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ी सा य यो तष व ापीठम्

Vedic Horoscope

जननी ज म सौ यानां, वधनी कुल संपदां |


पदवी पूव पु यानां, ल यते ज मप का ||

ज म ववरण
नाम Rushiraaj
लग पु ष
ज म तथ 21/3/2003
ज म के समय 21:0
ज म थान Ahmedabad, Ahmadabad, Gujarat, India
अ ांश 23.0257900: N
दे शांतर 72.5872700 E
समय े 5.5 E
पंचांग ववरण
सूय दय 06:46:07
सूया त 18:47:38
दनमान 12:01:31
रा मान 11:58:29
क ळ संवत 5103
क संवत 1924
संव सर च भानु/Chitrabhānu
आयन उ रायण
ऋतू श शर ऋतू
मास फा गुन
तथ कृ ण चतुथ 4
वार शु वार
वार (वॆ दक) शु वार
न , चरण वशाखा-1
रा श तुल रा श
योग हषण
करण बालव-चं
जम र ती
वशो र दशा गु

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अवकहडा च
न वशाखा
ना ड आं य

गण रा स
रा श तुल रा श
रा श वा म शु
वण शू
व य मानव
इस अवकहडा च शाद मलान के लए उपयोगी है.

घात च
मास् माघ
तथ 4-9-14
दवस् गु वार्
न शत भष
योग शु ल
करण तैतुल
हर 4
रा श धनू
नए उ ाटन, मह वपूण काय और लंबी या ा के लए घाता तथी, न , दन आ द को चोडे।
हर समय क एक इकाई के लए सं कृत श द है, या दन का उपखंड, लगभग तीन घंटे लंबा है हार = 1 का
मतलब है, सूय दय से 3 घंटे।

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भा यशाली हालात
भा य दन श नवार, बुधवार, शु वार
भा यशाली ह श न, बुध, शु
म रा श सह, कुंभ और मथुन
म लन सह, मथुन और कुंभ
जीवन र न हीरा
भा यर न प ा
पु यर न नीलम
अनुकूल् दे वता बालाजी, हनुमान्, व णु
शुभ लोहा चांद , लोहा
शुभ वण मलाई, गुलाबी, नीला
शुभ दशा उ र, प म
शुभ समय् सूय दय के समय
यहा र न धारण का सूचना मक ववरण दयागया है, गत परामश के बना र न धारण करना अ छा नही है.
गत प से र न दारण का वषय जान ने के लया कृपया आपका यो तषीका सूचना ले.

जै मनी कारक
ह चर कारक थर कारक
शन आ म कारक आयु कारक
शु अमा य कारक दारा कारक
चं ा ु कारक मा ु कारक
मंगल मा ु कारक ा ु कारक
गु पु कारक पु कारक
सूय ा त कारक आ म कारक
बुध दारा कारक ा त कारक
ह थत
ह R/C रा श D/M/S भाव
सूय - मीन 06:42:08 6
चं तुल 21:29:37 1
मंगल धनू 16:43:38 3
बुध (C) मीन 06:22:09 6
गु (R) कक 14:27:09 10
शु मकर 28:47:08 4
शन वृषभ 28:55:47 8
रा (R) वृषभ 08:54:51 8
केतु (R) ु क 08:54:51 2
व ह और अ तंग व ह. R = व , C = आ त

ह सा र ण
ह न / चरण न. आ ध नव नव. अ ध
लन वा त-1 रा ध गु
सूय उ.भा पद-2 शन क बु
चं वशाखा-1 गु मे मं
मंगल पू.षाढ़ा-2 शु क बु
बुध उ.भा पद-1 शन स सू
गु पु य म-4 शन वृ मं
शु ध न ा-2 मंगल क बु
शन मृग शरा-2 मंगल क बु
रा कृ का-4 सूय मी गु
केतु अनुराध-2 शन क बु

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ह सा र ण
ह अव5 वभाव पु/ ी तव थ.
सूय वृ ी जल म
चं वृ चर पु ष वायु सम
मंगल यु पु ष अ न म
बुध वृ ी जल नीच
गु यु चर ी जल उछ
शु बाल चर ी भू म
शन बाल थर ी भू म
रा वृ थर ी भू उछ
केतु वृ थर ी जल उछ

भाव सा र ण
भाव रा श D/M/S
ल न भाव तुल 06:58:11
धन भाव ु क 06:58:11
ातृ भाव धनू 06:58:11
मा ु भाव मकर 06:58:11
पु भाव कुंभ 06:58:11
श ु भाव मीन 06:58:11
कळ भाव मॆष 06:58:11
अयु भाव वृषभ 06:58:11
भा य भाव मथुन 06:58:11
रा य भाव कक 06:58:11
लाभ भाव सह 06:58:11
य भाव कय 06:58:11
नैस गक मै च
ह म श ु सम
सूय चं , मंगल.गु शु , श न, रा , केतु बुध
चं सूय, बुध रा , केतु मंगल, गु , शु , श न
मंगल सूय, चं , गु , केतु बुध, रा शु , श न
बुध सूय, शु चं गु , केतु, मंगल, श न, रा
गु सूय, चं , मंगल, रा बुध, शु श न, केतु
शु बुध, श न, रा , केतु सूय, चं मंगल, गु
शन बुध, शु , रा सूय, चं , मंगल, केतु गु
रा गु , शु , श न सूय, चं , मंगल, केतु बुध
केतु मंगल, शु सूय, चं , श न, रा बुध, गु

