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Vinodkumar

25/02/1988 12:55 PM
Gokarn, Karnataka, India
सामान्य कुं डली िववरण

सामान्य िववरण पं च ांग िववरण

जन्म िदनांक 25/02/1988 ितिथ शुक्ल-नवमी

जन्म समय 12:55 योग िवष्कुम्भ

जन्म स्थान Gokarn, Karnataka, India नक्षतर् रोिहणी

अक्षांश 14 N 32 करण बालव

देशांतर 74 E 19 ज्योितषीय िववरण

समय क्षेतर् +05:30

वणर् वैश्य
अयनांश 23:41:30

वश्य चतुष्पद
सूयोर्दय 6:52:20

योिन सपर्
सूयार्स्त 18:39:44

गण मनुष्य

घात चकर् नाड़ी अंत्य

जन्म रािश वृष

महीना मृगिशरा रािश स्वामी शुकर्

ितिथ 5,10,15 नक्षतर् रोिहणी

िदन शिनवार नक्षतर् स्वामी चन्दर्

नक्षतर् हस्त चरण 4

योग शुक्ल युञ्जा पूवार्

करण शकुिन तत्त्व पृथ्वी

पर्हर 4 नामाक्षर वो

चंदर् 9 पाया लोहा

लग्न वृष

लग्न स्वामी शुकर्

2 os.me
गर्ह िस्थित

गर्ह वकर्ी जन्म रािश अंश रािश स्वामी नक्षतर् नक्षतर् स्वामी भाव

सूयर् -- कुम्भ 12:13:10 शिन शतिभसा राहु 10

चन्दर् -- वृष 21:30:11 शुकर् रोिहणी चन्दर् 1

मंगल -- धनु 08:14:57 गुरु मूल केतु 8

बुध -- मकर 19:07:31 शिन शर्ावण चन्दर् 9

गुरु -- मेष 03:50:14 मंगल अिश्वनी केतु 12

शुकर् -- मीन 24:46:51 गुरु रेवती बुध 11

शिन -- धनु 07:11:05 गुरु मूल केतु 8

राहु हाँ मीन 00:32:49 गुरु पूवर् भादर्पद गुरु 11

केतु हाँ कन्या 00:32:49 बुध उत्तर फाल्गुनी सूयर् 5

लग्न -- वृष 23:38:30 शुकर् मृगिशरा मंगल 1

सूयर् चन्दर् मंगल


कुम्भ वृष धनु
शतिभसा रोिहणी मूल

लाभपर्द हािनपर्द लाभपर्द

बुध गुरु शुकर्


मकर मेष मीन
शर्ावण अिश्वनी रे वती

लाभपर्द हािनपर्द सम

शिन राहु के तु
धनु मीन कन्या
मूल पूवर् भादर्पद उत्तर फाल्गुनी

योगकारक -- --

3 os.me
जन्म कुं डली
लग्न कुं डली

व्यिक्त के जन्म के समय आकाश में पूवीर् िक्षितज जो रािश उिदत होती
गु
शु
है , उसे ही उसके लग्न की संज्ञा दी जाती है । जन्म कुण्डली में 12 भाव
3 1
4 चं 12 होते है । इन 12 भावों में से पर्थम भाव को लग्न कहा जाता है । कुण्डली
रा में अन्य सभी भावों की तुलना में लग्न को सबसे अिधक महत्व पूणर्

2 माना जाता है । लग्न भाव बालक के स्वभाव, रुिच, िवशेषताओ और


5 11 सू
8 चिरतर् के गुणों को पर्कट करता है ।

के 6 10 बु
7 9

मं श

गु चं रा
शु मं
3 1 6 4
4 चं 12 7 3 श

रा बु
2 5
5 11 सू 8 2 गु
8 11

के 6 10 बु शु 1
9
7 9 10 12

मं श सू के

चंदर् कुं डली नवमांश कुं डली

लग्न कंुडली के बाद िजस रािश में चंदर्मा होता है उसे लग्न मानकर एक और कंुडली का नवांश कुण्डली को नौ भागों में बांटा जाता है , िजसके आधार पर जन्म कुण्डली का

