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सामान्य तनददेश र्
1. इस प्रश्न-ऩत्र भें चाय खंड हैं – क, ख, ग औय घ।
2. सबी खंडों के प्रश्नों के उत य ेे ना निनाामय ह। ।
3. मथासंबा प्रतमेक खंड के प्रश्नों के उत य ्रमभ से िरिख।।
4. ।क नंक के प्रश्नों का उत य रगबग 15-20 शब्ेों भें िरिख।।
5. ेो नंकों के प्रश्नों का उत य रगबग 30-40 शब्ेों भें िरिख।।
6. ीन नंकों के प्रशनों का उत य रगबग 60-70 शब्ेों भें िरिख।।
7. ऩााँच नंकों के प्रश्नों का उत य रगबग 120-150 शब्ेों भें िरिख।।
खंड – क अंक- 91
(अतहिि अंर्)
(1) तनम्नलिऱिखि ग्यांर् को ्यानत्िक
श तकरकर त् े गप प्रश्नों के तिर
लिऱिखप।
आेिभमों की ि जाय कयना भूखों का काभ ह। । सोने औय रोहे के
फेरे भनुष्म को फेचना भना ह। । आजकर बाऩ की करों का ेाभ ो
हजायों रूऩमा ह। ; ऩयं ु भनुष्म कड़ी ी के सड-सड बफक े हैं! सोने औय
चााँेी की प्राप्त से जीान का आनंे नहीं िभर सक ा। सच्चा आनंे
ो भुझे भेये काभ से िभर ा ह। । भुझे नऩना काभ िभर जा। ो फपय
स्ागय प्राप्त की इच् ा नहीं, भनुष्म-ऩूजा ही सच्ची ईश्ाय-ऩूजा ह। । आज
से हभ नऩने ईश्ाय की राश फकसी ास् ,ु स्थान मा ीथय भें नहीं
कयें गे। नफ ो मही इयाेा ह। फक भनुष्म की ननभोर आतभा भें ईश्ाय
के ेशय न कयें गे मही आर्य ह। – मही धभय ह। । भनुष्म के हाथ से ही
ईश्ाय के ेशय न कयाने ाारे िनकर े हैं। बफना काभ, बफना भजेयू ी,
बफना हाथ के करा-कडशर के वाचाय औय चचं न फकस काभ के! प्जन
ेे शों भें हाथ औय भाँह
ु ऩय भजेयू ी की धर
ू नहीं ऩ़ी ने ऩा ी ाे धभय
औय करा-कडशर भें कबी उन्नि नहीं कय सक ।े ऩद्भासन िनकम्भे
िसद्ध हो चक
ु े हैं। ाही आसन ईश्ाय-प्राप्त कया सक े हैं प्जनसे
जो ने, फोने, कार्ने औय भजेयू ी का काभ िरमा जा ा ह। । रक़ी ी, ईंर्
औय ऩतथय को भूि भ
य ान कयने ाारे रुहाय, फढ़ई, भेभाय था फकसान
आदे ा।से ही ऩरू
ु ष हैं ज।से कवा, भहातभा औय मोगी आदे। उत भ से
उत भ औय नीच से नीच काभ, सफके सफ प्रेभरूऩी शयीय के नंग हैं।
(क) आेिभमों की ि जाय से आऩ क्मा सभझ े हैं? 2
खंड – ख 96
(व्यािहाररक व्याकर )
(2) शब्े औय ऩे के नं य को उेाहयण द्ााया स्ऩष्र् कीप्ज।। 1
(3) िनम्निरिख ााक्मों को िनेशान शानुसाय फेिर। 1×3=3
(क) ााभीयो कु सचे हुई औय घय की यप ेड़ी ी। (सयर ााक्म भें )
(ख) सुबाष फाफू को ऩक़ी कय रार फाजाय रॉकनऩ भें बेज देमा गमा।
(संमुक् ााक्म भें फेिर।)
(ग) बाई साहफ ने उ रकय ऩ ंग की डोय ऩक़ी री औय ात्रााास की
ओय ेड़ी ऩ़ी े। (िभश्र ााक्म भें )
(4) िनम्निरिख सभस् ऩेों का वा्रहह कीप्ज। था सभास का नाभ 1×2=2
(क) िरिख। –
याजे ू , धऩ
ू -ेीऩ
(ख) िनम्निरिख वा्रहहों के सभस् ऩे फनाकय सभास का नाभ िरिख। – 1×2=2
भि के ननुसाय, ीन गण
ु ों का सभूह
(5) तनम्नलिऱिखि िा्यों को र्ध्र् करके लिऱिखप 1×4=4
(क) घो़ी े ऩय िसऩाही सााय था।
(ख) कनय र ाजीय नरी को नहीं ऩहचाना।
(ग) ाह ।क ह भंप्जरा इभाय थी।
(घ) ााह याभ! मह क्मा हो गमा।
(6) धिि मधहािरों ्िारा रर्ि ् ान को त्रा किए प - 1×4=4
(क) बाई साहफ का यडद्र रूऩ ेे खकय ................................... जा े।
(ख) ाजीय नरी फयसों से हभायी ................................... झोंक यहा ह। ।
(ग) गामन इ ना प्रबााी था फक ाह नऩनी ........................... रगा।
(घ) जफ हभायी कऺा भें आओगे रारा फ............आ।ंगे।
खंड – ग 08
(ताठ्य तध्िक पिं त्रक ताठ्य तध्िक )
(7) तनम्नलिऱिखि प्रश्नों में से ककन्ही िीन के तिर लिऱिखप। 2+2+2=6
(क) फ़ी े फाजाय के प्राम: भकानों ऩय याष्रीम झंडा पहयाने के क्मा कायण
थे? (30-40 शब्ेों भें )
(ख) ााँया – ााभीयों की प्रेभकथा िनकोफारयमों के घय-घय क्मों सन
ु ाई जा ी
ह। ? (30-40 शब्ेों भें )
(ग) मेल्ेीयीन ने मूफ्रमन को ेोषी क्मों ठहया यहा था ?
