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सीबीएसई

क ा -12 िहंदी कोर


मह वपूण न
लेखन कौशल

िनबंध-लेखन-िनधा रत अंक:

िनबंध-लेखन करते समय छा क िन न बात यान म रखनी चािहए –

िदए गए िवषय क एक परेखा बना ल।


परेखा-लेखन के समय पूवापर संबध
ं के िनयम का िनवाह िकया जाए। पूवापर संबध
ं के िनवाह का अथ ह िक ऊपर क
बात उसके ठीक नीचे क बात से जुड़ी होनी चािहए, जससे िवषय का म बना रहे।
पुनरावृित दोष न आए।
भाषा सरल, सहज और बोधग य हो।
िनबंध का ार भ िकसी कहावत, उि , सूि आिद से िकया जाए।
िवषय को ामािणक बनाने के उ े य से िह दी, सं कृत, अं ेजी, उद क
ू सूि याँ एवं उ रण भी बीच-बीच म देते रहना
चािहए।
भूिमका/ तावना म िवषय का सामा य प रचय तथा उपसंहार म िवषय का िन कष होना चािहए।

िनबंध हेतु नमूना परेखा:

िव ान: वरदान या अिभशाप

1. भूिमका/ तावना

2. िव ान का अथ

3. िवजान वरदान ह

िश ा के े म

िचिक सा के े म
मनोरंजन के े म
कृिष के े म
यातायात के े म

4. िव ान अिभशाप है –

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िश ा के े म
िचिक सा के े म
मनोरंजन के े म
कृिष के े म
यातायात के े म

5. िव ान के ित हमारे उ रदािय व

6. उपसंहार

िवशेषः उ परेखा को आव यकता के अनु प िविभ े को जोड़कर बढ़ाया जा सकता है।

अ यास हेतु िनबंध

1. महानगरीय जीवन: अिभशाप या वरदान

2. आधुिनक िश ा-प ित: गुण व दोष

3. िव ान व कला

4. बदलते जीवन मू य

5. नई सदी: नया समाज

6. कामकाजी मिहलाओं क सम याएँ /देश क गित म मिहलाओं का योगदान

7. रा -िनमाण म युवा पीढ़ी का योगदान

8. इंटरनेट क दिु नयाँ

9. पराधीन सपनेहँ सुख नाह

10. लोकतं म मीिडया क भूिमका

11. गित के पथ पर भारत

12. जनआं दोलन और सरकार

13. ाचारः सम या और समाधान

14. महँगाई क मार

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15. खेल-कूद म उतरता भारत/ऑलंिपक २०१२

(i) प -लेखन-िनधा रत अंक:

िवचार , भाव , संदेश एवं सूचनाओं के सं ेषण के लए प सहज, सरल तथा पारंप रक मा यम है। प अनेक कार के हो सकते ह,
पर ायः परी ाओं म िशकायती-प , आवेदन-प तथा संपादक के नाम प पूछे जाते ह। इन प को लखते समय िन न बात का
यान रखा जाना चािहए:

प -लेखन के अंग:-

1. पता और िदनांक- प के ऊपर बाई ओर ेषक का पता व िदनांक लखा जाता है (छा पते के लए परी ा-भवन ही लख)

2. संबोधन और पता- जसको प लखा जारहा है उसको यथानु प संबो धत िकया जाता है, औपचा रक प म पद-नाम और
कायालयी पता रहता है।

3. िवषय- केवल औपचा रक प म योग कर (प के क य का संि प, जसे पढ़ कर प क साम ी का संकेत िमल जाता है)

4. प क साम ी- यह प का मूल िवषय है, इसे सं ेप म सारगिमत और िवषय के प ीकरण के साथ लखा जाए।

5. प क समाि - इसम ध यवाद आभार सिहत अथवा साभार जैसे श द लख कर लेखक अपने ह ता र और नाम लखता है।

6. यान द, छा प म कह अपना अिभ ान (नाम-पता) न द। औपचा रक प म िवषयानु प ही अपनी बात कह। ि -अथक और
बो झल श दावली से बच।

7 भाषा शु , सरल, प , िवषयानु प तथा भावकारी होनी चािहए।

प का नमूना

अ पताल के बंधन पर संतोष य करते हए िचिक सा-अधी क को प ल खए।

परी ा-भवन,

िदनांकः -----

मानाथ

िचिक सा-अधी क,

कोरोनेशन अ पताल,

देहरादन
ू ।

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िवषयः अ पताल के बंधन पर संतोष य करने के संदभ म –

मा यवर,

इस प के मा यम से म आपके िचिक सालय के सु बंधन से भािवत होकर आपको ध यवाद दे रहा हँ। गत स ाह मेर े िपता जी
दय-आघात से पीिड़त होकर आपके यहाँ दा खल हए थे। आपके िचिक सक और सहयोगी टाफ ने जस त परता, कत यिन ा
और ईमानदारी से उनक देखभाल तथा िचिक सा क उससे हम सभी प रवारी जन संतु ह। हमारा िव वास बढ़ा है। आपके
िचिक सालय का अनुशासन शंसनीय है।

आशा है जब हम पुनपरी ण हेतु आएँ गे, तब भी वैसी ही सु यव था िमलेगी।

साभारः

भवदीय

क ख ग

अ यासाथ न:-

1. िकसी दैिनक समाचार-प के संपादक के नाम प ल खए जसम वृ क कटाई को रोकने के लए सरकार का यान आकिषत
िकया गया हो।

2. िहंसा- धान िफ़ म को देख कर बालवग पर पड़ने वाले द ु भाव का वणन करते हए िकसी दैिनक प के संपादक के नाम प
ल खए।

3. अिनयिमत डाक-िवतरण क िशकायत करते हए पो टमा टर को प ल खए।

4. लिपक पद हेतुिव ालय के ाचाय को अवेदन-प ल खए।

5. अपने े म िबजली-संकट से उ प किठनाइय का वणन करते हए अ धशासी अिभय ता िव ुत-बोड को प ल खए।

6. दैिनक प के संपादक को प िन खए , जसम िहंदी भाषा क ि - पता को समा करने के सुझाव िदए गए ह ।

(i) अिभ यि और मा यम: (एक-एक अंक के 5 न पूछे जाएँ गे तथा उ र सं ेप म िदए जाएँ गे)

उ म अंक ा करने के लए यान देने यो य बात-

1. अिभ यित और मा यम से संबं धत न िवशेष प से त यपरक होते ह अतः उ र लखते समय सही त य को यान म रख।

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2. उ र िबंदवु ार लख, मु य िबंद ु को सबसे पहले लख द।

3. शु वतनी का यान रख।

4. लेख साफ़-सुथरा एवम् पठनीय हो।

5. उ र म अनाव यक बात न लख I

6. िनबंधा मक न म मब ता तथा िवषय के पूवापर संबध


ं का यान रख, त य तथा िवचार क पुनरावृित न कर।

जनसंचार मा यम

1. संचार िकसे कहते ह ?

