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कैं डलस्टिक उदाहरण

प्राइस एक्शन को ररप्रजेंि करने के स्लए, कई ट्रेडसस कैं डलस्टिक चार्टसस का इटतेमाल करते हैं। इसमें स्िज़ुअल
होते हैं, जो समझने काफी आसान होते हैं। कैं डलस्टिक की मदद से आप प्राइस एक्शन के बारे में आसानी से
फै सला ले सकते हैं। इससे ट्रेडर ओपन और क्लोज के साथ-साथ हाई और लो की तुलना भी तुरंत कर सकते
हैं। ओपन और क्लोज के बीच के संबंध को काफी अहम माना जाता है, इसीस्लए कैं डलस्टिक का महत्ि और
भी बढ़ जाता है।

नौिें ददन मेरा ट्रेडडग करने का स्नयम यह है :

स्नयम 9 : जब क्लोज ओपन से ज्यादा होता है, तो खाली कैं डलस्टिक्स बाडयग प्रेशर को इंडीके ि करती हैं।
जब क्लोज ओपन से कम होता है, तो भरी हुई कैं डलस्टिक्स सेडलग प्रेशर को इंडीके ि करती हैं।

ट्रेडसस को तीन ग्रुप में बांिा जा सकता है : बायर, सेलर और अनस्डसाइडेड। बायसस चाहते हैं दक िे कम से
कम कीमत पर खरीदें और सेलसस चाहते हैं दक स्जतना ज्यादा हो सके िे मंहगे दामों पर बेंचें। बोली-मांग की
इस खींच-तान में उनके बीच का पमासनेंि कॉस््ललक्ि ददखाई देता है। “मांग” िह होती है, जो सेलर माल के
स्लए मांगता है। “बोली” िह है, जो बायर माल के स्लए देता है। कई ट्रेडर जैसे – बायर, सेलर और
अनस्डसाइडेड लोग स्मलकर प्राइस तय करते हैं। प्राइस के पैिनस और मात्रा से बाजार का मनोस्िज्ञान पता
चलता है। बायर और सेलर में कौन ज्यादा हािी है, यह पता करना और स्िजेता ग्रुप पर बेि लगाना दकसी
ददन एक सफल ट्रेडर का लक्ष्य होता है। सौभाग्य से, कैं डलस्टिक्स चािस में ये चीजें साफ तौर पर देखी जा
सकती हैं। एक सफल ट्रेडर सामास्जक मनोस्िज्ञानी होता है, स्जसके पास कप्यूयूिर और चाटिंगिग सॉलििेयर
जैसे साधन होते हैं।

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