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CBSE Class 09

Hindi B
Sample Paper 1 (2019-20)

Maximum Marks: 80
Time Allowed: 3 hours

General Instructions:

इस नप म चार खंड ह।
सभी खंड के न के उ र देना अिनवाय है।
यथासंभव येक खंड के न के उ र म से ल खए।
एक अंक के न का उ र लगभग 15-20 श द म ल खए।
दो अंक के न का उ र लगभग 30-40 श द म ल खए।
तीन अंक के न का उ र लगभग 60-70 श द म ल खए।
पॉंच अंक के न का उ र लगभग 120-150 श द म ल खए।

Section A

1. िन न ल खत ग ांश को यानपूवक पढ़कर पूछे गए न के उ र दी जए।


फूल क या रय म, उनक महक म डू बे ज़ािकर साहब जब सुबह को घूमते तो हर ओस क बूँद म उनक आ मा
चमकती, हर हवा के झ के म उनक ह पंखिु डय से बात करती नज़र आती। िवदेश म जाते समय उ ह जो िनजी भ ा
िमलता था, उस सबसे वे नऐ पौध के बीज और खूबसूरत प थर खरीद लेते थे। बगीचे के एक-एक गुलाब क हर पंखड़
ु ी
को वे अलग-अलग पहचानते थे और वे ब चे क तरह उसक देखभाल करते थे। उनके गुलाब क रखवाली करने वाला
एक माली मर गया तो बेगम से उसके बारे म बात करते हए रो पड़े।
िहंदी ज़ािकर साहब क मातृभाषा नह थी, उसे उ ह ने बड़े प र म से एक-एक श द अलग करके सीखा था और अंत तक
उद ू लिप के मा यम से ही वे अपने िहंदी भाषण को पढ़ते थे। पढ़ने से पहले घंट अपने सिचव के साथ येक श द के
शु उ चारण का अ यास करते थे और यह तब, जब िक शु के िदन म उनक एक आँ ख जाती रही थी।

i. उनक संवेदनशीलता िकस बात से कट होती है? (2)


ii. िह दी के ित उनके ेम का या माण है? (2)
iii. 'अपूव’ और ‘िवयोग' म यु उपसग ल खए। (2)
iv. ग ांश का उपयु शीषक ल खए। (2)
v. फूल क या रय म आनंद लेना ज़ािकर साहब के च र क िकस िवशेषता क ओर संकेत करता है? (1)
vi. ज़ािकर साहब क मातृभाषा या थी?
Section B

2. िन न ल खत श द का वण-िव छे द क जए-

i. संतुलन
ii. किवता

3. िन न ल खत श द म उिचत थान पर अनु वार या अनुना सक का योग क जए-

i. स सग
ii. अ
iii. बांट
iv. अ धेरा

4. िन न ल खत श द म उिचत थान पर नु े का योग क जये-


िगर तार, रोज

5. िन न ल खत श द म से उपसग व मूलश द को अलग-अलग क जए-

i. सुचा
ii. दभ
ु ाय
iii. अिभजात
6. I. िन न ल खत श द म सं ध क जए-
i. व + इ छा
ii. पूव + उ
II. िन न ल खत श द का सं ध-िव छे द क जए-
i. तथैव
ii. स भाषण

7. िन न ल खत वा य म उिचत थान पर सही िवराम िच लगाइए-

i. भरत दशरथ के पु तप वी थे
ii. इस बालक पर यह कहावत लागू होती है होनहार िबरवान के होत चीकने पात
iii. सुबह सुबह कौवा काँव काँव करने लगा।
Section C
8. िन न ल खत न म से िक ही तीन के उ र दी जये:
a. दःु ख का अ धकार पाठ के आधार पर बताइए मनु य के जीवन म पोशाक का या मह व है?

b. उफ, तुम कब जाओगे, अित थ? इस न के ारा लेखक ने पाठक को या सोचने पर िववश िकया है?

c. गाँधी जी से 'यंग इ डया' के स पादक बनने क ाथना य क गयी थी?

d. पहाड़ लु कर देने वाले क चड़ क या िवशेषता है?

