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। संडे नवभारत टाइम्स । नई दिल्ली। 5 अप्रैल 2020

जस्ट िज़ंदगी facebook.com/sundaynbt 07

लॉकडाउन के
दौरान परेशानी तो
सभी को होती है, लेकिन बड़ी
परेशानी उन लोगों को होती है जिन्हें खास लोगों के लिए
खास सलाहें
दूसरे मोर्चों पर भी चुनौती का सामना करना
पड़ता है। शुगर, बीपी, किडनी और अस्थमा के
मरीजों के लिए यह समय काफी चुनौतीभरा हो सकता
है। लेकिन अगर थोड़ी सावधानी और कुछ खास बातों
का ख्याल रखें तो यह परेशानी बड़ी समस्या पैदा नहीं
करेगी। पेश है ऐसे मरीजों के लिए खास टिप्स:
घर के अंदर ऐसे रहें फिट
ऑनलाइन ही लें
घर में
 खूब चलें। घर के काम में भी मदद करें। फोन पर बात बैठकर नहीं,
1 वॉक करते हुए करें। मुमकिन है तो डांस करें।
करें। तेजी से 15-20 या जितने कर सकें, सूर्य नमस्कार करें। एक्सपर्ट पैनल
2 योगासन
तेजी से करने पर यह एरोबिक्स का काम करता है।
3 
प्राणायाम और मेडिटेशन जरूर करें। ये तनाव कम करते हैं।
आजकल पलूशन नहीं है। ऐसे में बालकनी या छत पर सुबह-शाम ताजी
डॉक्टर की सलाह
4  डॉ. के. के. अग्रवाल डॉ. अरुण गर्ग डॉ. प्रशांत जैन डॉ. अंशल
ु वार्ष्णेय डॉ. R. P. पाराशर इस लॉकडाउन में डॉक्टर बड़ी मुश्किल से मिल रहे हैं। ऐसे
हवा का आनंद लें और मन को सुकनू देने वाला म्यूजिक सुनें। डॉ. सुशील वत्स
पूर्व अध्यक्ष, सीनियर कंसल्टंट सीनियर जनरल पंचकर्मा सीनियर में बीमार होने पर डॉक्टरों से ऑनलाइन कंसल्टेशन ले सकते
5 किसी हॉबी में वक्त बिताएं और कॉमिडी फिल्में देखें।
 IMA सर्जन, ईएनटी यूरॉलजिस्ट फिजिशन हॉस्पिटल होम्योपैथ हैं और हां, दवाइयां भी घर मंगवा सकते हैं। जानें, ऐसे ही कुछ
ऑनलाइन प्लैटफॉर्म के बारे में:

शुगर दिल किडनी किसी भी ऑनलाइन प्लैटफॉर्म के जरिए डॉक्टर की सलाह लेने के लिए
आपको उस ऐप या वेबसाइट पर जाना होगा। वहां आपको अपना मोबाइल
नंबर देना होता है और बीमारी या लक्षणों के बारे में बताना होता है। इस
दौरान पेशटं से कुछ जरूरी सवाल जैसे उम्र, जेंडर, मेडिकल हिस्ट्री जैसे
बीपी, शुगर आदि की जानकारी भी पूछी जाती है। इसके बाद बीमारी या
शुगर के मरीजों को फिजिकल ऐक्टिविटी बिलकुल नहीं छोड़नी चाहिए। अभी समस्या से संबधं ित डॉक्टर चुनना होता है, जैसे जनरल फिजिशन, डेंटिस्ट
बाहर नहीं जाना है लेकिन वे घर पर ही ऐक्टिव रह सकते हैं।
नॉर्मल रीडिंग नॉर्मल ब्लड प्रेशर डायलिसिस पर नहीं हैं तो ये करें आदि। जानकारी देने के बाद डॉक्टर के बारे में इंफर्मेशन आती है। इसमें
कोलेस्ट्रॉल अपर और लोअर n क
िडनी खराब होने पर डाइट पर बहुत तरह की पाबंदी लग जाती हैं। ऐसे में बताया जाता है कि डॉक्टर कौन है, वह कहां और किस हॉस्पिटल में पोस्टेड
घर पर कैसे करें मैनेज से नीचे डॉक्टर और डायटिशन की सलाह से ही डाइट लें। है, एक्सपीरियंस कितना है और कितनी फीस देनी है। यह फीस ऑनलाइन
n लिक्वि
 ड की मात्रा भी डॉक्टर ही तय करते हैं। उसी के अनुसार लिक्विड लें। ही जमा की जाती है। फीस जमा होने के बाद समय तय कर दिया जाता है।
n र
ोजाना कम-से-कम 10,000 कदम चलें। लगातार मुमकिन नहीं हो तो 15-15 जरूरी एक्सर्साइज लिक्विड में पानी के साथ दाल, जूस सबकुछ शामिल होता है। कंसल्टेशन चैट के जरिए हो सकता है या फिर फोन और विडियो कॉल के
