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श्रमण भगवान महावीर (फोल्डर नं. ००८०६८)
ममममम ममममम
ममममम मम मममममम -------------------------------------------------- म
ममममममममम
मममममममममममम मममममममम ------------------------------------------- म
मम. मममम मममममममममममम ममम --------------------------------------- म
मममममममममम ------------------------------------------------------ मम
मममममममममम ------------------------------------------------------ मम
प्राक्कथन -------------------------------------------------------- १७
सामग्री ----------------------------------------------------------- १८
भगवान का छद्मस्थ जीवन ----------------------------------------------२०
केवली जजवन का रे खाजित्र ---------------------------------------------२०
उपपजि ------------------------------------------------------------------------------------------------------- २५
आधारस्तं भ -------------------------------------------------------- ३३
सामान्य हे तु संग्रह -------------------------------------------------- ३५
रे खािीत्र की आवश्यकता---------------------------------------------- ३७
हमारा उद्दे श ------------------------------------------------------ ३८
शै ली ------------------------------------------------------------३९
खु लासा ----------------------------------------------------------३९
जसद्धाथथ व्यन्तर -------------------------------------------------- ४०
भगवान महावीर की जन्मभूजम ---------------------------------------- ४१
भगवान की केवलज्ञानभूजम ------------------------------------------ ४३
महावीर की जनवाथ णभू जम -------------------------------------------- ४५
पाठकगण से प्राथथ ना ------------------------------------------------- ४५
मममममममम -------------------------------------------------------- मम
मममममममम
प्रथम पररच्छे द
१. गृहस्थ जीवन ----------------------------------------------- १-१३
तत्कालीन पररस्स्थजत ---------------------------------------------- १
च्यवन और जन्म----------------------------------------------- ४
बाल्यावस्था --------------------------------------------------- ८
आमलकी क्रीडा ----------------------------------------------- ८
ले खशाला प्रवेश ----------------------------------------------- ९
जववाह और संतजत ---------------------------------------------- १०
अजभजनष्क्रमण ------------------------------------------------- ११
दू सरा पररच्छे द
२. तपस्वी जीवन ---------------------------------------------- १४-४६
पहला वर्थ --------------------------------------------------- १४
मोराक से िातुमाथ स्य में जवहार -----------------------------------१५
अस्स्थकग्राम में शूलपाजण के िैत्य में स्स्थरता -------------------------१६
दस स्वप्न और उत्पल द्वारा उनका फल कथन ------------------------ १८
दू सरा वर्थ ---------------------------------------------------२०
िण्डकौजशक प्रजतबोध -----------------------------------------२२
नाव से गंगा पार कर राजगृजहकी तरफ जवहार -----------------------२२
गोशालक का स्वीकार --------------------------------------- २४
तीसरा वर्थ -------------------------------------------------- २५
सुवणथखल की तरफ जवहार ------------------------------------ २५
ब्राह्मणगााँ व होकर िम्पा को गये और िातुमाथ स्य... ------------------- २६
िौथा वर्थ --------------------------------------------------- २६
िंपा से कालाय, पिकालय.... -------------------------------- २६
कुमारा से िोराक गये और पकडे गये ---------------------------- २७
िौथा वर्ाथ वास पृष्ठिम्पा में जकया -------------------------------- २८
पााँ िवााँ वर्थ -------------------------------------------------- २८
दररद्दथे रों के दे वल में राजत्रवास --------------------------------- २८
कयंगला से श्रावस्ती... -------------------------------------- २८
आविा िोराय होकर... ------------------------------------- २९
राढ़भू जम में भ्रमण ------------------------------------------- ३०
मलयदे श के भजद्दलपुर में िातुमाथ स्य ------------------------------- ३०
छठ्ठा वर्थ ---------------------------------------------------- ३०
भजद्दलनगरी में कयली से समागम... ----------------------------- ३१
