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Ndai2020 H PDF
Ndai2020 H PDF
4/2020-एनडीए
एनडीए-I
एनडीए दनांक : 08.01.2020
आवेदन भरने क अंितम तारीख 28.01.2020)
(आवे
राष् ीय र ा अकादमी तथा नौसेना अकादमी परी ा (I), 2020
आयोग क वेबसाइट – http://upsc.gov.in)
(आयोग
मह वपूण
1. परी ा के िलए उ मीदवार अपनी पा ता सुिनि त कर ल :
परी ा के िलए आवेदन करने वाले उ मीदवार को सुिनि त करना चािहए क वे परी ा
म वेश हेतु सभी पा ता शत को पूरा करते ह। परी ा के सभी तर पर उनका वेश
पूणत: अनंितम होगा बशत क वे िनधा रत पा ता शत को पूरा करते ह ।
उ मीदवार को मा वेश प जारी कए जाने का अथ यह नह होगा क उनक
उ मीदवारी आयोग ारा अंितम प से सुिनि त कर दी गई है।
उ मीदवार ारा सा ा कार/ ि व परी ण म अहता ाप्त करने के बाद ही मूल माण
प के संदभ म पा ता शत का सत्यापन करता है।
2. आवेदन कै से कर :
2.1 उ मीदवार – http://upsconline.nic.in वेबसाइट का योग कर ऑनलाइन आवेदन
कर। ऑनलाइन आवेदन भरने के िलए सं ेप म अनुदश े प रिश -II (क) म दए गए ह,
िव तृत अनुदशे उपयुक् त वेबसाइट पर उपल ध ह।
2.2 जो उम्मीदवार इस परी ा म शािमल नह होना चाहते ह आयोग ने उनके िलए
आवेदन वापस लेने क सुिवधा का ावधान कया है। इस संबंध म अनुदश े परी ा नो टस के
प रिशष्ट II (ख) म दान कए गए ह।
2.3 उम्मीदवार के पास कसी एक फोटो पहचान-प अथात् आधार काड/मतदाता
काड/पैन काड/पासपोट/ ाइ वग लाइसस/स्कू ल पहचान-प / राज्य/के न् सरकार ारा
जारी कोई अन्य फोटो पहचान-प का िववरण होना चािहए। उम्मीदवार को ऑनलाइन
आवेदन-प भरते समय इस फोटो आईडी का िववरण दान करना होगा। इसी फोटो आईडी
को ऑनलाइन आवेदन प के साथ भी अपलोड करना होगा। इस फोटो आईडी का इस्तेमाल
भिवष्य म सभी संदभ के िलए कया जाएगा और उम्मीदवार को सलाह दी जाती है क
वे परी ा/एसएसबी म शािमल होते समय इस आईडी को अपने साथ रख।
3. आवेदन प भरने व वापस लेने क अंितम तारीख
तारीख:
1
स य ई-मेल आईडी स्तुत करना अपेि त है क् य क आयोग उनसे संपक करने के िलए
इलेक् ािनक माध्यम का इस्तेमाल करे गा।
उ मीदवार
मीदवार को के वल ऑनलाइन मोड http://upsconline.nic.in से ही आवेदन करने क
ज रत है। कसी दूसरे मोड ारा आवेदन करने क अनुमित नह है।
3
उ मीदवार को यान रखना चािहए क के म प रवतन से स ब अनुरोध को वीकार
नह कया जाएगा।
3. पा ता क शत:
शत
क) रा ीयता:
(क ीयता उ मीदवार या तो:--
तो
1. भारत का नाग रक हो, या
2. नेपाल क जा हो, या
3. भूटान क जा हो, या
4. भारत म थायी प से रहने के इरादे से 1 जनवरी, 1962 से पहले भारत आया
आ ित बती शरणाथ हो; या
5. भारतीय मूल का ि जो भारत म थायी प से रहने के उ े य से पा क तान,
बमा, ीलंका, पूव अ क देश जैसे क िनया, उगा डा तथा तंजािनया, संयु गणरा य,
जांिबया, मलावी, जै़रे तथा इिथयोिपया या िवयतनाम से वजन कर के आया हो।
पर तु उपयु वग 2, 3, 4 और 5 के अंतगत आने वाला उ मीदवार ऐसा ि हो
िजसको भारत सरकार ने पा ता माणप दान कया हो, पर नेपाल के गोरखा उ मीदवार
के िलए यह पा ता माणप आव यक नह होगा।
ख) आयु-सीमाएं, लग और वैवािहक ि थित:
(ख थित
के वल ऐसे अिववािहत पु ष उ मीदवार िजनका ज म दो जुलाई 2001 से पहले न आ हो
तथा पहली जुलाई, 2004 के बाद न आ हो, पा ह।
आयोग ज म क वह तारीख वीकार करता है जो मै कु लेशन या मा यिमक िव ालय
छोड़ने के माणप या कसी भारतीय िव िव ालय ारा मै कु लेशन के समक माने गए
माणप या कसी िव िव ालय ारा अनुरि त मै कु लेट के रिज टर म दज क गई हो
और यह उ रण िव िव ालय के समुिचत ािधकारी ारा मािणत हो। मूल माणप
सा ा कार के समय तुत करने ह गे। आयु के संबंध म कोई अ य द तावेज जैसे ज म
कु डली, शपथ-प , नगर िनगम से और सेवा अिभलेख से ा ज म संबंधी उ रण तथा
अ य ऐसे ही माणप वीकार नह कए जाएंगे।
अनुदशे के इस भाग म आए ए ‘मै कु लेशन/उ तर मा यिमक परी ा माणप ’
वा यांश के अंतगत उपयु वैकि पक माणप सि मिलत ह।
ट पणी
पणी-1:
णी उ मीदवार यह यान रख क आयोग उ मीदवार क ज म क उसी तारीख को
वीकार करे गा जो क आवेदन- प तुत करने क तारीख को मै कु लेशन/उ तर मा यिमक
परी ा माणप या समक माणप म दज है और इसके बाद उसम प रवतन के कसी
अनुरोध पर न तो िवचार कया जाएगा और न उसे वीकार कया जाएगा।
ट पणी-2:
पणी उ मीदवार यह भी नोट कर ल क उनके ारा कसी परी ा म वेश के िलए
ज म क तारीख एक बार घोिषत कर देने और आयोग ारा उसे अपने अिभलेख म दज कर
लेने के बाद उसम बाद म या बाद क कसी अ य परी ा म प रवतन करने क अनुमित
कसी भी आधार पर नह दी जाएगी।
ट पणी-3:
पणी उ मीदवार को आवेदन- प के संबंिधत कालम म ज म ितिथ भरते समय उिचत
सावधानी बरतनी चािहए। य द बाद क कसी अव था म, जांच के दौरान उनके ारा भरी
गई ज म ितिथ क उनके मै क या समक परी ा के माणप म दी गई ज म ितिथ से
4
कोई िभ ता पाई गई तो आयोग ारा उनके िव िनयम के अधीन अनुशासना मक कारवाई
क जाएगी।
ट पणी-4:
पणी उ मीदवार को इस बात का वचन देना है क जब तक उनका सारा िश ण
पूरा नह होगा तब तक वे शादी नह करगे। जो उ मीदवार अपने आवेदन क तारीख के बाद
शादी कर लेता है उसको िश ण के िलए चुना नह जाएगा। चाहे वह उस परी ा म या
अगली कसी परी ा म भले ही सफल हो। जो उ मीदवार िश ण काल म शादी कर लेगा
उसे वापस भेजा जाएगा और उस पर सरकार ने जो पैसा खच कया है सब उससे वसूल
कया जाएगा।
ग) शैि क यो यताएं:
(ग
ट पणी-1:
पणी वे उ मीदवार जो 11व क ा क परी ा दे रहे ह। इस परी ा म बैठने के पा
नह ह।
ट पणी-2:
पणी वे उ मीदवार, िज ह 12व क ा या समक परी ा म अभी तक अहता ा
करनी है और िज ह संघ लोक सेवा आयोग ने परी ा म बैठने क अनुमित दे दी है, नोट
5
कर ल क उनको दी गई यह िवशेष छू ट है। उ ह 12व क ा या समक परी ा उ ीण
करने का माण िनधा रत तारीख 24 दस बर, 2020 तक तुत करना है और बोड/
िव िव ालय ारा परी ा के देर से आयोिजत कये जाने, प रणाम घोषणा म िवलंब या
अ य कसी कारण से इस तारीख को और आगे बढ़ाने से संब कसी भी अनुरोध् को वीकार
नह कया जायेगा।
ट पणी-3:
पणी जो उ मीदवार र ा मं ालय ारा र ा सेवा म कसी कार के कमीशन से
अपव जत ह, वे इस परी ा म वेश के पा नह ह गे, अगर वेश दे दया गया तो भी
उनक उ मीदवारी र कर दी जाएगी।
ट पणी-4:
पणी ट पणी-4:
पणी जो अ यथ सीपीएसएस/पीएबीटी म पहले असफल हो चुके ह, वे
वायु सेना म ाउं ड ूटी शाखा के िलए पा होग य द वे इस संबंध म आयोग क
वेबसाइट पर उपल ध ऑनलाइन आवेदन प म अपनी इ छु कता (Willingness) भरते ह।
घ) शारी रक मानकः
(घ
उ मीदवार को रा ीय र ा अकादमी तथा नौसेना अकादमी परी ा (I) 2020 हेतु प रिश -
IV म दए गए शारी रक मानक के दशा-िनदश के अनु प शारी रक प से व थ होना
चािहए।
वे उ मीदवार िज ह ने या तो इ तीफा दे दया है या िज ह सश बल के कसी िश ण
सं थान से अनुशासना मक कारवाई के तहत् िनकाल दया गया हो, आवेदन करने क यो यता
नह रखते ह।
4. शु क:
क
उ मीदवार को . 100/- ( पए एक सौ मा ) फ स के प म (अ.जा./अ.ज.जा.
उ मीदवार / ट पणी 2 म उि लिखत जे.सी.ओ./ एन.सी.ओ./ओ.आर. के ब को
छोड़कर िज ह कोई शु क नह देना होगा) या तो टेट बक आफ इं िडया क कसी भी शाखा
म नकद जमा करके या टेट बक आफ इं िडया क नेट ब कग सेवा का उपयोग करके या
वीजा/मा टरकाड/ पे े िडट/डेिबट काड का उपयोग करके भुगतान करना होगा।
यान द-1: जो उ मीदवार भुगतान के िलए नकद भुगतान णाली का चयन करते ह वे
िस टम ारा सृिजत (जनरे ट) पे-इन-ि लप को मु त कर और अगले काय दवस को भारतीय
टेट बक (एसबीआई) क शाखा के काउं टर पर शु क जमा करवाएं। ‘नकद भुगतान णाली’
का िवक प अंितम ितिथ से एक दन पहले, अथात दनांक 27.01.2020 को राि 23.59
बजे िनि य हो जाएगा। तथािप, जो उ मीदवार अपने पे-इन-ि लप का सृजन (जनरे शन)
इसके िनि य होने से पहले कर लेते ह, वे अंितम ितिथ को बक के काय समय के दौरान
एसबीआई क शाखा म काउं टर पर नकद भुगतान कर सकते ह। वे उ मीदवार जो वैध
पे-इन-ि लप होने के बावजूद कसी भी कारणवश अंितम ितिथ को बक के काय समय के
दौरान एसबीआई क शाखा म नकद भुगतान करने म असमथ रहते ह तो उनके पास कोई
अ य आफलाइन िवक प उपल ध नह होगा ले कन वे अंितम ितिथ अथात 28.01.2020 को
सांय 6:00 बजे तक आनलाइन डेिबट/ े िडट काड अथवा इंटरनेट ब कग भुगतान के िवक प
का चयन कर सकते ह।
यान
न द-2: उ मीदवार को नोट करना चािहए क शु क का भुगतान ऊपर िनधा रत
मा यम से ही कया जा सकता है। कसी अ य मा यम से शु क का भुगतान न तो वैध है न
वीकाय है। िनधा रत मा यम/शु क रिहत आवेदन (शु क के भुगतान से छू ट ा रिहत
आवेदन को छोड़कर) एकदम अ वीकृ त कर दए जाएंगे।
6
यान द-3: एक बार शु क अदा कए जाने पर वापस करने के कसी अनुरोध पर िवचार
नह कया जा सकता है और न ही कसी दूसरी परी ा या चयन के िलए आरि त रखा जा
सकता है।
यान द-4: िजन आवेदक के मामले म बक से भुगतान संबंधी िववरण ा नह ए ह
उ ह अवा तिवक भुगतान मामला समझा जाएगा और उनके आवेदन प तुर त अ वीकृ त कर
दए जाएंगे। ऐसे सभी आवेदक क सूची आनलाइन आवेदन प तुत करने के अंितम दन
के बाद दो स ाह के भीतर आयोग क वेबसाइट पर उपल ध करा दी जाएगी। आवेदक को
अपने शु क भुगतान का माण ऐसी सूचना क तारीख से 10 दन के भीतर द ती अथवा
पीड पो ट के ज रए आयोग को भेजना होगा। द तावेज के प म माण ा होने पर,
शु क भुगतान के वा तिवक मामल पर िवचार कया जाएगा और उनके आवेदन वीकार कर
िलए जाएंग,े बशत वे पा ह ।
ट पणी-1:
पणी अनुसूिचत जाितय /अनुसिू चत जनजाितय और ट पणी-2 म उि लिखत
उ मीदवार को शु क नह देना होगा तथािप अ य िपछड़ी ेिणय के उ मीदवार को शु क म
कोई छू ट नह है तथा उ ह िनधा रत शु क का पूरा भुगतान करना होगा।
ट पणी-2:
पणी थल सेना म सेवारत/भूतपूव जूिनयर कमीशन ा अफसर /गैर कमीशन ा
अफसर /अ य रक तथा भारतीय नौसेना/ भारतीय वायु सेना के समक रक के अफसर के
ब को िनध रत शु क देने क ज रत नह होगी य द वे िमिल ी कू ल (िज ह पहले कग
जाज कू ल के नाम से जाना जाता था)/सैिनक कू ल क सोसायटी ारा चलाए जाने वाले
सैिनक कू ल म िश ा पा रहे ह। (िवशेष यान द: ऐसे सभी उ मीदवार को संब
सीपल से शु क म छू ट हेतु उनक पा ता का माण-प ा करना होगा और
एस.एस.बी. परी ण/सा ा कार के िलए अहक घोिषत कए गए उ मीदवार ारा एस.