मिनट 3 बार वॉक कर लें। आपने 1000 कदम चले या नहीं, इस पर निगाह n दि
ल की बीमारी से बचने के लिए रोजाना कम-से-कम आधा घंटा कार्डियो जरिए भी। यह समय 10 मिनट, आधे घंटे से लेकर दो या तीन घंटे तक का
रखने के लिए अपने मोबाइल में स्टेप ट्रैकर ऐप डाउनलोड कर लें। एंड्रॉयड एक्सरसाइज करना जरूरी है। इससे वजन कम होता है, बीपी कम हो जाता है
और दिल की बीमारी की आशंका 25 फीसदी कम हो जाती है।
खाने में इनसे करें परहेज हो सकता है। तय समय पर डॉक्टर पेशटं से कॉन्टेक्ट करता है और बीमारी
और iOS के लिए ऐसे कुछ ऐप्स हैं: Google Fit, Step Counter, nफलों का रस, कोल्ड ड्रिंक्स, चाय-कॉफी, नीबू पानी, नारियल पानी, शर्बत। या समस्या से संबधं ित इलाज के बारे में बताता है। अमूमन सभी प्लैटफॉर्म
Pedometer, Runtastic Steps, Fitbit, Runkeeper आदि। nक
ार्डियो एक्सरसाइज में तेज वॉक, जॉगिंग, साइकलिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, n सोडा, केक और पेस्ट्री जैसे बेकरी प्रॉडक्ट्स और खट्ट‌ी चीजें। के जरिए से डॉक्टर से सलाह लेने का यही तरीका है। हालांकि अलग-अलग
nआ
प घर की बालकनी या छत पर वॉक कर सकते हैं। इन दिनों आप दोस्तों और डांस आदि शामिल होते हैं। फिलहाल बाहर नहीं जा सकते इसलिए घर में ही n केला, आम, नीबू, मौसमी, संतरा, आडू, खुमानी आदि। प्लैटफॉर्म पर तरीकों में कुछ बदलाव संभव है।
रिश्तेदारों से खूब बात कर रहे होंगे तो बेहतर है कि बैठकर बात करने के बजाय वॉक करें या स्टैंडिंग साइक्लिंग करें। डांस भी कर सकते हैं। n मूग
ं फली, बादाम, खजूर, किशमिश और काजू जैसे सूखे मेव।े
घूम-घूम कर बात करें।
nए
रोबिक्स के लिए डांस या जब ़ूं ा कर सकते हैं। डांस करने से मन भी खुश होता इनके अलावा n अचार, पापड़, चटनी, अंकुरित मूग
nम
ं और चना।
ार्केट के पनीर के सेवन से बचें। इसमें सिरका या टाटरी इस्तेमाल होती है।
ऑनलाइन कंसल्टेंट के फायदे
है और वजन भी कम होता है। n5
मिनट डीप ब्रिदिंग, 10 मिनट अनुलोम-विलोम और 5 मिनट शीतली
n अपने लिए या परिवार के सदस्य या किसी दोस्त के लिए घर बैठे डॉक्टर
nय
ोग करें। अगर वॉक कर पा रहे हैं तो आसन न भी करें तो चलेगा। लेकिन प्राणायाम करें। शीतली प्राणायाम खासतौर पर मन को शांत रखता है और बीपी
को मेंटेन करता है।
कैसे तैयार करें खाना से परामर्श ले सकते हैं। इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
प्राणायाम और ध्यान जरूर करें। इनसे तनाव कम होता है। n वेजिटेबल ऑयल और घी आदि बदल-बदल कर इस्तेमाल करें। n पेशटं डॉक्टर से सीधे हिंदी, अंग्ज
रे ी या किसी दूसरी भाषा में बात कर
nअ
पनी शुगर को रेग्युलर चेक करें। रेग्युलर का मतलब है जैसा डॉक्टर ने बताया n 15 मिनट के लिए मेडिटेशन करें। n घर पर ही नीबू के बजाय दही से डबल टोंड दूध फाड़कर पनीर बनाएं। सकता है। मसलन, कुछ प्लैटफॉर्म मराठी, बांग्ला जैसी दूसरी भाषाओं का
है, मसलन रोजाना या हफ्ते में। इस नियम को जरूर फॉलो करें। nह व
े ी एक्सरसाइज जैसे कि वेट लिफ्टिंग आदि डॉक्टर की सलाह से ही करें। nखाना पकाने से पहले दाल को दो घंटे और सब्जियों को एक घंटे तक गुनगुने ऑप्शन भी देते हैं।
