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सावज नक पु तकालय अ ध नयम का आदश

ा प (Model Public Library Act)


उ े य
इस इकाई के न न ल खत उ े य है -
1. सावज नक पु तकालय अ ध नयम क आव यकता से अवगत होना,
2. आधु नक सावज नक पु तकालय के मु ख त व से प र चत होना, तथा
3. अ ध नयम क व भ न वशेषताओं से अवगत होना।

संरचना
1. वषय वेश
2. पु तकालय अ ध नयम का मह व
3. पु तकालय अ ध नयम क आव यकता
4. भारत म सावज नक पु तकालय क ि थ त
5. पु तकालय अ ध नयम- ा प
6. प र श ट-I- सावज नक पु तकालय अ ध नयम : एक आदश ा प
7. सारांश
8. अ यासाथ न
9. व तृत अ ययनाथ थसूची

1. वषय वेश
पु तकालय एक जनताि क सं था है। वह जनस ता का जनता के लए और जनता
वारा संचा लत होता है। कसी सं था को जनता का अथवा सावज नक स करने के लए
वधान का होना आव यक है। जन सं था होने से पु तकालय के उ े य को भावशाल ढं ग से
या मक प दे ने तथा उसके वकासशील व प को बरकरार रखने के लए संब जनता के
दा य व और अ धकार को प रभा षत करना भी ज र है। वधान (Legislation) दा य व और
बा यताओं को मू त प दे ता है। व ध श द का अथ नयमन और नय ण होता है। वधान का
अथ कानून का ा प तु त करना है। दूसरे श द म आलो च काय को नयं त और
नय मत करने के लए वधेयक (Bill) के प म अ ध नयम का ताव करना इसका अथ है।
पु तकालय के संदभ म के य अथवा ादे शक शासन के अधीन एक नःशु क सावज नक
पु तकालय णाल क थापना अनुर ण और वकास हे तु आव यक काय, अ धकार, नयम
और बंध को वैधा नक प दे ने को पु तकालय वधान (अ ध नयम) कहते ह।

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2. पु तकालय अ ध नयम का मह व
1. पु तकालय अ ध नयम पु तकालय क संरचना को नधा रत करता है तथा एक आदश
ढाँचे के अ तगत इसका वकास सु नि चत करता है।
2. अ ध नयम राजनी त एवं शासक क अ नय मतताओं पर रोक लगाता है।
3. इसके वारा पु तकालय के शासक के लए उपयु त स ता नधा रत क जाती है।
साथ ह यह सु नि चत करता है क वह स ता वधान मंडल एवं जन त न धय के
त भी उ तरदायी हो।
4. अ ध नयम थायी तथा मक प से पु तकालय हे तु व तीय सहायता क यव था
करता है। िजससे इसके वकास म अथाभाव नह ं हो सके।

3. पु तकालय अ ध नयम क आव यकता


पु तकालय अ ध नयम क आव यकताओं के मु ख त व न न ल खत ह।
1. पु तकालय संरचना हे तु सु ढ़ नी त का नधारण: पु तकालय अ ध नयम के वारा
इसक संरचना हे तु सु ढ़ नी त का नधारण कया जाता है। ऐसी ि थ त म रा य और के य
तर पर ि थत के य पु तकालय अपने- अपने भौगो लक े म था पत पु तकालय पर
नयं ण रख सकते ह। प रणाम व प पु तकालय का स तु लत ढं ग से वकास होता है।
तु लना मक ि ट से पु तकालय णाल पर आधा रत उसका संगठन और ब ध मत ययी होता
है।
2. व त: व त के अभाव म कसी भी सं था का संगठन एवं संचालन क ठन है।
पु तकालय के सम त याकलाप व त क उपलि ध पर आधा रत ह। लोकतां क शासन म
न:शु क पु तकालय सेवा उपल ध कराना शासन का दा य व है। कानून के रहने पर शासन
अपने राज व से तवष एक नि चत धनरा श अनुदान के प म पु तकालय को दे गा और
उसके आधार पर ह कर दे ने म समथ लोग पर उपकर (Cess) के प म कर लग सकती है।
इसके अ त र त उपल ध धन के दु पयोग, उसका हसाब कताब रखने और उसके अंके ण
करने के लये अ ध नयम म आव यक ावधान दया रहता है।
3. पु तकालय तं क थापना: सम त जन पु तकालय ांत के के य पु तकालय से
लेकर पंचायत एवं एक सु ढ़ पु तकालय तक एक दूसरे से जोड़े जाय तभी एक सु ढ़
पु तकालय तं क थापना हो सकती है। यह तभी संभव होगा जब सरकार पु तकालय
अ ध नयम लागू कया जाय।
4. पु तकालय सेवा क सु नि चतता एवं नरं तरता: पु तकालय अ ध नयम के अभाव म
पु तकालय का वकास सरकार क न त पर नभर रहता है। सरकार क नी त एवं कायपा लका
के धान बदलते रहते ह। सरकार क ाथ मकताय भी बदलती रहती है। पु तकालय के त
कसी सरकार क नी त उदार होती है तो कसी क अनुदार। इससे पु तकालय के वकास पर
कु छ वपर त असर पड़ता है। अत: पु तकालय सेवा क नरं तरता एवं सु नि चतता के लये
पु तकालय अ ध नयम आव यक है।

