा याद रखना िक तुम हे गा के जाईगोलो हो, और तु हारा काम शी से शी उसके साथ रमण
करके उसके तन क तपन बुझाना है।”
ेनिवल ने गु से से रसीवर पटक िदया था।
लेिकन ऐन सात क सुई पर ेनिवल अपना सूटकेस खुद हाथ म पकड े नीचे लॉबी म पहच

गया था। वह इस बात से अनिभ था िक पैटसन लॉबी के एक कुं ज म बैठा उसक ओर देख रहा है।
थोड ी देर बाद हे गा एक मि का क तरह नीचे लॉबी म पहच ं ी थी। उसके आगे-आगे होटल का
मैनज
े र था। दाय और बाय लोमन और िवनबान थे। पीछे कु ली थे जो उसका सामान पकड े हये थे।
तब हे गा ने कु लय एवं वेटर को ब शीश दी थी। होटल मैनज
े र एवं लोमन और िवनबान को
हाथ िहलाकर िवदा कही थी और चेहरे पर एक मु कान िबखेरे ि स ेनिवल के पास पहचं ी थी।
“चलो ि स, चल।” हे गा ने हंसते हये कहा था। इस समय हे गा को देखकर ि स के मन म
गुदगुदी हई थी िक यह िकतनी जीवट और सु दर है।
जब वे शोफर चा लत कार म एयरपोट क ओर जा रहे थे, तो हे गा गपशप के मूड म हो गई थी
िक आज का िदन तो इतना नाईस था िक या बताऊं। बड ी मु कल से अपने सहकिमय से जान
छु ड ाई है।
“कोई जगह देखनी या खरीदनी हो, तो मद लोग बात का बतंगड बनाते ह। तुम बताओ ि स,
तुमने आज का िदन कैसे गुजारा था?”
“मने सारा िदन आट गैलरी म यतीत िकया था।” ि स ने झूठ बोला।
जब वे हवाई अ े पहच ं े थे, तो दो कु ली लपक कर कैिडलॉक के पास पहच ं गये थे। हे गा को
हवाई अ े के बाहर देखते ही एक एयर हो टेस उनके पास आई थी, और उनक अगुआई करती हई
वी-आई-पी लाउं ज म ले गई थी। ेनिवल को यह बात बहत चुभ रही थी िक म केवल एक दशक
ह।ं इस भूिमका से वह बहत िचढ ने लगा था िक तु कु छ नह कर सकता था। जब वे िवमान म
सवार हये थे, तो एक एयर हो टेस हे गा के पास आ कर खड ी हो गई थी। थोड ी देर बाद
लाईट कै टन खुद हे गा से िमलने आया था। उसने हे गा से हाथ िमलाया था, और ेनिवल क पूण
उपे ा क थी। हे गा लाइट कै टन को अ छी तरह से पहचानती थी य िक उसने लाइट कै टन से
उसके प रवार का हालचाल पूछा था। और टाफ भी हे गा को सलाम करने आया िक तु िकसी एक
ने भी ेनिवल क ओर आंख उठा कर नह देखा था। ेनिवल को पहली बार यह अहसास हआ िक
हे गा जैसी अरबपित क या शि होती है। ेनिवल मुंह फुला कर बैठ गया था िक तु हे गा ने
उसक ओर कोई यान नह िदया था। वह अपने-आपम फु थी।
जब वे नाईस एयरपोट पर पहच
ं े थे, तो एक म सडीज कार हे गा के इ तजार म खड ी थी।
कैिडलॉक के उ रसीदा चालक ने अपनी टोपी सर से उठाकर हे गा का अिभवादन िकया था। हे गा
ने जवाब म उसके साथ हाथ िमलाया था और उसक प नी का हाल पूछा था। ेनिवल एक कठपुतली
क तरह चुपचाप खड ा रहा था।
नाईस एयरपोट से के ज पहचं ने म उ ह बीस िमनट लगे थे। कालटन होटल का मैनज
े र हे गा के
वागत के लये पहले से ही ार पर खड ा था। उसने झुककर हे गा का अिभवादन िकया था, और
ेनिवल क ओर देखकर सर िहला िदया था।
“ि स म बहत थक गई ह.ं ..कल बात करगे।” हे गा ने कहा था और उसके जवाब का इंतजार
िकये िबना ल ट क ओर चली गई थी।
अगली सुबह ना ते क टे म ेनिवल को यह का िमला था।
“बोर हो गई ह।ं लेिकन या क ं । एक काम के संबध
ं म मुझे बाहर जाना पड रहा है। तुम रात
नौ बजे मुझे लॉबी म िमलना।
‒हे गा।”
ेनिवल को हे गा से खौफ-सा होने लगा था। थोड ी देर बाद उसे याल आया...मने हे गा से
झूठ बोला था िक म वह जगह देखने के लये ला रस गया था जबिक मुझे यह मालूम नह िक वह
जगह है कहां पर। अगर हे गा ने मुझे उस जगह पर ले चलने को कहा, तो म या क ं गा। यह
िवचार आते ही उसने हेनरी लेगर के ऑिफस का फोन घुमाया।
दसरी
ू ओर से एक लड क ने बताया म यं लेगर तो इस समय ऑिफस म ह नह और वह
दोपहर बाद वापस लौटगे।
“म जो पैटसन का ितिन ध बोल रहा ह।ं पैटसन ने एक जमीन के बारे म िम टर लेगर से
बातचीत कर रखी है। या आप मुझे बता सकती ह िक वह जमीन कहां पर थत है?” ेनिवल ने
पूछा।
“म यं लेगर इस समय वह पर ह,” लड क ने बताया, “वह मैडम रो फ को वह जमीन िदखाने
ले गये ह।”
यह सुनकर ेनिवल ने रसीवर वापस रख िदया। उसके म त क म आरशर क यह चेतावनी
गूज
ं ने लगी-“कभी भूलकर भी यह क पना मत करना िक तुम हे गा को बेवकू फ बना सकते हो।”
‘तो ठीक है िफर ऐसे ही सही। म वैसे ही क ं गा जैसे वह कहेगी। जब म उसके तन क तपन
बुझा चुकं ू गा, और वह इस बात से संतु हो जायेगी िक म उसक इ छानुसार उसक यौन तुि कर
सकता ह ं तो देखंगू ा िक वह िकस करवट बैठती है। तब तक म मासूम बना रहता ह।ं ’
तब उसने पे रस म आरशर को फोन िकया और उसे सारा कथन कह सुनाया।
“तुम िचंता मत करो ेनिवल।” आरशर ने उसे आ वासन िदया, “अब तक हे गा यह जान चुक
है िक पैटसन क प रयोजना सरासर बोगस है। यह तुम भी जानते हो और म भी जानता ह ं िक वह
उस प रयोजना म पैसे नह लगायेगी...लेिकन उसे तु हारे शरीर म बहत िदलच पी है। तुम वह करो
जो वह कहे। म आज रात वहां पहच ं रहा ह ं और लै रस होटल म ठह ं गा। मेरी योजना तैयार हो
चुक है। हम हे गा से बीस लाख दोहने ह, तो दोह लगे। वह यिद चतुर है, तो म उससे यादा चतुर
ह।ं ”
आरशर को फोन करने के प चात ेनिवल घूमने-िफरने चला गया था। कु छ देर तैराक करता
रहा था। लेिकन िकसी भी चीज म उसका मन नह लगा था-सो वह होटल वापस लौट आया था। रात
के नौ बजते ही वह लॉबी पहच
ं गया था।
थोड ी देर बाद हे गा एक रमणीय लबास पहने लॉबी म पहच
ं ी थी, और सीधी ि स के पास
चली आई थी।
“ि स, मेरा तो पेट चपाती हो रहा है। चलो बुलदॉर रे तरां चलते ह।” हे गा ने कहा, और उसके
उ र क ती ा िकये िबना बाहर आकर म सडीज म बैठ गई। ेनिवल भी उसके पीछे -पीछे चला
गया।
थोड ी देर प चात जब वे बुलदॉर रे तरां पहच
ं े तो वहां के गृह बंधक लुई ने हे गा का भ य
वागत िकया, और उनक अगुआई करता हआ एक एका त कुं ज म ले आया।
“मेरे पित हमेशा मुझे यहां लाया करते थे” हे गा ने ेनिवल से कहा, “यहां का भोजन तो पूछो
मत। इतना वािद होता है िक उसक शंसा श द से परे है, “कहकर हे गा लुई को संबो धत
करते हए बोली, “हम फ ट लास खाना सव कर दो।”
“और तुम वा णी का चयन करो। वा णी के चयन के मामले म तुम मािहर हो।”
ेनिवल वाईन सूची का अ ययन करने लगा। तभी हे गा ने लुई से पूछा, “तु हारे पास मागुि स
29 है? तु ह याद है न, मेरे पित को यह वा णी बहत अ छी लगती थी।”
“मा दो बोतल बाक बची ह मैडम।”
“तो ले आओ।”
मागुि स 29 का नाम सुनकर ेनिवल क हवा सरक गई थी। वह सोचने लगा, मने पैटसन से
पांच हजार लये थे जसम से एक हजार ख म हो चुके। मागुि स 29 क एक बोतल पांच सौ स
क है। इस पर इतना महंगा रे तरां। लेिकन उसने अपने चेहरे से कोई िति या य नह होने दी।
हे गा झलिमलाती हई नजर से उसक ओर देखने लगी।
“बड ा आन द आयेगा ि स। अ छा तुम यह बताओ, तुमने अपना िदन कैसे यतीत िकया
था?”
“तैराक क थी, इधर-उधर टहलता रहा था लेिकन सारा िदन तु हारे लये िदल उदास रहा था।”
यह सुनकर हे गा स हो गई।
“म भी तु हारे लये उदास रही थी-लेिकन कल हम अकेले नह रहना पड ेगा।”
“और तुम सारा िदन या करती रही थ ?” ेनिवल ने पूछा।
“इस िवषय पर बाद म बात करगे।” हे गा म उ र िदया, और अपनी नजर ि स पर गाड द ।
ि स उसको अपनी ओर देखता पाकर असहज हो गया। खाने के दौरान भी हे गा ने ि स को
बोलने का मौका नह िदया था।
खाना खाने के बाद हे गा ने कहा था, “चलो ि स, अब होटल चलते ह।” कहकर हे गा ने िबल
चुकाया था।
जब वह िबल का भुगतान कर रही थी तो ि स ने िबल क पेमे ट करने का हे गा से आ ह िकया
था, लेिकन हे गा ने ‘अरे छोड ो भी’ कहकर उसे पैसे नह देन े िदये थे। त प चात् जब वे होटल
पहचं े थे, तो वे दोन हे गा के कमरे म गये थे, हे गा बा कनी म जाकर नीचे समु का य करने
लगी थी। ेनिवल भी उसके पास आकर खड ा हो गया।
“मुझे के ज बहत अ छा लगता है।” हे गा ने कहा।
“वाकई बहत खूबसूरत जगह है।” ि स ने हां म हां िमलाई।
“अब िबजनेस क बात करते ह। ि स।” हे गा ने कहा और बा कनी म पड ी आरामकु स पर
बैठ गई।
ेनिवल मन ही मन म कहने लगा-काश, आरशर इस समय यहां होता। यह हे गा अनूठी औरत
है। अपनी कमजोरी के बावजूद मान सक प से इतनी चतुर और ठोस इरादे क है िक इसक ओर
देखकर मेरा मनोबल िगरने लगता है। मुंह से बात िनकलती नह िक यह उसक तह को पहच ं जाती
है। आज तक मेरा वा ता स प एवं मूख ौढ ाओं से पड ा है। लेिकन यह स प होने के साथ-
साथ बुि मान भी है। जब मेरे चेहरे पर नजर गाढ ती है, तो इससे नजर िमलाने का मुझम साहस
नह होता। अब न जाने या बात होगी।
“िबजनेस क बात?” ि स ने उसके समीप बैठकर कहा, “तु हारा आशय है पैटसन क
प रयोजना के बारे म?”
हे गा उसक ओर देखकर मु कु राने लगी।
“ि स, तुमम अ ुत यो यताएं ह...उसका अंदाजा मुझे है लेिकन यह ॅापट का धंधा तु हारे बस
का रोग नह है।”
ि स ने अपना विणम सगरे ट केस िनकाला और खोल कर हे गा के सामने िकया। हे गा ने
उसम से एक सगरे ट ली। तब ि स ने खुद उसम से एक सगरे ट ली, और बोला, “शायद तु हारा
अंदाजा ठीक हो।”
हे गा अपना सर पीछे क ओर झटककर जोर-जोर से हंसने लगी। ि स उसक सुराहीदार गदन
को देखकर सोचने लगा िक हे गा ौढ ा होने के बावजूद सु दर है।
“जब तुमने मुझे पैटसन क योजना के बारे म बताया था िक तुम उसम कायरत हो, तो मने इस
िवषय म जानकारी ा करने का िनणय कर लया था। कल मने अपने आदिमय को जो पैटसन क
तहक कात करने के आदेश िदये थे। आज सुबह म वह जगह देखने गई थी। अब म तु ह वह बताती
ह ं जो मुझे पता चला है। पहले जो पैटसन के बारे म सुनो...वह एक ठग है, ाड के अपराध म पांच
वष क जेलया ा भी कर चुका है। उसके पास मु कल से इतना पैसा है िक अपनी जीिवका चला
सके। उसक यह प रयोजना केवल पैसा ऐंठने के लये है। ला रस म उस जगह पर हॉ लडे कै प
खड े ही नह िकये जा सकते य िक वहां पर दो प के फुटपाथ ह। और वह ॉपट डीलर लेगर
वयं एक वंचक आदमी है। तु ह वा तिवकता का सामना करना ही पड ेगा ि स िक तुम एक ठग
के झमेले म फंस गये हो।”
ेनिवल अपना माल िनकालकर पसीना प छने लगा।
“मने तो तु ह पहले ही कहा था हे गा िक इस प रयोजना म कोई भी अ लमंद आदमी पैसा लगाने
के लये तैयार नह होगा।”
“मुझे खेद है ि स िक अब तु ह दो ितशत कमीशन नह िमलेगी और बेहतर यह है िक तुम जो
पैटसन को भूल जाओ।”
ेनिवल ने कंधे उचका िदये।
“जीवन म ऐसे ही होता है हे गा। मुझे या ान था िक पैटसन एक ठग है। मेरे िवचार म उसके
छल को अंत तक देखने म हज या है। मेरा आशय है िक जब पैटसन खचा देन े के लये तैयार है
तो या न म सउदी अरब देश देख आऊं।”
ेनिवल का िवचार था िक यह सुनकर हे गा बेचन
ै हो जायेगी लेिकन जब उसने हे गा को
समी ा मक ि से अपनी देखते पाया, तो खुद असहज हो गया।
“तुम सउदी अरब को भूल जाओ।” हे गा ने शु कता से कहा, “और मेरी सलाह पर अमल करो।”
“तु हारी या सलाह है?”
“मेरी कारपोरे शन तु हारी यो यताओं का योग कर सकती है।”
“लेिकन म तो इलै टॉिन स के बारे म कु छ भी नह जानता।”
“और न ही जाने क ज रत है। म तु ह अपने िनजी सहायक के प म िनयु करना चाहती ह।ं ”
कहकर हे गा ने अपना हाथ ेनिवल के हाथ पर रख िदया। “तु ह या पता िक मुझे िकतना काम
करना पड ता है, और मुझ पर िकतना बोझ रहता है। तुम मेरे पास होओगे, तो मेरा बोझ आधा हो
जायेगा। बोलो, या मज है?”
यह सुनते ही ेनिवल का खोया हआ आ मिव वास लौट आया। और वह अपनी उं ग लय से
हे गा क कलाई सहलाने लगा।

* * *

खड क के झरोख से आती हई सूयिकरण से हे गा क आंख खुल गई।ं हे गा ने एक लंबा


सांस लेकर अंगड ाई ली, और आंख खोलकर बेड साईड टेबल पर पड ी घड ी क ओर
देखा। दस बजाना चाहते थे। कल रात जैसी न द उसे पहले कभी नह आई थी। तब करवट लेकर
हे गा ने दसरे
ू तिकये क ओर देख और उसका पश िकया।
ेनिवल आधी रात तीन बजे के बाद हे गा के कमरे से अपने कमरे म गया था। हे गा को उसका
जाना बहत खला था िक तु वे दोन इस बात पर सहमत थे िक जब सुबह हो, तो कम से कम िदखावे
के लये उ ह अपने-अपने कमरे म होना चािहये।
हे गा अपने रे शमी बाल म उं ग लय से कंघी करने लगी। अपने शरीर क ओर देखकर उसे इ छा
होने लगी िक या अ छा होता िक ेनिवल इस समय मेरी बगल म लेटा होता और मुझे भोग रहा
होता।
िफर कु छ देर तक हे गा अपने िब तरे पर अचल लेटी गत रात क काम ड ा को याद करके
दोहराती रही थी। या अ छी तरह से रितयाया था उसने मुझे। िकतना आन द आया था मुझे! और
खलन के समय अपने आप पर िनयं ण रखना चाह कर भी कैसे म बेबस हो गई थी और मेरे मुंह से
हाय...हाय क ना स य विन िनकलने लगी थी। ेनिवल तो मेरा पित बनेगा ही बनेगा। ेनिवल के
पास म न होने से मेरा िदल हौलने लगता है। उसम कोई कमी नह -मनोहर है, बुि मान है, यो य है
और यौन-तृि म तो एकदम लाजवाब है।
‘आ खर फंस गई न म,’ हे गा ने अपने आपसे कहा-‘तो या हआ। अगर म उस पर रीझ गई ह,ं
तो वह भी तो मेरे हाथ िबक गया है-कैसी टु कर-टु कर नजर से देखने के साथ-साथ कैसे ेम पश
कर रहा था। मुझे एक बात से सावधान रहना पड ेगा िक ेनिवल एक अं ेज है और अं ेज अपने
इस उसूल के बड े प के होते ह िक अपने से अ धक अमीर औरत से िववाह नह करना चािहये।
म ेनिवल को साध लूग ं ी लेिकन यह काम यहां कालटन होटल म नह हो सकता। इसके लये
शांतमय जगह व वातावरण क ज रत है। के टगनोला का मेरा िवला इस काम के लये उपयु है।
वहां हम देखने वाला कोई नह होगा। म होऊंगी और ि स...जब जी चाहेगा हम दोन िन संकोच
यौनाचार म जुड एक-दसरे ू का रस लेन े लगगे। यह िवला हरमन रो फ ने खरीदा था और यह
व जरलड म लुगानो शहर के बाहर थत था। इसके चार ओर अ ुत य था। इसी िवला म
आरशर ने हे गा को लैकमेल करने का असफल यास िकया था।
िवला का िवचार आते ही हे गा का िदमाग तेजी से काम करने लगा िक देखभाल के लये मुझे
वहां पर ऐसे आदमी क ज रत है जो जरा भी कौतूहली न हो और ि स को मेरे साथ देखकर अपनी
जबान ब द रखे।
ऐसा आदमी...?
तभी हे गा को िहकल का याल आया। जसने पूरे पं ह साल तक वफादारी के साथ हरमन
रो फ क सेवा क थी और उसक मृ यु के प चात अपनी तमाम तव जोह एवं वफादारी हे गा के
लये समिपत कर दी थी।
िहकल का िवचार आते ही हे गा ने नीचे लॉबी म फोन िकया और लॉबी लक को पैरॉडाइज
सटी म अपने घर का नंबर िमलाने को कहा। थोड ी देर बाद हे गा को कॉल िमल गई।
“म िहकल बोल रहा ह ं मैडम,” दसरी
ू ओर से िहकल क आवाज सुनाई दी, “आप ठीक-ठाक
ह?”
“म बहत स ह,ं िहकल, म तु ह एक समाचार सुनाने जा रही ह.ं ..मुझे एक आदमी से ेम हो
गया है और म उससे िववाह करना चाहती ह।ं ”
“मेरे िवचार म वह आदमी आपके यो य होगा, मैडम।”
“िहकल, वह एक अ ुत आदमी है। मुझे तु हारी बहत स त ज रत है।”
“आप ह म क जये मैडम।”
“तुम ऐसा करो िक के टगनोला िवला पहच
ं जाओ। मने तु हारे लये लेन क िटकट बुक करा दी
है।”
“ठीक है मैडम, म परस साढ े दस बजे सुबह जनेवा पहच
ं जाऊंगा।’’
“थक यू वैरी मच, िहकल।” कहकर हे गा ने फोन ब द कर िदया।
अब मुझे एक नई कार का बंध करना चािहये। हे गा ने फौरन लुगानो म रो स राइस एजे ट का
फोन नंबर डायल िकया।
“मुझे एक रो ज राइस चािहये,” हे गा ने अपना प रचये देन े के बाद कहा।
“हमने अभी-अभी एक रो स राइस क मालछु ड ाई क है, मैडम। उसका रं ग लाल और रजत
तथा बहत ही खूबसूरत गाड ी है।”
“मुझे यही कार चािहये,” हे गा ने कहा, “म परस साढ े दस बजे जनेवा पहच ं ूंगी। तब तक मुझे
वह रो स राइस िमल जानी चािहये। इस बीच तुम लुगान म मेरे िवला बंधक टे सल से स पक कर
लेना। वह तु ह कार क क मत दे देगा।”
“आप िन च त रिहये मैडम। जब आप जनेवा हवाई अ े पर पहच
ं गी तो कार आपक ती ा म
खड ी होगी।”
हरमन रो फ के पैसे क जादईु चाबी करतब करने लगी थी।
ि स! हाय ि स! िकतना मन कर रहा है िक इस समय तुम यहां होते और मुझे अपने अंक म
भ च लेते। अब तो बस दो िदन क बात है। िफर हम दोन सबक नजर से दर क
ू े टगनोला म ह गे
और िहकल हमारे ह म बजा लाने के लये मौजूद होगा।

