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समाज मे शिक्षा की भूशमका

शिक्षा आधुशिक समाज में मुख्य भूशमका शिभाते हैं । शिक्षा लोगोों में जागरूकता
लाती है और उन्हें अोंधशिश्वासोों से दू र रखती है । यह ि केिल भारत में बल्कि
कई पशिमी दे िोों में सिोत्तम सोंभि शिपटाि प्रदाि करता है । शिक्षा व्यल्कि को
जीिि में हर समय सही रास्ते पर चलिे का शिदे ि दे गी। एक उच्च शिशक्षत
व्यल्कि हमेिा स्वतों त्र रूप से चीजोों का प्रबोंधि कर सकता है । एक शिशक्षत
व्यल्कि बहुत आराम से अपिा जीिि व्यतीत कर सकता है । शिक्षा छात्रोों को
िारीररक और मािशसक रूप से मजबूत बिाती है । शिक्षा लोगोों के शलए
सबसे अच्छा शििेि है क्ोोंशक अच्छी तरह से शिशक्षत लोगोों के पास िौकरी
पािे के अशधक अिसर होते हैं जो उन्हें सोंतुशि प्रदाि करते हैं । एक शिशक्षत
व्यल्कि को दु शिया के शकसी भी शहस्से में हमेिा सम्माशित शकया जाएगा और
उसकी प्रशतभा को सम्माशित और पुरस्कृत शकया जाएगा। शिक्षा व्यल्कि को
सकारात्मक भी बिाती है । कभी-कभी लोग अपिे आिोंद को कम करते हैं
और शदि-रात कडी मेहित करते हैं , क्ोोंशक उन्हें एहसास होता है शक शिक्षा
आगे के शलए उिका पासपोटट है । साक्षरता दर शिक्षा पर शिभटर करती है ।
प्रौद्योशगकी में सभी उन्नशत शिक्षा के कारण है । शिक्षा परम कारक है जो
रोजगार प्रदाि करता है , इसशलए यह दे ि के शिकास में महत्वपूणट भूशमका
शिभाता है और दे ि की प्रशत पीटा आय बढािे में भी। गरीबी शमटािे के शलए
शिक्षा सबसे अच्छा हशियार है । शिक्षा ग्रामीण समुदायोों में ज्ञाि और समझ को
बढािा दे ती है । शिक्षा लोगोों को अोंधशिश्वासोों से दू र रखती है । शिशक्षत व्यल्कि
स्वास्थ्य के प्रशत जागरूक होगा। जीिि में सफलता बिाए रखिे के शलए
शिक्षा ही मागट है । यह व्यल्कि के िैशतक मूल्ोों को बढाता है । शिक्षा ि केिल
पुस्तकोों के बारे में सीख रही है , बल्कि जीिि के बारे में भी सीख रही है ।
यह ते जी से आपके कौिल और जागरूकता को बढाता है । शिशक्षत व्यल्कि
अच्छे और बुरे के बीच के अोंतर की पहचाि करे गा। शिक्षा हर समय भोजि
प्रदाि करती है । जीिि में अगर शिक्षा हमारे साि है तो जीिि में सब कुछ
है । यह अिट व्यिस्िा को बढािे के शलए सबसे अच्छा स्रोत है ।

अतीत की परों पराओों के साि समृद्ध साोंस्कृशतक शिरासत शिक्षा द्वारा दृढता से
सोंरशक्षत और प्रबशलत है । माि सोंस्कृशत में शिशहत हैं और सों स्कृशत के िोधि
और उत्कृिता के शलए शिक्षा कायट करता है । यह स्वीकार शकया जाता है शक
मूल् सोंस्कृशत का गशतिील पक्ष हैं । जै से, मूल् शिक्षा साोंस्कृशतक शिकास और
िोधि में महत्वपूणट भूशमका शिभाती है ।

