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समाधान अभिप भु ि प्रार्थन ा

( Resolution Affirmation Prayers )


मैं भिव्य आत्मा हूँ जो ब्रह्माण्ड की सिी भिव्य शभियों से परिप र्
ू थ है ।
भिव्य उपचािक शभियों, प्रवाभहत हो औि मेिा उपचाि किो ।
( कामना औि कल्पना किें की भिव्य शभियाां आप पि भनिां ति प्रवाभहत हो िही हैं )
मैंन े भजनके भिए जाने या अनजाने में,
किी िी कोई नकािात्मक ऊजाथ उत्पन्न किी हो ,
उन सब से क्षमा प्रार्थन ा ।

आपको अपने शब्िों में प्रार्थ ना के भिए प्रोत्साभहत भकया जाता है। आप चाहें तो इस प्रार्थ ना को िी पढ़ सकते हैं ।
भजन्होंने जाने या अनजाने में,
किी िी मेिे भिए कोई नकािात्मक ऊजाथ उत्पन्न किी हो ,
उन सब को क्षमा िान ।

यह प्रार्थ ना श्वास पि आधारित स्वयां -उपचाि भवभध ‘BLISS Breathing’ ‘आनांिमय श्वास’ से है ।
( कामना औि कल्पना किें की नकािात्मक ऊजाथ का कोई िी प्रवाह गायब हो गया है ।
केवि उपचािक शभियों का प्रवाह है )
भवश्व के कल्यार् की प्रार्थन ा ,
मेिे द्वािा, जाने या अनजाने में हु ई गिभतयों के भिए क्षमा प्रार्थन ा ,
भकसी से िी जाने या अनजाने में हु ई गिभतयों के भिए क्षमा िान,
तर्ा प िू े ब्रह्माण्ड से के वि प्रेम प र्
ू थ ऊजाथ का आिान प्रिान
मुझे सिा स्वीकृ त है । यही मेिा आत्म स्वरूप है ।
( कामना औि कल्पना किें की छाती के बीच में एक उज्जज्जवि ऊजाथ है,
जो सब से प्रेम की ऊजाथ का आिान प्रिान कि िही है )
मेिा प िू ा अभस्तत्व भनिां त ि ब्रह्माण्ड की भिव्य चेत ना औि ऊजाथ से
उपचारित, सांिभक्षत, मागथिभशथत एवां सशि है ।
(कामना औि कल्पना किें की ब्रह्माण्ड की भिव्य ऊजाथ सिा आप पि
प्रवाभहत हो िही है औि आपको िगाताि ऊजाथ भन्वत कि िही है )
मैं अच्छे स्वास््य से परिप र् ू थ हूँ । मेिा मन आनांभित एवां शाांत है ।
मेिी िावनाएां सांत ुभित हैं । मेिे रिश्ते प्रेम प र्
ू थ हैं ।
मैं सम द्धृ औि सांप न्न हूँ । मेिे सिी प्रयास औि कायथ सफि हैं ।
मेिे सिी कमथ अच्छे हैं । मेिा यह जीवन सफि है ।
मैं प र्
ू थत ः आनांभित औि कृ तज्ञ हूँ
की अब मैं हमेश ा, हि प्रकाि से, पहिे से बेहति हूँ ।
सांप र्
ू थ ब्रह्माांड की चेत ना औि ऊजाथ , हि प्रकाि का उपचाि
Version 2.1

सफि किने के भिए तुम्हािा धन्यवाि, धन्यवाि, धन्यवाि ।


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