एस. बी. परी ण/सा ा कार के समय स यापन हेतु तुत करना होगा)।।
5. आवेदन कै से कर:
कर
उ मीदवार www.upsconline.nic.in वेबसाइट सुिवधा का योग कर आनलाइन आवेदन कर।
आनलाइन आवेदन भरने के िलए िव तृत िनदश उपयु वेबसाइट म उपल ध ह।
ट पणी-1:
पणी आवेदक को के वल एक ही आवेदन-प तुत करने का परामश दया जाता है।
तथािप, कसी अप रहाय प रि थितवश य द वह एक से अिधक आवेदन प तुत करता है,
वह यह सुिनि त कर ल क उ आर आई डी वाला आवेदन प हर तरह अथात् आवेदक
का िववरण, परी ा के , फोटो, ह ता र, फोटो पहचान प स ब धी द तावेज, शु क
आ द से पूण है। एक से अिधक आवेदन प भेजने वाले उ मीदवार यह नोट कर ल क के वल
उ आर आई डी (रिज ेशन आई डी) वाले आवेदन प ही आयोग ारा वीकार कए
जाएंगे और एक आर आई डी के िलए अदा कए गए शु क का समायोजन कसी अ य आर
आई डी के िलए नह कया जाएगा।
टप्पणी-2
पणी : उम्मीदवार के पास कसी एक फोटो पहचान-प अथात् आधार काड/मतदाता
काड/पैन काड/पासपोट/ ाइ वग लाइसस/स्कू ल पहचान-प / राज्य/के न् सरकार ारा जारी कोई
अन्य फोटो पहचान-प का िववरण होना चािहए। उम्मीदवार को ऑनलाइन आवेदन-प भरते समय
इस फोटो आईडी का िववरण दान करना होगा। इसी फोटो आईडी को ऑनलाइन आवेदन प के
साथ भी अपलोड करना होगा। इस फोटो आईडी का इस्तेमाल भिवष्य म सभी संदभ के िलए कया
जाएगा और उम्मीदवार को सलाह दी जाती है क वे परी ा/एसएसबी म शािमल होते समय इस
आईडी को अपने साथ रख।
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ट पणी-3:
पणी सभी उ मीदवार को चाहे वे पहले ही सरकारी सेवा म ह , िजनम सश सेना
बल के उ मीदवार भी शािमल ह और भारतीय नौसेना के नौसैिनक (बाल एवं प रिश पी
िश ा थय सिहत), रा ीय इं िडयन िमिल ी कालेज (िजसे पहले सैिनक कू ल, देहरादून कहा
जाता था) के कै डे स, राष् ीय िमिल ी कू ल (िज ह पहले िमिल ी कू ल कहा जाता था)
और सैिनक कू ल क सोसायटी ारा चलाए जाने वाले सैिनक कू ल के छा , सरकारी
वािम व वाले औ ोिगक उप म अथवा इसी कार के अ य संगठन अथवा िनजी रोजगार म
कायरत उ मीदवार को आयोग को सीधे आनलाईन आवेदन करना होगा।
िवशेष यान द--(क) जो ि पहले से ही थायी या अ थायी हैिसयत से सरकारी सेवा
म ह या आकि मक या दैिनक दर पर िनयु ि य को छोड़कर काय भा रत कमचारी
या जो लोक उ म म सेवारत ह, (ख) सश सेना बल म कायरत उ मीदवार भारतीय
नौसेना के नौसैिनक (बाल एवं प रिश पी िश ा थय सिहत), और (ग) रा ीय इं िडयन
िमिल ी कालेज (िजसे पहले सैिनक कू ल, देहरादून कहा जाता था) के कै डे स, िमिल ी
कू ल (िज ह पहले कग जाज कू ल कहा जाता था) और सैिनक कू ल क सोसायटी ारा
चलाए जाने वाले सैिनक कू ल को छा को अपने कायालय/िवभाग अ य , कमां डग
अिधकारी, संब कालेज/ कू ल के सीपल, जैसा भी मामला हो, को िलिखत प म सूिचत
करना होगा क उ ह ने इस परी ा के िलए आवेदन कया है।
उ मीदवार नोट कर क य द आयोग को उनके िनयो ा/संब ािधकारी से इस परी ा के
िलए आवेदन करने वाले/बैठने वाले उ मीदवार क अनुमित रोकने संबंधी कोई प ाचार ा
होता है तो उनके आवेदन प अ वीकृ त कए जा सकते ह/उ मीदवारी िनर त क जा सकती
है।
ट पणी-4:
पणी उ मीदवार को अपने आवेदन प म परी ा के िलए के भरते समय सावधानी
पूवक िनणय लेना चािहए।
य द कोई उ मीदवार आयोग ारा ेिषत ई- वेश माणप म दशाये गये के से
इतर के म बैठता है तो उस उ मीदवार के प का मू यांकन नह कया जाएगा तथा
उसक उ मीदवारी र क जा सकती है।
ट पणी
पणी-5:
णी िजन आवेदन प के साथ िनधा रत शु क संल नह होगा (उपयु पैरा 4 के
अंतगत शु क माफ के दावे को छोड़कर) या जो अधूरे भरे ए ह , उनको एकदम अ वीकृ त
कर दया जायेगा और कसी भी अव था म अ वीकृ ित के संबंध म अ यावेदन या प -
वहार को वीकार नह कया जायेगा। उम्मीदवार को अपने आवेदन के साथ फोटो पहचान-प
के अित र आयु, शै िणक योग्यता , अनुसिू चत जाित/अनुसूिचत जनजाित/ अन्य िपछड़ा वग तथा
परी ा शुलक
् से छू ट के संबंध म अपने कसी दावे के समथन म कोई माणप संलग्न नह करना
है। इसिलए वे इस बात को सुिनि त कर ल क वे परी ा म वेश के िलए पा ता क सभी
शत को पूरा करते ह या नह । अतः परी ा म उनका वेश भी पूणतः अनि तम होगा। य द
कसी बाद क तारीख को स यापन करते समय यह पता चलता है क वे पा ता क सभी
शत पूरी नह करते ह तो उनक उ मीदवारी र हो जाएगी। परी ा के िलिखत भाग के
प रणाम के जून, 2020 म घोिषत होने क संभावना है। िलिखत परी ा म सफल ए
अ य थय को भत महािनदेशालय क वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर उसी ई-मेल
आईडी से ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा जो ई-मेल आईडी का इस्तेमाल संघ लोक सेवा
आयोग का ऑनलाइन आवेदन भरते समय दान क गई थी । अ या थय को आव यक प से
यह सुिनि त करना होगा क उनके ऑनलाइन आवेदन म दी गई ई-मेल आई डी सही है
और चालू है। इसके बाद इन अ य थय को पूव क् त वेबसाइट के माध्यम से चयन के न् का
आबंटन कया जाएगा। कसी समस्या/स्पष्टीकरण के मामले म अ यथ , भत महािनदेशालय
8
क वेबसाइट पर दए गए टेलीफोन नंबर पर या अपने ोफाइल पर लॉगइन करके
फ डबैक/क् वेरी मॉ ूल के ज रए भत महािनदेशक से संपक कर सकते ह।
ट पणी-6:
पणी िजन उ मीदवार ने िलिखत परी ण म अहता ा कर ली है, उ ह आयु और
शैि क यो यता संबंघी अपने मूल माण-प भत िनदेशालय, सेना मु यालय, वे ट लाक-
।।।, आर.के . पुरम, नई द ली-110066 अथवा नौसेना मु यालय, डीएमपीआार,
ओआईएंडआर अनुभाग, ‘सी‘ वग, सेना भवन, नई द ली-110011 को तुत करने क
आव यकता नह है।
सा ा कार के िलये बुलाये गये सभी उ मीदवार को सेवा चयन बोड (एसएसबी) के सम
मै क परी ा का मूल माणप अथवा समक परी ा के माणप तुत करने ह गे। जो
उ मीदवार सेवा चयन बोड के सा ा कार म अहता ा कर लगे उ ह सा ा कार के तुरंत
बाद मूल माणप ो को तुत करना होगा। जांच पड़ताल के बाद मूल माणप लौटा दए
जाएंगे जो उ मीदवार पहले ही 10 + 2 परी ा उ ीण कर चुके ह वे सेवा चयन बोड हेतु
अपना 10 + 2 परी ा उ ीण करने का मूल माणप या अंक सूची अव य लाएं।
य द उनका कोई भी दावा अस य पाया जाता है तो उनके िव आयोग ारा िन िलिखत
उपबंध के अनुसार अनुशासना मक कारवाई क जा सकती है:
कोई उम्मीदवार जो आयोग ारा िनम्निलिखत म से कसी मामले म दोषी करार दया जाता है या
दोषी करार दया जा चुका है:-
(क) परी ा के संचालन काय से जुड़े कसी व्यि को अवैध प से मदद दान
करके ; या
(ii) ित पधारण ; या
(iv) जाली दस्तावेज या ऐसे दस्तावेज जमा करना िजनके साथ छेड़छाड़ क गई हो; या
(vii) परी ा हेतु अपनी उम्मीदवारी के संबंध म िनम्निलिखत तरीके अपनाना, नामत:
9
(viii) परी ा के समय अपने पास अनुिचत साम ी रखना या अनुिचत तरीके
अपनाना; या
(ix) उत्तर-पुि तका म अश्लील साम ी िलखना या अश्लील रे खािच बनाना या असंगत
साम ी िलखना; या
(xi) परी ा के संचालन काय हेतु आयोग ारा तैनात का मक को परेशान करना या
शारी रक ित प च
ं ाना; या
(xii) कोई मोबाइल फोन (स्िवच ऑफ मोड म भी नह ), पेजर या कोई इलेक् ॉिनक
उपकरण या ो ामेबल उपकरण या स्टोरे ज मीिडया जैसे पेन ाइव, स्माट घड़ी
आ द या कोई कै मरा या ब्लूटूथ उपकरण या कोई अन्य उपकरण या संबंिधत
एक् सेसरी, चालू या ि वच ऑफ मोड म भी अपने पास रखना, िजसका इस्तेमाल
परी ा के दौरान संचार उपकरण के प म कया जा सके ; या
(क) आयोग क िजस परी ा का उ मीदवार है उसके िलए आयोग ारा अयो य ठहराया
जा सकता है; और/या
(ख) उसे िनम्निलिखत के िलए थायी प से या कसी िन द अविध के िलए िवव जत
कया जा सकता है:
(i) आयोग ारा उसक कसी परी ा या चयन के िलए;
(ii) के सरकार ारा उसके अधीन कसी िनयुि के िलए; और
10
7. या ा भ ा:
ा
कसी िवशेष कार के कमीशन अथात् थायी अथवा अ पकािलक के िलए एसएसबी
सा ा कार हेतु थम बार उपि थत होने वाले उ मीदवार भारतीय सीमा के अंदर
आर ण एवं लीपर भार सिहत एसी-3 टायर आने-जाने के रे ल के कराए अथवा
बस के कराए के हकदार ह गे। जो उ मीदवार समान कार के कमीशन के िलए पुनः
आवेदन करते ह, वे कसी परवत अवसर के िलए या ा भ ा के हकदार नह ह गे।
8. आयोग/थल
आयोग थल सेना/नौ
ा नौ सेना/वायु
ा वायु सेना मु यालय के साथ प - वहारः
उ मीदवार को यान रखना चािहए क परी ा म उनका वेश उनके ारा आवेदन
प म दी गई जानकारी के आधार पर रहेगा। यह पा ता क शत के स यापन कए
जाने पर आधा रत होगा।
िजन उ मीदवार के नाम सेवा चयन बोड के सा ा कार हेतु रपोट करने के िलए अनुशंिसत
ह वह अपने सा ा कार के संबंध म सभी पूछताछ और अनुरोध िलिखत परी ा के प रणाम
क घोषणा से 20 दन के प ात् स बि धत स वस हेड ाटस के िन िलिखत पते पर स पक
कर या वेबसाइट को देख:--
12
सेना को थम वरीयता देने वाले उ मीदवार के िलए--सेना मु यालय, ए. जी. ांच,
आरटीजी (रा.र.अ. िवि ), पि मी ख ड-III, कं ध्-I, आर. के . पुरम, नई
द ली-110066, दूरभाष सं. 26175473, या www.joinindianarmy.nic.in
संघ लोक सेवा आयोग अपने िववेकािधकार के आधार पर िनधा रत िलिखत परी ा म
न्यूनतम अहक अंक ाप्त करने वाले उम्मीदवार क एक सूची तैयार करे गा। ये उम्मीदवार
बुि मत्ता परी ण तथा व्यि त्व परी ण के िलए सेवा चयन बोड के सम उपि थत
ह गे, जहां राष् ीय र ा अकादमी क थल सेना, नौसेना शाखा और भारतीय नौसेना
अकादमी क 10+2 कै डेट एं ी स्क म के उम्मीदवार क अिधकारी मता का मूलयां
् कन
होगा। वायु सेना के उम्मीदवार को उपरोक् त के अित रक् त कं प्यूटरीकृ त पायलट चयन
णाली (सीपीएसएस) म भी अहता ाप्त करनी होगी। वायु सेना को एक िवकल्प के प
म चुनने वाले और एसएसबी म अहक ए उम्मीदवार को भी सीपीएसएस परी ण देना
होगा, य द वे इसके इच्छु क ह ।
दो चरण क चयन या
जो उ मीदवार सेवा चयन बोड के सामने हािजर होकर वहां परी ण दगे वे अपने ही जोिखम
पर इन परी ण म शािमल ह गे और सेवा चयन बोड म उनका जो परी ण होता है उसके
दौरान या उसके फल व प अगर उनको कसी ि क लापरवाही से या अ यथा कोई चोट
प चं ती है उसके िलए वे सरकार क ओर से कोई ितपू त या सहायता पाने के हकदार नह
ह गे। उ मीदवार के माता-िपता या अिभभावक को इस आशय के एक माणप पर
ह ता र करने ह गे।
िवशेष टप्पणी : वायु सेना क उड़ान शाखा के िलए त्येक अ यथ कं प्यूटरीकृ त पायलट
चयन णाली (सीपीएसएस
सीपीएसएस) पायलट अिभ िच टे ट)
सीपीएसएस (पायलट ट म के वल एक बार शािमल हो सके गा।
अत:
अत उसके ारा थम टे ट म ाप्त ड
े ही उसके ारा बाद म दए जाने वाले वायु सेना