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5. सु ढ़ संचालक मंडल का नमाण: वभ न े म पु तकालय क थापना एवं
संचालन हे तु अ ध नयम वारा एज सय का नमाण होता है। उनक नी तयाँ एवं काय म
नधा रत कए जाते है। िजसका पालन कर पु तकालय क थापना एवं संचालन सु नि चत
कया जाता है। इसके लए पु तकालय अ ध नयम परम आव यक है।
6. पु तकालय सहयोग के आधार तैयार करने म सहायक: आज के वै ा नक युग म कोई
भी पु तकालय पूण साधन स प न नह ं हो सकता है। सावज नक पु तकालय को वभ न
आव यकताओं को पूरा करने हे तु अ य पु तकालय के सहयोग क भी आव यकता पड़ती है।
इस लए पु तकालय अ ध नयम के वारा पु तकालय सहयोग क नी त नधा रत क जाती है।
जब इस कार के ावधान बन जाते हे तो वै ा नक बा यता के कारण एक पु तकालय दूसरे
पु तकालय से जु ड़ जाते है।
7. जनता को न:शु क सेवा दान करने म सहायक: पु तकालय से यह अपे ा क जाती
है क वह जनता को न:शु क सेवा दान करे । पु तकालय के संचालन एवं थापना का आधा
खच रा य सरकार एवं शेष खच थानीय नकाय दारा जनता पर पु तकालय उपकर लगाकर
वहन करना चा हये। इससे आम जनता को न:शु क पु तकालय सेवा दान क जा सकती है।
यह तभी स भव हो पायेगा जब पु तकालय अ ध नयम लागू कया जाय।
उपयु त आव यकताओं क पू त केवल सरकार वारा पु तकालय अ ध नयम लागू
करके क जा सकती है। अत: पु तकालय अ ध नयम के मा यम से ह सावज नक पु तकालय
त क थापना, वकास एवं सार संभव है।

4. भारत म सावज नक पु तकालय क ि थ त


भारत म सव थम कु छ यि तय के यास से टश काल म सन ् 1836 से
कलक ता म सावज नक पु तकालय अि त व म आया। इस कलक ता सावज नक पु तकालय
का नाम बदलकर सन ् 1903 म इ पी रयल पु तकालय कर दया गया था। िजसे सन ् 1947
म वत भारत का रा य पु तकालय घो षत कर दया गया।
इसके त प चात अ य रा य म लोग के नजी यास एवं सं थाओं के सहयोग से
सावज नक पु तकालय था पत कये गये। दे श म सव थम बड़ौदा जैसे रा य म वहाँ क
रयासत के आदे श से सावज नक पु तकालय त क थापना सन ् 1910 म क गयी। इसके
अ तगत व भ न िजल , क ब एवं गाँव म पु तकालय क थापना क गयी। इसके अलावा
कु छ अ य रा य म छटपुट तौर पर पु तकालय क थापना क गयी। इन पु तकालय क
न न ल खत वशेषताय थीं-
(1) अ धकांश पु तकालय यि तगत यास से एवं बना सरकार सहायता से था पत थे।
(2) व त का ोत मु य सद यता शु क अथवा दान था ।
(3) इन पु तकालय क संरचना के अभाव म बंध- यूनतम तर का था।
(4) पु तकालय सेवा केवल सद य को ह उपल ध थी। जो केवल पु तक के आदान दान
तक सी मत था।
(5) पु तकालय म था य व का अभाव था।
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(6) इन पु तकालय के थापना के शु आती दौर म लोग म जोश होता था जो मश:
घटता जाता है िजसका पु तकालय के याकलाप पर वपर त भाव पड़ा तथा कई
पु तकालय को ब द करना पड़ा।
इन सम याओं के काश म लोग ने वशेषकर डॉ. एस.आर. रं गनाथन ने यह महसूस
कया क भारत म सावज नक पु तकालय क थापना एवं वकास केवल पु तकालय
अ ध नयम के मा यम से ह संग ठत तर के से कया जा सकता है। पु तकालय अ ध नयम
यवि थत पु तकालय संरचना क नींव डालता है और इसके अ तगत वकास सु नि चत कर
राजनी त तथा शासक क पूवा हपूण वृि त एवं मनमानी से पु तकालय को बचाता है।
सावज नक पु तकालय अ ध नयम से सावज नक पु तकालय त को आव यक बल एवं
सहयोग रा य सरकार क तरफ से मलता है।

5. पु तकालय अ ध नयम- ा प
पु तकालय अ ध नयम ा प पु तकालय अ ध नयम को लोकसभा या वधानसभा म
पा रत कराने हे तु वधेयक नमाण म सहायता एवं मागदशन दान करता है। इस इकाई के
अ तगत अ ध नयम ा प के व भ न आव यक अवयय पर न न ल खत व तृत चचा क जा
रह है।
5.1. पु तकालय अ ध नयम ा प क वशेषताएं
पु तकालय अ ध नयम ा प क न न ल खत वशेषताय होनी चा हये: -
(1) अ ध नयम ा प सावज नक पु तकालय सेवा तं के लए सभी आधारभूत अवयय
अथवा संदभ को प रभा षत करना चा हये।
(2) पु तकालय त संरचना को प रभा षत करना चा हये।
(3) इसम संचालन से संबं धत सं थाओं म जैसे- पु तकालय स म त, बंध बोड इ या द का
ववरण होना चा हये।
(4) इसम पु तकालय एवं सू चना कमचा रय से संबं धत नयुि त , मोशन एवं नयोजन
प त प रभा षत होनी चा हये।
(5) नयुि त आ थक सहयोग एवं उपयोग हे तु संगठना मक चरण प रभा षत होनी चा हये।
(6) इसम शास नक अ धका रय को रपोट करने हे तु तर क एवं संबं धत व धय का
उ लेख होना चा हये। एवं सं ेप म हम यह कह सकते ह क पु तकालय अ ध नयम
ा प म न न ल खत वांछनीय कारक क या या एवं समु चत नयम का उ लेख
होना चा हये:
(i) संरचना
(ii) लेखा तथा लेखा पर ण
(iii) पु तकालय कमचार
(iv) पु तकालय सेवा
(v) व त