ता का लक मै च
ह सू चं मं बु गु शु श रा कॆ
सू - श म श श म म श
चं श - म श म म श श म
मं म म - म श म श श म
बु श श म - श म म म श
गु श म श श - श म म श
शु म म म म श - श श म
श म श श म म श - श श
रा म श श म म श श - श
कॆ श म म श श म श श -
श = श ,ु म= म
ल न (D-1)

सम जीवन, कृ त, वा य, श ा, कै रयर, शाद , ब च आ द


नवांश (D-9)

नवमांश से शाद और भा य दे खना है। यह भी भागीदारी, जीवन साथी, और ल न चाट के सामा य ठ क वषय के साथ
संबं धत है। सभी वग कुंड लयोमे यह सबसे अ धक मह वपूण है.

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होरा (D-2)

व ीय थ त, यह भी क पु ष / म हला, स य / न य, गत / सामा जक, मान सक / भावना मक शेष से


संबं धत है। कक म हला / चं मा क ओर है, सह पु ष / सौर पहलू भी है
े काण (D-3)

े कान कुंडली शरीर के अंग , वा य के मु के बारेमे बताताहै। यह भी भाई, बहन, म और गठबंधन , 3 भाव
ल न कु डली म क तरह के बारे म बताता है। यह भी क ठन काम करने के लए, या एक समूह म कुछ
goal.Energy, ज ासा, साहस, कौशल ा त करने के लए हमारी मता को दशाता है। drekkana के बेहतर
व ेषण के लए हम भी ल न कुंडली म 3 भाव और मंगल ह क थ त क जांच करने क ज रत है।

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चतुथाश (D-4)

चतुथाश सामा य सामा यता, भावना , घर और सुख, भावना मक संतोष, मनोवै ा नक सुख से संबं धत है। इस चाट
का व ेषण करने के लए हम चं मा, पारा और चौथा भगवान क जांच करना होगा। उ ह इस चाट म आंत रक
शां त के लए अ छ तरह से रखा जाना चा हए। यह न त संप और आराम के बारे म भी बताता है
स तांश (D-7)

स तमशाह ब च और पोते, या रचना मक अनुमान , रचना मक मता, और कस ड ी को सहन या रहना या


एहसास होना चा हए के साथ संबं धत है। हम सांता योग क भ व यवाणी करने के लए पांचम भाव, बृह प त को
स तमश के साथ जांचना होगा।

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दशमांश (D-10)

दशमांश कै रयर के बारे म बात करता है, इस अ सा म श , थ त, उपल ध, थ त, कौशल, वसाय और कै रयर
का संकेत मलता है। इस वगा का व ेषण करने के लए हम 10 व भाव और कै रयर के मह व के बारे म वचार
करना होगा। कै रयर के मामले म 10 व वामी को जीवन म अ छे भाव के लए यहां मजबूत होना चा हए। सूय,
बुध, बृह प त और दसव भु कै रयर के लए संकेतक ह।
ादशांश (D-12)

दशाँष भा य, नय त, पछले जनम का कम, माता- पता, वंशानुगत ल ण, पछले जनम का जीवन के भाव से
संबं धत है। अं तम जीवन का याय करने के लए योग कया जाता है, हमारी अंत न हत कंडीश नग इस जीवन को
आगे बढ़ाया हम पांचव भाव पर वचार करने क ज रत है, बृह प त इस amsha के साथ ऊपर चीज का व ेषण
करने के लए।
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षोडशांश (D-16)

षोडशांश चौती भाव का मामल के साथ शुदाश मा सौद ; यानी खुशी, घर, वाहन, संप के आंत रक दय
और मनो व ान के संदभ म चतुताश से गहरे तर को दशाता है। इस चाट का व ेषण करने के लए हम चौथे वामी
(शाद चाट), बुध और चं मा के यायाधीश पर वचार करने क आव यकता है।
वशांश (D-20)

वशांश उपासना या भ , धा मक वकास, हमारे अतीत के धम , हम पूजा करने के लए इ छु क ह दे वता के लए


मता के बारे म बताता है इस वगा का व ेषण करने के लए हम बृह प त पर वचार करना होगा, 5 व भाव म
शाद चाट और 5 व वा म

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चतु वशांश (D-24)

चतु वशांश आ या मक मता या त परता, श ा, उ च चीज पर यान दे ने क मता के बारे म बताता है। इसका
उपयोग आ या मक ा त मता को पहचानने के लए कया जाता है। हम 9 व भगवान, बुध, बृह प त और दे खने
के लए मकर का ह इस वगा चाट का व ेषण करने क आव यकता है।
स त वशांश (D-27)

स व वशांष (भांश) शारी रक श और तनाव के बारे म बताती है। यह सम जीवन का व ेषण करने म भी मदद
करता है।