चयन बोड के त्येक सा ात्कार म लागू ह गे। सीपीएसएस म अनुततीण
् होने वाला अ यथ
राष् ीय र ा अकादमी परी ा क वायु सेना क उड़ान शाखा या जनरल टू ी (पायलट
पायलट)
पायलट
शाखा या नौसेना वायु आयुध शाखा (ने
नेवल एयर आमामट
आमामट)
मट म वेश के िलए आवेदन नह
कर सकता।
14
भारतीय वायु सेना, नौ सेना, थल सेना व एन ए वी ए सी क ांउड ूटी शाखा के िलए
िवचार कया जाएगा।
ओम काश
(ओम काश)
अवर सिचव
संघ लोक सेवा आयोग
प रिश -I
परी ा क योजना,
(परी योजना तर और पा िववरण)
िववरण
क) परी ा क योजनाः
(क
1. िलिखत परी ा के िवषय, िनयत समय तथा येक िवषय के अिधकतम अंक
िन िलिखत ह गे:--
यो यता
परी ण
कु ल 900
सेवा
चयन
बोड टे ट कु ल
900
/
सा ा कार
ख) परी ा का तर और पा
(ख िववरण:
िववरण
श्न--पप -I
गिणत
कोड सं या 01)
(कोड
अिधकतम अंक 300)
(अिधकतम
1. बीज गिणत:
गिणत
समु य क अवधारणा, समु य पर सं या, वेन आरे ख। द-मारगन िनयम, कात य
गुणन, संबंध, तु यता-संबंध।
16
2. आ ह
ू तथा सारिणक:
सारिणक
आ ूह के कार, आ ूह पर सं या। आ ह ू के सारिणक, सारिणक के आधारभूत
गुणधम, वग आ ूह के सहखंडन तथा ु म, अनु योग-दो या तीन अ ात म रै िखक
समीकरण के तं का कै मर के िनयम तथा आ ह ू प ित ारा हल।
3. ि कोणिमित:
कोणिमित
कोण तथा िडि य तथा रे िडयन म उनका मापन। ि कोणिमतीय अनुपात। ि कोणिमतीय
सवसिमका योग तथा अंतर सू । ब ल तथा अपवतक कोण। ु म ि कोणिमतीय फलन।
अनु योग-ऊंचाई तथा दूरी, ि कोण के गुणधम।
4. दो तथा तीन िवमा क िवशलेिषक
िषक यािमित:
यािमित
आयतीय कात य िनदशक प ित, दूरी सू , एक रे खा का िविभ कार म समीकरण। दो
रे खा के म य कोण। एक रे खा से एक िब दु क दूरी। मानक तथा सामा य कार म एक
वृत का समीकरण। परवलय, दीघवृत तथा अितपरवलय के मानक कार। एक शांकव क
उ के ता तथा अ ि िवम आकाश म िब दु, दो िब दु के म य दूरी। दक् -को साइन
तथा दक् -अनुपात। समतल तथा रे खा के िविभ कार म समीकरण। दो रे खा के म य
कोण तथा दो तल के म य कोण। गोले का समीकरण।
5. अवकल गिणत:
गिणत
वा तिवक मान फलन क अवधारणा-फलन का ांत, रज व ाफ। संयु फलन, एकक ,
आ छादक तथा ु म फलन, सीमांत क धारणा, मानक सीमांत-उदाहरण। फलन के
सांत य-उदाहरण, सांत य फलन पर बीज गिणतीय सं या। एक िब दु पर एक फलन का
अवकलन एक अवकलन के यािमतीय तथा भौितक िनवचन-अनु योग। योग के अवकलज,
गुणनफल और फलन के भागफल, एक फलन का दूसरे फलन के साथ अवकलज, संयु
फलन का अवकलज। ि तीय ेणी अवकलज, वधमान तथा ास फलन। उि तथा अि प
क सम या म अवकलज का अनु योग।
6. समाकलन गिणत तथा अवकलन समीकरण:
समीकरण
अवकलन के ितलोम के प म समाकलन, ित थापन ारा समाकलन तथा खंडशः
समाकलन, बीजीय ज
ं क सिहत मानक समाकल, ि कोणिमतीय, चरघातांक तथा
अितपरवलियक फलन िनि त समाकलन का मानांकन व रे खा ारा िघरे समतल े के
े फल का िनधारण -अनु योग।
7. स दश बीजगिणत:
बीजगिणत
दो तथा तीन िवमा म स दश, स दश का प रमाण तथा दशा, इकाई तथा शू य
स दश, स दश का योग, एक स दश का अ दश गुणन, दो स दश का अ दश गुणनफल
या िब दुगुणनफल। दो स दश का स दश गुणनफल या ास गुणनफल, अनु योग-बल तथा
बल के आघूण तथा कया गया काय तथा यािमतीय सम या म अनु योग।
8. सांि यक तथा ाियकता:
ाियकता
सांि यक ः आंकड़ का वग करण, बारं बारता-बंटन, संचयी बारं बारता-बंटन-
उदाहरण, ाफ य िन पण-आयत िच , पाई चाट, बारं बारता ब भुज-उदाहरण के ीय
17
वृि का मापन-मा य, माि यका तश ब लक। सरण तथा मानक िवचलन-िनधारण तथा
तुलना। सहसंबध
ं ् तथा समा यण।
ाियकताः यादृि छक योग, प रणाम तथा सहचारी ितदश समि घटना, पर पर
परव जत तथा िनशेष घटनाएं-असंभव तथा िनि त घटनाएं, घटना का सि मलन तथा
सविन , पूरक, ारं िभक तथा संयु घटनाएं। ाियकता पर ारं िभक मेय-साधारण
श्न। ितदश समािव पर फलन के प म यादृि छक चरि आधारी बंटन, ि आधारी
बंटन को उ प करने वाले यादृि छक योग के उदाहरण।
श्न-प
प -II
सामा य यो यता परी ण
(कोड सं या 02)
(अिधकतम अंक-600)
भाग (क
क) अं ज
े ी:
ी
अिधकतम अंक 200)
(अिधकतम
अं ेजी का -प इस कार का होगा िजससे उ मीदवार क अं ेजी क समझ और
श द के कु शल योग का परी ण हो सके । पा म म िविभ पहलू समािहत ह जैसे
ाकरण और योग िविध श दावली तथा अं ेजी म उ मीदवार क वीणता क परख हेतु
िव ता रत प र छेद क बो ग यता तथा संब ता।
भाग (ख
ख) सामा य ान:
ान
अिधकतम अंक 400)
(अिधकतम
सामा य ान के -प म मु य प से भौितक , रसायन शा , सामा य िव ान,
सामािजक अ ययन, भूगोल तथा सामाियक िवषय आयगे। इस -प म शािमल कए गए
िवषय का े िन पा -िववरण पर आधा रत होगा। उि लिखत िवषय को सवाग पूण
नह मान लेना चािहए तथा इसी कार के ऐसे िवषय पर भी पूछे जा सकते ह िजनका
इस पा िववरण म उ लेख नह कया गया है। उ मीदवार के उ र म िवषय को बोधग य
ढंग से समझने क मेघा और ान का पता चलना चािहए।
खंड-क
क (भौितक
भौितक ):
खंड-ख
ख (रसायन
रसायन शा ):
अ ल, ारक और लवण।
काबन-िभ प
साबुन, कांच, याही, कागज, सीमट, पट, दयासलाई और गनपाउडर जैसे पदाथ को
तैयार करने के िलए आव यक साम ी।
परमाणु क रचना, परमाणु तु यमान और अणुभार, संयोजकता का ारं िभक ान।
खंड-ग
ग (सामा
सामा य िव ान):
ान
जड़ और चेतन म अंतर। जीव कोिशका , जीव और ऊतक का आधार। वन पित और
ािणय म वृि और जनन। मानव शरीर और उसके मह वपूण अंग का ारं िभक ान।
सामा य महामा रय और उनके कारण तथा रोकने के उपाय।
खा -मनु य के िलए ऊजा का ोत। खा के अवयव। संतुिलत आहार, सौर प रवार, उ का
और धूमके तु, हण। िति त वै ािनक क उपलि धयां
खंड-घ
घ (इितहास
इितहास,
इितहास वतं ता आंदोलन आ द):
द
भारतीय इितहास का मोटे तौर पर सव ण तथा सं कृ ित और स यता क िवशेष जानकारी
भारत म वतं ता आंदोलन। भारतीय संिवधान और शासन का ारं िभक अ ययन। भारत क
पंचवष य योजना , पंचायती राज, सहकारी सिमितयां और सामुदाियक िवकास क ारं िभक
जानकारी। भूदान, सव दय, रा ीय एकता और क याणकारी रा य। महा मा गांधी के मूल
उपदेश ।
आधुिनक िव िनमाण करने वाली शि यां, पुनजागरण, अ वेषण और खोज, अमे रका का
वाधीनता सं ाम, ांसीसी ांित, औ ोिगक ांित और सी ांित, समाज पर िव ान और
औ ोिगक का भाव। एक िव क संक पना, संयु रा , पंचशील, लोकतं , समाजवाद
तथा सा यवाद, वतमान िव म भारत का योगदान।
खंड-ङ
ङ (भू
भूगोल):
ोल
पृ वी, इसक आकृ ित और आकार, अ ांश और रे खांश, समय संक पना, अंतरा ीय तारीख
रे खा, पृ वी क गितयां और उसके भाव, पृ वी का उ व, च ान और उनका वग करण,
अप य-यांि क और रासायिनक, भूचाल तथा वालामुखी। महासागर धाराएं और वार भाटे।
वायुम डल और इसका संगठन, तापमान और वायुम डलीय दाब। भूम डलीय पवन, च वात
और ित च वात, आ ता, ण और घषण। जलवायु के कार, िव के मुख ाकृ ितक
े , भारत का े ीय भूगोल-जलवायु, ाकृ ितक वन पित, खिनज और शि संसाधन, कृ िष
19
और औ ोिगक कायकलाप के थान और िवतरण। भारत के मह वपूण समु प न, मु य
समु ी, भू और वायु माग, भारत के आयात और िनयात क मु य मद।
खंड-च
च (सामियक
सामियक घटनाएं):
हाल ही के वष म भारत म ई मह वपूण घटना क जानकारी सामियक मह वपूण िव
घटनाएं। मह वपूण ि -भारतीय और अ तरा ीय, इनम सां कृ ितक कायकलाप और खेलकू द
से संबंिधत मह वपूण ि भी शािमल ह।
ट पणी:
पणी इस -प के भाग (ख) म िनयत अिधकतम अंक म सामा यतः ख ड क, ख,
ग, घ, ङ तथा च के मशः लगभग 25%, 15%, 10%, 20%, 20% तथा 10%
अंक ह गे।
बुि तथा ि व परी ण:
ण
सेवा चयन बोड (एसएसबी) या के अंतगत चयन या के दो चरण होते ह
चरण-। चरण-।। । चरण-।। म के वल उ ह उ मीदवार को सि मिलत होने क अनुमित
दी जाती है जो चरण-। म सफल रहते ह इसका िववरण िन ानुसार हैः
क) चरण-। के अंतगत अिधकारी बुि मता रे टग (ओआईआर) परी ण िच बोध (िप चर
(क
परसे शन)* िववरण परी ण (पीपी एवं डीटी) शािमल होते ह। उ मीदवार को ओआईआर
परी ण तथा पीपी एवं डीटी म उनके संयु प से कायिन पादन के आधार पर सूचीब
कया जाएगा ।
(खख) चरण-।। के अंतगत सा ा कार ुप टे टग अिधकारी टा क मनोिव ान परी ण तथा
स मेलन कां स शािमल होता है । ये परी ण चरणब होते ह । इन परी ण का िववरण
वेबसाइट www.joinindianary.nic.in पर मौजूद है ।
कसी उ मीदवार के ि व का आकलन तीन िविभ आकलनकताओ नामतः
सा ा कार अिधकारी (आईओ) ुप टे टग अिधकारी (जीटीओ) तथा मनोवै ािनक ारा कया
जाएगा। येक परी ण के िलए अलग अलग अंक वेटेज नह ह। आकलनकताओ ारा
उ मीदवार को अंक का आबंटन सभी परी ण म उनके सम कायिन पादन पर िवचार करने
के प ात ही कया जाता है । इसके अित र (कां स हेतु अंको का आबंटन भी तीन
तकनीक म उ मीदवार के आरं िभक तथा कायिन पादन तथा बोड के िनणय के आधार पर
कया जाता है। इन सभी के अंक (वेटेज) समान ह ।
आईओ, जीटीओ तथा मनोिव ान के िविभ परी ण इस कार तैयार कये ह
िजससे उ मीदवार म अिधकारीस मत गुण (आ फसर लाइक ािलटीज) के होने / नह होने
तथा िशि त कए जाने क उसक मता के बारे म जानकारी ा हो सके । तदनुसार,
एसएसबी म उ मीदवारो क अनुसंशा क अथवा नही क जाती है।
प रिशष्ट – II (क
क)
उ मीदवार
मीदवार को वेबसाइट www.upsconline.nic.in का उपयोग कर ऑनलाइन आवेदन
करना अपेि त होगा। ऑनलाइन आवेदन प क णाली क मुख िवशेषताएं िन ानुसार
ह:-
प रिशष्ट- II (खख)
आवेदन वापस लेने संबध
ं ी महत्वपूण अनुदश
े
21
1. उम्मीदवार को सलाह दी जाती है क आवेदन वापस लेने संबंधी अनुरोध प भरने
से पहले अनुदशे को ध्यानपूवक पढ़ ल।
2. जो उम्मीदवार इस परी ा म उपि थत होने के इच्छु क नह है उनके िलए आयोग ने
दनांक 04.02.2020 से 11.02.2020 (सायं सायं 6.00 बजे तक) तक आवदेन वापस
लेने क सुिवधा का ावधान कया है।
3. उम्मीदवार को सलाह दी जाती है क वे अपने पूण और अंितम प से सि मट कए
गए आवदेन का पंजीकरण आईडी और िववरण दान कर। अपूण आवेदन को वापस
लेने का कोई ावधान नह है।
4. आवेदन वापसी का अनुरोध स्तुत करने से पहले उम्मीदवार यह सुिनि त कर क
उनके पास वह पंजीकृ त मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी उपलब्ध है, जो उन्ह ने
ऑनलाइन आवेदन जमा करते समय दान कया था। अनुरोध तभी स्वीकार कया
जाएगा जब उम्मीदवार के मोबाइल और ई-मेल पर भेजे गए ओटीपी को वैलीडेट
कया जाएगा। यह ओटीपी 30 िमनट के िलए मान्य होगा।
5. आवेदन वापसी के संबध ं म ओटीपी जनरे ट करने का अनुरोध दनांक 11.02.2020
को सायं 5:30 बजे तक ही स्वीकार कया जाएगा।
6. य द कसी उम्मीदवार ने एक से अिधक आवेदन प जमा कए ह तब आवेदन (सबसे
बाद वाले) के उच्चतर पंजीकरण आईडी पर ही वापसी संबंधी िवचार कया जाएगा