* * *

“धीरज धरो ि स।” आरशर ने शांत वर म कहा, “ थित िबलकु ल हमारे अनुकूल है।”
ेनिवल एवं आरशर एक फटीचर से जलपान गृह म आमने-सामने बैठे थे।
“तुम तो ऐसा कहोगे ही,” ेनिवल फट पड ा, उसके साथ रहना तो मुझे पड ता है। हे गा
जैसी व थबोधक औरत मने आज तक नह देखी। वह तो एक मादा मकड ी क तरह है जो अपने
नर को भ लेती है।
“अरे गम य हो रहे हो?” आरशर ने तेज लहजे म कहा, “यह काम होते ही दस-दस लाख हम
दोन के िह से म आयगे। पाने के लये कु छ करना ही पड ता है। तुम अपना काम बहत अ छी
तरह से कर रहे हो। बस, थोड ी-सी कसर बाक रह गई है।”
“वह या?” ेनिवल ने मशकू क नजर से आरशर क ओर देखकर पूछा।
‘‘तुम हे गा के िदल म यह बात िबठा दो िक तुम उसके साथ िववाह करना चाहते हो।’’
“िववाह करना चाहता ह.ं ..हे गा के साथ?” ेनिवल ने हे गा पर बल देकर कहा।
“अरे भई मेरा कहने का मतलब है िक तुम अपने ज बात से उस पर यह जािहर करो िक तुम
उसके पित बनने के लये इ छु क हो।”
“म तु हारा आशय नह समझा।”
आरशर ने उसे समझाया, “हे गा एक तनहा औरत है। वह तुम पर रीझ गई है। एक बार उसे इस
बात का यक न हो गया िक तुम उसके साथ िववाह करने चाहते हो, तो वह हमारे कांटे म ऐसी
फंसेगी िक छू ट नह पायेगी।”
ेनिवल ने पहले ही आरशर को यह बता िदया िक हे गा दो स ाह के लये मुझे अपने साथ
के टगनोला ले जाना चाहती है...आरशर यह समाचार सुनकर स हो गया था।
“इससे बिढ या और या बात हो सकती है िक वह तु ह अपने साथ ले जा रही है। तभी तो मने
तुमसे कहा है िक थित हमारे अनुकूल है।” कहकर आरशर यान से उसक ओर देखने लगा, “तो
हे गा ने तु ह कु छ पैसे भी िदये ह गे?”
“जबरद ती िदये थे िक अपने लये बिढ या से कपड े-ल े खरीद लाओ।” ेनिवल ने
बौखलाकर कहा।
“कपड क ज रत तो तु ह पड ेगी ही। लेिकन मुझे यह समझ नह लगती िक तुम बौखलाये
हये य हो,” आरशर ने कहा, “आ खरकार तुम एक पेशेवर जाईगोलो हो। स प ौढ ाओं क
यौन तृि करके उनसे पैसा लेना तु हारा पेशा है। खैर छोड ो। यह बताओ िक हे गा ने तु ह
िकतने पैसे िदये थे?”
“एक लाख।”
आरशर ने शंसा मक भाव से सर िहलाया।
“हे गा म यह िवशेषता है िक वह अपने यार के साथ बड ी उदारता से पेश आती है। आ खर
अरबपित है,” कहकर आरशर तंज नजर से ेनिवल क ओर देखने लगा। “अपनी योजना को
काया वत करने के लये मुझे कु छ पैसे क ज रत है। हे गा से िमली रकम म से यिद तुम पचास
हजार मुझे दे दो तो?”
“तुम जब भी िमलते हो अपनी योजना क रट लगाने लगते हो लेिकन तुमने आज तक यह नह
बताया िक तु हारी योजना है या।” ेनिवल ने बौखलाहट से कहा।
“स करो, बताता ह।ं ” आरशर ने कु स के साथ टेक लगा कर कहा, “आज से तीन िदन प चात्
जब तुम हे गा के मन म यह बात िबठा चुके होओगे िक तुम उसके साथ िववाह करना चाहते हो,
तथा उसको रितया-रितया कर िनढाल कर चुके होओगे, तो उसके के टगनोला िवला म तु हारा
अपहरण अमल म आयेगा, और तु ह वापस लौटाने के लये बीस लाख क िफरौती मांगी जायेगी।”
ेनिवल मुंह फाड कर आरशर क ओर देखने लगा।
“मेरा अपहरण िकया जायेगा? तु हारी मत हर गई है।”
“तु हारा अपहरण नकली होगा। लेिकन िफरौती धन क मांग स ची होगी,” आरशर ने उसे
बताया, “म हे गा को बहत अ छी तरह से जानता ह।ं तुम थित को हे गा क ि से देखो-उसके
पास नाम है, दौलत है, फलता-फूलता िबजनेस है-सब कु छ है इस सबके बावजूद उसके जीवन म दो
अभाव ह-एक तो यार का और दसरा ऐसेू मद का जो उसक यौन तृि कर सके। उसक ये दोन
किमयां तुमसे पूरी हो जाती ह। सो जब यह बात उसके मन म बैठ जायेगी िक तुम उसके साथ िववाह
करना चाहते हो, तो वह खुिशय के सातव आकाश पर पहच ं जायेगी। उसी समय तु हारा अपहरण
कर लया जायेगा। त प चात तब उसे यह बताया जायेगा िक यिद वह बीस लाख देन े पर तैयार हो,
तो तु ह वापस लौटा िदया जायेगा। यह हे गा अपनी खुिशयां वापस खरीदने के लये बीस लाख देने
म तिनक भी संकोच नह करे गी। उसके पास बहत पैसा है। बीस लाख उसके लये कोई मायने नह
रखते। उसम आधे तु हारे और आधे मेरे। बोलो कैसी योजना है?”
“हे ई वर।” ेनिवल िव मत नजर आने लगा, “मान लो उसने पु लस म रपोट कर दी तो?”
“इस बात का म तु ह आ वासन देता ह ं िक वह कभी पु लस म रपोट नह करे गी। म हे गा को
बहत अ छी तरह जानता ह।ं वह पु लस म रपोट नह करे गी। तु ह वापस पाने के लये पैसा देगी।”
“जब वह पैसा दे चुकेगी, तो?”
“तो हम दोन व जरलड छोड कर चले जायगे। बाद म जब तुम वापस नह लौटोगे और
उसको इस बात का अहसास होगा िक उसे बेवकू फ बनाया गया है, तो भी वह खामोश रहेगी। उसका
गव उसे इस बात क अनुमित नह देगा िक वह यह बात वीकार करे िक उसे बेवकू फ बनाया गया
है।”
“हे गा यह पैसा िकसको और कैसे देगी?” ेनिवल ने पूछा।
“यह तुमने बहत अ छा सवाल िकया है।” आरशर ने कहा, “मेरी और हे गा क पुरानी द ु मनी
है। म उससे िमलने जाऊंगा और उसे यह बताऊंगा िक बीस लाख देन े पर तुम छू ट सकते हो। वह
फौरन तैयार हो जायेगी। एक वस बक म मेरा अंिकत अकाउं ट है ही। सो म उससे कहग ं ा िक इस
अकाउं ट म पैसा टांसफर कर दे। त प चात दस लाख म तु हारे हवाले कर दग
ं ू ा।”
“मेरा अपहरण कौन करे गा?” ेनिवल ने पूछा।
“उसका बंध म करने जा रहा ह।ं ” आरशर ने कहा, “अब तुम ऐसा करो िक पचास हजार मुझे दे
दो। म एक घंटे के अ दर-अ दर जनेवा पहचं ना चाहता ह।ं ”
तिनक संकोच के प चात ेनिवल ने अपनी जेब से नोट का बंडल िनकाला और उसम से पचास
हजार आरशर को दे िदये।
“जनेवा से म लुगानो जाऊंगा जहां पर म होटल दा वस म ठह ं गा। तुम मुझसे वहां पर स पक
करना। तु हारा काम यह है िक तुम हे गा के मन म यह बात िबठा दो िक तुम उसके िबना जीिवत
नह रह सकते। बाक तुम मुझ पर छोड दो,” आरशर ने ेनिवल क ओर देखकर मु कराते हये
कहा, “रहा अपहरण, तो यह रोजमरा क बात हो चुक है। हे गा को कोई शक नह होगा िक उससे
पैसा ऐंठने के लये यह महज एक ढ ग है। जब तु हारा अपहरण हो रहा हो, तो थोड ा-सा
मुकाबला ज र करना। तु ह िवला से लाकर मेरे पास छोड िदया जायेगा। और िफर जब तक
हे गा से पैसा नह िमल जायेगा, तब तक तुम मेरे साथ रहोगे।”
“जैक, मुझे डर लगता है,” ेनिवल ने कहा, “मने हेरा-फे रयां तो बहत क ह िक तु आज तक
कोई जुम नह िकया।”
“जुम तो तब होता है, जब बात पु लस तक जाये। बात पु लस तक जानी ही नह । और िफर यह
तो सोचो िक दस लाख हाथ लगगे और सदा-सदा के लये स प मूख ौढ ाओं से जान छू ट
जायेगी। इस दौरान तुम हे गा को टू टकर यार करो। वह जतनी तु हारे लये उ कंिठत होगी, उतनी
आसानी से उससे पैसा िमल जायेगा।”
ेनिवल ने एक दीघ वास छोड ा।
“तो ठीक है िफर। कब होगा मेरा अपहरण?”
“हे गा के साथ उसके िवला म पहचं ने के ऐन तीन िदन बाद। इस बीच म तुमसे एक बार िमलूग
ं ा
और तु ह बताऊंगा िक तु हारा अपहरण करने के लये मने या बंध िकया है।” कहकर आरशर
अपनी जगह से उठा और जलपानगृह से बाहर िनकल आया।

* * *
लगभग दो वष पूव जब जैक आरशर यूसेन क एक स अंतरा ीय लॉफम म सीिनयर
पाटनर के प म काम करता था, तो एक िदन उसके नाम एक टेलीफोन कॉल आई थी।
“म मो सस सीजल बोल रहा ह।ं तुम मुझे जानते हो।” दसरी ओर से
ू एक कठोर अमरीकन आवाज
आई थी।
आरशर जो रोजाना हैर ड िट यून पढ ता था, मो सस सीजल के नाम से प रिचत था, इस बात
से वािकफ था िक वह एक मािफया है और कर चोरी के सल सले म एफ-बी-आई उसक खोज म
लगी हई है।
“हां, िम टर सीजल।” आरशर ने बड े सावधान वर म कहा था, “मने आपके बारे म पढ ा
है।”
“तो यान से मेरी बात सुनो। म तुमसे परामश करना चाहता ह।ं जसके लये म तु ह फ स दग ं ू ा।
एक आदमी जो हरमन रो फ नामक उ ोगपित का परामशदाता हो, वह मेरी नजर म अहिमयत
रखता है। म कल रात आठ बजे बन के रे तरां म आऊंगा। तम वहां पहच ं जाना, और मेरी बात
सुनने के प चात अपनी फ स ले लेना।” कहकर उसने फोन ब द कर िदया था। कु छ देर तक
आरशर सोच म पड ा रहा था। वह जानता था िक सीजल एक घोिषत अपराधी है। इसके अलावा
वह इस बात से भी प रिचत था िक मािफया वाल को ना करना खतरे से खाली नह होता। सो अपने
साझेदार से परामश िकये िबना उसने फैसला कर लया था िक वह सीजल से िमलने जाएगा, और
उससे जो लाभ होगा, उसके बारे म िकसी से कोई ज नह क ं गा।
बन का रे तरां एक छोटी-सी गली म थत था-पुराना और फटीचर।
आरशर जब रे तरां के भीतर दा खल हआ था, तो भारी-भरकम दिढ यल ने उसका वागत
िकया था, और उसे यह बताया था िक िम टर सीजल आपक राह देख रहे ह। तब वह आरशर क
अगुआई करता हआ उसे रे तरां के पृ भाग म एक छोटे से कमरे म ले आया था। जहां पर ल बी
भृकुिटय वाला इटे लयन कंपारी सोडा पी रहा था।
“ओ.के. बन ।” ल बी भृकुिटय वाले ने उस भारी-भरकम शरीर वाले से कहा था, “अब तुम
ज दी से मेरे लये सुअर का गो त ले आओ।”
तब उसने आरशर को सामने कु स पर बैठने का इशारा िकया था। जब आरशर कु स पर बैठ गया
था, तो उसने आरशर से कहा था, “मेरे पास यादा समय नह है। म तुमसे ठे ठ मतलब बात करना
चाहता ह।ं वह यह है िक मेरे पास बहत पैसा है, और म इसे िकसी सुरि त जगह रखना चाहता ह।ं
बोलो, कोई जुगाड कर सकते हो?”
इतनी देर म बन गो त और पेगटे ी लेकर पहच
ं गया था। और सीजल खामोश हो गया था।
जब बन जा चुका, तो आरशर ने सीजल से पूछा था, “आपका पैसा नगद के प म है या बां स
के प म।”
“सारा नगद है।” कहकर सीजल गो त एवं पेहगेटी पर िपल पड ा था।
“म एक िव वसनीय ाइवेट बक म आपके लये अंिकत अकाउं ट क यव था कर सकता ह।ं ”
“तो फौरन कर दो। पैसा मेरे पास है।” कहकर सीजल ने एक पुराने से सूटकेस क ओर इशारा
िकया था, “इसम पूरे प चीस लाख रखे ह।”
आरशर िचहक
ं गया था।
“म आपका यह काम कर सकता ह।ं िम टर सीजल।”
“यह काम करने के म तु ह पचास हजार स दग
ं ू ा। बोलो मंजूर है?”
आरशर सोचने लगा, यह रकम सीधी मेरी जेब म जायेगी। साझेदार को बताने का सवाल ही नह
होता।”
“मुझे मंजूर है। िम टर सीजल।”
“तो िफर यह तय रहा।” सीजल ने पेगटे ी का एक और िनवाला मुंह म डालते हये कहा, “तुम यह
पैसा अपने साथ ले जाओ।” इसके साथ उसने जोर क डकार ली और बोला, “मने तु हारी पूरी
छानबीन करवाई है। तुम ठीक आदमी हो। लेिकन िफर भी यह याद रखना िक यिद तुमने मेरे साथ
कोई छल करने का यास िकया तो मेरे आदमी तुर त तु हारे पीछे लग जायगे।”
“ऐसी बात को आप िदल से ही िनकाल दी जये।” आरशर ने उसे आ वासन िदया था, “आप
अपना पैसा मेरे पास दे दी जये...म तुर त इसका ब दोब त कर देता ह।ं इसके साथ ही आप मुझे कोई
ऐडेस दे दी जये जहां पर म आपके अकाउं ट का नंबर भेज सकूं ।”
सीजल ने सर िहला िदया था।
“यह रहा मेरी प नी का ऐडेस”...कहने के साथ सीजल ने अपनी जेब से बटु आ िनकालकर
आरशर को एक काड, और नोट क ग ी दी थी। इस दौरान वह अपना पूरा खाना भ चुका था।
और तब अपनी घड ी क ओर देखकर कहा, “अब म चलता ह।ं ’’
तभी बन वहां पहच
ं गया था।
“आपके लये और कु छ खाने के लये लाऊं, िम टर सीजल?”
“अब नह । मेरी उड ान का समय हो चुका है।” और तब जैक आरशर क ओर इशारा करके
बन से कहा था, “यह मेरे पैसे क देखरे ख करे गा। यह मुझ पर एहसान कर रहा है। सो यिद इसे
कभी कोई ज रत पड े, तो तुम मेरे एहसान का बदला चुका देना।” तब सीजल ने आरशर को
संबो धत करके कहा था, “बन इस शहर का संकट िनवारक है। यिद कभी तु ह कोई ऐसा-वैसा काम
हो, तो सीधे बन के पास चले आना। यह तुर त तु हारी सम या का समाधान कर देगा।” कहकर
सीजल वहां से चला गया था।
आरशर को यह सब याद था।
जनेवा एयरपोट पहच ं ने पर उसने टै सी ली थी, और डाइवर को बन के रे तरां चलने को कहा
था। टै सी म बैठकर उसे याद आया था िक उसने सीजल क रकम एक वस बक म जमा करवा
दी थी, और उसका अकाउं ट नंबर उसक प नी को भेज िदया था। दो महीने प चात उसने हैर ड
िट यून म यह पढ ा था िक सीजल को गोली मार दी गई थी।
टै सी का भाड ा देकर आरशर रे तरां के अ दर चला गया था जहां पर बन उसे देखते ही
पहचान गया था।
“िम टर आरशर, आप!”
“हां बन , कहो कैसे हो?”
“आइये खाना खाइये,” बन ने कहा, और उसक अगुआई करता हआ एक िपछले कमरे म ले
गया। तब वह खुद खाना लेन े गया, और पेगटे ी और ह क क बोतल आरशर के सामने लाकर
रख दी।
“बैठ जाओ बन ,” आरशर ने उससे कहा, “म तुमसे कोई बात करने आया ह।ं ”
“जरा एक िमनट।” कहकर बन ने कमरे का दरवाजा ब द िकया, और तब आरशर के सामने
बैठकर बोला, “अब बताओ या बात है?” ‘‘मेरी एक मु कल है, तुम चाहो तो उसको हल कर
सकते हो।”
“यिद म कर सकता होऊंगा, तो ज र क ं गा। आप बताओ।”
“मुझे दो िव वसनीय आदिमय क ज रत है। िव वसनीय से मेरा अथ है िक म उन आदिमय को
काम करने के लये पैसा दग
ं ू ा। लेिकन यह काम करने के प चात वह िकसी से ज नह करगे।”
बन ने सर िहलाया।
“काम या है, िम टर आरशर?”
“काम यह है बन िक उन दो आदिमय से म अपने एक जानने वाले के अपहरण का अिभनय
करवाना चाहता ह।ं सच बात तो यह है िक उस आदमी ने खुद मुझे ऐसा करवाने को कहा है। वह
उस औरत को भयभीत करवाना चाहता है, जसके साथ वह रहता है य िक वह िदन ब िदन उसके
सर चढ ती जा रही है। उन आदिमय को बस इतना करना होगा िक उस औरत के घर जाकर उस
आदमी को कार म िबठाकर वहां से ले आना होगा।”
बन ने मािचस क िडिबया से एक िदयासलाई िनकाली और दांत कु रे दने लगा।
“उसके बाद?” बन ने पूछा।
कु छ भी नह । आरशर ने कहा, “उस औरत को यक न हो जायेगा िक मेरे वॉय ड का अपहरण
हो गया है। वह जानबूझकर उस औरत से कु छ िदन दर रहे
ू गा, और िफर उसके पास वापस चला
जायेगा। इस बीच उस औरत क अ ल िठकाने आ जायेगी।”
बन ने सर िहला िदया।
“इस काम पर तो पैसा खच होगा िम टर आरशर।’’
“खचा म दग
ं ू ा। तुम मुझे दो िव वसनीय आदिमय का बंध कर दो। म तु ह पांच सौ स दग
ं ू ा।”
बन कु छ देर तक चुपचाप दांत कु रे दता रहा, िफर उसने सर िहला िदया।
“पांच सौ म तो मु कल है िम टर आरशर। यिद आप एक हजार खच करने पर तैयार ह , तो म
दो िव वसनीय आदमी दे सकता ह।ं ”
“मुझे मंजूर है, म हजार दे दग
ं ू ा।”
बन क बांछ खल गय ।
“आप मजे से खाना खाइये िम टर आरशर। म अभी आपके काम का बंध करके आता ह।ं ”
कहकर बन कमरे से बाहर चला गया।
“पं ह िमनट प चात बन वापस पहच
ं गया, और आराम से आरशर के सामने बैठ गया।
“मने बंध कर िदया है, िम टर आरशर। वे दो ह, और शत- ितशत िव वसनीय ह। वह एक
टीमर पर इक े काम करते ह, और बहत अ छी अं ेजी बोलते ह। उनम से बड े का नाम मै स
सेजटे ी है, और छोटे का जै ास बेलमा ट है। उन दोन के आपस म सम लंगकामी संबध ं ह।” बन
मु कराकर बोला, “यिद आप पैसा खचने को तैयार ह, तो उन पर पूण िव वास िकया जा सकता
है।”
आरशर ने सकारा मक सर िहलाया।
“म उनको देखना और उनसे बात करना चाहता ह।ं ”
“हां, हां, आप उन दोन को अ छी तरह से दे खये भा लये। यिद वे आपको स तोषजनक न लग तो
म िक ह दो और का बंध कर दग ं ू ा।”
“इस समय वे दोन यह पर ह?” आरशर ने पूछा।
“और उ ह ने कहां जाना है। काम से सीधे यहां आते ह।” कहकर बन उ मीद भरी ि से
आरशर क ओर देखने लगा। आरशर उसक ि का अथ समझ गया, और अपने बटु ए से एक
हजार स िनकालकर बन के हाथ म दे िदये। “जैसे आप सीजल के दो त वैसे मेरे।” कहकर बन
अपनी जगह से उठा, और दरवाजे के पास जाकर दो आदिमय को अ दर आने का इशारा िकया।
उनम से एक का कद ल बा और शरीर छरहरा था। वह आयु म छोटा था। दसरे
ू का कद छोटा,
और शरीर -पु था। उसने अपने बाल डाई कर रखे थे। वह आयु म बड ा था।
उन दोन ने मैली-कु चैली जी स एवं वीट श स पहन रखी थ । और आरशर को जरा भी नह
जंचे थे लेिकन सीजल ने उसे बताया था िक बन पर िव वास िकया जा सकता है, सो आरशर ने
कोई आप नह क ।
“बैठ जाओ।” आरशर ने उन दोन से कहा। वे दोन बैठ गये।
“मेरा नाम सेजटे ी है,” -पु शरीर वाले ने कहा, “और यह मेरा साथी है बेलमा ट।”
“बन ने मुझे बताया है िक तुम दोन पर िव वास िकया जा सकता है।” आरशर ने अपनी आवाज
म कठोरता पैदा करके कहा। हालांिक म तु ह िबलकु ल नह जानता। खैर, बात यह है िक मेरा एक
िम अपनी गल ड को धमकाने के लये अपना अपहरण करवाना चाहता है। तु ह अिभनय इस ढंग
से करना होगा िक यह वा तिवक लगे। तु हारा काम यह होगा िक लुगानो जाकर िवला के अ दर
घुस जाओगे। वह आदमी तु हारा मुकाबला करने का अिभनय करे गा, और तब तुम दोन उसे
पकड कर िवला से बाहर लाओगे और कार म िबठाकर यहां पहच
ं ा दोगे। और इसके बाद इस बारे
म िकसी से कोई ज नह करोगे।
सेजटे ी ने सकारा मक सर िहला िदया।
“पैसा िकतना िमलेगा?”
“दो हजार तु ह और दो ही हजार तु हारे साथी को।” सेजटे ी ने मुंह बना लया।
“दो-दो हजार तो बहत थोड े ह। पांच-पांच क बात करो।’’
“चार-चार हजार से कौड ी ऊपर नह दग
ं ू ा। मंजूर हो तो हां करो।” आरशर ने शु कता से कहा।
“मंजूर है।” सेजटे ी ने कहा, “लेिकन खचा अलग देना पड ेगा।”
“ठीक है।” आरशर ने कहा।
“और पेशगी म आधे अभी लगे।” सेजटे ी ने कहा।
“अभी एक-एक हजार खचा दग ं ू ा। बकाया काम होने पर िमलेगा।” आरशर ने ढ ता से कहा,
और एक-एक हजार के दो नोट अपनी जेब से िनकालकर उनके सामने मेज पर रख िदये।
सेजटे ी ने वह रकम जेब म डाल ली।
“तु हारे पास सर पर डालने के लये टोप और डराने-धमकाने के लये ब दक
ू का बंध है?”
आरशर ने पूछा।
“हमारे पास हर चीज का बंध है।” सेजटे ी ने उसे आ वासन िदया।
“तो तु ह यह अपहरण आज से तीन िदन बाद अथात अ ारह तारीख क शाम को करना होगा।
उस िदन दोपहर दो बजे तुम लोग वस होटल म मेरे पास पहच ं जाना। वहां पर म तु ह पूरी तफसील
समझा दगं ू ा। टोप और बंदक
ू अपने साथ लेते आना। समझ गये?”
सेजटे ी ने सकारा मक सर िहलाया।
“तु हारे पास कार तो होगी।” आरशर ने पूछा।
“है।” सेजटे ी ने उ र िदया।
तब आरशर ने उ ह पांच सौ खच के लये दे िदये। जब वे यह बातचीत कर रहे थे तो आरशर ने
बड े यान से यह बात नोट क थी िक सेजटे ी का साथी बेलमा ट िबलकु ल खामोश बैठा रहा था,
और उसने अपने मुंह से एक श द तक नह िनकाला था।
“और तुम बेलमा ट,” आरशर ने शु कता से पूछा, “तुम सहमत हो न?”
“जब म सहमत होऊं, तो बेलमा ट अपने आप सहमत हो जाता है।” सेजटे ी ने कहा। और वे दोन
अपनी-अपनी जगह से उठ खड े हये, “अ छा तो अब हम चलते ह।” सेजटे ी ने कहा, और
बेलमा ट के साथ वहां से चला गया।
उन दोन के जाते ही बन कमरे के अ दर पहच
ं गया।
“आपको तस ी है न िम टर आरशर।”
“भई मुझे तो तु हारी तस ी पर तस ी है।” आरशर ने कहा, “तु ह िन चय है न िक ये दोन
आदमी िव वसनीय ह। कह ऐसा न हो िक कोई ऐसी-वैसी बात हो जाये।”
“आप िबलकु ल िन चंत रिहये।” बन ने आ वासन िदया। आपने पैसा िदया है-आपका पूरा काम
होगा। और कोई सेवा बताइये।”
“बस, अब म वापस जाना चाहता ह।ं एक टै सी बुला दो।”
“बाहर खड ी है।”
आरशर ने बन से िवदा कही, और टै सी म सवार होकर अपने होटल क ओर चला गया।
जब आरशर क टै सी नजर से ओझल हो गई, तो बन बार के पीछे आकर खड ा हो गया।
उसी समय सेजटे ी भी उसके पास पहच
ं गया।
“ या माजरा है भई।” सेजटे ी ने बन से पूछा।
“बड ा रोचक और लाभदायक माजरा है। यह जो मोटा यहां आया था न-आरशर-यह िकसी
समय हरमन रो फ का िव ीय सलाहकार हआ करता था-और हरमन रो फ अथाह दौलत पीछे
छोड गया है। तुम मुझसे स पक बनाये रखना मै स (सेजटे ी)...म यह जानना चाहता ह ं िक वह
कौन से यि क गल ड कौन औरत है। जैसे ही यह पता चले िक अपहरण कौन-सी जगह पर
करना है, मुझे फोन कर देना। समझ गये ना?”
“वह तो समझ गया,” मै स सेजटे ी ने कहा, “लेिकन टोप और ब दक ू का बंध कहां से होगा।
उसके सामने तो हमने झूठ बोल िदया था िक हमारे पास हर चीज का बंध है।”
“तो इसम िचंता करने क या बात है।” बन बोला, “टोप और ब दक
ू का बंध मेरे पास है। तुम
मुझे बस वह सूचना दे देना जो मने तुमसे मांगी है।”

