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5.12 मु ख श द
5.13 व तृत अ ययनाथ
5.14 थसूची
5.0 उ े य (Objective)
इस इकाई के न न उ े य है :
1. पु तकालय अ ध नयम क प रभाषा, इ तहास, उ े य, वशेषताएँ, कारण आ द क जानकार दान
करना।
2. आदश सावज नक पु तकालय अ ध नयम के मु ख त व क जानकार दे ना।
3. भारत म सावज नक पु तकालय अ ध नयम के वकास का प रचय, भारत के प ह रा य म
पा रत पु तकालय अ ध नयम क मु ख वशेषताओं से अवगत करवाना।
4. राज थान सावज नक पु तकालय अ ध नयम क व तार से जानकार दे ना।
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5.2 पु तकालय अ ध नयम का अथ एवं प रभाषा (Meaning and
Definition of Library Act)
व ध नमाण कानून बनाने क एक या है । पु तकालय व ध नमाण का अथ है सावज नक
पु तकालय के संचालन के लये अ ध नयम बनाना कसी भी सं था को यवि थत एवं सु चा प
से चलाने के लए नयम क आव यकता होती है । इसी कार सावज नक पु तकालय को भी सु यि थत
तथा सु चा प से चलाने के लये पु तकालय अ ध नयम क परम आव यकता है । पु तकालय
अ ध नयम का आशय रा य, ा तीय अथवा थानीय वशासन तर पर स म स ता वारा बनाये
गये ऐसे कानूनी मा यता ा त नयम– व नयम से है, िजसका उ े य अधीन थ पु तकालय म सं ह त
साम ी का उपयोग तथा उसक सुर ा करना, पु तकालय का वकास करना तथा सेवाओं क नर तरता
बनाये रखना है । पु तकालय अ ध नयम सावज नक पु तकालय क संरचना, थापना अ धशासन
रख–रखाव, का मक यव थापन, व त यव थापन, नयम के नमाण एवं संशोधन इ या द से स ब ध
रखता है ।
पु तकालय अ त नयम का आशय रा य , रा य तर अथवा थानीय तर पर संघीय स ता
वारा बनाये गये ऐसे कानूनी मा यता ा त नयम– व नयम से है, िजसका उ े य पु तकालय म
सं ह त पा यसाम ी का उपयोग एवं उसक सु र ा कर पु तकालय का वकास करना एवं सेवाओं क
नर तरता बनाये रखना है ।
एस.दास गु ता के श द म पु तकालय अ ध नयम पु तकालय क संरचना नधा रत कर
आदश ढाँचे के अ तगत उनका वकास नि चत कर दे ता है । यह भी नि चत करता है क पु तकालय
स ता का गठन इस कार कया जाये क व ध को भावशाल करने के लये उ तरदायी हो साथ ह
वधान म डल एवं जन त न धय के त भी उ तरदायी हो । अ ध नयम थायी एवं मक प से
व तीय सहायता क भी िज मेदार सु नि चत कर दे ता है । अ ध नयम संरचना, यव थापन एवं व त
पी तीन ब दु इतने मह वपूण ह क उनक पू त हे तु सु ढ़ वै ा नक आधार होना नता त आव यक
है ।
डॉ. पा डेय के अनुसार , ' 'पु तकालय अ ध नयम ऐसा अ ध नयम है िजसे के या रा य
सरकार अपने े म पु तकालय सेवा चलाने के लये पा रत एवं लागू करती है । ''
न कषत: यह कहा जा सकता है क जनसामा य पाठक क ान– पपासा क स तु ि ट करने
म सावज नक पु तकालय एवं सूचना से वा क महती भू मका होती है एवं केवल सावज नक पु तकालय
अ ध नयम वारा ह सावज नक पु तकालय णाल को भावी ढं ग से था पत कया जा सकता है।
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अ ध नयम वारा पु तकालय सेवा के लये आव यक संरचना , यव थापन तथा व त तीन त व
सु र त रहते ह पु तकालय अ ध नयम क आव यकता के मु ख आधार न नां कत ह–
(1) पु तकालय सेवा के लये व तीय ावधान : पु तकालय क थापना तथा संचालन का आधा खच
रा य सरकार को वहन करना चा हए एवं शेष आधा यय थानीय सं थाओं वारा जनता पर पु तकालय
अ धभार(Library Cess) लगाकर ा त करना चा हए । पु तकालय अ ध नयम म यह प ट कर
दया जाता है क रा य सरकार पु तकालय से वा के संचालनाथ कस प रणाम म व तीय अनुदान दान
करे गा । इस कार आय का एक भावी ोत सु नि चत कर दया जाता है । जनता वारा उपकर
दे ने पर दय म वा म व क भावना पैदा होती है । फल व प उनम पु तकालय के त च जागृत
होगी ।
(2) पु तकालय से वा नःशु क होनी चा हए : वतमान जाताि क युग म पु तकालय सेवा बना कसी
भेदभाव के सबको नःशु क प से मलनी चा हए । व तीय सं थाओं क कमी के कारण पाठक क
आव यकताओं क पू त म अवरोध पड़ सकता है ।
(3) शासन म कुशलता : अ ध नयम वारा पु तकालय सेवा क येक इकाई के लये शासी इकाई
नयत कर द जाती है । प रणाम व प येक इकाई के संचालन तथा नयं ण का काय शासी इकाई
के अधीन होता है । शास नक काय सु संग ठत प से स प न होने के कारण शासन म कुशलता
बनी रहती है ।
(4) शासन तथा जनता वारा नयं ण : अ ध नयम वारा सं था पत पु तकालय के त अ धक पाठक
