You are on page 1of 16

Kartik​ - Boodhi Kaki

Vishwa​ - Bholeram ka Jeev


Pavan ​- Bade Bhai Saheb
Neel​ - Kabooliwala
Aadit-​ Chief ki daawat
Aaryan-​ Vaapsi
Naitra- ​Summary of Vaapsi and Chief ki Daavat
Jenali- ​Bhatkan

Task- ​Highlight the themes and write the sub-themes besides them. Write summaries for your
respected stories. (attach the highlighted part in the form of pictures). Summary to be written in
pointers

Deadline: 2, April 2020; 12:00 am


#oneforall #allforone
#onlybatchwereallHLstudentsgeta7
#getyourassboosted
Boodhi kaki
Bholeram ka jeev
Kabuliwala
Chief ki dawaat
Bhatkan
Vaapsi
Summaries for all stories - 500-650 words
Boodhi kaki

यह कहानी है क कैसे अपने ह प रवार के सद य वारा उसके साथ द ु यवहार कया गया। उसके प त क कुछ
साल पहले मौत हो गई थी। यहां तक क उसके ब च क भी कुछ साल पहले मौत हो गई। उसके पास उसके
भतीजे और उसके प रवार के अलावा कोई नह ं था। उसके साथ हमेशा द ु यवहार कया जाता था। एकमा
यि त िजसने उसक दे खभाल क , वह बु धराम क बेट थी। एक दन, ना ते के दौरान पा (बु धराम क
प नी) ने कचौड़ी बनाई, ले कन काक को कोई कचौर नह ं द । काक को सफ रोट के साथ एक कटोरा मला
और कुछ नह ं। हालाँ क, लाडल अपनी एक कचौर ले आई और रोट के साथ खाने के लए उसे दध ू लाने क
पेशकश क । बु धीराम और उसक प नी काक से बहुत बदसलक ू करते। इस वजह से उनके दोन लड़क े काक
से बदसलक ू करने लगे। जब भी लड़के उसे परे शान करते काक च लाती; आमतौर पर जब वह भख ू ी होती थी
तो काक च लाती थी, इस लए रोपा और बु धराम ने उसके च लाने पर बहुत यान नह ं दया और उसे लगा
क वह फर से भोजन के लए च ला रह है । एक दन, बु धरम के घर पर एक समारोह के दौरान, उसने कुछ
अ भत ु चीज़ सँघ ू ी जो पकाई जा रह थी। वह खदु को रोक नह ं सक , इस लए वह चल गई और िजस बतन म
खाना पकाया जा रहा था उसके बगल म बैठ गई। यह दे खने के बाद रोपा (बु धराम क प नी) को गु सा आ गया
और उसने काक को डांटना शु कर दया, बना यह दे खे क उनके आस-पास के लोग ह और यह त य अ छा
नह ं है । रोपा ने काक को गु से से कहा क जब तक मेहमान और प रवार के सद य नह ं खाएंगे तब तक उसे
खाना नह ं मलेगा। पा ने काक को फर से अपने कमरे म खींच लया और उसे बैठने के लए कहा। लाडल ,
जो यह सब दे ख रह थी, काक को बरु ा लगा। वह जानती थी क काक को कसी ने भोजन नह ं दया है , ले कन
वह अपने माता- पता से डरते हुए उसे परू तरह से नह ं दे सकती है । इस लए उसने अपनी गु ड़या क टोकर म
परु का अपना ह सा छपा दया। रात म 11 बजे, वह काक को खलाने के बारे म सोच रह थी। एक बार उसे
यक न हो गया क उसक माँ ( पा) सो रह है और वह काक के पास गया। लाडल ने उसे पू रयां द ं और उसे भी
सहलाया। काक इतनी भख ू ी थी क 5 मनट म उसने गु ड़या क टोकर म सार पू रयां ख म कर द ।ं हालाँ क,
काक अभी भी भख ू ी थी। उसे भखू लगी और उसने कहा क लाडल को पा से कुछ और भोजन दलवाओ।
लाडल ने जवाब दया और कहा क उसक माँ सो रह थी और कोई खाना नह ं दे सकती थी। इस लए, काक ने
गु ड़या क टोकर से टुकड़ को खाया। जैसा क काक को भख ू लगी थी, उसने लाडल से कहा क वह उसे उस
जगह ले जाए जहां सभी मेहमान ने खाया था। वह मेहमान के व बचे से खाया। थोडा म पा जाग गई और दे खा
क काक बचा खाना खा रह है । उसने दोषी महसस ू कया और काक के लए उ चत भोजन तैयार कया। जब
काक भोजन कर रह थी, तो पा ने काक से कहा क वह उसे मा कर दे और काक के साथ द ु यवहार करने
के लए भगवान से मा करने क ाथना करे ।

Bholeram ka jeev

Bade bhai sahab


Kabuliwala

Chief ki dawaat

Bhatkan
Vaapsi

You might also like