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थम:

थम: पाठ:
पाठ:
शुिचपयावरणम्(S-2)
कलमिलनं धूमं मुित शतशकटीयानम्।
वापयानमाला संधावित िवतरती वानम्॥
यानानां प !यो #नताः क%ठनं संसरणम्। शुिच . . . ॥2॥

अवयः- शतशकाटीयानं कलमिलनं धूमं मुित, वानं िवतरती वापयानमाला सधावित।


यानानाम् अनताः पं!यः िह (येन) संसरणं क%ठनम् (जातम्)। पयावरणं शुिच (भवेत)् ।

पदाथा:-
शतशकटीयानम्=(शकटीयानानां शतम्) सैकड* मोटरगाड़ी।
कमिलनम्=(कलम् इव मिलनम्) काजल सा काला।
मुित=(+यजित) छोड़ता है।
वानम्=(विनम्) शोर-शराबे को।
वापयानमाला=वापयानानां पि !:- रे लिड़य* क. पंि!
िहदी अनुवाद-सैकड़ो मोटरगािड़याँ काला धुआं छोड़ती ह1, शोर करती 2ई रे लगािड़य* क.
पंि! दौड़ सी रही है, 6य*7क वाहन* क. पि !यां अनत ह1, चलना क%ठन हो रहा है, इसिलए
पयावरण पिव8 हो। अथात् भीड़ भरी सड़क* पर जहाँ गािड़य* क. कतार: ;दूिषत हवा छोड़ती
2ई वायु;दूषषण को बढ़ा रही है, वही रे लगािडयाँ भी चीखती-=चघाड़ती 2ई विन-;दूषण म:
वृि? का कारण बन रही है। सामाय जीव* का सड़क पर चलना दूभर हो गया है। यह िCथित
भयावह है अत: पयावरण पिव8 हो।
अDयास;Eा:- (१) एकपदेन उHरत-
(क) क: धूमं मुित?
(ख) संसरणं क.दृशं जातम्?
(२) पूणवा6येन उHरत-
(क) वापयानमाला Jक करोित?
(ख) का: अनता:?
(३) यथािनदKशं ;Eान् उHरत-
(क) अनताः प !य: इ+यनयोः पदयो: Jक िवशेषणपदम्?
(ख) 'विनम्’ इित पदCय समानाथकं पदं Mोकात् िच+वा िलखत-
(ग) 'कलमिलनं धूमं मुित शतशकटीयानम्’ इित वा6ये Jक 7Oयापदम्?
(घ) 'यानानां प !यो #नता:' इित वा6ये 7कम् अPयपदम्?

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