‘संचार' श द चर् धातु के साथ सम् उपसग जोड़ने से बना है- इसका अथ है चलना या एक थान से दस
ू रे थान तक पहँचना संचार
संदेश का आदान- दान है।

सूचनाओं, िवचार और भावनाओं का ल खत, मौ खक या य- य मा यम के ज रये सफ़लता पूवक आदान- दान करना या
एक जगह से दस
ू री जगह पहँचाना संचार है।

2. “संचार अनुभव क साझेदारी है”- िकसने कहा है ?

स संचार शा ी िव बर ेम ने।

3. संचार मा यम से आप या समझते ह ?

संचार- ि या को संप करने म सहयोगी तरीके तथा उपकरण संचार के मा यम कहलाते ह।

4. संचार के मूल त व ल खए।

संचारक या ोत
ए कोिडंग (कूटीकरण)
संदेश ( जसे संचारक ा कता तक पहँचाना चाहता है)
मा यम (संदेश को ा कता तक पहँचाने वाला मा यम होता है जैसे- विन-तरंग, वायु तरंग, टेलीफोन, समाचारप ,
रेिडयो, टी वी आिद)
ा कता (डीकोिडंग कर संदेश को ा केरने वाला)
फ डबैक (संचार ि या म ा कता क िति या)
शोर (संचार ि या म आने वाली बाधा)

5. संचार के मुख कार का उ ेख क जए:

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सांकेितक संचार
मौ खक संचार
आमौ खक संचार
अंतः वैयि क संचार
अंतरवैयि क संचार
समूह संचार
जनसंचार

6. जनसंचार से आप या समझतेह ?

य संवाद के बजाय िकसी तकनीक या यांि क मा यम के ारा समाज के एक िवशाल वग से संवाद कायम करना जनसंचार
कहलाता है।

7. जनसंचार के मुख मा यम का उ ेख क जए।

अखबार, रेिडय , टीवी, इंटरनेट, सनेमा आिद।

8. जनसंचार क मुख िवशेषताएँ ल खए।

इसम फ़ डबैक तुरत


ं ा नह होता।
इसके संदेश क कृित सावजिनक होती है।
संचारक और ा कता के बीच कोई सीधा संबध
ं नह होता।
जनसंचार के लए एक औपचा रक संगठन क आव यकता होती है।
इसम ढेर सारे ारपाल काम करते ह।

9. जनसंचार के मुख काय कौन-कौन से ह ?

सूचना देना
िशि त करना
मनोरंजन करना
िनगरानी करना
एजडा तय करना िवचार-िवमश के लए मंच उपल ध करांना

10. लाइव से या अिभ ाय है ?

िकसी घटना का घटना- थल से सीधा सारण लाइव कहलाता ह।

11. भारत का पहला समाचार वाचक िकसे माना जाता है ?

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देविष नारद।

12. जनसंचार का सबसे पहला मह वपूण तथा सवा धक िव तृत मा यम कौन-सा था ?

समाचार-प और पि का

13. ि ंट मीिडया के मुख तीन पहलू कौन-कौन से ह ?

समाचार को संक लत करना


संपादन करना
मु ण तथा सारण

14. समाचार को संक लत करने का काय कौन करता है ?

संवाददाता

15. भारत म प का रता क शु आत कब और िकससे हई ?

भारत म प का रता क शु आत सन १७८० म जे स आग ट िहक के बंगाल गजट से हई जो कलक ा से िनकला था।

16. िहंदी का पहला सा ािहक प िकसे माना जाता है ?

िहंदी का पहला सा ािहक प ‘उदंत मातड’ को माना जाता है जो कलकता से पंिडत जुगल िकशोर शु ल के संपादन म िनकला था।

17. आजादी से पूव कौन-कौन मुख प कार हए ?

महा मा गांधी, लोकमा य ितलक, मदन मोहन मालवीय, गणेश शंकर िव ाथ , माखनलाल चतुवदी, महावीर साद ि वेदी, ताप
नारायण िम , बाल मुकंु द गु आिद हए।

18. आजादी से पूव के मुख समाचार-प और पि काओं के नाम ल खए।

केसरी, िह द ु तान, सर वती, हंस, कमवीर, आज, ताप, दीप, िवशाल भारत आिद।

19. आजादी के बाद क मुख प -पि काओं तथा प कार के नाम लखए।

मुख प - नव भारत टाइ स, जनस ा, नई दिु नया, िह द ु तान, अमर उजाला, दैिनक भा कर, दैिनक जागरण आिद।

मुख पि काएँ - धमयुग, सा ािहक िह द ु तान, िदनमान, रिववार, इंिडया टु डे, आउट लुक आिद।

मुख प कार- अ ेय, रघुवीर सहाय, धमवीर भारती, मनोहर याम जोशी, राजे माथुर, भाष जोशी आिद।

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अ य मह वपूण नः

1. जनसंचार और समूह संचार का अंतर प क जए?

2. कूटवाचन से आप या समझते ह?

3. कूटीकरण िकसे कहते ह?

4. संचारक क भूिमका पर काश डा लए।

5. फ डबैक से आप या समझते ह?

6. शोर से या ता पय है?

7. औपचा रक संगठन से आप या समझते ह?

8. सनसनीखेज समाचार से स बं धत प का रता को या कहते ह?

9. कोई घटना समाचार कैसे बनती है?

10. संपादक य पृ से आप या समझते ह?

11. मीिडया क भाषा म ारपाल िकसे कहते ह?

प का रता के िविवध आयाम

1. प का रता या है ?