nख
ाने को हल्का रखें। तले-भुने और हेवी खाने के बजाय फल और सब्जियों पर nऐ से आसन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें, जिनमें सारा वजन सिर पर या पानी में रखें। इससे उनमें पेस्टिसाइड्स का असर कम किया जा सकता है। n अगर ब्लड या यूरीन टेस्ट की जरूरत होती है तो सैंपल कलेक्शन के लिए
फोकस करें। हाथों पर आता है, जैसे कि मयूरासन, शीर्षासन आदि। n र
डे मीट न खाएं। चिकन और मछली भी एक सीमित मात्रा में ही खाएं। एक्सपर्ट खुद पेशटं के घर आते हैं।
nअ
गर अचानक शुगर लो हो जाए तो फौरन टॉफी या चीनी खा लें। आराम से लेट nश वासन करें। आंखें बंद करके पूरे शरीर के अंगों को बारी-बारी से महसूस n र
ोजाना कम-से-कम दो अंडों का सफेद हिस्सा खाने से जरूरी मात्रा में प्रोटीन n कई प्लैटफॉर्म ऐसे भी हैं जो डॉक्टर की बताई दवाइयों की होम डिलीवरी में
जाएं और अपने डॉक्टर से फोन पर बात करें। करें। इससे मांसपेशियों का तनाव कम होता है। इससे बीपी दूर होता है। मिलता है। करते हैं और कोई चार्ज नहीं लेत।े
n डॉक्टर की फीस अमूमन उसके क्लिनिक की तुलना में कम होती है। साथ
ही ऑनलाइन प्लैटफॉर्म फीस में छूट भी देते हैं। यहां तक कि कैशबैक
और रिवॉर्ड पॉइंट्स जैसे ऑफर भी देते हैं।
n डॉक्टर से एक बार परामर्श लेने के बाद फॉलो-अप भी लिया जा सकता
है। अधिकतर डॉक्टर फॉलो-अप के लिए तीन दिन बाद का समय देते हैं।
इस फॉलो-अप का कोई चार्ज नहीं लिया जाता।

इन बातों का रखें ध्यान


n ऑनलाइन कंसल्टेंट के दौरान डॉक्टर को पूरी बात सही-सहीं बताएं।
समस्या के अनुसार डॉक्टर पेशटं के साथ चैट, फोन या फिर विडियो
कॉल के जरिए भी बात कर सकता है। इसलिए टैक्नॉलजी के मामले में
खुद को अपडेट करें।
ये गलतियां न करें ध्यान रखें ये बातें जो हैं डायलिसिस पर n कई प्लैटफॉर्म पेशटं की ई-मेल आईडी भी मांगते हैं। अगर आपके पास
ई-मेल आईडी नहीं है तो किसी जानकार या संबधं ी की ई-मेल आईडी दी
n इस
ं लिन
ु का इंजके ्शन लगाते हुए ध्यान रखें कि मरीज ने खाना जरूर nच
कूं ि आजकल लॉकडाउन है इसलिए जरूरी न हों तो बाहर से किसी को nअ
मूमन डायलिसिस के मरीजों को 24 घंटे में 1 लीटर लिक्विड लेने के लिए जा सकती है। दरअसल, डॉक्टर जो दवाइयां बताता है, उसकी पर्ची मेल
खाया हो क्योंकि इंसलिन
ु ब्लड शुगर लेवल को कम करता है। चेकअप के लिए न बुलाएं। वैसे आजकल ज्यादातर लोगों के पास शुगर और कहा जाता है। इसमें सभी तरह के पेय शामिल होते हैं। इसका पूरा ध्यान रखें। आईडी पर मेल कर देता है।
nम रीज सुबह या शाम को इंजक े ्शन लगाना भूल जाता है तो दो इंजके ्शन बीपी को मॉनिटर करने के लिए मशीन होती हैं। उनकी मदद से मॉनिटर करें। nव
सै े तो हफ्ते में 3 बार डायलिसिस कराने को कहा जाता है, लेकिन n अगर डॉक्टर को लगता है कि फोन से बात करके मर्ज का पता नहीं चल
एक साथ कभी नहीं लगाने चाहिए। कभी मरीज को लगता है कि आज n स्मोकिंग न करें। इससे दिल की बीमारी की आशंका 50 फीसदी बढ़ जाती है। लॉकडाउन की स्थिति में अगर एक या दो बार मिस भी हो जाए तो एक सकता तो वह विडियो कॉल करके समस्या को समझता है। अगर विडियो
खाने पर कंट्रोल नहीं हो पाएगा तो वह इंसलिन