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डॉ. रं गनाथन वारा पु तकालय अ ध नयम ा प क प रे खा उनक पु तक लाइ रे
डेवलपमे ट लान फॉर इं डया 1950 म का शत क गयी है। इसके व लेषण से हम
पु तकालय अ ध नयम ा प (Model) के अ तगत स म लत मह वपूण कारक को आसानी से
समझ सकते ह।
इसका तपादन न न ल खत है:
(i) ारं भक (Preliminaries)
अ ध नयम के इस भाग म वा त वक शीषक सं त शीषक उ त होता है। इसम
अ ध नयम के उ े य को प रभा षत कया जाता है।।
अ ध नयम म यु त व भ न श द क प रभाषा द जाती है।
उदाहरण- इस अ ध नयम को पु तकालय अ ध नयम, 19.......'' से जाना जायेगा'
इस अ ध नयम म जब तक क इसम कोई प रवतन न हो सरकार अथात रा य थ
जगत क सरकार।
(ii) रा य पु तकालय ा धकरण (Authority)
अ ध नयम के इस भाग म पु तकालय संगठन एवं सेवाओं से स बि धत नयम दये
जाते ह। इसम संचालन व ध, व भ न अ धका रय क पहचान इ या द का उ लेख रहता है।
इसके अलावा व भ न पु तकालय स म तय क संरचना, सं वधान सद यता, काय, अ धकार के
बारे म वणन रहता है।
उदाहरण-
(i) श ा मं ी
रा य थ जगत म रा य पु तकालय तं के संगठन एवं बढ़ावा दे ने के लये रा य
के श ा मं ी रा य पु तकालय ा धकार ह गे।
(ii) रा य पु तकालय ा धकार के कत य
रा य पु तकालय ा धकार का कत य है क वह रा य पु तकालय जगत म पया त
पु तकालय सेवा क यव था करे तथा इस काय म संल न सं थाओं के नय मत वकास क
दे खभाल कर एवं लोग को पया त पु तकालय सेवा हे तु थानीय पु तकालय ा धकरण वारा
रा य नी त का काया वयन भावकार ढं ग से सु नि चत कर।
(iii) रा य पु तकालय ा धकरण के काय
रा य पु तकालय ा धकरण के काय न न है।
(a) रा य के य पु तकालय त क थापना एवं रख रखाव एवं बंध, तथा
(b) रा य थजगत म उ चत (पया त) पु तकालय सेवा क यव था िजसके अंतगत
अ पताल एवं जेल पु तकालय सेवा सि म लत है।
(iv) पु तकालय त (Network) प त
इसके अ तगत रा य पु तकालय, िजला पु तकालय, नगर-पु तकालय, ामीण
पु तकालय इ या द क संरचना, संगठन, सेवा, व त से संबं धत नयम दये होते ह।
उदाहरण-

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(a) रा य सेवा पु तकालय
रा य पु तकालय ा धकरण पर रा य पु तकालय त के अंतगत व भ न थान पर
रा य सेवा पु तकालय क थापना, रख रखाव एवं ब ध करे गा।
(b) रा य शाखा सेवा पु तकालय
रा य पु तकालय ा धकरण अपने कसी भी भाषाई े के लए उ चत थान पर
रा य शाखा सेवा पु तकालय क थापना एवं ब ध करे गा।
(v) रा य के य पु तकालय प त
वशेष उ े य एवं आव यकताओं के लए व भ न पु तकालय जैसे क अंध के लए
पु तकालय , फ म पु तकालय इ या द।
उदाहरण-
रा य सेवा पु तकालय ने ह न के लए एक रा य पु तकालय क यव था करे गा जो
क उनके लए थो यादन रख रखाव एवं य थ का ब ध करे गी।
(vi) व त एवं लेखा
रा य वारा व त पोषण क व ध, कर संरचना एवं व त का संकलन, वपणन, एवं
उपयोग का उ लेख इसके अ तगत होनी चा हये ।
(vii) रा य पु तकालय सेवा कम संरचना
मू यपरक पु तकालय सेवा के लए व भ न यवसा यक क मय क आव यकता का
उ लेख होना चा हये।
(viii) नयम एवं प र नयम
पु तकालय उपयोग स ब धी अपराध क रोकथाम के लए नयम का उ लेख होना
चा हये िजससे क अ य उपयोगकताओं को परे शानी न हो। पु तकालय म स भा वत अपराध के
रोकथाम के लए द ड का ावधान होना चा हये।