ऐसी सूचनाओं का संकलन एवं संपादन कर आम पाठक तक पहँचाना, जनम अ धक से अ धक लोग क िच हो तथा जो अ धक
से अ धक लोग को भािवत करती ह , प का रता कहलाता है। (देश-िवदेश म घटने वाली घटनाओं क सूचनाओं को संक लत एवं
संपािदत कर समाचार के प म पाठक तक पहँचाने क ि या/िवधा को प का रता कहते ह)

2. प कारीय लेखन तथा सािह यक सूजना मक लेखन म या अंतर है ?

प कारीय लेखन क मुख उ े य सूचना दान करना होता है, इसम त य क धानता होती है, जबिक सािह यक सृजना मक
लेखन भाव, क पना एवं स दय- धान होता है।

3. प का रता के मुख आयाम कौन-कौन से ह ?

संपादक य, फ़ोटो प का रता, काटू न कोना, रेखांकन और काट ाफ़।

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4. समाचार िकसे कहते ह ?

समाचार िकसी भी ऐसी ताजा घटना, िवचार या सम या क रपोट है जसम अ धक से अ धक लोग क िच हो और जसका
अ धक से अ धक लोग पर भाव पड़ता हो।

5. समाचार के त व को ल खए।

प का रता क ि से िकसी भी घटना, सम या व िवचार को समाचार का प धारण करने के लए उसम िन न त व म से


अ धकांश या सभी का होना आव यक होता है-

नवीनता िनकटता, भाव, जन िच, संघष, मह वपूण लोग, उपयोगी जानका रयाँ, अनोखापन आिद।

6. डेडलाइन से आप या समझते ह ?

समाचार मा यम के लए समाचार को कवर करने के लए िनधा रत समय-सीमा को डेडलाइन कहते ह।

7. संपादन से या अिभ ाय है ?

काशन के लए ा समाचार-साम ी से उसक अशुि य को दरू करके पठनीय तथा काशन यो य बनाना संपादन कहलाता है।

8. संपादक य या है ?

संपादक ारा िकसी मुख घटना या सम या पर लखे गए िवचारा मक लेख को, जसे संबं धत समाचारप क राय भी कहा जाता
है, संपादक य कहते ह। संपाठक य िकसी एक यि का िवचार या राय न होकर सम प -समूह क राय होता है, इस लए
संपादक य म संपादक अथवा लेखक का नाम नह लखा जाता।

9. प का रता के मुख कार ल खए।

खोजी प का रता
िवशेषीकृत प का रता
वॉचडॉग प का रता
एडवोकेसी प का रता
पीतप का रता
पेज ी प का रता

10. खोजी प का रता या है ?

जसम आम तौर पर सावजिनक मह व के मामल , जैसे- ाचार, अिनयिमतताओं और गड़बिड़य क गहराई से छानबीन कर
सामने लाने क कोिशश क जाती है। टंग ऑपरेशन खोजी प का रता का ही एक नया प है।

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11. वॉचडॉग प का रता से आप या समझते ह ?

लोकतं म प का रता और समाचार मीिडया का मु य उ रदािय व सरकार के कामकाज पर िनगाह रखना है और कोई गड़बड़ी
होने पर उसका परदाफाश करना होता है, परंपरागत प से इसे वॉचडॉग प का रता कहते ह।

12. एडवोकेसी प का रता िकसे कहते ह ?

इसे प धर प का रता भी कहते ह। िकसी खास मु े या िवचारधारा के प म जनमत बनाने के लए लगातार अिभयान चलाने वाली
प का रता को एडवोकेसी प का रता कहते ह।

13. पीतप का रता से आप या समझते ह ?

पाठक को लुभाने के लए झूठी अफ़वाह , आरोप - यारोप , ेमसंबध


ं आिद से संबं धत सनसनीखेज समाचार से संबं धत
प का रता को पीतप का रता कहते ह।

14. पेज ी प का रता िकसे कहते ह ?

ऐसी प का रता जसम फैशन, अमीर क पािटय , महिफ़ल और जानेमाने लोग के िनजी जीवन के बारे म बताया जाता है।

15. प का रता के िवकास म कौन-सा मूल भाव सि य रहता है ?

जजासा का

16. िवशेषीकृत प का रता या है ?

िकसी िवशेष े क िवशेष जानकारी देते हए उसका िव लेषण करना िवशेषीकृत प का रता है।

17. वैक पक प का रता िकसे कहते ह ?

मु य धारा के मीिडया के िवपरीत जो मीिडया थािपत यव था के िवक प को सामने लाकर उसके अनुकूल सोच को अिभ य
करता है उसे वैक पक प का रता कहा जाता है। आम तौर पर इस तरह के मीिडया को सरकार और बड़ीपूँजी का समथन ा
नह होता और न ही उसे बड़ी कंपिनय के िव ापन िमलते ह।

18. िवशेषीकृत प का रता के मुख े का उ ेख क जए।

संसदीय प का रता
यायालय प का रता
आ थक प का रता
खेल प का रता
िव ान और िवकास प का रता

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अपराध प का रता
फैशन और िफ म प का रता

अ य मह वपूण न:

1. प का रता के िवकास म कौन-सा मूल भाव सि य रहता है?

2. कोई घटना समाचार कैसे बनती है? सूचनाओं का संकलन, संपादन कर पाठक तक पहँचाने क ि या को या कहते ह?

3. स पादक य म स पादक का नाम य नह लखा जाता?

4. िन न के बारे म ल खए-

(क) डेड लाइन

(ख) लैश ेिकंग यूज

(ग) गाइड लाइन

(घ) लीड

िविभ मा यम के लए लेखन

ि ंट मा यम (मुि त मा यम)-

1. ि ंट मीिडया से या आशय है ?

छपाई वाले संचार मा यम को ि ंट मीिडया कहते ह। इसे मु ण-मा यम भी कहा जाता है। समाचार-प पि काएँ , पु तक आिद
इसके मुख प ह।

2. जनसंचार के आधुिनक मा यम म सबसे पुराना मा यम कौन-सा है ?

जनसंचार के आधुिनक मा यम म सबसे पुराना मा यम ि ंट मा यम है।

3. आधुिनक छापाखाने का आिव कार िकसने िकया ?

आधुिनक छापाखाने का आिव कार जमनी के गुटेनबग ने िकया।

4. भारत म पहला छापाखाना कब और कहाँ पर खुला था ?