* * *

ेनिवल के आगे-आगे चलते हये हे गा जैसे ही एयरपोट से बाहर िनकली थी, उसने िहकल को
इ तजार करते हये देख लया था।
िहकल क आयु मा बावन वष थी िकंतु वह अपनी आयु से काफ बड ा लगता था। उसका
कद छोटा, शरीर गोल-मटोल एवं सर घुटा था। उसने पं ह वष तक पो लयो त हरमन रो फ क
सेवा क थी तथा उसक मृ यु के प चात अपनी सम त िन ा हे गा के ित समिपत कर दी थी।
हे गा को वह बहत पसंद करता था।
फोन पर हे गा ने जब उसे यह समाचार सुनाया था िक मुझे एक आदमी से ेम हो गया है और म
उससे िववाह करने वाली ह,ं तो िहकल यह सुनकर परे शान हो गया था।
िहकल इस बात से भली-भांित प रिचत था िक -पु नौजवान मद हे गा क कमजोरी ह
लेिकन इस समय हे गा के चेहरे को फुि त पाकर िहकल क उ मीद बंधने लग िक हे गा ने
अपने लये सही मद का चयन िकया होगा, िक तु दसरे
ू ही ण ेनिवल पर नजर पड ते ही उसक
उ मीद पर ओस पड गई। ेनिवल का आकषक एवं मनोहर यि व देख कर उसके म त क म
खतरे क लाल ब ी जलने-बुझने लगी थी।
“ओह िहकल। तु ह मने बहत िमस िकया है,” कहकर हे गा ने ेनिवल का उससे प रचय
करवाया, “यह िहकल ह जसके बारे म मने तु ह बताया था।”
ेनिवल को भला इतनी फुसत कहां थी िक एक नौकर क ओर यान देता। “यह लो मेरा सामान
पकड ो।” ेनिवल ने कहा था और इस ढंग से िहकल को अपना सूटकेस पकड वाया था मान
उस पर एहसान कर रहा हो।
“यस सर।” िहकल ने सामान पकड ने के साथ बड े आदर से उ र िदया था।
लेिकन उसी झण से ेनिवल एवं िहकल एक दसरे
ू के श ु बन गये थे।
तब िहकल ने हे गा को बताया था िक नई रो ज राईस िमल गई है, और िवला कल तक तैयार
होगा। सो मने एक होटल म आप और िम टर ेनिवल के लये अलग-अलग कमरे सुरि त करवा
िदये ह।
“ओह िहकल, तुम िकतने समझदार एवं वीट हो।” कहकर हे गा ने नई रो ज राईस देखी थी
जसे देखकर वह िवभोर हो उठी थी। तब वह ेनिवल के साथ रो ज क िपछली सीट पर बैठ गई
थी। और िहकल कार चलाकर उनको होटल पहच ं ाने ले गया था। होटल पहच ं कर हे गा और ेनिवल
अपने-अपने कमर म चले गये थे।
ेनिवल ने अपने कमरे म दा खल होते ही दरवाजे को भीतर से चटकनी लगाई थी, और फोन के
पास जाकर वस होटल म ठहरे आरशर का नंबर डायल िकया था।
“मने पूरा बंध कर िदया है।” आरशर ने बताया, “तीन िदन प चात हमारा काम शु हो जायेगा।
तु ह िचंता करने क कोई ज रत नह ।”
“मेरे िवचार म िचंता करने क पूरी ज रत है।” ेनिवल ने य ता से कहा, “मुझे इस आदमी से-
या नाम है उसका...िहकल ...उसक ओर से बहत िचंता हो रही है।”
“िहकल?” आरशर ने च ककर कहा, “वह यहां पर है।” “वह िबलकु ल यहां पर है ऐसा लगता है
िक वह कता-धता है। मुझ पर नजर पड ते ही उसक आंख म नफरत के आसार पैदा हो गये थे।
म इन गृह बंधक क आंख को देखते ही उनको पहचान लेता ह।ं यह पुराने िन ावान गृह- बंधक
बहत खतरनाक होते ह।”
“तु हारा अंदाजा कु छ गलत नह है।” आरशर ने िचंितत वर म कहा, “वह िहकल तो हे गा का
भी बाप है।”
“वह तु हारी सरदद है...उसका समाधान तु ह करना पड ेगा?” ेनिवल ने कहा।
“उसका समाधान भी हो जायेगा।” आरशर ने समझाया, “तुम यह करो िक हे गा के साथ खूब ेम
करो। जब उसे यह िन चय हो जायेगा िक तुम उसके साथ िववाह करना चाहते हो तो िफर वह अपने
आप िहकल को रौब म रखेगी। बाक म देख लूगं ा।”
“यिद तु हारे बस का हआ तो।” ेनिवल ने कहा। वह इस समय िचड िचड ा-सा हो रहा था।
“तुम बस इस बात का यान रखना िक तुम िहकल के साथ िकस ढंग से पेश आते हो,” आरशर
ने समझाया, “उससे मीठा बनकर रहना, जरा खुशामद से बात करना, मेरा यह आशय नह िक उसे
सर चढ ा लेना, उसको बस म का लगाते रहना।”
अगली सुबह ेनिवल होटल से बाहर आया था, और उस जगह चला आया था जहां पर िहकल
रो ज राईस क झाड -प छ कर रहा था। ेनिवल ने उसके साथ बात का सल सला शु करना
चाहा था लेिकन िहकल ने उसक हर बात का शु क एवं संि उ र देकर उसक जरा भी िह मत
नह बढ ाई थी जससे ेनिवल को प िविदत हो गया था िक िहकल का रवैया उसके ित
ितकू ल है।
तभी हे गा भी रो ज के पास पहच
ं गई थी।
“चल,” हे गा ने ेनिवल के गाल को ह ठ का पश देते हये कहा था, और तब िहकल से बोली
थी, “कोई सम या तो नह ?”
“मने सारा सामान कार म रख िदया है मैडम। आप जब चाह हम यहां से रवाना हो सकते ह।’’
िहकल ने यह उ र िदया था।
“तो आओ चल ि स, म तो तु ह अपना िवला िदखाने के लये बेस हो रही ह।ं ”

* * *

लुगाना से बाहर, कै टगनोला म थत वह िवला हरमन रो फ ने दस साल पूव एक अमरीकन


िफ म ो ूसर से खरीदा था।
यह िवला हर कार के ऐसे सुख-साधन से लैस था जनक क पना ही क जा सकती थी।
िवला पहच ं कर िहकल सीधा रसोईघर म चला गया था। और हे गा- ेनिवल को िवला िदखाने म
रत हो गई थी। ेनिवल िवला का ऐ वय देखकर इतना चकाच ध रह गया था िक उसे घुटन-सी
महसूस होने लगी थी। अंत म हे गा उसे अपने बेड म म ले गई थी जसक स जा देखकर तो
ेनिवल क आंख फटी क फटी रह गई थ ।
“ि स डा लग,” हे गा ने कहा, “िहकल समझदार आदमी है। वह इस बात को खूब समझता है िक
हम दोन इस बेड म म सोया करगे।”
ेनिवल शी से शी कमरे से बाहर िनकलना चाहता था।
“हे गा-मुझे तु हारा विमंग पूल बहत अ छा लगा है, या म उसम तैराक कर सकता ह?
ं ”
“तुम जो चाहो कर सकते हो, ि स। यह तु हारा घर है।” कहकर हे गा गुनगुनाती हई रसोई घर म
चली गई।
“ओह िहकल। म तु ह कैसे बताऊं िक म िकतनी खुश ह।ं तु ह कैसा लगा है वह।”
“ठीक है मैडम।” िहकल ने संि उ र िदया। हे गा खुशी से हंसने लगी।
“म उससे िववाह करना चाहती ह ं िहकल-और तुम हमेशा हमारे साथ रहोगे।”
“मुझे आप पर िव वास है, मैडम।” िहकल ने बेमानी-सा उ र िदया।
“ओ िहकल। तुम िकतने अ छे हो।” हे गा ने कहा, और वहां से अपने बेड म म चली आई। जहां
पर उसने सारे कपड े उतार िदये और अपने तन पर एक महीन सी शॅाल लपेटी और विमंग पूल
पर चली गई।
ेनिवल आंख ब द िकये बड ी सु ती से पानी के तल पर तैर रहा था। हे गा ने अपने तन पर से
शॅाल हटाकर परे फक दी और पानी म नंगी गोता लगाकर पानी के अ दर-अ दर तैरती हई ेनिवल
के पास पहचं ी। तब वह पानी के अ दर से बाहर उभरी और ेनिवल को अपने पास ख चकर उसके
अधर पान करने के साथ-साथ उसके साथ जल म यौन ड ा करने लगी।
त प चात जब वे दोन टैरेस म बैठे सूया त का य देख रहे थे, तो हे गा ने ेनिवल का हाथ
अपने हाथ म ले लया।
“मुझे हमेशा से यह उ मीद थी िक मुझे तुम जैसा ही कोई आदमी िमलेगा, ि स।”
“लेिकन इसका कोई फायदा नह डा लग,” ेनिवल ने अपना अिभनय शु करते हये कहा, “यह
तो चार िदन क चांदनी है।”
“तु हारा आशय?” हे गा ने समी ा मक ि से उसक ओर देखते हये पूछा।
“मेरा आशय है िक तुम और म बेजोड ह। इन मधुर ण म तुम यह चचा य ले बैठी हो।
यिद तुम इतनी अमीर न होत , तो...।”
हे गा ने अपना हाथ ेनिवल के हाथ से परे हटा लया और सीधी सपाट नजर से उसक ओर
देखने लगी। ेिनवल-हे गा क इस ि से हमेशा गड बड ा जाता था।
“तुम चुप य हो गए... प बात करो।” हे गा क आवाज क कड क सुनकर ेनिवल
सावधान हो गया िक उसका वा ता िकसी मूख ौढ ा से नह पड ा।
“ प बात यह है हे गा िक यिद तुम इतनी धनवान न होत तो म तुमसे फौरन िववाह कर लेता।
इससे बढ कर मेरे लये और या खुशी क बात हो सकती थी। लेिकन तुम जानती हो िक म एक
अं ेज ह,ं और एक अं ेज कभी भी अपनी प नी के टु कड े नह तोड ता।”
“मने तो ऐसी अ ड व ड कभी नह सुनी,” हे गा बोली, “यह िकसने कहा है िक तुम मेरे टु कड े
तोड ोगे। तुम ितभा-स प हो और मेरे िवचार म हमारी बहत अ छी जोड ी स हो सकती
है।”
ेनिवल अपनी जगह पर पहलू बदलने लगा।
“मुझम ितभा तो है, लेिकन म आज तक अपनी ितभा से पैसा पैदा नह कर पाया। हम दोन
आपस म खुश नह रह पायगे। इन सुखद ण म ऐसी बात करने से या फायदा! आओ आन द
मनाय िफर म चला जाऊंगा। म तुमसे झूठ नह कह रहा।”
ेनिवल सोचने लगा...यह बड ी खतरनाक है। आज तक जस औरत के साथ मने ऐसे
डायलाग बोले, वह मेरी गोद म बैठ चपड -चपड करने लगती थी। और यह है िक मुझे कह रही
है िक म घिटया डायलॉग बोल रहा ह।ं ेनिवल का म त क तेजी से काम करने लगा िक इसके
न का या उ र द।ं ू
उसी समय हे गा ने अपना सवाल दोहराया।
“तु ह मुझसे ेम है या नह ...मेरी बात का जवाब दो?”
“तुम वाकई एक अ ुत औरत हो।”
“यह मेरे सवाल का कोई जवाब नह ...मने तुमसे यह पूछा है िक तु ह ेम है या नह ?”
ेनिवल ने एक लंबा सांस लया। हे गा ने हां या न म उ र मांगा था।
“हे गा डा लग, मुझे तुमसे बहत ेम है।”
उसका जवाब सुनकर हे गा काफ देर तक यानपूवक उसके चेहरे क ओर देखती रही थी,
जसके जवाब म ेनिवल उसक ओर यूं देखने लगा था मान िदलोजान से उस पर आस हो।
उसके चेहरे पर यह भाव देखकर हे गा क तस ी हो गई थी, और वह कु स के साथ टेक लगाकर
बैठ गई थी।
तभी िहकल वहां टैरेस म आया था, और यह कहा था िक िडनर तैयार है। हे गा ने िहकल से िडनर
वह लाने को कहा।
थोड ी देर प चात जब िहकल उनके सामने िडनर लगा रहा था, तो वे खामोश हो गये थे। जब
िहकल जा चुका, तो हे गा ने ि स से कहा, “अपने बारे म िडनर के बाद बात करगे। िफर वह उसे
कल के ो ाम के बारे म बताने लगी िक कल हम पहाड म सैर करने चलगे। वहां पर एक बहत
बिढ या-सा जलपान गृह है। वह पर लंच करगे। इसी बहाने िहकल को छु ी िमल जायेगी। िडनर
के प चात वे आराम कु सय पर बैठ गये थे। िहकल उनके लये कॉफ ी रख चुका, तो हे गा ने
उसे आराम करने को कहा था।
जब िहकल उसे गुडनाईट कहकर वहां से चला गया, तो हे गा ने ेनिवल से कहा, “आओ, अब
एक दसरे
ू के बारे म खुलकर बात करते ह। पहले म तु ह अपने बारे म बताती ह.ं ..मने केवल
हरमन क दौलत क वजह से उसके साथ िववाह िकया था। वह अपंग और नपुस ं क था। उसे एक
ऐसी खूबसूरत मेजबान प नी क ज रत थी जो उसक सं थाओं को चलाने एवं उनक देख-रे ख
करने म उसक सहायक हो सके। म उसक ज रत पर पूरी उतरी थी। इसी वजह से उसने मुझे
अपनी प नी बनाने क पेशकश क थी और शत रखी थी िक म िकसी मद के साथ ेम-संबध ं नह
जुटाऊंगी। मने उसे वचन िदया था िक ऐसा नह क ं गी लेिकन चोरी-िछपे अपनी शारी रक
आव यकताय पूरी करती थी। मुझे यह अिभशाप है िक म एक अितकामी नारी ह।ं मुझे हर ण मद
क इ छा होती है।” कहकर हे गा उसके हाथ को थपथपाकर बोली, “अब म ेम संबध ं से ऊब गई
ह ं और िकसी एक के साथ रहना चाहती ह,ं अब से पहले मुझे िकसी के साथ ेम नह हआ, लेिकन
अब है...तु हारे साथ।”
ेनिवल उसक प बात सुनकर च क गया था, “मुझे भी तुमसे बहत ेम है लेिकन मुझे यह
अिभशाप है िक म एक औरत के टु कड े नह तोड सकता। तुम बहत धनवान हो और तु हारे
सामने मेरी माली है सयत कु छ भी नह ।”
“म तु हारे इन ज बात क कदर करती ह ं ि स, लेिकन मान लो यिद तु हारे पास अपनी कमाई
के पचास एक लाख हो जाय, तो तुम मुझसे िववाह करने के लये तैयार होओगे?”
“हे गा, तुम अजीब-सी बात करती हो। म एकदम से इतनी रकम कैसे कमा सकता ह?
ं ”
“उसका रा ता म तु ह बताती ह-ं हम ांस और जमनी म अपने नये कारखाने थािपत करने जा
रहे ह। म तु ह इनम से िकसी एक क पनी का सीिनयर पाटनर िनयु कर दग ं ू ी। तु हारे मातहत
लेखाकार , िवशेष एवं सहायक का पूरा टाफ होगा। इस पर तु हारा वभाव, तु हारा यि व
एवं तु हारा बहभाषी होना ही कंपनी के लये बहत लाभदायक स होगा। इस कार तुम क पनी के
टॅाक हो डर बन जाओगे। एक-एक पैसा जो तुम पाओगे वह िकसी के एहसान का नह होगा ब क
अपनी मेहनत क कमाई का होगा। यिद तुम मेरी बात से सहमत हो तो हम कल ही िववाह कर
सकते ह।”
सुबह से शाम तक एक ऑिफस म बैठकर काम करने एवं हे गा तानाशाह के मातहत काम करने
क क पना से ेनिवल के र गेट खड े हो गये। इस समय उसे आरशर क सीख मरण हई...तुम
हे गा के साथ ेम करो।
“म तु ह सोचकर बताऊंगा, हे गा। इस समय तो मेरा मन तु ह यार करने को कर रहा है।”
“तो चलो, आओ।” कहकर हे गा उसक अगुआई करती हई अपने बेड म म ले गई।
अगली सुबह जब हे गा क आंख खुल , तो सात बज चुके थे। ि स को अपनी बगल म न पाकर
वह घबरा गई थी।
उसी समय िहकल कॉफ ी लेकर कमरे म आया था और जब उसने हे गा को बताया था िक
िम टर ेनिवल तैराक कर रहे ह, तो हे गा क जान म जान आई थी।
त प चात कॉफ पान करने के साथ-साथ हे गा गत रात क यौन ड ा को याद करके
दोहराने लगी थी िक ि स ने िकस तरह से मुझे औंधा लटाकर मेरी टांग जरा भर फैलाई थ । िफर
एक ही झटके के साथ....
म ि स को मनाकर उसके साथ िववाह क ं गी ही क ं गी। ि स जैसा कामी ही मेरी यौन तृि
कर सकता है। यहां पर लुगानो म हम िववाह नह करगे। िववाह तो म पैराडाइज सटी म क ं गी और
वह से ि स का जीवन शु क ं गी।
तभी हे गा को लोमन एवं िवनबान का याल आया और वह सोचने लगी-म उनको बताकर ही
नह आई िक म कहां जा रही ह।ं कह वे यह न सोचने लग िक िकसी ने मेरा अपहरण कर लया है।
वह िवचार आते ही हे गा ने अपने िब तरे से उठकर गाउन पहना और फोन के पास जाने लगी।
उसी समय ि स तैराक करके वहां आया।
“ि स डा लग, तुम ना ता करो। म इतनी देर म लोमन एवं िवनबान से जरा फोन पर बात कर
आऊं।” कहकर हे गा फोन करने चली गई।
उसी समय िहकल कमरे म दा खल हआ और ि स के पास आकर खड ा हो गया।
“आप ना ते के साथ चाय लगे या कॉफ ?”
“ सफ कॉफ लूग
ं ा और कु छ नह ।” कहकर उसने िहकल को वहां से भेज िदया।
ेनिवल अपनी िचंता म डू बा हआ था िक म आजाद पंछी ह.ं ..आज इस ौढ ा के साथ, तो कल
उस ौढ ा के साथ, िविवधता ही जीवन का त व होती है और हे गा मुझे पचास लाख का लालच
देकर अपने िपंजरे का पंछी बनाना चाहती है। म पचास लाख का या क ं गा। मुझे वही दस लाख
भले ह जो आरशर ने मुझे देन े का वचन िदया है। मुझे फौरन आरशर से स पक करना चािहये, नह
तो यह चालबाज औरत मुझे फंसा लेगी।
तभी िहकल कॉफ लेकर वहां पहच
ं गया।
“यहां पर कोई गो फ कोस तो होगा ही।” ेनिवल ने िहकल से पूछा।
“यस सर, यहां पास ही म है। म आपको इस जगह का न शा ला देता ह।ं ”
िहकल ने उसे न शा लाकर दे िदया, और ेनिवल उस न शे का अ ययन करने लगा।
इतनी देर म हे गा वहां पहच
ं गई।
“सॉरी डा लग, म आज तु हारे साथ बाहर नह जा पाऊंगी,” हे गा ने अपने दोन हाथ ि स के
कंध पर रखते हये कहा, “लोमन एवं िवनबान के कु छ ऐसे काम अटक गये ह िक मुझसे परामश
करना ज री है। उनके बार-बार फोन आयगे। मुझे उनके फोन का यह इंतजार करना पड ेगा।
तुम ऐसा करो िक अकेले घूम आओ। िफर शाम को जी भरकर आन द मनायगे।”
ेनिवल के लये यह सुनहरी मौका था।
‘‘म तु हारी मजबू रयां समझता ह ं डा लग। कल रात तुमने एक ताव रखा था डा लग। यिद म
एक दौर गो फ का खेल आऊं, तो कैसा रहे। य िक जब म गो फ खेल रहा होता ह,ं तो मेरा िदमाग
बड े ही तरीके से सोचता है, और म ठीक िनणय पर पहच ं ता ह।ं वैसे तु ह मालूम ही है िक मेरा
जवाब हां म होगा।’’
हे गा का िदमाग इस समय अपने िबजनेस म य त था। उसने ि स क बस इतनी ही बात सुनी
थी िक वह गो फ खेलने जाना चाहता है। सो उसने सकारा मक सर िहला िदया था।
“हां-हां, तुम गो फ खेलने चले जाओ। रो ज राइस ले जाओ। कब तक वापस लौटोगे?”
“तीन बजे तक लौट आऊंगा।”
वा तव म हे गा नह चाहती थी िक ि स इस समय बाहर जाता। वह उसके साथ अपने िबजनेस
के िवषय पर बातचीत करके यह अंदाजा लगाना चाहती थी िक ि स िकतनी सूझ-बूझ का मा लक
है-लेिकन वह कोई ज दबाजी नह करना चाहती थी। सो उसने ि स को गो फ खेलने के लये जाने
िदया था।
तभी िहकल वहां पहच
ं ा था।
“िहकल, िम टर ेनिवल तो गो फ खेलने गये ह। और मुझे कॅा स करनी ह। तुम ऐसा करो िक
मेरे लये ह का लंच तैयार करना।”
“म आपका सडिवच लंच तैयार कर देता ह।ं ”
“हां।” कहकर हे गा अपने बैड म म इधर-उधर टहलने लगी।
“िहकल, यह आदमी मुझे बहत अ छा लगा। म उसे रजामंद करने का यास कर रही ह ं िक वह
हमारी कारपोरे शन क िकसी क पनी म कोई पद संभाल ले। उसे कु छ संकोच है। यिद वह मान जाये,
तो म उससे िववाह कर लू।ं ”
“जैसी आपक इ छा मैडम।” िहकल ने अ िच से कहा, और कमरे से बाहर चला गया।
उसी समय टेलीफोन क घंटी बजने लगी और तदपु रांत हे गा तीन घंटे तक हरमन रो फ
इलै टािनक कारपोरे शन के मामल म उलझी रही।

