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11 Hindi
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दो - कहानी के अंत म उसका उ वल च र सामने आता है। ईमानदारी एवं धमिन ा के गुण क क करनेवाला यि जैसे िक वह
अंत म वंशीधर के घर जाकर उससे माफ़ माँगता है और उसे अपना मैनेजर बना देता है ।
6. कहानी के अंत म अलोपीदीन के वंशीधर को मैनेजर िनयु करने के पीछे या कारण हो सकते ह? तक सिहत उ र दी जए।
आप इस कहानी का अंत िकस कार करते?
उ र:- कहानी के अंत म अलोपीदीन के वंशीधर को मैनेजर िनयु करने के पीछे िन न ल खत कारण हो सकते ह -
8. नमक िवभाग के दारोगा पद के लए बड़ -बड़ का जी ललचाता था। वतमान समाज म ऐसा कौन-सा पद होगा जसे पाने के लए
9. 'पढ़ना- लखना सब अकारथ गया। वृ मुंशी जी ारा यह बात एक िविश संदभ म कही गई थी। अपने िनजी अनुभव के आधार
पर बताइए -
1. जब आपको पढ़ना- लखना यथ लगा हो।
2. जब आपको पढ़ना- लखना साथक लगा हो।
3. 'पढ़ना- लखना' को िकस अथ म यु िकया गया होगा:सा रता अथवा िश ा? ( या आप इन दोन को समान मानते ह?)
उ र:- 1. जब मने देखा िक पढ़े- लखे लोग गंदगी फैला रहे ह तो मुझे उनका पढ़ना- लखना यथ लगा।
2. जब हम पढ़े- लखे लोग को उनके ब च के उ वल भिव य क योजना बनाते देखते ह तो हम उनका पढ़ना- लखना साथक
लगता ह।
3. 'पढ़ना- लखना' को िश ा के अथ म यु िकया गया ह। नह , इनम अंतर है।
10. लड़िकयाँ ह, वह घास-फूस क तरह बढ़ती चली जाती ह। वा य समाज म लड़िकय क थित क िकस वा तिवकता को
कट करता है?
उ र:- यह कथन समाज म लड़िकय क उपेि त थित को दशाता है। लड़िकय को बोझ माना जाता ह। उनक उिचत देख-भाल
नह क जाती और उ ह लड़क से कमतर आँ का जाता है ।
11. इस लए नह िक अलोपीदीन ने य यह कम िकया ब क इस लए िक वह कानून के पंजे म कैसे आए। ऐसा मनु य जसके पास
असा य करनेवाला धन और अन य वाचालता हो, वह य कानून के पंजे म आए। येक मनु य उनसे सहानुभूित कट करता
था। अपने आस-पास अलोपीदीन जैसे यि य को देखकर आपक या िति या होगी? उपयु िट पणी को यान म रखते हए
लख।
उ र:- अलोपीदीन जैसे यि य देखकर मेर े मन म यह िति या होती है िक समाज म सारे यि वंशीधर जैसे च र वान और
साहसी य नह होते; जो अलोपीदीन जैसे यि य को उनके कुकम ं क सज़ा िदलवाएँ तािक वे समाज के लए ईमानदारी और
कत यिन ा क िमसाल बन सक ।
2. इस िव तृत संसार म उनके लए धैय अपना िम , बुि अपनी पथ दशक और आ मावलंबन ही अपना सहायक था।
उ र:- ेमचंद ारा ल खत कहानी ' नमक का दारोगा ' के अंतगत मुंशी वंशीधर एक ईमानदार और कत यपरायण यि है, जो
समाज म ईमानदारी और कत यिन ा क िमसाल कायम करता है। इस बुराइय से भरे हए युग से अपने-आप को उनसे दरू रखने के
लए वंशीधर धैय को अपना िम , बुि को अपनी पथ दशक और आ मावलंबन को ही अपना सहायक मानते ह।
3. तक ने म को पु िकया।
उ र:- वंशीधर को रात को सोते-सोते अचानक पुल पर से जाती हई गािड़य क गडगडाहट सुनाई दी। उ ह म हआ िक सोचा;
कुछ तो गलत हआ रहा है। िफर उ ह ने अपने तक से सोचा िक देर रात अंधेर े म कौन गािड़याँ ले जाएगा और इस तक से उनका
म पु हो गया।
• भाषा क बात
मुहावरे -
• फूले न समाना।
• स ाटा छाना।
• पंजे म आना।
• हाथ मलना।
• मुँह म का लख लगाना आिद।
2. कहानी म मा सक वेतन के लए िकन-िकन िवशेषण का योग िकया गया है? इसके लए आप अपनी ओर से दो-दो िवशेषण और
बताइए। साथ ही िवशेषण के आधार को तक सिहत पु क जए।
उ र:- कहानी म मा सक वेतन के लए िन न ल खत िवशेषण का योग िकया गया है -
• पूणमासी का चाँद
• पीर का मजार
हमारे िवशेषण -
• एक िदन क खुशी ( य िक उस िदन बहत खुश होते ह।)
• चार िदन क चाँदनी (कुछ िदन तक वेतन आने पर सारी चीज़ ले ली जाती है। चार िदन म सब खच हो जाता है।)