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पश्न पत

पी-बोरर्न परीक्

(2017-18)

हहिन्दी्न ‘अ’्द्न

कक्- दसवी

ननिररर्धाररित समय 3 घण्टे अधरकतम अंक 80

सरमरन्य ननिरर श –

1. इस प्रश्न पत्र में चररि खंड ह कप क, ख, ग, घ।

2. चररिों खंड हो के प्रश्नों के उतरि रे निर अननििरय र्धा क।

3. य थरसंभि प्रत्य ेक खंड ह के प्रश्नों के उतरि मश: रीजजिय े।

खण्ड ह (क)

अपठठित अंश अंक-


15

1. ननिम्निललिखखत ग्यरंश को धय रनिपररिर्धाक पढ़करि परर्े गए प्रश्नों के उतरि रीजजिय े- 8

रिरनष्ट्रिय तर कर भरषर औरि सरनकत्य के सरथ बहत की घननिि संबंर क। ऐसर कोनिर स्िरभरनिक क कय ोंनक

रिरनष्ट्रिय तर औरि जिरतीय तर के अंगों में सबसे अधरक अंग ए कतर क औरि िक ए कतर नकसी निषय में निकी कप।

ए कतर जजितनिी वरपक कोगी, उतनिी की रिरनष्ट्रिय तर सस्थरि कोगी औरि िक शलकशरलिी कोगी। भरिों की ए कतर

सब प्रकररि कर मररलि क। भरिों की ए कतर तभी को सकती क , जिब िे नििभभ वलक, जजिनिके दररिर रिरनष्ट्रिय तर

कर ननिमरर्धा् कोतर क, अपनिे भरिों को नकसी दसरिे परि वक करि सकें। इस मकरनि करय र्धा के ललिए ए क भरषर

की अत्य ंत आिशय कतर क।

सरनकत्य कय र क? सरनकत्य मरनिि जिरनत के उचच-से-उचच तथर सुंंररि-से-सुंंररि निचररिों औरि भरिों कर िक

गुंच्र क, जजिसकी बरकरिी सुंंररितर तथर भीतरिी सुंगर


ं रोनिों की मनि को मोक लिेते कप। कों जिरनत तब तक बड़ीी

निकी को सकती, जिब तक नक उसके भरि तथर निचररि उभत नि कों। जिरनत औरि रिरष्ट्रि के उत्थरनि के सरथ-सरथ

1
उस जिरनत य र रिरष्ट्रि के सरनकत्य नक उभनत भी कोती क। इस प्रकररि सरनकत्य की अिनिनत उस जिरनत के पतनि

कर अटलि औरि अटरर ट प्रमर् क।

भररित के इनतकरस को लिीजजिय े। मकरभररित, रिरमरय ् तथर उपननिषर अिशय की ऐसे समय में ललिखे गए थे ,

जिब य क रे श बहत उभत थर। य क कलपनिर असंभि निकी तो दुकरि अिशय क नक ऐसे गंथ नकसी असभय ,

बबर्धारि जिरनत के आचरय य दररिर ललिखे गए कों। जिब बौद्धों कर रिरज्यय भररित के ए क ्ोरि से दसरिे ्ोरि तक फेलि

गय र औरि उनिकर प्रभुंत्ि तथर गौरिि भररितिषर्धा के बरकरि भी फेलि गय र, तो परललि-सरनकत्य नक उभनत भी उस

सरम्ररज्यय की उभनत के सरथ-सरथ कोती गं।

1 रिरनष्ट्रिय तर कर भरषर औरि सरनकत्य से घननिि संबंर क। स्पष करिें। 2

2 रिरनष्ट्रिय तर में सस्थरितर तथर शलक कर समरिेश कब कोतर क? 2

3 ‘भरिों की ए कतर’ से कय र तरत्पय र्धा क? 2

4 ‘शलकशरलिी’ में प्रय ुंक प्रत्य य को अलिग करिें। 1

5 उपय ुंर्धाक ग्यरंश के ललिए उपय ुंक शीषर्धाक रीजजिय े। 1

2. ननिम्निललिखखत करवरंश को पढ़करि परर्े गए प्रश्नों के उतरि ललिखखए - 7

तुंम मरँसकीनि, तुंम रिककीनि तुंम मरँस, तुंम्की को रिक असस्थ-

के असस्थशेष! तुंम असस्थकीनि, ननिरमर्मित जजिनिसे नििय ुंग कर तनि,

तुंम शुंद्ध बुंद्ध आत्मर केिलि तुंम रन्य ! तुंम्कररिर ननि:स्िरथर्धा-त्य रग

के धचरि पुंरिर्! के धचरि नििीनि! क निश्व भोग कर िरि सररनि,

तुंम परर्र्धा इकरं जिीिनि की, इस भस्म करम तनि की रिरजि से

जजिससे असररि भि-शररन्य लिीनि, जिग परर्र्धा-करम निि जिग जिीिनि

आरररि अमरि, कोगी जजिस परि नबनिेगर सत्य -अहकर्मिसर के

भरिी की संस्कृनत समसीनि। तरनिे-बरनिों से मरनििपनि!

