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E-COMMERCE

CHRISTIAN EMINENT COLLEGE

AN AUTONOMOUS INSTITUTION

RESEARCH ON
“E-COMMERCE”

SUBMITTED TO:- SUBMITTED BY:-


DEEPALI SHARMA VIJAY BAGWAN
ROSHNI PATIDAR
B.Com
st
(CA) 1 yr
भारतमेंइ-कॉमर्स :
वर्ष2009 मेंभारतका इ-कॉमर्ष बाजार लगभग 3.9 अरब डालर था ,जो
2013 में 12.6 अरब डालर रहा |2016-2017 में ऑनलाइन बाजार में
19 फीर्दी की बढोत्तरी हुयी थी |भारत में जुलाई 2017 तक लगभग 450
मममलयन का इन्टरनेट यूजर बेर् हे ,जो आबादी का 40% महस्साहे | दु मनया
में दू र्री र्बर्े बड़ा यूजर बेर् बनने के बावजू द ,चीन (650 मममलयन
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आबादी का 48%) के पीछे ,र्युक्त राज्य अमेररका (266 मममलयन 84%


)या फ्ाां र् (54 मममलयन ,81% ) के बाजारोां की तु लना मेंभारत में इ-
कॉमर्ष कम हे |ले मकन भारत में इ-कॉमर्ष एक अभूतपूवष दर र्े बड रहा
हे , जो हर महीांने लगभग 6 मममलयन नए र्दस्य कोजोड़ता हे | एक
अनुमान के अनुर्ार इर् मवत्त वर्ष में भारत के इ-कॉमर्ष मामकषट में 2 लाख
करोड़ रूपये काइजाफा होगा|
इ-कॉमर्स क्या हे ?
क्या आपने कभी इन्टरनेट पर र्ूज ,जेकेट या अन्य कोई भी चीज खरीदी
हे ? या ले पटोप को बेचने के मलएइन्टरनेट का इस्तेमाल मकया हे ? यमद हा
, तो आपने इ-कॉमर्ष में महस्सा मलया हे |इ-कॉमर्ष शब्द ‘इले क्ट्रिक कॉमर्ष
“’ का र्ांमछप्त रूप हे |इ-कॉमर्ष मजर्े इले क्ट्रिक कॉमर्ष के रूप में भी
जाना जाता हे , यह एक प्रोर्ेर् हे , मजर्के द्वारा मबजनेर्और कांजू मर एक
इले क्ट्रिक माध्यम र्े मॉल और र्मवषर्ेर् को बेचते और खरीदते हे |
इ-कॉमर्स का इततहार्
इ- कॉमर्ष की र्ुरुवात 1960 के दशक र्े शु रू हुयी थी ,जब मबजनेर्ेर् ने
अन्य कांपमनयोां के र्ाथ मबजनेर् डॉक्यूमेंटको र्ेयर करने के मलए इले क्ट्रिक
डाटा इां टरचेंज का प्रयोग शु रू मकया |1979 में ,अमेररकन नेशनल स्टें डडष
इां क्ट्स्टट्यूट ने ASCX12 को इले क्ट्रिक नेटवकष के माध्यम र्े डॉक्यूमेंट कोर्ेयर
करने के व्यवर्ायोां के मलए एक यूमनवर्षल स्टें डडष के रूप में मवकमर्त मकया
था |इ- कॉमर्ष की महस्टि ी को ebay और amazon के मबना र्ोचना
अर्ांभव हे जो इले क्ट्रिक टि ै नर्ेक्शन को शु रूकरने वाली पहली कांपमनयोां में र्े
थे | 1990 के दशक में eBay और Amazan के उदय र्े इ-कॉमर्ष
उध्ह्योग में क्रक्ट्िकारी बदलाव आया | यूजर अबइ-कॉमर्ष के माध्यम र्े
मकर्ी भी चीज को खरीद र्कते थे |
इ-कॉमर्स के प्रकार :
कई प्रकार के इले क्ट्रिक कॉमर्ष हे .
र्ामान्यतया ,जब हम एक र्प्लायर और क्लाईांट के मबच एक ऑनलाइन
कमेररषमशयल टि ै नर्ेक्शन के बारे मेंर्ोचते हे | हालां मक ,यह मवचार र्ही हे
,ले मकन वास्तव में इ-कॉमर्ष को छः प्रमुख प्रकारोां में बाट र्कते हे
,र्भीअलग –अलग मवशे र्ताओ के र्ाथ |
इ-कॉमर्ष के 4 बुमनयादी प्रकार हे :
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1 )business –to –consumer (B2C ):