* * *

आरशर वस होटल के लाउं ज म बैठा था और िपछले िदन के बारे म सोच रहा था। वह सारा िदन
य त रहा था। उसने एक म सडीज कार िकराये पर ली थी और काफ सारे ॉपट डीलर को िमलाने
के बाद पैरािडसो म एक िवला िकराये पर लया था। पैरािडसो लुगानो से जुड ा हआ था। वह
बंगला िबलकु ल साधारण-सा था, और आरशर को उसके लये एक महीने का िकराया देना पड ा
था। बहरहाल, ेनिवल को िछपाने के लये वह एक बहत अ छी जगह थी।
अगले िदन दो बजे सेजटे ी एवं बेलमा ट ने आरशर के पास पहच
ं ना था। तब उसने उन दोन को
हे गा का िवला िदखाने ले जाना था। त प चात कल रात ेनिवल का हे गा के िवला से अपहरण
िकया जाना था।
इस समय आरशर यह सोच रहा था िक अब सब कु छ ेनिवल पर िनभर करता है। यिद उसने
अपनी भूिमका ठीक िनभाई है, तो अगले चंद िदन म दस लाख मेरी जेब म ह गे।
इसी समय आरशर ने लॉबी के शीशे के दरवाजे से बाहर देखा और उसे काले एवं रजत रं ग क
एक रो ज राइज िदखाई दी जससे ेनिवल उतरना ही चाहता था। आरशर लपक कर बाहर आया,
और ेनिवल क बगल वाली सीट पर बैठ गया। आरशर के बैठते ही ेनिवल ने कार टाट कर दी।
“ या राजसी कार है!” आरशर पुकार उठा और इसके साथ ही उसके मन म ई या होने लगी िक
यिद हे गा ने मेरे साथ सहयोग बरता होता, तो इस समय ऐसी ही कार मेरे नीचे होती।
“म तुमसे बात करना चाहता ह।ं ” ेनिवल के लहजे क तेजी सुनकर आरशर उसके चेहरे क
ओर देखने लगा।
“कोई गड बड हो गई है या?”
“तुम क पना भी नह कर सकते िक मेरे साथ या बीत रही है।” ेनिवल ने बताया, “इस हे गा
से मुझे घुटन होने लगी है। वह मुझे पागल बना देगी। उसक इ छा यह है िक म उसक फम म कोई
पद संभाल लू।ं उसने मुझसे िववाह करने क ठान ली है। मने जब यह बहाना बनाया िक म तु हारे
टु कड े नह तोड ूंगा तो कहने लगी िक म तु ह ऐसा काम स पूग ं ी िक तुम कु छ ही समय म पचास
लाख के मा लक बन जाओगे तथा तु ह यह महसूस होगा िक एक-एक पैसा तुमने अपनी मेहनत से
कमाया है। अब तुम खुद ही सोचो आरशर िक यह कैसी अजीब मुसीबत है िक रात के समय उसक
यौन तृि क ं और िदन म ऑिफस म बैठकर काम क ं । इस कार तो म पागल हो जाऊंगा।”
आरशर म एक दीघ वास छोड ा और सोचने लगा, काश िक हे गा ने ऐसी पेशकश मुझसे क
होती, तो म नाचने लगता। हरमन रो फ इलै टॉिनक कारपोरे शन म काम करने और पचास लाख
कमाने का अवसर और ि स दर भागना चाहता है
ू । आरशर के दय म उसके ित घृणा उ प होने
लगी। यह जाईगोलो है और जाईगोलो ही रहेगा...काम और ज मेदारी से दर भागता है
ू ।
“म तु हारी मु कल को खूब समझता ह,ं ि स।” आरशर ने शांत वर म कहा, “लेिकन इसम
उ े जत होने क या बात है? तुमने हे गा को या जवाब िदया था?”
“मने उससे यह कहा था िक सोचकर बताऊंगा।’’ ेनिवल ने बताया, “अब म उससे यह बहाना
बनाकर आया ह ं िक जब म गो फ खेल रहा होता ह,ं तो मेरा िदमाग सही ढंग से काम करता है, और
म सही फैसला कर पाता ह।ं
“इस समय यिद वह अपने िबजनेस के मामले म य त न हई होती, तो उसने मुझे आने ही न िदया
होता। यिद म उसक फम म काम करने क सहमित य कर द,ं ू तो वह कल ही मुझसे िववाह कर
ले।”
“इसी म ही म तो हम उसे रखना चाहते ह, ि स।” आरशर ने स से कहा, “तम खाम वाह म
घबरा रहे हो। तु हारा उसके साथ िववाह करने का न ही नह होता। तुमने अपनी भूिमका िबलकु ल
सही िनभाई है। इसी तरह बने रहो। जब तुम िवला वापस पहच
ं ो तो हे गा से यह कहना िक म तु हारी
फम म काम करने के लये तैयार ह ं और जतनी ज दी तुमसे िववाह हो सके उतना ही अ छा है।
ेनिवल ने सगरे ट सुलगाकर कहा, “उसके साथ िववाह करने के िवचार से तो मेरे र गटे खड े
हो जाते ह। तुम यह बताओ िक मुझे वहां से कब िनकालोगे?”
आरशर उसके ित घृणा महसूस करते हये सोचने लगा-यिद मुझे इसके साथ थान बदलने का
मौका िमल जाये, तो म या न कर डालूग
ं ा।
“कल रात तु हारा अपहरण होगा, और इसके साथ तु हारी सारी िचंताय समा हो जायगी।”
“ई वर करे ऐसा ही हो।” ेनिवल ने कहा, “अब म तु ह कैसे समझाऊं िक वह िकतनी
व वबोधक और तानाशाही कार क औरत है। मने ऐसी अजीब औरत आज तक नह देखी।”
“तुम िचंता मत करो।” आरशर ने उसे आ वासन िदया, “कल रात दस बजे दो आदमी िवला
पहच
ं गे। उ ह ने सर पर टोप पहन रखे ह गे और उनके हाथ म बंदक ू ह गी। वह तु ह और हे गा को
डरायगे धमकायगे। तुम उनके साथ मुकाबला करने का अिभनय करना लेिकन अित मत करना
य िक वे दोन अनाड ी ह। वे तु ह वहां से लाने से पहले हे गा के नाम एक का छोड
आएंग।े जो मने खुद तैयार िकया है। हे गा उस के को पढ कर इतनी भयभीत हो जायेगी िक
पु लस को रपोट नह करे गी। वे दो आदमी तु ह वहां से लाकर एक िवला म छोड दगे। िफर म
तु ह संभाल लूग
ं ा। तु ह िचता करने क कोई ज रत ही नह । एक स ाह के भीतर तुम दस लाख के
मा लक होओगे।”
“लेिकन िहकल भी तो वह पर होगा।” ेनिवल ने कहा, “कह ऐसा न हो िक वह बना बनाया
खेल िबगाड दे।”
“िहकल...हां।” आरशर ने भ ह चढ ाकर कहा, “तुम यह बताओ िक वह सोने िकतने बजे जाता
है?”
इस बारे म कु छ नह कहा जा सकता। कल रात हे गा ने िडनर के काफ देर बाद छु ी दी थी।
“तो िफर ऐसा करते ह िक तु हारा अपहरण रात यारह बजे करवायगे। तुम हे गा से कहकर
िहकल को ज दी छु ी िदलवा देना। एक और बात ि स, तुम ार ताला खोलना मत भूलना।” मने
सारा िवला देख रखा है तथा िवला के अगले दरवाजे से ही िवला के भीतर िव हआ जा सकता
है। िहकल जब चला जाये, तो िकसी बहाने से बाहर आकर अगले दरवाजे का ताला खोल देना।”
ेनिवल ने सकारा मक सर िहला िदया।
तभी कार के शीशे पर द तक हई, और वे दोन उस तरफ देखने लगे। शीशे के बाहर दरवाजे के
पास वद म मलबूस यातायात सपाही खड ा था।
इस ह त ेप से ेनिवल ु हो गया और बटन दबा कर खड क का शीशा नीचे कर िदया।
“ या बात है?” ेनिवल ने इटे लयन भाषा म िच ाकर पूछा।
“आप नो पािकग जोन म खड े ह, सर।” पु लसमैन ने कहा, “अतः म आपका चालान काट रहा
ह।ं ”
“भाड म जाओ।” ेनिवल गुराकर बोला, “मने तो इस शहर म नो पािकग जोन का बोड कह
देखा नह । यह नो पािकग जोन है, तो यहां पर बोड य नह लगा हआ?”
आरशर जो काफ समय तक व जरलड म रह चुका था, जानता था िक यहां क पु लस बड ी
तुनकिमजाज है। सो पु लसमैन के ित ेनिवल का यह यवहार देखकर वह घबरा गया।
पु लसमैन क आंख म स ती टपकने लगी थी।
“आप अपने कागजात िदखाईये।”
“हे ई वर! यह कहकर ेनिवल ने कार का लोब क पाटमे ट खोला और उसम से कार के
कागज िनकालकर पु लस मैन के हाथ म पकड ा िदये।
कु छ देर तक कागज का अ ययन करने के प चात पु लसमैन गहरी नजर से ेनिवल क ओर
देखने लगा।
“यह कार आपक तो नह है?”
“तुम िनर र हो या।” ेनिवल गुराकर बोला, “पढ नह सकते यह िकसक कार है। यह कार
मैडम हरमन रो फ क है और उ ह ने मेरे इ तेमाल के लये मुझे दी है।”
पु लसमैन का चेहरा और स त हो गया।
“आप अपना पासपोट िदखाईये।”
ेनिवल चूंिक बहत यादा सफर करता था, अपना पासपोट हमेशा अपने साथ रखता था। उसने
फटाक से अपना पासपोट और पु लसमैन के हाथ म थमा िदया।
इस िब द ु पर आरशर ने बड ी बेवकू फ क थी। वह पु लसमैन एवं ेनिवल के बीच पड
गया था और अपनी जेब से बटु आ िनकालकर अपना पुराना िव जिटंग काड पु लसमैन को िदखाया
था। इस काड पर उसका नाम लखा था और वह ऐडेस िदया था जब वह एक अंतरा ीय वक ल क
फम म काम िकया करता था।
“बात यह है, ऑिफसर,” आरशर ने पु लसमैन से बड े शांत वर म कहा, “िक िम टर ेनिवल
एक अं ेज ह तथा यहां के यातायात िनयम से अप रिचत ह। म आपको यक न िदलाता ह ं िक मैडम
रो फ ही ने अपनी कार िम टर ेनिवल को अपने इ तेमाल के लये दी है। यह एक मेहमान के प
म उनके यहां ठहरे हये ह।”
पु लसमैन ने आरशर का काड यान से देखने के प चात वह काड आरशर को व पासपोट
ेनिवल को वापस कर िदये।
“आप आइंदा अपनी गाड ी नो पािकग जोन म मत खड ी करना।” कहकर पु लसमैन ने उन
दोन को सै यूट मारा और गाड ी आगे करने का इशारा िकया।
जब उनक कार रगते हये आगे िनकल गई, तो पु लसमैन ने अपनी जेब से नोटबुक िनकाल कर
उसम कु छ नोट िकया, और नोटबुक जेब म वापस डाल ली। उसक याददा त भी बहत अ छी थी।
सो उसने आरशर का चेहरा अपने िदमाग म िबठा लया था। उसे आ चय हो रहा था िक आरशर
जैसा फटेहाल आदमी अंतरा ीय वक ल क एक क पनी म काम करता होगा।
“साला हरामी।” ेनिवल कार आगे बढ ाते हये बड बड ाया।
“तुम तो पागल हो गये हो, ि स।” आरशर ने कहा, “ वस पु लसमैन के साथ इस ढंग से बात
नह िकया करते। तुम उसके साथ बड ी बदतमीजी से पेश आये थे।”
“जाये जह ुम म।” ेनिवल ने कहा।
तब उसने रो ज राइस ईडन होटल के पािकग लॉट म खड ी कर दी।
‘चलो कु छ पीते ह।”
आरशर और ेनिवल टैरेस पर आकर एक एका त कोने म बैठ गये। और ेनिवल ने वेटर को दो
मारिटनी लाने को कहा।
“देखो जैक, इस काम म कोई गड बड नह होनी चािहये।” ेनिवल ने कहा, “तुम मुझे उन
आदिमय के बारे म बताओ ज ह ने मेरा अपहरण करना है। तु ह िव वास है िक वे िव वसनीय ह।”
िडं स के आने तक आरशर चुप बैठा रहा। तब उसने बताना शु िकया।
* * *
ेनिवल तीन बजे के प चात जब िवला वापस पहच ं ा था, तो अपने आपको एकदम ह का महसूस
कर रहा था। आरशर ने उसे यक न िदलाया था िक कु छ ही िदन म उसके पास दस लाख ह गे तथा
उस पर िकसी कार क कोई पाबंदी नह होगी।
िवला पहच
ं कर ेनिवल ने रो ज राइज गैराज म पाक क थी और िवला क ओर अ दर चला
गया था। जब वह वेश ार अंदर से बंद कर रहा था, तो उसे हे गा क आवाज सुनाई दी थी, जो
फोन पर िकसी से बात कर रही थी। ेनिवल सीधा अपने कमरे म आया था-नहाया-धोया था-और
िफर टहलते हये हे गा के कमरे म गया था।
हे गा उसके पीछे बैठी काम म य त थी। उसके चेहरे पर स ती-सी छाई हई थी लेिकन ेनिवल
को देखते ही हे गा के चेहरे क स ती नम पड गई थी। िफर वह अपनी जगह से उठी थी, और
ेनिवल के पास आकर उसके गाल को अपने ह ठ का पश िदया, “अब मेरे सवाल का जवाब दो।
जवाब ह होना चािहये...म ना नह सुनूगं ी।”
“मेरा जवाब िब कु ल हां है।” ेनिवल ने कहा, और हे गा को गोद म भरकर बेड म म ले आया,
और दरवाजे क अंदर से िचटकनी लगा दी। िववाह से पहले पूव अ यास करने।
“अरे िहकल या सोचेगा िक हम िदन म ही जुट गये ह।” हे गा अपनी ले स उतराते हये बोली।
“ऐसी क तैसी िहकल क । म अपनी प नी के साथ जुट रहा ह।ं ”
दस िमनट प चात जब वे दोन सुख जिनत िश थलता क अव था म एक-दसरे ू क बगल म लेटे
हये थे, तो हे गा ेनिवल को अपने िववाह के काय म के बारे म बताने लगी िक हम पेरॉडाइज
सटी म िववाह करगे। वहां ीप पर मेरा एक आलीशान बंगला है। िववाह होने तक तुम बंगले क
कॅाटेज म ठहरना। म अपने िववाह का ऐलान क ं गी तो देखना शहर के सम त िति त लोग कैसे
मुझे बधाई देन े आते ह। हम अपना िववाह बड ी धूमधाम से करगे-वगैरह वगैरह।

* * *

इन बात से ेनिवल का िदल हौलने लगा था, लेिकन वह ह ं हां करने के साथ-साथ उसका हाथ
सहलाता रहा था।
“मेरे जैसा भा यशाली कौन होगा।” ेनिवल ने कहा, और मन ही मन म सोचने लगा िक कल
तक इस तानाशाही औरत से मुझे मुि िमल जायेगी।
तभी िहकल ने दरवाजे पर द तक दी और हे गा को बताया िक िवनबान का फोन आया है। यह
सुनकर हे गा िचढ -सी गई, लेिकन उसने यह बेड म म िवनबान का फोन रसीव िकया और
िफर आधे घंटे तक िबजनेस संबध
ं ी वाता करती रही। फोन सुनने के प चात हे गा ने सारी बात
ेनिवल को कह सुनाई। ेनिवल हां म हां िमलाता रहा था। अंत म जब हे गा ने उसक राय पूछी
थी, तो वह हे गा का मुंह ताकने लगा था तथा अपनी अनिभ ता िछपाने के लये यह बहाना बना
िदया था िक जब तक म पूरे कागजात न देख लू,ं म कोई राय नह दग ं ू ा। हे गा यह सुनकर बहत
िनराश हई थी, िक तु उसने उसी ण िवनबान क सै े टरी को फोन पर यह आदेश िदये थे िक वह
कागजात िवमान ारा यहां िभजवा िदये जाय।
त प चात हे गा एवं ेनिवल घूमने के लये बाहर चले गये थे। देर गये जब वे वापस लौटे थे, तो
िहकल अभी भी उनका इंतजार कर रहा था। हे गा को यह बात अ छी नह लगी थी िक िहकल हर
समय उनक चौक दारी करता रहता है। सो उसने िहकल को यह िहदायत कर दी-“तुम हमारा इंतजार
मत िकया करो। तु ह टी.वी. देखना अ छा लगता है, सो तुम टी.वी. देखा करो। मुझे िकसी चीज क
ज रत महसूस होगी, तो तु ह बुला लया क ं गी।”
“जैसे आपका ह म मैडम।” िहकल ने कहा था और वहां से चला गया था।
त प चात हे गा और ेनिवल बेड म म चले गये थे, और काफ देर तक यौनाचार करने के
प चात एक-दसरे
ू क बगल म सो गये थे।
ेनिवल अब हे गा से ऊब चुका था। वह जब कभी भी िकसी ौढ ा से पीछा छु ड ाना चाहता,
तो उसके साथ अपना आजमाया हआ दांव खेलता था जो हमेशा कामयाब रहता था।
सो अगली सुबह जब ेनिवल क आंख खुली, तो हे गा अभी सो रही थी।
ेनिवल ने अपना हाथ माथे पर रखा और कराहने लगा। उसक ण हे गा क आंख खुल गई
और वह याकु लता से ेनिवल क ओर देखने लगी।
“खैर तो है ि स? तुम कराह य रहे हो?
“मुझे आधासीसी का दौरा पड गया है। अब यह तीन िदन तक यूं ही चलेगा।”
“म अभी डॉ टर को बुलाती ह।ं ”
“डॉ टर को बुलाने का कोई फायदा नह । आधासीसी का कोई इलाज नह होता। तीन िदन बाद
अपने आप ठीक हो जायेगा। बोलने पर भी दद होता है। तुम मुझे बुलाओ मत और मुझे चुपचाप लेटा
रहने दो।”
हे गा बेचारी बाहर टैरेस म चली आई जहां पर िहकल या रयां ठीक कर रहा था।
“आज आप बहत ज दी उठ गई ह, मैडम। आपक तबीयत तो नासाज नह ?”
“म तो ठीक ह ं िहकल लेिकन िम टर ेनिवल को आधासीसी का दद शु हो गया है।”
“आधासीसी का दद बहत तेज होता है।” िहकल ने सपाट लहजे म कहा, “आपके लये कॉफ ी
यह ले आऊं?”
“हां।” हे गा ने जवाब िदया।
िहकल जब काफ ले आया, तो हे गा ने कहा, “म तुमसे कु छ बात करना चाहती ह ं िहकल।”
“म हा जर ह,ं मैडम।”
“बात यह है िहकल िक मने िम टर ेनिवल से िववाह करने का फैसला कर लया है। मुझे चूंिक
तु हारी वफादारी पर पूण िव वास है, अतः म तुमसे यह जानना चाहती ह ं िक तु हारी या राय है।”
“मेरी कोई राय नह मैडम। यह तो आपक खुशी क बात है।” िहकल ने भावशू य वर म कहा।
िहकल के वाभाव से हे गा भली-भांित प रिचत थी िक जब वह िकसी यि को नापसंद करता
है, तो उसके ित शीत रवैया अपना लेता है और जब उससे पूछा जाता है, तो उस यि के बारे म
अिन चत सा उ र देता है। हे गा को भली-भांित मरण था िक जब उसने हरमन के साथ िववाह
िकया था तो िहकल ने उसका मौन िवरोध िकया था। लेिकन बाद म जब हे गा मु कल म फंसी थी,
तो िहकल ने पूण वफादारी का सबूत देकर उसक सहायता क थी। वह सोचने लगी-म ि स से
कहग ं ी िक वह िहकल को खुश रखा करे ...यह अपने आप लाइन पर आ जायेगा।
त प चात हे गा पंज के बल चलती हई अपने बेड म क ओर गई, जहां पर ेनिवल आराम
कर रहा था। धीरे से दरवाजा खोलकर अंदर झांककर देखा तो वह सगरे ट पीने के लये उ कंिठत हो
रहा था, और उसने पैकेट से सगरे ट िनकालने के लये हाथ बढ ाया ही था िक दरवाजा खुलने क
आवाज सुनकर अपना हाथ वापस ख च लया, और माथे पर रखकर कराहने का अिभनय करने
लगा।
हे गा कु छ ण तक यानपूवक उसक ओर देखती रही थी, और िफर बड ी धीरे से दरवाजा
ब द करके वापस लौट गई थी।
ेनिवल सोचने लगा- या अजीब औरत है एक ण के लये भी पीछा नह छोड ती। खैर, जब
तक आरशर मेरा अपहरण नह करवा देता, तब तक तो मुझे यह ढ ग करना ही पड ेगा। आज
पहली बार वह अपने अपहरण के बारे म गंभीरता से सोच रहा था। हे गा के बारे म वह बहत
असहज अनुभव करता था...यह औरत तानाशाह िक म क औरत है। यिद इसे कह संदेह हो गया
िक इसे ठगने क कोिशश क जा रही है, तो न जाने यह या ख अपना ले। खैर, जो कु छ भी है।
दस लाख हा सल करने के लये कु छ न कु छ जो खम तो उठाना ही पड ता है। यह पैसा िमलते ही
म वे टइंडीज चला जाऊंगा, और जब यह बात कु छ ठं डी पड जायेगी तो यूरोप वािपस लौट
आऊंगा।
इसके साथ ही एक िवचार उसके मन म आया और वह भय के कसाव म आ गया-म आरशर को
िब कु ल नह जानता-उसक एवं मेरी मुलाकात िबलकु ल संयोिगक थी। वह एक अंतरा ीय वक ल
न होकर कोई चार सौ बीस हो। इसम तो कोई संदेह नह िक वह हे गा को जानता है। लेिकन मेरे
अपहरण का सारा िफरौती धन उसके हाथ म आयेगा। और पैसा िमलने के बाद यिद वह गायब हो
गया, तो म उसे कहां ढू ढं ने जाऊंगा।
वह अंधरे े म लेटे-लेटे ेनिवल इस सम या पर गौर करने लगा।

* * *

दोपहर दो बजे जब मै स सेजटे ी और जै ास बेलमा ट फो स वैगन म होटल वस के बाहर


पहच
ं े, तो आरशर होटल का भुगतान करके िकराये क म सडीज म उनक राह देख रहा था। सेजटे ी
एवं बेलमा ट क कार देखते ही आरशर ने उन दोन को अपने पीछे -पीछे आने को कहा। थोड ी देर
प चात ये दोन कार पैरािडसो म उस िवला के बाहर पहच ं गई,ं जो आरशर ने िकराये पर लया था।
वहां पहच
ं ने के प चात आरशर-सेजटे ी एवं बेलमा ट को िवला के अ दर ले गया और उनको बैठने
को कहा।
“कोई सम या तो नह हई” आरशर ने इटे लयन भाषा म पूछा।
“ना।” सेजटे ी ने स मत उ र िदया।
“तुम सर पर पहनने के लये टोप और ब दक
ू लाये हो?”
“हां।” सेजटे ी ने बताया।
आरशर कमरे म टहलने लगा।
“वह काम आज रात यारह बजे करना होगा। तुम दोन को िवला जाना होगा। वहां का वेश ार
खुला िमलेगा। तुम धड ाके से अ दर जाओगे और वहां पर मौजूद आदमी एवं औरत को आतंिकत
करके आदमी को अपनी कार म िबठाकर यहां ले आओगे। िफर म तु हारा भुगतान कर दग ं ू ा और
तुम यहां से वापस चले जाओगे।”
यह सुनकर सेजटे ी ने सकारा मक सर िहला िदया था, जबिक बेलमा ट चुपचाप बैठा गलीचे क
ओर देखता रहा था।
“वह िवला कहां पर है?” सेजटे ी ने पूछा।
“म थोड ी देर म तुम दोन को वह िवला िदखाने ले चलूगं ा।” आरशर ने कहा, “वहां पर एक
नौकर है। वह शायद कोई मु कल खड ी करने का यास करे । उस सूरत म तुमम से एक को
उसका यान रखना पड ेगा। लेिकन एक बात याद रहे...तुम उसके साथ िहंसा पर उता नह
होओगे।”
बेलमा ट जसने अब तक एक श द नह कहा था, बोला, “उसे म िनपट लूग
ं ा।”
बेलमा ट ने जब यह कहा था, तो उसके चेहरे पर एक शैतानी मु कराहट नाच रही थी जसे
देखकर आरशर च क-सा गया था।
“म एक बार िफर कह द ं ू िक तुम लोग वहां पर िकसी कार क िहंसा नह करोगे।” आरशर ने
एक-एक श द पर बल देकर सेजटे ी से कहा, “यह बात अपने िदमाग म िबठा लो। म िहंसा क जगह
अपहरण क असफलता पसंद क ं गा।”
“आप िन च त रिहये-हम वैसा ही करगे जैसा आप चाहते ह।”
“अब म तु ह िवला के न शे से समझाता ह ं िक वह आदमी एवं औरत कौन से कमरे म ह गे।”
कहकर आरशर ने अपनी जेब से िवला का न शा िनकाला और उन दोन को समझाने लगा।
“समझ गये?” आरशर ने आ खर म पूछा।
“िबलकु ल।” सेजटे ी ने उ र िदया।
तब आरशर ने अपनी जेब से एक कागज िनकाला।
“इस कागज पर मने कु छ वा य लखे ह। तुम उनको कंठ थ कर लो। िवला पहच
ं कर जब तुम
उस आदमी और औरत को आतंिकत करोगे, तो यही वा य उनके सामने दोहराओगे।”
“यह काम बेलमा ट कर सकता।” सेजटे ी ने कहा, और वह कागज सेजटे ी के हाथ से लेकर
बेलमा ट के हाथ म दे िदया।
“कौन-सा तुम करोगे और कौन-सा बेलमा ट, उससे मेरा कोई संबध
ं नह । मुझे संबध
ं मा इससे है
िक मेरा काम पूरा होना चािहए।”
“उस बात से आप िन चंत रिहये।” सेजटे ी ने आ वासन िदया।
“तो चलो, अब म तुम दोन को िवला िदखा लाऊं।”
तब आरशर सेजटे ी एवं बेलमा ट को िवला िदखाने ले गया।
जब वे वापस लौट रहे थे, तो आरशर ने कहा, “अभी अपहरण को आठ घंटे पड े ह। तब तक
तुम मेरे साथ रहना चाहोगे, या कु छ और करना चाहोगे?”
“हम यहां पहली बार आये ह, सो यह शहर देखना चािहये। आप हम पैरॉिडसो म अपने िवला
उतार देना वहां हम अपनी कार म घूम चले जायगे, और रात सवा दस बजे आपके पास पहचं
जायगे।”
पैरॉिडसी िवला पहच
ं कर आरशर ने सेजटे ी एवं बेलमा ट को बाहर उतार िदया और अ दर बेड म
म आकर टांग फैला कर िब तरे पर लेट गया। हे गा से बदला लेन े के लये उसे बहत लंबा इंतजार
करना पड ा था और अब उसक कामना पूरी होने म चंद ही घंटे बाक थे।
‘दस लाख’-आरशर सोचने लगा, यह रकम हाथ लगते ही म यूयाक जाकर टै स कर
परामशदाता का काम आरं भ कर दग ं ू ा। एक बार पैसा मेरे हाथ आ जाये िफर यह हे गा रांड मेरा कु छ
भी नह िबगाड पायेगी। अपनी सवाई से बचने के लये जैसे हरमन रो फ ने मेरे खलाफ गबन
का मुकदमा नह चलाया था िक कह म वह भेद न खोल द ं ू िक िकसी समय हे गा के साथ मेरे
अनुिचत संबधं थे, उसी कार हे गा भी अपनी पदापोशी करने के लये िक एक जाईगोलो ने मेरा
उ ू बनाकर मुझे ठगा है, अपने मुंह से उफ तक नह करे गी। सो आरशर हे गा क ओर से सवथा
अिचंितत था िक तु सेजटे ी और बेलमा ट क ओर से उसे िच ता हो रही थी। ये दोन उसे द ु से लगे
थे, िवशेषकर बेलमा ट। और इस समय यिद आरशर ने उन दोन को अपनी कार पो ट ऑिफस के
बाहर खड े करते हये देख लया होता, तो वह और िचंितत हो गया होता।
कार पो ट ऑिफस के बाहर पाक करके सेजटे ी सीधा एक फोन बूथ के अ दर गया था, और बूथ
को भीतर से सटिकनी लगाकर जनेवा म बन का न बर डायल िकया था। बन ने पूरी बात सुनने के
बाद कहा था, “तुम दो घंटे बाद मुझे दोबारा फोन करना, मै स।” और इतना कहकर फोन ब द कर
िदया था।
बन के व जरलड म कई स पक थे। उनम से एक लुगानो म था। उसका नाम था लक वे लनी।
बन ने उसका न बर डायल िकया।
“लक ,” बन ने कहा, “मुझे एक सूचना चािहये।”
“ या सूचना चािहये?” लक ने दसरी ओर से
ू पूछा।
“के टगनोला पर िहलायस िवला म कौन रहता है और वह िकसका है?”
“िहलायस िवला?” लक ने च ककर कहा, “वह िवला हरमन रो फ का है। वह मर चुका है और
अब उसक प नी उसक मा लक है। वह कभी-कभार यहां आती रहती है तथा आजकल यह पर
है।”
बन क खीस िनकल आई।ं
“तुम घर पर कना लक । म शाम को वह पहच
ं रहा ह।ं ” कहकर बन ने फोन ब द कर िदया।
तब बन ने एयरपोट पर फोन करके अपने लए एक एयर टै सी बुक करवाई।
दो घंटे प चात जब सेजटे ी का फोन आया, तो बन ने उससे कहा िक म तु हारे पास पहच
ं रहा ह।ं
“तुम वैसे करो जैसे आरशर कहता है, और उस आदमी का िवला से वहां ले आओ। इससे आगे म
िनपटूंगा।”
“तुम हम कहां पर िमलोगे?” सेजटे ी ने पूछा।
“म तु ह छः बजे एयरपोट पर िमलूग
ं ा। तुम ऐसा करना िक एयरपोट पर पहच
ं जाना।”
“पहच
ं जाऊंगा।” सेजटे ी ने कहा, और फोन ब द कर िदया।