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शांश (D-30)

शांश भा य, चोट, मनी, रोग के बारे म बताता है। यह जीवन म छु पे ए खतर क खोज म भी मदद करता है।
लॉड ऑफ़, और ेट्स इन बड भाव एस (ल न कुंडली मे 8, 12 और 6 भाव और मारक, बाधक भाव) को यहां
समझना चा हए क वे जीवन म अपना काम कैसे कर सकते ह।
खवेदांश (D-40)

खवेदांश ज म कुंडली के गहराई से पढ़ने के लए, वशेष शुभ और अशुभ भाव का अ छा- ू नग, अ छे और बुरी
आदत , भावना मक और मनोवै ा नक व प के ववरण के लए मदद करता है।

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अ वेदांश (D-45)

अ वेदांश नै तकता और नै तकता के बारे म बताता है, और ठ क ू नग सामा य संकेत इसके अलावा, 9 व और 5
व भाव से संबं धत है इं गत करता है क इनम से 3 मु य दे वता म से कौन सबसे अ धक त ब बत करेगा।
ष ांश (D-60)

ष ंष को भ व यवा णय के ब त ही अ छे ू नग म योग कया जाता है और नणय, यह एक सू म भाव है जो


जुड़ने के मामल म महसूस कया जाता है जो क कुछ ही मनट के बाद पैदा होते ह। इन डवीजन के सश वशेष
दे वता का मूल प से मह वपूण भाव है।

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षॊडशवग सा र ण
ल सू चं मं बु गु शु श रा कॆ
D-1 7 12 7 9 12 4 10 2 2 8
D-2 5 4 4 4 4 4 5 5 4 4
D-3 7 12 3 1 12 8 6 10 2 8
D-4 7 12 1 3 12 7 7 11 5 11
D-7 8 7 12 12 7 1 10 2 10 4
D-9 9 6 1 6 5 8 6 6 12 6
D-10 9 10 2 2 10 4 3 7 12 6
D-12 9 2 3 3 2 9 9 1 5 4
D-16 4 12 12 5 12 8 4 8 9 9
D-20 5 9 3 4 9 10 8 4 2 2
D-24 10 9 10 6 9 3 3 3 11 11
D-27 1 4 2 4 3 11 5 6 12 6
D-30 11 6 3 9 6 12 8 8 6 6
D-40 10 3 5 11 3 2 9 9 6 6
D-45 11 7 9 10 6 10 8 12 6 6
D-60 8 1 1 6 12 8 7 11 7 1

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ह बल
ह बल
सूय (अ धप त: 11th भाव, थत्: 6 ) 45%
चं (अ धप त: 10th भाव, थत्: 1 ) 65%
मंगल (अ धप त: 7th और 2nd भाव, थत्: 3 ) 80%
बुध (अ धप त: 9th और 12th भाव, थत्: 6 ) 25%
गु (अ धप त: 3rd और 6th भाव, थत्: 10 ) 75%
शु (अ धप त: 8th और 1st भाव, थत्: 4 ) 55%
श न (अ धप त: 4th और 5th भाव, थत्: 8 ) 50%
रा थत्: 8 70%
केतु थत्: 2 60%
यह दे खते ए ह कोर एक ह क ताकत के बारे म बताता है। कोर के ऊपर 50% के साथ एक ह अ छा
प रणाम दे दगे और 50% से नीचे, bhukti अव ध उनक दासा म सामा य प रणाम दे दगे.

ह ी
ह भाव
सूय 12
चं 7
मंगल 9, 6, 10
बुध 12
गु 4, 2, 6
शु 10
शन 2, 10, 5

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भाव बल
भाव गुण फ लत
1. ल न (कुल मलाकर जीवन) 29 साधारण
2. धन भाव ( व और प रवार) 28 साधारण
3. ातृ भाव (भाई और बहन, छोट या ा) 35 अ छा
4. मातृ भाव (माँ, श ा और वाहन) 34 अ छा
5. पु भाव ( ान, ब चे, यार) 23 यह यान दे ने क ज रत
6. शतृ भाव ( वा य और मन) 32 अ छा
7. कल भाव ( ववाह और ापार) 18 यह यान दे ने क ज रत
8. आयु भाव (आयु और घटना ) 29 साधारण
9. भा य भाव ( पता और भा य) 23 यह यान दे ने क ज रत
10. रा य भाव (कै रयर, नाम और स ) 29 साधारण
11. लाभ भाव (लाभ और म ) 35 अ छा
12. य भाव ( य और वदे श) 22 यह यान दे ने क ज रत

