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Durgasaptshati PDF
Durgasaptshati PDF
संकल्प:- दा वहने हाथ मे जल लेत मै ……..अमुक……… गोत मे ज जनमा,……… ………. यहाँ आपके वपमता का
नाम………. ……… का पुत……………………….. वन्ासी…………………..आपका पमता……………………….
आज सभी दे ्ी-दे ्मताओ को साकी मानमते हुए दगारीं सपमतशमती की पुजा ् पात, गणपमती और गुर जी की पुजा
मामता की कृपा पारपमत के शलए कर रहा हँ जल और सामगी को छोड दे
3-गणेश पूजन
4-गुर पूजन
""ऊँ ह् कल् श्र् कां कर चचणणणकादे व् शापनाशानुगहं कुर कुर स्ाहा ""
इलसके पशामत उतकीलन मंत का इलककीस बार उचचारण करें --ऊँ श्र् कल् ह् सपमतशी चचणणणके उतकीलनं कुर कुर
स्ाहा तत
वफिर अगरींलासमतोत का करें. आगे कीलक पढे ़ ,कीलक पढने के बाद ,रा वतसूक, व् वनयोग करें,ऋष्यादद जनयास,कर जनयास,
हृदयादद जनयास, अकर जनयास ,ददण् जनयास, न्ाणरीं मंत का एक माला जाप
Sadhanahijiwan@gmail.com हमारा दूसरा च्नल( शुभ लाभ व्थ शश्म जी )ह्(Shubh labh with shivam
ji) इलसपर साधनाओ ् मतां वतक पयोगो की जानकारी दी गई ह्