* * *

दोपहर को भूख लगने के कारण ेनिवल टैरेस पर चला आया, जहां पर हे गा फाईल देखने म
य त थी। ेनिवल को देखकर हे गा के चेहरे पर रौनक आ गई।
“अब तु हारी तबीयत कैसी है, डा लग?’’
“अब तो कु छ ठीक है।” ेनिवल ने अपनी आवाज म कमजोरी पैदा करके कहा, “जरा कॉफ ी
पीने का मन कर रहा है।”
“लो अभी लो।” कहकर हे गा ने घंटी बजाई।
उसी ण िहकल वहां पहच
ं गया और हे गा ने उसे ेनिवल के लये कॉफ लाने को कहा।
थोड ी देर प चात जब िहकल कॉफ देकर चला गया, तो ेनिवल ने हे गा से कहा, “तुम तो
जब देखो काम म डू बी रहती हो।”
“जब इतने बड े कारपोरे शन को बोझ कंध पर हो, तो काम करना ही पड ता है। थोड े
िदन बाद जब तुम मेरे जीवन साथी बन जाओगे, मेरा बोझ अपने आप ह का हो जायेगा।”
“हां।” ि स ने जवाब िदया, और मन ही मन म सोचने लगा-‘अब मेरी मुि के कु छ ही घंटे बाक
ह।’
“ि स, म तुमसे एक बात कहना चाहती ह ं िक तुम िहकल के साथ नेह से पेश आया करो। वह
हमारे िववाह को स त नापसंद करता है।”
“तुम एक नौकर क पसंद और नापसंद को इतना मह व देती हो।”
यह सुनकर हे गा कसाव म आ गई।
“देखो ि स, तु ह छोड कर िहकल मेरे लये सबसे यादा मह व रखता है। वह एक वफादार,
मेहरबान और िनहायत भरोसेमदं आदमी है। इसके अलावा मेरी मु कल म उसने मेरी बहत सहायता
क है। म तु ह प कर द ं ू िक तु ह उसके साथ बनाकर रखनी पड ेगी।”
“जैसे तुम कहोगी।” ेनिवल ने उसक हां म हां िमलाई।
कु छ देर प चात ि स अपने कमरे म चला आया और हे गा अपने काम म ऐसी रत हई िक उसे
रात ढलने का पता नह चला।
तब ि स टैरेस म आया, और हे गा अपनी फाइल को एक तरफ रखकर उसे बात करने लगी।
िफर उन दोन ने वह टैरेस पर इक े िडनर िकया।
िडनर के बाद ि स ने हे गा से कहा, “अब तुम िहकल को उसके कमरे म भेज दो िफर िन चंत
होकर बेड म म बैठगे।”
सो हे गा ने िहकल को बाहर का दरवाजा ब द करके अपने कमरे म जाने को कहा, और ि स
को अपने बेड म म ले गई।
ि स ने बेड म का टी.वी. चला िदया। उस समय टी.वी. पर एक बहत रोचक नाटक आ रहा था।
हे गा उस नाटक को देखने म म हो गई। िफर ि स बाथ म जाने के बहाने से कमरे से बाहर
आया और वेश ार के पास जाकर िचटकनी हटा दी। तब वह बाथ म म गया और लश बहाई।
और बेड म म आकर हे गा के पास बैठ गया। ऐन जब घड ी क सुई ने यारह का पश िकया,
तो वेश ार धड ाम से खुला तथा दो आदमी सर पर टोप पहने और हाथ म ब दकू पकड े
बेड म के अ दर घुस गये।

* * *

आरशर अपने िकराये के िवला म वेश ार पर खड ा था और बार-बार अपनी घड ी क


ओर देख रहा था। हर बीतते ण के साथ उसक याकु लता बढ ती जा रही थी। कोई साढ े
यारह बजे के करीब जब उसे म सडीज िवला के बाहर खड ी होती िदखाई दी, तो उसक जान म
जान आई।
सबसे पहले ेनिवल म सडीज से नीचे उतरा था, और लंब-े लंब े डग भरता हआ िवला के अ दर
चला आया था।
“कोई तकलीफ तो नह हई?” आरशर ने पूछा। “कोई तकलीफ नह हई। एकदम परफै ट काम
हआ है।”
“अभी आराम से बात करते ह।” कहकर आरशर सेजटे ी और बेलमा ट के पास आया, और
उनका भुगतान करके वहां से चलता कर िदया।
तब आरशर ने अलमारी के पास आकर ह क क बोतल िनकाली और दो िगलास म डालकर
ेनिवल के सामने आकर बैठ गया।
“अब तुम मुझे पूरा िक सा सुनाओ।” आरशर ने कहा।
ेनिवल ने अपने िगलास से दो-तीन चुसिकयां लेकर िगलास एक तरफ रख िदया।
“मने नौ बजे ही हे गा से कहकर िहकल को चलता करवा िदया था और हे गा के साथ बेड म म
आ गया था। संयोग से उस समय टी.वी. पर एक बहत रोचक नाटक सा रत हो रहा था। हे गा उसे
देखने म म हो गई थी। तब म बहाना करके बेड म से बाहर आया था और वेश ार क
िचटकनी खोल दी थी। ऐन यारह बजे ये दोन आदमी वहां पहच ं े थे, और मुझे एवं हे गा को धमकाने
लगे थे। उ ह ने हे गा से कहा था िक यिद तुम इस (यानी मेरी) आदमी क खैर चाहती हो तो पु लस
को सूिचत करने का यास मत करना। कल तक तु ह सूचना िमल जायेगी िक इस आदमी क रहाई
के लये तु ह िकतना (िफरौती) धन देना होगा।
हे गा यह सुनकर प थर क मूित क तरह त ध हर गई थी। िफर वे मुझे कार म िबठाकर यहां ले
आये। सो इस कार अब म तु हारे सामने बैठा ह।ं मुझे ऐसा महसूस हो रहा है मान कैद से छू टकर
आया होऊं। वह औरत तो िनरी तानाशाह है।”
“तुम यह सब छोड ो और मुझे यह बताओ िक हे गा वाकई तुम पर रीझी हई है?” आरशर ने
कहा, “इस बारे म िन चंत होना बहत ज री है... य िक यिद वह तुम पर रीझी हई नह है तो पु लस
को रपोट कर देगी।”
इस बात से आरशर एवं ेनिवल दोन अनिभ थे िक सेजटे ी ने कु छ आगे जाकर अपनी फो स
वैगन रोक दी थी, और बेलमा ट बन के आदेशानुसार कार से उतर कर िवला वािपस लौट आया था
और चोरी िछपे रसोई म जाकर अधखुले दरवाजे के साथ कान लगाकर आरशर एवं ेनिवल क
बातचीत सुनने लगा था। बेलमा ट ने आरशर क यह बात सुन ली थी-िक हे गा वाकई तुम पर रीझी
हई है?
इसके उ र म ेनिवल ने कहा था “रीझी हई? वह तो मेरे हाथ िबक चुक है। जब मेरा अपहरण
िकया जा रहा था तो उसक श ल देखते बनती थी। उसके मुखम डल से ऐसा लगता था, मानो
उसका सब कु छ लुट गया हो।”
“गुड! ए सीले ट।” आरशर ने सहष कहा, “अब हम अपने ल य के नजदीक पहच ं चुके ह। कल
म हे गा से िमलने जाऊंगा। इस मुलाकात के लये मने िकतने िदन इंतजार िकया है, यह म जानता
ह।ं ”
“म तुमसे एक बात कहना चाहता ह,ं जैक।” ेनिवल ने जरा ककर कहा।
“कहो।”
“बात यह है जैक िक बीस लाख बहत बड ी रकम होती है। इतनी रकम के लालच म िकसी का
िदल भी िफर सकता है।” ेनिवल ने सीधे आरशर क आंख म देखते हये कहा “तुमने यह कहा िक
यह पैसा वस अकाउं ट म जमा करा िदया जायेगा। मेरे पास या गारं टी है िक मुझे अपना िह सा
िमलेगा।”
आरशर यह सुनकर ह का-ब का रह गया-और सोचने लगा, या म इतना गया बीता लगने लगा
ह ं िक दो कौड ी के एक जाईगोलो को मेरी बात पर िव वास नह ।
“तु ह पूरा िह सा िमलेगा,” आरशर ने तिनक रोष से कहा, “हम इसम आधे-आधे के साझेदार है।”
‘‘वह तो तुम ठीक कहते हो। ेनिवल ने कहा, “लेिकन मेरे पास या गारं टी है िक मुझे अपना
िह सा िमलेगा। मुझे गारं टी चािहये।”
“तु हारी बात से साफ जािहर है िक तु ह मुझ पर िव वास नह है।” आरशर ने कटु ता से कहा।
इसम बुरा मानने क कोई बात नह जैक। जहां पर इतनी बड ी रकम का सवाल होगा, म िकसी
पर भी िव वास नह क ं गा। मेरे िवचार म तुम भी ऐसा ही करोगे। आज से हम दोन हरदम इक े
रहगे। हम आज ही बक जाकर साझा खाता खोलगे। जब तु ह पैसा िमल जायेगा, तो म अपना िह सा
खुद िनकाल लूग
ं ा।
“अगर तुम ऐसा चाहते हो, तो ऐसा कर लेते ह।” आरशर ने कहा।
“हां, म ऐसा ही चाहता ह।ं ” ेनिवल ने उ र िदया।
“मुझे मंजूर है।” आरशर ने कहा, “अब तुम यान से मेरी बात सुनो। बीस लाख िकसी के पास
नगद नह रखा होता। एकदम से इतने पैसे का बंध करने के लये हे गा को अपने टाक बेचने
पड गे, और म उसे तीसरे से चौथे िदन क मोहलत नह दग ं ू ा। इस दौरान हम यह ठहरगे, और तुम
िबलकु ल बाहर नह जाओगे। मने तु हारे खाने-पीने के लये हर चीज का बंध कर रखा है।”
“उसक तुम िचंता मत करो।” ेनिवल ने िगलास क ह क ख म करके कहा।
“अब म जरा एक ज री काम क ओर देख लू।ं ” आरशर ने कहा, और अलमारी खोलकर दराज
म से एक पोलरायड कैमरा िनकाला, “यह म रा ते से लेता आया था।”
“ य ?” ेनिवल ने सा चय पूछा।
“सबूत छोड ने के लये।” आरशर ने बताया, और तब दसरे
ू दराज से टमाटर क चटनी क
एक बोतल िनकाली।
“हे ई वर! तुम पागल हो गये हो या?”
“म पागल नह ह ं ि स। यह टमाटर क चटनी क बोतल बीस लाख क है...इसी क वजह से
हम इतनी रकम िमलेगी?”
“वह कैसे?’’ ेनिवल ने पूछा। उसे कु छ समझ ही नह लग रही थी िक आरशर या बहक -
बहक बात कर रहा है।
इस बीच बेलमा ट रसोई के दरवाजे से लॉबी म सरक आया और बैठक म झांकने लगा था।
“बीस लाख हा सल करने के लये कु छ न कु छ पापड बेलने ही पड ते ह।” आरशर ने कहा,
“अब तुम थोड ी-सी चटनी अपने चेहरे पर लगाने दो। त प चात तुम फश पर लेट जाना। िफर म
पोलरायड कैमरे से तु हारी फोटो ख चूंगा। हे गा जब यह फोटो देखेगी तो फौरन रकम देन े के लये
तैयार हो जायेगी। म हे गा को बहत अ छी तरह से जानता ह।ं िहंसा के नाम पर उसके र गटे खड े
हो जाते ह।”
ेनिवल अपना सर पीछे झटक कर जोर-जोर से हंसने लगा। “ या िदमाग पाया है तुमने? तो
लगाओ िफर मेरे चेहरे पर टमाटर क चटनी।”
बेलमा ट को लगा िक उसे काफ जानकारी िमल गई है। वह जस भांित िछपकर िवला के भीतर
घुसा था, उसी कार बाहर िनकल आया। थोड े ही फासले पर सेजटे ी फो स वैगन म बेलमा ट क
ती ा कर रहा था। बेलमा ट के कार म सवार होते ही सेजटे ी ने कार आगे बढ ा दी।

* * *

लक बै लनी एक इटे लयन था। उसका एक छोटा-सा ढाबा था, जहां पर वह अनेक कार का
वािद इट लयन भोजन अपने ाहक के लये तैयार करता था। ढाबे के ऊपर ही उसका िनवास
थान था। लक के आठ लड के थे, जो बड े होकर अपने धंध म लग कर उससे अलग हो चुके
थे। लक क प नी का नाम मािटया था जो बहत ही मोटी थी, लेिकन िबलकु ल पित ता थी। लगभग
पं ह वष पूव लक नेप ज म एक मािफया डॉन हआ करता था। अब उसक आयु चौह र वष क हो
चुक थी। और वह मािफया धंध े से रटायर हो चुका था, िक तु सच कहा है, मािफया सदा मािफया
रहता है। लक भली-भांित जानता था िक बन के नेप ज वाल के साथ बड े ठोस स पक ह।
इस समय बन एवं लक ढाबे के िपछले कमरे म बैठे थे।
“तुम मुझे इस रो फ औरत के बारे म बताओ।” बन ने अपनी घड ी क ओर देखते हये कहा,
“अब यारह बज रहे ह-तथा सेजटे ी एवं बेलमा ट अपना काम करने वाले ह गे। मुझे उस औरत म
बहत िदलच पी है।”
लक , जसे शहर क सारी खबर रहती थी, ने बन को हे गा रो फ के बारे म बताया िक हे गा-
भूतपूव िमसेज हरमन रो फ है और उसने अपने पित क सम त स प उ रा धकार म पाई है। और
रो फ इलै टॉिनक कारपोरे शन क मा लक है। उसक िनजी स प ही अ सी करोड के लगभग
है। वह परले दज क िवला सनी है और यहां तक िक होटल वेटर , बारमैन के साथ तक रमण करने
से संकोच नह करती थी।
“लेिकन अब जब से हरमन रो फ क मृ यु हई है, वह कु छ िववेक हो गई है। आजकल वह
ि टोफर ेनिवल नाम यि पर रीझी हई है और उसे हे गा ने अपने िवला म रखा हआ है।”
“यह ेनिवल कौन टु चा है?” बन ने पूछा।
“ ेनिवल एक अं ेज है। देखने म बहत अमीर लगता है लेिकन मुझे उसक अमीरी एक ढ ग
लगती है। मुझे उसके बारे म कोई जानकारी नह सवाय इसके िक वह कु छ समय तक जमनी म रह
चुका है।”
“तुम जैक आरशर के बारे म कु छ जानते हो?” बन ने पूछा।
लक ने सकारा मक सर िहला िदया।
“वह रो फ क देखरे ख िकया करता है। मने सुना है िक वह एक टै स कर परामशदाता है। रो फ
के जीिवत होते वह ायः यहां आया करता था, और उसके िवला म ही ठहरा करता था। िफर कहते
ह िक उसने रो फ के पैसे का गबन िकया था और बव डर म पड गया था-लेिकन म इस बारे म
िन चत प से कु छ नह जानता। सुनने म तो यह भी आया है िक रो फ क प नी के साथ उसके
ेम संबध
ं थे लेिकन यह सच है या झूठ, यह ई वर ही जानता है।”
बन ने इस बात पर गौर करते हए सकारा मक सर िहला िदया।
“अब तुम आराम करो लक । बात यह है िक म एक खचड ी पका रहा ह।ं जब वह पक
जायेगी, तो उसम से कु छ तु ह भी िमलेगी।”
लक खीस काढ कर मु कराने लगा।
“मेरे दो एक िम मेरे साथ ह। तु ह कोई आप तो नह यिद वह मेरे साथ यह ठहर जाय।”
“तुम इसे अपना घर समझो बन ।” लक ने कहा, “लेिकन उ ह जमीन पर ही सोना पड ेगा। मेरे
पास और चारपाईयं ाँ नह ह।”
“उसक तुम िचंता मत करो, वे जमीन पर ही सो जायगे।”
तब लक ऊपर अपनी प नी के पास चला आया और सारी बात उसे बताने लगा।
इस बीच सेजटे ी एवं बेलमा ट नीचे बन के पास पहच
ं गये और ेनिवल के अपहरण का कथन
उसे ल ज-बाल ज कह सुनाया। त प चात बेलमा ट ने बन को वह बात बताई ं जो उसने आरशर
एवं ेनिवल के बीच होते हए सुनी थ ।
“वे दोन उस औरत को बीस लाख का चूना लगाना चाहते ह,” बेलमा ट ने कहा, “सोचो तो।”
बन ने उपहासक मु कान के साथ कहा, “वे अभी ब चे ह। वह औरत यादा नह तो कम से कम
साठ करोड क आसामी है। कु छ िदन पहले हमारे आदिमय ने रोम म स र लाख का अपहरण
िकया था। हम इस काय को इस ढंग से करगे...।”
िफर आधे घंटे तक बन उनको बताता रहा, “अब समझ म आया?”
“बहत अ छी तरह से।” सेजटे ी ने कहा, “एक बात बताओ-इसम हमारा िह सा िकतना होगा?”
“इस बारे म बाद म बात करगे।” बन ने कहा, “अब आराम कर ल।”