6. प र श ठ-I- सावज नक पु तकालय अ ध नयम: एक आदश ा प

1. ारि भक
1.1. सं त शीषक
1.1 (क) इस अ ध नयम को पु तकालय अ ध नयम, 1 9…… से जाना जायेगा।
1.1 (ख) यह रा य के स पूण थ जगत म लागू होगा ।
1.1 (ग) यह रा य सरकार क नधा रत त थ घोषणा से लागू माना जायेगा।
1.2 प रभाषा
इस अ ध नयम म जब तक क इसम कोई प रवतन न हो।
1.2 (क) सरकार-अथात रा य थ जगत क सरकार
1.2 (ख) रा य के य पु तकालय-अथात उपभाग 1.2ग से 1.2ड़ म व णत रा य
त का कोई एक पु तकालय।
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1.2 (ग) रा य त ल या धकार पु तकालय -अथात पु तकालय जो क रा य के येक
काशक से ा त या भेजी गयी साम ी से न मत है।
1.2 (द) रा य न ेपगार पु तकालय -अथात पु तकालय जो क रा य के येक
पु तकालय एवं सेवा पु तकालय से छाँट गयी पा य साम ी क तय से न मत
हो।
1.2 (ध) रा य सेवा पु तकालय -अथात पु तकालय जो क अ येताओं को सेवा दान
करने हे तु नवीन पा य साम ी से न मत है। तथा उसक थापना, रख रखाव एवं
यव थापन रा य पु तकालय ा धकरण वारा कया जाता है।
1.2 (म) नगर-अथात जनसं या समू ह िजसम क लगभग 100,000 यि त हो या
ऐसी सं या जो क समय- समय पर सरकार वारा नधा रत क जाती हो। अथवा इस
अ ध नयम के लए सरकार वारा नधा रत जनसं या।
1.2 (प) क बा-अथात जनसमू ह िजसम लोग क सं या 5,000 से अ धक एवं
10,000 से कम हो।
1.2 (फ) गाँव-अथात जन समू ह िजसम 1,000 या इससे अ धक 5,000 से कम
जनसं या हो।
1.2 (भ) िजला-अथात राज व िजला उसम न हत शहर को छोड़कर।
1.2 (म) थानीय पु तकालय ा धकरण-अथात शहर पु तकालय ा धकरण अथवा
िजला पु तकालय ा धकरण।
1.2 (य) रा य पु तकालया य -अथात पु तकालया य जो क अ ध नयम का पालन
एवं ब ध के लए नयु त कया गया है।
1.2 (र) पु तकालय वभाग-अथात सरकार वभाग जो क इस अ ध नयम हे तु न मत
है।
1.2 (ब) सावज नक पु तकालय अथात-
1.2 (ब).1. था पत रा य सेवा पु तकालय या इस अ ध नयम के लए घो षत रा य
सेवा पु तकालय
1.2 (ब). 2. थानीय पु तकालय ा धकरण वारा था पत अथवा या बि धत कोई
पु तकालय िजसम चल पु तकालय एवं सेवा के सि म लत है।
1.2 (श) अ सावज नक पु तकालय- अथात कोई पु तकालय जो क लोग के लए
न:शु क है तथा सरकार या कसी थानीय सं था दारा संचा लत है।
1.2 (ब) अनुदान ा त पु तकालय- अथात। पु तकालय जो क नयमानुसार सरकार
से अनुदान ा त कर रहा है।
1.2 (स) रा य वा म व वाला पु तकालय - अथात पु तकालय जो क सरकार वभाग,
रा य स चवालय, उ च यायालय या कसी अ य यायालय या कसी अ य सरकार
सं था।

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1.2 (ह) शै णक पु तकालय- अथात पु तकालय जो क शोध सं थाय,
व व व यालय, कालेज या कू ल वारा संचा लत हो ।
1.2 ( ) यवसा यक पु तकालय- अथात पु तकालय जो क औ यो गक या वा ण य
त ठान दारा संचा लत हो।
1.2 ( ) व श ठ पु तकालय - अथात पु तकालय जो क अ येताओं को लेखन सेवा
दान करता हो तथा वशेष बल सू म लेख एवं व श ट अ येता पर दे ता हो।
1.2 (क) पा य साम ी अथात-
1.2 (क).1. कोई थ सू म लेख या एक भाग या भाग का अंक, कसी भी भाषा
म इ तहार जो क मु ण अथवा अ मु ण या दारा उ पा दत है जैसे-छायांकन।
1.2 (क).2. संगीत, मान च , चाट, योजना इ या द का कोई पृ ठ जो क अलग से
मु त या छायां कत हो।
1.2 (क).3. समाचार प , साम यक काशन या कोई अ य काशन।
1.2 (क).4. कोई अ य पा य साम ी जैसे ने ह न के लए य या य य
साम ी जो क उपयु त उप वभाग के समान सेवा दान करती हो।
1.2 (ख) सू म लेख अथात प का म कोई लेख या भाग, पु तक का कोई भाग या
पृ ठ।
1.2 (न) नधा रत अथात अ ध नयम के अ दर बने नयम के दारा नधा रत।
1.2 (घ) 'अ धसू चना' अथात ् अ धसूचना जो क सरकार के अ धका रक राजप म
का शत है। 1.2 (च) 'वष' अथात व त वष।

2. रा य पु तकालय ा धकरण
2.1. श ा म ी
रा य थ जगत म रा य पु तकालय त के संगठन एवं बढ़ावा दे ने के लए रा य
के श ा म ी रा य पु तकालय ा धकार ह गे।
2.1.1. रा य पु तकालय ा धकार के क त य
रा य पु तकालय ा धकार का कत य है क वह रा य पु तकालय जगत म पया त
पु तकालय सेवा क यव था कर तथा इस काय म संल न सं थाओं के नय मत वकास क
दे खभाल करे एवं लोग को पया त पु तकालय सेवा हे तु थानीय पु तकालय ा धकरण वारा
रा य नी त का काया वयन भावकार ढं ग से सु नि चत कर।
2.1.2. रा य पु तकालय ा धकरण के काय
रा य पु तकालय ा धकरण के काय न न है।
(i) रा य के य पु तकालय त क थापना एवं या रखरखाव एवं ब ध, तथा
(ii) रा य थजगत म उ चत (पया त) पु तकालय सेवा क यव था िजसके अ तगत
अ पताल एवं जेल पु तकालय सेवा सि म लत है।