आक षत होते है । ऐसे पु तकालय वारा द जाने वाल सेवा पर शासन का नयं ण रहता है ।
प रणाम व प पु तकालय सेवा का संचालन सुचा प से होता रहता है ।
(5) अ ध नयम के वारा नयोजन कुशलतापूवक होता है : पु तकालय अ ध नयम के अ तगत
थानीय, राजक य तथा के य अ धका रय का व तीय उ तरदा य व प ट कर दया जाता है । क तु
यह आव यक है क वीकृ त धनरा श से काम चल जाये । अतएव पु तकालय क आव यकताओं और
क मय को यान म रखते हुए पु तकालय– नयोजन आव यक है, ता क आ थक साधन क चु रता
बनी रहे और पु तकालय का समु चत वकास होता रहे ।
(6) अ ध नयम के वारा पु तकालय सेवा क नर तरता और सु नि चतता : पु तकालय अ ध नयम
के भावशाल होने पर शासन अथवा शासी इकाई के संवध
ै ा नक ढाँचे म प रवतन आ जाने पर भी
य द उसे आ थक अनुदान मलता रहे तो पु तकालय सेवा सु नि चत बनी रहती है । य द अ ध नयम
न हो तो शासी इकाई म होने वाले प रवतन का कु भाव पु तकालय पर पड़ सकता है।
(7) पु तकालय अ ध नयम वारा पु तकालय तं (Library System) क थापना : पु तकालय
तं क थापना के फल व प स पूण दे श म सावज नक पु तकालय का जाल बछ जाता है । शीष
पर रा य, के य पु तकालय, िजल म िजला पु तकालय, पंचायत म पंचायत पु तकालय होने के
कारण थ चयन, थ अवाि त, तकनीक काय आ द म सहयोग एवं शास नक काय म सु वधा
होती है तथा पु तकालय सेवा म एक पता के कारण मानक पु तकालय सेवा मलना संभव होता है।
इस कार यह कहा जा सकता है क आ थक आव यकताओं क पू त हे तु सावज नक
पु तकालय अ ध नयम का होना अ त आव यक है । चू ं क श ा का मह वपूण वषय रा य सरकार
के े म होने के कारण के य सरकार वारा नःशु क पु तकालय सेवा के मह व के कारण आदश
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पु तकालय अ ध नयम का ा प सभी रा य सरकार को 1963 म े षत कर उ ह अपने–अपने रा य
को त काल सावज नक पु तकालय अ ध नयम पा रत करने का य न करने को कहा गया था ।
5.4 उ े य (Objectives)
सावज नक पु तकालय वारा बना कसी भेदभाव जा त, लंग, आयु आ द के सभी को
नःशु क सेवा दान कये जाने हेतु पु तकालय अ ध नयम पा रत होना आव यक है । इसके अ त र त
इसके अ य उ े य न नां कत हो सकते है
1. व वसनीय सूचना तथा व थ मनोरंजक साम ी का सं ह करने का ावधान ।
2. पु तकालय साम ी के अ धकतम उपयोग हेतु समु चत यव था का ावधान ।
3. अपाठक को पाठक तथा पाठक को सकारा मक पाठक बनने के लये े रत करना ।
4. न:शु क अबाध पु तकालय सेवा दान करने के लये अपे त आय ोत क नर तरता बनाये
रखने के लये उपयु त व त क यव था करना।
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2. शासन – उ च तर य स ता वारा नधा रत नी त तथा नणय के पालन क ि ट से व ध के
अ तगत उपयु त शासी तं तथा सेवा के होना आव यक है।
3. व त – समु चत व तीय यव था के बना पु तकालय सेवा को ग तशील नह ं रखा जा सकता
है। न ववाद प से यह अ य त मह वपूण कारण है।
4. दा य व – पु तकालय व ध म यह प ट प से अं कत होना चा हए क पु तकालय स ता के
या दा य व है। उससे यह प ट कर दे ना चा हए क पु तकालय सेवा न:शु क प से दान
क जाएगी तथा पु तकालय स ता को पु तकालय सेवाओं के स ब ध म रा अथवा रा य के
पु तकालय संघ अथवा भारतीय मानक सं थान जैसी सं थाओं वारा नधा रत मानक का
अनुसरण करना होगा ।
(ख) वांछनीय कारक
न न ल खत कारक को अ नवाय तो नह ं माना जा सकता, क तु वे वांछनीय आव यक ह।
वे कारक इस कार ह :
1. संरचना
2. लेख तथा सेवा पर ण
3. पु तकालय कमचार
4. पु तकालय संघ क थापना
5. पु तकालय स ता के व ध नमाण स ब धी अ धकार।
अ ध नयम यवि थत संरचना क नींव डालता है तथा आदश ढाँचे के अ तगत वकार
सु नि चत कर दे ता ह। इसके वारा राजनी त तथा शासक क पूवा ह वृि त एवं वे छाचा रता
पर रोक लग जाती है।
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6. येक थानीय ा धकरण को पु तकालय कमचा रय क नयुि त नयमानुसार करने का अ धकार
होना चा हए ।
7. सावज नक पु तकालय क सभी सेवाएँ नाग रक को नःशु क होनी चा हए ।
8. सभी सावज नक पु तकालय म नबाध वेश णाल होनी चा हए।
9. पु तकालय कमचार सामा य श ा के साथ यावसा यक श त होने चा हए।
10. पु तकालय कमचा रय को पया त वेतन मलना चा हए।
11. पु तकालय तं म व भ न पद पर कायरत कमचा रय के वेतन उनके उ तरदा य व,
व श ट करण तथा अनुभव के आधार पर होने चा हए । पदो न त तथा यि तगत ग त के लए
अवसर होने चा हए ।