* * *

धीरे -धीरे से जब हे गा क न द खुली, तो कु छ देर तक वह भावशू यता क अव था म य क


य िब तरे पर लेटी रही। तिनक देर प चात् जब उसने अपना हाथ बढ ाकर ेनिवल का हाथ
अपने हाथ म लेना चाहा, तो उसे अपनी बगल म न लेटा पाकर उसे सारा वािकया याद आ गया।
गत रात ेनिवल के अपहरण के प चात वह जोर-जोर से चीखने-िच ाने लगी थी। तब उसे
बेकाबू देखकर िहकल ने पानी के एक िगलास म न द क चार गो लयां घोलकर उसे िपला दी थ ।
कु छ देर बाद वह शांत हो गई थी, और गहरी न द सो गई थी। इस समय िपछली रात क घटना मरण
होते ही वह बेकरार हो गई।
इसी समय िहकल कॉफ लेकर वहां पहच
ं गया।
“िहकल, म तु हारी बहत ही आभारी ह।ं कल रात यिद तुम यहां न होते, तो मने न जाने अपने
साथ या कर लया होता। ि स के साथ पता नह या बीत रही होगी।”
“आप धीरज ध रये मैडम।” िहकल ने उसे सां वना दी-“िम टर ेनिवल भले-चंग े वापस आ
जायगे। ऐसी घटनाय तो आजकल आये िदन घटती रहती ह।”
“ई वर करे वे ि स को मुझे वापस लौटा द।”
“म आपके लये हमाम तैयार कर देता ह ं मैडम। आप नहा धो ली जये। आज का िदन आपके लये
बहत किठन हो सकता है तथा जब एक औरत किठनाई से दो चार हो, तो उसे सामा य िदन क तरह
यवहार करना चािहये।”
हे गा ने बड ी मु कल से अपने आंसुओं पर काबू पाया और िब तरे से उठकर बाथ म जाने
क तैयारी करने लगी। नान करने के प चात जब वह डे संग टेबल के सामने बैठी प रस जा कर
रही थी, तो अपने आपसे कहने लगी-म हे गा रो फ ह।ं मुझे ि स के साथ ेम है। मेरे पास हरमन
रो फ के पैसे क जादईु चाबी है। म ि स को हर क मत पर हा सल करके रहग ं ी, चाहे उसे छु ड ाने
के लये मुझे िकतना ही पैसा य न देना पड े।
थोड ी देर बाद जब वह डे संग म से बाहर आई, तो िहकल शेकर और िगलास लये उसक
ती ा म खड ा था।
“आप थोड ा-सा जलपान कर ली जये मैडम।”
हे गा ने सहमित म सर िहलाया; और िहकल के हाथ से िगलास लेकर अपनी घड ी क ओर
देखने लगी।
“सवा यारह बज चुके ह िहकल; और अभी तक उनका (अपहरणकताओं का) कोई संदेश नह
आया। वह कह गये थे िक हम कल सुबह तु ह सूिचत कर दगे िक ि स क रहाई के लये तु ह
िकतनी िफरौती देनी होगी।”
“वे अव य आपको सूिचत करगे मैडम। यह एक आतंक यु है तथा आपको धीरज धरना
चािहए।”
हे गा हाथ म िगलास लये वह बैठ गई।
“मुझे बस यही शंका सता रही है िक अपहरणकता कह उसे कोई शारी रक हािन न पहच
ं ाय।”
“वे ऐसा नह करगे मैडम।” िहकल ने सां वना दी।
इसी समय वेश ार क घंटी बज उठी। घंटी क आवाज सुनते ही हे गा के हाथ म पकड ा
िगलास छलक गया तथा उसका चेहरा िववण हो गया।
“आप अपने आपको संयत र खये मैडम। शायद पो टमैन अपहरणकताओं का प लाया हो, म
अभी देखकर आता ह।ं ”
िहकल ने जब दरवाजा खोला, तो चौखट के बाहर आरशर को खड ा देखकर उसे हैरानी सी हई
िक तु उसने अपने चेहरे से कु छ य नह होने िदया।
“कहो िहकल कैसे हो,” आरशर ने स मत कहा, “मुझे पहचानते हो न।”
“खूब पहचानता ह।ं ” िहकल ने संि उ र िदया।
“म मैडम रो फ से िमलने आया ह।ं ”
“वह इस समय घर पर नह ह।” िहकल ने ढ ता से झूठ बोला।
“वह इस समय घर पर ही ह और मुझसे िमलगी। तुम उनसे जाकर कहो िक म िम टर ेनिवल के
बारे म बात करने आया ह।ं ”
कु छ देर तक िहकल एकटक आरशर क ओर देखता रहा जो लगातार मु कराये जा रहा था।
“यह को।” िहकल ने उसके फटीचर कपड को देखते हये कहा, और दरवाजा ब द करके
अ दर चला आया।
हे गा जो कसाव म टैरेस म खड ी थी, िहकल को देखकर बोली, “कौन है?”
“मैडम, िम टर आरशर आपसे िमलने आये ह।”
हे गा क आंख रोष से सुलगने लग ।
“आरशर! उसम यहां आने का साहस कैसे हआ? तुम उसे दफा कर दो। म उसे अपने घर म पग
नह धरने दग
ं ू ी।”
“आप आरशर से िमल ल तो अ छा है मैडम। वह िम टर ेनिवल के बारे म आपस बात करने
आया है।”
यह सुनकर हे गा ने त धता के मारे अपनी आंख बंद कर ल । िफर उसने अपने आप पर काबू
पाकर कहा, “कह इस अपहरण के पीछे उसका हाथ तो नह ?”
“म इस बारे म कु छ नह कह सकता मैडम, िक तु ऐसा हो सकता है।”
हे गा क भीतरी शि बल हो गई। वह अपने कमरे म टहलने के साथ-साथ सोचने लगी-िपछली
बार जब आरशर ने मुझे लैकमेल करने का यास िकया था तो मने उसे अ छी तरह से परा त
िकया था। अब क बार भी ऐसे ही सही।
“उसे अ दर भेज दो िहकल। म उससे अकेले म बात क ं गी।” यह सुनते ही िहकल ने हाई फाई
के पास लगा हआ बटन दबाया। उसी ण वेश ार खुला, और आरशर लपकता हआ अ दर चला
आया।
“ओह हे गा, िकतने िदन से तुमसे िमलने क इ छा हो रही थी,” आरशर ने अपनी गूज
ं दार
आवाज म कहा, “आ खर मुलाकात हो ही गई।”
िहकल धीरे से बाहर चला आया और दरवाजा ब द कर िदया।
हे गा अपनी जगह पर अचल खड ी थी। उसका सर जरा पीछे क ओर झुका हआ था, और
वह फौलादी नजर से आरशर को देख रही थी। तब उसने आरशर को एक नजर ऊपर से नीचे तक
देखा था और उसके ह ठ कुं िचत हो गये थे।
“तु ह मुझम तबदीली नजर आ रही है न।” आरशर ने स मत कहा, “मेरा सतारा गिदश म था
लेिकन अब मेरा भा योदय होने वाला है। तुम अब भी पहले जैसी भावशाली लगती हो। तु हारी
आयु ने तुम पर कोई भाव नह डाला। यह सब पैसे का खेल है। तुमने यिद मेरी मुसीबत म मेरा
साथ िदया होता, तो मेरे पास भी पैसा होता, और इस समय म भी तु हारी तरह भावशाली लग रहा
होता।”
“तुम यहां या करने आये हो?” हे गा ने पूछा। उसक आवाज म प थर जैसी स ती थी।
“बस यह कह लो तुमसे बदला लेन े आया ह।ं तु ह याद है, आज से दस मास पूव तुमने मुझसे यह
कहा था िक चार इ के मेरे हाथ म ह। समय-समय क बात होती है। उस समय तु हारे हाथ म थे,
और आज चार इ के मेरे हाथ म ह।”
हे गा ने जब काफ देर तक कोई उ र नह िदया, और य क य अपनी जगह पर खड ी
रही, तो आरशर अपनी बात जारी रखते हये बोला, “म कब से इस मौके क ताक म था िक जस
घाट पर तुमने मुझे पानी िपलाया था उसी घाट पर म तु ह िपलाऊं।”
अनायास हे गा को अपने िपता क सीख मरण होने लगी िक एक इंसान जब किठन थित म हो
और उसका द ु मन उसे नीचा िदखाने पर तुला हो, तो यान से उसक बात सुनो और उसक
कमजोरी का पता लगाओ।
मुझे आरशर क कमजोरी का पता लगाना चािहये-हे गा ने मन ही मन म कहा।
“बात यूं है हे गा िक दो िदन पहले एक आदमी ने मुझसे स पक थािपत िकया था, और मुझसे यह
अनुरोध िकया था िक म उसक ओर से तुमसे बात क ं । इस ितिन ध व के वह मुझे दस हजार
स देगा। तुम जानती हो िक जब से तुमने मेरे पेट पर लात मारी है, तब से म तंगी के दौर से गुजर
रहा ह।ं उसके प चात तु हारे िदवंगत पित ने मुझे ऐसा बदनाम िकया िक लोग मेरी छाया से दरू
भागते ह। यही कारण है िक मुझे ऐसे काम करके अपनी जीिवका चलानी पड ती है। तुमने मेरी
िम ी पलीद न क होती तो मुझे यह िदन न देखने पड ते।”
“मने तु हारी िम ी पलीद नह क थी,” हे गा ने पहली बार बोलते हये कहा, “तुमने अपने हाथ
अपनी िम ी पलीद क थी-गबनकार, कू टकार और लैकमेलर बन कर।”
“तुम तो ताने मार रही हो।” आरशर ने कहा।
“तो या तुम इस बात से इनकार कर सकते हो िक तुम एक गबकार हो, कू टकार हो, लैकमेलर
हो, और अपने बारे म पूरी तरह से जानना चाहो, तो यह भी कह द ं ू िक परले दज के झूठे और
म कार हो।”
“खैर छोड ो पुरानी बात को,” आरशर ने कहा, “िक सा यह है िक जस आदमी ने मुझसे
स पक िकया था, यानी जो मेरा लाइंट है, वह इस बात से प रिचत है िक तुम ेनिवल पर रीझी हई
हो, और तुमने उसे अपने पास रखा हआ था। वह यह भी जानता है है िक तुम एक बहत ही
दौलतम द औरत हो। उसी ने ेनिवल का अपहरण करवाया है तािक तुमसे पैसा ऐंठ सके। वह एक
मािफया है और बहत ही िनदयी है। उसे न जाने कहां से यह पता लग गया है िक िकसी समय मेरे
और तु हारे बीच गहरे संबध
ं थे। इसी लये तुमसे बातचीत करने के लये मेरा चयन िकया है।”
“म उस आदमी से खुद बात क ं गी।” हे गा ने कहा।
“लेिकन वह तुमसे सीधे बात नह करना चाहता। वह मेरे ारा ही तुमसे बात करे गा।”
“तो इसका आशय है िक अब तुम गबनकार, कू टकार एवं लैकमेलर होने के साथ-साथ मािफया
भी बन गये हो।” हे गा ने चोट क ।
आरशर कु लबुला उठा।
“मुझ पर चोट करने से तु हारा मतलब हल नह होगा। डेढ मतलब क बात यह है िक मेरे
लाइंट ने यह शत रखी है िक यिद तुम ेनिवल को जीिवत वापस चाहती हो तो तीन िदन के अ दर
उसे बीस लाख क िफरौती दे दो। तीन िदन समा होते ही वह चौथे िदन ेनिवल का एक कान
काटकर तु ह भेज देगा।”
यह सुनकर हे गा के पैर तले से जमीन िनकल गई। िक तु उसने अपने चेहरे को भावशू य बनाये
रखा।
“तुम सोचकर मुझे जवाब देना।” कहकर आरशर उठकर बाहर जाने लगा।
“ओह! यह तो म भूल ही गया।” कहकर आरशर ने अपनी जेब से एक लफाफा िनकाला और
हे गा के सामने रख िदया। “मेरे लाइंट ने यह लफाफा तु ह देन े को कहा था।” कहकर आरशर
वहां से चला गया।
हे गा ने कांपते हये हाथ से वह लफाफा खोला। उसम तीन त वीर थ ज ह देखकर हे गा के
र गटे खड े हो गये। उन त वीर म ेनिवल जमीन पर पड ा था तथा उसका चेहरा खून -खून हो
रहा था। यह य देखकर हे गा क भीतरी शि िछ -िभ हो गई और वह अपना चेहरा हाथ म
िछपा कर ससकने लगी। उसी समय िहकल वहां पहच ं गया।
“मुझे मालूम था वे द ु ि स के साथ ऐसा ही करगे।” हे गा ससक कर बोली।
िहकल ने एक नजर त वीर को देखा तथा हे गा को सां वना देते हए बोला, “आप अपने आपको
काबू म र खये मैडम।’’
“तुम इन त वीर को तो देखो, उन रा स ने ि स के साथ या िकया है।”
िहकल दोबारा से उन त वीर को देखने लगा। िफर कु छ सोचकर वह एक दराज के पास आया
और उसम से एक आव क लस िनकाल कर उन त वीर पर रखा और उ ह यान से देखने लगा।
तब उसने वह आव क लस और त वीर एक तरफ रख द और हे गा को संबो धत करते हये
बोला, “मैडम आप अपने आप पर काबू पाय, तो म आपसे एक बात पूछूं।”
“तुम मुझे मेरे हाल पर छोड दो और यहां से चले जाओ।”
“मैडम, म आपको एक बात बताना चाहता ह।ं ”
“ या बताना चाहते हो?” हे गा ने बेस ी से पूछा।
िहकल ने एक त वीर उठाई और हे गा क ओर लहरा कर बोला, “मैडम, यह टमाटर क चटनी
है।”
“टमाटर क चटनी। यह तुम या औल-फौल बोल रहे हो।”
“मैडम, आपके पित िम टर रो फ के यहां कायरत होने से पहले म एक िफ म ो ूसर के पास
नौकरी िकया करता था। उससे मने मेकअप का आट सीखा था। टमाटर क चटनी शरीर के िकसी
िह से पर लगाकर खून का वांग करने के लये योग क जाती है।
“तुम कहना या चाहते हो?”
“म यह कहना चाहता ह ं मैडम िक िम टर ेनिवल को कोई हािन नह पहच
ं ी और इन त वीर म
ढ ग िदखाया गया है।”
“जो कु छ भी है िहकल-मुझे ि स को हर क मत पर वापस हा सल करना है।”
“मैडम, म आपसे एक सवाल करना चाहता ह।ं ”
“तुम यह आड बर य कर रहे हो...कभी कोई बात बताना चाहते हो, कभी एक सवाल करना
चाहते हो। मेरी जान पर बनी है, और तु ह आड बर सूझ रहे ह।”
िहकल ने हे गा क डांट को नजरअंदाज करके कहा, “आपके िवचार म वे दो आदमी ज ह ने
िम टर ेनिवल का अपहरण िकया था वह िवला के अ दर कैसे घुसे?”
“तुम अजीब से सवाल करते हो। वे अ दर आये थे, और उसे यहां से ले गये।”
“मने आपसे पूछा है, वे अ दर कैसे आये थे?” िहकल ने अकड कर पूछा।
“ वेश ार से आये थे, और कहां से आ सकते थे।” हे गा ने िचढ कर जवाब िदया।
“लेिकन वेश ार तो मने खुद अपने हाथ से ब द िकया था, मैडम।”
हे गा उसक ओर देखने लगी।
“मेरी अ ल कु छ काम नह करती िहकल।”
“म आपक मनः थित समझता ह,ं मैडम। लेिकन इस बात से इंकार नह िकया जा सकता िक
अपहरणकता वेश ार से अ दर आये थे, और वेश ार मने अपने हाथ से ब द िकया था। आप
मुझे यह बताइये िक आपके साथ अ दर जाने के बाद िम टर ेनिवल आपको यह कमरे म
छोड कर बाथ म या बाहर लॉबी म गये थे।”
“हां, ि स बाथ म गया था।”
“तो इसका मतलब है िक उ ह ने ही वेश ार खोला होगा।”
“तु हारे कहने का आशय है िक िम टर ेनिवल ने अपना अपहरण खुद करवाया है?’’ हे गा
गु से से बोली।
“ये त वीर जाली ह मैडम और इसम संदेह क कोई गुजं ाइश नह िक िम टर ेनिवल ने ही वेश
ार खोला। इन ल ण से या िविदत होता है, इसका अंदाजा आप खुद लगा सकती ह।”
“ि स को मेरे साथ ेम है। वह कभी ऐसा नह कर सकता। मुझे मालूम है, तु ह उससे नफरत है।
म तु हारी यह अ ड-ब ड िबलकु ल नह सुनूग
ं ी।”
“मैडम, मने िम टर आरशर और आपके बीच हई वाता टेप रकाड क है। आरशर क बात से
साफ जािहर होता है िक यह कोई घोटाला है। मेरा परामश यह है िक आपको यह मामला पु लस के
सुपुद कर देना चािहये।”
“पु लस के सुपुद कर देना चािहये! तु हारी मत हर गई है। ि स मािफया के क जे म है। यिद मने
पैसा नह िदया, तो वे उसका एक कान काट कर मुझे भेज दगे। मेरे लये पैसा कोई मह व नह
रखता। मेरे पास ढेर पैसा है। मुझे तो ि स वापस चािहये। म तु हारी कोई बात नह सुनना चाहती।
तु ह मेरे मामलात म दखल देन े का कोई अ धकार नह ...ि स बेचारा मुसीबत म फंसा है, और तुम
उस पर बेबुिनयाद इ जाम लगा रहे हो िक उसने खुद अपना अपहरण करवाया है।” कहकर हे गा ने
धड ाम से दरवाजा ब द िकया, और अपने बेड म म चली गई।
िहकल काफ समय तक वह टैरेस म खड ा रहा था, और सोचता रहा था। आ खर उसे एक
बात याद आई।

* * *
जैक आरशर िहलायस िवला से अपने िकराये के िवला क ओर वापस जा रहा था। वह इस समय
बहत ही स िच था िक म हे गा को उस िब द ु पर ले आया ह ं जहां म उसे लाना चाहता था। पैसा
देन े के अलावा उसके पास और कोई चारा ही नह । परस तक मेरी जेब म दस लाख ह गे। यह रकम
हाथ लगते ही म यूयाक रवाना हो जाऊंगा और वह बसकर कर परामशदाता का काम आरं भ कर
दगं ू ा। मेरी अगली िपछली कसर िनकल जायेगी। इ ह िवचार से म त आरशर अपने िवला पहच

गया। िकराये क मस डीज को पाक िकया, और बरामदे क सीिढ यां तय करते हये वह बाहर से
आवाज लगाई-
“ि स, काम बन गया।”
लेिकन उसे अ दर से कोई जवाब नह िमला।
आरशर के माथे पर बल पड े गये।
वह दौड ा-दौड ा बेड म म आया, िक तु ेनिवल बेड म म भी नह था। तब उसने बाथ म
म झांककर देखा...वह भी खाली था। िफर आरशर ने सारा िवला छान मारा, लेिकन ेनिवल का
नामोिनशान नह था।
वह गायब हो चुका था।

* * *

आरशर के रवाना होने के प चात ेनिवल एक आराममुस पर बैठ गया था, और सगरे ट के
कश लेन े के साथ सोचने लगा था-अब बस तीन िदन क बात है। िफर म दस लाख का मा लक
होऊंगा। यह रकम हाथ लगते ही म वे टइंडीज चला जाऊंगा। कु छ िदन बाद जब यह मामला ठ डा
पड जायेगा, तो म वापस लौट आऊंगा। इतना पैसा पास होने पर म अपनी इ छा क औरत का
चयन िकया क ं गा। ौढ ाओं के पास तक नह फटकूं गा।
ेनिवल इ ह िवचार म त था िक उसे अपने पीछे एक आहट सुनाई दी। उसने जो घूमकर पीछे
देखा, तो िचंहककर अपनी कु स से उठ खड ा हआ कमरे के दरवाज क चाौखट पर सेजटे ी एवं
बेलमा ट खड े थे।
“तुम लोग यहां कैसे? तुम तो जनेवा जा रहे थे।”
“हमने अपना इरादा बदल िदया था।” सेजटे ी ने कहा, और बेलमा ट क ओर देखकर बोला, “ य
जै ास, ठीक है ना?”
बेलमा ट ने कोई उ र नह िदया था, और वह चौखट पर खड े भावशू य ि से ेनिवल क
ओर देखता रहा था।
इस समय उन दोन के चेहरे से ू रता झलक रही थी जसे देखकर ेनिवल को खतरे का
पूवाभास होने लगा था।
“तुम यहां या करने आये हो?” ेनिवल ने तिनक घबराहट से पूछा।
“हम तु ह लेन े आये ह।” सेजटे ी ने उ र िदया।
“तु हारा मतलब?”
“तुम अं ेजी भाषा अ छी तरह समझते हो।” सेजटे ी ने कहा, “हमारा मतलब साफ है...हम तु ह
लेन े आये ह।”
“तुम! म तु हारे साथ नह जाऊंगा।” ेनिवल ने घुड ककर कहा, “तु ह पैसे िमल चुके ह। तुम
यहां से दफा हो जाओ।”
“अपनी घुड क अपने पास रखो। इस बार टमाटर क चटनी नह है। इस बार असली ो ाम
है।” सेजटे ी ने कहा, “और अपनी जेब से साइलसर स जत आटोमेिटक िप तौल िनकालकर ेनिवल
क ओर ल य करते हये बोला, “यह देख रहे हो न, यह तु हारी खोपड ी म सुराख कर देगी और
उस सुराख से जो लाल रं ग िनकलेगा। वह तु हारे खून का होगा। टमाटर क चटनी का नह ।”
ेनिवल दहशत म आ गया।
“इसको मेरे सामने से हटाओ।” ेनिवल ने कांपती हई आवाज म कहा।
“इसे अपने सामने से हटवाना चाहते हो, तो चुपचाप चले चलो। हम तु ह कार म िबठाकर ले
जायगे। और अगर तुमने बहादरु ी िदखाने का यास िकया तो एक अदद गोली बड ी खामोशी से
तु हारी रीढ के पार हो जायेगी।
“तुम मुझे कहां ले जाओगे?” ेनिवल ने फुसफुसी आवाज म पूछा, “और मेरे साथ या
करोगे?”
“तुम जतना चुप रहोगे, उतना ही क से दर रहोगे
ू । सो चुपचाप हमारे साथ चले चलो।”
ेनिवल एवं बेलमा ट ने उसे कार म िबठाया और वहां ले गये जहां पर बन उनक ती ा कर
रहा था।
“ओह, िम टर ेनिवल,” बन ने अपनी जगह से उठकर कहा, “हम दोन क यह पहली मुलाकात
है लेिकन हम दोन का एक पार प रक िम है-जैक आरशर।”
बन के चेहरे पर हालांिक मु कराहट थी िक तु उसक आंख से ेनिवल को दहशत होने लगी थी।
“तुम िम टर आरशर को जानते हो?” ेनिवल ने फुसफुसी आवाज म पूछा।
“हां म उसे जानता ह।ं ” बन ने कहा, “आप तशरीफ र खये म आपसे बात करना चाहता ह।ं ”
ेनिवल एक मजनू ं क तरह कांपता हआ एक कु स पर बैठ गया।
“मुझे समझ नह लगती िक आप मुझसे या बात करना चाहते ह।”
“म आपको अभी सारा िक सा समझाता ह।ं बात यह है िक आरशर मेरे पास आया था और उसने
मुझसे दो िव वसनीय आदिमय का बंध करने को कहा था जो एक अपहरण का नाटक कर सक।
इस काम के लये आरशर ने मुझे एक हजार और इन दोन को चार-चार हजार िदये थे। अब मुझे
यह पता चला है आप दोन इस अपहरण नाटक से बीस लाख बनाने का इरादा रखते ह। आप जानते
ह िक अपहरण एक ऐसा अपराध है जसक सजा मौत होती है। हम लोग ने अपना जीवन जो खम म
डालकर यह काम िकया...सो हम इस िनणय पर पहच
ं े ह िक हम और पैसा िमलना चािहये।”
“तो तुमने आरशर से बात क होती।” ेनिवल ने कहा, “मुझे यहां य लाये हो?”
“आपने यह बहत अ छा सवाल िकया है िक हम आपको यहां य लाये ह।” बन ने बताया, “हम
आपको इस लये यहां लाये ह य िक हमने आपको अप त कर लया है और आपका यह दसरा

अपहरण पहले क तरह नकली नह है वरन् वा तिवक है।”
“मुझे तो कु छ भी समझ नह लग रही।” ेनिवल बड ी मु कल से कह पाया।
“िम टर ेनिवल,” बन ने कहा, “आप एवं िम टर आरशर दोन अनाड ी ह। आपको ऐसा
अवसर िमला है जसम आपका ऐसी औरत से वा ता पड ा है जो अरबपित है तथा वह आप पर
मोिहत है तथा आप उससे मा बीस लाख ही ऐंठना चाहते ह। आजकल िफरौती का भाव स र लाख
से ऊपर चल रहा है। सो इस थित से अब म खुद िनपटूंगा और आपक आिशक को उसका ेमी
यानी आपको लौटाने के लये एक करोड क िफरौती तलब क ं गा। इसम से पांच लाख आरशर
को दगं ू ा। बशत िक आपने सहयोग िदया तो।”
“सहयोग से तु हारा मतलब।”
“सहयोग से मेरा मतलब है िक हो सकता है िक आपक आिशक को धमकाने के लये आपका
कान या हाथ क उं गली काट कर भेजनी पड े। ऐसी सूरत म आपको कोई क नह होगा। सेजटे ी
आपका अंग काट कर तपा हआ लोहा उस जगह पर रख देगा। बस ण मा के लये दद होगा।
लेिकन ऐसी नौबत आयेगी ही नह । इससे पहले ही आपक आिशक िफरौती देकर आपको रहा
करवा लेगी।” बन ने कहा, “अब म आरशर से िमलना चाहता ह।ं उसे मेरे एवं हे गा रो फ के बीच
िबचौ लये िक भूिमका िनभानी होगी। म आधे घंटे प चात वापस लौट आऊंगा। इस बीच सेजटे ी एवं
बेलमा ट आपका यान रखगे।”

* * *

ि स! अप त! मािफया के चंगुल म! रह-रहकर ये तीन बात हे गा के म त क म गिदश कर


रही थ । मुझे फौरन अपने बकर बन के पास जाकर पैसे का बंध करना चािहये, तािक जब वह
सुअर आरशर मुझसे िमलने आये, तो म उसे नगद दे सकूं ।
िहकल।
उसम इतना साहस िक यह कहे िक ि स ने जानबूझकर अपना अपहरण करवाया है। उसे ि स से
ई या है। वह तो चाहता है िक म सारी उ अकेली रह ं जबिक मेरा अंग-अंग ि स के लये उ कंिठत
हो रहा है।
टमाटर क चटनी!
सरासर बकवास करता है िहकल। ि स ने अपने आपको छु ड ाने का यास िकया होगा, और
उन द ु ने उसके चेहरे को ज मी कर िदया होगा।
वेश ार खुला था।
तो या? हो सकता है िहकल उसे चटकनी लगाना भूल गया हो और इस म म हो िक उसने
चटकनी लगा दी थी।
हे गा अब ऊंची-ऊंची बड बड ाने लगी थी।
उसक आवाज सुनकर िहकल अ दर चला आया। म िफरौती का बंध करने के लये बक जा
रही ह!ं ’’ हे गा ने शु कता से कहा, “शाम तक वापस लौटूंगी।”
“आप मेरी एक सलाह मािनये मैडम...।”
“म तु हारी कोई सलाह नह सुनना चाहती ह।ं तु हारी जबान बहत चलने लगी है। तु ह कोई हक
नह था िम टर ेनिवल पर झूठे इ जाम लगाने का। म हर क मत पर उसे मािफया के चंगुल से मु
कराऊंगी, और उससे िववाह क ं गी और कान खोलकर सुन लो...जब िम टर ेनिवल से मेरा
िववाह हो जायेगा, तो तु ह उसी कार से उनक सेवा करनी पड ेगी जस कार मेरी करते हो।
तु ह मंजूर हो, तो नौकरी करना नह तो छोड देना।”
“जैसे आप कहगी मैडम।”
तब हे गा नीचे आई और अपनी रो ज राईस म सवार होकर बक चली गई।
िहकल अपने कमरे म आकर अपनी पुरानी डायरी ढू ढं ने लगा। डायरी िमलने पर उसने एक फोन
नंबर नोट िकया और फोन के पास आकर पे रस म जीन फॉकन का नंबर डायल िकया।