1 ‘सत्य तथर अहकर्मिसर’ निे नकस प्रकररि निि जिग-जिीिनि कर सृजिनि नकय र? 2

2 ‘भरिी की संस्कृनत समसीनि’ कर कय र आशय क? 2

3 कनि नकस मकरपुंरिर् की चचरर्धा इस करवरंश में करि रिकर क? 1

2
4 ‘मरनििपनि’ से कनि कर कय र तरत्पय र्धा क? 1

5 करवरंश में प्रय ुंक अलिंकररिों को ललिखखए । 1

खंड ह-‘ख’

( वरिकरररिक वरकरि्) 15

3. ननिम्निललिखखत िरकय ों को ननिरर शरनिुंसररि पररिि्तर्मित कीजजिय े- 1×3=3

क) झोलिेिरलिर लिड़ीकर ककरँ गय र? (धमश्र िरकय में)

ख) वरय रम करिो। स्िस्थ रिको (संय ुंक िरकय में)

ग) कलि मुंझे ठरललिी जिरनिर क औरि नफरि मुंंबं। (सरिलि िरकय में)

4. ननिरर शरनिुंसररि िरचय पररिितर्धानि कीजजिय े- 1×4=4

क) रिरकेश पुंस्तक पढ़ रिकर क। (कमर्धािरचय में)

ख) मुंझ से बोझ उठिरय र निकी जिर सकर। ( कतृर्धािरचय में)

ग) में चुंप निकी बठि सकतर। (भरि िरचय में)

घ) उससे शीशे कर नगलिरस ्रर ट गय र। ( कतृर्धािरचय में)

5. ननिम्निललिखखत िरकय ों में रिखरंनकत परों कर पर पररिचय रीजजिय े- 1×4=4

क) नबसस्मललिर खरँ इस मगधिननि के निरय क थे।

ख) अरिे! तुंम भी आ गए ।

ग) रनि की लिरलिसर उसे परिेशरनि करि रिकी क।

घ) मप जिब िकरँ पहंचर तो िषरर्धा को रिकी थी।

6. ननिम्निललिखखत प्रश्नों के उतरि ननिरर शरनिुंसररि ललिखखए - 1×4=4

क) करवरंश में कौनि सर रिस क?

सोिभत करि नििनिीतललिए ।

घुंटरूनि चलित रिेनिुं मंधड हत मुंख रधर-लिेप नकए

चररु कपोलि लिोलि लिोचनि, गोरिोचनि नतलिक ठरय े।

3
ख) घृ्र नकस रिस कर स्थरय ी भरि क?

ग) शृग
ं ररि रिस कर ए क उररकरि् ललिखखए

खंर- ‘गद

(परठ्य पुंस्तक ए िं परररिक परठ्य पुंस्तक) 30

7. ननिम्निललिखखत ग्यरंश को पढ़करि परर्े गए प्रश्नों के उतरि रीजजिय े-

फरररि बुंलके संकलप से सन्य रसी थे। कभी-कभी लिगतर क िक मनि से सन्य रसी निकी थे। ररिशतर बनिरते थे तो

तोड़ीनिे निकी थे। रलसय ों सरलि बरर धमलिनिे के बरर भी उसकी गंर मकसररस कोती थी। िक जिब भी ठरललिी आते

जिरूरि धमलिते-खोजिकरि, समय ननिकरलिकरि, गमर, सरर, बरिसरत झेलिकरि धमलिते, चरके रो धमनिट के ललिए की

सकी। य क कौनि सन्य रसी करितर क? उनिकी चचर्मितर नकन्री को रिरष्ट्रिभरषर के रूप में रे खनिे की चचर्मितर थी। करि मंच

में इसकी तकलिीफ बय रनि करिते , इसके ललिए अकरट तकर्धा रे ते। बस इसी ए क सिरलि परि उन्कें झुंंझलिरते

रे खर क औरि नकन्री िरलिों दररिर की नकन्री की उपेकर परि दख करिते उन्कें परय र क। घरि -पररििररि के बररिे में,