12. पया त तथा संतोषजनक सेवाएँ दान करने के लये पु तकालय ा धकरण को पया त मा ा म
कमचार नयु त करने चा हए ।
13. पु तकालय व ान श ण सं थाएँ होनी चा हए ।
14. एक सु यवि थत पु तकालय संगठन का अि त व अ नवाय है ।
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5.8 भारत म पु तकालय अ ध नयम का इ तहास (History of
Library Legislation)
भारत म पु तकालय अ ध नयम सव थम 1867 म स
े ए ड रिज े शन ऑफ बु स ए ट
के नाम से पा रत कया गया । इस अ ध नयम क धाराओं के अ तगत दे श के सभी काशक को
अपनी का शत थ क नशु क त शासन को भेजना अ नवाय था । अं ेजी काल म लागू इस
अ ध नयम का एक मु य उ े य भारत म का शत ऐसे सा ह य पर ि ट रखना था जो क टश
शासन के खलाफ हो । यह आव यकतानुसार संशो धत प म आज भी दे श के कई रा य म लागू
है । इसके अ तगत रा य के काशक को रा य म का शत थ क त नःशु क रा य सरकार
को भेजनी पड़ती है । िजसे रा य के के य पु तकालय म रखा जाता है ।
पु तकालय अ ध नयम क खृं ला म दूसरा अ ध नयम 1902 म इ पी रयल लाइ ेर ए ट
के नाम से पा रत कया गया है । भारत क वतं ता के बाद इसे पुन: इ पी रयल लाइ रे (चज ऑफ
नेम) ए ट 1948 के नाम से पा रत कया गया िजसके अ तगत सभी शासक को अपने काशन
क नःशु क तयाँ दे श के चार पु तकालय , रा य पु तकालय, कलक ता, म ास के को नेमरा
सावज नक पु तकालय एवं ब बई क ए शया टक सोसाइट लाइ ेर को भेजना ता वत था । 1982
म द ल क द ल पि लक लाइ रे को भी इसम सि म लत कया गया ।
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5. 1979 पि चमबंगाल पि चम बंगाल सावज नक पु तकालय अ ध नयम नह ं
6. 1988 म णपुर म णपुर सावज नक पु तकालय अ ध नयम नह ं
7. 1989 केरल केरल सावज नक पु तकालय अ ध नयम हाँ
8. 1993 ह रयाणा ह रयाणा सावज नक पु तकालय अ ध नयम हाँ
9. 1994 मजोरम मजोरम सावज नक पु तकालय अ ध नयम नह ं
10. 2002 गोवा गोवा सावज नक पु तकालय अ ध नयम हाँ
11 2002 गुजरात गुजरात सावज नक पु तकालय अ ध नयम नह ं
12 2002 उड़ीसा उड़ीसा सावज नक पु तकालय अ ध नयम नह ं
13 2005 उ तराख ड उ तराख ड सावज नक पु तकालय अ ध नयम नह ं
14 2006 राज थान राज थान सावज नक पु तकालय अ ध नयम नह ं
15. 2006 उ तर दे श उ तर दे श सावज नक पु तकालय अ ध नयम नह ं
इनम से मु ख अ ध नयम के मु य ल ण का वणन कया जा रहा है:
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7. दे श म का शत होने वाल येक पु तक क पाँच तयाँ रा य सरकार को दे ने का ावधान
कया गया, िजनम से चार रा य के य पु तकालय म रखी जायगी ।
8. इस बात क घोषणा क गई क ट आ द वारा संचा लत पु तकालय सहकार अनुदान के पा
है ।
इस अ ध नयम क आलोचना न न ल खत मु य ब दुओं पर क जाती है:
1. रा य तर पर रा य पु तकालय ा धकरण के ावधान का अभाव,
2. वतं पु तकालय– नदे शालय का अभाव तथा पु तकालय– नदे शक का सावज नक श ा के
नदे शक, अनुदेश के नदे शक (Director of Public Instructions) के अधीन काय करना,
3. थानीय पु तकालय ा धकरण म आम लोग क कम सं या ,
4. अथ– ोत के लये पु तकालय अ धकर को मु य ोत मानना,
5. जमानत रा श का ावधान
6. म ास शहर के थानीय पु तकालय ा धकरण को सरकार अनुदान के अंशदान से वं चत करना
7. काशक से नःशु क पाँच तय क माँग करना ।
वतमान ि थ त
त मलनाडु म 1972 से सावज नक पु तकालय के संचालक का पद था पत कया गया ह।
म ास म ि थत कोनेमेरा सावज नक पु तकालय को रा य के य पु तकालय का दजा दान कर
इस Delivery of Books Act, 1954 (Amended 1956) के अ तगत दे श म का शत येक
थ क एक त नःशु क ाि त का अ धकार दान कया गया है । म ास शहर व कुछ िजल म
थानीय पु तकालय ा धकरण का गठन कर उ ह 5 पैसे त पये क दर पर स पि त अथवा गृहकर
पर पु तकालय उपकर लगाने का अ धकार दया गया है । वतमान म 1 रा य के य पु तकालय,
17 िजला पु तकालय, 1571 शाखा पु तकालय और गाँव म 2600 थ दाय के वारा
पु तकालय सु वधाएं दान क जा रह ह ।
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को एक वतं वभाग का दजा दया गया है तथा वह का पु तकालय– नदे शक वहाँ के श ा स चव
के अधीन है ।
3. रा य पु तकालय स म त (State Library Committee) का ावधान । सावज नक पु तकालय
का भावी मं ी इस स म त का अ य होता है तथा पु तकालय– नदे शक इसका स चव होता है।
यह रा य सरकार को पु तकालय से स बि धत सुझाव दे ती है ।