कूजपय संजनवेश में पकडा जाना ---------------------------------- ३१
गोशालक का जु दा जवहार -------------------------------------------------------------------- ३१
वैशाली होकर ग्रामाक गये... ---------------------------------- ३१
शाजलशीर्थ के बाहर कटपूतना का उपसगाथ --------------------------- ३१
छठ्ठावर्ाथ वास भजद्दया में ----------------------------------------३२
सातवााँ वर्थ ---------------------------------------------------३२
वर्ाथ वास आलंजभया में -----------------------------------------३२
आठवााँ वर्थ --------------------------------------------------३२
लोहागथला में जगरफ्तारी ---------------------------------------- ३३
पुररमताल होकर राजगृह और आठवा वर्ाथ वास ------------------------ ३३
नौवााँ वर्थ ---------------------------------------------------- ३३
अनायथदेश में जवहार और वर्ाथ वास -------------------------------- ३३
दसवााँ वर्थ -------------------------------------------------- ३४
तेजोलेश्या की साधनाजवजध ------------------------------------- ३४
गोशालक का तेजोले श्या साधन और जनजमिपठन --------------------- ३४
वैशाली के बाहर शंख गणराज... ------------------------------ ३६
वाजणज्य के पास नाव द्वारा... --------------------------------- ३६
आनन्द श्रमणोपासक द्वारा... ---------------------------------- ३६
दसवााँ वर्ाथ वास श्रावस्ती में------------------------------------- ३६
ग्यारहवााँ वर्थ ------------------------------------------------ ३६
सानु लजिय संजनवेश में भद्र महाभद्राजद प्रजतमा ------------------------ ३६
संगमक दे व के उपसगथ -------------------------------------- ३७
पोलास िैत्य में रात भर में २० उपसगथ --------------------------- ३७
तोसजलगााँ व में फां सी लगाना ----------------------------------- ३८
संगमक का जाना और...------------------------------------ ३८
श्रावस्ती में स्कन्द की मू जतथ द्वारा सत्कार ----------------------------३९
ग्यारहवााँ वर्ाथ वास वैशाली में ----------------------------------- ४०
पूरण श्रे ष्ठी के घर िातुमाथ जसक तप का पारणा ----------------------- ४०
बारहवााँ वर्थ ------------------------------------------------- ४०
िमरोत्पात------------------------------------------------ ४०
कौशाम्बी में जभक्षाजवर्यक... ----------------------------------- ४१
बारहवााँ वर्ाथ वास िम्पा में ------------------------------------- ४२
स्वाजतदि के जवजवध प्रश्न -------------------------------------- ४२
तेरहवााँ वर्ाथ वास ---------------------------------------------- ४४
जं जभय, जमंजिय होकर... ------------------------------------- ४४
काष्ठशलाकाओं का जनकालना ----------------------------------- ४५
तप की संख्या -------------------------------------------- ४५
जं जभय गााँ व के बाहर ऋजुबालु का के तट पर केवल ------------------- ४६
तीसरा पररच्छे द
तीथं कर जीवन ----------------------------------------------- ४७-१२३
प्रथम समवसरण ऋजु वालु का तट पर... ----------------------------- ४७
पावामध्यमा के महासेन... -------------------------------------- ४७
इन्द्रभू जत आजद ११ जवद्वानों का... ---------------------------------- ४८
पुनजथ न्म की जसस्द्ध और इन्द्रभू जत गौतम की प्रव्रज्या ---------------------- ५०
कमाथ त्मसंबंध-जसस्द्ध... ----------------------------------------- ५३
शरीराजतररक्त आत्मा की जसस्द्ध... --------------------------------- ५८
द्वै तजसस्द्ध और आयथव्यक्त की दीक्षा ----------------------------------६१
भवान्तर में असदृशयोजनजसस्द्ध... ---------------------------------- ६३
बन्धमोक्षजसस्द्ध और गणधर मं डीक की दीक्षा --------------------------- ६४
दे वलोकजसस्द्ध और मौयथपुत्र की दीक्षा -------------------------------- ६७
नरकगजतजसस्द्ध और अकस्म्पक की दीक्षा------------------------------ ६९
पुण्यपाप जवर्यक शं काजनरास और अिलभ्राता की दीक्षा ------------------- ७०
भौजतकवाद का जनरसन तथा मे तायथ की दीक्षा -------------------------- ७१
मोक्ष जवर्यक शं का जनरावस और प्रभास की दीक्षा ----------------------- ७२
मध्यमा के समवसरण में ब्राह्मणों की दीक्षाये... ------------------------ ७३
राजगृह की ओर प्रस्थान और उपदे श ------------------------------- ७४
मनु ष्यत्व की दु लथभता ------------------------------------------- ७५
धमथ श्रवण की दु लथभता ------------------------------------------ ७५