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2.2. रा य के य पु तकालय त के अ तगत न न ल खत पु तकालय आते ह: -
रा य के य त
1. रा य त ल या धकार पु तकालय
2. रा य न ेपागार पु तकालय , एवं
3. रा य सेवा पु तकालय
2.3. रा य पु तकालया य
अपने कत य क पू त हे तु रा य पु तकालय ा धकरण एक पूणका लक रा य
पु तकालया य नयु त करे गा जो क पु तकालय यवसाय म पया त अनुभव तथा यो यता
वाला यि त होगा। ा धकरण उसक सेवा क शत नधा रत करे गा।
2.3.1. रा य पु तकालय ा धकरण नय ण के अ तगत, रा य पु तकालया य
2.3.1 (क) रा य के य पु तकालय का ब ध करे गा
2.3.1 (ख) वह ेस एवं थ पंजीकरण अ ध नयम, 1867 से स बि धत काय का
नर ण एवं नदशन करे गा एवं वह रा य त ल या धकार पु तकालय का रख रखाव
एवं ब ध करे गा।
2.3.1 (ग) रा य न ेपागार पु तकालय का रख रखाव एवं ब ध करे गा जो क
रा य के पु तकालय से छाँट गयी पा य साम ी से न मत होगा।
2.3.1 (घ) अ ध नयम के अ तगत थानीय पु तकालय ा धकरण के कत य से
स बि धत ा त अ धकार का या वयन, नर ण एवं नदशन करे गा।
2.3.1 (ड) येक तकनीक काय, वग करण, सू चीकरण का के करण करे गा एवं
सहमत शत के आधार पर रा य के सावज नक, शै णक, वभागीय पु तकालय म
पा य साम ी का चयन, सेवा एवं रख रखाव म सम वय करे गा।
2.4. रा य पु तकालय स म त
रा य पु तकालय ा धकरण के लए अ ध नयम म न हत वषय पर एक रा य
पु तकालय स म त होगी।
2.4.1. सद यता
रा य पु तकालय स म त म न न सद य होग-
(क) रा य श ा म ी (पदे न अ य )
(ख) रा य पु तकालया य (पदे न स चव)
(ग) श ा स चव
(घ) श ा नदे शक
(ङ) (ड़) रा य वधान सभा दारा चय नत दो यि त
(च) रा य वधान प रषद वारा चय नत एक यि त
(छ) रा य के व व व यालय के कायका रणी वारा चय नत यि त
(ज) शहर के दो पु तकालय ा धकरण से मश: चय नत एक यि त
(झ) तीन यि त जो रा य पु तकालय संघ के कायका रणी से नयु त ह गे।
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2.4.2. कायकाल
2.4.2(क) पदे न सद य को छोड़कर रा य पु तकालय स म त के येक सद य का
कायकाल तीन साल के लए होगा जो क अनुभाग 241 के अ तगत सद य के चु नाव या
नामांकन के बाद स म त क हु यी पहल बैठक के दन से माना जायेगा।
2.4.3 र त पद
2.4.5 सद य बने रहने म अनुपयु तता
2.4.6. अयो यता
2.5. पु तकालय वभाग
इस अ ध नयम के लए सावज नक पु तकालय वभाग था पत होगा िजसका अ य
रा य पु तकालया य होगा रख अ य अ धकार एवं कमचार सरकार के आदे शानुसार ह गे।
2.6. रा य पु तकालय सेवा।
2.6(अ) सावज नक पु तकालय वभाग, रा य के य पु तकालय तथा येक थानीय
पु तकालय ा धकरण म व भ न पद पर कमचा रय क नयुि त रा य पु तकालय
सेवा म संल न लोग म से क जायेगी।
2.6(ब) रा य पु तकालय सेवा म रा य पु तकालया य शहर एवं िजला के मु ख
पु तकालया य तथा अ य वग एवं पद के लोग ह गे। जो क सरकार दारा समय-
समय पर नधा रत क जायेगी। पु तकालय सेवा के स पूण सद य सरकार कमचार
ह गे तथा उनक नयुि त एवं सेवा शत भारतीय सं वधान के प र छे द 309 के
अनुसार नधा रत नयमानुसार ह गी।

3. थानीय पु तकालय ा धकरण


रा य म सावज नक पु तकालय के संगठन एवं शासन हे तु हर एक शहर एवं िजला
म थानीय पु तकालय ा धकरण का गठन होगा।
3.1 (ख) हर एक थानीय पु तकालय ा धकरण का नाम उस े का नाम होगा
िजसके लए ा धकरण ग ठत कया गया है तथा अ ध नयम के अ तगत उसे धन लेन,े रखने
तथा बेचने का अ धकार होगा। उसी नाम से कोई कानूनी कायवाई क जा सकती है।
3.2. नगर पु तकालय ा धकरण का गठन
येक नगर पु तकालय ा धकरण म न न ह गे: -
(क) नगर पा लका का अ य या नगर पा लका प रषद का अ य या कोई अ य
सावज नक सं था का अ य ा धकरण का पदे न अ य होगा।
(ख) सरकार वारा नामां कत नगर के कसी भी थम ेणी कालेज का धाना यापक।
ा धकरण का पदे न उपा य होगा।।
(ग) नगर का मु ख पु तकालया य शहर पु तकालय ा धकरण का पदे न स चव होगा
तथा इस ा धकरण क येक स म त का भी स चव होगा।
(घ) नगर म अनुदान ा त पु तकालय क संचालन स म त के सद य म से सरकार
वारा नामां कत एक यि त।
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(ङ) नगर म अनुदान ा त पु तकालय क संचालन स म त के सद य म से सरकार
वारा नामां कत एक यि त।
(च) नगर के हाई कू ल के हे डमा टर म से सरकार वारा नामां कत एक यि त।
(छ) रा य पु तकालय संघ के शहर शाखा कायका रणी य द है, से मनोनीत एक यि त।
(ज) जन संपक वभाग से सरकार वारा नामां कत एक अ धकार िजसका शहर पर कानूनी
अ धकार है।
(झ) नगर के स मा नत यि तय से सरकार वारा नामां कत दो यि त।
3.3. िजला पु तकालय ा धकरण का गठन ।
3.4. चु नाव के अभाव म सद य का नामांकन ।
3.5. कायकाल।
पदे न सद य के अलावा थानीय पु तकालय ा धकरण के अ य सद य का कायकाल
तीन वष के लए होगा।
3.6. र त पद
3.7. सद य बने रहने म अनुपयु तता
3.8. अयो यता
3. (अ) थानीय पु तकालय ा धकरण क बैठक
येक थानीय पु तकालय ा धकरण क कम से कम वष म दो बार बैठक होगी
िजसक तथ अ य वारा नधा रत क जायेगी।
3.(ब) थानीय पु तकालय ा धकरण के अ धकार एवं काय।
3.(द) सार सेवाय।
3.(त) थानीय पु तकालय ा धकरण के अ य एवं उपा य के अ धकार एवं
कत य।
उ.(फ) थानीय पु तकालय स म त नयुि त - येक थल य पु तकालय ा धकरण
न न स म त का गठन अपने सद य म से चु नाव वारा करे गा।
(i) कायका रणी स म त
(ii) व त स म त, एवं
(iii) थ चयन स म त
3.(ग) पु तकालय वकास योजना त