और पहले के सभी आवेदन को स्वत: ही खा रज मान िलया जाएगा।
7. आवेदन वापसी के ऑनलाइन अनुरोध को अंितम प से स्वीकार कर िलए जाने के
बाद आवेदक अिध मािणत रसीद ट करे गा। उम्मीदवार ारा आवेदन वापस िलए
जाने के बाद भिवष्य म इसे पुन: स य नह कया जा सके गा।
8. संघ लोक सेवा आयोग म उम्मीदवार ारा अदा कए गए परी ा शुलक ् को लौटाने
का कोई ावधान नह है। अत:, उम्मीदवार ारा सफलतापूवक आवेदन वापस िलए
जाने के बाद ऐसे मामल म शुलक ् लौटाया नह जाएगा।
9. वापसी संबंधी आवेदन के पूरा होने के बाद उम्मीदवार के पंजीकृ त ई-मेल आईडी और
मोबाइल पर ऑटो-जनरे टेड ई-मेल और एसएमएस भेजा जाएगा। य द उम्मीदवार ने
आवेदन वापसी संबंधी आवेदन जमा नह कया है तब वह ई-मेल आईडी :
upscsoap@nic.in के माध्यम से संघ लोक सेवा आयोग से संपक कर सकता है।
10. उम्मीदवार को सलाह दी जाती है क वे ई-मेल/एसएमएस के माध्यम से
ाप्त ओटीपी कसी से साझा न कर।
प रिशष्ट-III
वस्तुपरक परी ण हेतु उम्मीदवार के िलए िवशेष अनुदेश
22
मोबाइल फोन, पेजर, ब्ल्ूटूथ एवं अन्य संचार यं उस प रसर म जहां परी ा आयोिजत क
जा रही है, लाना मना है, इन िनदश का उ लंघन करने पर अनुशासिनक कायवाही के
साथ-साथ भिवष्य म आयोिजत क जाने वाली परी ा से ितबंिधत कया जा सकता है।
23
(ii) उ मीदवार नोट करे क ओ एम आर उ र प क म िववरण कू टब करने/भरने म
कसी कार क चूक/ ु ट/िवसंगित िवशेषकर अनु मांक तथा परी ण पुि तका ृंखला कोड के
संदभ म होने पर उ र प क अ वीकृ त कया जाएगा ।
(iii) परी ा आरं भ होने के तत्काल बाद कृ पया जांच कर ल क आपको जो परी ण
पुि तका दी गई है उसम कोई पृष्ठ या मद आ द अमु त या फटा आ अथवा गायब तो
नह है। य द ऐसा है तो उसे उसी ृंखला तथा िवषय क पूण परी ण पुस्ितका से बदल
लेना चािहए।
“वस्तुपरक” परी ा म आपको उत्तर िलखने नह ह गे, त्येक श्न (िजन्ह आगे श्नांश
कहा जाएगा) के िलए कई सुझाए गए उत्तर (िजन्ह आगे त्युत्तर कहा जाएगा) दए
जाते ह उनम से त्येक श्नांश के िलए आपको एक त्युततर
् चुनना है।
24
11. स्कै नेबल उपस्िथित सूची म ी कै से कर :
उम्मीदवार को स्कै नेबल उपस्िथित सूची म, जैसा नीचे दया गया है, अपने कॉलम के
सामने के वल काले बॉल पेन से संगत िववरण भरना है:
उपस्िथित/अनुपस्िथित कॉलम म [P] वाले गोले को काला कर।
25
अनुबध
ं
कृ पया इन अनुदश
े का अ यंत सावधानीपूवक पालन कर। आप यह नोट कर ल क चूं क
उ र-प क का अंकन मशीन ारा कया जाएगा, इन अनुदश े का कसी भी कार का
उ लंघन आपके ाप्तांक को कम कर सकता है िजसके िलए आप वयं उ रदायी ह गे।
परी ण पुि तका ृंखला कोड पुि तका के सबसे ऊपर दाय हाथ के कोने पर ए बी सी अथवा
डी के अनु मांक के अनुसार िन द ह।
आप काले बाल पेन से अपना ठीक वही अनु मांक िलख जो आपके वेश माण प म है।
य द अनु मांक म कह शून्य हो तो उसे भी िलखना न भूल।
आपको अगली कारवाई यह करनी है क आप नो टस म से समुिचत िवषय कोड ढू ढ़। जब
आप परी ण पुि तका ृंखला, िवषय कोड तथा अनु मांक को इस योजन के िलए िनधा रत
वृ म कू टब करने का काय काले बॉल पेन से कर। के का नाम कू टब करने क
आव यकता नह है। परी ण पुि तका ृंखला को िलखने और कू टब करने का काय परी ण
पुि तका ाप्त होने तथा उसम से पुि तका ख ृं ला क पुि करने के पश्चात ही करना
चािहए।
‘ए’ परी ण पुि तका ृंखला के गिणत िवषय श्न प के िलए आपको िवषय कोड सं0
01 िलखनी है, इसे इस कार िलख।
पुि तका म (ए ए) िवषय 0 1
Booklet Series(A)
0 0
Subject 1 1
A 2 2
26 3 3
B
4 4
5 5
C
* यह एक उदाहरण मा है तथा आपक
संबंिधत परी ा से इसका कोई संबंध नह
अनु मांक
Roll Number
बस इतना भर करना है क परी ण पुि तका ृंखला के
नीचे दए गए अं कत वृ ‘ए’ को पूरी तरह से काला 0 8 1 2 7 6
कर द और िवषय कोड के नीचे ‘0’ के िलए (पहले
उ वाधर कॉलम म) और 1 के िलए (दूसरे उ वाधर
0 0 0 0 0
6 6 6 6 6
7 7 7 7 7
8 8 8 8 8
9 9 9 9 9 9
है।
प रिश -IV
ट पणी:
पणी उ मीदवार को िनधा रत शारी रक मानक के अनुसार शारी रक और मानिसक प
से व थ होना आव यक है। इस संबंध म मागदशक संकेत नीचे दये गये ह।
िच कत्सा परी ण के िनम्निलिखत मानदंड काशन क तारीख को िव मान दशा-िनदश के
अनु प ह। ये दशा-िनदश संशोधन के अध्यधीन ह।
27
1. उ मीदवार को परामश दया जाता है क सेवा चयन बोड से अनुशंसा के बाद सैिनक
अ पताल म िच क सा परी ा म शी िनणय के िलए छोटी-मोटी किमय /बीमा रय को दूर
कर ल।
(च) बवासीर
(ज) टांिसल
(झ) वे रकोिसल
नोट:
नोट के वल हाथ के भीतर क तरफ अथात कु हनी के भीतर से कलाई तक और हथेली के
ऊपरी भाग/हाथ के िपछले िह से क तरफ शरीर पर थायी टैटू क अनुमित है। शरीर के
कसी अ य िह से पर थायी टैटू वीकाय नह है और उ मीदवार को आगे के चयन से
िवव जत कर दया जाएगा। जनजाितय को उनके मौजूदा रीित रवाज एवं परं परा के अनुसार
मामला दर मामला के आधार पर उनके चेहरे या शरीर पर टैटू के िनशान क अनुमित होगी।
ऐसे मामल म मंजूरी दान करने के िलए कमांडट चयन के स म ािधकरण होगा।
3॰ सश सेना म सभी कार के कमीशन के िलए वेश पाने वाले असैिनक उ मीदवार
चयन बोड ारा अपनी जांच के दौरान कसी ित या सं िमत रोग होने पर सेना के ोत
से सरकारी खच पर बा -रोगी िच क सा के हकदार ह गे, वे अ पताल के अिधकारी-वाड म
सरकारी खच पर अंतरोगी िच क सा के भी पा ह गे, बशत क--
4॰॰ िच क सा या
संलग क ‘क’
(ग) अपनी पेशेवर िविश ता यूिनट म सौपा गया काय, आयु अथववा लग से परे हटकर हर
सश सेना का मक के िलए सेना म शािमल होने के समय आधारभूत ‘मेिडकल फटनेस‘ होना
अिनवाय है। फटनेस के इसी आधारभूत तर को उनक भावी पेशेवर िविश ता अथवा यूिनट
काय के िलए िश ण के बचमाक के तौर पर इ तेमाल कया जाता है। इससे यु म उनक तैनाती
क त परता म भी वृि होगी।
(क) यह सुिनि त कया जाएगा क उ मीदवार व थ हो तथा उसके शरीर के कसी अंग अथवा
णाली म खराबी, ज मजात िवकृ ित/बीमारी के ल ण न ह ।
(ख) ूमर/िस ट/िल फ नो स म सूजन सिहत शरीर के कसी भी भाग म कोई सूजन न हो तथा
शरीर म कह साइनस अथवा नासूर क िशकायत न हो।
(च) शरीर पर ऐसे कोई िनशान न हो, जो कामकाज को बािधत करते ह या िवकलांगता अथवा
अ मता उ प करते ह ।
(ज) िसर और चेहरे म कसी कार क खराबी िजसम एक पता न हो, अि थभंग अथवा खोपड़ी
क हि य के दबाव से बनी िवकृ ितयां, अथवा पूव म कए गए कसी मेिडकल ऑपरे शन के
िनशान तथा साइनस व नासूर इ या द जैसी खरािबयां शािमल ह, न ह ।
(झ) रं गो क पहचान करने म खराबी तथा दृि े म खराबी सिहत कसी कार क
दृि बािधता न हो।
(ट) सुनने म कसी कार क अ मता, कान के को -कणावत णाली म कसी कार क
खराबी/अ मता न हो।
(ढ) गले, तालू ट िसल अथवा मसूड़ क कोई बीमारी/ल ण/अ मता न हो अथवा दोन जबड़
के जोड़ के काम को बािधत करने वाली कोई बीमारी अथवा चोट न हो।
(द) पाचन तं संबंधी कोई बीमारी िजसम असामा य िलवर तथा िलवर रोग तथा अ याशय
क ज मजात, आनुवािशक बीमारयां/ल ण तथा अ मताएं शािमल ह, न ह ।
(ध) एंडो ाइन िस टम अथवा णाली तथा रे ट युलोएंडोथीिलयल िस टम संबंधी कसी कार
का रोग/ल ण /अ मता न हो।
(फ) कसी कार के मानिसक रोग, िमग , मू िनयं ण संबंधी अ मता न हो अथवा उसका
इितहास न हो।
(ब) म युलो के लेटल िस टम तथा खोपड़ी, रीढ़ क ह ी व अ य अंग सिहत जोड़ से संबंिधत
कसी कार क बीमारी/अ मता/ल ण न ह ।
5. उपयु दशािनदश के आधार पर सामा यतः िजन िच क सीय जांच अिनयिमतता , किमय या
अ मता के कारण कसी उ मीदवार क उ मीदवारी को अ वीकृ त कया जाता है, वे िन िलिखत ह :-
(क) रीढ़ क ह ी, छाती व कू हे तथा अ य अंग से संबंिधत म युलो- के लेटल िवकलांगता जैस,े
कोिलयॉिसस, टॉरटीकॉिलस, कायफॉिसस, मे द ड, पसिलय , व -अि थ तथा अि थ
पजर क अ य िवकलांगताएं, िवकृ त अंग, उं गिलयां, पैरो क उं गिलयां तथा रीढ़ क ह ी के
ज मजात िवकार।
31
(ख) अंग क िवकलांगताः िवकृ त अंग, हाथ व पैर क उं गिलयां, िवकृ त जोड जैसे क यूिबटस
वलगस, युिबटस, वॅरस, नॉक नीज, बो लेग, हाइपरमोबाइल जोड़, हाथ व पैर क
िव छे दत उं गिलयां तथा शरीर के अंग, जो वा तिवक आकार से छोटे ह ।
(ग) ने व ने योित : मायोिपया हाइपरमे ोिपया, एि टग, कॉ नया, लस, रे टना म चोट,
आंख म भगापन एवं टॉिसस।
(घ) सुनने क मता, कान, नाक व गला : सुनने क मता अथवा वण शि कम होना, बा
कण, कान क प ी क िझि लय , कान का भीतरी िह सा, नाक का से टम मुड़ा आ होना
एवं ह ठ, तालू, पेरी-ऑ र युलर साइनस तथा िल फिडनाइ टस/एडीनोपैथी ऑफ नेक।
दान कान के िलए बातचीत तथा फु सफु साहट को सुनने क मता 610 सटीमीटर होनी
चािहए।
(ii) ऊपरी और िनचले जबड़े के बीच िवसंगित होना िजससे खाना चबाने म और बोलने
म द त होती है जो उ मीदवारी र करता है।
(iii) रोगसूचक टे पोरो-मडीबुलर जोड़ एवं उसम सूजन होना। मुंह का कनार पर 30
सटीमीटर से कम खुलना तथा मुंह यादा खोलने पर टे पोरो-मडीबुलर जोड़ अपने
थान से हटना।
(v) मुंह खोलने के ितबंध के साथ तथा उसके बगैर सब- यूकस फाइ ोिसस क
नैदािनक पहचान।
(vi) दंतसंरचना म खराबी तथा/अथवा मसूड़ से खून िनकलना िजसके कारण दंत-
वा य ितकू ल प से भािवत होता है।
(vii) दांत ढीले होना, दो से अिधक दांत िहलने पर या कमजोर होने पर उ मीदवार क
उ मीदवारी र होगी।
(viiii) कॉ मे टक अथवा मैि सलोफै िशयल सजरी/ ामा के बाद उ मीदवार सजरी/चोट
लगने क तारीख से, जो भी बाद म हो, कम से कम 24 स ाह तक उ मीदवार
अपनी उ मीदवारी के अयो य ठहराया जाएगा।
(ix) य द दांत के रखरखाव म कमी के कारण भोजन चबाने, दंत- वा य एवं मुंह क
व थता को बनाए रखने अथवा सामा य पोषण को कायम रखने म द त हो
अथवा उ मीदवार के क के िनवहन म द त हो तो उ मीदवार क
उ मीदवारी र हो जाएगी।
32
(छ) छाती : तपे दक रोग अथवा तपे दक होने के माण ह , दल या फे फड़ म घाव, छाती क
दीवार पर म यूलो- के लेटल घाव ह ।
(ट) वचा : िव टिलगो, हीमैिजयोमास, म से होना, कॉन क सम या होना, वचा रोग, वचा
सं मण, वचा पर कह वृि तथा हाइपरहाइ ॉिसस होना।
सेना म वेश क शाखा के आधार पर वांिछत ल बाई िभ -िभ होती है। शरीर का वजन शरीर क लंबाई के
अनुपात म होना चािहए जैसा क िन िलिखत चाट के मा यम से तुत कया गया है :-
आयु (वष म) सभी आयु के आयु वगः 17 से आयु वगः आयु वगः आयु 40 वष से
िलए यनूनतम 20 वष 20+01 दन 30 30+01 दन से अिधक
वजन वष 40 वष
लंबाई (से.मी.) वजन ( क. ा.) वजन ( क. ा.) वजन ( क. ा.) वजन ( क. ा.) वजन ( क. ा.)