सत्यश्रद्धा और संयमवीयथ की दु लथभता -------------------------------- ७५
मु जनधमथ के महाव्रत -------------------------------------------- ७६
गृहस्थधमथ के द्वादशव्रत ----------------------------------------- ७७
िौदहवााँ वर्थ ------------------------------------------------- ७९
जवदे ह की ओर जवहार... ------------------------------------ ७९
पंदरहवााँ वर्थ ------------------------------------------------- ८१
कौशाम्बी के िन्द्रावतरण में समवसरण... ------------------------- ८२
सोलहवााँ वर्थ ------------------------------------------------ ८६
कालजवर्यक पररभार्ा ---------------------------------------- ८६
सत्रहवााँ वर्थ --------------------------------------------------९०
वीतभयपिन राजा का उदायन -----------------------------------९०
िम्पा से वीिभयपिनगमन -------------------------------------९०
स्थलीप्रदे श में श्रमणों को आहार पानी का कष्ट ----------------------- ९१
अठारहवााँ वर्थ ------------------------------------------------ ९२
पोग्गल पररव्राजक की प्रव्रज्या ---------------------------------- ९२
िुल्लशतक का श्राद्धधमथ स्वीकार -------------------------------- ९४
उन्नीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------ ९४
राजगृह में २३ श्रे जणकपुत्रों तथा १३ श्रे जणकराजनयों की दीक्षा -------------- ९४
आद्रथ कगोशालक संवाद --------------------------------------- ९५
आद्रथ कमु जन का शाक्यपुत्रीय जभक्षु ओं के साथ संवाद -------------------- ९८
आद्रथ क की ब्राह्मणों के साथ ििाथ -------------------------------- ९९
आद्रथ क का सां ख्यसन्याजसयों को उिर ----------------------------- १००
आद्रथ क का हस्स्ततापसों के साथ वाद ----------------------------- १०१
आद्रथ कमु जन द्वारा पााँ ि सौ िोरों को प्रजतबोध और.. ------------------- १०१
बीसवााँ वर्थ -------------------------------------------------- १०१
आलजभया में समवसरण... ----------------------------------- १०२
कौशाम्बी समवसरण... -------------------------------------- १०३
जवदे ह को प्रयाम ------------------------------------------- १०४
इक्कीसवााँ वर्थ ----------------------------------------------- १०४
जमजथला, काकंदी कास्म्पल्य होकर पोलासपुर गमन --------------------- १०४
आजीजवकोपासक सद्दालपुत्र ------------------------------------ १०४
सद्दालपुत्र को महावीर का प्रजतबोध ------------------------------- १०५
गोशालक द्वारा सद्दालपुत्र के सामने महावीर की प्रशंसा ----------------- १०६
सद्दालपुत्र का उजित आिार ----------------------------------- १०९
बाईसवााँ वर्थ ------------------------------------------------- ११०
पार्श्ाथ पत्यों के राजत्र-जदन की अनन्तता... -------------------------- १११
लोक-अलोक आजद के पहले -पीछे ... ---------------------------- ११२
लोकस्स्थजत के सम्बन्ध में गौतम के प्रश्न --------------------------- ११४
तेईसवााँ वर्थ ------------------------------------------------- ११४
किंगला के छत्रपलास िैत्य में समवसरण -------------------------- ११५
स्कन्दक प्रव्रज्या -------------------------------------------- ११५
िौबीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------ १२१
जमाजल का पृथक् जवहार ------------------------------------- १२१
पार्श्ाथ पत्यों की दे शना का समथथ न -------------------------------- १२२
पिीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------- १२३
िम्पा में श्रे जणकपौत्र पद्म आजद १० राजपुत्रों की दीक्षा ------------------ १२३
छब्बीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------ १२३
कूजणक की वैशाली पर िढ़ाई ---------------------------------- १२४
भगवान का िम्पा की तरफ जवहार और... ------------------------ १२४
सिाईसवााँ वर्थ ----------------------------------------------- १२४
जमजथला से श्रावस्स्त को जवहार ---------------------------------- १२५
गोशालक प्रकरण --------------------------------------------- १२५
गोशालक और उसकी उत्पजि ---------------------------------- १२५
गोशालक का अनगार आनन्द द्वारा धमकी भरा संदेश------------------ १२८
गोशालक का भगवान के पास आगमन---------------------------- १२८
गोशालक द्वारा आजीजवक मत की... ---------------------------- १२९
सुनक्षत्र और सवाथ नुभूजत पर गोशालक का अत्यािार-------------------- १३३
