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ह द
िं ी (आधार) (कोड-302)
कक्षा – XII
अिंक योजना
तनधाशररि समय – 3 घिंटे अधधकिम अिंक – 80
सामान्यिर्देश :
अंक योजरा का उद््े श्य मल्यांकर को अाधकााधक त ुिर नरारा ह। अंक-योजरा में
द्ए गए उत् र-बनं्ु अंि म रह ं ह। ये सुझाात्मक एं सांकेि क ह। यद् रर ऺा्थी रे
र, ककं ुउरयुक् उत् रद्एह। ोउसेउरयुक् अंकद्एजाए
इरसेभिन्
मल्
यांकर-कायय िरजीव्
याख्याकेअरुसाररह ं, नल््कअंक-योजरामें िरद्य ट
िर्देश :ारुसार
ह य्ासंिककयाजाए
प्रश्रों के उत् र यद् बनं्ं
ु ं में अरे्ऺ हों रर रर ऺा्थी अरेऺा से अाधक बनं्ं
ु ं का
उ्ऱेख ककरे ोसह बनं्िु बनं्ं
ु ंररअंक्ें रर:ेषिअरर
ु यक्
ु बनं्ं
ु ंकोअर्े ख काकरें
एकह प्रकारकीअ:द्
ु ाधकेभऱएनार-नारअंकरकाटें जाएं
1
अथिा
(1) कत्त रे उर ऻािरयों रर कटाऺ ककया ह। जो जीर की सच्चाई को
रह ंसमझरा ेह।
(2) जीरव्
य्यकररा
(3) कत्त संसार को सच्चा मारकर यह सं्े: ्े रा चाह ा ह। कक हमें
कत् व्य य
काराऱरकरराचादहए
(4) यहसंसारिगारकोइसभऱएत्तप्रयह। क्योंककयहसंसारउसीरेरचा
ह।
खिंड-ख
3. द्एगएत्तषयोंमें सेककसीएकत्तषयरररचरात्मकऱेख कर 5
(:ब्
्सीमा120-150:ब्
्)
त्तषयत ु–3अंक
िाषा–1अंक
क्ररा:ीऱ ा–1अंक
4. (:ब्
्सीमा80-100:ब्
्) 5
आरम्िएंअं कीररचाररक ाए–1अंक
त्तषयत ु–3अंक
िाषा–1अंक
5.क) अमीरोंकीरादटय या,कि्मीगर-:रइत्याद्l 1
ख क) ुरन् घट घटराकीसलचरा्े राl 1
ग) ऽनरोंको ीककरछररेऱायकनराराl 1
घ) नहु अ्रसमयकेभऱएककसीसमाचारसंग रमें काययर l 1
ड) ककन्
ह ं्ोसमाचाररत्रोंकेराम 1
6. (:ब्
्सीमा80-100:ब्
्) 5
कहारी से राटक नरा े हुए संा्, मऱल क्ात ,ु िाषा-:।ऱ , मंच
सज्जा, ध्िर, प्रका: चररत्र ाचत्रण, रात्रों की िा-िंागमा,
दृश्यात्मक ाआद्काध्याररख कराचदहएl
अथिा
आऱेख ऱेखन
त्तषयत ु–3अंक
िाषा–1अंक
प्रत ुि –1अंक
अथिा
पीचर ऱेखन
त्तषयत ु–3अंक
2
िाषा–1अंक
प्रत ुि –1अंक
खिंड-ग
7. (:ब्
्सीमा30-40:ब्
्) 2+2+2=6
क)क।मरे में नं्अरादहज-रघुीरसहाय
ख क)आरअरादहजक्योंहो,आरकोअरादहजहोकरक।साऱग ाह।
ग)हअरादहज ्ा्:यक्ोरोंकोसा्रुऱाराचाह ाह। l
अथिा
क) ऱक्ष्मणमछ
ल ायरररामकात्तऱार, ऱ
ु सी्ास
ख क) आरकेप्र ारकोह्र्यमें धारणकरहे !प्रिु में रु ं चऱा
जाऊगाl
ग) नाहुनऱ, :ीऱ, श्रीरामकेप्रि प्रेमl
8. (:ब्
्सीमा30-40:ब्
्) 2×2=4
क)नाऱक्रीडांंकााचत्रण,माकाात्स्य
ख क)नाऱमरोत्तऻारकेअरुरूरिाषा, अरुप्रासअऱंकार, ऱोक-िाषाl
अथिा
क)उषाकाऱकामारीकरणl
ख क)बनम्नात्मकिाषाकाप्रयोग,उत्प्रेऺाअऱंकार,मारीकरणl