9. यहाँ बुि का परदा डालकर पहले ई वर और आ मा का थान अपने लए लेना िफर धम, ईमान, ई वर और आ मा के
नाम पर अपनी वाथ- सि के लए लोग को लड़ाना, िभड़ाना। धम क आड़ पाठ के आधार पर प क जए।

OR

एवरे ट जैसे महान अिभयान म खतर को और कभी-कभी तो मृ यु को भी आदमी को सहज भाव से वीकार करनी
चािहए। आशय प क जए।

10. िन न ल खत न म से िक ही तीन के उ र दी जये:

a. रहीम ने ेम के स ब ध म िकसका उदाहरण िदया है? ेम और धागे म या समानता है?

b. आदमीनामा किवता म किव का मु य उ े य या है?

c. अपनी ब ची क बीमारी के कारण सु खया के िपता क या दशा हई? एक फूल क चाह किवता के आधार पर
ल खए।

d. नए इलाके म किवता म कौन-कौन से पुराने िनशान का उ ेख िकया गया है?

11. अि पथ किवता म अ ु- वेद-र से लथपथ मनु य के जीवन के जीवन को एक महान य बताकर हम या स देश िदया
गया है?

OR

किव ने अपनी तुलना ई वर से िकस प म क है? रैदास के पद के आधार पर ल खए।

12. िन न ल खत न म से िक ही दो के उ र दी जये:

a. िग ू पाठ के आधार पर बताइए िक कौए को एक साथ समाद रत और अनाद रत ाणी य कहा गया है?

b. लेखक का प रचय हािमद खाँ से िकन प र थितय म हआ?

c. 'िदए जल उठे ' पाठ के शीषक क साथकता स क जए।


Section D

13. टैिफक जाम म फंसा म िवषय पर िदए गए संकेत िबंदओ


ु ं के आधार पर लगभग 80 से 100 श दो म अनु छे द ल खए।

टैिफक क सम या का आधार
लोग क ज दबाजी और यव था क कमी
सुधार उपाय

OR

या ा जसे म भूल नह पाता िवषय पर िदए गए संकेत िबंदओ


ु ं के आधार पर लगभग 80 से 100 श दो म अनु छे द
ल खए।

कहाँ क या ा?
िवशेष घटना का वणन
अिव मरणीय कैसे

14. आपके िपताजी का तबादला दस


ू रे शहर म हो गया है। आप अपने िम को नए शहर क सु दरता का वणन करते हए प
ल खए।

OR

अपने िपताजी क आ ा िबना अपने कुछ िम के साथ िव ालय से अनुप थत होकर आईपीएल मैच देखा जसक
सूचना आपके िपताजी को िकसी अ य यि से िमली है। अब आप अपने िपताजी से माँफ माँगते हए एक मा याचना
का प ल खए।

15. िदए गए िच को यान से देखकर मन म उभरे िवचार को अपनी भाषा म लगभग 20-30 श द म यु क जए। िवचार
का वणन प प म िच से ही स ब होना चािहए।
OR

िदए गए िच को यान से देखकर मन म उभरे िवचार को अपनी भाषा म लगभग 20-30 श द म तुत क जए। िवचार
का वणन प प म िच से ही स बं धत होना चािहए।

16. िवकास के मॉडल-हाईवे, मॉल, म टी ले स िवषय पर िश क और छा के बीच पर पर संवाद को 50 श द म ल खए।

OR

बढ़ते जल दषू ण से परेशान दो निदय के बीच होने वाले संवाद को 50 श द म ल खए।

17. आधुिनक तकनीक से तैयार 'घड़ी' का िव ापन तैयार क जये।


CBSE Class 09
Hindi B
Sample Paper 1 (2019-20)

Solution
Section A

1. i. वे माली क मृ यु पर रो पड़े थे। इस बात से उनक संवेदनशीलता कट होती है।


ii. ज़ािकर िह दी के येक श द के शु उ चारण का अ यास करते थे। यही उनके िह दी के ित ेम का माण है।
iii. अपूव - अ
िवयोग - िव।
iv. उपयु ग ांश का उपयु शीषक है-एक स चे इंसान, ज़ािकर हसैन।
v. कृित- ेम।
vi. ज़ािकर साहब क मातृभाषा उद थी।

Section B
2. i. स् + अं + त् + उ + ल् + अ + न् + अ
ii. क् + अ + व् + इ + त् + आ
3. i. संसग
ii. अंक
iii. बाँट
iv. अँधेरा