4. येक िजले के लए िजला पु तकालय सं था (District Library Committee) का ावधान।
िजला पु तकालय का पु तकालयी इसका स चव होता है । िजला पु त कालय सं था अपने िजले
म पु तकालय सेवा को चलाने के लए 4 पैसे त पये क दर से पु तकालय अ धकर लगाती
है तथा अपने े के सावज नक पु तकालय पर नयं ण रखती है ।
5. पु तकालय अ धकर लगाने का ावधान तथा इस बात का ावधान क पु तकालय अ धकर से
उगाह गयी रा श के कम से कम बराबर क रा श रा य सरकार पु तकालय कोष म त वष जमा
करे गी ।
6. ेस ए ड रिज े शन ऑफ बु स ए ट , 1867 के संशो धत ावधान के अ तगत रा य के य
पु तकालय म रा य के काशक वारा अपने काशन क नःशु क तयाँ भेजना ।
वतमान ि थ त
आ दे श म रा य के य पु तकालय रा य क राजधानी हैदराबाद म शीष पु तकालय
के प म कायरत है । इसके अ त र त े ीय पु तकालय, एक चल पु तकालय, 23 िजला पु तकालय,
796 शाखा पु तकालय, 1930 पंचायत पु तकालय , 67 पु तकालय सहकार स म त वारा तथा 730
पु तकालय नजी सं थाओं वारा संचा लत ह । इनके अ त र त 610 थ दाय के भी कायरत
है ।
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अ य तर पर भी पु तकालय ा धकरण का ावधान; यथा नगर पु तकालय ा धकरण (एक
लाख क आबाद से अ धक आबाद वाले शहर के लए) तथा िजला पु तकालय ा धकरण
( येक िजले के लए) ।
रा य के राज व के कसी भी मद पर पु तकालय अ धकर लगाने का ावधान । यह अ धकर
शहर स पि त कर, वाहन कर आ द लगाया जाता है । िजला पु तकालय ा धकरण को रा य
सरकार वारा वा षक अनुदान मलता है ।
पु तकालय कोष म सरकार वारा कम से कम उतना धन दे ने का ावधान िजतना पु तकालय
अ धकर के प म इक ा कया गया है ।
ने ह न के लए वशेष पु तकालय सेवा चलाने का प ट ावधान ।
ेस ए ड रिज े शन ऑफ बु स ए ट, 1867 के ावधान को संशो धत प म लागू करना।
यह अ ध नयम त मलनाडू एवं आ दे श सावज नक पु तकालय अ ध नयम क तु लना म
है य क यह रं गनाथन के मॉडल पि लक लाइ रे ज ए ट पर आधा रत है । इसम पु तकालयी
क अ य ता म रा य तर य पु तकालय ा धकरण का ावधान है एवं यह ा धकरण का
व तृत अ धकार एवं शि तयाँ दान क गई ह ।
वतमान ि थ त
कनाटक रा य म एक रा य के य पु तकालय, 10 नगर के य पु तकालय , 13 िजला
पु तकालय , 320 शाखा पु तकालय, 2110 ाम पु तकालय, 209 अनुदान ा त पु तकालय काम
रहे है । राजधानी बगलोर ि थत रा य के य पु तकालय को नगर पु तकालय एवं िजला पुरतकालय
का नर ण एवं नयं ण करने का अ धकार ा त है ।
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इस कार इस अ ध नयम म एक मह वपूण प रवतन यह आया क इसम पु तकालय अ धकर
लगाने का ावधान नह ं रखा गया । वाय तशासी सं थान वारा संचा लत सावज नक पु तकालय
को अनुदान का भी ावधान है ।
वतमान ि थ त
वतमान म महारा म 5 ा तीय, 34 िजला पु तकालय, 275 तालु क पु तकालय, तथा 2460
अ य पु तकालय कायरत ह । सावज नक पु तकालय के नदे शक वारा रा य म का शत सभी थ
क रा य थ–सूची का शत क जाती है । नदे शक वारा रा य के सावज नक पु तकालय हेतु दुलभ
थ , प काओं, ह त ल खत थ आ द क भी अवाि त क जाती है । कायरत कमचा रय हे तु
पु तकालय श ण एवं पु चया काय म का भी आयोजन कया जाता ह ।
बोध न – 1
अपना उ तर लखने के लये खाल थान का योग कर ।
1. पु तकालय अ ध नयम से या अ भ ाय है ?
.......................................................................................
.......................................................................................
2. कन– कन रा य म पु तकालय अ ध नयम पा रत ह ?
.......................................................................................
.......................................................................................
3. कनाटक सावज नक पु तकालय अ ध नयम क मु य वशे ष ताएं बताइये ।
.......................................................................................
.......................................................................................
4. महारा रा य म सावज नक पु तकालय क वतमान ि थ त बताइये ।
.......................................................................................
.......................................................................................