िनमार्ण होता है जो चन्दर् कंुडली कहलाती है । चंदर् कंुडली का भी फिलत ज्योितष में लग्न िववेचन होता है । नवांश कुण्डली में यिद गर्ह अच्छी िस्थित या उच्च के हों तो वगोर्त्तम की

कंुडली िजतना ही महत्त्व है । लग्न शरीर, तो चंदर् मन का कारक है और वे एक दूसरे के िस्थत उत्पन्न होती है और व्यिक्त शारीिरक व आित्मक रुप से स्वस्थ हो शुभ दायक िस्थित

पूरक हैं । को पाता है ।

4 os.me
िवम्शोत्तरी दशा - I

चन्दर् मंगल राहु

11-07-1979 09:55 10-07-1989 21:55 10-07-1996 15:55


10-07-1989 21:55 10-07-1996 15:55 11-07-2014 03:55

चन्दर् 10-05-1980 18:55 मंगल 07-12-1989 01:22 राहु 23-03-1999 20:07

मंगल 09-12-1980 20:25 राहु 25-12-1990 13:40 गुरु 16-08-2001 10:31

राहु 10-06-1982 17:25 गुरु 01-12-1991 11:16 शिन 22-06-2004 09:37

गुरु 10-10-1983 17:25 शिन 09-01-1993 06:55 बुध 09-01-2007 18:55

शिन 11-05-1985 00:55 बुध 06-01-1994 11:52 केतु 28-01-2008 07:13

बुध 10-10-1986 11:25 केतु 04-06-1994 15:19 शुकर् 28-01-2011 01:13

केतु 11-05-1987 12:55 शुकर् 04-08-1995 18:19 सूयर् 22-12-2011 18:37

शुकर् 09-01-1989 06:55 सूयर् 10-12-1995 14:25 चन्दर् 22-06-2013 15:37

सूयर् 10-07-1989 21:55 चन्दर् 10-07-1996 15:55 मंगल 11-07-2014 03:55

गुरु शिन बुध

11-07-2014 03:55 11-07-2030 03:55 10-07-2049 21:55


11-07-2030 03:55 10-07-2049 21:55 11-07-2066 03:55

गुरु 28-08-2016 08:43 शिन 13-07-2033 22:58 बुध 07-12-2051 13:22

शिन 11-03-2019 15:55 बुध 23-03-2036 02:07 केतु 03-12-2052 18:19

बुध 16-06-2021 13:31 केतु 01-05-2037 21:46 शुकर् 04-10-2055 15:19

केतु 23-05-2022 11:07 शुकर् 01-07-2040 12:46 सूयर् 10-08-2056 02:25

शुकर् 21-01-2025 11:07 सूयर् 13-06-2041 12:28 चन्दर् 09-01-2058 12:55

सूयर् 09-11-2025 15:55 चन्दर् 12-01-2043 19:58 मंगल 06-01-2059 17:52

चन्दर् 11-03-2027 15:55 मंगल 21-02-2044 15:37 राहु 26-07-2061 03:10

मंगल 15-02-2028 13:31 राहु 28-12-2046 14:43 गुरु 01-11-2063 00:46

राहु 11-07-2030 03:55 गुरु 10-07-2049 21:55 शिन 11-07-2066 03:55

5 os.me
िवम्शोत्तरी दशा - II

के तु शुकर् सूयर्

11-07-2066 03:55 10-07-2073 21:55 10-07-2093 21:55


10-07-2073 21:55 10-07-2093 21:55 11-07-2099 09:55

केतु 07-12-2066 07:22 शुकर् 09-11-2076 09:55 सूयर् 28-10-2093 11:43

शुकर् 06-02-2068 10:22 सूयर् 09-11-2077 15:55 चन्दर् 29-04-2094 02:43

सूयर् 13-06-2068 06:28 चन्दर् 11-07-2079 09:55 मंगल 03-09-2094 22:49

चन्दर् 12-01-2069 07:58 मंगल 09-09-2080 12:55 राहु 29-07-2095 16:13