* * *

आरशर आरामकु स पर धड ाम से बैठ गया, और भावशू य ि से कमरे ही दीवार को देखने


लगा। यह ेनिवल कहां गया?
वह इतना असावधान तो है नह िक इतना समझाने के बावजूद कह घूमने गया हो। तो िफर वह
कहां गया हे गा से पैसा ऐंठने का मामला िफट िकया है तो ेनिवल गायब हो गया है।
ना वह गायब नह हआ। वह डर गया है। आ खर वह एक जाईगोलो है। जाईगोलो बड े डरपोक
िक म के लोग होते ह। मेरे यहां से जाते ही वह रे लवे टेशन गया होगा, और गाड ी म बैठ
व जरलड से कह बाहर चला गया होगा।
मेरा भा य ही खोटा है। अब म कौन-सा मुंह लेकर हे गा के पास जा सकता ह।ं और यिद परस म
उसके पास नह गया, तो न जाने वह या मुसीबत खड ी कर दे। मेरे िहत म यही है िक म फौरन
यहां से गायब हो जाऊं।
इसी समय दरवाजे क घंटी बजी और आरशर का िदल जोर-जोर से धड कने लगा। कह ऐसा
न हो िक हे गा ने पु लस को सूिचत कर िदया हो। लेिकन जब घंटी बजनी ब द नह हई, तो आरशर
ने वेश ार के पास आकर दरवाजा खोल िदया। और बन को चौखट के पार खड ा देखकर
उसका िदल धक से रह गया। बन को देखते ही उसे खतरे का पूवाभास होने लगा।
“िम टर आरशर, कहो कैसे हो?” बन ने कमरे के अ दर आते हये कहा।
“बन तुम यहां कैसे?” आरशर अपने चेहरे पर जबदर ती क मु कान फैला कर बोला।
“म एक मामले पर तुमसे बात करने आया ह।ं ” कहकर बन कु स पर बैठ गया।
“बोलो या बात है?”
“िम टर ेनिवल का अपहरण कर लया गया है।”
“ ेनिवल का अपहरण कर लया गया है। आरशर ने सा चय कहा।
“हां।”
“िकसने िकया है उसका अपहरण?”
“मने। तुम एक अनाड ी हो िम टर आरशर। मने जो अपहरण िकया है, वह पहले अपहरण क
भांित कोई नाटक नह है ब क वा तिवक है। इस काम क बागडोर अब मने अपने हाथ म ले ली है।
ेनिवल को वापस पाने के लये हे गा रो फ को एक करोड क िफरौती देनी होगी जसम से म
पांच लाख तु ह और पांच ेनिवल को देन े के लये तैयार ह।ं बाक पैसा म अपने पास रखूंगा। तु ह
िबचौ लया बनना होगा। तुम उसके िवला जाकर उससे यह कहोगे िक िफरौती बीस लाख से
बढ ाकर एक करोड कर दी गई है।”
“एक करोड !” आरशर ने मुंह फाड कर कहा, “हे गा इतनी रकम कभी नह देगी।”
“जब ेनिवल का एक कान काटकर उसे भेजा जायेगा, तो अपने आप देगी।”
“तुम ऐसा करो िक खुद इस मामले से िनपटो,” आरशर ने कहा, “म इससे कोई सरोकार नह
रखना चाहता।”
“तु ह रखना पड ेगा।” बन ने अपनी जेब से साइले सर स जत िप तौल िनकाल कर आरशर
क ओर ल य करते हये कहा, “तुम वैसा ही करोगे जैसा तु ह बताया जायेगा। और अगर नह
करोगे तो एक घंटे प चात पु लस को तु हारा शव यहां पड ा िमलेगा और िकसी को यह तक पता
नह चलेगा िक तु हारी ह या िकसने क थी।”
िप तौल देखकर आरशर के हाथ-पैर कांपने लगे थे।
“तो ठीक है जैसे तुम कहोगे वैसे ही क ं गा।”
“अकलमंद आदमी हो।” बन ने कहा, और िफर जरा क कर बोला, “मने सुना है िक तुमने
हे गा रो फ को बीस लाख का बंध करने के लये तीन िदन क मोहलत दी थी। बहत अ छा िकया
था। उसे भागदौड करने दो। तीसरे िदन तुम उसके पास जाना और उसे यह कहना िक िफरौती
बीस लाख से बढ ाकर एक करोड कर दी गई है, अतः उसे दो िदन क मोहलत और दी जाती
है। और यिद उसने यह रकम नह दी तो ेनिवल का एक कान काट कर उसे भेज िदया जायेगा।”
इसी समय फोन क घंटी बजने लगी।
“जाओ यह फोन सुनो।”
यह फोन ेनिवल का था। उसने फोन पर ही हाल दहु ाई मचा दी िक मेरा अपहरण कर लया गया
है और यह सब तु हारी गलती से हआ है।
फोन सुनकर आरशर िबलकु ल िछ -िभ हो गया था।
“मुझे मालूम है यह ेनिवल का फोन था।” बन ने कहा, “मने उसे यह फोन करने को कहा था।
तािक तुम यह न समझो िक म तुमसे धु पल मार रहा ह।ं बात यह है िक तुम अपना पासपोट मेरे
हवाले कर दो तािक तुम व जरलड छोड कर न जा सको। इसके बावजूद भी अगर तुमने कोई
ऐसा यास िकया तो तु हारे साथ कोई घातक दघु टना घट जायेगी। मेरे आदमी चौबीस घंटे तु हारी
नकलो-हरकत पर िनगरानी रखगे। अ छा तो अब म चला।” कहकर बन वहां से बाहर आकर
अपनी कार म सवार हआ और वहां से चला आया।

* * *

“म अपने ये शेयर बेचना चाहती ह।ं ” हे गा ने अपने ोकर से कहा, “मुझे बीस लाख नगद
चािहये और कल तक चािहये।”
“शेयर बेचना उिचत नह होगा मैडम रो फ य िक आजकल शेयर बाजार बहत मंदा चल रहा है।
आप कह तो बक आपको बीस लाख का ऋण दे सकता है।”
“आप मुझे इतना ऋण दे दगे?”
“िबलकु ल दे दगे मैडम।”
“लेिकन म यह रकम िकसी वस बक के अंिकत अकाउं ट म टांसफर करवाना चाहग
ं ी। वह
न बर और बक का नाम म बाद म दग ं ू ी।”
“हम उसम कोई आप नह मैडम।”
“तो ठीक है िफर आपका ध यवाद।” कहकर हे गा बक से बाहर चली आई।
वह सारा िदन उसने अपनी कार म इधर-उधर घूमते यतीत िकया था। उसने लंच और िडनर भी
बाहर िकया था।
शाम को जब वह िवला पहच
ं ी थी तो आठ बजे चुके थे। अपनी कार पाक कर जब वह ऊपर
पहच
ं ी थी, तो िहकल ने उसके लये दरवाजा खोला था और बड ी औपचा रकता से पेश आया था।
“िहकल, मने आज सुबह तुमसे बुरा-भला कहा था उसके लये तुम मुझे माफ कर देना। िम टर
ेनिवल क वजह से मेरी मनः थित इतनी िबगड ी हई है िक म अपने आपे से बाहर हो जाती ह।ं
तुमने मेरी ढांढस न बंधाई होती तो मने न जाने अपने साथ या कर लया होता।”
“म आपक मनः थित को खूब समझता ह,ं मैडम। जस िदन से आप िम टर रो फ क प नी बनी
थ उस िदन से म आपक शंसा करता ह-ं और जस चीज क वजह से म आपक शंसा करता ह,ं
वह है आपका साहस। मुझे िव वास है िक आपका साहस हमेशा आपका साथ देगा। मुझे यक न है
िक इस समय भी आप यिद साहस से काम ल तो आप इस मामले क तह पर पहच ं जायगी, और
आपक सारी मु कल दर हो जायगी।”

“मेरी िह मत बंधाने के लये बहत-बहत ध यवाद िहकल।”
तब िहकल वहां से बाहर चला आया था।
हे गा ने न द क गो लयां खाई थ और िब तरे पर लेट गई थी।
अगले िदन सुबह जब िहकल कॉफ ी लेकर आया था, तो हे गा ने कहा, “म सारा िदन टैरेस म
बैठूंगी, म बहत कु छ सोचना चाहती ह।ं ”
“मेरे िवचार म बेहतर यह होगा मैडम िक यिद आप घूमने िफरने चली जाय, तो आपका मन
बेहतर लगा रहेगा।”
“तो ठीक है, िफर म घूमने चली जाऊंगी।” कहकर हे गा ने कॉफ ी पी। और िफर बाहर जाने
के लये नहाने धोने चली गई थी।
अब हे गा को भला यह कहां से मालूम होता िक िहकल ने उसे बाहर जाने का परामश इस लये
िदया था। य िक वह फाकन नामक एक यि के टेलीफोन का इंतजार कर रहा था और नह
चाहता था िक जब वह टेलीफोन आये, तो उस समय हे गा घर पर हो।
सो हे गा के जाने के प चात वह उ सुकता से टेलीफोन का इंतजार करने लगा था-वह टेलीफोन
कोई यारह बजे के करीब आया था।
सं या के समय जब हे गा वापस पहच ं ी थी, तो एक पु लसमैन को िहकल के पास खड े पाया
था। जब उसने िहकल से उस पु लसमैन के बारे म पूछा था, तो िहकल ने यह कह िदया था िक वह
मेरा लाइसस चेक करने आया था। तब हे गा अपने बेड म म चली गई थी, और िहकल िवला के
दरवाजे ब द करके अपने कमरे म चला आया था। जहां पर उसने अपनी ऐनक पहनी थी, और
लफाफा फाड कर फाकन क वह रपोट पढ ने लगा था, जो थोड ी देर पहले वह पु लसमैन
उसे देकर गया था, जसे हे गा ने अपनी वापसी पर िहकल के पास खड े देखा था।

* * *

अगली सुबह साढ े सात बजे जब हे गा क आंख खुली थी, तो वह जरा भी आशंिकत नह थी।
उसे मालूम था िक आरशर आयेगा-उसके आने पर म पैसा उसके बक म टांसफर कर दग ं ू ी, और
िफर ि स मुझे वापस िमल जायेगा।
थोड ी देर बाद िहकल कॉफ लेकर आया था। आज उसका चेहरा कु छ अजीब-सा हो रहा था
जसे देखकर हे गा बेचन
ै सी हो गई थी।
कॉफ पीने के प चात हे गा नहाने धोने चली गई थी। नहा धोकर जब वह तैयार होकर बैठक म
आई थी, तो उसी समय िहकल वहां गया था। उस समय िहकल ने गृह बंधक का सूट पहनने क
बजाय एक सूट पहन रखा था। िहकल को इस लबास म देखकर हे गा को बड ी हैरानी हई थी।
“म आपसे कु छ बात करना चाहता ह ं मैडम-एक नौकर के नाते नह वरन् एक शुभिचंतक के
नाते।”
“तुमने यह लबास य पहन रखा है?”
“ य िक म आपके िबना टोके आपको एक बात कहना चाहता ह।ं और यिद आपने मेरी बात नह
सुनी, तो िफर म आपक नौकरी छोड ना चाहग
ं ा।” कहकर िहकल एक कु स ख च कर बैठ गया।
िहकल ने पहले कभी ऐसा नह िकया था।
“म तु हारी पूरी बात सुनूग
ं ी लेिकन तु ह नौकरी नह छोड ने दग
ं ू ी। तुम बात बताओ।”
“बात यह है मैडम िक मेरी एक भतीजी है यानी मेरी बहन क लड क । पं ह वष पूव उसने एक
जीन फॉकन नामक एक च नाग रक से िववाह िकया था। फॉकन एक पु लस अ धकारी है जसे
उसक कायकु शलता के कारण इ टरपोल म टा सफर कर िदया गया था। वह एक बहत ही ईमानदार
अ धकारी है और आजकल उपयु है। मुझे आपको यह बताने म बड ा खेद होता है िक ेनिवल
के साथ पहली ही मुलाकात म मुझे उस पर शक गुजरा था िक वह कोई ठीक आदमी नह है, सो
कल मने अपने भतीजी दामाद फॉकन को फोन िकया था तथा उससे जानकारी मांगी थी िक िम टर
ेनिवल का कोई इ टरपोल रकॅाड तो नह ।”
“तुमम इतनी िह मत िक मेरी अनुमित के िबना िम टर ेनिवल के बारे म पूछताछ करो। तुम ई या
से पागल हो गये हो। म िम टर ेनिवल के बारे म कोई बुराई नह सुनना चाहती।”
िहकल उदासीन ि से हे गा क ओर देखने लगा।
“मेरी बात आपको सुननी ही पड ेगी मैडम। आपको कायल करने के लये मेरे पास हर ऐसा
सबूत है जो इस चीज क पुि करे गा िक जो म कह रहा ह,ं वह स य है। कल रात एक पु लस
अ धकारी िम टर ेनिवल क िमसल लेकर यहां पहच
ं ा था, जो मेरे भतीजी दामाद ने जनेवा से
िवमान ारा यहां िभजवाई थी। वह िमसल असल क फोटोकॉपी है। िम टर ेनिवल तीन बार
ि िववाह करने के अपराध म जमन पु लस ारा वांिछत है।”
“ि िववाह!” हे गा ने हैरत से कहा।
“यस मैडम। इस िमसल के मुतािबक ौढ ाओं के टु कड े तोड ना िम टर ेनिवल का पेशा
है। उसका तरीका यह है िक वह िकसी तनहा स प ौढ ा को फांस कर उससे िववाह कर उसके
पैसे पर ऐश करता है। जब उस औरत से ेनिवल का जी भर जाता है, तो उसे छोड िकसी और
स प ौढ ा को फांस लेता है।”
“म नह मान सकती। म यह अ ड-ब ड सुनने के लये तैयार नह ह।ं ” हे गा ने चीखकर कहा।
िहकल ने अनवरत अपनी बात जारी रखते हये कहा, “उसका अपहरण सरासर एक छल था।
पु लस ने यह बात मुझे सािबत कर दी है िक दो िदन पहले िम टर आरशर एवं िम टर ेनिवल दोन
आपक रो ज म देखे गये थे। एक पु लसमैन ने उ ह रोका था और अपने कागजात िदखाने को कहा
था। िम टर आरशर ने अपना काड िदखाया था, और िम टर ेनिवल ने अपना पासपोट। जबिक
िम टर आरशर आपसे िमलने आये थे, तो उ ह ने आपसे यह कहा था िक िम टर ेिनवल से कभी
मेरी मुलाकात नह हई, हालांिक परस वे दोन आपक कार म इक े बैठे थे।”
हे गा ने अपनी आंख ब द कर ल और उसके हाथ मुि य म िभंच गये।
“ ेनिवल ि प नीक है।” हे गा फंु फकार कर बोली, “और हरामजादा मुझसे भी िववाह करने का
इ छु क था।”
हे गा म यह अचानक प रवतन देखकर िहकल क आस बंध गई। हे गा अपनी जगह से उठकर
खड ी हो गई। ण- ित ण उसका चेहरा कठोर होने लगा था।
“िदल के मामले म औरत मूख होती है िहकल,” हे गा ने उसके कंधे पर हाथ रखकर कहा, “अब
तुम अपना यह सूट उतार कर रोजमरा वाला सफेद कोट पहन लो।”
“जैसी आपक आ ा मैडम।”
हे गा यानपूवक िहकल क ओर देखने लगी।
“एक घंटे प चात आरशर यहां पहच
ं जायेगा। तुम उसे सीधा मेरे पास भेज देना। उससे म
सुलटूंगी।”
हे गा क आवाज म कड क पाकर िहकल िबलकु ल आ व त हो गया।
“यस मैडम।”
इस समय हे गा ोध से खौल रही थी। िहकल के जाते ही हे गा ने ेनिवल क िमसल उठाई और
उसे पढ ने लगी।

* * *

आरशर िब तर पर लेटा हआ था। िपछली रात वह मु कल से सो पाया था। वह इस बात से बहत


घबराया हआ था िक वह मािफया के चंगुल म है तथा ेनिवल उससे भी अ धक खतरनाक थित म
है। इस समय उसे पछतावा हो रहा था िक न उसने ेनिवल का नकली अपहरण करवाया होता, न
इस मुसीबत म फंसा होता। लेिकन हे गा से बदला एवं उससे बीस लाख िनचोड ने के लालच ने
उसक अ ल पर पदा डाल िदया था। वह सोचने लगा िक बन जैसे ठग से िमलकर मुझे यह
अपहरण नह करवाना चािहये था।
और अब हे गा को यह बात बताने के याल से िक िफरौती बीस लाख से बढ ाकर एक
करोड कर दी गई है। आरशर के औसान उड ने लगते थे। आरशर सोचने लगा-मुझे उसे यह
बात तो बतानी ही पड ेगी। तब उसक या िति या होगी? वह एक करोड आसानी से दे
सकती है लेिकन या वह अपने मोह क खाितर इतनी माया देन े के लये तैयार होगी? उसने धु पल
मारने का यास िकया तो? या उसने इतनी रकम देन े से इनकार कर िदया तो? और उधर बन ने
ेनिवल का कान काट मुझे हे गा के पास ले जाने को कहा तो? आरशर के म त क म ये न
गिदश कर रहे थे, जनका उसके पास कोई उ र नह था।
तब आरशर सोचने लगा िक यिद बन मुझसे पासपोट न ले गया होता, तो म यहां से भाग गया
होता। इसके अलावा बन मुझे मा पांच लाख देगा जबिक मुझे पूरे दस लाख िमलने क आशा थी।
आरशर अपने िब तर से उठा और नहाने-धोने चला गया। जब वह बाथ म से बाहर आया, तो
सवा दस बजे थे। उसी समय फोन क घंटी बजने लगी।
यह बन का फोन था।
“थोड ी देर प चात तुम हे गा से िमलने जाओगे। मुझे िव वास है िक तुम अपना काम पूरा
करके आओगे। उसक ओर से िकसी मु कल क याशा तो नह ?”
“हे गा के बारे म कु छ भी नह कहा जा सकता बन । वह एक तरं गी िक म क औरत है।”
“तो ऐसा करो िक तुम ऐन यारह बजे िवला पहचं जाना। तु हारे वहां पहच
ं ने के आधा घंटे बाद
अथात् साढ े यारह बजे म ेनिवल से हे गा को फोन करवाऊंगा। इससे काम म और आसानी हो
जायेगी।” कहकर बन ने फोन ब द कर िदया।
आरशर वह बैठक म टहलने लगा था। सोचने लगा िक यिद ेनिवल ने हे गा के साथ फोन पर
वातो म ता से बात क तो मुमिकन है िक हे गा परा त हो जाये। लेिकन यह इस बात पर िनभर
करता है िक हे गा ेनिवल पर रीझी हई है। इस बात से आरशर क आस बंध गई लेिकन इस बात
का उसे कतई यक न था िक बन उसे फूटी कौड ी भी नह देगा।
बन ने बेअर बां स मांग ह। आरशर ने सोचा-म भी इतना मूख नह ह ं जो हे गा से बेअर बां स
लू।ं म उसे यह रकम अपने अंिकत अकाउं ट म टांसफर करने को कहग ं ा। तब बनी पर मेरा अपर
हड होगा। म उसे मा पचास लाख दग ं ू ा, और बाक अपने पास रखूंगा। ेनिवल को म अपने िह से
से दस लाख दे दग ं ू ा। इस याल से आरशर के चेहरे पर रौनक आ गई। उसने कपड े पहने और
बाहर आकर म सडीज म सवार होकर हे गा से िमलने के लये रवाना हो गया।
वहां पहच
ं कर जब उसने दरवाजे के घंटी बजाई, तो िहकल ने दरवाजा खोला। और एक नजर
उसे ऊपर से नीचे तक देखा।
“है ो िहकल,” आरशर ने अपने चेहरे पर जबरद ती क मु कान िबखेर कर कहा,” मेरे िवचार
म मैडम रो फ मेरे इंतजार म ह गी।”
“जी हां।” िहकल ने संि उ र िदया और उसक अगुआई करता हआ अ दर ले आया जहां पर
हे ग बैठी थी।
“िम टर आरशर आये ह, मैडम।” िहकल ने आरशर के आगमन क सूचना दी।
हे गा ने िबना आरशर क ओर देखे, उसे हाथ के इशारे से बैठने को कहा।
िहकल ने आरशर के बैठने के लये कु स इस तरीके से सरकाई तािक जब वे आपस म बात कर
रहे ह तो ऐन एक दसरे
ू के सामने ह ।
“तुम जा सकते हो िहकल।” हे गा ने कहा।
“यस मैडम।” कहकर िहकल वहां से बाहर चला आया।
हे गा ने इस समय आंख पर धूप का गहरा काला च मा लगा रखा था। इससे आरशर को
परे शानी होने लगी थी य िक हे गा के साथ अपने संबध ं से यह पाया था िक हे गा क आंख से
फौरन उसके िदल का हाल पता चल जाता था और इस समय हे गा क आंख पर काली ऐनक होने
के कारण उसक मनः थित जानना असंभव था। “आज तुम पहले से भी यादा खूबसूरत लग रही
हो, हे गा।” आरशर ने बात शु करने का यास करते हये कहा।
हे गा ने कोई उ र नह िदया, और न ही अपनी जगह से िहली। उसके दोन हाथ अपनी गोद म थे
तथा वह आराम से बैठी थी।
“म एक बुरा समाचार लाया ह,ं हे गा। न बताना चाहकर भी म यह बताने पर मजबूर ह ं िक मेरे
लाइंट ने िफरौती बीस लाख से बढ ाकर एक करोड कर दी है।”
हे गा ने कोई िति या य नह क और िन चल बैठी रही।
हे गा ने जब काफ देर तक कोई उ र नह िदया तो आरशर ने कहा, “तुमने मेरी बात सुनी या
नह ?”
“म बहरी नह ह।ं ” हे गा ने कहा, आरशर उसक आवाज क स ती से च क-सा गया।
“मेरी वजह से ऐसा नह हआ हे गा। म तु ह यक न िदलाना चाहता ह ं िक इसम मेरा कोई हाथ
नह । तुम यह बताओ िक तुम यह रकम देन े के लये तैयार हो?”
हे गा ने अपनी जगह पर पहलू बदला।
“तु ह इनम से िकतने िमलगे?”
“इससे तु हारा कोई संबध
ं नह ।” आरशर ने गुराकर कहा, “तुम हां या ना म जवाब दो।”
हे गा ने अपना सर घुमाकर आरशर क ओर देखा लेिकन आंख पर काली ऐनक होने के कारण
आरशर उसक आंख से उसक िति या जानने से आश था।
“मान लो मेरा जवाब ना है।”
यह सुनकर आरशर बेचन
ै हो गया।
“यह तुम पर िनभर है हे गा। म तो यह आ ह करना चाहता ह ं िक ेिनवल बहत खतरनाक लोग
के हाथ म है और यिद तुमने िफरौती देन े से इनकार कर िदया, तो वह ेनिवल का एक कान काट
दगे और मुझे मजबूर करगे िक वह कान तुम तक पहच ं ाऊं। म तो एक जंजाल म फंस गया ह।ं ”
हे गा ने काली ऐनक के पीछे से उसे घूरते हये कहा, “तो तुम एक जंजाल म फंस गये हो।”
“हां।” आरशर ने कहा, “मने तु ह बताया है िक जन लोग से मेरा वा ता पड ा है, वे बहत ही
खतरनाक ह।”
“मुझे तुम पर तरस आता है।”
यह सुनकर आरशर का चेहरा, ल जा एवं रोष के स म त रं ग से लाल हो गया।
“तुम खाम वााह म समय न कर रही हो। तुम एक श द हां या ना म उ र दो।”
“तुम यह बताओ िक तुम िटमोथी िवलसन के बारे म या जानते हो?” हे गा ने पूछा।
“िटमोथी िवलसन।” आरशर ने सा चय कहा,” म िकसी िटमोथी िवलसन को नह जानता। तुम
मेरे सवाल का जवाब दो। तुम पैसे देन े के लये तैयार हो या नह ?”
हे गा ने हाथ बढ ाकर सगरे ट उठाई, और उसे ह ठ के साथ लगाकर सुलगा लया।
“कोई समय था जब म तु ह एक अ लमंद, समझदार और चतुर आदमी समझती थी। लेिकन
जबसे तुम गबनकार, लूटकार, लैकमेलर, और अब मािफया बने हो, तब से म तु ह इस यो य भी
नह समझती िक तुमसे नफरत क जाये।”
“तुम मेरा काफ अपमान कर चुक हो हे गा। हर चीज क हद होती है। तुम कान खोलकर सुन
लो, यिद तु ह अपना ेमी वापस चािहये तो इस रकम का बंध करके जनेवा म एक अंिकत
अकाउं ट म जमा करवा दो, और यिद नह चािहये तो वैसे जवाब दो।”
हे गा के ह ठ पर एक कटु मु कान फैल गई।
“िम टर फटेहाल आरशर। तुम इतने अहमक हो, यह म कभी सोच भी नह सकती थी। आओ
पहले म तु ह िटमोथी िवलसन के बारे म बताऊं। उसका बाप गो फ का एक मामूली पेशेवर
खलाड ी था। उसने अपने बेटे को गो फ सखाई और उसे भी पेशेवर गो फ खलाड ी बनाना
चाहा। यह लड का बहत मनोहर और मह वकां ी था। हालांिक वह इस बात का दावा करता है िक
वह के ज का तालीमया ता है िक तु वा तिवकता यह है िक सोलह वष क आयु म उसने घर
छोड िदया था और पे रस ि लयान होटल म बैरागीरी सीखने लगा था। यह पर उसने च भाषा
सीखी थी लेिकन उसके काम से संतु न होने के कारण उसे होटल से िनकाल िदया गया था। वहां से
वह इटली चला आया तथा िमलान के एक रे तरां म वेटर क नौकरी करने लगा। यहां पर भी उसका
काम संतोषजनक नह था। सो उसे नौकरी से िनकाल िदया गया था। अलब ा इस दौरान उसने
इटे लयन भाषा सीख ली थी। उसे मा एक ही चीज म िच रही है-औरत म। इटली से वह जमनी
चला आया। और आ डन होटल म काम करने लगा। यहां पर उसने जमन भाषा सीख ली। िफर
संयोग से एक स प ौढ ा उस पर रीझ गई और उसके साथ िववाह कर लया। दो वष तक इस
जमन औरत के टु कड े तोड ने के प चात जब जनाब िटमोथी िवलसन उससे ऊब गये, तो उसे
छोड छाड एक और स प ौढ ा से िववाह कर लया। जब उससे ऊब गया, तो उसे
छोड कर एक और स प ौढ ा फांस ली और उससे िववाह कर उसके टु कड े तोड ने से
पहले अपना नाम बदल कर ि टोफर ेनिवल रख लया था।”
यह सुनकर आरशर त ध रह गया। थोड ी देर प चात जब उसने कु छ कहना चाहा, तो हे गा
उसे टोकते हये बोली, “ ेनिवल उफ िवलसन क पु लस िमसल क फोटो कॉपी मेरे पास है। तीन
बार ि िववाह करने के अपराध म पु लस उसक खोज म है।”
आरशर अपनी कु स म धंस गया था। उसका चेहरा पसीने से तरबतर हो गया था। इसी समय उसे
दसरे
ू कमरे से टेलीफोन क घंटी बजने क आवाज सुनाई दी थी।
“अब बोलो, अब भी चार इ के तु हारे हाथ म ह।” हे गा ने पूछा।
इस समय िहकल वहां पर पहच
ं ा।
“मैडम, िम टर ेनिवल का फोन आया है। वह आपसे बात करना चाहते ह।
जैसे ही हे गा ने नकारा मक सर िहलाया, आरशर क उ मीद क आ खरी कड ी भी टू ट गई।
“म उससे बात नह करना चाहती।” हे गा ने कहा।
“वैरी वैल मैडम।” कहकर िहकल अ दर चला गया। आरशर ने िहकल को टेलीफोन पर यह
कहते अ छी तरह से सुन लया था िक मैडम आपसे बात नह करना चाहत ।
हे गा ने अपनी ऐनक उतारकर मेज पर रख दी ओर आ ेय ि से आरशर क ओर देखने
लगी।
“तुम यहां से दफा हो जाओ, और खैर मनाओ िक मने तु ह पु लस के हवाले नह िकया। आईदं ा
यिद तुमने मेरे घर म पग धरा तो म तु ह उसी समय पु लस के हवाले कर दग
ं ू ी।”
उसी समय िहकल वहां पहच
ं ा और आरशर को कॉलर से पकड कर िवला से बाहर िनकाल
िदया। जब आरशर अपनी कार म बैठकर वहां से चला गया, तो िहकल अ दर आया। हे गा के हाथ
मुि य क श ल म िभंचे हये थे, और उसके ह ठ ोध से कांप रहे थे।
“िहकल सामान पैक करो। म कल ही यहां से रवाना होना चाहती ह।ं ”
“आप बहत अ लमंदी का सबूत दे रही ह, मैडम।” कहकर िहकल अ दर चला गया और
अलमारी से सूटकेस िनकाल कर हे गा का सामान पैक करने लगा।
इस बीच हे गा परमसुख के उन ण को याद करके दोहराने लगी जो उसने ि स के साथ गुजारे
थे। ि स कोई चोर या ह यारा होता, तो भी म उसे वीकार कर लेती लेिकन ि प नीक-हे ई वर!
तब वह वहां से िहकल के पास चली आई, और उसके बाजू का पश करते हए बोली, “अगर तुमने
मेरी आंख न खोली होत , तो म बुरी तरह से िपट गई होती।”
“आप म साहस है मैडम और जस इंसान म साहस होता है, वह कभी नह िपटता मैडम।”

* * *

“अ दर आओ।” बन ने गुराकर कहा, “ या हआ? उसने ेनिवल का फोन य नह सुना?”


