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A PROJECT PRESENTED

BY
MAA SHAKTI (NGO)
With
SMART INDIA FOUNDATION
On
17 SEPTEMBER 2019 TO 1 OCTOBER
2019

GANDHI KE SAPNO KA BHARAT =


MODI KE SAPNO KA BHARAT
INDEPENDENT, DEMOCRATIC INDIA’S JOURNEY FROM 1947 TO 2019
FROM CHARKHA TO DIGITAL INDIA

महात्मा गाांधी ने अपने सपन ां के भारत में जिस दृजि की कल्पना की थी उसमें
व्यापकता थी। यही कारण है जक उनके उसी दृजिक ण या उन्ी ां जिचार ां क गाांधीिाद
की सांज्ञा दी गई। ग्रामीण जिकास की तरफ गाांधी िी की दृजि हमेशा सिग ही रही।
ग्रामीण जिकास के जिए जिन बुजनयादी चीि ां क िे िरूरी समझते थे, उनमें ग्राम
स्वराि, पां चायतराि, ग्राम द्य ग, मजहिाओां की जशक्षा, गाांि ां की सफाई, गाांि ां का
आर ग्य और समग्र ग्राम जिकास आजद प्रमुख हैं ।

महात्मा गाांधी गाांि ां में गृ ह उद्य ग ां की दु ददशा से जचांजतत थे। स्वदे शी आां द िन-जिदे शी
बजहष्कार और खादी क प्र त्साहन दे ना उनके िीिन के आदशद थे जिनक आधार
बनाकर उन् न ां े दे शभर के कर ड ां ि ग ां क आिादी की िडाई के साथ ि डा।
उन् नां े कहा जक खादी का मूि उद्दे श्य प्रत्येक गाांि क अपने भ िन एिां कपडे में
स्वाििां बी बनाना है।

‘मममम ममममम मम मममम’ ममम ममममममम ममममम मम ममममममम मममममम


मम मममम ममममममम मम मममममममम मममम ममम ममम ममममममम ममममम
मम ममम-ममम मम ममम-मममममम, ममममम, ममममम मममम मम ममममम
मममममम मममम-ममममममममम ममम मममम ममममम मममममम मममम ममम मम
ममममममम मम मममममममममम ममममममम मममममम मम ममम मममम ममममम
ममम मम ममममममम मममममम ममममममम मम ममममममम मममम ममममम मम-
मममम मममम म मममम ममम ममम ममममम मम ममममम ममम ममममम मममम
ममम मममम

गाांधी िी ने ‘मेरे सपन ां का भारत’ में जिखा है – “भारत की हर चीि मुझे


आकजषदत करती है । सिोचच आकाांक्षाएां रखने िािे जकसी ियक्ति क अपने जिकास
के जिए ि कुछ चाजहए, िह सब उसे भारत में जमि सकता है ।” उनका स्पट रूप
से यह मानना था जक भारत अपने मूि स्वरूप में कमदभूजम है , भ गभूजम नही ां।

‘मममममममम’ मम मममम मम मममममममम मममम ममम ममममम मम मम मममम –


“मममममममम मम मममममम मममम मम, मम मम ममममम मममम मम, ममममम
मममम मममममममम मम मममममममम ममम मममममममम मममम
‘मममममममममम’ मममम मम मममममम मम ममममममममम मम ममममम
ममममममम ममममम मम, मम मममममममममम मम मममम मममम मम, मम मममम
मममममममम मममम ममम मममम ममम”

गाांधी िी ने स्वराज्य की ि कल्पना की थी या स्वराज्य के बारे में उनकी ि


अिधारणा थी िह स्वतां त्रता के बाद कई क्षेत्र ां में साकार हुई है । स्त्री समानता और
बाजिग मताजधकार के बारे में उनका मत था – “स्वराज्‍य से मेरा अजभप्राय है ि क
सम्मजत के अनुसार ह ने िािा भारतिषद का शासना। ि क-सम्मजत का जनश्चय दे श के
बाजिग ि ग ां की बडी से बडी तादाद के मत के िररये ह , जफर िे चाहे क्तस्त्रयाां ह ां
या पुरुष, इसी दे श के ह ां या इस दे श में आकर बस गये ह ।ां िे ि ग ऐसे ह ां
जिन् न ां े अपने शारीररक श्रम के द्वारा राज्य की कुछ सेिा की ह और जिन् न ां े
मतदाताओां की सूची में अपना नाम जिखिा जिया है ।”