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वशो र दशा/ भु

ज म दशा गु /गु /मंगल

गु महादशा आरंभ दन् 05.06.2001 श न महादशा आरंभ दन् 05.06.2017

महादशा भु आरंभ दन् महादशा भु आरंभ दन्

गु शन 24.07.2003 शन शन 05.06.2017

गु बुध 03.02.2006 शन बुध 08.06.2020

गु केतु 11.05.2008 शन केतु 16.02.2023

गु शु 17.04.2009 शन शु 27.03.2024

गु सूय 17.12.2011 शन सूय 27.05.2027

गु चंद ् 04.10.2012 शन चंद ् 08.05.2028

गु मंगल 03.02.2014 शन मंगल 07.12.2029

गु रा 10.01.2015 शन रा 16.01.2031

शन गु 22.11.2033

बुध महादशा आरंभ दन् 04.06.2036 केतु महादशा आरंभ दन् 05.06.2053

महादशा भु आरंभ दन् महादशा भु आरंभ दन्

बुध बुध 04.06.2036 केतु केतु 05.06.2053

बुध केतु 01.11.2038 केतु शु 01.11.2053

बुध शु 29.10.2039 केतु सूय 01.01.2055

बुध सूय 29.08.2042 केतु चंद ् 09.05.2055

बुध चंद ् 06.07.2043 केतु मंगल 08.12.2055

बुध मंगल 04.12.2044 केतु रा 05.05.2056

बुध रा 01.12.2045 केतु गु 24.05.2057

बुध गु 20.06.2048 केतु शन 29.04.2058

बुध शन 26.09.2050 केतु बुध 08.06.2059


शु महादशा आरंभ दन् 04.06.2060 सूय महादशा आरंभ दन् 04.06.2080

महादशा भु आरंभ दन् महादशा भु आरंभ दन्

शु शु 04.06.2060 सूय सूय 04.06.2080

शु सूय 05.10.2063 सूय चंद ् 22.09.2080

शु चंद ् 04.10.2064 सूय मंगल 24.03.2081

शु मंगल 05.06.2066 सूय रा 30.07.2081

शु रा 05.08.2067 सूय गु 23.06.2082

शु गु 05.08.2070 सूय शन 11.04.2083

शु शन 05.04.2073 सूय बुध 23.03.2084

शु बुध 05.06.2076 सूय केतु 28.01.2085

शु केतु 05.04.2079 सूय शु 05.06.2085

चंद ् महादशा आरंभ दन् 05.06.2086 मंगल महादशा आरंभ दन् 04.06.2096

महादशा भु आरंभ दन् महादशा भु आरंभ दन्

चंद ् चंद ् 05.06.2086 मंगल मंगल 04.06.2096

चंद ् मंगल 05.04.2087 मंगल रा 01.11.2096

चंद ् रा 04.11.2087 मंगल गु 19.11.2097

चंद ् गु 05.05.2089 मंगल शन 26.10.2098

चंद ् शन 04.09.2090 मंगल बुध 05.12.2099

चंद ् बुध 05.04.2092 मंगल केतु 02.12.2100

चंद ् केतु 04.09.2093 मंगल शु 30.04.2101

चंद ् शु 05.04.2094 मंगल सूय 30.06.2102

चंद ् सूय 05.12.2095 मंगल चंद ् 05.11.2102

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दोष् और प रहार
काल सप दोष
कालसप दोष एक बुरे दोष म से एक है जो हमारे मान सक और शारी रक जीवन पर भाव डालता है। ये एक तरह
का अनुवं शक दे ष है. यह सभी कामोमे दे री और भा य दे ता है । यह लोग को बना कसी सफलता के रहते ह और
सर के लए जी वत रहते ह । जब सभी ह रा , केतु चे बीच् मे रहतेहै तब कुंडलीमे कालसप योग् ब तीहै । पूरे
कालसप योग का गठन होता है जब कुंडली का आधा ह म खाली नह होता है। भले ही एक ह रा के बाहर हो,
केतु अ का कोई का पार योग नह है।
336.7023429

You don't have Kalasarpa dosha in your chart.

मंगल् दोष
मंगल ह भावना का एक ह है। कुंडली म अगर मंगल ह अ छ तरह से रखा जाता है तो वे अपनी भावना
पर नयं ण रखगे और जब 1, 4, 7, 8 व या 12 व भाव म मंगल को बुरी तरह थत है तो वह अपनी
भावना को नयं त करने म असमथ होगा। इन घर म मंगल ह का थान उनके भारी भावना मक वहार और
ोध के कारण ववाह के जीवन म एक सम या का कारण बनता है। इस मंगल दोष से ववाह म वलंब हो जाता है
और शाद के बाद क सम या भी हो सकती है। इस लए इस दोष के बारे म जानने से आपको उपचार करने और इस
दोषा के नकारा मक भाव को कम करने और समय-समय पर ववाह और खुश ववा हत जीवन मलेगा।

आपके ज म कुंडली म, मंगल ह तृतीय भाव ( ातृ भाव) भाव मे थत है. मंगल क यह थ त बताती
है क आपके ज म कुंडली म मंगल दोष नही है.