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5. येक िजले म यावसा यक यो यता से युका िजला पु तकालय अ धकार क नयुि त का
ावधान।
6. रा य के य पु तकालय म येक काशक वारा अपने काशन क एक नःशु क त भेजने
का ावधान । ेस ए ड रिज े शन ऑफ बु स ए ट, 1867 के संशो धत प से लागू करने का
ावधान, िजसके अ तगत रा य म का शत येक ालेख क तीन नःशु क तयाँ काशक
वारा रा य सरकार (2 त) तथा के य पु तकालय (1 त) को भेजनी होगी ।
मु य वशेषताएँ
1. इस अ ध नयम के अ तगत आने वाले व भ न मु के संदभ म रा य सरकार को परामश दे ने
हे तु रा य पु तकालय स म त के गठन का ावधान ।
2. सावज नक पु तकालय वभाग के गठन का ावधान ।
3. िजला तर य सावज नक पु तकालय सेवा के शासन व संगठन हे तु येक िजले म िजला
पु तकालय स म त के गठन का ावधान ।
4. मु य प से रा य सरकार वारा दये जाने वाले अंशदान से ल खत पु तकालय कोष क थापना।
5. इस अ ध नयम म पु तकालय उपकर क कोई यव था नह ं है ।
मु य वशेषताएँ
1. सरकार को सव च मानते हु ए सावज नक पु तकालय का संगठन तीन तर पर वभािजत है–
(i) रा य पु तकालय प रषद (State Library Council)
(ii) िजला पु तकालय प रष (District Library Council)
(iii) तालु क पु तकालय प रष (Taluk Library Council)
2. रा य, िजला तथा तालुक पु तकालय प रषद के अ य , उपा य , स चव तथा संयु त स चव
का चु नाव कया जायेगा तथा ये चय नत यि त सावज नक पु तकालय के संगठन व शासन
के लए िज मेदार ह गे ।
3. उपरो त तीन इकाईयाँ समि ट नकाय के प म कायरत ह गी तथा अ ध नयम को लागू करने
के लए आव यक सम त काय करगी ।
4. रा य पु तकालय प रष म िजला तथा तालुक पु तकालय प रष के त न ध ह गे । इस कार
स पूण पु तकालय तं जाताि क स ा त पर आधा रत होगा ।
5. रा य म पु तकालय के वकास से स बि धत सम त मामल म रा य पु तकालय प रष सरकार
को सुझाव दे गी तथा ा धकरण का काय भी करे गी ।
6. िजला पु तकालय प रष तथा तालु क पु तकालय प रषद के काय म रा य पु तकालय प रष
सम वय था पत करे गी तथा रा य के सावज नक पु तकालय तं पर पूण नयं ण रखेगी ।
7. वे म सावज नक पु तकालय को रा य के राजक य के य पु तकालय का दजा दया गया
है ।
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8. रा य पु तकालय प रष क सहम त होने पर िजला पु तकालय प रष नवीन पु तकालय था पत
कर सकते ह तथा िजला तर पर पु तकालय म सहयोग तथा उन पर नयं ण व सम वय का
अ धकार िजला पु तकालय प रष को है ।
9. िजला पु तकालय प रष के समान ह तालु क सार पर पु तकालय सेवाओं क दे खरे ख, उनम
सम वय था पत करने तथा न य के काय को करने म नदश दे ने का अ धकार तालु क पु तकालय
प रषद को है ।
10. इस अ ध नयम का मु ख गुण केरल थशाला संघम को अपने कमचा रय , स पि त व
िज मेदा रय स हत रा य पु तकालय प रष म वलय होना है ।
11. भवन तथा स पि त कर पर सरचाज के प म पु तकालय उपकर का ावधान कया गया है।
12. “रा य पु तकालय प रषद” रा य पु तकालय कोष के नाम से एक कोष का रख–रखाव करे गी िजसके
वारा रा य, िजला तथा तालुक पु तकालय संघ के खच का भु गतान कया जायेगा तथा रा य
के य अनुदान से ा त धन तथा उपकर से ा त धन रा य पु तकालय कोष म ह जमा ह गे।
13. येक स म त म कम से कम एक म हला तथा एक अनुसू चत जा त व अनुसू चत जनजा त का
सद य होना अ नवाय है ।
14. मा यता ा त(अनुदा नत) पु तकालय के सुचा प से संचालन करना ।
मु य वशेषताएँ
1. रा य म पु तकालय सेवाओं के वकास के लए रा य सरकार को सलाह दे ने हेतु रा य पु तकालय
ा धकरण के गठन का ावधान ।
2. रा य पु तकालय ा धकरण वारा नि चत कये गये काय म को यवहार म लागू करने के
लए रा य पु तकालय नदे शालय का ावधान ।
3. रा य के य पु तकालय क थापना करना िजसम रा य तर पर संदभ तथा थ आदान– दान
वभाग का ावधान ।
4. येक िजले के लए िजला पु तकालय स म त के गठन का नमाण ।
5. येक शहर िजसक जनसं या एक लाख से अ धक हो तथा येक क बा िजसक जनसं या एक
लागू से अ धक न हो के लए मश: शहर व क बा पु तकालय स म तय के सं वधान का नमाण।
6. िजला पु तकालय स म त वारा ख ड पु तकालय स म तय के सं वधान का नमाण ।
7. पु तकालय सेवाओं का वकास व सु धार हेतु रा य, िजला, शहर व क बा ख ड तथा ामीण
पु तकालय व त क यव था हे तु अलग––अलग पु तकालय कोष का ावधान ।
8. स पि त तथा भवन कर के सरचाज के प म पु तकालय उपकर ा त करना ।
9. राजक य पु तकालय ा धकरण वारा रा य पु तकालय संघ व सहकार सं थाओं को मा यता
दे ने का ावधान ।
मु य वशेषताएँ
87
1. इस अ ध नयम म रा य पु तकालय प रष के गठन का ावधान है िजसके पदे न अ य श ा
एवं मानव संसाधन मं ी होग ।प रष के सद य का कायकाल तीन वष क अव ध के लए होगा।