इसे आगे स्पि करते हुए िे कहते है – “मेरे... हमारे ... सपन ां के स्वराज्य में
िाजत (रे स) या धमद के भेद ां का क ई स्थान नही ां ह सकता। भारत के सांजिधान में
ि सेक्यूिर राज्य की पररकल्पना की गई है िह िास्ति में गाांधी के जिचार ां क ही
प्रजतपाजदत करती है। गाांधी िी ने ‘यांग इां जिया’ में 16 अप्रै ि 1931 क ही यह सपि
कर जदया था – “कुछ ि ग ऐसा कहते हैं जक भारतीय स्वराय त ज्यादा सांख्या िािे
समाि का यानी जहांदुओ ां का ही राज्य ह गा। इस मान्यता से ज्यादा बडी क ई दू सरी
गिती नही ां ह सकती। अगर यह सही जसद्ध ह त अपने जिए मैं ऐसा कह सकता हां
जक मैं उसे स्वराज्य मानने से इन्कार कर दू ां गा और अपनी सारी शक्ति िगाकर
उसका जिर ध करू ां गा। मेरे जिए जहन्द स्वराज्य का अथद सब ि ग ां का राज्य, न्याय
का राज्य है ।”
भारत में स्वतां त्रता के बाद सांसदीय ि कतां त्र िगातार मिबूत हुआ है । भारतीय
ि कतां त्र जिश्व का सबसे बडा ि कतां त्र है िहाां अनेक िाजतय , ां धमों और भाषाओां के
बाििूद सबक बराबरी का हक जमिा है । िहाां स्त्री पुरुष ां के बीच क ई असमानता
नही ां है बक्ति भारत में मजहिाएां िीिन के सभी क्षेत्र ां में शीषद पर पहुां ची हैं और हर
क्षेत्र में िे अपनी क्षमता का प्रदशदन करने में सफि रही हैं ।

भारतीय ि कतां त्र की यह सबसे बडी सफिता रही है जक यहाां सांिैधाजनक पद ां पर


हर िाजत, धमद और भाषा के ि ग ां क जबना जकसी जिांगभेद के पदासीन ह ने के
अिसर जमिे हैं । रािनीजतक, सामाजिक, आजथदक और साांस्कृजतक क्षेत्र ां में सबक
बढ़ने के और अपनी प्रजतभा क प्रदजशदत करने के समान अिसर जमिे हैं ।

स्वतां त्रता आां द िन में मजहिाओां की भागीदारी क गाांधी िी ने सुजनजश्चत करने के जिए
प्रे ररत जकया। उन् न ां े मजहिाओां के सांघषद क रािरीय स्वतां त्रता सांघषद के साथ ि डा।
अस्पृश्यता के अजभशाप क दू र करने में मजहिाओां के सहय ग पर बि जदया।
मजहिाओां क घर में रहकर भी जिस तरह से गाांधी िी ने रािरीय स्वतां त्रता आां द िन
से ि डा उसने आां द िन क और सुदृढ़ जकया।

गाांधी िी मजहिाओां के प्रजत जकसी भी प्रकार के क्रूर व्यिहार के जिर धी थे और


मजहिा अजधकार ां के प्रजत सांिेदनशीि थे। िे ऐसे श षण मुि समाि के पक्षधर थे,
िहाां सामाजिक, रािनीजतक और आजथदक समानता ह । मजहिा सशक्तिकरण के जिए
उनके प्रयास का अनुमान इससे िगाया िा सकता है जक जबना सूचना प्रौद्य जगकी
क्राांजत के उन् न
ां े दे श की िाख ां जशजक्षत-अजशजक्षत मजहिाओां तक अपनी आिाि
पहुां चायी और उनमें चेतना िगायी।

भारतीय क्तस्त्रय ां का पु नरुत्थान’ िे ख में गाांधी िी ने मजहिाओां के अजधकार ां की