4. िगर तार, रोज़

5. i. सु + चा
ii. दरु ् + भा य
iii. अिभ + जात
6. I. i. वे छा
ii. पूव
II. i. तथा + एव
ii. सम् + भाषण
7. i. भरत (दशरथ के पु ) तप वी थे।
ii. इस बालक पर यह कहावत लागू होती है, ‘होनहार िबरवान के होत चीकने पात।'
iii. सुबह-सुबह कौवा काँव-काँव करने लगा।
Section C
8. िन न ल खत न म से िक ही तीन के उ र दी जये:

a. i. उसक पोशाक ही समाज म उसका दजा तय करती है।


ii. पोशाक ही मनु य के उ ित के ब द दरवाजे खोल देती है।
iii. पोशाक यि य को समाज क िविभ ेिणय म बाँटती है।

b. इस न ारा लेखक ने पाठक को यह सोचने पर मजबूर िकया है िक अ छा अित थ कौन होता है? वह, जो पहले
से अपने आने क सूचना देकर आए और एक-दो िदन मेहमानी कराके िवदा हो जाए न िक वह, जसके आगमन के
बाद मेज़बान वह सब सोचने को िववश हो जाए, जो इस पाठ का मेज़बान िनर तर सोचता रहा। उफ! श द ारा
मेज़बान क उकताहट को िदखाया गया है।

c. गाँधी जी को 'यंग इ डया' के स पादक बनने क ाथना इस लए क थी, य िक हानीमैन को देश-िनकाला देने के
बाद सा ािहक के लए लखने वाल क कमी रहने लगी थी। गाँधी जी भी अं ेज के िव लखना चाहते थे।
इस लए उ ह ने इस ाथना को वीकार कर लया।

d. पहाड़ लु कर देने वाला क चड़ ख भात क खाड़ी म पाया जाता है। इस क चड़ क यह िवशेषता है िक मही नदी के
मुख से आगे जहाँ तक नज़र जाएगी वहाँ तक सव क चड़-ही-क चड़ िदखाई देता है।

9. भारत म धम के कुछ ठे केदार साधारण लोग क बुि को िमत कर देते ह वे कुछ सोच-समझ नह पाते। देश म धम क
धूम है। धम के नाम पर उ पात िकए जाते ह, जद क जाती है, भोले-भाले लोग को बेवकूफ़ बनाया जाता है। अपना
आसन ऊँचा करने के लए धूत लोग धम क आड़ लेते ह। मूखा क बुि पर परदा डालकर धम और ईमान के नाम पर
वाथ स करते ह। जान देने और जान लेने को तैयार रहते ह। इस कार वे साधारण लोग का द ु पयोग कर शोषण
करते ह।

OR

शेरपा कु लय म से एक क मृ यु व चार के घायल होने क खबर सुन यह कथन कनल खु र ने कहा। एवरे ट दिु नयाँ क
सबसे ऊँची चोटी है और इस पर चढ़ना कोई आसान काम नह है। इस लए कनल खु र ने अिभय सद य को ो सािहत
करते हए कहा िक महान् उ े य क पूित के लए खतर का सामना करना पड़ता है और मृ यु को भी गले लगाना पड़
सकता है। इस तरह क प र थितय का सहज भाव से सामना करना चािहए। मृ यु इस उ े य के सामने छोटी है।

10. िन न ल खत न म से िक ही तीन के उ र दी जये:

a. ेम के संबध
ं म रहीम ने धागे का उदाहरण िदया है। ेम धागे के समान कोमल और अख ड होता है। जस कार
धागा यिद एक बार टू ट गया तो िफर जुड़ नह पाता और यिद जोड़ भी िदया जाये तो उसम गाँठ पड़ जाती है वैसा ही
ेम संबध
ं है। इस लए ेम पी धागा कभी तोड़ना नह चािहए।

b. किव के मु य उ े य िन न है-
i. आदमी को उसक अ छाइय , बुराइय , सीमाओं व स भावनाओं से प रिचत करवाना।
ii. आदमी को उसक वाभािवक िविवधता से प रिचत करवाना।
iii. आदमी को उसक अस लयत का आईना िदखाना।

c. अपनी ब ची क बीमारी के कारण सु खया के िपता को चार ओर अ धकार ही अ धकार िदखाई देने लगा। अपनी
पु ी क अ तम इ छा पूरी न कर पाने के कारण उसका मन घोर िनराशा से भर जाता है। य िक वह सामा जक
थितय को जानता था।

d. नए इलाके म किवता म िन न ल खत पुराने िनशान का उ ेख िकया है-

i. पीपल का पेड़,
ii. ढहा हआ मकान,
iii. ज़मीन का खाली टु कड़ा,
iv. िबना रंग वाला लोहे का फाटक,
v. एक मं जला मकान।