प रष इस अ ध नयम के ावधान से उ ू त पु तकालय स ब धी मामल तथा रा य म पु तकालय
तं व सेवाओं के उ थान व वकास के मामल म भी सरकार को सलाह दे गी ।
2. इस अ ध नयम म सावज नक पु तकालय वभाग का ावधान।
3. रा य म सावज नक पु तकालय को चार े णय म वभ त कया गया है – रा य पु तकालय,
िजला पु तकालय, उप भागीय पु तकालय, तथा ामीण पु तकालय ।
4. सावज नक पु तकालय तं क थापना एवं रख–रखाव का स पूण खच रा य बजट वारा द त
होगा ।
5. गैर–सरकार पु तकालय के लए अनुदान का ावधान ।
मु य वशेषताएँ
1. इस अ ध नयम के अनुसार सरकार रा य म पु तकालय सेवा क थापना , अनुर ण एवं वकास
करे गी तथा इस उ तरदा य व का नवहन न न ल खत मा यम से करे गी:
(क) रा य पु तकालय प रषद
(ख) रा य पु तकालय वकास को ठ
(ग) रा य सावज नक पु तकालय; एवं
(घ) सहयोगी सं थाएँ
2. इस अ ध नयम के अनुसार रा य पु तकालय प रष िजसके अ य पु तकालय के भार मं ी
ह गे, रा य म पु तकालय सेवा के उ थान तथा वकास के स ब ध म सरकार को सलाह दे गी।
3. रा य म एक रा य पु तकालय, येक िजले म एक िजला पु तकालय होगा । इसके अ त र त
भी न न ल खत कार के पु तकालय ह गे :
(क) नगर पा लका पु तकालय
(ख) तालु क पु तकालय; तथा
(ग) पंचायत पु तकालय ।
4. सभी पु तकालय कमचा रय को सरकार कमचार का दजा दान करना ।
5. इस अ ध नयम के अनुसार सरकार एक न ध का गठन करे गी जो पु तकालय न ध कहलायेगी
तथा िजसम सरकार वारा द त अनुदान रा य सरकार को सावज नक पु तकालय के वकास
हे तु भारत सरकार वारा ा त अनुदान, व श ट अनुदान एवं उपहार सि म लत ह गे ।
6. सरकार योजना के वृहत ढाँच के अ तगत रा य म सावज नक पु तकालय का वा षक बजट
बनायेगी तथा सावज नक पु तकालय उ थान हे तु श ा बजट का 1 तशत दान करे गी ।
7. गैर–सरकार पु तकालय को अनुदान का ावधान है ।
88
5.9.11 राज थान सावज नक पु तकालय अ ध नयम , 2006
89
(iv) रा य वधानसभा पीकर वारा मनोनीत दो वधानसभा सद य ।
इस अ याय म प रषद के मु यालय के प म जयपुर या अ य थान जैसा क रा य सरकार
राजप म अ धसू चत करे, होगा ।
इस अ याय म प रषद के अ य क शि तयां, क त य और काय का न न ल खत यौरा
दया गया ह:
(i) इस अ ध नयम और नयम के शासन से संबं धत सम त वषय के संबध
ं म उसे कये गये
नदश पर या व रे णा से रा य सरकार को सलाह दे ना ।
(ii) रा य पु तकालय वकास व ध म से यय का नयम के अनुसार अनुमोदन करना ।
(iii) पु तक के योग को बढ़ावा दे ने के लये कये जाने वाले अ याय के नदे श दे ना और समु दाय
म पढ़ने क आदत पैदा करना ।
(iv) सावज नक पु तकालय के कायकरण, शासन और ग त पर धारा 22 के अधीन तैयार क
गयी वा षक रपोट पर वचार करना और उस पर सु झाव दे ना और सफा रश करना ।
(v) सम त सावज नक पु तकालय और सावज नक पु तकालय संगम के कायकरण और शासन
का मश: धारा 20 और 21 के अधीन क गयी रपोट और नर ण के आधार पर
समय–समय पर पुन वलोकन करना और लोक श ा और पु तकालय सेवा के अ धक उपयोगी
और भावकार उपकरण होने म आने वाल क ठनाइय को दूर करने के अथ पाय का सु झाव
दे ना ।
(vi) सावज नक पु तकालय के शासन म सु धार के लये कये जाने वाले अ याय के संबध
ं म
रा य सरकार को सफा रश करना ।
(vii) सावज नक पुरतकालय और सावज नक पु तकालय संगम को सहायता अनुदान या अ य
व तीय सहायता के योजन के लये पा ता हेतु मानद ड के प म स पदान के मानक और
तरमान का सु झाव दे ना ।
(viii) सहायता अनुदान क मा ा नयत करने के फामू ले का सु झाव दे ना ।
(ix) सहायता अनुदान से भ न व तीय सहायता के लये उ े य और योजन और ऐसी सहायता
के लये पूरे कये जाने वाले नबंधन और शत के वषय म रा य सरकार को सलाह दे ना।
(x) पु तकालय के लये वा षक वकास योजना के लये सु झाव दे ना और सफा रश करना ।
(xi) पु तकालय संगो ठ , सभाओं और स मेलन का आयोजन और संचालन करना ।
(xii) पु तकालय सेवा के े म, रा य सरकार वारा समय समय पर जार कये गये मागदशक
स ांत के अनुसार समे कत काय म तैयार करना ।
(xiii) रा य म द पु तकालय सेवा के आयोजन और ो न त के लये सुझाव दे ना ।
(xiv) आ थक संसाधन जु टाने और पु तकालय सेवा क ो न त के लये सुझाव दे ना ।
(xv) रा य म पु तकालय सेवा म सुधार के लये द घका लक और अ पका लक योजनाएं तैयार
करना ।
(xvi) ऐसी शि तय का योग और ऐसे कृ य का पालन करना जो इस अ ध नयम या तदधीन
बनाये गये नयम के वारा या अधीन उसे द त या य त कये जाय ।
90
इस अ याय म प रषद के सद य क पदाव ध बैठक , स म तय का गठन प रषद के सद य
के भ त आ द का भी उ लेख कया गया है ।
अ याय –3 सावज नक पु तकालय का नदे शक (Director of Public Libraries)
सावज नक पु तकालय का नदे शक के अ तगत भाषा और पु तकालय के व यमान नदे शक को