भारत म पहला छापाखाना सन १७७६ म गोवा म खुला, इसे ईसाई िमशन रय ने धम- चार क पु तक छापने के लए खोला था।

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5. जनसंचार के मुि त मा यम कौन-कौन से ह ?

मुि त मा यम के अ तगत अखबार, पि काएँ पु तके आिद आती ह।

6. मुि त मा यम क िवशेषताएँ ल खए।

छपे हए श द म थािय व होता है, इ ह सुिवधानुसार िकसी भी कार से पढ़ा जा सकता है।
यह मा यम ल खत भाषा का िव तार है।
यह िचंतन, िवचार-िव लेषण का मा यम है।

7. मुि त मा यम क सीमाएँ (दोष) ल खए।

िनर र के लए मुि त मा यम िकसी काम के नह होते।


ये तुरत
ं घटी घटनाओं को संचा लत नह कर सकते।
इसम पेस तथा श द सीमा का यान रखना पड़ता है।
इसम एक बार समाचार छप जाने के बाद अशुि -सुधार नह िकया जा सकता।

8. मुि त मा यम के लेखन के लए लखते समय िकन-िकन बात का यान रखा जाना चािहए।

भाषागत शु ता का यान रखा जाना चािहए।


च लत भाषा का योग िकया जाए।
समय, श द व थान क सीमा का यान रखा जाना चािहए।
लेखन म तारत यता एवं सहज वाह होना चािहए।

रेिडयो (आकाशवाणी)

1. इलै टािनक मा यम से या ता पय है ?

जस जन संचार म इलैकटािनक उपकरण का सहारा लया जाता है इलै टािनक मा यम कहते ह। रेिडयो, दरू दशन, इंटरनेट मुख
इलै टािनक मा यम ह।

2. ऑल इंिडया रेिडयो क िव धवत थापना कब हई ?

सन् १९३६ म

3. एफ़.एम. रेिडयो क शु आत कब से हई ?

एफ़.एम. (िफ़ वसी मा ुलेशन) रेिडयो क शु आत सन् १९९३ से हई।

4. रेिडयो िकस कार का मा यम है ?

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रेिडयो एक इलै टोिनक य मा यम है। इसम श द एवं आवाज का मह व होता है। यह एक रेखीय मा यम है।

5. रेिडयो समाचार िकस शैली पर आधा रत होते ह ?

रेिडयो समाचार क संरचना उ टािपरािमड शैली पर आधा रत होती है।

6. उ टा िपरािमड शैली या है ? यह िकतने भाग म बँटी होती है ?

जसम त य को मह व के म से तुत िकया जाता है, सव थम सबसे यादा मह वपूण त य को तथा उसके उपरांत मह व क
ि से घटते म म त य को रखा जाता है उसे उ टा िपरािमड शैली कहते ह। उ टािपरािमड शैली म समाचार को तीन भाग म
बाँटा जाता है- इंटो, बॉडी और समापन।

7. रेिडयो समाचार-लेखन के लए िकन-िकन बुिनयादी बात पर यान िदया जाना चािहए ?

समाचार वाचन के लए तैयार क गई कापी साफ़-सुथरी ओ टाइ ड कॉपी हो।


कॉपी को िटपल पेस म टाइप िकया जाना चािहए।
पया हािशया छोड़ा जाना चािहए।
अंक को लखने म सावधानी रखनी चािहए।
संि ा र के योग से बचा जाना चािहए।

टेलीिवजन (दरू दशन):

1. दरू दशन जनसंचार का िकस कार का मा यम है ?

दरू दशन जनसंचार का सबसे लोकि य व सश मा यम है। इसम विनय के साथ-साथ य का भी समावेश होता है। इसके लए
समाचार लखते समय इस बात का यान रखा जाता है िक श द व पद पर िदखने वाले य म समानता हो।

2. भारत म टेलीिवजन का आरंभ और िवकास िकस कार हआ ?

भारत म टेलीिवजन का ारंभ १७ सतंबर १९७९ को हआ। यूने को क एक शैि क प रयोजना के अ तगत िद ी के आसपास के
एक गाँव म दो टी.वी. सैट लगाए गए, ज ह २०० लोग ने देखा। १९६७ के बाद िव धवत टीवी सेवा आरंभ हई। १९७६ म दरू दशन
नामक िनकाय क थापना हई।

3. टी०वी० खबर के िविभ चरण को ल खए।

दरू दशन मे कोई भी सूचना िन न चरण या सोपान को पार कर दशक तक पहँचती है।

(1) लैश या ेिकंग यूज (समाचार को कम-से-कम श द म दशक तक त काल पहँचाना)

(2) डाई एं कर (एं कर ारा श द म खबर के िवषय म बताया जाता है)

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(3) फ़ोन इन (एं कर रपोटर से फ़ोन पर बात कर दशक तक सूचनाएँ पहँचाता है)

(4) एं कर-िवजुअल (समाचार के साथ-साथ संबं धत य को िदखाया जाना)

(5) एं कर-बाइट (एं कर का य दश या संबं धत यि के कथन या बातचीत ारा ामािणक खबर तुत करना)

(6) लाइव (घटना थल से खबर का सीधा सारण)

(7) एं कर-पैकेज (इसम एं कर ारा तुत सूचनाएँ ; संबं धत घटना के य, बाइट, ािफ़ स आिद ारा यव थत ढंग से िदखाई
जाती ह)

इंटरनेट

1. इंटरनेट या है ? इसके गुण-दोष पर काश डा लए।

इंटरनेट िव व यापी अंतजाल है, यह जनसंचार का सबसे नवीन व लोकि य मा यम है। इसम जनसंचार के सभी मा यम के गुण
समािहत ह। यह जहाँ सूचना, मनोरंजन, ान और यि गत एवं सावजिनक संवाद के आदान- दान के लए े मा यम है, वह
अ लीलता, द ु चारव गंदगी फ़ैलाने का भी ज रया है।

2. इंटरनेट प का रता या है ?

इंटरनेट (िव यापी अंतजाल) पर समाचार का काशन या आदान- दान इंटरनेट प का रता कहलाता है। इंटरनेट प का रता दो
प म होती है। थम- समाचार सं ेषण के लए नेट का योग करना। दस
ू रा- रपोटर अपने समाचार को ई-मेल ारा अ य भेजने
व समाचार को संक लत करने तथा उसक स यता, िव वसनीयता स करने के लए करता है।

3. इंटरनेट प का रता को और िकन-िकन नाम से जाना जाता है ?