(घ) नयफ भें रशकय को नूह के नाभ से क्मों माे कय े हैं ?
(8) सभाज के ऩास नगय शाश्ा भूल्मों ज।सा कु ह। ो ाह आेशय ााेी 5
रोगों का ही देमा हुआ ह। – ‘चगन्नी का सोना ऩाठ’ के आधाय ऩय 80-
100 शब्ेों भें कथन का वाश्रेषण कीप्ज।।
अ िा
‘भुट्ठीबय आेभी औय मे ेभखभ’ – कथन के आरोक भें 80-100
शब्ेों भें ाजीय नरी का चरयत्र-चचत्रण कीप्ज।।
(9) िनम्निरिख प्रश्नों भें से फकन्हीं ीन के उत य िरिख। 2+2+2=6
(क) कफीय िनंेक व्मप्क् को नऩने साभने यखने की फा क्मों कय े हैं?
(30-40 शब्ेों भें )
(ख) झयनों की ुरना फकससे की गई ह। औय क्मों? (30-40 शब्ेों भें )
(ग) ऩहरे ऩे भें भीया ने हरय से नऩनी ऩी़ी ा हयने की वान ी फकस प्रकाय
की ह। ?
(घ) कंऩनी फाग भें यखी ोऩ क्मा सीख ेे ी ह। ?
(10) ‘आतभत्राण’ कवा ा का संेेश (80-100 शब्ेों भें ) नऩने शब्ेों भें 5
िरिख।।
अ िा
‘भनष्ु म ा’ कवा ा से हभें जीान की सीख िभर ी ह। – क।से ? 80-
100 शब्ेों भें स्ऩष्र् कीप्ज। ?
(11) ‘हरयहय काका ।क सीधे-साेे औय बोरे फकसान की नऩेऺा च यु हो 3
(क) चरे थे’ कथन के संेबय भें 60-70 शब्ेों भें वाचाय व्मक् कीप्ज।।
(ख) स्कूर फकस प्रकाय की प्स्थि भें नच् ा रगने रग ा ह। औय क्मों ? 3
खंड – घ 26
(ऱेखन)
(12) तनम्नलिऱिखि में से ककसी पक विषय तर 81-911 र्ब्दों में अनधछ े द 6
लिऱिखप।
(क) जंगर की सुयऺा
सुयऺा से निबप्राम
सुयऺा से राब
हािन
हभायी बिू भका
(ख) क।से फेरेगी पुर्ऩाथ की ेिु नमा
पुर्ऩाथ क्मा ह।
पुर्ऩाथ की सभस्मा
हभायी बूिभका
फेराा के िर। सुझाा
(ग) साय-साय को गदह यहे , थोथा ेे म उ़ी ाम
सूप्क् का नथय
कथन का स्ऩष्र्ीकयण
सभाज के रोगों से संफंध
ा।चारयक निबव्मप्क्
(13) कंतमर्
ू य र।फ भें दहन्ेी भें काभ कयने की सवु ाधा के िर। ‘दहन्ेी 5
पॉन्र्’ की व्मास्था कयााने का आ्रहह कय े हु। प्राचामय ्प्राचामाय को
80-100 शब्ेों भें आाेेन ऩत्र िरिख।।
अ िा
सभाज भें फढ़ े नऩयाध को योकने के िर। नागरयकों को जागरूक
कयने का आ्रहह कय े हु। फकसी े। िनक नखफाय के संऩाेक को 80-
100 शब्ेों भें ऩत्र िरिख।।
(14) आऩ नऩने वाद्मारम भें सादहतम – क्रफ ‘शब्े-िशल्ऩी’ के सचचा ह। । 5
शिनााय को आगाभी सादहप्तमक गि वाचधमों ऩय चचाय हे ु फ।ठक फुराई
गई ह। , प्जसकी सूचना 40-50 शब्ेों भें ।माय कीप्ज।।
अ िा
नेहरू मा
ु ा क्रफ की ओय से भ ेा ा जागरूक ा निबमान भें शािभर
होने के िर। मा
ु ाओं के साथ होने ाारी फ।ठक की जानकायी ेे े हु।,
नध्मऺ की ओय से 40-50 शब्ेों भें सचू ना िरिख।।
(15) फीभाय औय डॉक्र्य के फीच होने ाारी फा ची को रगबग 50-60 5
शब्ेों भें संााे श।री भें िरिख।।
अ िा
फढ़ ी स़ी क ेघ
ु य र्नाओं ऩय चचं ा व्मक्
कय े हु। वऩ ा औय ऩुत्र्ऩुत्री
के फीच होने ाारी फा ची को रगबग 50-60 शब्ेों भें संााे श।री
भें िरिख।।
(16) आऩके इराके भें ।क ऩुस् कारम की स्थाऩना हुई ह। । इस फा को 5
जनसाभान्म क ऩहुाँचाने के िर। 25-50 शब्ेों भें ।क वाऻाऩन
।माय कीप्ज।।
अ िा
आऩके संसेीम ऺेत्र भें प्रतमेक भाह के नंि भ सत ाह भें स्ाास््म-
िशवाय का आमोजन होने जा यहा ह। । इसे जन ा क ऩहुाँचाने के िर।
25-50 शब्ेों भें ।क आकषय क वाऻाऩन । ाय कीप्ज।।
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