ननिजिी दख-तकलिीफ के बररिे में परर्निर उनिकर स्िभरि थर औरि बड़ीे से बड़ीे दख में उनिके मुंख से सरंत्िनिर के

जिरद भरिे रो शबर सुंनिनिर ए क ऐसी रिोशनिी से भरि रे तर थर जिो नकसी गकरिी तपस्य र से जिनिमती क। ‘करि मौत

ठरखरती क जिीिनि को निय ी रिरक’। मुंझे अपनिी पत्निी औरि पुंत्र की मृत्य ुं य रर आ रिकी क औरि फ़रररि के शबरों

से झरिती निरिलि शरंनत भी।

क) फ़रररि बुंलके नकस प्रकररि के संन्य रसी थे? 2

ख) हकर्मिरी के ललिए फ़रररि के मनि में कय र भरि थे? 2

ग) फ़रररि कर स्िभरि कसर थर? 1

’्थव्

ननिम्निललिखखत ग्यरंश के आरररि परि परर्े गय े प्रश्नों के उतरि ललिखखए :

बरलिगोनबनि भगत मँझोलिे कर के गोरिे -धचटे आरमी थे। सरठि के ऊपरि के की कोंगे। बरलि पक गए थे। लिंबी

ररढ़ी य र जिटरजिररट तो निकी रिखते थे , नकन्तुं कमेशर उनिकर चेकरिर सफ़ेर बरलिों से की जिगमग नकय े रिकतर।

कपड़ीे नबलकुंलि कम पकनिते। कमरि में ए क लिंगोटी-मरत्र औरि लसरि में कबीरि पंलथय ों की -सी कनिपटी टोपी।

जिब जिरड़ीर आतर, ए क करलिी कमलिी ऊपरि से ओढ़े रिकते। मस्तक परि कमेशर चमकतर हआ रिरमरनिंरी चन्रनि

4
जिो निरक के ए क ्ोरि से की, औरितों के टीके की तरिफ शुंरू कोतर। गलिे में तुंलिसी की जिड़ीों की ए क बेड हौलि

मरलिर बरंरे रिकते।

क) बरलिगोनबनि भगत की िेशभररषर कसी थी? 2

ख) जिरड़ीर आनिे परि भगत कय र करिते थे? 2

ग) परठि औरि लिेखक कर निरम ललिखो। 1

8. ननिम्निललिखखत प्रश्नों के उतरि संकेप में ललिखखए - 2×4=8

क) नबसस्मललिर खरं को शकनिरं की मंगलि धिननि कर निरय क कय ों ककर जिरतर क?

ख) फ़रररि बुंलके की उपसस्थनत रे िरररि की ्रय र जिसी कय ों लिगती थी?

ग) ‘स्त्री-लशकर के निरिोरी कुंतकय कर खंड हनि’ परठि के आरररि परि बतरइए की तब की लशकर प्र्रलिी

औरि अब की लशकर प्र्रलिी में कय र अंतरि क?

घ) ऐसे कय र कररि् थे जजिनिकी िजिक से लिेखखकर मभरर भंड हररिी के मनि में कीनि भरिनिर परर को गं

थी?

9. ननिम्निललिखखत कवरंश को पढ़करि परर्े गय े प्रश्नों के उतरि रीजजिय े:

उरौ, तुंम कौ अनत बड़ीभरगी।

अपरिस रिकत सनिेक तगर तप, निरनकनि मनि अनिुंरिरगी।

पुंरिइननि परत रिकत जिलि भीतरि, तर रिस रे क नि ररगी।

ज्यय ौं जिलि मरंक तेलि की गरगररि, बररंर नि तरकौं लिरगी।

प्रीनत-निरी मप परऊं नि बोरिय ौ, दृनष नि रूप परिरगी।

‘सरररिरररि’ अबलिर कम भोरिी, गुंरि चरंटी ज्यय ौं परगी।

क) गोनपय ों उद्धि को बड़ीभरगी कय ों ककती कप 2

ख) गोनपय ों निे अपनिी तुंलिनिर नकस से की क तथर कय ों? 2

ग) कमलि के पते की कौनि से निशेषतर इस पर में बतरं गं क? 1

अथिर

ननिम्निललिखखत कवरंश को पढ़ करि परर्े गए प्रश्नों के उतरि रीजजिय े :

5
धमलिर ककरँ िक सुंख जजिसकर मप स्िवप रे खकरि जिरग गय र।

आललिर्मिगनि में आते-आते मुंसकय र करि जिो भरग गय र।

जजिसके अरु्-कपोलिों की मतिरलिी सुंन्ररि ्रय र में।

अनिुंरिरनगनिी उषर लिेती थी ननिजि सुंकरग मरुंमरय र में।

उसकी स्मृनत परथेय बनिी क थके पलथक की पन्थर की।

सीिनि को उरेड़ी करि रे खोगे कय ों मेरिी कंथर की।

्ोटे से जिीिनि की कसे बड़ीी कथरए ँ आजि कहँ?