11. किव कहता है िक जीवन पथ अनुकूल और ितकूल दोन कार क प र थितय से भरा हआ है। यह संसार अि से पूण
माग के समान किठन है और इस किठन माग का सबसे सु दर य किव के अनुसार किठनाइय का सामना करते हए आगे
बढ़ना है। संघष-पथ पर चलने पर उसक (मनु य क ) आँ ख से आँ सू बहते ह, शरीर से पसीना िनकलता है और खून
बहता है, िफर भी वह इन सब क परवाह िकए िबना िनर तर प र म करते हए संघष-पथ पर बढ़ता जाता है।

OR

किव अपने आरा य को याद करते हए उनसे अपनी तुलना करता है, उनका भु हर तरह से े है तथा उनके मन म
िनवास करता है - हे भु आप चंदन तथा हम पानी ह। आपक सुगध
ं मेर े अंग-अंग म बसी है। आप बादल ह, म मोर हँ।
जैसे घटा आने पर मोर नाचता है। मेरा मन भी आपके मरण से नाच उठता है। जैसे चकोर ेम से चाँद को देखता है वैसे
ही म आपको देखता हँ। भु आप दीपक ह तो म उसम जलने वाली बाती हँ। जसक योित िदन-रात जलती रहती है।
भु आप मोती हो तो म माला का धागा हँ। जैसे सोने और सुहागे का िमलन हो गया हो, भु आप वामी ह म आपका दास
हँ। म सदा आपक भि करता हँ।

12. िन न ल खत न म से िक ही दो के उ र दी जये:

a. कौए को समाद रत और अनाद रत ाणी इस लए कहा गया है, य िक यह एक िविच ाणी है। कभी इसका आदर
िकया जाता है, तो कभी इसका िनरादर िकया जाता है। ा प म लोग कौए को आदर सिहत बुलाते ह। िपतृप म
हमसे कुछ पाने के लए हमारे पूवज को कौआ बनकर ही कट होना पड़ता है-ऐसी मा यता है। यह अित थ के आने
का भी संदेश देता है। इन बात के कारण यह समाद रत है लेिकन यही कौआ जब अपनी ककश आवाज म काँव-काँव
करता है एवं गंदगी ख़ाता है, तो यह अनाद रत हो जाता है।

b. लेखक एक बार त िशला के पौरािणक खंडहर देखने गया था। वहाँ रेलवे टेशन पर उतरकर िकसी होटल क तलाश
म िनकला। वह भूखा- यासा था। उसे उस गाँव म एक दक
ु ान पर चपाितयाँ सकता हआ हािमद िमला। खाने के बारे म
पूछताछ करने के कारण उसका हािमद खाँ से प रचय हआ।

c. गाँधी जी देश सेवा को धािमक काय के समान महान मानते थे। जस कार यह िव वास है िक तीथ या ा का स पूण
लाभ पैदल या ा ारा ही िमलता है, उसी कार गाँधी जी ने दांडी कूच पैदल ही िकया। इससे प होता है िक गाँधी
जी क और िव न से घबराते नह थे। किठन-से-किठन प र थित म वे आ मजयी बनकर और के लए ेरणा के
ोत बने। वे देश क आजादी के लए लड़ी जा रही लड़ाई को धम मानते थे इस लए उसे पिव भावना से पूरा करना
चाहते थे।

Section D

13. टैिफक क सम या का आधार- िव ान ने आज हमारी जीवन शैली को पूरी तरह बदल िदया है िव ान के आिव कार म से
एक मह वपूण आिव कार है यातायात के साधन, जससे हम मील क दरू ी कूछ ही समय म सहजता से पूरी कर लेते ह
जसे पूरा करने म ाचीन समय म महीन लग जाते थे। वतमान समय म अ धकांश लोग के पास अपने िनजी वाहन कार,
मोटरसाइिकल, कूटर आिद ह जो सड़क पर जाम क िदन -िदन बढ़ती सम या का सबसे बड़ा कारण ह।
लोग क ज दबाजी और यव था क कमी- आज हर यि ज दी म नजर आता है और इसी ज दबाज़ी के कारण
सड़क पर जाम लग जाता है। बाइक, कार-सवार अपनी लेन म चलने के थान पर दस
ू रे को ओवर टेक करते ह तथा
टैिफक पु लस के ारा स ती से अपने कत य पालन न करने के कारण इसे बढ़ावा िमलता है।
सुधार के उपाय- टैिफक जाम क सम या से मुि पाने के लए सरकार को टैिफक के कड़े िनयम बनाने चािहए तथा
स ती से उ ह लागू करना चािहए। इसके साथ टैिफक के िनयम के बारे म लोग को जाग क करना चािहए। सभी के
स म लत यास से ही इस सम या से िनजात िमल सकता है।