ु की मात्रा बढ़ा सकता है। nअ पना लोअर बीपी 80 से कम रखें। ब्लड प्रेशर ज्यादा हो तो दिल के लिए
डायलिसिस जरूर करानी चाहिए। यह ध्यान रहे कि ऐसा बार-बार न हो। कॉल से भी मर्ज को समझने में दिक्कत आती है तो डॉक्टर आपको
n इस
ं लिन
ु हमेशा नाश्ता करने और डिनर करने के 15-20 मिनट बाद ही nअगर डायलिसिस मिस हुआ है तो लिक्विड और कम कर दें। व्यक्तिगत रूप से मिलने को भी कह सकता है।
काफी खतरा है।
लेना चाहिए। दो इंजके ्शनों के बीच 10-12 घंटों का फासला जरूर हो। n लिक्वि
 ड पर कंट्रोल रखने से दो डायलिसिस के बीच में मरीज का वजन
nफ ास्टिंग शुगर 80 से कम रखें। डायबीटीज और दिल की बीमारी आपस में
n इंसलिन
ु की क्वॉलिटी बरकरार रखने के लिए इसे 8 से 10 डिग्री तापमान
पर रखना चाहिए। फ्रिज में ही इंसलिन
ु को रखें। nत
जुड़ी हुई हैं।
नाव न लें। दिल की बीमारियों की बड़ी वजह तनाव है।
(जिसे वेट गेन या वॉटर रिटेंशन भी कहते हैं) अधिक नहीं बढ़ता। दो
डायलिसिस के बीच में ज्यादा वजन बढ़ने से डायलिसिस का प्रॉससे पूरा होने मोबाइल ऐप और वेबसाइट्स
पर कई बार कमजोरी या चक्कर आने की शिकायत भी होने लगती है।
nट ाइप 2 डायबीटीज के मरीज अगर किसी समय की दवाई खाना भूल गए nफ ल और सब्जियां खूब खाएं। दिन भर में अलग-अलग रंग के 5 तरह के
nडायलिसिस कराने वाले मरीजों को ज्यादा प्रोटीन की जरूरत होती है। आपने ऐप myUpchar
तो एक साथ 2 वक्त का टैब्लेट्स न खाएं। फल और सब्जियां खाएं। 1mg प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड
डायट एक्सपर्ट से जो डाइट बनवा रखी है, उसे ही फॉलो करें।
प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS HealthyYou Card
DocsApp प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड
होम्योपैथिक दवाएं होम्योपैथिक दवाएं होम्योपैथिक दवाएं प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS
nN
ux Vomica
n जि
न्हें सिर्फ हाई बीपी की परेशानी है:
AAL SERIUM, Apis, Apocynum
Ask Apollo वेबसाइट्स
nA
rgentum Nitricum
Kali Phos, Aconite, Rauwolfia नोट: होम्यॉपथी डायैलसिस बंद कराने में सक्षम नहीं है लेकिन ऐलोपैथिक दवाओं
प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS medlife.com
nL
ycopodium के साथ-साथ होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से मरीज को फायदा हो सकता है।
n दि
ल की बीमारियों के साथ हाई बीपी की शिकायत भी है: Practo practo.com
नोट: दवा होम्योपैथ की सलाह से ही लें। Crataegus, Digitalis, Strophanthus
आयुर्वेद के अनुसार ये करें प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS expressclinics.in
आयुर्वेद के अनुसार ये करें Tattvan e-clinic lybrate.com
आयुर्वेद के अनुसार ऐसा करें बीमारी की वजह के आधार पर ही जरूरी दवा खाने की सलाह दी जाती है:
प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS doctorinsta.com
n 10 बेलपत्र सुबह शाम पानी के साथ पीसकर लें। nआ क के पत्तों को सुखाकर और जलाकर राख कर लें। आधा चम्मच यह राख
nस
बु ह खाली पेट लहसुन की एक-दो कलियां पानी के साथ लें।
nस ख
ू ा आंवला और सौंफ बराबर मात्रा में लेकर बारीक थोड़ा-सा नमक मिलाकर एक गिलास छाछ में मिलाकर सुबह-शाम लें। नोट: इनके अलावा और भी मोबाइल ऐप और वेबसाइट मौजूद हैं।