ऑनलाइन प का रता, साइबरप का रता, वेब प का रता आिद नाम से।

4. िव व- तर पर इंटरनेट प का रता का िवकास िकन-िकन चरण म हआ ?

िव व- तर पर इंटरनेट प का रता का िवकास िन न ल खत चरण म हआ

थम चरण ------- १९८२ से १९९२


ि तीय चरण ------- १९९३ से २००१
तृतीय चरण ------- २००२ से अब तक

5. भारत म इंटरनेट प का रता का ार भ कब से हआ ?

पहला चरण १९९३ से तथा दस


ू रा चरण २००३ से शु माना जाता है। भारत म स चे अथ ं म वेब प का रता करने वाली साइट

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‘रीिडफ़ डॉट कॉम’, ‘इंिडयाइंफ़ोलाइन’ व ‘सीफ़ ’ ह। रीिडफ को भारत क पहली साइट कहा जाता है।

6. वेबसाइट पर िवशु प का रता शु करने का ेय िकसको जाता है ?

‘तहलका डॉटकॉम’

7. भारत म स चे अथ म
ं वेब प का रता करने वाली साइट के नाम ल खए।

‘रीिडफ़ डॉट कॉम’, ‘इंिडयाइंफ़ोलाइन’ व ‘सीफ़ ’

8. भारत म कौन-कौन से समाचार-प इंटरनेट पर उपल ध ह ?

टाइ स आफ़ इंिडया, िहंद ु तान टाइ स, इंिडयन ए स ैस, िहंद,ू िट यून आिद।

9. भारत क कौन-सी नेट-साइट भुगतान देकर देखी जा सकती है ?

‘इंिडया टु डे’

10. भारत क पहली साइट कौन-सी है , जो इंटरनेट पर प का रता कर रही ह ?

रीिडफ

11. सफ़ नेट पर उपल ध अखबार का नाम ल खए।

“ भा सा ी” नाम का अखबार ि ंट प म न होकर सफ़ नेट पर उपल ध है।

12. प का रता के लहाज से िहंदी क सव े साइट कौन-सी है ?

प का रता के लहाज से िह दी क सव े साइट बीबीसी क ह, जो इंटरनेट के मानदंड के अनुसार चल रही है।

13. िहंदी वेब जगत म कौन-कौनसी सािह यक पि काएँ चल रही ह ?

िहंदी वेब जगत म ‘अनुभूित’, अिभ यि , िहंदी ने ट, सराय आिद सािह यक पि काएँ चल रही ह।

14. िहंदी वेब जगत क सबसे बढ़ी सम या या है ?

िह दी वेब जगत क सबसे बड़ी सम या मानक क -बोड तथा फ ट क है। डायनिमक फ ट के अभाव के कारण िह दी क यादातर
साइट खुलती ही नह ह।

अ यासाथ नः

1. भारत म पहला छापाखान िकस उ े य से खोला गया?

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2. गुटेनबग को िकस े म योगदान के लए याद िकया जाता है?

3. रेिडयो समाचर िकस शैली म लखे जाते ह?

4. रेिडयो तथा टेलीिवजन मा यम म मु य अंतर या है?

5. एं कर बाईट या है?

6. समाचार को संक लत करने वाला यि या कहलाता है?

7. नेट साउं ड िकसे कहते ह?

8. ेिकंग यूज से आप या समझते ह?

प कारीय लेखन के िविभ प और लेखन ि या

1. प कारीय लेखन या है ?

समाचार मा यम मे काम करने वाले प कार अपने पाठक तथा ोताओं तक सूचनाएँ पहँचाने के लए लेखन के िविभ प का
इ तेमाल करते ह, इसे ही प कारीय लेखन कहते ह। प कारीय लेखन का संबध
ं समसामियक िवषय , िवचार व घटनाओं से है।
प कार को लखते समय यह यान रखना चािहए वह सामा य जनता के लए लख रहा है, इस लए उसक भाषा सरल व रोचक
होनी चािहए। वा य छोटे व सहज ह । किठन भाषा का योग नह िकया जाना चािहए। भाषा को भावी बनाने के लए अनाव यक
िवशेषण , जाग स (अ च लत श दावली) और लीशे (िप ोि , दोहराव) का योग नह होना चिहए।

2. प कारीय लेखन के अंतगत या- या आता है ?

प क रता या प कारीय लेखन के अ तगत समपादक य, समाचार, आलेख, रपोट, फ चर, त भ तथा काटू न आिद आते ह।

3. प कारीय लेखन का मु य उ े य या होता है ?

प कारीय लेखन का मुख उ े य है- सूचना देना, िशि त करना तथा मनोरंजन करना आिद होता है।

4. प कारीय लेखन के कार लखए।

प कारीय लेखन के कई कार ह यथा- ‘खोजपरक प का रता', वॉचडॉग प का रता और ए वोकैसी प का रता आिद।

5. प कार िकतने कार के होते ह ?

प कार तीन कार के होते ह-

पूण का लक

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अंशका लक ( टंगर)
लांसर या वतं प कार

6. समाचार िकस शैली म लखे जाते ह ?

समाचार उलटा िपरािमड शैली म लखे जाते ह, यह समाचार लेखन क सबसे उपयोगी और लोकि य शैली है। इस शैली का
िवकास अमे रका म गृह यु के दौरान हआ। इसम मह वपूण घटना का वणन पहले तुत िकया जाता है, उसके बाद मह व क ि
से घटते म म घटनाओं को तुत कर समाचार का अंत िकया जाता है। समाचार म इंटो, बॉडी और समापन के म म घटनाएँ
तुत क जाती ह।

7. समाचार के छह ककार कौन-कौन से ह ?

समाचार लखते समय मु य प से छह न - या , कौन , कहाँ , कब , य और कैसे का उ र देने क कोिशश क जाती है।
इ ह समाचार के छह ककार कहा जाता है। थम चार न के उ र इंटो म तथा अ य दो के उ र समापन से पूव बॉडी वाले भाग
म िदए जाते ह।

8. फ़ चर या है ?

फ़ चर एक कार का सु यव थत, सृजना मक और आ मिन लेखन है।

9. फ़ चर लेखन का या उ े य होता है ?