4. रा य के य पु तकालय त
4.(क) रा य सेवा पु तकालय।
4.(ख) रा य शाखा सेवा पु तकालय।
4.(ग) तवेदन।
4.(घ) त ल या धकार कत य एवं अ धकार।
5. तवेदन
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6. व त एवं लेखा
6.(अ) पु तकालय कर :- इस अ ध नयम के आर भ के दन से पु तकालय कर न न
ा प पर लखा जायेगा-
(i) जमीन एवं भवन पर कर।
(ii) थानीय े म आये उपभोग या बेचने वाल व तु पर कर।
(iii) वाहन कर, एवं
(iv) यवसाय यापार कर।
6.(ड) नगर एवं िजला पु तकालय न ध।
6.(च) रा य पु तकालय न ध।
7. नयम एवं प र नयम
8. व वध
8.3. सरकार का थानीय पु तकालय ा धकरण पर नयं ण।
8.4 सद य का हा न संबध
ं ी दा य व।

7. सारांश
इस इकाई म पु तकालय अ ध नयम ा प के व भ न आयाम क चचा क गई है
तथा पु तकालय अ ध नयम ा प क मु य वशेषताओं का वणन कया गया है। साथ ह
पु तकालय अ ध नयम ा प क परे खा भी तु त क गई है। इकाई के अ त म अ यासाथ
न एवं व तृत अ ययनाथ थ सू ची द गई है।

8. अ यासाथ न
1. पु तकालय अ ध नयम के आव यक त व पर काश डा लये।
2. भारत म सावज नक पु तकालय क ि थत क यव था करते हु ये पु तकालय
अ ध नयम क भू मका का वणन क िजये।
3. पु तकालय अ ध नयम ा प क वशेषताओं का वणन क िजये?
4. पु तकालय अ ध नयम ा प म सि म लत कये जाने वाले त य पर काश डा लये?

9. व तृत अ ययनाथ थसू ची


1. रं गनाथन, एस. आर., संघीय थालय अ ध नयम: एक आदश ा प थालय व ान,
भाग 13, अंक 1-2, जू न- दस बर 1902, 3-10.
2. साद, एच. एन., भारत म सावज नक थालय अ ध नयम: एक तु लना मक अ ययन,
थालय व ान. भाग 13 अंक - 1-2, जू न दस बर 1902, 77-85.
3. गोपीनाथ, एम. ए, भारत वष म थालय अ ध नयम का इ तहास. थालय व ान,
भाग 13, अंक 1-2, जू न दस बर, 1982, 44-64.
4. रावत, आर. के. भारत म थालय अ ध नयम (अं ेजी म), नयी द ल, रलायंस
पि ल शंग हाऊस., 1986,376 पृ ठ।
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भारत के रा य म पु तकालय अ ध नयम :
ाय (Library Legislation in Indian States-
Their Salient Features)
उ े य
इस इकाई के न न ल खत उ े य है -
1. भारत के रा य म लागू पु तकालय अ ध नयम क वशेषताओं से अवगत होना,
2. पु तकालय अ ध नयम के प र े य म रा य क पु तकालय प त, संरचना, व त,
उपल ध संसाधन एवं पु तकालय सेवाओं क ि थ त से प र चत होना, तथा
3. व भ न रा य के पु तकालय अ ध नयम न हताथ के अ तर से अवगत होना।

संरचना
1. वषय वेश
2. पु तकालय अ ध नयम व भ न रा य म
3. सारांश
4. अ यासाथ न
5. व तृत अ ययनाथ

1. वषय वेश
पु तकालय म सं ह त साम ी क सु र ा, वकास तथा उसके उपयोग को एवं इस
सं था और इनक सेवाओं को था य व दान करने के लए एक वैधा नक पृ ठभू म क
आव यकता होती है और उसके लए जो अ ध नयम बनाया जाता है उसे पु तकालय अ ध नयम
कहते है।
भारत म सावज नक पु तकालय एवं पु तकालय अ ध नयम क ि थ त अ य दे श से
कु छ अथ म भ न है। सावज नक पु तकालय सं वधान क 7वी सू ची म पु तकालय रा य का
वषय है। अत: पु तकालय अ ध नयम भी रा य सरकार दारा पा रत करने के प चात अपने
अपने रा य म लागू कया जाता है।
डॉ. रं गनाथन ने भारत म पु तकालय अ ध नयम क आव यकता पर अ य धक बल
दया। उनके अथक यास के फल व प भारत म पु तकालय अ ध नयम सन ् 1948 म म ास
रा य म लागू हु आ िजसे म ास सावज नक पु तकालय अ ध नयम के नाम से जाना जाता है।
दूसरा पु तकालय अ ध नयम हैदराबाद रा य म सन ् 1905 म पा रत हु आ िजसे हैदराबाद
सावज नक पु तकालय अ ध नयम नाम से जाना जाता है। ले कन रा य पुनगठन आयोग 1956
क सं तु तय के प चात हैदराबाद रा य के व भ न िजल को आ दे श, महारा एवं
त मलनाडु म सि म लत कर लया गया िजसके फल व प रा य का अि त व समा त हो गया।