OR

कहाँ क या ा? - मने अलग-अलग साधन से अपने जीवन म कई या ा क ह। म रमेश चौहान एक गाँव का रहने वाला हँ
जो आगरा जले म आता है। म अपनी परी ा देने के लए नागपुर जा रहा हँ। म अब आगरा कट रेलवे टेशन पर टेन के
इंतजार म खड़ा था तभी थोड़ी देर म टेन आ गयी और म अपना बैग लेकर उसम चढ़ गया।
िवशेष घटना का वणन- म अभी तक अकेला ही था लेिकन तभी अचानक एक लड़का मेरी तरफ दौड़ा, जसका नाम अमन
था और मुझसे कुछ कहने क कोिशश करने लगा लेिकन वह इतना अ धक घबराया हआ था िक कुछ भी नह बोल पा रहा
था। मने उसे तस ी दी और उससे उसके िवषय म पूछा तो वह बोला िक वह भी महारा जा रहा है लेिकन उसक सीट
क फम नह है। मने उसे धैय बंधाते हए अपनी सीट पर बैठा लया।
अिव मरणीय कैसे- अब वह शांत व स नजर आ रहा था। िफर धीरे-धीरे हम दोन म बातचीत शु हो गयी और कुछ
देर म ऐसा महसूस हआ िक हम दोन एक-दस
ू रे को काफ अ छी तरह से जानते ह। रेल तेजी से ग त य क ओर चली जा
रही थी। हम दोन ने एक साथ भोजन िकया। हवा तेज थी, जब हम नागपुर से कुछ दरू ही थे तभी हम संतर के दरू -दरू
फैले हए बाग िदखने लगे। संतर क खुशबू से वातावरण महक रहा था। तभी नागपुर रेलवे टेशन पर आकर रेल क
और म अमन जो अब तक मेरा दो त बन चुका था, को अलिवदा कह कर रेल से उतर गया। एक अजनबी क मदद व
अमन के यवहार से मेरा मन स था। अतः हम जब कभी दस
ू र क सहायता करने का अवसर िमले तो हम अपने
कत य का िनवाह अव य करना चािहए।

14. P-276, पालम,


नई िद ी-77,
िदनांक ..........।
ि य िम गोिव द
स ेम नम ते,
कल तु हारा प िमला। तु ह यह जानकर हष होगा िक मेरा मन इस नए शहर म लग गया है। िद ी बहत बड़ा और सु दर
है। यहाँ लाल िकला, जामा म जद, लोटस टे पल, इंिडया गेट आिद कई दशनीय थल ह। यहाँ क बहमं जला गगनचु बी
इमारत लोग का यान आकिषत कर लेती ह। यहाँ सड़क काफ़ चौड़ी ह। रात के समय बाज़ार क सजावट व रोशनी मन
मोह लेती है। बाज़ार बहत बड़े-बड़े ह। मुग़ल गाडन म फूल क इतनी िक म ह िक वे लोग को हैरत म डाल देती है। िद ी
म मैटो क सवारी करके बड़ा मजा आया। यह शहर बड़ा होने के साथ साफ-सुथरा भी है।
इस नए शहर म तु हारी कमी अखरती है। यिद तुम भी साथ होते तो आन द दगु ना हो जाता। ी म अवकाश म तुम िद ी
अव य आना। अंकल व आं टी को नम ते।

तु हारा ि य िम
मोिहत

OR

बसंत छा ावास
राजक य उ चतम मा यिमक िव ालय
ीत िवहार
नई िद ी।

परम पू य िपताजी,
सादर णाम।
आशा है घर म सभी सकुशल ह गे।
आपके प से पता चला िक आपक अनुमित के िबना अपने कुछ िम के साथ िव ालय से अनुप थत होकर मेरे
आईपीएल मैच देखने से आप नाराज़ ह।
म अपनी गलती वीकार करता हँ। लड़क के कहने म आकर म उनके साथ मैच देखने चला गया था। मने पढ़ाई को भी
ग भीरता से नह लया। म समझ गया िक जब यह सूचना आपको अ य यि से िमली होगी तो आपको कैसा लगा होगा?
िपताजी, अब आप कभी मेरी िशकायत नह सुनगे। म िनयिमत िव ालय म उप थत रहँगा तथा छा ावास म रहकर
अ ययन म िच लूँगा। ऐसे गलत लड़क क संगित भी छोड़ दँगू ा। म पुन: आपको िव वास िदलाता हँ िक म अब सही माग
पर चलूँगा। िपछली गलितय के लए म आपसे मा माँगता हँ। घर म माताजी को णाम। छोट तथा बड़ को यथोिचत
अिभवादन।