सकारात्मक और व्यापक दृशिकोण को बढािा दे िा शिक्षा की करतू त है। मूल्


शिक्षा जीिि के प्रशत शिद्याशिट योों के दृशिकोण को चौडा करती है । यह व्यापक
दृशिकोण उन्हें जीिि की समस्याओों और आकल्किकताओों को साहसपूिटक और
साहसपूिटक पूरा करिे में मदद करता है । यह रिैया उन्हें समाज सेिा में
रुशच रखिे और समाज में बडे शहत के शलए अपिे स्वािी उद्दे श्ोों को
आत्मसमपटण करिे के शलए प्रेररत करता है ।

मूल् शिक्षा स्वतों त्रता, समािता, बोंधुत्व, न्याय, सहकारी जीिि, िाों शतपूणट सह-
अल्कस्तत्व, व्यल्कियोों की गररमा का सम्माि, शजम्मेदारी साझा करिा आशद जै से
लोकताों शत्रक गुणोों को बढािा दे िे और पोशित करिे में मदद करती है , ये एक
रािर के शिकास के शलए आिश्क हैं । और समाज की प्रगशत।

व्यल्कि और समाज की प्रगशत के शलए माििीय प्रिृशत्त का उदात्तीकरण और


पुिशिटदेिि आिश्क है । मूल् शिक्षा िृशत्त के शिमाट ण और पुिशिटदेिि में
मदद करती है और व्यल्किगत व्यल्कित्व के शिमाट ण और समाज की उन्नशत के
शलए आग्रह करती है । शिक्षा उिके व्यल्कित्व को आकार दे ती है और उिकी
इच्छाओों, प्रिृशत्त और एक िाों शछत शदिा में आग्रह को चैिल करके उिके
व्यिहार को सोंिोशधत करती है ।

मूल् शिक्षा सोंघिट और पारलौशकक जीिि जीिे के शकसी भी रूप को दिाट ती


है । इसके बजाय, यह शिद्याशिट योों को िाों शत से जीिा और सहकारी रूप से
काम करिा शसखाता है । सहकारी जीिि एक लोकताों शत्रक सामाशजक व्यिस्िा
की स्िापिा का मागट प्रिस्त करता है । सहयोग िाों शतपूणट जीिि का हॉल-
माकट है ।

मूल् शिक्षा को मािितािाद और परोपकाररता का आधार मािा जाता है । यह


िाों शत, सद्भाििा और समझ के शलए खडा है । यह मिुष्य के भाईचारे और
शिश्व की एकता और समझ को बढािा दे िे में मदद करता है । यह िोिण,
भ्रिाचार, आपदा, स्वािट और घृणा के दािि को दू र करता है ।
इसशलए, यह माििीय मूल्ोों और परोपकारी स्वभाि की िीोंि बिाता है । यह
लोगोों को अशधकतम ‘जीिे और जीिे दो’ के शलए प्रोत्साशहत करता है । इसशलए,
यह जीिि-सत्य, अच्छाई और सुोंदरता के सिोच्च मूल्ोों में असीम शिश्वास पैदा
करके खुिी, आदे ि और सोंतोि की ओर जाता है

ितट माि समाज में मिुष्य के स्िाि के प्रशत जागरूकता या चेतिा की भाििा
पैदा करिे के शलए मूल् शिक्षा की आिश्कता है , जो सामाशजक जीिि की
मुख्यधारा से डी-सोंस्कृशतकरण, अमाििीयकरण और अलगाि की प्रिृशत्त से
शचशित है । इस प्रकार, समाज को तबाही और हादसोों के सभी रूपोों से बचािे
के शलए मूल् शिक्षा द्वारा िैशतक चेतिा की आिश्कता है ।

इसशलए, यह कहा जाता है शक यशद दु शिया के भशिष्य को भारी सोंकट से


बचाया जािा है , तो बच्चोों को मूल् शिक्षा सबसे अच्छा तरीका है । भशिष्य की
दु शिया का सोंपादि काफी हद तक मूल्ोों की िीोंि पर शिभटर करता है । शिक्षा
िह सुिहरा रास्ता है शजसके माध्यम से छात्रोों के साि मूल्ोों का आदाि-
प्रदाि शकया जा सकता है ; एक दे ि में ििोशदत िागररक।

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