िकाित करते हुए जिखा –
अजहां सा की नी ांि पर रचे गये िीिन की रचना में जितना और िैसा अजधकार पु रुष
क अपने भजिष्य की रचना का है , उतना और िैसा ही अजधकार स्त्री क भी अपने
भजिष्य तय करने का है ।”

ग्रामीण मजहिाओां के बारे में उन् न


ां े जिखा – “मैं भिी भांजत िानता हां जक गाांि ां में
औरतें अपने मदों के साथ बराबरी से टक्कर िेती हैं । कुछ मामि ां में उनसे बढ़ी-चढ़ी
हैं और हुकूमत भी चिाती हैं । िे जकन हमें बाहर से दे खने िािा क ई भी तटस्थ
आदमी यह कहेगा जक हमारे समूचे समाि में कानून और रूढ़ी की रू से औरत ां क
ि दिाद जमिा है , उसमें कई खाजमयाां हैं और उन्ें िडमूि से सुधारने की िरूरत
है ।”
स्वच्छ भारत अजभयान : गाांधीिी के सपने क पूरा
करने में िुटे म दी

रािरजपता महात्मा गाांधी का मानना था जक साफ-सफाई, ईश्वर भक्ति के बराबर है


और इसजिए उन् न ां े ि ग ां क स्वच्छता बनाए रखने सांबांधी जशक्षा दी थी और दे श
क एक उत्कृि सांदेश जदया था। उनका कहना था जक उन् न
ां े 'स्वच्छ भारत' का
सपना दे खा था जिसके जिए िे चाहते थे जक भारत के सभी नागररक एकसाथ
जमिकर दे श क स्वच्छ बनाने के जिए कायद करें . महात्‍मा गाांधी के स््‍िच्‍छ भारत के
स््‍िप्‍न क पू रा करने के जिए प्रधानमांत्री नरे न्‍द्र म दी ने 2 अकटू बर 2014 क स्वच्छ
भारत अजभयान शुरू जकया और इसके सफि कायादन्वयन हे तु भारत के सभी
नागररक ां से इस अजभयान से िुडने की अपीि की। इस अजभयान का उद्दे श्य पाांच
िषद में स्वच्छ भारत का िक्ष्य प्राप्त करना है ताजक बापू की 150िी ां ियांती क इस
िक्ष्य की प्राक्तप्त के रूप में मनाया िा सके। स्वच्छ भारत अजभयान सफाई करने की
जदशा में प्रजतिषद 100 घांटे के श्रमदान के जिए ि ग ां क प्रे ररत करता है ।

प्रधानमांत्री ने मृदुिा जसन्‍हा, सजचन तें दुिकर, बाबा रामदे ि, शजश थरूर, अजनि
अम्‍बानी, कमि हसन, सिमान खान, जप्रयांका च पडा और तारक मेहता का उल्‍टा
चश्‍मा की टीम िैसी नौ नामचीन हक्तस्तय ां क आमांजत्रत जकया जक िे भी स््‍िच्‍छ भारत
अजभयान में अपना सहय ग प्रदान करें । ि ग ां से कहा गया जक िे सफाई अजभयान ां
की तस््‍िीरें स शि मीजिया पर साझा करें और अन्‍य नौ ि ग ां क भी अपने साथ
ि डें ताजक यह एक श्रृांखिा बन िाए। आम िनता क भी स शि मीजिया पर है श
टै ग#MyCleanIndia जिखकर अपने सहय ग क साझा करने के जिए कहा गया।
एक कदम स्वच्छता की ओर : म दी सरकार ने एक ऐसा रचनात्मक और
सहय गात्मक मांच प्रदान जकया है ि रािरव्यापी आां द िन की सफिता सुजनजश्चत करता
है । यह मांच प्रौद्य जगकी के माध्यम से नागररक ां और सांगठन ां के अजभयान सांबांधी
प्रयास ां के बारे में िानकारी प्रदान करता है । क ई भी व्यक्ति, सरकारी सांस्था या
जनिी सांगठन अजभयान में भाग िे सकते हैं । इस अजभयान का उद्दे श्य ि ग ां क
उनके दै जनक कायों में से कुछ घांटे जनकािकर भारत में स्वच्छता सांबांधी कायद करने
के जिए प्र त्साजहत करना है ।