आपका आ ाकारी पु
गोिव द संह

15. i. यह गाँव के बाजार का य है।


ii. एक अधेड़ ी खरबूजे बेच रही है।
iii. वह औरत दख
ु ी तीत होती है। वह घुटने पर सर रखे रो रही है।
iv. लोग उस औरत को देख रहे ह लेिकन कोई खरबूजे खरीद नह रहा है।
v. कुछ खरबूजे ड लया म रखे ह व कुछ नीचे पड़े ह।
vi. लोग उस औरत के बारे म तरह-तरह क बात बना रहे ह।

OR

i. यह गाँव का य है।
ii. सूरज डू ब रहा है। शाम हो जाने पर िकसान बैल को लेकर घर लौट रहा है।
iii. एक आदमी डंडा कंधे पर रखकर गाय चरा रहा है।
iv. चार ओर खेत व ह रयाली नजर आ रही है।
v. गाँव के लोग भी ‘छोटा प रवार सुखी प रवार' का मह व समझने लगे ह।
vi. इस प रवार के लोग के चेहरे क मु कान इनक खुशहाली क तीक है।

16. िश क- गोिव द! आज का अख़बार पढ़ा तुमने।


गोिव द- जी ीमान! िक तु उसम ऐसी या खबर थी?
िश क- यानी तुमने ठीक से नह पढ़ा। उसम आज हमारे शहर के िवकास मॉडल को मंजूरी िमल गई है।
गोिव द- जी ीमान ! मने पढ़ा! ये तो बहत स ता का िवषय है अब हमारा शहर भी िवकास के पथ पर अ सर होता
हआ िदखाई देगा। यहाँ भी चार ओर हाइवे, मॉल और म टी ले स ह गे।
िश क- ठीक कहा गोिव द, बताओगे इससे हमारे शहर को या- या लाभ ह गे?
गोिव द- शहर क सड़क पर वाहन का भार कम होगा, हमारी आ थक थित सु ढ़ होगी, साथ ही शहरवा सय को
मनोरंजन के साधन व अपनी आव यकताओं क सभी व तुएँ एक ही छत के नीचे आसानी से उपल ध ह गी।
िश क- िब कुल ठीक गोिव द, शाबाश।

OR
पहली नदी - या बात है बहन? आज बहत दःु खी िदखाई दे रही हो।
दस
ू री नदी - या बताऊँ? आजकल मेरा पानी पहले से भी अ धक दिू षत होता जा रहा है।
पहली नदी - सच कहा तुमने। लोग अपना कचरा निदय म बहा देते ह। अपने जानवर को भी हमारे पानी म नहला कर
पानी दिू षत कर रहे ह।
दस
ू री नदी - इतना ही नह कारखान से िनकलने वाले रासायिनक पदाथ व नाल , सीवर आिद का पानी भी सीधे हमारे
पानी म िमलाया जा रहा है।
पहली नदी - हम ही नह हमारे जल म रहने वाले जीव ज तु, मछ लयाँ आिद भी इस दषू ण से परेशान ह।
दस
ू री नदी - मनु य इतना वाथ हो गया है िक अपने वाथ ं क पूित के लए कृित से खलवाड़ कर रहा है।
पहली नदी - जल ही जीवन है जब तक मनु य इस बात को नह समझेगा, इसे जल दषू ण से मुि स भव नह है।

17.

PWN क घिड़याँ

थम 100 े ताओं को 25% क िवशेष छूट !


जानी-मानी िति त PWN घड़ी िनमाता क पनी पेश करती है आधुिनक तकनीक से लैश, समय ठीक करने और सेल
बदलने के झंझट से मुि । जो शरीर के तापमान से वतः चा लत होती ह। ये वतः ही समय और िदनांक ठीक करने म
स म ह। बा रश म भीगने या पानी म िगरने पर भी खराब होने का कोई भी डर नह । िदखने म आकषक और वािज़ब
दाम ।
पता :
276/.5 गौरव मािकट
वैशाली नगर ,जयपुर
दरू भाष- 256854####

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