इर् मबजनेर् में एक मबजनेर् इन्टरनेट पर प्रोडर या र्मवषर्ेर् को र्ीधे
consumer को बेचता हे |उदहारण के मलए आप amazan ,flipkart
या अन्य मकर्ी र्ाईट र्े कोई भी चीज खरीदते हे |
2 ) Business –to business (B2B):
यहााँ कांपमनया इन्टरनेट पर अन्य कांपमनयोां को प्रोडर ओय र्मवषर्ेर् को
बेचती हे |इर् प्रकार के इ-कॉमर्ष में ,दोनोां पाटीर्इपेटरर् मबजनेर् होते हे
,नतीजन , B2B इ-कॉमर्ष का वॉल्यूम वेल्यु बहुत बड़ीहो र्कती हे |
3 ) consumer –to consumer (C2C):
जब consumer अपने प्रोडर को मकर्ी अन्य consumer को इन्टरनेट पर
बेचता हे ,तब इर् टि ै नर्ेक्शन कोconsumer –to consumer (C2C)
कहा जाता हे |इर्में एक consumer अपनी पुरानी कार ,बाईक जे र्ी
अपनी प्रोपटी को अन्य consumer को र्ीधे इन्टरनेट के माध्यमर्े बेचता हे
|
4) consumer –to –business (C2B)
C2B में मॉल का अदन –प्रदान करने की परम्परागत र्मझ का एक पूणष
उलट हे |इर्का एक उदहारण एक consumer वेब र्ाईट बनाने के मलए
ऑनलाइन रे क़ुइररमेि दे ता हे ,और कई कांपमनयाइर्के मलए अच्छी कीमत
पर वेब र्ाईट बनाकर दे ने के मलए ऑफर करती हे | इर्ी तरह र्े होलीडे
पैकेज याइन्सुरांर् भी इर्के उदहारण हो र्कते हे |

इ-कॉमर्स के फायदे :
1) र्ुमवधा बढाता हे : ग्राहक अपनी र्ुमवधा के अनुर्ार वस्तुओ के अपने
घर पर बेठ कर दे र्कते हे | और इर्की डीले वरी उन्हें उनके घर
पर ही ममल जाती हे | यह उन लोगो के मलए र्बर्े अच्छा
खरीदारी आप्शन हे जो हमेशा व्यस्त होते हे |
2) प्रोडर और कीमत की तु लना कर र्कते हे :
खरीदारी करते र्मय ,ग्राहक उर् वस्तु की कीमत को कटी वेब र्ाईट
पर तु लना कर र्कता हे , मजर् बेहतरीन प्रोडर पर उर्े अच्छी dil
ममल जाती हे |इर्के र्ाथ ही वे मडस्काउां ट और कूपन जे र्े अमतररक्त
लाभोां का आनन्द ले र्कते हे |
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3) स्टाटष –अप के मलए आर्ान फांड : कई लोगो को मबजनेर् करने की


इच्छा होती हे , ले मकन शॉप ले ने के मलए प्रयाप्त केमपटल नहीां होता|
मफमर्कल स्टोर लीज पर काफी महां गे होते हे | इ-कॉमर्ष ,व्यापर को
शु रु करने और बड़ने के मलए आर्ान बनता हे |
4) प्रभावर्ाली :टि े मडशनल मबजनेर् में मबजनेर् की जरूरतोां को पूरा करने
के मलए बहुत र्रे ररर्ोर्ेर् खचष होजाते हे और इर्र्े प्रॉमफट कम हो
जाता हे | इ-कॉमर्ष में ररर्ोर्ेर् का कुर्लता र्े उपयोग मकया जाता
हे क्योमक अमधकाां श मबजनेर् आटोमेटेड होते हे |
5) consumer तक पहुच : टि े मडशनल मबजनेर् जे र्े दु कान की पहुच
काफी मर्ममत होती हे , जबमक इन्टरनेट के माध्यम र्े वही मबजनेर्
दु मनया भर के consumer को अपने प्रोडर और र्मवषर्ेर् बेच र्कते
हे |
6) प्राां प्ट पेमेंट : ऑनलाइन स्टोर पर इले रिॉमनक या मोबाइल
TRANSACTION का उपयोग करते हुए पेमेंट फ़ास्ट होता हे |
7) मवमभन्न प्रोडर को बेचने की योग्यता: इन्टरनेट पर मबजनेर् फ्लेक्ट्िबल
हो र्कता हे और मबजनेर् एक र्ाथ कई प्रोडर या र्मवषर्ेर् बेच
र्कते हे |
इ-कॉमर्स की तिशेषताए :
UBIQUITY :
इ-कॉमर्ष हर जगह और हर र्मय उपलब्ध होता हे ,consumer मकर्ी भी
र्मय अपने घर या ऑमफर् र्े इन्टरनेट कनेक्शन के माध्यम र्े प्रोडर
खरीद या बेच र्कता हे |
GLOBAL REACH :
इ-कॉमर्ष पारम्पररक ,र्ांस्कृमतक और रास्टि ीय र्ीमओां के पार फेल र्कता हे
और दु मनया भर के consumer मबजनेर् र्े कनेर होते हे |
इ-कॉमर्ष वेब र्ाईट पर अब बहुभार्ी अनुवाद करने की क्षमता होती हे |
UNIVERSAL STANDARDS :
यहााँ पर एक ही स्टैं डडरष र् का इस्तेमाल मकया जाता हे मजर्े इन्टरनेट स्टैं डडरष र्
कहा जाता हे |इन स्टैं डडरष र् को दु मनया भर के र्भी दे र्ोां द्वारा र्ेयर मकया
जाता हे |
RICHNESS :
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एडवरटाइमजांग और ब्ोांमडां ग कॉमर्ष का महतवपूणष महस्सा हे |इ-कॉमर्ष