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इसके प चात सन ् 1960 म आ दे श रा य म सावज नक पु तकालय अ ध नयम लागू
हु आ। डॉ. रं गनाथन के यास के फल व प कनाटक एवं महारा म मश: सन ् 1965 एवं
1967 म सावज नक पु तकालय अ ध नयम लागू हु आ। वतमान समय म भारत म मश: -
त मलनाडु , आ दे श, कनाटक, महारा , पि चम बंगाल, केरल, ह रयाणा, म णपुर , मजोरम,
गोवा एवं गुजरात म पु तकालय अ ध नयम लागू है।

3. पु तकालय अ ध नयम व भ न रा य म
भारत के 11 रा य म सावज नक पु तकालय अ ध नयम पा रत हो चु के है तथा
याशील है। उन रा य का ववरण न न है : -
(i) त मलनाडू (सन ् 1948 म)
(ii) आ दे श (सन ् 1960 म)
(iii) कनाटक (सन ् 1965 म)
(iv) महारा (सन ् 1967 म)
(v) पि चम बंगाल (सन ् 1979 म)
(vi) केरल (सन ् 1987 म)
(vii) ह रयाणा (सन ् 1987 म)
(viii) म णपुर (सन ् 1988 म)
(ix) मजोरम (सन ् 1993 म)
(x) गोवा (सन ् 1993 म)
(xi) गुजरात (सन ् 2001 म)
3.1. त मलनाडु सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 1948
इस अ ध नयम क कु छ वशेषताय न न ल खत ह-
1. इस अ ध नयम के ारि भक अंश, िजसम क इस अ ध नयम का उ े य उ लेख है।
पु तकालय अ ध नयम के कु छ आव यक श द को छोड़ दया गया है। वे श द है
'' वकास एवं रख-रखाव''
2. अ ध नयम म रा य पु तकालय. ा धकरण का ावधान नह ं है। बि क केवल रा य
पु तकालय परामश स म त का ावधान है, िजसम 17 सद य है।
3. स ा त इस अ ध नयम म अलग से सावज नक पु तकालय नदे शक का ावधान है
ले कन यवहा रक प म ऐसी बात नह ं है।
4. अ ध नयम म सावज नक पु तकालय वभाग का ावधान नह ं है एवं रा य के य
पु तकालय का भी नह ं है।
5. अ ध नयम म इस बात का उ लेख नह ं है क कौन थानीय पु तकालय ा धकरण का
स चव होगा य य प िजला श ा अ धकार पदे न स चव के प म कायरत है।
6. अ ध नयम म थानीय पु तकालय ा धकरण के अ धकार बहु त सी मत ह वह,
व भ न शु क क माँग नह ं कर सकता।
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7. येक थानीय पु तकालय ा धकरण पु तकालय न ध था पत करे गा िजसके वारा
इस अ ध नयम के अ तगत व भ न खच वहन ह गे।
8. मु ण एवं थ पंजीकरण अ ध नयम 1967 म संशोधन के प चात येक रा य
काशक क िज मेदार है क वह येक थ क पाँच तयाँ जमा कर।
3.2. आ दे श सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 1960 (संशो धत)
1. इस अ ध नयम म रा य के य पु तकालय का ावधान है।
2. म ास पु तकालय अ ध नयम के वपर त इसम रा य पु तकालय ा धकरण के पर
रा य पु तकालय स म त का ावधान है।
3. संशोधन अ ध नयम 1969 के प चात रा य के य स म त सद य का काल 3 से 5
वष कर दया गया है।
4. इस अ ध नयम म त मलनाडु अ ध नयम से कुछ भ नता है जैसे इसम अलग ने
सावज नक पु तकालय अ ध नयम का ावधान है। इसके अलावा सावज नक पु तकालय
का नदे शक अलग होगा।
5. अ ध नयम के अनुसार नगर के य पु तकालय के पु तकालया य मश: अपने
थानीय पु तकालय ा धकरण के स चव ह गे।
6. िजला पु तकालय सं था के सद य का कायकाल संशोधन प चात 3 साल से 5 साल
कर दया गया है।
7. इस अ ध नयम म रा य पु तकालय स म त क संरचना एवं अ धकार का उ लेख नह ं
है।
3.3. कनाटक पु तकालय अ ध नयम, 1965
1. अ ध नयम म एक अलग सावज नक पु तकालय वभाग का ावधान है। इस
पु तकालय का नदे शक रा य थालयी होगा।
2. रा य थालयी के पास आव यक यवसा यक यो यता होनी चा हये इसका मु य प
से अ ध नयम म ावधान है।
3. नगर पु तकालय ा धकरण क संरचना म सद य का चयन अ धकतर सरकार दारा
नामांकन से होता है।
4. िजला पु तकालय ा धकरण म भी नामां कत सद य क सं या यादा है।
5. थानीय पु तकालय ा धकरण कायकार एवं व त स म त क नयुि त कर सकती है।
6. पु तकालय कर, स पि त कर एवं मकान कर के अलावा ोत से भी वसू ला जाता है।
अत: पु तकालय सेवा के लए आव यक धन एक त हो जाता है।
7. रा य पु तकालय न ध का ावधान है।
8. नयम के अंतगत कमचा रय क यो यता स ब धी माप द ड का उ लेख नह ं है।
3.4. महारा सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 1967
1. अ ध नयम म रा य पु तकालय प रषद का ावधान है िजसका काय मु यत: परामश
दे ना है। इसके अलावा रा य पु तकालय ा धकरण का उ लेख नह ं है।
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2. पु तकालय न ध म सरकार से धन ा त होता है।
3. अ ध नयम के अ तगत यो य कमचा रय क नयुि त का ावधान है।
4. अ ध नयम के अ तगत कोई रा य के य पु तकालय का ावधान नह ं ह
5. इस अ ध नयम म कर का ावधान नह ं है।
3.5. पि चम बंगाल सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 1979
1. इस अ ध नयम म रा य पु तकालय ा धकरण का ावधान नह ं है। बि क केवल
रा य पु तकालय प रषद क थापना आव यक संरचना के साथ है। इसका काय
सरकार को परामश दे ना है।
2. सरकार दारा पु तकालय नदे शक क नयुि त का उ लेख है। नदे शक के काय का
उ लेख कया गया है।
3. रा य पु तकालय वभाग का ावधान नह ं है। बि क इसके समक पु तकालय
नदे शालय का उ लेख है।
4. िजला पु तकालय ा धकरण का उ लेख है। िजला पु तकालय ा धकरण का अ य
िजला अ धकार है।
5. िजला पु तकालय अ धकार का ावधान है।
6. अ ध नयम म पु तकालय कर का ावधान नह ं है।
7. येक थानीय पु तकालय ा धकरण एक पु तकालय न ध था पत करे गा।
8. पु तकालय क थापना एवं संचालन के लए रा य सरकार अनुदान दे गी।
9. अ ध नयम के अंतगत कस कार के पु तकालय था पत कये जायगे। इसका कोई
उ लेख नह ं है।
3.6. केरल सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 1987
1. अ ध नयम के अ तगत एक अलग सावज नक पु तकालय वभाग का ावधान नह ं है।
2. अ ध नयम म रा य पु तकालय काउि सल का ावधान है िजसका मु य काय परामश
दे ना है।
3. रा य पु तकालय काउि सल पु तकालय कर लगा सकती है।
3.7. ह रयाणा सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 1987
1. अ ध नयम के अंतगत एक अलग पु तकालय नदे शालय का ावधान है।
2. रा य पु तकालय ा धकरण का ावधान है।
3. पु तकालय के भार मं ी रा य पु तकालय स म त का अ य होता है।
4. थानीय पु तकालय ा धकरण का ावधान नह ं है केवल िजला पु तकालय स म त,
शहर पु तकालय स म त, पंचायत पु तकालय स म त का उ लेख है।
5. थानीय पु तकालय ा धकरण के सद य के बारे म कोई नणय नह ं है।!
6. पु तकालय कर, स पि त एवं गृह कर के उपर सरचाज के प म सं हत करने का
ावधान है।