महावीर पर तेजोले श्या का जनष्फल प्रयोग -------------------------- १३४
जनग्रथन्थश्रमणों की गोशालक के साथ ििाथ --------------------------- १३४
गोशालक का स्वस्थानगमन और बीमार होना ------------------------ १३८
अयंपुल का गोशालक के पास जाना... -------------------------- १३८
गोशालक की सख्त बीमारी और जभक्षु संघ... ----------------------- १३९
आजीजवकों द्वारा गोशालक का अंजतम संस्कार ----------------------- १४०
श्रमण भगवान की बीमारी और रे वती द्वारा दी गई.. ------------------ १४०
जमाली का मतभे द -------------------------------------------- १४३
िम्पा के पूणथभद्र िैत्य में ... ---------------------------------- १४५
श्रावस्ती में िं क ने साध्वी जप्रयदशथ ना को समझाया -------------------- १४६
अिाईसवााँ वर्थ ----------------------------------------------- १४६
केशी-गौतम संवाद----------------------------------------- १४७
जशवराजर्ी और उनका सात समु द्रजवर्यक ज्ञान ---------------------- १५२
जशवराजर्ी की जनग्रथन्थ दीक्षा -----------------------------------१५६
मोका आजद नगरों में जविरने के उपरान्त... ---------------------- १५७
उनतीसवााँ वर्थ ---------------------------------------------- १५७
आजीजवकों के आक्षे पों के सम्बन्ध में गौतम के प्रश्न ------------------ १५७
श्रमणोपासक और आजीवकोपासक ------------------------------- १५८
तीसवााँ वर्थ -------------------------------------------------- १५९
शाल-महाशाल की प्रव्रज्या ------------------------------------ १६०
श्रमणोपासक कामदे व के दृष्टान्त... ------------------------------ १६०
दशाणथभद्र की दीक्षा ----------------------------------------- १६१
पंजडत सोमील की ज्ञानगोष्ठी ------------------------------------ १६१
इकतीसवााँ वर्थ -----------------------------------------------१६५
श्रमणोपासक अम्बड पररव्राजक ---------------------------------१६५
कास्म्पल्य से वैशाली को ------------------------------------- १६७
बिीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------ १६८
पार्श्ाथ पत्य गां गेयकी प्रश्नपरं परा ----------------------------------- १६८
तेतीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------- १७१
अन्यतीजथथ कों की मान्यता... ----------------------------------- १७१
श्रु त और शील की श्रे ष्ठता के जवर्य में प्रश्न ------------------------- १७१
जीव और जीवात्मा के जवर्य में प्रश्न------------------------------१७२
केवली की भार्ा के सम्बन्ध में प्रश्न ------------------------------१७२
पृष्ठिम्पा में गागजल आदी की जदक्षाये ----------------------------- १७३
श्रमणोपासक मद् दु क और कालोदयी आजद... ---------------------- १७३
िौतीसवााँ वर्थ ----------------------------------------------- १७६
पंिास्स्तकाय के जवर्य में अन्य तीजथथ कों का ऊहापोह ----------------- १७७
कालोदायी का महावीर के साथ संवाद और पररव्रज्या ----------------- १७८
इन्द्रभू जत गौतम और पार्श्ाथ पत्य उदकपेिाल का संवाद ------------------१७८
अनगारों का जवपुलािल पर अनशन ------------------------------ १८५
पैत
ाँ ीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------- १८५
वाजणज्यग्राम में सुदशथ न श्रे ष्ठी की प्रव्रज्या --------------------------- १८५
श्रमणोपासक का अवजधज्ञान... -------------------------------- १८७
छिीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------ १८८
साकेत नगर में कोजटवर्थ के जकरातराज जनग्रथन्थप्रव्रज्या ------------------ १८८
कां जपल्य आजद में जवहार -------------------------------------- १९०
सैंतीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------ १९०
अन्य तीजथथ कों के आक्षे पक प्रश्न --------------------------------- १९१
अनगार कालोदयी के प्रश्न ------------------------------------- १९३
अशु भ कमथ करण जवर्य में ----------------------------------- १९३
अजिकाय के आरं भ के--------------------------------------- १९४
अजिि पुद्गलों के प्रकाश के जवर्य में ----------------------------- १९५
अडतीसवााँ वर्थ ----------------------------------------------- १९५
अन्य तीजथथ कों की मान्यताओं के सम्बन्ध में ...---------------------------------------- १९६
जक्रयाकाल और जनष्ठाकाल के जवर्य में ---------------------------- १९६
परमाणुओं के संयोग-जवयोग संबंध में ----------------------------- १९६
भार्ा के भार्ात्व के सम्बन्ध में --------------------------------- १९६