प रहार
ज मकु डली फल
ज मकुंड लका योग
Hamsa Maha purusha yoga: yoga: Jupiter in a kendra in moolatrikona or own or
exaltation sign
Spiritual, pious and respected.
Nipuna (Budha-Aditya) yoga: Sun and Mercury together or in Sama Saptaka
Skillful, expert, well-known and respected.
Viparita Raja Yoga
Success after pressures or someone else`s losses
ल न फल

कुंडली व ेषण
आप तुल ल न मे पैदा ए है । इस ल न का अ धपती शु है । ये चतुथ भाव (मातृ भाव) मे थत् है । तीय
भाव (धन भाव) ु क रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती मंगल है। ये तृतीय भाव ( ातृ भाव) मे थत् है ।
तृतीय भाव ( ातृ भाव) धनू रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती गु है. ये दसवां भाव (रा य भाव) मे थत् है ।
चतुथ भाव (मातृ भाव) मकर रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती श न है । ये आठवाँ भाव (आयु भाव) मे थत् है
। पंचम भाव (पु भाव) कुंभ रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती श न है । ये आठवाँ भाव (आयु भाव) मे थत् है
। छठा भाव (शतृ भाव) मीन रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती गु है । ये दसवां भाव (रा य भाव) मे थत् है ।
सातवाँ भाव (कल भाव) मॆष रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती मंगल है । ये तृतीय भाव ( ातृ भाव) मे थत् है
। आठवाँ भाव (आयु भाव) वृषभ रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती शु है । ये चतुथ भाव (मातृ भाव) मे थत्
है । नौवां भाव (भा य भाव) मथुन रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती बुध है । ये छठा भाव (शतृ भाव) मे थत्
है । दसवां भाव (रा य भाव) कक रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती चं है । ये थम भाव (ल न) मे थत् है ।
यारहवाँ भाव (लाभ भाव) सह रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती सूय है । ये छठा भाव (शतृ भाव) मे थत् है ।
यारहवाँ भाव (लाभ भाव) सह रा श मे आतीहै । इस घर का अ धपती बुध है । ये छठा भाव (शतृ भाव) मे थत् है ।

आपका रा श तुल है । आप वशाखा न , पहले चरण मे पैदा एहै । आप गु महादशा मे पैदा ए है।
आपका ल न: के लये
शुभ ह: बुध श न चं शु
अशुभ ह: मंगल सूय गु
मारक ह: मंगल सूय गु
योग कारक ह: चं बुध

व भ गृह म भावा धप त क भ व यवा णयां


ये भ व यवाणी होरा शा से ली गई ह.
आपका ल न वामी, शु is placed in fourth house. You will be endowed with paternal and
maternal happiness, will have many brothers, be lustful, virtuous and charming.
आपका सरा भाव भु, मंगल is placed in third house. You will be valorous, wise, virtuous,
lustful and miserly; all these, when related to a benefic. If related to a malefic, you will be
a heterodox.
आपका तीसरा भाव अ धपती, Jupiter is placed in tenth house. You will have all lands of
happiness and self-made wealth and be interested in nurturing wicked females.
आपका चौथे भाव भु, Saturn is placed in eighth house. You will be devoid of domestic and
other comforts, will not enjoy much parental happiness and be equal to a neuter.
आपका पांचव भाव भु, Saturn is placed in eighth house. You will not have much progenic
happiness, be troubled by cough and pulmonary disorders, be given to anger and be
devoid of happiness.
आपका छठे भाव भु, Jupiter is placed in tenth house. You will be well known among your
men, will not be respectfully disposed to your father and will be happy in foreign
countries. You will be a gifted speaker.
आपका सातवां भाव भु, Mars is placed in third house. You will face loss of children and
sometimes with great difficulty there will exist a living son. There is also the possibility of
birth of a daughter.
आपका आठव भाव भु, Venus is placed in fourth house. The child will be deprived of its
mother. You will be devoid of a house, lands and happiness and will doubtlessly betray
your friends.
आपका नौव भाव भु, Mercury is placed in sixth house. You will enjoy meagre prosperity, be
devoid of happiness from maternal relatives and be always troubled by enemies.
आपका दसव भाव भु, Moon ल न थान मे है. You will be scholarly, famous, be a poet, will incur
diseases in boyhood and be happy later on. Your wealth will increase day by day.
आपका यारहव भाव भु, Sun is placed in sixth house. You will be afflicted by diseases, be
cruel, living in foreign places and troubled by enemies.
आपका बारहव भाव भु, Mercury is placed in sixth house. You will incur enmity with your own
men, be given to anger, be sinful, miserable and will go to others wives.

Dwi graha yogas (Two planets in one house)


You are having Sun and Mercury in one sign.
If the Sun and Mercury are in one House, you will be in service, will have unsteady wealth,
be sweet in speech, will have fame and money, be noble, dear to king and good people
and will possess strength, beauty and learning.

Thri graha yoga (Three planets in one house)


Chatur graha yogas (Four planets in one house)