nआ
व ं ले का चूर्ण एक चम्मच सुबह-शाम पानी के साथ लें। कच्चा आंवला
पीस लें। एक-एक चम्मच सुबह-शाम पानी के उपलब्ध हो तो 2-3 आंवले सुबह-शाम चबाकर खाएं। nव रुण, पुनर्नवा, अर्जुन, वसा, कातुकी, शतावरी, निशोध, कांचनार, बाला,
साथ लें।
nल
हसुन की एक कली सुबह खाली पेट लें।
nप
ीपल की कोपलों (कच्चे पत्तों) का रस 2 चम्मच और शहद एक चम्मच
मिलाकर सुबह-शाम लें।
नागरमोथा, भबमिआमलकी, सारिवा, अश्वगंधा और पंचरत्नमूल आदि दवाओं
का इस्तेमाल किडनी के इलाज में किया जाता है। ऑनलाइन मंगा सकते हैं दवा
n क
िडनी की बीमारी का लगातार इलाज जरूरी है और यह ताउम्र चलता है। लॉकडाउन है तो ऐसा नहीं है कि आप ऑनलाइन
सिर्फ डॉक्टर से परामर्श ही ले सकते हैं, बल्कि आप
दवाई भी मंगवा सकते हैं। अगर आप ऑनलाइन
इन दिनों यों तो पलूशन का लेवल काफी कम है अगर कोई अस्थमा का मरीज है तो उसे वर्तमान अमूमन कब बढ़ता है अस्थमा दवाई मंगाना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखें:

अस्थमा
जोकि अस्थमा के मरीजों के लिए बहुत अच्छा लॉकडाउन की स्थिति में जरूर सेल्फ आइसोलेशन
है। लेकिन सांस से जुड़ी बीमारी के मरीजों को में चले जाना चाहिए। परिवार के बाकी सदस्यों के प्रिस्क्रिपशन है जरूरी ऑनलाइन दवा मंगाने के लिए डॉक्टर का
कोरोना से बचाव के लिए और ज्यादा ध्यान रखना साथ कम-से-कम बैठने की कोशिश करनी चाहिए। रात में ठंडी हवा ज्यादा बारिश या प्रिस्क्रिप्शन बहुत जरूरी है। प्रिस्क्रिप्शन को दवा डिलिवर करने वाले ऐप
है क्योंकि उनका रेस्पिरेटरी सिस्टम पहले से ही वह जितना अलग रहेंगे, उतना ही उनके लिए और या सुबह या कोहरे कसरत ठंड के या वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद ही दवा ऑर्डर की जा सकती है।
संवेदनशील है। इस बात को जरूर याद रखें कि बाकी लोगों के लिए सही रहेगा। तड़के से के बाद मौसम में दवा चेक करें जब दवाई मिल जाए तो बेहतर होगा कि उन दवाओं के
नाम प्रिस्क्रिप्शन से मिला लें। कहीं ऐसा न हो कि जो दवाई डॉक्टर ने
दवाएं नियमित रूप से लें खाने में इन बातों का रखें ध्यान लिखी है, उसकी जगह उससे मिलते-जुलते नाम वाली या कोई दूसरी
n प्रोटीन से भरपूर चीजें बहुत ज्यादा न खाएं।
nआ
जकल चूकं ि घर पर हैं और अस्थमा के मरीज हैं तो सूखी सफाई यानी झाड़ू दवाई आ गई हो। अगर ऐसा होता है तो दवा भेजने वाली कंपनी के
n र
िफाइन कार्बोहाइड्टरे (चावल, मैदा, चीनी आदि) और फैट वाली चीजें
से घर की साफ-सफाई से बचें। अगर ऐसा करते हैं तो ठीक से मुहं -नाक ढक कस्टमर केयर पर फोन करके उस दवा को तुरतं वापस कर दें।
कम-से-कम खाएं।
कर करें। वैस,े वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल करना बेहतर है। गीला पोंछा और n अचार और मसालेदार खाने से भी परहेज करें। अडवांस में मंगाएं दवाई ऑनलाइन दवाई आने में दो से तीन दिन का
पानी से फर्श धोना भी अच्छा विकल्प हो सकता है। n ठंडी और खट्टी चीजों से परहेज करें। समय लग सकता है। अभी कोरोना को देखते हुए समय और भी अधिक
n • दि
न में एक बार एकाध घंटे के लिए घर की खिड़की-दरवाजे खोल दें ताकि लग सकता है। ऐसे में दवा खत्म होने से कुछ दिन पहले ही ऑर्डर
nब