जक्रया की दु ुःखात्मा के जवर्य में -------------------------------- १९६
दु ुःख की अकृजत्रमता के जवर्य में ------------------------------- १९६
भगवान् के उिर -------------------------------------------१९७
एक समय में दो जक्रयाओं के जवर्य में --------------------------- १९८
जनग्रथन्थों के दे वभव के भोगसुख जवर्य में --------------------------- १९९
अिलभ्राता और मे तायथ का जनवाथ ण ------------------------------- १९९
उनिालीसवााँ वर्थ ---------------------------------------------- २००
मजणनाग िैत्य में गौतम के ज्योजतर् जवर्यक प्रश्न --------------------- २०१
िालीसवााँ वर्थ ------------------------------------------------ २०१
जवदे ह में जवहार और अनेक प्रव्रज्यायें ----------------------------- २०१
इकतालीसवााँ वर्थ ---------------------------------------------- २०१
महाशतक को िेतावनी --------------------------------------- २०१
राजगृह के उष्णजलहृद के जवर्य में गौतम के प्रश्न ------------------- २०३
आयुष्य कमथ के जवर्य में ------------------------------------- २०४
मनु ष्यलोक की मानववस्ती के सम्बन्ध में --------------------------- २०४
सुख अथवा दु ुःख पररमाण के जवर्य में ----------------------------२०५
एकान्त दु ुःखवेदना के सम्बन्ध में --------------------------------२०६
बयालीसवााँ वर्थ -----------------------------------------------२०६
दु ष्षमदु ष्षमकाल का भारतवर्थ और उसके मनुष्य ---------------------२०६
अपापा के उद्यान में कालिक्र और तत्कालीन... ------------------- २०७
हस्स्तपाल की रज्जु गसभा -------------------------------------- २१३
मममममममम मममम
प्रथम पररच्छे द
जशष्य संपदा ----------------------------------------------- २१७-२२७
इन्द्रभू जत गौतम ----------------------------------------------- २१८
अजिभू जत गौतम ----------------------------------------------- २१९
वायुभूजम गौतम ----------------------------------------------- २२०
आयथव्यक्त -------------------------------------------------- २२०
सुधमाथ ----------------------------------------------------- २२१
मं जडक----------------------------------------------------- २२२
मौयथपुत्र ---------------------------------------------------- २२३
अकंजपत --------------------------------------------------- २२३
अिलभ्राता --------------------------------------------------२२४
मे तायथ ---------------------------------------------------- २२५
प्रभास ---------------------------------------------------- २२६
एकादश गणधरकोष्ठक ----------------------------------------- २२७
जद्वतीय पररच्छे द
प्रविन --------------------------------------------------- २२८-२५०
सामान्य उपदे श ----------------------------------------------२२८
आत्मजवर्यक जभन्न जभन्न कल्पनायें ---------------------------------- २२९
लोकजवर्यक दाशथजनकों की कल्पनायें -------------------------------- २२९
जनयजतवाजदयों का खं डन ----------------------------------------- २३०
अज्ञानवाजदयों का खं डन ----------------------------------------- २३०
जक्रयावादी-बौद्धमत का खंडन ------------------------------------- २३२
भोजनदोर्ों के कमथ बन्ध ----------------------------------------- २३२
जगत की उत्पजि के सम्बन्ध में जवजवध कल्पनाएं ------------------------ २३४
आजीजवकों की आत्मा के जवर्य में मान्यता ---------------------------- २३४
धर्म्थ श्रुत-श्रमणधमाथ िरण का सामान्य उपदे श---------------------------- २३४
दाशथ जनकों की मुलशाखायें-जक्रयावाद, अजक्रयावाद... --------------------- २३७
पुण्डरीक दृष्टान्त ---------------------------------------------- २३९
दाष्टाथ स्न्तक स्वरूप – तज्जीवतच्छरीरवाद... ----------------------------२४२
पुण्डरीक का उद्धारक जभक्षु ------------------------------------- २४६
तृतीय पररच्छे द
भगवान् महावीर के पूवथभव ----------------------------------------- २५१
पहला और दू सरा भव ------------------------------------------ २५१
बलाजधक की कथा -------------------------------------------- २५१
तीसरा और िौथा भव ----------------------------------------- २५२
मरीिी की कथा ----------------------------------------------२५३
पााँ िवा भव------------------------------------------------- २५४
कौजशक ब्राह्मण और आन्तरभव ----------------------------------- २५४