Planetary Predictions
Sun Sign and House placement
If the Sun is in Pisces at birth, one will be friendly, will have tendency to amass, be fond of
women and happy, be learned, will destroy many enemies and be wealthy and rich. He will
be endowed with wife, good sons and servants, will have wealth on account of
transactions via sea/river, be an eloquent speaker, but a liar, will suffer from diseases of
the private parts and will have many a co-born.Sun in the 6th bhava
You will be rich, famous, virtuous, strong; a lover; and free of illness and debts. You will
have aristocratic bearing. If (Sun + Mars) is in the 6th, you will be victorious over enemies.
Moon Sign and House placement
If the Moon is posited in Libra at birth, the native will have elevated nose, broad eyes, will
have weak (not prominent) face and emaciated body, will have many wives, many bulls
(cattle) and abundant landed property, be valorous, will have testicles resembling that of
an ox, be skillful in work, will honour Gods and the wise, be endowed with various kinds of
wealth, will be conquered by females, will have an emaciated body (this is a repetition),
will donate corns, will not be firm in disposition and will be helpful to his relatives.Moon in
the lagna
Handsome man; a person who is not sure of things. When full moon is in the lagna one
will have longevity and learning. When Edava and Karkidaka become lagna and Moon is
positioned there, one will be a rich man. If Moon is weak, one may be deaf and an invalid.
Mars Sign and House placement
Should Mars be in Sagittarius, the native will have many wounds, be emaciated, be harsh
in speech, crafty, alienated, be a warrior endowed with chariots, elephants and Army men,
will pass arrows on other's Army from his chariot, be happy with hard work, will lose his
happiness and money due to anger and will not honour elders.Mars in the 3rd bhava
A person who is always happy; has fame, body strength and guts; job opportunity in the
military/police department; and will achieve fortune by hard work.
Mercury Sign and House placement
Should Mercury be in Pisces, one will be fond of good conduct and purity, will live in
foreign countries, be issueless, poor, will have a chaste wife, be virtuous, fortunate, be
devoid of religion, be skillful in stitching etc. and be devoid of profane knowledge,
acquaintance with Sastras and fine arts, will be proficient in bagging other's wealth and
will be devoid of wealth.Mercury in the 6th bhava
Short life; incapable of taking strong decisions; encounter risks in movements
(accusations); average income; skin diseases. You will use strong words. If Mercury in the
6th does not have any benefic yoga or aspect, you will fall in debt. Mercury in the 6th
makes you a learned person.
Jupiter Sign and House placement
If Jupiter be in Cancer at birth, the native will be a scholar, be beautiful, be highly learned,
charitable, good-natured, be very strong, be famous, will possess abundant grains and
riches, be endowed with truth and penance, will have long-living sons, be honoured by all,
will be a king, will have a distinguished profession and will be attached to his
friends.Jupiter in the 10th bhava
High job (Top Management); famous. You will have happiness, sons, virtue and a nice
home. You may be a religious leader, a preacher or a priest. The peculiarity of Jupiter in
the 10th is that you won’t get any help from your sons.
Venus Sign and House placement
If Venus occupies Capricorn at birth, one will be miserable due to heavy expenses, will
have an emaciated body, will be fond of aged women, will suffer from heart diseases, be
miserly in the matter of money, be a liar, be skillful in cheating, be a eunuch, be devoid of
(good) acts, interested in others' work, very distressed, be a dunce and will, however,
endure misery.Venus in the 4th bhava
Fortune of vehicle; wealth; virtuous wife. You will get education, job and plenty of other’s
property. You will have a beautiful house.
Saturn Sign and House placement
If Saturn occupies Taurus at the time of one's birth, he will be bereft of wealth, be a
servant, will speak undesirable words, be untruthful, will win the hearts of old women, will
have bad friends, will be addicted to women, will serve other women, be not outspoken,
will have strong sight, be related to numerous assignments and be a fool.Saturn in the 8th
bhava
Long life; no property; poverty stricken; subordinate; no power of comprehension;
residence in an alien land; travels a lot. When a malefic planet has aspect to Saturn in the
8th, Saturn will be extremely harmful. When Jupiter has aspect to it, the harmful effects
will diminish.
Rahu Sign and House placement
Rahu in Taurus brings great pleasure in regard to the affections; the native loves more
with his heart and mind than his senses, and this may cause him to worry needlessly, as
the position denotes a certain amount of jealousy which, though not exhibited outwardly,
nevertheless causes suffering. It is also a sign of hesitation in most matters, which is a
mistake on the part of the native, inasmuch as this position should encourage him to act,
and to look forward confidently to the future, and above all not to engage in wrong
thinking, to which his natural disposition inclines him. Rahu in the 8th bhava
Long life; residence in an alien land; unexpected windfall of wealth; unexpected rise in life;
literary talent; frequent change of jobs; physician; expert in robbery; ailing wife; two wife
yoga.
Ketu Sign and House placement
Ketu in Scorpio is very evil. It often denotes lack of moral and physical courage, which
induces the native to seek more or less questionable methods of succeeding, apart from
steady exertion; but they will only be trifling methods, and the results will not fulfil his
desires. This position is also harmful for the health. There are evident signs of
lymphatism. Danger of pecuniary loss through theft is also shown.Kethu in the 2nd bhava
A man with commonsense; higher education will be suspended, but will gain wealth by
hard work; pleasant speech.
व शॊ र दशा फल
गु महादशा : 05.06.2001 से
य द बृह प त आपके चाट म अ छ तरह से रखता है, तो आपके पास कोई मन नह होगा और कसी भी कार क
बीमा रय से भी मु कल से पी ड़त होगा। आपके ारा जो कुछ भी कया जाता है, उसम संतोष होगा और म संघ
ब कुल शानदार होगा। एक ब चे का ज म और धमाथ सं थान क न व को भी सूची म जोड़ा जा सकता है। नजी
मामल म कसी गड़बड़ी का नाममा गु दशा के तहत अनुभव होगा और इससे भी मह वपूण बात यह है क आप सभी
चता से मु ह गे.एक बल गु दशा के साथ, प रवार के ःख के साथ कई रोग के कई हमल से पी ड़त होने से
आपके जीवन म चता से भरा हो सकता है। कसर के मामले म, राजनी तक सफलता, पदो त, ऊंचा पद, मानवतावाद
काय, रा ीय सेवाएं, घरेलू स ाव और सफलता और अ ात ोत से धन के अ ध हण आपके रा ते म आ सकते ह। धनु
और मीन, बेटे, धन, स और सामा य सफलता के मामले म होने वाले ह।
य द बृह प त आपके चाट म एक नकारा मक ह या बीमार है, तो यह दशा व ीय सम या , ब च क हा न, अचानक
गरावट, वा य सम या और थ त का नुकसान हो सकता है। गु मं या गु तो के जप क तरह उपचार करना
बृह प त के नकारा मक प रणाम को कम करेगा।

