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जीवन का तत्व

जीवन के हर एक क्षण को

बने हम प्यारा

रखे शोक, अहं कार एक ककनारे

आग्रह से बढ़ें लक्ष्य की ओर

यह है सष्ृ टि की शासन

जगाती हमें जन्म के माध्यम

ककया है सश
ु ोभित हर व्यष्तत को

एक अनमोल शष्तत से

लेककन यह कपिी प्रकृतत

आपत्ति रूपी जोखखम रस्सी से


Name:M.S.Srinidhi
छीनने लगती है इसी अनमोल वर को II nd Bsc Maths

हे मानव! मुसीबत से हारो मत

संकि है भसर्फ एक अस्थायी अंश


1813711075062
इसके बाद प्रतीक्षक्षत है

अमत
ृ की जैसा खुशहाभलक पल

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