छठा और सातवााँ भव ----------------------------------------- २५४
पुष्यजमत्र और सौधमथ देव ---------------------------------------- २५४
आठवााँ और नौवााँ भव ----------------------------------------- २५४
अजिद्यौत और ईशानदे व ---------------------------------------- २५४
दसवााँ और ग्यारहवााँ भव --------------------------------------- २५४
अजिभू जत और सनत्कुमारदे व ------------------------------------- २५४
बारहवााँ और तेरहवााँ भव --------------------------------------- २५४
भारद्वाज और माहे न्द्रदे व ---------------------------------------- २५४
िौदहवााँ और पन्द्रहवााँ भव -------------------------------------- २५५
स्थावरजद्वज और ब्रह्मदे व ---------------------------------------- २५५
सोलहवााँ और सत्रहवााँ भव -------------------------------------- २५५
जवर्श्भू ती की कथा -------------------------------------------- २५५
अठारहवााँ और उन्नीसवााँ भव ------------------------------------ २५८
जत्रपृष्ठ की कथा --------------------------------------------- २५९
बीसवााँ , ईक्कीसवााँ और बाईसवााँ भव---------------------------------२६०
तेईसवााँ और िौबीसवााँ भव --------------------------------------- २६१
जप्रयजमत्र और दे व --------------------------------------------- २६१
पिीसवााँ और छब्बीसवााँ भव -------------------------------------- २६१
नन्दन मु जन की कथा ------------------------------------------- २६१
सिाईसवा भव ----------------------------------------------- २६१
महावीर ---------------------------------------------------- २६१
ितुथथ पररच्छे द
जमाजलप्रवजतथत बहुरत संप्रदाय ---------------------------------२६२-२६५
पंिम पररच्छे द
आजीवकमतजदग्दशथ न ------------------------------------------ २६६-२९१
प्रास्तजवक और नामजनरुस्क्त -------------------------------------- २६६
प्रवतथक और प्रवतथनसमय --------------------------------------- २६८
धाजमथ क आिार ---------------------------------------------- २७२
धाजमथ क तथा दाशथजनक जसद्धान्त ----------------------------------- २७७
आजीवक औऱ जदगम्बर ----------------------------------------- २८३
आजीवकों का इजतहास ---------------------------------------- २८६
उपसंहार --------------------------------------------------- २९०
र्ष्ठ पररच्छे द
जजनकल्प और स्थजवरकल्प -------------------------------------- २९२-३५४
जजनकस्ल्पक ------------------------------------------------- २९२
स्थजवरकस्ल्पक ----------------------------------------------- २९४
जदगम्बरािायों का स्थजवरकल्प ------------------------------------ २९५
मतभे द का अंकुर -------------------------------------------- २९६
मतभे दां कुर की नवपल्लजवता --------------------------------------२९९
जदगम्बर सम्प्रदाय का आजदपुरुर् जशवभू जत ----------------------------- ३०१
औत्सजगथक और आपवाजदक जलं ग ----------------------------------- ३०१
जशवभू जत ने अपवाद रूप से वस्त्रपात्र की छूट... ---------------------- ३०३
मतभे द का पररणाम ------------------------------------------- ३०८
जशवभू जत के अनु यायी बाद में यापनीय... ---------------------------- ३०८
कुन्दकुन्द, दे वनन्दी आजद की नई परम्परा ----------------------------- ३१३
भट्टारक दे वसेन के मत से र्श्े ताम्बरोत्पजि ----------------------------- ३१४
पं. वामदे व के जविार से र्श्े ताम्बरोनामजनरुस्क्त -------------------------- ३१६
भद्रबाहु के दजक्षणापथ में जाने और... ------------------------------ ३१७
जदगम्बरोक्त दं तकथाओं की जममां सा --------------------------------- ३२०
र्श्े ताम्बर वा जदगम्बरों के सम्बन्ध में ... ------------------------------ ३२४
र्श्े ताम्बर सम्प्रदाय की प्रािीनता ------------------------------------ ३२८
आधुजनक जदगम्बर जै न परम्परा की अवाथ िीनता ------------------------- ३३३
र्श्े ताम्बर-जै न आगम और जदगम्बर ग्रन्थ ------------------------------ ३३८
पहले जदगम्बर र्श्े ताम्बरमान्य आगमों को मानते थे ------------------------ ३४१
भगवतीआराधना, मूलािार आजद प्रािीन... ---------------------------- ३४१
जदगम्बरग्रन्थ जलखने की कथा ------------------------------------- ३५१
उपसंहार -------------------------------------------------- ३५४
जवहारस्थल नामकोर् ------------------------------------------------ ३५९

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