VEDIO ,AUDIO ,एनीमेशन ,मबलबोडष ,र्ाइन और आमद मडलीवर कर र्कते
हे |हालााँ मक यह टे लीमवज़न टे क्नोलॉजी के रूप में र्मिध्ह्ह हे |
INTERACTVITIY :
इ-कॉमर्ष टे क्नोलॉजी में मचंट और consumer के मबछ दो –तरफ़ा
कम्युमनकेशन होता हे | आप ईमेल या कॉल के द्वारा कम्युमनकेशन कर
र्कते हे |
INFORMATION DENSITY:
अब र्भी मामकषट में महस्सा ले ने वालो के मबच इनफामेशन की क्वामलटी बेहद
बड़ी हे | ऑनलाइन शोमपांग प्रोर्ेर्े में consumer के पर्षनल मडटे ल्स ,
प्रोडर की जानकारी और पेमेंट की जानकारी मचंट तक पहुचती हे और
consumer को प्रोडर की जानकारी ममलती हे |
PERSONALIZATION/CUSTOMIZATION:
मकर्ी व्यक्ट्क्त के नाम, इां टरे स्ट और मपछली खरीदारी के आधार पर मेर्ेज
मवमशष्ट व्यक्ट्क्त को भेजा जा र्कता हे |
SOCIAL TECHNOLOGY:
र्ोशल नेटवकष पर consumer इनफामेशन को शे यर करते हे और मचंट
र्ोशल नेटवकष पर उनके प्रोडर की एडवरटाइमजां ग करते हे |
इ-कॉमर्स के नुकर्ान :
1 ) ख़राब क्वामलटी वाले प्रोडर : आप इन्टरनेट पर प्रोडर को दे खकर
चेक नहीां कर र्कते हे | इर्मलए , जूठे माकेमटां ग और ख़राब क्वामलटी के
प्रोडर आपके घर पर आने का ररस्क बना रहता हे हाल ही में
मोबाइलके बॉि में मोबाइल की जगह पर र्ाबुन आने की घटनाये र्ामने
आई हे |
2 ) अनचाही खरीद : ऑनलाइन स्टोर अपने प्रोडर को एक बड़ी र्ांख्या
में मडस्प्प्ले करते हे और ऑनलाइनशोमपांग की र्ुमवधा के कारण , ग्राहक
अनचाहे वस्तुए भी खरीद लेते हे |
3 ) इन्टरनेट स्कैनर : इन्टरनेट एक अमछ बात हे , ले मकन कुछ लोगो ने
इर्का गलत कारणोां र्े उपयोगकरने का फेर्ला मकया हे | इन्टरनेट पर
मकर्ी भी र्ामान को खरीदने र्े पहले उर् वेब र्ाईट को खरीदनेर्े पहले
उर् वेब र्ाईट और प्रोडर के बारे में जानकारी इक्कठा करे |
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4) र्ेल के बाद र्पोटष की कमी : कई बार गलत प्रोडर आने पर उर्की


कांप्लेंट करने पर consumer को अच्छीर्मवषर् नमह ममलती और इर्के मलए
उनक पैर्ा और र्मय बबाष द हो जाता हे |
5) मॉल की मडले वरी में दे री हो र्कती हे : कभी –कभी प्रोडर मदलेवेरी
में दे री हो जाती हे और काडष की जानकारी भीदे नी होती हे |ले मकन कभी
कभी यह इनफामेशन चोरी होने का खतरा भी बना रहता हे | इर्र्े
consumer को अर्ुमवधा के र्ाथ नुकर्ान भी हो र्कता हे |
6 ) र्ुरक्षा :ऑनलाइन प्रोडर खरीदने के मलए आपको अपने पर्षनल
मडटे ल्स के र्ाथ क्रेमडट काडष की जानकारी भी दे नी होती हे ले मकन कभी
कभी इनफामेशन चोरी होने का खतरा भी बना रहता हे |इ-कॉमर्स के
र्माधान :
मांत्रालय ने ecommerce मनमत में ऑनलाइन बाजार के कामकाज में मवमभन्न
स्तरोां पर रोक लगाने की कई तरह कीमर्फाररशे की है | इर्मे एक र्ाथ
बड़ी खरीद पर अांकुश, मडस्काउां ट पर लगाम और ग्राहकोां का डाटा एकत्र
करने पर रोकलगाना जै र्े प्रावधान शाममल मकए गए है |
मवदे श मनवेश (ऍफ़ डी आई ) पर मनयम के आलावा और कोई मनमत नहीां
हे | ecommerce मनमत business to business 100 मफशदी ऍफ़ डी
आई की अनुममत है , जबमक business to consumer के मलए ऍफ़
डी आई मांजूरे नही हे |

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