सावज नक पु तकालय का नदे शक घो षत कया गया है । नदे शक के काय को न न ल खत यौरा
दया गया ह
(क) सावज नक पु तकालय से सबं धत सम त वषय का पयवे ण करे गा ।
(ख) सावज नक पु तकालय क थापना और वकास को ो नत करे गा ।
(ग) सावज नक पु तकालय क योजना, रख–रखाव ो नयन ओर वकास और सावज नक पु तकालय
प त के संगठन के लये उ तरदायी होगा ।
(घ) पु तकालय सेवा और पु तकालय और सूचना व ान म श ण पा य म का संचालन करने
वाल सं था या सेवा को मा यता दे गा और सावज नक पु तकालय के कमचा रय और अ य
यि तय के श ण के लये काय म का आयोजन करे गा ।
(ङ) मा यता ा त पु तकालय का रिज टर रखेगा और ऐसे पु तकालय के नाम और पत का काशन
करे गा ।
(च) रा य पु तकालय वकास न ध के लेखाओं का बंध और संधारण करे गा और उसका उ चत उपयोग
सु नि चत करे गा ।
(छ) सावज नक पु तकालय म श ा द पुरानी और दु ा य पु तक , पा डु ल पय और अ य
द तावेज के सं हण और संर ण के लये यव था करे गा ।
(ज) सावज नक पु तकालय और सावज नक पु तकालय संगम का नर ण करे गा और उ ह सलाहकार
सेवा दे गा ।
(झ) प रषद क ऐसी सफा रश का काया वयन करे गा जो रा य सरकार वारा अनुमो दत हो ।
(ञ) सावज नक पु तकालय , सावज नक पु तकालय संगम और मा यता ा त श ण सं थाओं को
सहायता अनुदान और अ य व तीय सहायता के लये क म और नयम तथा व नयम का
शासन करे गा और इस न म त समय–समय पर बनायी गयी क म , नयम और मागदशक
स ा त के अनुसार ऐसे सहायता अनुदान और अ य व तीय सहायता मंजू र और सं वत रत
करे गा।
(ट) धारा 22 के अधीन यथा अपे त रपोट तैयार और तुत करे गा ।
(ठ) ऐसी अ य शि तय का योग और ऐसे अ य कृ य और कत य का पालन करे गा जो इस
अ ध नयम और नयम के वारा या अधीन उसे द त या उस पर अ धरो पत कये जाय ।
अ याय –4 सावज नक पु तकालय प त (Public Library System)
“सावज नक पु तकालय प त” सावज नक पु तकालय क थापना एवं ब ध पु तकालय
सलाहकार स म तय के गठन, उनके सं वधान एवं काय या उ लेख कया गया है ।
अ याय –5 सावज नक पु तकालय के लये व त (Public Library Fianance)
“सावज नक पु तकालय के लये व त” म सावज नक पु तकालय के बजट , रा य पु तकालय
वकास न ध और उसके धन का उपयोग आ द का वणन कया गया ह ।
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अ याय –6 सावज नक पु तकालय एवं सावज नक संगम को मा यता (Recognition of Public
Libraries and Public Library Associations)
“सावज नक पु तकालय और सावज नक पु तकालय संगम को मा यता” म दे श म
राज थान सोसाएट रिज करण अ ध नयम 1958 या राज थान लोक यास अ ध नयम 1959 के
अधीन वैि छक एजे सी वारा संचा लत सावज नक पु तकालय एवं सावज नक पु तकालय संगम
को मा यता अनुदान एवं अ य व तीय सहायता आ द का उ लेख कया गया है ।
अ याय –7 रपोट और नर ण (Reports and Inspection)
“ रपोट और नर ण” के अ तगत सावज नक पु तकालय के भा रय वारा नदे शक को
वा षक तवेदन ओर ववरण को तुत करने का उ लेख कया गया ह । इस अ याय म सावज नक
पु तकालय और सावज नक पु तकालय संगम के नर ण के अ धकार का भी वणन कया गया ह।
अ याय –8 क ण (Miscellaneous)
“ क ण” म रा य पु तकालय प रषद के सद य के लोक सेवक होने सदभावपूण क गई
कायवाह के लये संर ण, नयम बनाने क शि त, व नमय बनाने क शि त का वणन कया गया
इस अ ध नयम क मु य–मु य वशेषताएँ न न ल खत ह:
1. रा य पु तकालय प रषद का गठन ता वत कया गया िजसके अ य पु तकालय के भार
मं ी ह गे, पु तकालय के लए उ तरदायी स चव, उपा य एवं नदे शक सावज नक पु तकालय
सद य स चव ह गे । इनके अ त र त व त वभाग के स चव, नदे शक, महा व यालय श ा,
ारि भक श ा, मा य मक श ा, पंचायती रा य, थल य वशासन, अ य मा य मक श ा
बोड, स चव, राज थान रा य पा य पु तक बोड एवं पु तकालयी , रा य के य पु तकालय के
अ त र त 2 वधानसभा सद य , 2 व यात व वान , 3 वषय वशेष , िजनम एक म हला
एवं एक िजला पु तकालयी के भी नाम नद शत सद य बनाया जायेगा ।
2. सावज नक पु तकालय के नदे शक का काय वतमान म भाषा एवं पु तकालय के व यमान नदे शक
को स पा गया ह । जो सावज नक पु तकालय से स बि धत सम त वषय का पयवे क,
पु तकालय क थापना एवं वकास , सावज नक पु तकालय प त के संगठन के लए िज मेदार
होगा । साथ ह मा यता ा त पु तकालय का रिज टर रखेगा और अनुदान दान करे गा ।
सावज नक पु तकालय के श ा द पुराने एवं दु ा य थ , पा डु ल पय ओर अ य लेख के
सं हण एवं संर ण क यव था करे गा ।
3. रा य म सावज नक पु तकालय का जाँच सं हालय के लए रा य के य पु तकालय , म डल
तर पर म डल पु तकालय, सभी िजल के लए िजला पु तकालय, पंचायत स म त के लए
पंचायत स म त पु तकालय तथा आव यकतानुसार ामीण पु तकालय आ द था पत कये गये
ह ।