33
155 43.2 52.9 55.3 57.7 60.1
156 43.8 53.5 56.0 58.4 60.8
157 44.4 54.2 56.7 59.2 61.6
34
189 64.3 78.6 82.2 85.7 89.3
190 65.0 79.4 83.0 86.6 90.3
191 65.7 80.3 83.9 87.6 91.2
192 66.4 81.1 84.8 88.5 92.2
193 67.0 81.9 85.7 89.4 93.1
194 67.7 82.8 86.6 90.3 94.1
195 68.4 83.7 87.5 91.3 95.1
196 69.1 84.5 88.4 92.2 96.0
197 69.9 85.4 89.3 93.1 97.0
198 70.6 86.2 90.2 94.1 98.0
199 71.3 87.1 91.1 95.0 99.0
200 72.0 88.0 92.0 96.0 100.0
201 72.7 88.9 92.9 97.0 101.0
202 73.4 89.8 93.8 97.9 102.0
203 74.2 90.7 94.8 98.9 103.0
204 74.9 91.6 95.7 99.9 104.0
205 75.6 92.5 96.7 100.9 105.1
206 76.4 93.4 97.6 101.8 106.1
207 77.1 94.3 98.6 102.8 107.1
208 77.9 95.2 99.5 103.8 108.2
209 78.6 96.1 100.5 104.8 109.2
210 79.4 97.0 101.4 105.8 110.3
(क) ऊपर दया गया लंबाई-वजन चाट सभी वग के का मक के िलए है। यह चाट बी एम आई के
आधार पर बनाया गया है। इस चाट म कसी लंबाई िवशेष के उ मीदवार का यूनतम वीकृ त वजन
दया गया है। कसी भी मामले म यूनतम वीकृ त वजन से कम वजन को वीकार नह कया
जाएगा। दी गई लंबाई के अनुसार अिधकतम वीकृ त वजन को िविभ आयु-वग म िवभािजत कया
गया है। अिधकतम वीकृ त वजन सीमा से अिधक वजन वाले उ मीदवार को के वल उन मामल म
वीकार कया जाएगा। जहां वे रा ीय तर पर कु ती, बॉडी-िब डग एवं बॉ सग खेल म शािमल
होने का द तावेजी माण तुत करगे। ऐसे मामल म िन िलिखत मानक ह गे :-
(ii) कमर और कू हे का अनुपात पु ष के िलए 0.9 तथा मिहला के िलए 0.8 होगा।
बी सी वी ए दायां 6/6 तथा बायां दायां 6/6 तथा बायां दायां 6/6 तथा बायां
6/6 6/6 6/6
मायोिपया <-2.5 डी फ <-3.50 डी फ <-5.50 डी फ
(अिधकतम ि वैष य (अिधकतम ि वैष य (अिधकतम ि वैष य
सिहत <+/- 2.0 डी सिहत <+/- 2.0 डी सिहत <+/- 2.0 डी
साईल) साईल) साईल)
हाइपरमे ोिपया <+2.5 डी फ <+3.50 डी फ <+3.50 डी फ
(अिधकतम ि वैष य (अिधकतम ि वैष य (अिधकतम ि वैष य
सिहत <+/- 2.0 डी सिहत <+/- 2.0 डी सिहत <+/- 2.0 डी
साईल) साईल) साईल)
लौिसक/समक अनुमित नही है अनुमित* अनुमित*
सजरी
रं ग धारणा सी पी - II सी पी - II सी पी - II
*
लौिसक अथवा समक के राटो- र ै ि टव या
36
(क) य द कोई उ मीदवार के राटो- र े ि टव या करवाता है तो उसे या तारीख व सजरी
कस कार क है, इस बात का उ लेख करते ए उस मेिडकल सटर से इस आशय का एक माण
प /ऑपरे टव नो स तुत करने ह गे जहां यह काम कया गया है।
नोट:
नोट इस तरह के माण प क अनुपि थित के िलये ने रोग िवशेष को
“अ ितबंिधत य ती णता सुधारा मक या के कारण अन फट”के िविश समथन के
साथ उ मीदवार को अ वीकार करने का िनणय लेने क आव यकता होगी I
(ख) इस संबंध म ‘यो य‘ अथवा ‘ फट‘ करार देने के िलए िन िलिखत का यान रखा जाएगा।
(v) +/-1.0 डी एवं िस लडर से कम या उसके बराबर अविश अपवतन हो, बशत वह
उस वग म मा य हो िजसम उ मीदवार ारा आवेदन कया गया हो।
सजरी के बाद उ मीदवार को फट घोिषत कया जाएगा परं तु सजरी म कसी कार क
ज टलता या द त नह होनी चािहए, घाव भर गए ह और उस अंग िवशेष क शि
पया प से िमल गई हो, यह आव यक होगा। ह नया क ओपन/लै ो कोिपक सजरी के
01 वष बाद तथा कॉलिस टे टमी क लै ो कोिपक सजरी के 12 स ाह बाद कसी
उ मीदवार को फट घोिषत कया जाएगा। कसी अ य सजरी के मामले म भी लै ो कोिपक
सजरी के 12 स ाह बाद और ओपन सजरी के 12 माह बाद ही फटनेस दी जाएगी। चोट
लगने, मांस फटने और जोड़ म कसी कार क चोट लगने पर सजरी क अविध को यान म
न रखते ए उ मीदवार को ‘अयो य‘ घोिषत कया जाएगा।
38
संलग क ‘ख’
रा ीय र ा अकादमी (नौसे
नौसेना}
ा और भारतीय नौसेना अकादमी म भत के िलए शारी रक
मानदंड संबध
ं ी दशा-िनदश
दशा िनदश
नोट " कसी ि का वजन सामा य माना जाता है य द उसका वजन सारणी I
म दए गए औसत वजन से ±10% तक होता है"I हालां क, भारी ह ी तथा चौड़ी
शारी रक संरचना वाले ि और पतली शारी रक संरचना वाले परं तु व थ ि य
को मे रट के आधार पर कु छ तर तक इसम छू ट दी जा सकती है।
(च) सीना अ छी तरह से िवकिसत होना चािहए। पूरी तरह से सांस लेने के बाद
छाती के फै लाव क यूनतम सीमा 5 सेमी होनी चािहए। माप टेप से इस तरह से
िलया जाएगा क टेप का िनचला कनारा सामने वाले िनपल ( तना ) को पश करे
और टेप का ऊपरी भाग कं धे के पीछे क ओर िनचले कोण को पश करे । सीने का
ए स-रे अिनवाय है िजसे इस बात क पुि करने के िलए िलया जाएगा क छाती म
कसी कार का रोग नह है।
(छ) हि य या जोड़ म कसी कार क गड़बड़ी या िवकृ ित नह होनी चािहए।
40
(ज) नौसेना अ य थय के िलए मे दंड का टन ए स-रे नह कया जाता है।
हालां क, कसी अ य उ े य के िलए य द ऐसा कया जाता है तो िन िलिखत
प रि थितय म अ य थय को नौसेना म वेश के िलए अयो य घोिषत कर दया
जाएगाः-
(i) मे दंड का ेनुलोमेटस रोग।
(iii) ग ठया- रयुमे वाइड ग ठया तथा संबंिधत िवकार एवं एं कलु जग
पॉि डलाइ टस।
(iiiiii) कॉब िविध से मापी गई 10 िड ी से अिधक कोिलयोिसस।
(iviv) माइ ड से अिधक कफोिसस/लॉड िसस
(vv) पॉि डलोिल थाइिसस/ पाि डलोिसस/ पॉि डलोलाइिसस
(vivi) ह नऐटेड यूि लअस प पसेस।
(viivii) वरटेबरा का क ेशन फै चर
(viiiviii) से े लाइजे रोग।
(ixix) य यूरोलॉिजकल या र वाही कमी के साथ ीवा
पसिलयां।
(xx) एक से अिधक तर पर कमॉल के नोड क उपि थित।
(xixi) शीषधर-प कपाल एवं शीषधर-अ क िवसंगितयां।
(xiixii) अपूण से े लाइजेशन- एकप ीय या ि प ीय।
(xiiixiii) पूण से े लाइज क ि थित म sv1तथाLv5के अित र पाइन
बाई फडा।
(xivxiv) कोई अ य िवसंगित, य द ऐसा िवशेष का मानना हो।
(झ) अ यथ का मानिसक असंतुलन या फ स पड़ने का कोई िपछला इितहास नह
होना चािहए।
(ट) वण शि सामा य होनी चािहए। अ यथ को एक शांत कमरे म 610 सेमी
दूरी से अपने दोन कान से तेज फु सफु साकर बोली गई। बात को सुनने क मता
होनी चािहए। कान, नाक और गला संबंधी कोई रोग वतमान या भूतकाल म नह
होने चािहए। बोलने म कोई हकलाहट नह होनी चािहए।
(ठ) दय और र निलका संबंधी या मक या अवयवी रोग के कोई ल ण नह
होने चािहए। र दाब सामा य होना चािहए।
(ड) लीवर और लीन के आकार म बढ़ो री नह चािहए। पेट के अंद नी अंग म
रोग के प रणाम व प अ वीकृ त कया जा सकता है।
(ढ) ह नया क श यिच क सा न कए जाने पर अ यथ को अयो य माना जाएगा।
ह नया क श य िच क सा होने के मामले म, अंितम िच क सा जांच से पहले कम से
कम छः महीने पूरे होने चािहए।
(त) हाइ ोसील, वे रकोिसल या बवासीर नह होनी चािहए।
(थ) मू संबंधी जांच क जाएगी और य द कसी भी तरह क असामा यता पाई
गई तो अ यथ को अ वीकृ त कर दया जाएगा।
41
(द) वचा संबंधी कोई भी रोग, जो अपंगता या िवकृ ित का कारण बन सकता
हो, वह अ वीकृ ित का कारण भी बन सकता है।
(ध) दृि के तर
(i) च मे क िबना असंशोिधत 6/6, 6/9
(iiii) च मे के साथ संशोिधत 6/6,
6/6
(iiiiii) िनकट दृि (मायोिपया) क सीमा -0.75D
(iviv) दीघ दृि (हाइपरमे ोिपया) क सीमा
+1.5D
(vv) दूरबीन (बाइनॉ युलर) दृि III
(vivi) रं ग बोध क सीमा I
संलग क‘ग’
42
भारतीय वायु सेना एन डी ए (उड़ान
उड़ान और ाउं ड टू ी शाखाएं) म भत के िलए शारी रक मानदंड
संबध
ं ी दशा-िनदश
दशा िनदश
सामा य अनुदष
े
2. िच क सीय प से व थता क मूल आव यकता सभी षाखा के िलए अिनवायतः एकसमान होगी,
के वल उन एयर ू को छोड़कर िजनके िलए पैनी नज़र के पैरामीटर, ए ोपोमे ी और कु छ अ य षारी रक
मानक अिधक स त होते ह कसी अ यथ को शारी रक प से तब तक पूरी तरह फट नह माना जाएगा
जब तक क पूरी तरह जांच करने के बाद यह पाया जाए क वह िव व के कसी भी भाग म कसी भी कार के
मौसम म लंबी अविध तक कठोर षारी रक और मानिसक तनाव सहन करने क षारी रक और मानिसक
मता रखता हो।
5. काय मता क कसी भी कार क सीमा के िलए ै चर/पुरानी चोट के बाद के भाव का आकलन
कया जाएगा। य द उनका काय पर कसी कार का भाव नह पड़ रहा हो तो अ यथ को फट कहा जा
सकता है। रीढ़ क ह ी के पुराने ै चर से संबंिधत मामल को अन फट माना जाएगा। रीढ़ क ह ी म बाद म
ई िवकृ ित अथवा कषे का (वरटे ा) के दबने को अयो यता माना जाएगा। य द बड़ी नस के अगले िह से म
ज म हो, िजनसे काय मता कम हो रही है अथवा ऐसे घाव ह िजनके कारण दद या ठन हो, तो यह उड़ान
ूटी म िनयुि के िलए अयो यता को िन द ट करता है। बड़े-बड़े या कई के लोइ स होने के कारण भी
अयो य माना जाएगा।
6. मामूली िनषान अथवा ज म के िनषान, जैसे तपे दक ंिथय को हटाने से बने िनषान, उड़ान ूटी म
िनयुि के िलए अयो यता के कारण नह माने जाएंगे। य द हाथ-पैर या धड़ पर घाव के कई िनषान ह
िजनसे काय करने म बाधा हो अथवा वे भ े लग रहे ह तो उ ह अयो यता का कारण माना जाएगा।
43
7. य द अ यथ क सरवाइकल रब के कारण उसके यूरोवस यूलर िस टम पर कोई भाव नह पड़
रहा हो तो उसे वीकार कया जाएगा। इसे िच क सा बोड क कायवाही म दज कया जाएगा।
9. य द कसी अ यथ का साधारण अपेि डसे टॉिम के अित र पेट का ऑपरे षन आ है िजसम बड़ी
सजरी क गई है अथवा उसम कसी अंग को आंिषक या पूरी तरह से षरीर से िनकाल दया गया है, तो वह
उड़ान ूटी के िलए अयो य होगा। य द खोपड़ी का ऑपरे षन ( े िनयल वॉ ट) (जैसे चीड़-फाड़) कया गया
हो अथवा छाती का बड़ा ऑपरे षन कया गया हो तो अ यथ उड़ान के िलए अयो य माना जाएगा।
10. छाती का आकार पूरी तरह आनुपाितक और भली-भांित िवकिसत होना चािहए जो कम से कम 5
सेमी तक फै ल सकती हो।
(क) ाउं ड ूटी षाखा म भत के िलए यूनतम कद 157.5 सेमी होना चािहए। गोरखा और
भारत के उ र-पूव े तथा उ राख ड के पहाड़ी े के ि य का यूनतम वीकृ त
कद 5 सेमी कम (152.5 सेमी) होगा। य द अ यथ ल ीप से हो तो यूनतम वीकृ त कद 2
सेमी (155.5 सेमी) तक कम कया जा सकता है।
(ख) उड़ान षाखा के िलए यूनतम कद 162.5 सेमी होगा। इन एयर ू के िलए टांग क लंबाई,
जांघ क लंबाई और बैठते समय लंबाई का वीकृ त माप इस कार होगा :-
12. ा प िनयमावली के प रिष ट क म दया गया िनधा रत वजन चाट लागू होगा। षरीर के मानक
वजन से अिधकतम 10% क छू ट दी जा सकती है। आधा क ा. से कम के अंतर को नोट नह कया जाएगा।
य द कसी अ यथ का वजन मानक से 10% से यादा कम है तो उसका िपछला पूरा िववरण पूछा जाएगा
और सावधानीपूवक जांच कर यह पता लगाया जाएगा क इस कम वजन का कारण तपे दक,
हाइपरथॉयोराइड, डायिबटीज़ इ या द तो नह है। य द कसी कारण का पता नह लगता तो अ यथ को
फट घोिशत कर दया जाएगा। य द कसी कारण का पता लगता है तो अ यथ क फटनेस उसके अनुसार
िनधा रत क जाएगी।
44
13. दय वािहका तं (का
का डयोव कु लर)
लर
(क) दय वािहका तं (का डयोव कु लर) का आकलन करते समय छाती म दद, सांस फू लने,
घबराहट, बेहोषी के दौरे , च र आने, ग ठये के बुखार, अपने-आप ठन होने (को रया),
बार-बार गले म खराष होने और टॉि सल क भली-भांित जांच क जाएगी।
(ख) सामा य प स रे ट 60-100 बी पी एम तक घटती बढ़ती रहती है। भावना मक कारक के बाद
दीघकािलक साइन टेचीकािडया से अिधक (100 बी पी एम से अिधक) और बुखार को
कारण के प म छोड़ दया जाता है, इसके साथ-साथ का मक कारण को दीघकािलक
साइनस (60 बी पी एम से अिधक) को िवषेश क राय के िलए भेज दया जाएगा। साइनस
अ रदेिमयां और वेगोटोिनया को भी िनकाल दया जाएगा।
(घ) काियक दवािहका रोग का माण अ वीकार कए जाने का कारण होगा। डाइ टोिलक
ममर िनरपवाद प से काियक होते ह। िन कासन िस टोिलक कृ ित के अ पिस टोिलक