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3.8. म णपुर सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 1988
1. अ ध नयम म एक अलग पु तकालय नदे शालय का ावधान है।
2. सावज नक पु तकालय वभाग के लए नदे शक नयु त करने का ावधान।
3. भार मं ी रा य पु तकालय स म त के अ य होगे।
4. िजला पु तकालय ा धकरण का ावधान है। सद य क सं या 6 नधा रत है। इसका
काय काल 3 वष है।
5. पु तकालय कर का ावधान नह ं है।
6. येक िजला पु तकालय ा धकरण को पु तकालय न ध बनाने का है।
3.9. मजोरम सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 1993
1. सावज नक पु तकालय वभाग बनाने का ावधान है।
2. रा य पु तकालय प रषद बनाने का ावधान है। इसके 18 सद य होग।
3. रा य श ा मं ी इस प रषद का अ य होगा।
4. थानीय पु तकालय ा धकरण का ावधान नह ं है।
5. पु तकालय कर का ावधान नह ं है।
3.10. गोवा सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 1993
1. अ ध नयम म रा य पु तकालय वभाग के थान पर रा य पु तकालय सेल का
ावधान है।
2. रा य पु तकालय प रषद का ावधान है।
3. मं ी भार प रषद का अ य है।
4. थानीय पु तकालय ा धकरण क जगह थानीय पु तकालय स म त म ावधान है।
जो िजला, तालू क एवं गाँव तर पर होगी।
5. थानीय पु तकालय स म त के कायकाल का उ लेख नह ं है।
6. पु तकालय कर का ावधान है जो क 0.50 त लटर म य पर सरचाज के प
म वसू ला जायेगा।
7. सरकार पु तकालय न ध बनायेगी िजसम रा य श ा बजट का 1 तशत जमा कया
जायेगा।
3.11. गुजरात सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 2001
यह अ ध नयम वष 2001 के अ त म पा रत हु आ है िजसक सूचना अब प
प काओं म का शत होगी। इस लये इसक चचा नह ं क गई है।

3. सारांश
इस इकाई म भारत वष के यारह रा य (त मलनाडु , आं दे श, कनाटक, महारा ,
पि चम बंगाल, केरल, ह रयाणा, म णपुर , मजोरम, गोवा एवं गुजरात) के सावज नक
पु तकालय अ ध नयम के मु ख वशेषताओं क ववेचना क गयी। येक क अ छाई एवं
क मय को इं गत कया गया है।
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4. अ यासाथ न
1. भारत म बताइये। कन कन रा य म सावज नक पु तकालय अ ध नयम पा रत हु आ,
इनक मु ख वशेषताय
2. सावज नक पु तकालय अ ध नयम ल खए पर एक लेख ।

5. व तृत अ ययनाथ थसू ची


1. Mittal, R.L., Public Library , An International Survey, New Delhi,
Metropolitan, 1978
2. Rout, R.K., Library Legislation in India, New Delhi, Relaence
Publishing house, 1986

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