आरशर का िदल धक-धक कर रहा था तथा उसका चेहरा सफेद पड रहा था। वह अ थर
कदम से चलता हआ अ दर आया।
“वह पैसा नह देगी।” आरशर ने बताया।
“वह पैसा देगी।” बन ने जमीन पर थूककर कहा, “तु ह अ ल नह है। जैसा तु हारा शरीर मोटा,
वैसे ही तु हारे िदमाग पर चब चढ ी है। म तु ह बताऊंगा वह कैसे पैसा देगी। आओ मेरे साथ।”
कहकर बन -आरशर को अपनी कार म िबठाकर वहां ले गया जहां पर उसने ेनिवल को बंधक
बना रखा था।
आरशर को देखते ही ेनिवल ने कहा, “ या बात हो गई थी? हे गा ने मुझसे फोन पर बात य
नह क ?”
“म उस िदन को पछताता ह ं जस िदन तु हारे साथ मेरी भट हई थी। तुम पूछते हो उसने तुमसे बात
य नह क । उसने इस लये तुमसे बात नह क य िक तुम ि प नीक हो। मुझे पता होता िक
ि िववाह के अपराध म जमन पु लस तु हारी खोज म है, तो म तु हारी छाया से भी दर रहा होता।”

अपने रह यो ाटन से ेनिवल का चेहरा सफेद पड गया, “हे गा को यह सब बात मालूम हो
गई ह?”
“मालूम हो गई ह। उसके पास जमन पु लस ारा तैयार क गई तु हारी िमसल क फोटोकॅापी है।
हे गा ने तु हारी िमसल म पढ ा है िक तु हारा वा तिवक नाम िटमोथी िवलसन है तथा तुमने तीन
बार ि िववाह िकया है, और तु हारी तीन प नयां जीिवत ह।
“हे ई वर! मुझे फौरन यहां से चले जाना चािहये अ यथा वह मुझे पु लस के हवाले कर देगी।”
“तुम यहां से चले जाओगे। वाह! बन ने कमरे म दा खल होते हए कहा, ‘‘तुम इस म को िदल
से िनकाल दो। म देखंगू ा वह कैसे पैसा नह देती।’’ कहकर बन ने सीटी बजाई।
सीटी सुनते ही सेजटे ी और बेलमा ट कमरे के अ दर पहच
ं गये।
“उसने पैसा देन े से इनकार कर िदया है।” बन ने सेजटे ी और बेलमा ट से कहा, “तुम ऐसा करो
िक ेनिवल का एक कान काट दो।” तब वह आरशर को संबो धत करते हये बोला, “तु ह ेनिवल
का र रं जत कान हे गा के पास ले जाना होगा। इस पर भी यिद उसने पैसा देन े से इनकार िकया,
तो िफर जस िदन तक वह पैसा देन े के लये सहमत नह होगी उस िदन तक तु ह ेनिवल क एक-
एक कटी उं गली उसके पास ले जानी होगी।”
“वह पैसा नह देगी।” आरशर ने बन को समझाने का यास िकया।
बन ने जमीन पर थूक िदया।
“कोिशश करने म या हज है।” बन ने कहा, और बेलमा ट क तरफ मतव जह होकर बोला,
“तुम इसका कान काटो जै ास।”
ेनिवल क जान तुफे-तुफे हो गई।
बेलमा ट अपनी जेब से उ तरा िनकालकर बेलमा ट का कान काटना ही चाहता था िक ेनिवल ने
बन से कहा, “तिनक को। मेरा कान मत कोटो। म तु ह ऐसी क म बता सकता ह ं जससे तुम
हे गा से एक करोड क बजाय चाहो तो डेढ करोड ले सकते हो।”
बन ने इशारे से बेलमा ट को रोक िदया, और ेनिवल के पास आकर बोला, “ या क म है?”
और ेनिवल बताने लगा।

* * *

हे गा क जब न द खुली, तो सुबह के सवा आठ बजे थे। उसने अंगड ाई ली और कमरे के


चार ओर एक नजर दौड ाई। उसे यह िवला छोड ने का कोई खेद नह था य िक इस िवला के
साथ उसक कोई ि या यादगार ब नह थी। उसे ि स का िवचार आया िक तु उसके दय म कोई
हक नह उठी। वह सोचने लगी, कु छ ही ह त म म उसे भूल जाऊंगी और वह मेरे अतीत क एक
छाया बन जायेगा।
िफर वह सोचने लगी-जब एक इंसान यह सोचने लगे िक उसे िकसी के साथ ेम हो गया है, तो
उसे िकतना सावधान रहना चािहये। ेम आ खर या होता है। मुझे यह वीकार करना पड ेगा िक
म ेम का अथ कभी नह जान पाई और संभवतः न ही कभी जान जाऊंगी। मेरे िवचार म तो ेम एक
अवा तिवक चीज है। कई आदिमय , औरत को यह वहम होता है िक उ ह आपस म ेम है और
िफर एक िदन उ ह अचानक यह महसूस होता है िक वे एक-दसरे
ू के लये िब कु ल अजनबी ह।
इसके िवपरीत कई मद औरत ऐसे होते ह जनके जीवन क बुिनयाद ही ेम होता है। मेरे लये तो
ेम का एक ही अथ है और वह है यौन तृि अथात् काम। यह काम मेरे जीवन का सबसे बड ा
अिभशाप रहा है। म यह सोचती थी िक ि स के साथ मुझे ेम हो गया है लेिकन जब िहकल ने मेरी
आंख खोली िक यह मनोहर मधुरभाषी ि स न केवल एक ि प नीक है वरन् एक म कार चार सौ
बीस है तो उसके ित मेरा ेम ख म हो गया।
“कु छ ही घंट म म यहां से पैरॉडाइज सटी के लये रवाना हो जाऊंगी, और मेरा नीरस जीवन शु
हो जायेगा। वही िबजनेस के मामले, वही बोड मीिटंग अगले जून म पतालीस वष क हो जाऊंगी।
हे गा ने घड ी क ओर देखा। आठ बजकर चालीस िमनट हो चुके थे। िहकल कॉफ लेकर
अभी तक नह आया। आता होगा। न द नह खुली होगी। और िफर अभी मुझे कॉफ क इ छा भी
नह हो रही।
हे गा ने आंख म च ल और ऊंघने लगी। जब उसने आंख खोल तो नौ बजकर दस िमनट हो
चुके थे। लेिकन िहकल अभी तक नह आया।
हे गा अपने िब तर से उठी और गाऊन पहन कर िहकल को िकचन म देखने चली गई। िहकल
िकचन म नह था। हे गा ने सोचा शायद दध फट गया हो और द
ू ध ले
ू न े गया हो। सो वह बाहर आई।
वहां पर िहकल क कार यूं क यूं खड ी थी। हे गा ने िकचन से वापस आकर रे ि जरे टर
खोलकर देखा-उसम दध क ू े तीन काटन पड े थे। तब हे गा िहकल के वाटर म गई। िहकल वहां
भी नह था। तब हे गा ने सारा िवला छान मारा लेिकन िहकल कह नह िमला। ित ण उसक
बेचनै ी बढ ती जा रही थी।
वह सोचने लगी-मुझे पु लस को सूिचत कर देना चािहये। इस इरादे से उसने अपने कमरे म पग
धरा ही था िक जहां क तहां खड ी रह गई। त ध! एक द ु -सा आदमी जसके ह ठ के बीच
सगरे ट लटक रहा था; उसके कमरे म बैठा हआ था, और ू र ि से हे गा क ओर देख रहा था।
उसके हाथ म िडल मशीन थी।
“तुम कौन हो और यहां या करने आये हो?” हे गा ने अपने आप पर काबू पाकर पूछा।
“आपसे िबजनेस क बात करने आया ह।ं चूंिक वह टु चा आपको कायल नह कर पाया सो मुझे
आपके पास आना पड ा है।”
“तुम चाहते या हो?”
“डेढ करोड बां स के प म।” बन ने िडल मशीन से मेज पर सुराख करते हये
कहा-“आपका नौकर िहकल मेरे क जे म है। ेनिवल ने मुझे बताया है िक वह आपके लये बहत
मह व रखता है।”
“वह कहां पर है?” हे गा ने पूछा।
“आप और म अभी उससे िमलने चलगे। तब आपको आभास होगा िक यह िडल मशीन िकतना
बिढ या ह थयार होता है। यिद आपने पैसा देन े से इनकार िकया, तो म आपको इस िडल मशीन का
दशन दग
ं ू ा जसे देखकर आप पैसा न देन े का इरादा बदल दगी। आइये मेरे साथ।”
“म तु हारे साथ कह नह जाऊंगी।”
बन द ु ा मक ढंग से हे गा क ओर देखने लगा।
“आप मेरे साथ आइये। आपने मेरी बात नह मानी तो म आपके नौकर के पैर म इतना बड ा
सुराख कर दग ं ू ा िक वह जीवन भर चल नह पायेगा।”
यह सुनकर हे गा का चेहरा िववण हो गया।
“म पैसा देन े के लये तैयार ह।ं ” हे गा अ थर कदम से अपनी जगह से उठती हई बोली।
“मुझे मालूम था िक आप एक अ लमंद औरत ह। आप अपने बक को फोन क जये िक डेढ
करोड के बेअरर बां स बनवाकर आपको िभजवा द।
हे गा फोन के पास चली आई। वह बक का नंबर डायल करना ही चाहती थी िक उसे अपने पीछे
से आवाज आई।
“अब इसी कोई ज रत नह मैडम।”
हे गा ने घूमकर पीछे देखा तो दरवाजे क चौखट पर िहकल खड ा था तथा उसके दाय-बाय दो
सश सपाही खड े थे ज ह ने अपने रवा वर बन क ओर ल य कर रखे थे।
बन उन रवा वर को अपनी ओर उ ि देखकर अपनी जगह से खड ा हो गया और अपने
हाथ ऊपर कर लये तब उ ह ने बन के हाथ म हथकड ी डाली और पु लसवाहन म िबठाकर
अपने साथ ले गये
उनके जाते ही हे गा ने िहकल के गले म बाह डाल द और ससक- ससककर रोने लगी। िहकल
िपतावत हे गा का सर थपथपाने लगा।
“मैडम आप धीरज ध रये, आप रो रही ह। बड े घर क औरत अपने आप पर संयम रखती ह
और आप असंयत हो रही ह। आप मुंह हाथ धोइये। म अभी आपके लये सुबह क कॉफ लाया।”
तिनक देर प चात् जब िहकल कॉफ लेकर आया, तो हे गा ने जद करके उसे अपने साथ कॉफ
पीने के लये अपने सामने िबठा लया। िहकल क उप थित से हे गा को ऐसा लग रहा था मानो वह
िबलकु ल सुरि त हो।
“िहकल, अब तुम मुझे पूरी घटना सुनाओ।”
“म आपको पूरी बात बताऊंगा मैडम...यह तो आप जानती ह िक िम टर ेनिवल के बारे म मने
अपने भतीजे दामाद जीन फॉकन को फोन िकया था। लेिकन आप यह नह जानत िक मने फॉकन
को सारी थित से अवगत करा िदया था िक िम टर ेनिवल का नकली अपहरण िकया गया है और
िम टर आरशर ने उसको वापस लौटाने के लये बीस लाख क िफरौती मांगी है। फॉकन ने वस
पु लस को चौकस कर िदया, यहां के इं पे टर ने गत दो िदन से िवला पर िनगरानी रखी हई थी। वह
यह जानना चाहता था िक आरशर एवं ेनिवल कौन-सी जगह पर िछपे हये ह। उस िदन जब मने
आरशर को कॉलर से पकड कर िवला से बाहर िनकाला था, तो एक पु लस अ धकारी आरशर
का पीछा करता हआ पेरॉिडसो पहच ं ा जहां पर आरशर ने एक िवला िकराये पर ले रखा है। वहां पर
उसने बन को देखा। पु लसवाले काफ समय से बन के पीछे लगे हये ह िक तु कोई माण न होने
के कारण उसके खलाफ कोई कायवाही नह कर पाते थे। तब पु लस बन और आरशर का पीछा
करते-करते उस जगह पहच ं गई जहां पर उ ह ने िम टर ेनिवल को बंधक बनाकर रखा हआ था।
पु लस ने उस जगह क िनगरानी करनी शु कर दी। उधर जब बन को यह पता चला िक आपको
िम टर ेनिवल म कोई िच नह रही तो उसने मेरा अपहरण करने क योजना बनाई। पु लस बन
क इस सा जश से सवथा अप रिचत थी लेिकन हमारे िवला पर उ ह ने पूरी िनगरानी रखी हई थी, सो
घबराने क कोई बात ही नह थी। सो आज सुबह जब म यथापूव िवला का दरवाजा खोलने गया, तो
दो बदमाश ने मुझे पकड लया और कार म िबठाकर उस जगह ले गये जहां पर आरशर और
ेनिवल थे। वहां पर यह बन भी मौजूद था। पु लस ने वहां पर कोई कायवाही नह क । तब बन
आपको धमक देन े के लये चला आया। िफर इं पे टर के आदेश पर आरशर एवं ेनिवल को
िहरासत म ले लया गया। त प चात इं पे टर मुझे साथ लेकर यहां चला आया। हम जब यहां पहच ं े,
तो बन आपको धमक दे चुका थे, और आप फोन करने जा रही थ । उसके बाद या हआ, वह आप
जानती ही ह।
“यह सारा िक सा है। इं पे टर ने मुझे बताया है िक ेनिवल को जमन पु लस के हवाले कर िदया
जायेगा। बन और उसके दो गु ड पर चोरी का माल रखने के जुम म मुकदमा चलाया जायेगा
य िक बन के घर से काफ मा ा म चोरी का माल बरामद हआ है। इं पे टर बाजी कह रहा था िक
म अपहरण का केस नह दज क ं गा य िक उसम आपके लये परे शानी होगी।
“और आरशर?” हे गा ने पूछा।
“िम टर आरशर को अिभयोिगत करने म एक सम या सामने पेश आती है। वह उ टा-सीधा
बकेगा। जैसे िम टर रो फ ने उस पर गबन का मुकदमा नह चलाया था, उसी कार से म समझता हं
िक बेहतर यह होगा िक आप भी आरशर के िव कोई कायवाही न कर। अलब ा इं पे टर ने
आरशर को व जरलड से िनवा सत करने का फैसला कर लया है और उसे यहां वापस आने क
अनुमित नह होगी।”
हे गा आदरणीय ि से िहकल क ओर देखने लगी और सोचने लगी, िकतना महान एवं दरदश ू
है यह आदमी िक इसने मेरी लाज बचाने के लये आरशर के खलाफ कायवाही नह होने दी। यह
मेहरबान है। यह भली-भांित जानता है िक िकसी समय आरशर के साथ मेरे ेम संबध ं थे। और यिद
आरशर के खलाफ कायवाही क गई तो डंके क चोट पर वह दिु नया को सुनायेगा िक वह मेरे यानी
संसार क सबसे स प औरत के साथ िकसी समय अपने ऑिफस के फश पर सरल आसन म
संभोग िकया करता था।
“हां, तुमने िबलकु ल ठीक िकया।” हे गा नजर चुरा कर बोली, “तो अब मामला िनपट गया है।”
“हां, यह मामला तो िनपट गया लेिकन अभी आगे का काम बाक है। तीन बजे आपको यूयाक
क लाइट पकड नी है और इस बीच मुझे समान पैक करना है।” िहकल ने कॉफ क टे उठाई
और जरा ककर कहा, “मैडम आईदं ा से आप ठीक दाम लगाया क जये। म इतना मह वपूण नह हं
जसके लये आप डेढ करोड क िफरौती देन े के लये सहमत हो गई थ । बहरहाल, आपका
बहत-बहत ध यवाद!” कहकर िहकल िकचन म चला आया।

* * *
इं पे टर को हंसमुख एवं बातूनी पाकर आरशर को बड ा आ चय हआ था। यिद आरशर को
मालूम न होता िक पु लस इं पे टर है तो वह यह कभी अनुमान न लगा पाता।
आरशर को जब यह बताया गया था िक उसे िगर तार न कर व जरलड से िनवा सत कर लंदन
भेजा जा रहा है, तो शांित का एक दीघ वास लया था।
तब इं पे टर आरशर को अपनी कार म िबठाकर एयरपोट ले आया था। तभी उ ह बताया गया था
िक ल दन क लाईट लेट जायेगी। सो वह लाउं ज म बैठकर आपस म बात करने लगे थे।
“म आपको एक बात िफर से याद िदला द,ं ू िम टर आरशर,” इं पे टर ने कहा, “िक आप-यहां
व जरलड वापस आने का यास मत करना, अ यथा...।”
“मुझे अ छी तरह से मालूम है।” आरशर ने कहा।
“आप बड े भा यशाली ह िम टर आरशर िक इतने ठोस माण होने पर भी िमसेज रो फ ने आप
पर मुकदमा नह चलाया। नह तो आपको वटजरलड क गंदी जेल म कई वष ं क सजा काटनी
पड ती।”
“िमसेज रो फ ने कु छ कारण से मुझ पर मुकदमा नह चलाया।” आरशर ने बताया।
“बड े लोग हमेशा िकसी वजह से ही खामोश रहते ह। यह म अ छी तरह से समझता ह।ं ” बाजी
ने गोल-मोल श द म िट पणी क ।
इसी समय लाउं ज के अ दर ह क सी हलचल मच गई थी। सभी लोग लाउं ज के वेश ार क
ओर देखने लगे थे। आरशर ने जो उस तरफ देखा, तो उसका िदल धक से रह गया। हे गा लाउं ज के
अ दर वेश कर रही थी। एयरपोट का टाफ उसके आगे-पीछे मंडरा रहा था।
ेस फोटो ाफर फोटो ख चने के लये आपस म ित प ा कर रहे थे।
“यह तो िमसेज रो फ ह।” इं पे टर बाजी ने कहा, “बहत ही खूबसूरत औरत है।”
हे गा के अंदाज देखकर आरशर का चेहरा लटक गया। वह सोचने लगा-इसका आशय है िक
हे गा- ेनिवल को िबलकु ल भूल गई है। उसके चेहरे पर दःु ख का नामोिनशान तक नह । ब क
उसके चेहरे पर तो चमक और रौनक है। िकतनी चतुर औरत है। यिद मेरी अपहरण योजना सफल
हो गई होती तो इस समय म भी वी-आई-पी लाउं ज म बैठा होता तथा दाय-बाय एयरपोट के खा
बंधक खड े होते।
“वाकई बहत खूबसूरत औरत है,” इं पे टर ने अपनी बात दोहराकर कहा, “मने सुना है िक िकसी
समय आपको मैडम रो फ के साथ काम करने का सौभा य ा था।”
आरशर ने इं पे टर क बात नह सुनी थी। उसका यान एक मनोहर आदमी को देखने म लगा
हआ था जो अभी-अभी लाउं ज म दा खल हआ था। उसका कद ल बा, चेहरा अ डाकार, कान लंब,े
सर बड ा, ह ठ गुलाबी थे। बाल काले, सघन एवं घुघ
ं राले थे। उसके यि व से यौनाकषण टपक
रहा था।
इं पे टर भी आरशर क नजर का पीछा करता हआ उस िदशा म देखने लगा।
“ओह तो आप मे वं हेनरी दा िव लयर को देख रहे ह। यह तो ांस के सबसे बड े उ ोगिपतय
म से एक ह। इनके बारे म अफवाह है िक िनकट भिव य म ही ये अमरीका म ांस के राजदत बनने

वाले ह।”
दो फोटो ाफर दा िव लयर के िनकट पहच
ं कर उनका फोटो लेन े लगे थे।
दा िव लयर उनक ओर देखकर मु कराया। तभी एयरपोट का एक अ धकारी वहां पहच
ं ा, और
उसक अगुवाई करता हआ उसे लाउं ज म लवा लाया।
आरशर के मुंह से ई या भरी एक ल बी सांस िनकल गई।
उसी समय माइक पर यूयाक जाने वाली लाईट क घोषणा होने लगी।
“देखो वे जा रहे ह।” इं पे टर ने घूमकर आरशर क ओर देखते हए कहा।
आरशर िवमान क ओर बढ ती हई हे गा को देखने लगा। हे गा के पीछे कु छ फासले पर दा
िव लयर चल रहा था। पीछे -पीछे दो अ य आदमी चल रहे थे। हे गा बड ी शा त और
आ मािभमान से भरी पग उठाती जा रही थी और उसे देख-देख कर आरशर का दय घृणा क
वाला से जला जा रहा था। आधे रा ते पर हे गा के हाथ से कोई चीज नीचे िगरी। दरी क
ू वजह से
आरशर उसे प तो न देख पाया, लेिकन उसके अंदाज के मुतािबक वह चीज माल थी। माल
वयं ही िगरा था या हे गा ने उसे जान-बूझकर िगराया था, इसका ि पात आरशर नह पाया लगा।
लेिकन यह उसने प देख लया िक दा िव लयर ने उस माल को उठाया था और तेज-तेज डग
भरते हए हे गा के करीब पहच ं गया था। हे गा क और दा िव लयर से माल लेकर एक आभार
भरी मधुर मु कान से उसक ओर देखा। िफर उन दोन म न जाने या बात हई थी िक दोन एक
साथ िवमान क ओर बढ ने लगे थे। इं पे टर क अनुभवी आंख से यह सब छु पा न रह सका।
“बहत तेज-तरार औरत है”-इतनी ज दी तारत य बना लया। इं पे टर बड बड ाया।
“वह आरं भ से ही बहत तेज-तरार रही है इं पे टर। और आगे भी रहेगी।”
आरशर कड वे से वर म बोला। िफर जैसे ही उसने लंदन जाने वाली लाइट क घोषणा सुनी।
उठकर खड ा हो गया।
“गुडनाईट िम टर आरशर-मेरी शुभकामनाएं।” इं पे टर ने उसक ओर िवदासूचक हाथ िहला
िदया।
“ध यवाद।” आरशर बोला और थके-थके कदम से िवमान क ओर बढ चला।
य िप वह अ छी तरह से जानता था िक इं पे टर क शुभकामनाय भी उसके भा यच को नह
बदल पायगी।

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