ममर ह जो रोमांच से संबंिधत नह होते ह और खड़े रहने पर घटते ह िवषेशतः जब वे
सामा य ई सी जी और छाती के रे िडयो ाफ से संबंिधत होते ह वे ायः काम करते ह। तथािप
एक इकोकॉ डयो ाम काियक दय रोग को दूर करने के िलए कया जाएगा। संदह
े क कसी
भी ि थित म मामले को दय रोग िवषेश क राय लेने के िलए भेजा जाएगा।
(च) इलै ोका डयो ाम। िच क सीय िवषेश ारा उपयु प से रकॉड क गई ई सी जी
(रे टग-14 लीड) का मू यांकन कया जाएगा। तरं ग पेटन , िव तार (आयाम), अंतराल और
समय के संबंध पर नोट िलए जाएंगे। ढांचागत दय रोग, के न होने पर अपूण आर बी बी
बी को छोड़कर िजसे अव य हटाया जाए वेष के समय कोई भी असामा यता वीकाय नह
है। ऐसे मामल म व र ठ सलाहकार (िच क सा) या दय रोग िवषेश क राय ली जाएगी।
14. वसन तं
15. जठरां तं
(क) मुंह, जीभ, मसूड़ या गले के फोड़े या सं मण के कसी भी िपछले इितहास के साथ कसी
मु य दं य प रवतन को नोट कया जाएगा।
46
(iii) पाय रया, घोर अ सरे टव जिजवाइ टस के अ वत चरण म ापक जदा घाव के
ारा भािवत दं य आच वाले अ यथ या जबड़ क कु ल अपसामा यता या
असं य दंत य या सेि टक दांतो वाले अ यथ को अ वीकार कर दया जाएगा।
(छ) य द कसी अ यथ क सफल सजरी के बाद ह नया पूरी तरह से ठीक हो चुका है और उसका
के वल िनषान है तो सजरी के छह महीने बाद फट माना जाएगा, बषत क उसे ह नया फर
से होने क कोई संभावना न हो और पेट क दीवार क मांसपेिषयां पु ट ह ।
(i) य द अ यथ के पेट क सजरी के पूरी तरह ठीक होने का िनषान हो तो उसे सफल
सजरी के एक वश बाद फट माना जाएगा बषत क मूल बीमारी के फर से होने क
कोई संभावना न हो और पेट क दीवार क मांसपेिषयां पु ट ह ।
47
(झ) अ ासोनो ा फक (यू एस जी) जांच से फै टी िलवर, छोटे िस ट, हीमिजयोमा, से टेट गॉल
लैडर आ द के पता लगने पर ऐसे मामल का िनपटान िच क सीय दृि ट और काय मता के
आधार पर कया जाएगा। वि थत तरीके से क गई यू एस जी जांच के दौरान िन िलिखत
क यानपूवक जांच क जाएगी। आगामी पैरा ाफ म सूचीब जांच प रणाम एवं रपोट
कए गए अ य इं िसडेटल यू एस जी जांच प रणाम का िच क सीय दृि ट एवं काय मता के
आधार पर संबंिधत िवषेश ारा आकलन कया जाएगा।
(ट) िलवर
(i) फट
(ii) अन फ़ट
(कख) फै टी लीवर ।
(कघ) िथक वाल ए से टेसन तथा डेि स के साथ कसी भी आकार क अके ली
रसौली।
48
(कक) सामा य एल एफ टी, कोई मेटाबोिलक असमा यता न हो तथा िनगे टव
HBsAg तथा Anti - HCV सीरोलोजी वाले पतले ि के फै टी लीवर
को फट माना जा सकता है ।
(I) फट
(ii) अन फट
(कख) कोलेडेकोलीिथयिसस ।
(कघ) कोलेडोकल िस ट ।
49
(कछ) 5 िममी से अिधक मोटी गॉल लैडर वाल।
(ढ) अ याशय क कसी भी ढांचागत असामा यताए जगह घेरने वाले घाव बडे घाव
दीघकािलक अ याशय जलन के ल ण ;कै सीभवन वातमा गय असामा यताए ीणता
को अन फट माना जाएगा।
(त) उदरावरण गुिहका। जलोदर 1 सेमी से बडे एकल आं योजनी अथवा प पयुदय लसीका
पव के होने को अन फट माना जाएगा।
(थ) जननमू तं
(कग) अप र मण
(कघ) नालाकार वृ
(कच) व मपाितत वृ
50
(vii) पथरी.वृ य मू वािहनी संबध
ं ी मू ाशय संबंधी।
(थ) बड़ा उदरीय संवहन यास (महाधमनीध् आई वी सी)। कसी भी ढांचागत असामा यता
िवकार थािनक िव फार, ऐ यू र म और कै सीभवन को अन फट माना जाएगा।
51
16. मू जनन तं
(क) मू ण म कसी भी बदलाव जैसे क मू कृ छ अथवा बारं बारता को नोट कया जाएगा।
मू ाशयशोथय गोिणकावृ शोथ और र मेह के पुनरावत रोगा मण को अव य छोड़ दया जाए।
वृ य वृहदा के कसी भी इितहासए घोर वृ शोथ के रोगा मणए एक वृ के लोफ ; य ए
अ म के पास होने अथवा मू माग य आ ाव सिहत वृ य पथ पर कसी भी श य या के बारे म
िव तार से पूछताछ क जाएगी। य द असंयत मू ता का वतमान मं अथवा िवगत म कोई भी
इितहास हो पूरा योरा अव य ा कया जाए।
(ख) मू परी ण
(घ) वृ य बृहदां तथा वृ य पथरी। पूण वृ य तथा चयापचयी मू यांकन अपेि त है।
वृ य पथरी वाले अ य थय को अ वीकार कर दया जाएगा।
(छ) नीचे न आए ए दोन वृषणध् अपु वृषण अ वीकार कए जाने का कारण है। नीचे न आया
आ एक वृषण, जो पूण प से पेट म है, वीकाय है। य द यह बाहरी घेरे के वं ण नाल
अथवा उदरीय िभि म है तो ऐसे मामल को या तो वृ णो छेदन अथवा वृषणि थ रकरण
52
श य. या के उपरांत वीकार कया जाए। फ़टनेस से जुड़े सभी संदह
े ा पद मामल म
श यक राय अव य ा क जाए।
(ज) जलवृषण अथवा फ ितवृषण का िविधवत इलाज कराने के बाद ही फटनेस पर िवचार
कया जाए। थोड़ा फ ितवृषण होने क ि थित म अ यथ को अ वीकार न कया जाए।
(झ) यौन सं िमत रोग तथा यूमन इ यून िड फ़िशएंसी वाइरस ;एच आई वी सेरोपोिज टव
एच आई वी ि थित तथा या यौन सं िमत रोग का सा य होने से अ वीकार करने का
मामला बनेगा।
(क) साधारणतया अंतः ावी िवकार क तरफ सांकेितक इितहास अ वीकायता के िलए एक
कारण होगा।
(ख) थाइराइड ंिथ सूजने/फू लने के सभी मामले िजसम असामा य आयोडीन उ हण तथा
असामा य थाइराइड हाम न तर शािमल है को अ वीकार कर दया जाएगा। कम से कम
थाइराइड सूजने के साथ साधारण गलकं ड के मामले जो िच क सीय प से ाकृ त अवटु है
तथा सामा य आयोडीन उ हण एवं सामा य थाइराइड या के साथ वीकार कए जा
सकते ह।
(ख्) िजन नॉन-ए सेि थमेटस और नॉन-क यूिनके बल बीमा रय म सामा यतया थोड़े दन
इलाज कया जाता है, उ ह अ यथ को अ वीकृ त करने का कारण नह माना जाएगा।
साधारण बीमा रय और िजन बीमा रय से सामा य वा य पर कोई भाव नह पड़ता हो
अथवा िजनसे अ मता उ प हो, उ ह अ वीकृ त करने का कारण नह माना जाएगा।
53
वाली बीमारी है अथवा उसके ल ण ह तो वह सेना के िलए अनुपयु होगा। ऐसी कु छ
ि थितय का नीचे वणन कया गया है :-
(ii) ह के ( ड
े प्) ए े व गे रस िजनम के वल मुंह पर कु छ म से अथवा फुं िसयां ह तो
वह वीकाय है। परं तु म यम से ब त अिधक िड ी वाले ए े ( ांठ क तरह के िजन
पर पपड़ीदार िनषान हो या नह हो) अथवा पीठ पर ए े ह तो अ यथ को
अन फट माना जाएगा।
(viii) उपचार के बाद छोटे आकार के कण (कै लोिसटी) घ ा (कॉन) तथा म सा (वाट)
वीकाय माने जा सकते ह। तथािप अनेक सामा य म स (वाट) या िवक ण
पामो लांटर मोजेइक म सा (वाट) हथेिलय तथा तलव के दबाव े पर बड़े
कण (कै लोिसटी) तथा अनेक घ े (कॉन) वाले उ मीदवार अ वीकार कर दए
जाएंगे।
54
तथािश मुंड छद ( ीपयूस) तक सीिमत है को उपयु समझा जा सकता है। वे
िजनक वचा का ब त बड़ा िह सा इसम सि मिलत है तथा िविश ता जब इसम
शरीर के उघडे िह से भी भािवत ह ए चाहे कम ही य न ह को वीकार नह
कया जाएगा।
(च) ऐसे ि जो वचा संबंधी रोग के िचरकािलक या बार.बार होने वाले गंभीर या अ म
कृ ित के रोग से त है उदाहरण के तौर पर ए जीमाए को थायी प से अयो य समझा
जाएगा तथा अ वीकार कर दया जाएगा।
(ज) नीवस िववणकता तथा बेकस नीवस को फट समझा जा सकता है। अंतर वचा नीवसए
वािहका संबंधी नीवस को अयो य समझा जाए।
55
जाएगा। रीढ़ क ह ी म े चर/ ोला सड इंटरव टबरल िड क और इन प रि थितय के
िलए श य िच क सा को अ वीकार कए जाने के िलए आधार माना जाएगा।
(ग) ऐसी ह क कु जता अथवा अ कु जता जहां िवकृ ित मुि कल से ही दखाई दे और इसम
कसी तरह का दद अथवा हरकत करने म बाधा न होए को वीकार कया जा सकता है। जब
पा कु जता दखाई पड़े और रीढ़ के कोई रोगा मक ल ण पर संदह
े होए तो रीढ़ के उस
िह से क रे िडयो ाफ़ जांच क जानी चािहए।
(घ) उड़ान संबंधी ू टय के िलए स वकलए थोरािसक तथा लुंब सकराल रीढ़ क रे िडयो ाफ़
;ए पी और पा क जांच क जाएगी। ाउं ड ू टय के िलए य द ज री समझा जाए तो
रीढ़ क रे िडयो ाफ़ क जा सकती है।
56
(च) ऊपर के पैरा म व णत िवकृ ित/रोग का होना भा वा से क सभी षाखा के िलए अ वीकृ त
माना जाएगा। इसके अित र उड़ान षाखा के अ य थय के िलए िन िलिखत िनयम भी
लागू ह गे :-
(ii) उपरी अंग अथवा इनके िह स म िवकृ ित र ीकरण का आधार होगा। कटे ए
पॉिलडैक टली के िसवाय िस डैक टली तथा पॉिलडैक टली का अयो य माना
जाएगा।
57
पर और ै चर सही से न जुड़ने, फबरोिसस अथवा ऐसी अ य ि थित म, जब 15 िड ी तक
कै रग कोण हो, वीकाय होगा।
(vi) पैर देखने म सपाट हो सकते ह। य द पंजे पर खड़े होने पर पैर क आक पुनः दखने
लगती ह, य द अ यथ पंजे पर उछल सकता हो और अ छी तरह से भाग सकता हो, य द
पैर लचीले, गितषील और ददरिहत ह तो अ यथ वीकाय है। पैर के िहलने-डु लने म बाधा
होना अ वीकृ त करने का कारण होगा। पैर का आकार भले ही कै सा भी हो, पैर क कठोरता
अ वीकृ त करने का कारण होगी।
(viii) टकने के जोड़ म पहले से ए कसी चोट के कारण हरकत म होने वाली कोई भी
परे शानी अ वीकाय है। तथािपए ऐसी पुनरावतक परे शानी िजसका कोई पूव िववरण न हो
और कम से कम 20 िड ी के लांटर एवं डो स लेि सन हरकत के मामले ाउं ड ूटी के
िलए उपयु माने जाएग। एयर ू ूटी के िलए उपयु ता यागत मू यांकन पर
आधा रत होगी।
(क) ऐसे अ यथ िजसने मानिसक बीमारी/मनोवै ािनक रोग का िपछला इितहास तुत कया
हो उनक िव तृत जांच क जाएगी और उ ह मनिच क सा क जाँच के िलए नामां कत कया
जाएगा। ऐसे मामल को अवीकार कया जाएगा। पा रवा रक िववरण एवं दवाई हण करने का पूव
िववरण भी ासंिगक है।
(ख) अिन ारोग, दु : व या रात म लगातार उठकर चलना या रात म पलंग पर ही पेशाब
करना जैसे रोग क पुनरावृि या िनरं तरता अवीकृ ित के कारण ह गे।
(ग) चंड पं दत िसर-दद और माई ेन। साधारण क म के बार.बार होने वाले िसर-दद जो
पहले क िसर क चोट या माई ेन के कारण होते ह । दूसरे कार के कभी-कभी होने वाले िसर-दद
के संभा कारण को यान म रखा जाए। ऐसे अ यथ िजसे इतना यादा माई ेन आ हो िजसके
िलए उसने डॉ टर से परामश िलया हो, वह अ वीकृ ित का कारण होगा। माई ेन का साधारण सा
दौरा िजसम दखाई न द या माई ेन से यु िमरगी ई हो, को वीकृ ित के िलए बाधक माना
जाएगा।
(च) बा-बार हीट ोक हाईपरपाईरे ि सया या गम से थकान का इितहास एयर फोस क ूटी म
भत करने से मनाही करती है य क यह एक दोषपूण गम िनयमन मैकेिन म का सबूत है। गम के
59
भाव का एक ग भीर आ मण अपने आप म उ मीदवार क अ वीकृ ित का कारण नह है बशत
गम म काम करने का इितहास गंभीर हो,और कोई थाई रोगो र ल ण ना दखते ह ।
(छ) िसर मे गंभीर चोट या कोनकसेन का इितहास अ वीकृ ित का एक कारण है। गंभीरता के तर को
पो ट ोमे टक अमनेिशया (पी टी ए) क अविध के इितहास से माप सकते ह। िसर क चोट के दूसरे
रोगो र ल ण म पो ट कोनकसेन स ोम आता है िजसम ि गत ल ण जैसे िसर म दद जी
िमतलाना , न द ना आना बैचैनी िचड़िचड़ापन एका ता न होना और यान म कमी फोकल
यूरोलोिजकल कमी पो ट ोमे टक एपीले सी ह। पो ट ोमे टक यूरोसाईकोलोिजकल रोग भी हो
सकता है िजसम यान एका ता म कमी सूचना ोसे सग पीड दमागी लचीलापन ं टल लोब
ए जी यू टव फं सन तथा साईकोसोसल फं स नग शािमल ह। िसर के कपाल का टू टना अ वीकृ ित
का कारण नह होगा जब तक संबंिधत इं टरा े िनयल ित या डी ैसड ै चर या ह ी के न होने से
स ब इितहास रहा हो। जब गंभीर चोट या कोई संबंिधत दौरे के अटैक का इितहास रहा होए तब
इले टरोइनसेफेलो ाम कया जाएगा जो आव यक प से सामा य होना चािहए। बूर होल क
उपि थित उड़ान सेवा के िलए अ वीकृ ित का कारण होगीए ले कन ाउं ड ूटी के िलए नह ।
येक मामले को ि गत गुण के आधार पर जांचा जाना चािहए। वीकृ ित से पूव यूरोसजन तथा
मनोवै ािनक क सलाह अव य ा करनी होगी।
(झ) य द प रवार म एपीले सी का इितहास पाया जाता हैए तो इसके कार को िनधारण करने का
यास करना चािहए। जब यह ि थित कसी नजदीक र तेदार ; थम तर म िमलती है तो