9. (:ब्
्सीमा60-70:ब्
्) 3×2=6
क) ना को सहज रूर से प्रकट कररे के भऱए सहज तािात्तक िाषा
काप्रयोगकरराl
सह ना कोसह :ब््सेजोड़राl
सीधीररसरऱनोऱचाऱकीिाषाप्रयोगसेकथ्यप्रिारण
ल य l
ख क) कागजररख के ्ोरोंह रचरािसज
ृ रकेआधारl
ख के में ज।सेफसऱउग ीह। उसीप्रकारकागज़रररईरचराl
कागजररभऱख केऺणिरकेअरुिजीरिरकेभऱएत्ायीहो
जा ेह।-ज।सेऺणिरकीरोराईअरं ाकीकटाईहोl
ग) िरमयऱ ा,कोमऱ ा,रत्तत्र ाआद्केआधारररकरासररनच्चेके
मरकी ुऱराकीगईह। l
10. (:ब्
्सीमा60-70:ब्
्) 2×3=6
क) कारागारकारामसुर ेह डरजारा
उची् ार्े ख ककरनेहो:होजारा
ख क) डररोक
ऱेखख ककाकेप्रि िर ाररप्रेम
ग) रौकरकोअकेऱेछोड़्े राl
3
अथिा
क) नाजार के आकषयण को, क्योंकक नाजार में सामार की चकाचौंध हमें
ऱुिा ीह। ररख कर ्रेररत्त:कर ीह।
ख क) जनजेनिर होररमरख काऱ हो ोसायाधकअसरकर ाह।
जनजेनख काऱ ,ररमरिरारहो निीजा्ल चऱ ाह।
ग) ल्जरचीजोंकोग्राहकरे जा्ल केप्रिामें आरामनढ़ारे केभऱएयो
ह ख कर ्भऱया्ा,ेव्य्यप्र ी हो ेह।
आराममें म््रह ंत्तघ्ररड़ ाह।
11. 4+4+2=10
क) (:ब्
्सीमा80-100:ब्
्) 4
ऱोकआत्ाररत्तऻारकेद्ंद्कासुन््राचत्रण त्तऻारका
अररा कयह। ररआत्ाकाअररात्तश्ासह।
्े :िल्क् जगाराएंभ्रटाचारकात्तरोधकररा
ख क) (:ब्
्सीमा80-100:ब्
्) 4
्ं गऱमें चा्भसंहसेकुश् ीकेसमयl
रएराजकुमारकेआरेसेl
अथिा
चाऱी की अाधकां: कि्में मलक ्ीं इसभऱए ऱोगों को िरकट
ऱारेकेभऱएउन्हें अाधकसेअाधकमारीयहोरारड़ा
चाऱीरेअररीकफ्मोंमें सामान्यआ्मीकोत्ारद्या
उन्होंरेतरेह,करूणाररमारीयजीरम्
ल योंकोसाकार
ककया
ग) (:ब्
्सीमा30-40:ब्
्) 2
भ:र षकेफलऱकाऱजयीअधल केसमारमत ,नेरराह,फक्कड़
ररअरासक् जीरजीरेकीप्रेरणा्े ाह।
12. (:ब्
्सीमा80-100:ब्
्) 4×3=12
(क) य:ोधरनानलकेप्रि नच्चोंकाव्यहारउाच रह ं्ा
युारीढ़ केघट ेमल्य
नच्चेनड़ोंकेप्रि आ्र-सम्मारकािारह ंरख क े
ररम्ररांंएंसंतकारोंकाराऱररह ंकर े
मारीयमल्योंकािररा्रकर ेह।
रररार में नड़ों के प्रि तरेह, सम्मार रर आ्र प्र्भ:य कररे के
त्तभिन्र र के सट कउिरररअंकप्र्ारकरें
(ख क) जझ
ल :ीषयककाअ्यह। “संघषय”-जोक्ारायककेजीरररिीऱागल
हो ाह। l
4
(ग) ऐरफ्र।किाुकररनुद्ाधमारनाभऱका्ी
कफ्मोंकी:ौ़ीर
रररश्रमी
प्रकृि प्रेमी
रार केअाधकारोंकेप्रि सचे
ाचं र-मरर:ीऱतिा
(घ) जलझकाअ्यह। संघषय
क्ारकआरं्ारेरा :ाऱाजारेकेभऱएसंघषयककया
कत्तनररेकेभऱएसंघषय
संघषयकेनऱररक्ारायककोअररेउद््े श्यकीप्राल्त
(ङ) :ार्ाररगर-िरयोजर,जऱ-प्रणाऱ , करीकप्रयोगकेप्रमाण,त-
अर:
ु ाभस आद्l