मममममम मममम मममममम मममम मम मममम ममममममममममम मम मम


मममममम मम मममममम मम मममम ममममम मम ममममममम ममम मम मममममम
मम ममम ममममममममममम मम ममममममममम ममममममम मम ममम
मममममममममम मम मममममममम मममम मम मममम ममममम मम मम मममममम
मम ममममम ममम मम मममममममम ममममम मम ममममम मम ममममममम मम
मममममम मममम मम मममममम मममम मममम मम मममम

PROGRAMMEPROGRAMME

01/October/2019
LIGHTING OF LAMP : BY CHIEF GUEST & CHILDREN

HOISTING OF FLAG : BY CHIEF GUEST & GUEST OF


HONOUR & MARTYRS FAMILIES

VANDE MATRAM : BY PROFESSIONAL SINGERS.

SHORT FILM : ON HISTORY OF INDIA’S


INDEPENDENCE- A BLOOD LESS L
WAR FOR A FREE INDIA LED BY THE
GREAT MAHATMA THROUGH PASSIVE
RESISTENCE

WELCOME ADDRESS & INTRODUCTION OF GUEST :


BY PRESDENT MAA SHAKTI
SPEECH : OF CHAIR PERSON MAA SHAKTI

SPEECH : CHIEF GUEST

DANCE DRAMA : THEME OUR MOTHER INDIA- FROM


KASHMIR TO KANYAKUMARI- A
COUNTRY OF DIFFERENT CULTURES
RELIGIONS LANGUAGES FESTIVALS

NATAK : GANDHI KE SAPNO KA BHARAT


FULLFILED BY NARENDRA MODI

PLAY : LETS BE PATRIOTIC CITIZEN


KNOW OUR FANDAMENTAL
DUITES

PLAY ` : SAMRIDH BHARAT


LETS PAY OUR TAXES

DEMOCRITIC INDIA : ONE OF THE LARGEST


DEMOCRACIES OF THE WORLD.OUR
ELECTROTALPROCESS OUR PRIDE

PATRIOTOIC SONGS : BY PROFESSIONAL SINGERS


MERE DESH KI DHARTI

HOMEAGE TO FREEDOM FIGHTERS : FLOWRAL TRIBUTE TO


FREEDOM FIGHTERS-
MAHATMA GANDHI,
SHAHID BHAGAT SINGH,
RAJ GURSUKDEV, RANI
LAXMI BAI RAM PRASAD
BISMIL, ASHFAQ ULLA KHAN.
.
HONOURING : FREEDOM FIGHTERS FAMILIES

SLOGAN WRITING : THEME - MERA DESH


BHARAT

PAINTING COMPETION : FLAG OF INDIA BY SCHOOL


CHILDREN

CERTIFICATE & MOMENTOS. : BY CHIEF GUESTS


DUSTRIBUTION
VOTE OF THANKS

BUDGET
HALL : 20,000/-
DECORATION

ENTRANCE ` : 20,000/-
STAGE : 30,000/-
FLOWERS : 10,000/-
BALOONS : 1500/-
LED (RENT) : 3,000/-

HOARDING
BANNERS
LEAFLES : 40,000/-

COPIES OF CONSTITUTION OF INDIA – 55,000/-


BOOKS ON MAHATMA GANDHI : 35,000/-
STANDIES : 8,000/-
PROJECTOR : 7,000/-
(RENT)

KHADI EXHIBITION STALL : 30,000/-

DIGITAL INDIA EXHIBITION STALL : 30,000/-

ANCHOR MALE+ FEMALE : 16,000/-


SINGERS : 20,000/-
DANCERS ` : 10,000/-
NATAK & OTHER ARTISTS : 15,000/-

BOQUETS MOMENTOES REWARDS : 65,000/-


AWARDS CERTIFICATES FLAGS
GIFTS BFOR FREDOM FIGTERS – 10 FAMILIES: 30,000/-

WATER BREAKFAST LUNCH


EVINING TEA
( FOR 200 PERSON ) : 1,00000/-

TOTAL : 5,15,500/-

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