श न महादशा : 05.06.2017 से
य द श न अ छ तरह से रखा जाता है और योगा धकार ह तो इस महा डैश म आप नरंतर धन ' वाह-इ स' के साथ खुश
रहगे, वदे शी नमं ण ा त करगे, नए कायशाला को खोलगे और अपने समुदाय के भीतर वाले लोग से संपक करगे।
अ छ तरह से रखा सैटन पदो त, क रयर, नाम और स म वृ दे ता है। आपको व भ े से भी सहायता मल
सकती है श न कमा का ह है य द वह अ छ तरह से इस महाशाह म रखा गया तो आप सफलतापूवक अपने सभी
उप म को पूरा करगे।
य द श न इस बीमारी म रखा या कमजोर कर दया जाता है तो आप को अनपे त नुकसान, प रवार और दो त के बीच
येक उप म और गलतफहमी म नराशा हो सकती है। कमजोर सैटन भी क रयर या नौकरी के नुकसान म सम या
का कारण बनता है। नकारा मक प रणाम को र करने के लए श न मं या श न तो का पाठ करना ज री है ।

बुध महादशा : 04.06.2036 से


य द आपके चाट म बुध अ छ तरह से रखा गया है तो इस महा डशा म आपको व ान, कला और ग णत म स ात
होगी। य द आप पढ़ रहे ह, तो आप अपनी पढ़ाई म सफलता ा त करगे। बैठक लोग से मलती है और आप उनसे
संबं धत वचार- वमश म संल न ह काड पर भी ह। प व सा ह य म दलच पी भी हा सल क जा सकती है। ा त अगर
ती बु और छा वृ इस दशा का सबसे अ छा भाव है। अपने तभा के मा यम से व र से धन ा त करना
अनुभव होगा क आप इस दशा के नाम से पहले चरण के तहत गुजर रहे ह और आप नए दो त भी बना सकते ह। हवा
और सु त रोग एक कमजोर कुजा दशा के भाव ह। यह आपको एक नीरस और मोटा-मु खया बनने के लए भी
बना सकता है आपके पास महान बौ क खजाने, स का अ ध हण, प नी और प रवार से खुशी हो सकती है।
य द बुध बल होता है या आपके चाट म रखा जाता है तो आपको गलतफहमी होगी, लोग के साथ संचार अंतराल,
एका ता क कमी, र तेदार और दो त के नुकसान और अ ययन म सम याएं

केतु महादशा : 05.06.2053 से


य द केतु अपने चाट म अ छ तरह से रखे ह तो आप धन ा त कर रहे ह गे, मू यवान चीज का प र हण, भेदभाव का
लाभ, स मं दर म आकषक लाभ और पूजा करगे। ये केतु दास के श शाली चरण के तहत होने के प रणाम ह।
आप एक सुखी और सुखी जीवन का भी नेतृ व करगे जो एक ब चे के ज म के साथ पूरक होगा। साधारण चरण म, आप
अपनी तभा का दशन करके व र अ धका रय से धन ा त कर सकते ह और आप नए दो त भी बना सकते ह।
े े ी ै ो ो औ ी े े ीऔ ी े े
य द केतु आपके चाट म अ छा नही है, तो आप चोट और बीमा रय के शकार ह गे, आप खी और खी ह गे, मन से
परेशा नयां और महान बुराई आपके रा ते आएगी। व ीय नुकसान भी होगा। आपके वैवा हक जीवन म कोई शां त और
सुख नह होगा.इस दास के तहत, ए रयन कई शमनाक और शमनाक प र थ तय का सामना करगे। र तेदार , संप य
के नुकसान, मवे शय और अ य घरेलू सामान के साथ परेशानी होगी। खतर , प नी क मृ यु, बुराई से संप के
अ ध हण का मतलब होगा। इस सम या से मुकाबला करने के लए आपको केतु मं या गणेश तो रोज़ाना ज री है।