कय र य क अच्र निकी नक औरिों की सुंनितर मप मौनि रिहँ?

सुंनिकरि कय र तुंम भलिर करिोगे मेरिी भोलिी आत्मर-कथर?

अभी समय भी निकी, थकी सों क मेरिी मौनि वथर।

क) कनि अपनिी आत्मकथर कय ों निकी ललिखनिर चरकतर क? 2

ख) कनि निे अपनिी प्रेय सी की सुंन्ररितर के ि्र्धानि नकस प्रकररि नकय र क ? 2

ग) ‘सीिनि उरेड़ीनिे’ कर कय र आशय क? 1

10. ननिम्निललिखखत पश्नों के उतरि संकेप में रीजजिय े: 2×4=8

क) संगतकररि के मरधय म से कनि नकस प्रकररि के वलकय ों की ओरि संकेत करिनिर चरक रिकर क ?

ख) फरलगुंनि में ऐसर कय र कोतर क जिो बरकी ऋतुंं से िभभ कोतर क?

ग) फसलि को निठरय ों के परनिी कर जिरद कय ों ककर गय र क?

घ) ‘सरकस औरि शलक के सरथ निनिम्रतर को तो बेकतरि क’। रिरम-लिक्ष्म् परिशुंरिरम संिरर के आरररि

परि बतरइए ।

11. ए क संिेरनिशीलि य ुंिर निरगररिक के रूप में पय रर्धािरि् प्रदष् को रिोकनिे में आपकी कय र भररधमकर को सकतर

क? ‘सरनिर-सरनिर करथ जिोधड़ी’ परठि के आरररि परि उतरि रीजजिय े। 4×1=4

अथिर

6
निरक मरनि-सम्मरनि ि प्रनतिर कर ्योतक क। य क बरत परररिी वंग्य रिचनिर में नकस तरिक उभरिकरि आं क ? ‘जिरं

पंचम की निरक’ परठि के आरररि परि ललिखखए ।

खंर-घ

लेखन 10×1=10

12. नकसी ए क निषय परि ठरए गए संकेत-नबन्दं के आरररि परि 200 से 250 शबरों में ननिबंर ललिखखय े

क) स्िच् भररित – ए क करम स्िच्तर की ओरि

 प्रस्तरिनिर

 स्िच्तर कर मक्ि

 ितर्धामरनि समय में स्िच्तर को लिेकरि भररित की सस्थनत

 स्िच् भररित अिभय रनि कर आरिम्भ ए िं लिक्ष्य

 उपसंकररि

ख) सरमरजजिक जिीिनि में बढ़तर भषरचररि

 प्रस्तरिनिर

 भषरचररि फलिरनिे कर सब से बड़ीर मरधय म

 परररििरररिक संबंरों परि भषरचररि कर प्रभरि

 भषरचररि औरि ितर्धामरनि समरजि

 उपसंकररि

ग) रे श-प्रेम

 प्रस्तरिनिर

 मरतृभररधम मरँ के समरनि

 बललिररनि कर भरि

 रिरष्ट्रिीय ए कतर कर मक्ि

 उपसंकररि

13. बढ़निे अपकरि् औरि नफरिौती के कररिोबररि परि चचर्मितर वक करिते हए नििभररित टरइम्स के संपररक को पत्र

ललिखखए । 5×1=5

7
अथिर

्रत्ररिरस में रिकनिे के कररि् आप की शिकक प्रगनत को लिेकरि आप के मरतर -नपतर चचर्मिनतत कप। उन्कें परिीकर

में अच्ी सफलितर कर निश्वरस ठरलिरते हए पत्र ललिखखए ।

14. नकसी आय ुंिरठरक तेलि की निशेषतर बतरते हए 25-30 शबरों कर निजरपनि तय ररि करिें। 5×1=5

अथिर

आप के शकरि में निश्व पुंस्तक मेलिे कर आय ोजिनि कोनिे जिर रिकर क। इसके ललिए 25 से 30 शबरों कर

निभरजिनि तय ररि करिें।


‘End of the Paper’

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