फ़ चर का उ े य मु य प से पाठक को सूचना देना, िशि त करना तथा उनका मनोरंजन करना होता है।

10. फ़ चर और समाचार म या अंतर है ?

समाचार म रपोटर को अपने िवचार को डालने क वतं ता नह होती, जबिक फ़ चर म लेखक को अपनी राय, ि कोण और
भावनाओं को जािहर करने का अवसर होता है। समाचार उ टा िपरािमड शेली म लखे जाते ह, जबिक फ़ चर लेखन क कोई
सुिन चत शैली नह होती। फ़ चर म समाचार क तरह श द क सीमा नह होती। आमतौर पर फ़ चर, समाचार रपोट से बड़े होते
ह। प -पि काओं म ायः २५० से २००० श द तक के फ़ चर छपते ह।

11. िवशेष रपोट से आप या समझते ह ?

सामा य समाचार से अलग वे िवशेष समाचार जो गहरी छान-बीन, िव लेषण और या या के आधार पर कािशत िकए जाते ह,
िवशेष रपोट कहलाते ह।

12. िवशेष रपोट के िविभ कार को प क जए।

(1) खोजी रपोट: इसम अनुप ध त य को गहरी छान-बीन कर सावजिनक िकया जाता है।

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(2) इ डे थ रपोट: सावजािनक प से ा त य क गहरी छान-बीन कर उसके मह वपूण प को पाठक के सामने लाया जाता
है।

(3) िव लेषणा मक रपोट: इसम िकसी घटना या सम या का िववरण सू मता के साथ िव तार से िदया जाता है। रपोट अ धक
िव तृत होने पर कई िदन तक िक त म कािशत क जाती है।

(4) िववरणा मक रपोट: इसम िकसी धटना या सम या को िव तार एवं बारीक के साथ तुत िकया जाता है।

13. िवचारपरक लेखन िकसे कहते ह ?

जस लेखन म िवचार एवं िचंतन क धानता होती है, उसे िवचार परक लेखन कहा जाता है। समाचार-प म समाचार एवं फ़ चर के
अित रत संपादक य, लेख, प , िट पणी, व र प कार व िवशेष के तंभ छपते ह। ये सभी िवचारपरक लेखन के अंतगत आते
ह।

14. संपादक य से या अिभ ाय है ?

संपादक ारा िकसी मुख घटना या सम या पर लखे गए िवचारा मक लेख को, जससे संबं धत समाचार प क राय भी कहा
जाता है, संपादक य कहते ह। संपादक य िकसी एक यि का िवचार या राय न होकर सम प -समूह क राय होता है, इस लए
संपादक य म संपादक अथवा लेखक का नाम नह लखा जाता।

15. तंभलेखन से या ता पय है ?

यह एक कार का िवचारा मक लेखन है। कुछ मह वपूण लेखक अपने खास वैचा रक झान एवं लेखन शैली के लए जाने जाते ह।
ऐसे लेखक क लोकि यता को देखकर समाचरप उ ह अपने प म िनयिमत तंभ-लेखन क ज मेदारी दान करते ह। इस
कार िकसी समाचार-प म िकसी ऐसे लेखक ारा िकया गया िविश एवं िनयिमत लेखन जो अपनी िविश शैली एवं वैचा रक
झान के कारण समाज म याित- ा हो, तंभ लेखन कहा जाता है।

16. संपादक के नाम प से आप या समझते ह ?

समाचार प म संपादक य पृ पर तथा पि काओं क शु आत म संपादक के नाम आए प कािशत िकए जाते ह। यह येक
समाचारप का िनयिमत तंभ होता है। इसके मा यम से समाचार-प अपने पाठक को जनसम याओं तथा मु पर अपने िवचार
एवम् राय य करने का अवसर दान करता है।

17. सा ा कार/इंटर यू से या अिभ ाय है ?

िकसी प कार के ारा अपने समाचारप म कािशत करने के लए, िकसी यि िवशेष से उसके िवषय म अथवा िकसी िवषय या
मु े पर िकया गया नो रा मक संवाद सा ा कार कहलाता है।

अ य मह वपूण नः

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1. सामा य लेखन तथा प कारीय लेखन म या अंतर है?

2. प कारीय लेखन के उ े य ल खए।

3. प कार िकतने कार के होते ह?

4. उ टा िपरािमड शैली का िवकास कब और य हआ?

5. समाचार के कार के नाम ल खए।

6. बाड़ी या है?

7. फ़ चर िकस शैली म लखा जाता है?

8. फ़ चर व समाचार म या अंतर है?

9. िवशेष रपोट से आप या समझते ह?

10. िवशेष रपोट के भेद ल खए।

11. इ डे थ रपोट िकसे कहते ह?

12. िवचारपरक लेखन या है तथा उसके अ तगत िकस कार के लेख आते ह?

13. वतं प कार िकसे कहते है?

14. पूणका लक प कार से या अिभ ाय है?

15. अंशका लक प कार या होता है?

िवशेष लेखन: व प और कार

1. िवशेष लेखन िकसे कहते ह ?

िवशेष लेखन िकसी खास िवषय पर सामा य लेखन से हट कर िकया गया लेखन है; जसम िवषय से संबं धत िव तृत सूचनाएँ दान
क जाती ह।

2. डे क या है ?

समाचारप , पि काओं, टीवी और रेिडयो चैनल म अलग-अलग िवषय पर िवशेष लेखन के लए िनधा रत थल को डे क कहते ह
और उस िवशेष डे क पर काम करने वाले प कार का भी अलग समूह होता है। यथा- यापार तथा कारोबार के लए अलग तथा

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खेल क खबर के लए अलग डे क िनधा रत होता है।

3. बीट से या ता पय है ?

िविभ िवषय से जुड़े समाचार के लए संवाददाताओं के बीच काम का िवभाजन आम तौर पर उनक िदलच पी और ान को
यान म रख कर िकया जाता है। मीिडया क भाषा म इसे बीट कहते ह।

4. बीट रपोिटग तथा िवशेषीकृत रपोिटग म या अ तर है ?