शु महादशा : 04.06.2060 से
अगर शु आपके चाट म अ छ तरह से रखता है तो एक ब चे के ज म के साथ पू रत एक खुश और सुखी वैवा हक
जीवन का अनुभव होगा। मौ क लाभ, सव और खुश वैवा हक जीवन से ा त सुख, दे शी जीवन के जीवन को जी वत
बनाएंगे। ापार और खेती से मौ क लाभ और आपके म संघ क वृ , नाममा शु ल दशा के भाव ह। इस अव ध
के दौरान आप 'जी वत रहने और जी वत रहने के स ांत' पर व ास करना शु करगे! आप वयं खुश रहगे और आपके
चार ओर के लोग को भी खुशी दे गा। सुकुरा दशा के कमजोर भाव से आप अपनी प नी से झगड़गे; भचार और
वदे शी भू म म नवास काड पर भी ह गलतफहमी और ःख जैसी चीज आपको खी और उदास जीवन जीने के लए
े रत करगी। समु पर या ा और ऋण का मोचन भी होगा.
य द शु कमजोर या कमजोर है या बीमार पड़ता है तो आपको पा रवा रक जीवन म सम याएं पड़ेगी, आपक प नी को
वा य सम याएं ह गी, आपको व ीय नुकसान हो सकता है और कुछ वा य सम याएँ भी ह गी। बीमार रखा वीनस
क वजह से सम या पर काबू पाने के लए, आपको सु मं या ल मी तो रोज़ाना पाठ करना ज री है।

सूय महादशा : 04.06.2080 से


अगर सूय आपके चाट म अ छ तरह से रखा जाता है तो इस महाशाह म वहां मू यवान चीज का वलय, और त त
मं दर के लाभ दता, लाभ द लाभ और अपने श शाली चरण म दे शी पर पूजा क जाएगी। ले कन दे खभाल के कारण
वा य से लया जाना चा हए य क, अपने सामा य चरण के तहत, मूल बीमार वा य और बीमारी से पी ड़त हो सकता
है आप भी वदे शी पयटन के लए और भी भा यशाली ह गे, जहां तक राजनी तक ग त व धय का संबंध है, आप भी ऐसे
चुनाव के लए खड़े हो सकते ह जहां आप न त प से रा प त या सामा जक और राजनी तक नकाय के त न धय
के प म चुने जाएंगे।
य द सूरज कमजोर या कमजोर या बीमार पड़ता है तो इस महाशाह म आप दशा के कमजोर चरण के दौरान र तेदार ,
म और पड़ो सय और आपके सहयो गय के बीच चोट, रोग, अ यता और गलतफहमी के शकार होते ह और आप
भी भा वत हो सकते ह। कान म दद और कुछ मू परेशा नयां इस सूय महा डशा, मं सूय मं या शव पंच मं के
नकारा मक प रणाम पर काबू पाने के लए और अ भषेक भगवान शव को करते ह।

चंद ् महादशा : 05.06.2086 से


अगर चं मा आपके चाट म अ छ तरह से रखा तो इस महासाह म आप माला, स , स मान, गहने, घरेलू सुख और
भू म और धन के अ ध हण का आनंद ले रहे ह गे। आपक संप म वृ , आपके प रवार के जीवन म खुशी और आपके
बौ क ग त व धय म सफलता होगी। आप अपने दो त के च को बढ़ाना होगा और आप धा मक मामल के लए
कोप ह गे। आप भी सामा य समृ , ापार म समृ और आपके गत वसाय और वसाय म भी प ंच सकते
ह।
य द चं मा कमजोर है तो इस महाशाह म आप मान सक तनाव से पी ड़त हो सकते ह। आप ठं ड, एलज और पेट क
सम या से पी ड़त हो सकते ह, ीण हो जाओ, अ म और नाखुश हो धन क हा न, अपमान, प रवार के जीवन म
गलतफहम और अनाव यक बुरा त ा और परेशानी आपको अलग-अलग तरीक से समझगी। अपने दशा म चं मा के
नकारा मक भाव पर काबू पाने के लए, आपको मं मं क ज रत है या शव पंचप ी मं भी नय मत प से चं
ह क तो का जप करते ह।

मंगल महादशा : 04.06.2096 से


े ो े ै ो े ेऔ ी ौ े
य द आपके चाट म मंगल को अ छ तरह से रखा गया है, तो आप धन, कपड़े, गहने और अ य सभी भौ तक सुख के साथ
दखाएंगे। ताजा नयु यां, लाभ, जीत, संबंध म वृ और आपके सभी सामा य सुख और इ छा को पूरा कया
जाएगा भी आपका रा ता आ जाएगा। आपके सामा जक रक, त ा, थ त और त ा के कारण आपको मौ क धन
ा त होने क संभावना है। आप ऊजावान और सफल होने क भी संभावनाएं ह
य द मंगळ कमजोर ह तो शाद म वलंब होगा। आप वा य सम या से पी ड़त हो सकता है आप इस महा दशा म
जमीन, घर या अचल संप खो सकते ह। इन सम या को र करने के लए आपको कुजा मं या कुंज तो का जप
करना होगा। इसके अलावा, बेहतर प रणाम के लए भगवान सु म य या नृ सह क पूजा कर

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