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Final Paper
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अभिनव चटर्जी
एम भिल (अंग्रेर्जी)
भिल्ली भवश्वभवद्यालय
िक्ति योग मे हमें सां स्कृभतक चेतना के िेत्र मे समन्वय का महान प्रयत्न
भिखाई पड़ता है । सां स्कृभतक चेतना की सवूश्रेष्ठ अभिव्यक्ति सावूिौम सत्या के
आधार पर प्रभतभष्ठत धाभमूक िावना और िाशू भनक भचंतन धारा के माध्यम से हुई
है । कला, भशल्प, साभहत्य और संगीत इन्ीं की आनुर्ंभगक उपलक्तियां हैं ।
आचायू भिवेिी र्जी ने समार्ज, संस्कृभत और साभहत्य के भवकास के आपसी संबंध
के बारे मे भर्जस धारणा का भवकास भकया है वह आधुभनक और वैज्ञाभनक है ।
चटर्जी 2