4. रा य के य पु तकालय, म डल पु तकालय एक िजला पु तकालय के लए पु तकालय
सलाहकार स म तय के गठन का ावधान कया गया है ।
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5. कसी भी कार क पु तकालय अ धकर(Library Cess) के थान पर योजना एवं गैर–योजना
यय के लए तवष बजट तैयार कया जायेगा िजनम व यालय पु तकालय के अ त र त नवीन
पु तकालय क थापना, अनुदा नत सं थाओं के लए व त आ द का ावधान सि म लत होगा।
6. रा य पु तकालय वकास न ध क थापना िजसम सरकार से ा त अनुदान , के य संर ण
से ा त अंशदान, जनता या अ य कसी भी एजे सी वारा कये जाने वाला अनुदान सि म लत
होगा ।
7. वैि छक ऐजे सी वारा संचालन व सावज नक पु तकालय क मा यता एवं अनुदान का ावधान।
8. सावज नक पु तकालय से स बि धत पु तकालय संघ एवं संगम को मा यता एवं अनुदान का
ावधान ।
वतमान ि थ त
राज थान म सावज नक पु तकालय अ ध नयम पा रत होने के प चात ् भी सावज नक
पु तकालय क ि थ त म वशेष अ तर नह ं आया है । रा य तर म राजधानी जयपुर म राधाकृ णन
रा य के य पु तकालय. 6 म डल पु तकालय जयपुर–अजमेर, बीकानेर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर,
31 िजला पु तकालय (सभी िजल म, 2 नवीन िजल को छोडकर) तथा 237 पंचायत स म त पु तकालय
कायरत है । इनके अ त र त कुछ अनुदा नत पु तकालय भी कायरत ह । पु तकालय अ ध नयम म
पु तकालय बजट के वशेष ावधान के अभाव म चलते पा य–साम ी हे तु राजा राममोहनराय
पु तकालय त ठान वारा अनुदान तथा राज थान पा यपु तक म डल के थ पर लगे थ
अ धभार वारा ा त धन ह पा यसाम ी क ाि त का मु य ोत है ।
बोध न – 2
अपना उ तर लखने के लये खाल थान का योग कर।
1. के रल सावज नक पु तकालय के सं ग ठन के तीन तर कौन–कौन से ह ?
.......................................................................................
.......................................................................................
2. म णपु र सावज नक पु तकालय अ ध नयम क मु य तीन वशे ष ताएं बताइये ।
.......................................................................................
.......................................................................................
3. राज थान रा य म सावज नक पु तकालय क वतमान ि थ त बताइये ।
.......................................................................................
.......................................................................................
4. मजोरम सावज नक पु तकालय अ ध नयम क मु य वशे ष ताएं बताइये ।
.......................................................................................
.......................................................................................
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5.10 सारांश (Summary)
उपयु त ववेचना के आधार पर यह कहा जा सकता ह क पु तकालय अ ध नयम कसी भी
रा के सावज नक पु तकालय तं क थापना एवं रखरखाव हे तु अ त आव यक कारक ह ।
भारत के मा 15 रा य म ह पु तकालय अ ध नयम लागू हो सके ह । अभी भी बहु त बड़ा
े यथा बहार, छ तीसगढ़, म य दे श, झारख ड जैसे रा य म पु तकालय अ ध नयम का अभाव
ह । अ ध नयम पा रत 15 रा य म भी केवल थम पाँच (त मलनाडू आ दे श, कनाटक, महारा
एवं पि चम बंगाल) म ह अ ध नयम याि वत हो पाया है बाक 10 म अभी सावज नक पु तकालय
अ ध नयम नाम मा के लए ह पा रत कया गया है । दे श म श ा एवं सा रता के वकास क
दर के वकास म सावज नक पु तकालय मह वपूण योगदान दे ते है तथा सावज नक पु तकालय का
वकास सावज नक पु तकालय अ ध नयम पर आधा रत ह । इस लए श ा के सवागीण वकास हेतु
रा के सभी रा य म पु तकालय अ ध नयम तु र त पा रत कये जाने अपे त ह ।
इस इकाई म आपको पु तकालय अ ध नयम क प रभाषा, उ े य एवं आव यकताओं से
प र चत कराते हु ए व व म पु तकालय अ ध नयम क सं त जानकार द गई है । भारत म पा रत
15 सावज नक पु तकालय अ ध नयम के मु ख ब दुओं पर काश डाला गया है ।
94
5.13 व तृत अ ययनाथ थ सू ची (References and Further
Readings)
1. अ वाल, याम सु दर, पु तकालय और समाज, जयपुर :आर.बी.एस.ए. पि लशस, 1994 ।
2. स सेना, एल.एस., पु तकालय संगठन तथा यव थापन, भोपाल : म य दे श ह द थ
अकादमी, 1988 ।
3. सैनी, ओम काश, पु तकालय एवं समाज, आगरा : वाई.के. पि लशस, 1999 ।
4. शमा, पा डेय एस.के., पु तकालय और समाज, द ल : थ अकादमी, 1998 ।
5. यास, एस.डी., पु तकालय और समाज, जयपुर : पंचशील काशन, 1992 ।
6. राज थान सावज नक पु तकालय अ ध नयम, 2006 ।
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