बीट रपोिटग के लए संवाददाता म उस े के बारे म जानकारी व िदलच पी का होना पया है, साथ ही उसे आम तौर पर अपनी
बीट से जुड़ी सामा य खबर ही लखनी होती ह। िक तु िवशेषीकृत रपोिटग म सामा य समाचार से आगे बढ़कर संबं धत िवशेष े
या िवषय से जुड़ी घटनाओं, सम याओं और मु का बारीक से िव लेषण कर तुतीकरण िकया जाता है। बीट कवर करने वाले
रपोटर को संवाददाता तथा िवशेषीकृत रपोिटग करने वाले रपोटर को िवशेष संवाददाता कहा जाता है।

5. िवशेष लेखन क भाषा-शैली पर काश डा लए।

िवशेष लेखन क भाषा-शैली सामा य लेखन से अलग होती है। इसम संवाददाता को संबं धत िवषय क तकनीक श दावली का
जान होना आव यक होता है, साथ ही यह भी आव यक होता है िक वह पाठक को उस श दावली से प रिचत कराए जससे पाठक
रपोट को समझ सक। िवशेष लेखन क कोई िन चत शैली नह होती।

6. िवशेष लेखन के े कौन-कौन से हो सकते ह ?

िवशेष लेखन के अनेक े होते ह, यथा- अथ- यापार, खेल, िव ान- ौ ोिगक , कृिष, िवदेश, र ा, पयावरण िश ा, वा य,
िफ़ म-मनोरंजन, अपराध, कानून व सामा जक मु े आिद।

अ यासाथ मह वपूण न:

1. िकसी खास िवषय पर िकए गए लेखन को या कहते ह?

2. िवशेष लेखन के े ल खए।

3. प कारीय भाषा म लेखन के लए िनधा रत थल को या कहते है?

4. बीट से आप या समझते ह?

5. बीट रपोिटग या है?

6. बीट रपोिटग तथा िवशेषीकृत रपोिटग म या अंतर है?

7. िवशेष संवाददाता िकसे कहते ह?

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बोड परी ा म पूछे गए न एवं अ य मह वपूण पृ य न का कोश:

1. ि ंट मा यम िकसे कहते ह?

2. जनसंचार के च लत मा यम म सबसे पुराना मा यम या है?

3. िक ह दो मुि त मा यम के नाम ल खए।

4. छापाखाने के आिव कार का ेय िकसको जाता है?

5. िहंदी का पहला समाचार-प कब, कहाँ से िकसके ारा कािशत िकया गया?

6. िहंदी म कािशत होने वाले दो दैिनक समाचार-प तथा पि काओं के नाम ल खए।

7. रेिडयो क अपे ा टीवी समाचार क लोकि यता के दो कारण ल खए।

8. प कारीय लेखन तथा सािह यक सृजना मक लेखन का अंतर बताइए।

9. प का रता का मूलत व या है?

10. तंभलेखन से या ता पय है?

11. पीत प का रता िकसे कहते ह?

12. खोजी प का रता का आशय प क जए।

13. समाचार श द को प रभािषत क जए।

14. उ टा िपरािमड शैली या ह?

15. समाचार लेखन म छह कारको का या मह व है?

16. मुि त मा यम क िक ह दो िवशेषताओं का उ ेख क जए।

17. डेड लाइन या है?

18. रेिडयो नाटक से आप या समझते ह?

19. रेिडयो समाचार क भाषा क दो िवशेषताएँ ल खए।

20. एं कर बाईट िकसे कहते ह?

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21. टेलीिवजन समाचार म एं कर बाईट य ज री है?

22. मुि त मा यम को थायी मा यम य कहा जाता है?

23. िक ह दो समाचार चैनल के नाम ल खए।

24. इंटरनेट प का रता के लोकि य होने के या कारण ह?

25. भारत के िक ह चार समाचार-प के नाम ल खए जो इंटरनेट पर उपल ध ह?

26. प का रता क भाषा म बीट िकसे कहते ह?

27. िवशेष रपोट के दो कार का उ ेख क जए।

28. िवशेष लेखन के िक ह दो कार का नामो ेख क जए।

29. िवशेष रपोट के लेखन म िकन बात पर अ धक बल िदया जाता है?

30. बीट रपोटर िकसे कहते ह?

31. रपोट लेखन क भाषा क दो िवशेषताएँ ल खए।

32. संपादक य के साथ संपादन-लेखक का नाम य नह िदया जाता?

33. संपादक य लेखन या होता है?

अथवा

संपादक य से या ता पय है?

34. संपादक के दो मुख उ रदािय व का उ ेख क जए।

35. ऑप-एड पृ िकसे कहते ह?

36. यूजपेग या है?

37. आिडएं स से आप या समझते ह?

38. इले टोिनक मीिडया या है?

39. काटू न कोना या है?

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40. भारत म िनयिमत अपडेट साइट के नाम बताइए।

41. क यूटर के लोकि य होने का मुख कारण बताइए।

42. िव ापन िकसे कहते ह?

43. फ डबैक से या अिभ ाय है?

44. जनसंचार से आप या समझते ह?

45. समाचार और फ चर म या अंतर है?

(ख) आलेख/ रपोट- िनधा रत अंक:

आलेख

आलेख-लेखन हेतु मह वपूण बात:

1. िकसी िवषय पर सवागपूण जानकारी जो त या मक, िव लेषणा मक अथवा िवचारा मक हो आलेख कहलाती है।

2. आलेख का आकार संि होता है।

3. इसम िवचार और त य क प ता रहती है, ये िवचार मब प म होने चािहए।

4. िवचार या त य क पुनरावृ न हो।

5. आलेख क शैली िववेचन, िव लेषण अथवा िवचार- धान हो सकती है।

6. वलंत मु , सम याओं, अवसर , च र पर आलेख लखे जा सकते ह।

7. आलेख गंभीर अ ययन पर आधा रत ामािणक रचना होती है।

नमूना आलेख:

शेर का घर जमकाबट नेशनल पाक-

जंगली जीव क िविभ जाितय को सरं ण देने तथा उनक सं या को बढाने के उ े य से िहमालय क तराई से लगे उ राखंड
के पौड़ी और नैनीताल जले म भारतीय महा ीप के पहले रा ीय अभयार य क थापना स अंगरेजी लेखक जम काबट के
नाम पर क गई। जम काबट नशनल पाक नैनीताल से एक सौ प ह िकलोमीटर और िद ी से 290 िकलोमीटर दरू है। यह
अभयार य पाँच स इ क स िकलोमीटर े म फैला है। नव बर से जून के बीच यहाँ घूमने-िफरने का सव तम समय है।