उ मीदवार को वीकार कया जा सकता हैए य द उसम संबंिधत चेतना क परे शानीए
यूरोलोिजकल कमी या उ तर मानिसक काय का इितहास ना हो और उसका इले ोइनसेफेलो ाम
एकदम सामा य हो।
(न) ेमस (कं पकं पी) पार प रक उतेिजत पेशीय समूह (इनरवेटेड मसल ुप) क लया मक दोलक
गितिविध ( रदिमक आिसलेटरी मूवमट) होते ह। अ यिधक डर, ोध, चता अ यिधक शारी रक
थकान मटोबािलक परे शानी िजसम हाइपर-थाइराइिड म शािमल ह, शराब का याहार और
लीिथयम के जहरीले भाव धू पान (िनको टन) एवं चाय काफ का अ यािधक उपभोग का
अव था म ेमस (कं पकं पी) होते ह। कोअस ेमस के अ य कारक पा कसिन म सेरेबल
े र (इं टशन)
ेमर, अप रहाय (पा रवा रक) ेमर यूरोपैथी के ेमस एवं मु ा िवषयक (पा यूरल) या
ऐ शन ेमस ह।
(iii) फोटो उ ीपन। बीलेटरे ली साइने ोनस या फोकल पेरो जाइमल पाइ स और
पो ट फो टक उ ीपन अविध/िन म िनरं तर धीमी गित से तरं ग का वाह या
हेमी फे यर के ऊपर तेज ित या
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(i) माकड सेपटल डेिवएसन के कारण उ मु प से वांस लेने म आने वाली द त
अ वीकार का एक कारण है। पया प से वांस लेने के िलए शेष बचे ए म यम
िवसामा यता को ठीक करने वाली सजरी को वीकार कया जाएगा।
(v) कसी भी कार का पैरानेजन साइनस होने पर अ व थ घोिषत कया जाएगा। ऐसे
मामल को ािधकृ त िच क सा प रषद के ारा सफल इलाज के बाद ही वीकार कया
जाएगा।
(i) ऐसे अ यथ िजनम टोनिसले टोिम पाया जाता है, उ ह अ वीकृ त कया जाएगा। ऐसे
अ य थय को ािधकृ त िच क सा प रषद के ारा सफल सजरी के बाद ही वीकार कया
जाएगा।
(ग) यू टेिशयन ूब का काय न करना या उसम कसी भी कार क बाधा आनाए अ वीकृ ित का
एक कारण होगा।
(घ) ट ी स का पाया जाना उसक अविध थानीकरण, पृथकता और संभािवत कारण क जांच
को आव यक बना देता है। थायी ट ी स अ वीकृ ित का एक कारण है। य क नाक के मा यम से
प र याग होने पर इसके और अिधक खऱाब होने क संभावना बन जाती है और यह ारं िभक ि थित
से ओटो कलेरोिसस और मेिनयर बीमारी म बदल सकती है।
(च) कसी भी कार के मोसन िसकनेस क संभावना पाए जाने पर िविश जांच कराई जाएगी।
ऐसे मामल का पूरी तरह से मू यांकन कया जाएगा और मोसन िसकनेस क बीमारी का खतरा होने
पर उ ह लाइं ग ूटी करने के िलए अ वीकृ त कया जाएगा।
(छ) एक अ यथ िजसको च र आने क बीमारी का इितहास रहा है, उसक पूरी तरह से जांच
कया जाना अिनवाय है।
62
(ii) 250 और 8000 HZ के बीच क आवृित म ऑिडयोमै ीक लोस 20 डी बी से अिधक नह
होना चािहए। ई एन टी िवशेष क िसफा रश पर 30 डी बी तक पृथक यूिनलेटरल िहय रग
लोस को ई एन टी क परी ा देने से छू ट दया जाना सामा य माना जाएगा।
(झ) जब िहय रग को पूरी तरह एपीथेिलयालाइ ड और सही पाया गया है ऐसी ि थित म भी एक
मूल प रव तत रे िडकल मासटोइडे टोमी के िलए अ वीकृ त कया जाएगा। पूव म टाइमपैिनक
मेम ैन इनटे टए सामा य िहय रग और वतमान म कसी भी कार क बीमारी न होने क ि थित
के साथ कोर टकल मासटोइडे टोिम के मामल को वीकार कया जा सकता है।
(ट) एगजो टोसेस या अन ूिल नैरो िमटी के साथ ोिनक ओ ट टस ए स ेना के मामल को
अ वीकृ त कया जाएगा। कै नल के टोर ूिसटी का बढ़ना टाइमपैिनक मेम ैन के अगले कट प का
अिभलोपन अ वीकृ ित का कारण होगा।
(त) कान क िविवध ि थितयाँ अ वीकृ ित के िलए कान क िन िलिखत ि थितयाँ होगी
(iv) बे स पा सी के प ात् कण सं मण
22. ने णाली
(क) उड़ान ू टय के िलए अ वीकृ त होने का बड़ा कारण दृि दोष और िच क सीय ने दशाएं है।
63
(i) भगापन और अ य कारण से च म क आव यकता ाय: अनुवांिशक है और िवकृ ित
क मा ा का अनुमान लगाने के िलए पा रवा रक इितहास (पृ भूिम) मह वपूण सूचना
दान कर सकता है। अ यथ जो च मा लगाए ह अथवा िजनम दृि गत दोष पाया गया हो
उनका उिचत िनधारण कया जाएगा।
(iv) यूिवआशोथ (रं िजत पटल शोथ, रोमक िप ड शोथ, प रता रका शोथ) क
अ सर पुनरावृि होती हो और अ यथ िजसके प रवार म पहले से ये बीमारी चली आ रही
हो अथवा अ यथ म ये ल ण दखायी देते ह उनका िनधारण सावधानी पूवक कया
जाएगा। अ य थय म जहाँ थायी िव ित के सा य ह ऐसे अ य थय को अ वीकृ त कया
जाएगा।
(vii) माइ ेिनयस क म के िसरदद के साथ दृि बाधाएं पूणत (िव ोभ): ने संबंधी
सम या नह ह और इनका िनधारण त नुसार कया जाएगा। िड लोिपया क मौजूदगी
अथवा नाइ टागमस क पहचान के िलए उिचत परी ण क आव यकता है। चूं क ये
मनोवै ािनक कारण से हो सकते ह।
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(ix) ने गोलक का कसी म दशा म न घूमने और ने गोलक के अनुिचत दबाव/उभार
के िलए उिचत िनधारण क आव यकता ( ोिमनस) है।
(ग) दृि ती णता और कलर िवजन क आव यकता का योरा इस िनयम के प रिश .ग म दया
गया है। अ यथ जो इन आव यकता को पूरा नह करते ह उ ह अ वीकृ त कया जाएगा।
(ज) वायु सेना क कसी भी ूटी के िलए र े ि टव किमय को ठीक करने के िलए रे िडयल
करे टोटोमी (आर के ) सजरी क अनुमित नह है। आई ओ एल इं लाट सिहत या इसके िबना कै टेरै ट
सजरी करवाने वाले अ य थय को भी अन फट घोिशत कया जाएगा।
(i) भगापन दखायी देने वाले ि य को कमीषन दान करने के िलए वीकार नह
कया जाएगा।
65
(कक) अिभसरण
66
नीचे तािलका म दए गए ह :-
(ठ) ने मांसपेषी का संतुलन गितज होता है और एका ता, उ ेजना, थकान, हाइपोि सया,
स और षराब का सेवन करने से इसम प रवतन होता है। अंितम िनधारण के िलए, उपयु
जांच पर एक साथ िवचार कया जाएगा। उदाहरण के िलए, मै ो स रॉड जांच क
अिधकतम सीमा से थोड़े अिधक वाले मामले, पर तु जो अ छी बाइनाकु लर, ित या एक
अ छी ऑ जेि टव अिभसरण िजसम स जेि टव अिभसरण के मुकाबले ब त कम अंतर
होता है को दषाते ह और कवर जांच पर पूण और ती वा यालाभ देते ह को वीकार
कया जा सकता है। दूसरी तरफ मै ो स रॉड जांच सीमा के भीतर के मामले पर तु जो
ब त कम या षू य यूजन मता दषाते ह, कवर जांच पर अपूण या कोई वा यलाभ नह
दषाते और खराब स जेि टव अिभसरण दषाते ह, को अ वीकार कया जाएगा। ने
मांसपेषी के संतुलन के मू यांकन के िलए मानक ा ट िनयम के प रिष ट-ग म उि लिखत
ह।
(ख) योगषाला ारा एनीिमया (पु श म <13g/dl) क पुि ट होने क ि थित म, एनीिमया के
कार और ए टयोलॉजी का पता लगाने के िलए आगे जांच क जाएगी। इसम संपूण
हीमो ाम (पीसीवी एमसीवी, एम सी एच, एम सी एच सी, टी आर बी सी, टी ड यू बी सी,
डी एल सी, लेटलेट क मा ा, रे टकु लोसाइट क मा ा और ईएस आर षािमल ह गे) और
पे रफे रल लड मीयर षािमल होगा। इ टयोलॉजी का िनधारण करने के िलए अ य सभी
जांच यथाव यक क जाएंगी। िप क थैली म पथरी के िलए पेट क अ ासेनो ाफ , ऊपरी
जी आई एंडो कॉपी/ ै टो कोपी और हीमो लोिबन इले ोफोरे िसस इ या द दषाए
अनुसार क जाएंगी और अ यथ क फटनैस का िनधारण येक मामले क मे रट के
आधार पर कया जाएगा।
67
(ग) थम दृ टया माइ ड माइ ोसाइ टक हाइपो ोिमक (लौह क कमी से होने वाला
एनीिमया) या डाइमो फक एनीिमया (पु श म भ्इढ11ण्5ह कस) वाले अ य थय को 04
से 06 स ाह क अविध के िलए अ थायी तौर पर अन फट घोिशत कया जाएगा िजसक
बाद म समी ा क जाएगी। इन अ य थय को वीकार कया जा सकता है य द पूण
हीमो ाम और पी सी वी पे रफे रल मीयर क जांच का प रणाम सामा य रज के भीतर
रहता है। मै ासाइ टक/िमगेलो लाि टक एनीिमया वाले अ य थय को अन फट माना
जाएगा।
(च) वचा म कसी कार के पुराने हीमोरहेज जैसे एक मोिसस/पे टके ई, एिप टे सस, मसूढ़
और पोशण नली से र ाव, छोटे आघात या लेसरे षन/दांत िनकलने के बाद लगातार
र ाव और हीमोफ िलया या अ य र ाव क बीमा रय का कोई पुराना पा रवा रक
इितहास होने पर संपूण जांच क जाएगी। स वस (सेवा) म वेष के िलए इन अ य थय को
वीकार नह कया जाएगा। पुरपुरा क ि लिनकल पुि ट या ो बोसाइटोपीिनया के ल ण
वाले सभी अ य थय को स वस (सेवा) के िलए अन फट माना जाएगा।
(छ) जांच के बाद पुरानी हीमोफ िलया, वॉन वाइल ांड रोग के ल ण वाले अ य थय को
षु आती तर पर स वस (सेवा) के िलए अन फट घोिशत कया जाएगा।
68
प रिष ट ’क’
(पैरा 12 देख)
152 41 42.5 44 45
157 43 45 47 48
160 45 46.5 48 49
162 46 48 50 51
165 48 50 52 53
167 49 51 53 54
170 51 52.5 55 56
175 54.5 56 59 60
178 56 58 61 62
69
प रिष ट ’ख’
(पैरा 22(ख);( (viii) देख)
रत धी के संबध
ं म माणप
आ र सिहत नाम
बच सं या चे ट सं.
दनांक ......... (अ यथ के ह ता र)
के ारा ितह ता रत
70
प रिष ट ’ग’
71
6. लेखा/संभा./िष ा संषोधनीय दृ यता सी पी - III
हायपरमे ोिपया +3.5 डी
ती णता बेहतर
एस पी एच मायोिपया -3.50
आंख म 6/6 एवं
डी एस पी एच ऐि टगमे ट म
+2.50 डी लीिनकल
खराब आंख म
6/18 होनी
चािहए। च मा
पहनना अिनवाय
होगा।
नोट 1 – म स॰ 1 और 2 म आने वाले का मक का ने मांसपेशी संतुलन नीचे दी गई
सारणhh के अनु प होना चािहए ।
¶ykbax M~;wfV;ksa ds fy, us= ekalis’kh larqyu
uksV 2&,u Mh , esa ,;j foax dSMsV ,oa , ,Q , esa ,Q ¼ih½ ds ¶ykbV dSMsV ds
n`’;rk ekud ,1 th1 ,Q ¼ih½ ekud ¼Øe la- 1½ ds vuq:i gksus pkfg,A
72
uksV 3&mijksDr mfYyf[kr ,l ih ,p la’kks/ku dkjdksa esa fufnZ”V ,fLVesfVd la’kks/ku
dkjd ‘kkfey gksaxsA fofufnZ”V n`’;rk rh{.krk rd tks U;wure la’kks/ku dkjd Lohdkj
fd, tk ldrs gSaA
प रिश -V
73
(क) ितमाह 3000.00 पए क दर से पांच माह पये 15,000.00
का पाके ट भ ा
(ख) कपड़ एवं उप कर क मद के िलए पये 21831.00
(ग)सेना समूह बीमा िनिध पये 7200.00
(घ) वाइ नग के समय कपड़ हेतु पये 8681.00
(च)पहले सेमे टर के दौरान होने वाले आनुषंिगक य पये 7138.00
योग पये 59850.00
य द उ मीदवार के िलए िव ीय सहायता को मंजूरी िमल जाती है तो उपयु उि लिखत
रािश म से िन िलिखत रािश वािपस लौटा दी जाएगी:--
(क) ित माह 400.00 पए क दर से पांच माह पये 2000.00
के िलए पाके ट भ ा (सरकारी िव ीय सहायता
के अनु प)
(ख) कपड़ एवं उप कर क मद के िलए पये 13935.00
4. रा ीय र ा अकादमी म िन िलिखत छा वृि यां/िव ीय सहायता उपल ध ह◌ः
(1) परशुराम भाऊ पटव न छा वृि : यह छा वृि पा सग आउट पा म के अंतगत
अकादिमक े म सम त थम थान ा करने वाले कै डेट को दान क जाती है।
एकबारगी छा वृि क रािश 5000/- है।
(2) कनल किडल फे क मेमो रयल छा वृि : यह 4800 पये ित वष क छा वृि उस
मराठा कै डेट को दी जाएगी जो भूतपूव सैिनक का पु है। यह छा वृि सरकार से ा होने
वाली कसी िव ीय सहायता के अित र होती है।
(3) कौर सह मेमो रयल छा वृि : दो छा वृि यां उन दो कै डेट को दान क जाती ह
िज ह िबहार के उ मीदवार म उ तर थान ा हो। येक छा वृि 37 . ित मास क
होगी तथा अिधकतम 4 वष के िलए रा ीय र ा अकादमी, खड़कवासला म िश ण के
दौरान तथा उसके बाद भारतीय सेना अकादमी, देहरादून तथा वायु सेना ला ग कालेज तथा
भारतीय नौ सेना अकादमी, इझीमाला म जहां कै डेट को िश ण के िलए रा ीय र ा
अकादमी, िश ण पूण करने पर भेजा जाएगा, दी जाती रहेगी। छा वृि तभी िमलती
रहेगी जब कै डेट उपयु सं था म अ छी गित करता रहे।
(4) असम सरकार छा वृि : दो छा वृि यां असम के कै डेट को दान क जाएंगी। येक
छा वृि 30 . ित मास क रहेगी तथा जब तक छा रा ीय र ा अकादमी म रहेगा
उसे िमलती रहेगी। छा वृि असम के दो सव म कै डेट को उनके माता-िपता क आय पर
यान दए िबना दान क जाएगी। िजन कै डेट को यह छा वृि दान क जाएगी, उ ह
सरकार क ओर से अ य िव ीय सहायता दान नह क जाएगी।
(5) उ र देश सरकार छा वृि यां: दो छा वृि यां 30 . ित मास क तथा 400 .