मंगल 10-06-2069 11:25 राहु 10-09-2083 06:55 गुरु 16-05-2096 21:01

राहु 28-06-2070 23:43 गुरु 11-05-2086 06:55 शिन 28-04-2097 20:43

गुरु 04-06-2071 21:19 शिन 10-07-2089 21:55 बुध 05-03-2098 07:49

शिन 13-07-2072 16:58 बुध 10-05-2092 18:55 केतु 11-07-2098 03:55

बुध 10-07-2073 21:55 केतु 10-07-2093 21:55 शुकर् 11-07-2099 09:55

वत्तर्मान दशा

दशा नाम गर्ह आरम्भ ितिथ सम्पित ितिथ

महादशा गुरु 11-07-2014 03:55 11-07-2030 03:55

अंतदर्शा बुध 11-03-2019 15:55 16-06-2021 13:31

पर्त्यंतर दशा चन्दर् 19-02-2020 14:55 28-04-2020 14:43

सूक्ष्म दशा मंगल 25-02-2020 08:54 29-02-2020 09:29

* ध्यान द
देंें - सभी िदनांक दशा समािप्त को दशार्ते ह
हैं।ैं

6 os.me
लग्न फल

लग्न फल - वृष

स्वामी शुकर्

पर्तीक बैल

िवशेषताएँ पृथ्वी तत्त्व, िस्थर, दिक्षण

भाग्यशाली रत्न हीरा

वर्त का िदन शुकर्वार

देहं रूपं च ज्ञानं च वणर्ं चैव बलाबलम् |


सुखं दुःखं स्वभावञ्च लग्नभावािन्नरीक्षयेत ||

वृषभ रािश के व्यिक्त बलवान,अनवरत, दृढ़-संकल्पी धीरे धीरे स्वयं को बदलने वाले ,िस्थर, शांत(जब तक बहुत

परेशान ना िकया जाए—अन्यथा जंजाल का कारण ) - वफादार, व्यावहािरक, िज़द्दी, गैर आकर्ामक, सहनशील,

स्नेही, पिरशर्मी , िनिष्कर्य और सामान्यतः अिभमानी और मन की एक सामान्य धीमी गित के साथ अपनी आस्थाओं

से पर्ितबद्ध होते हैं ।

वृषभ रािश के व्यिक्त िकसी के नेतृत्व में या,मान-मनोव्वल से तो कायर् कर सकते हैं लेिकन उनसे जोर ज़बरदस्ती से

कुछ भी नहीं करवाया जा सकता । संसाधन और संपित्त, चाहे वह व्यिक्त हों या िवत्त, आप के िलए बहुत महत्वपूणर् हैं ।

“ आप पिरिस्थितयों को बनाना और िवकिसत करना चाहते हैं , लेिकन आप से


जल्दबाजी में यह नहीं करवाया जा सकता । आप चीजों को स्वयं ही पाना
चाहते हैं और अपनी खुद की कड़ी मेहनत के व्यावहािरक पिरणाम देखना
चाहते हैं ।

आप दूसरों द्वारा आरम्भ िकये गए कायोर्ं को सफलता पूवर्क गर्हण कर लेते हैं और आगे ले जाते हैं । सच्ची दृढ़ता और

इच्छा से आपको सफलता पर्ाप्त होती है । मीठे या स्वािदष्ट भोजन से आपका प्यार को आप के वजन को बढ़ा सकता

है ।

आप जो भी कायर् करें उसे कम सख्ती से करने की की कोिशश करें । अपने अन्दर ईष्यार् की भावना और हावी होने

7 os.me
की पर्वृित्त को पनपने ना दें । बीमारी और ददर् से आप डरते भी हैं और घृणा भी करते हैं ।

“ वृषभ रािश का स्वामी शुकर् है , इसिलए शुकर् आपकी कुण्डली में महत्वपूणर्
होगा l

सीखने के िलए आध्याित्मक सबक

अनासिक्त

सकारात्मक लक्षण

व्यावहािरक िवश्वसनीय शांत और धैयर्वान अनुरागशील

नकारात्मक लक्षण

आलसी अिधकारात्‍मक िजद्दी िचं ितत

8 os.me

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