बाहर की ताज़ा हवा अंदर आ सके।
डे शीट, सोफा, गद्दे आदि की भी नियमित सफाई करें, खासकर तकिया की
ये जरूर खाएं करना बेहतर है। तुरतं दवा लेनी है तो केमिस्ट की शॉप पर ही जाएं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड: ओमेगा-3 फैटी एसिड साल्मन, टूना मछलियों में और
क्योंकि इसमें काफी सारे एलर्जीवाले तत्व मौजूद होते हैं। हफ्ते में एक बार चादर
और तकिए के कवर बदल लें और दो महीने में पर्दे धो लें।
मेवों व अलसी में पाया जाता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड फेफड़ों और सांस की
तकलीफ में लाभदायक है।
दवा के कुछ ऑनलाइन ठिकाने
n • क
म-से-कम फिलहाल कारपेट हटा दें। बाद में भी अगर इस्तेमाल करना ही
फोलिक एसिड: पालक, ब्रोकली, चुकंदर, शतावरी, मसूर की दाल में फोलेट n 1mg n Medlife
चाहते हैं कम-से-कम 6 महीने में ड्राइक्लीन करवाते रहें। प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS
• बहुत ठंडे से गर्म में अचानक न जाएं। न ही बहुत ठंडा या गर्म खाना खाएं।
n होम्योपैथी में दवाएं होता है। फोलेट फेफड़ों से कैंसर पैदा करने वाले तत्वों को हटाता है।
विटमिन सी: संतरे, नीबू, टमाटर, कीवी, स्ट्रॉबरी, अंगरू और अनानास में भरपूर वेबसाइट: 1mg.com वेबसाइट: medlife.com
• रुटीन ठीक रखें। वक्त पर सोएं, भरपूर नींद लें और तनाव न लें। वैसे भी Bryonia, Natrium sulphur, Sulphur, Arsenic Album
n
विटमिन सी होता है। सांस लेते वक्त शरीर को ऑक्सीजन देने और फेफड़ों से n Netmeds n Practo
फिलहाल ऑफिस जाना नहीं है तो रुटीन अच्छा कर सकते हैं। प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS
nग न
ु गुने पानी से कुल्ला करना फायदेमदं है। आयुर्वेद के अनुसार ऐसा करें विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए मदद करते हैं।
लहसुन: इसमें मौजूद एलिसिन तत्व फेफड़ों से फ्री रेडिकल्स को दूर करने में वेबसाइट: netmeds.com वेबसाइट: practo.com
nज ो मरीज लगातार नेबल ु ाइजर से भाप लेते हैं। अगर वह पहले दिन में 2 बार • आ
n धा चम्मच रीठे के छिले का चूर्ण सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक मरीज को
दें। इस दौरान खाने में सिर्फ खिचड़ी और उसमें एक चम्मच घी दें। मदद करते हैं। लहसुन संक्रमण से लड़ता है, फेफड़ों की सूजन कम करता है। n Apollo Pharmacy
भाप लेते थे तो अब 4 बार तक ले सकते हैं।
• 3-3
n ग्राम तुलसी की पत्तियां और लहसुन की कली 250 एमएल पानी में बेरी: बेरीज में ऐंटीऑक्सिडेंट होते हैं। ये कैंसर से बचाने के लिए फेफड़ों से प्लैटफॉर्म: ऐंड्रॉयड और iOS, वेबसाइट: apollopharmacy.in
नोट: कोई भी दवा डॉक्टर की सलाह से ही लें। उबालें। पानी एक-चौथाई रह जाए तो थोड़ा गुड़ मिलाकर दिन में तीन बार लें। कार्सिनोजन को हटाते हैं।
नोट: इनके अलावा और भी वेबसाइट्स ऑनलाइन दवा उपलब्ध कराती हैं।
नोट अगर आप कोरोना वायरस से बचाव या सेहत से जुड़ी दूसरी जानकारियां चाहते हैं तो हमारे Facebook पेज Sunday NBT पर जाएं और #JustZindagi सर्च करें। आपको यहां सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियां और लेख मिलेंग।े

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