क प रधान वृि उ र देश सरकार के दो कै डेट क यो यता तथा आय के आधार पर
रा ीय र ा अकादमी म संतोषजनक गित करने पर 3 वष के िलए दी जाएगी। िजन कै डेट
को ये छा वृि यां िमलगी उ ह अ य कार क िव ीय सहायता सरकार से नह िमलेगी।
(6) के रल सरकार छा वृि : पूरे वष के िलए 480 . क एक यो यता छा वृि रा. र.
अकादमी म िश ण क पूरी अविध के िलए के रल रा य ारा उस कै डेट को दी जाती है जो
के रल रा य का अिधवासी िनवासी है और जो रा. र. अकादमी हेतु अिखल भारतीय
सं.लो.से.आ. क वेश परी ा म थम थान ा कर लेता है भले ही उसने वह परी ा
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रा ीय भारतीय सेना का◌ॅलेज से या भारत भर म कसी सैिनक कू ल से उ ीण क हो। ऐसा
करते समय कै डेट के िपता/संर क क आ थक ि थित पर कोई यान नह दया जाता है।
(7) िबहारी लाल मंदा कनी पुर कार:
कार यह 500 पये का नकद पुर कार सव म बंगाली
लड़के को अकादमी से येक कोस के िलए िमलता है, आवेदन प कमांडट, रा ीय र ा
अकादमी से िमलते ह।
(8) उड़ीसा सरकार छा वृि यां: तीन छा वृि यां--एक थल सेना, एक नौ सेना तथा एक
वायु सेना के कै डेट के िलए येक 80 . ित मास के िहसाब से उड़ीसा सरकार ारा उन
कै डेट को दी जाएंगी जो उड़ीसा रा य के थायी िनवासी ह। इनम से दो छा वृि यां कै डेट
क यो यता तथा आय के साधन के आधार पर दी जाएंगी िजनके माता-िपता या अिभभावक
क आय . 5000 ित वष से अिधक न हो तथा तीसरी छा वृि िबना उसके माता-िपता
या अिभभावक क आय को यान म रखते ए सव म कै डेट को दी जाएगी।
रा य सरकर रािश पा ता
9 पि म बंगाल िन मय उ (i) कै डेट भारतीय नाग रक होना
ारं िभक एकमु त .5000/- .3750/- चािहए और कै डेट और/अथवा उसके
अनुदान ित स .500/- माता-िपता पि म बंगाल रा य के
छा वृित ¹आय .1800/- .1350/- थायी िनवासी होने चािहए अथवा
समूह सारणी .900/- उनका थायी िनवास थान पि म
िन --9000/- बंगाल होना चािहए।
पए ित माह (ii) कै डेट को मै रट पर ा
तक होने वाली छा वृि अथवा वजीफे
के िसवाए भारत सरकार और/अथवा
म य--9001/- रा य सरकार अथवा कसी अ य
पए से ािधकरण से कोई अ य िव ीय
18000/- ित सहायता/अनुदान ा नह होता है।
माह तक
उ --18000/-
पए
10 गोवा 1000/- पए ित माह (i) कै डेट के माता-िपता/
िश ण क अविध के अिभभावक क आय क सीमा
दौरान,(अिधकतम 24 माह 15,000/- पए ित माह
अथवा कोस क अविध के (1,80,000/- पए ित वष) से
दौरान, जो भी कम हो) और अिधक नह होनी चािहए।
12000/- पए का
एकबारगी वद भ ा। (ii)अ.जा./अ.ज.जा./अ.िप.व.
से संबंिधत क आय सीमा
37,500/- पए ित माह
(4,50,000/- पए ितवष) से
अिधक नह होनी चािहए।
(iii) वे कसी भी अ य ोत से
िव ीय सहायता/छा वृि /िनःशु क
िश ण ा न कर रहे ह ।
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11 नागालड 1,00,000/- पए नागालड रा य का अिधवासी होना
एकबारगी भुगतान चािहए।
(20) िहमाचल देश सरकार छा वृि : िहमाचल देश के कै डेट को 4 छा वृि यां दान
क जाएंगी। िश ण के थम दो वष के िलए छा वृि यां 30 पये ितमास तथा िश ण
के तीसरे वष के िलए 40 पये ितमास िमलेगी। यह छा वृि उन कै डेट को िमलेगी िजनके
माता-िपता क मािसक आय 500 पये ितमास से कम होगी, जो कै डेट सरकार से िव ीय
सहायता ले रहा हो उसे छा वृि नह िमलेगी।
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(22) कनाटक सरकार क छा वृि यां- कनाटक सरकार ने राष् ीय र ा अकादमी म वेश
पाने वाले कनाटक राज्य के कै डेट को छा वृि यां दान क ह। छा वृि क रािश
1000/- .(एक हजार पए) ितमाह और वद (आउट फट) भत्ते क रािश थम स
म 12000/- . होगी।
(23) एलबट ए ा छा वृि : िबहार सरकार ने रा ीय र ा अकादमी म . 50/-
ितमास क 25 यो यता छा वृि यां रा ीय र ा अकादमी म छः समयाविध के पूरे समय के
वा ते एक बार और . 650/- व तथा उप कर के वा ते देना शु कया है। िजस कै डेट
को उपयु यो यता छा वृि िमलती है वह सरकार से कोई अ य छा वृि या िव ीय
सहायता का पा नह होगा। पा कै डेट रा ीय र ा अकादमी म आने पर कमांडट को
आवेदन तुत कर सकते ह।
(24) ला ग आ फसर डीवी पटू मारक छा वृि : ुप कै टन एम. विश ने रा ीय र ा
अकादमी म वरीयता म म थम तीन थान पाने वाले कै डेट को पहला सेमे टर पूरा करने
पर दूसरे स के समा होने तक, एक स के िलए 125/- . ितमाह क दर से तीन
छा वृि यां ारं भ क ह। सरकारी िव ीय सहायता ा करने वाले कै डेट उपयु छा वृि
पाने के हकदार नह ह गे। पा कै डेट िश ण पर प चं ने के बाद कमांडट, रा ीय र ा
अकादमी को अपना आवेदन प भेज सकते ह।
(25) महाराष् राज्य के भूतपूव सैिनक के वाड को िवत्तीय सहायता
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(क), (ख) तथा (ग) के िलए परी ा का तर, भारतीय िव िव ालय या हायर
सैकडरी िश ा बोड क हायर सैकडरी परी ा के तर से ऊंचा नह होगा।
(घ) पर िलिखत िवषय क परी ा म यह जांचा जायेगा क उ मीदवारको अकादमी
म भत होने के समय िह दी का कतना ान है। अतः उ मीदवार को सलाह दी जाती है क
ितयोिगता परी ा के उपरांत अ ययन के िलए उदासीन न हो जाएं।
िश ण:
ण
6. तीन सेवा , अथात् थल सेना, नौसेना और वायुसेना के िलए चयिनत उ मीदवार को
रा ीय र ा अकादमी (एनडीए), जो क अंतर-सेवा सं थान है, म 3 वष क अविध का अकादिमक
और शारी रक, दोन कार का ारंिभक िश ण दान कया जाता है। पहले ढाई वष के दौरान
दया जाने वाला िश ण तीन स्कं ध के उम्मीदवार के िलए समान है। उ ीण अथात् पास आउट
होने वाले सभी उम्मीदवार को जवाहरलाल नेह िव िव ालय, द ली ारा िनम्नानुसार िडि यां
दान क जाएंगी :-
*नोट : बी.एससी./ बी.एससी. (कं प्यूटर)/ बी.ए. िड ी करने वाले सभी कै डेट को एनडीए म
अकादिमक, शारी रक तथा सेवा संबंधी िश ण पूरा कर िलए जाने पर िड ी दान क जाएगी।
बीटेक पा म म शािमल सभी कै डेट को बीटेक क िड ी संबिं धत कमीशन-पूव िश ण
अकादमी/संसथान/पोत/िवमान
् म िश ण के उपरांत दान क जाएगी।
नौसेना अकादमी के िलए चयिनत उ मीदवार को भारतीय नौसेना अकादमी, इझीमाला म 4
वष क अविध के िलए शैि क तथा शारी रक दोन कार का ारं िभक िश ण दया
जाएगा। 10+2 कै डेट एं ी कम को भारतीय नौसेना अकादमी से िश ण ा करने
(पा सग आउट) पर बी. टेक िड ी दान क जाएगी।
¼[k½ ukS lsuk vdkneh ds fy, 10+2 dSMsV ,aVªh Ldhe ds rgr p;fur
mEehnokjksa izk;ksfxd bysDVªkWfud ,oa lapkj bthfu;jh ¼,XthD;wfVo czkap½] esdSfudy
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,oa lapkj baathfu;jh ¼bysfDVªdy czkap ds fy,½ gsrq vko”;drkuqlkj pkj izkS|ksfxd
Lukrd ¼ch Vsd½ ds fy, crkSj dSMsV HkrhZ fd;k tk,xkA mEehnokj }kjk dkslZ ikl
fd, tkus ij tokgjyky usg: fo”ofo|ky; }kjk ^izkS|ksfxd Lukrd dh fMxzh^ iznku
dh tk,xhA
10. (क) वायु सेना कै डेट को हवाई उड़ान का डेढ़ वष का िश ण दया जाता
है। तथािप उ ह एक वष का िश ण पूरा होने पर अनि तम प से ला ग अफसर के प
म कमीशन दान कया जाता है। उनके बाद छः महीने का िश ण सफलतापूवक पूरा करने
पर उ ह एक वष क अविध के िलए प रवी ा पर थायी प से कमीशन अफसर के प म
समािहत कर दया जाता है।
(ख) वायु सेना क ाउं ड ूटी शाखा के कै डेट को एक वष क अविध तक उनक
ीम के अनुसार पेशिल ट े नग दी जाती है। एक वष का िश ण पूरा होने पर उ ह
लाइं ग अफसर के रक मे अनितम प से कमीशन दान कया जाता है। बाद म उ हे थायी
कमीशन ा अफसर के प म शािमल कर िलया जाता है और एक वष तक प रवी ा
अविध पर रखा जाता है।
सेवा क शत:
शत
11. सेना अिधकारी एवं वायु सेना व नौ सेना के समक रक
(i) कै डेट िश ण के िलए िनयत छा वृि स्टाइपड)
(स्टाइपड :-
(ii) वेतन
(क)
रक वेतन स्तर(
तर . म)
लेि टनट से मेजर लेि टनट – स्तर 10 (56,100-1,77,500)
कै प्टन – स्तर 10 ख (61,300- 1,93,900)
मेजर – स्तर 11 (69,400-2,07,200)
लेि टनट कनल से मेजर जनरल लेि टनट कनल – स्तर 12 क (1,21,200-2,12,400)
कनल – स्तर 13 (1,30,600-2,15,900)
ि गेिडयर – स्तर 13 क (1,39,600-2,17,600)
मेजर जनरल - स्तर 14 (1,44,200-2,18,200)
लेि टनट जनरल स्तर 15 (1,82,200-2,24,100)
(उच्चतर शासिनक ेड वेतनमान)
लेि टनट जनरल (उच्चतर स्तर 16 (2,05,400-2,24,400)
शासिनक ेड+ वेतनमान)
उप सेनाध्य / सेना कमांडर/ स्तर 17 (2,25,000/-) (िनयत)
लेि टनट जनरल(एनएफएसजी)
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सेनाध्य स्तर 18 (2,50,000/-) (िनयत)
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(ख) अिधका रय को दया जाने वाला सैनय
् सेवा वेतन (एमएसपी
एमएसपी)
एमएसपी िनम्नानुसार है:-
ग)
(ग उड़ान भत्ता
घ)
(घ अन्य भत्ते :-
(च) फ ल्ड े म तैनात अिधकारी, अपने रक तथा तैनाती े के आधार पर, िनम्नानुसार फ ल्ड
े भत्त के पा ह गे:-
रक ण
े ी-I
ी ( ितमाह)
ितमाह ण
े ी-II
ी ( ितमाह)
ितमाह ेणी-III
ी ( ितमाह)
ितमाह
अिधका रय 3400/- . 5300/- . 25000/- .
ितमाह ितमाह ितमाह
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काउनटर िव ोह भ ा
(ड) सैनय
् िश ण के कारण उत्पन्न ई अथवा बदतर ई ि थित के चलते िच कत्सा
आधार पर अ म होने अथवा कै डेट (सीधी भत ) क मृतयु ् हो जाने पर कै डेट (सीधी
भत )/िनकटतम संबंिधय को िनम्नानुसार िहतलाभ रािश दान क जाएगी :
(I) अश ता के मामले म
82
(।।) मृ यु के मामले म
कै डेट (सीधी भत )/ िनकटतम संबंिधय को अनु ह रािश पूणत: अनु ह आधार पर वीकृ त
क जाएगी और इसे कसी भी उ े य के िलए पशन नह माना जाएगा। तथािप, मािसक
अनु ह रािश के साथ-साथ अनु ह अश ता रािश पर लागू दर के अनुसार महंगाई राहत
दान क जाएगी।
83
13. ो ित के अवसर:
अवसर
समय-समय
समय समय पर लागू िनयम के अनुसार छु ी वीकार होगी।
*****
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