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यह अभयार य चार स से यारह सौ मीटर क ऊँचाई पर है। िढकाला इस पाक का मुख मैदानी थल है और कांडा सबसे ऊँचा
थान ह। जंगल, जानवर, पहाड़ और हरी-भरी वािदय के वरदान से जमकाबट पाक दिु नया के अनूठे पाक म है। रायल बंगाल
टाइगर और एिशयाई हाथी पसंदीदा घर है। यह एिशया का सबसे पहला संरि त जंगल ह। राम गंगा नदी इसक जीवन-धारा है। यहाँ
एक सौ दस तरह के पेड़-पौधे, पचास तरह के तनधारी जीव, प चीस जाितय के सरीसृप और छह स तरह के रंग-िबरंगे प ी ह।
िहमालयन तदआ
ु , िहरन, भालू, जंगली कु े, भेिड़ये, बंदर, लंगूर, जंगली भसे जैसे जानवर से यह जंगल आबाद है। हर वष लाख
पयटक यहाँ आते ह। शाल वृ से िघरे लंबे-लंबे वन-पथ और हरे-भरे घास के मैदान इसके ाकृितक स दय म चार चाँद लगा देते
ह।

िन न ल खत िवषय पर आलेख ल खए

बढ़ती आबादी: देश क बरबादी


सां दाियक स ावना
कज म डू बा िकसान
आतंकवाद क सम या
डॉ टर हड़ताल पर, मरीज परेशान
वतमान परी ा- णाली
बजट और बचत
शि , संयम और साहस
र वत का रोग
सपना सच हो अपना

रपोट\ ितवेदन

रपोट/ ितवेदन का सामा य अथ: सूचनाओं के त यपरक आदान- दान को रपोट या रपोिटग कहते ह। ितवेदन इसका िहंदी
पांतरण है। रपोट िकसी सं था, आयोजन या काय म क त या मक जानकारी है। बड़ी-बड़ी कंपिनयां अपने अंशधारक को
वािषक/अ वािषक गित रपोट भेजा करती ह।

रपोट के गुणः

त य क जानकारी प , सटीक, ामािणक हो।


सं था/िवभाग के नाम का उ ेख हो।
अ य आिद पदा धका रय के नाम।
गितिव धयाँ चलानेवाल के नाम।
काय म का उ े य।
आयोजन- थल, िदनांक, िदन तथा समय।
उप थत लोग क जानकारी।

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िदए गए भाषण के मुख अंश।
लये गए िनणय क जानकारी।
भाषा आलंका रक या सािह यक न होकर सूचना मक होनी चािहए।
सूचनाएँ अ यपु ष शैली म दी जाती ह। म या हम का योग नह होता।
संि ता और िमकता रपोट के गुण ह।
नई बात नए अनु छे द से लख।
ितवेदक या रपोटर के ह ता र।

िन न ल खत िवषय पर रपोट तैयार क जए-

1. पूजा- थल पर दशना थय क अिनयंि त भीड़

2. देश क महॅगी होती यावसाियक िश ा

3. मतदान के का य

4. आए िदन होती सड़क दघ


ु टनाएँ

5. आक मक बाढ़ से हई जनधन क ित

फ चर लेखन-िनधा रत अंक: 5

समकालीन घटना तथा िकसी भी े िवशेष क िविश जानकारी के सिच तथा मोहक िववरण को फ चर कहते ह। फ चर
मनोरंजक ढंग से त य को तुत करने क कला है। व तुतः फ चर मनोरंजन क उं गली थाम कर जानकारी परोसता है। इस कार
मानवीय िच के िवषय के साथ सीिमत समाचार जब चटपटा लेख बन जाता है तो वह फ चर कहा जाता है।

अथात- “ ान + मनोरंजन = फ चर”।

फ चर म अतीत, वतमान और भिव य क ेरणा होती है। फ चर लेखक पाठक को वतमान दशा से जोड़ता है, अतीत म ले जाता है
और भिव य के सपने भी बुनता है। फ चर लेखन क शैली िविश होती है। शैली क यह िभ ता ही फ चर को समाचार, आलेख या
रपोट से अलग ेणी म ला कर खड़ा करती है।

फ चर लेखन को अ धक प प से समझने के लए िन न बात का यान रख –

1. समाचार साधारण जनभाषा म तुत होता है और फ चर एक िवशेष वग व िवचारधारा पर कि त रहते हए िविश शैली म लखा
जाता है।

2. एक समाचार हर एक प म एक ही व प म रहता है पर तु एक ही िवषय पर फ चर अलग-अलग प म अलग-अलग तुित


लये होते ह। फ चर के साथ लेखक का नाम रहता है।

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3. फ चर म अित र साज-स जा, त य और क पना का रोचक िम ण रहता है।

4. घटना के प रवेश, िविवध िति याएँ व उनके दरू गामी प रणाम भी फ चर म रहा करते ह।

5. उ े य क ि से फ चर त य क खोज के साथ मागदशन और मनोरंजन क दिु नया भी तुत करता है।

6. फ चर फोटो- तुित से अ धक भावशाली बन जाता है।

नमूना फ चर:

िपय कड़ तोता:

संगत का असर आता है, िफर चाहे वह आदमी हो या तोता। ि टेन म एक तोते को अपने मा लक क संगत म शराब क ऐसी लत
लगी िक उसने घर वाल और पड़ो सय का जीना बेहाल कर िदया। जब तोते को सुधारने के सारे हथकंडे फेल हो गए तो मजबूरन
मा लक को ही शराब छोड़नी पड़ी। माक बेटोिकयो ने अ क जाित का तोला म लन पाला माक यदा-कदा शराब पी लेते। िगलास
म बची शराब म लन चट कर जाता। धीरे-धीरे म लन क तलब बढ़ने लगी। वह व -बेव शराब माँगने लगा।---------------------

िन न ल खत िवषय पर फ चर ल खए:

चुनावी वायदे
महँगाई के बोझतले मजदरू
वाहन क बढ़ती सं या
व र नाग रक के ित हमारा नज रया
िकसान का एक िदन
ांित के व न- ा अ दल
ु कलाम
ि केट का नया सं करण टी- टी
बेहतर संसाधन बन सकती है जनसं या

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