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समस्त वामवं ञ्जशयों को सूञ्जचत ञ्जकया जाता हैं की वे ह 15 जनवरी को सुबह मकर स्नान सम्पन कर जनेऊ
अवश्य ही बदले ..
और
फेसबुक के ञ्जमत्र गण भी ञ्जजनका जनेऊ हो चू का हैं ..
15 जनवरी को ही मकर संक्रां ञ्जत हैं
कैसे धारण करे ?
सबसे पहले नौ धागों वाला जनेऊ ले आये य बना ले अपने हाथों से जै सा मैंने ञ्जसखाया तारापीठ पर
नए यज्ञोपवीत को जल िारा शु द्ध करके एक प्लेट पर या पीपल के पत्ते पर कुछ फूलों की पंखुडी ञ्जछड़क
के उसके ऊपर रखे
अब दस बार गायत्री मंत्र से अञ्जभमंञ्जत्रत करे
अञ्जभमंत्रीत कर ञ्जनम्न मंत्रों से दे वताओं का आवाहन करें एक एक धागे में
प्रथमतंतौ - ॐ कारं आवाहयाञ्जम
ञ्जितीयतं तौ - ॐ अग्ीं आवाहयाञ्जम
तृ तीयतंतौ - ॐ सपाा नं आवाहयाञ्जम
चतुथातंतौ - ॐ सोमं आवाहयाञ्जम
पंचमतं तौ - ॐ ञ्जपतृ णां आवाहयाञ्जम
ष्ठतं तौ - ॐ प्रजापञ्जतं आवाहयाञ्जम
सप्तमतं तौ - ॐ अञ्जनलं आवाहयाञ्जम
अष्टमतं तौ - ॐ सुयां आवाहयाञ्जम
नवमतं तौ - ॐ ञ्जवश्वानदे वानं आवाहयाञ्जम
प्रथम ग्रन्थो - ॐ ब्ह्मणे नमः ब्ह्माणमावाहयाञ्जम
ञ्जितीय ग्रन्थो - ॐ ञ्जवष्णवे नमः ञ्जवष्णुमावाहयाञ्जम
तृ तीय ग्रन्थो - ॐ रुद्राय नमः रुद्रमावाहयाञ्जम
इस प्रकार जनेऊ में समस्त दे वताओ को आवाहन करके ग्रत्मन्थ पर कुमकुम चढ़ाते हए कहे की "
आवाञ्जहत दे वतायाः यथा स्थानं न्यासाञ्जमः "
ञ्जफर गंध और अक्षत से आवाञ्जहत दे वताओं की पंचोपचार पूजा करें
तथा ञ्जनम्नञ्जलत्मखत मंत्र से हाथ में जल ले कर यज्ञोपवीत धारण का ञ्जवञ्जनयोग करें
ञ्जवञ्जनयोग - ॐ यज्ञोपवीतञ्जमञ्जत मंत्रस्य परमेष्ठी ऋञ्ज ः , ञ्जलंगोत दे वता , ञ्जत्रष्टु पछन्द यज्ञोपवीत धारणे ञ्जवञ्जनयोगः
तदनन्तर जनेऊ धोकर ञ्जनम्न मंत्र बोलते हए धारण करें
ॐ यज्ञोपवीतं परमं पञ्जवत्रं प्रजापते यािहजं पुरस्तात् ।
आयुष्मग्रयं प्रञ्जतमुंच शु भ्ं यज्ञोपवीतं बलमस्तु ते जः ॥
पुराने जनेऊ को ञ्जसर पर से पीठ की ओर से ञ्जनकालते हए ञ्जनम्न श्लोक का उच्चारण करे
एतादञ्जदन - पयान्तं ब्ह्मत्वं धाररतं मया ।
जीणात्वात् त्वत्पररत्यागी गच्छ सूत्र ! यथासुखं ॥
इसके बाद नवीन जनेऊ को दाएुँ हाथ के अंगूठे पर लपेट कर ज्ञानमुद्रा बनाकर हृदय के ऊपर रखके
यथा शत्मत गायत्री का जाप करे ...
ञ्जकन्तु एक बात ध्यान रखे
जनेऊ धारण मुद्रा
इस फोटो में ञ्जदखाए गए तरीके से पकड़के श्लोक पड़ते पड़ते पहन ले ..