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प्रधानमंत्री कृषि श च
ं ाई योजना (पीएमकेए वाई)
“पानी की हर बूंद
ू बहुमल्
ू य है । मेरी सरकार जल सूंरक्षण को उच्च प्राथममकता दे ने के मलए
प्रततबद्ध है । यह प्राथममकता आधार पर काफी समय से लम्बत पडी मसूंचाई पररयोजनाओूं
को पूरा करे गी और ‘हर खेत को पानी’ के लक्ष्य के साथ ‘प्रधानमूंत्री कृषि मसूंचाई योजना’ की
शुरुआत करे गी। जहााँ कहीूं सूंभव हो वहााँ नददयों को जोडने सदहत सभी षवकल्पों पर
गभीरता से षवचार ककए जाने की आवश्यकता है ताकक बाढ़ और सख
ू े को रोकने के मलए
हमारे जल सूंसाधनों का बेहतरीन इस्तेमाल सतु नम्श्चत ककया जा सके। जल सूंचय और जल
मसूंचन के माध्यम से विाा जल के दोहन से हम जल सूंरक्षण करें गे और भूममगत जल स्तर
बढ़ाएूंगे। ‘प्रतत बूूंद - अधधक फसल’ को सुतनम्श्चत करने के मलए सूक्ष्म मसूंचाई को लोकषप्रय
बनाया जाएगा (16वीूं लोकसभा के सूंयुक्त सूंसद सत्र में महामदहम राष्टरपतत का सूंबोधन)।
1.0 प्रस्तावना
दे श में लगभग 141 मममलयन है क्टे यर कुल बुवाई क्षेत्र में से वतामान में लगभग 65
मममलयन है क्टे यर (45 प्रततशत) मसूंचाई के तहत कवर है । विाा पर अत्यधधक तनभारता गैर-
मसूंधचत क्षेत्रों में खेती को जोखखम भरा और कम उत्पादक व्यवसाय बनाती है । अनभ
ु वजन्य
साक्ष्य बताते हैं कक सुतनम्श्चत अथवा सूंरक्षक्षत मसूंचाई से ककसान, खेती सूंबूंधी प्रौद्योधगकी
और ऐसे आदान म्जससे उत्पादकता में वद्
ृ धध होती है और खेती से होने वाली आय बढ़ती है ,
में तनवेश बढ़ाने को प्रोत्सादहत होते हैं।
क) फील्ड स्तर पर मसूंचाई में तनवेश का अमभसरण प्रदान करना (म्जला स्तर पर तैयारी,
यदद आवश्यक हो तो उप-म्जला स्तर जल उपयोग योजनाएूं)
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ख) खेत में जल की पहुाँच को बढ़ाना और सतु नम्श्चत मसूंचाई (हर खेत को पानी) के
तहत कृष्टय भमू म को बढ़ाना
च) जलभत
ृ भराव में वद्
ृ धध और सतत जल सूंरक्षण पद्धततयों की शुरूआत करना
ि) मद
ृ ा और जल सूंरक्षण, भूजल के पुनभाराव, प्रवाह बढ़ाना, आजीषवका षवकल्प प्रदान
करना और अन्य एनआरएम गततषवधधयों की ओर पनधारा दृम्ष्टटकोण का उपयोग
करते हुए विाा मसूंधचत क्षेत्रों के समेककत षवकास को सुतनम्श्चत करना
उपयक्
ुा त उद्दे श्यों को प्राप्त करने के मलए पीएमकेएसवाई को मसूंचाई आपूतता श्ख
ूं ृ ला
जैसे जल स्रोत, षवतरण नेटवका, प्रभावी फामा स्तर अनुप्रयोग, नई प्रौद्योधगककयों और सूचना
पर षवस्तार सेवा आदद में मूलभूत समाधान पर फोकस करते हुए रणनीतत पर बनाई जाएगी।
वह
ृ त रूप में पीएमकेएसवाई तननमलखखत पर फोकस करे गा;
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ग्रामीण स्तर पर परपरागत जल तालाबों जैसे जल मम्न्दर (गज
ु रात); खतरी, कुहल
(दहमाचल प्रदे श); जेबो (नागालैंड); इडी, ओरे तनस (तममलनाडु); डोंग (असम); कतास,
बूंधा (ओडडशा और मध्य प्रदे श) आदद की क्षमता बढ़ाना ।
ख. जहाूं मसूंचाई स्रोत (आश्वामसत अथवा सूंरक्षक्षत दोनों) उपलब्ध हैं अथवा तनममात हैं में
षवतरण नेटवका का षवस्तार/वद्
ृ धध करना ।
च. कृिक उन्मुख गततषवधधयों जैसे क्षमता तनमााण, प्रमशक्षण और प्रदशान दौरे , प्रदशान,
फामा स्कूल, प्रभावी जल में कौशल षवकास और मास मीडडया अमभयान के माध्यम से
अधधक फसल प्रतत बूूंद पर बह
ृ द स्तरीय जागरूकता सदहत फसल प्रबूंधन प्रणामलयाूं
(फसल सूंयोजन), प्रदशातनयाूं, फील्ड डेज तथा लघु काटूान कफल्मों के माध्यम से
षवस्तार गततषवधधयाूं आदद ।
उपयक्
ुा त क्षेत्र केवल पीएमकेएसवाई के वह
ृ द फलक का खाका प्रस्तुत करते हैं;
कायाकलापों के सूंयोजन के मलए स्थल षवमशष्टट म्स्थततयों और आवश्यकताओूं के
आधार पर अपेक्षक्षत हैं म्जसे म्जला और राज्य मसूंचाई योजनाओूं के माध्यम से
धचम्न्हत ककया जायेगा । मसूंचाई कवरे ज के मलए षवमभन्न राज्यों में मसूंचाई षवकास
पर अधधक फोकस ककया जायेगा । राज्यवार विाा मसूंधचत और मसूंधचत क्षेत्र को दशााने
वाला राज्यवार मैदरक्स अनुबंध-क पर है ।
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क. त्वररत श च
ं ाई लाभ कायगक्रम (एआईबीपी)
ड. उपलब्ध सूंसाधनों म्जनकी क्षमता का पूणा दोहन नहीूं हुआ है , से लाभ उठाने के मलए
जल तालाबों के मलए जल प्रबूंधन और षवतरण प्रणाली में सध
ु ार। कम से कम 10
प्रततशत कमाूंड एररया सक्ष्
ू म/पररशुद्ध मसूंचाई के तहत कवर ककया जाना।
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क. कायाक्रम प्रबूंधन, राज्यों/म्जला मसूंचाई योजना की तैयारी, वाषिाक काया योजना का
अनम
ु ोदन, मल्
ू याकूंन आदद।
च. पानी ले जाने वाले पाईपों, भूममगत पाइप प्रणाली सदहत पानी खीूंचने वाले
उपकरणों जैसे डीजल/इलेम्क्रक/सौर पप सैट ।
ख. परपरागत जल तालाबों के नवीकरण सदहत धचम्न्हत षपिडे विाा मसूंधचत ब्लॉकों में
परू ी क्षमता हे तु जल स्रोतों के तनमााण के मलए मनरे गा के साथ अमभसरण ।
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शाममल करके डी.आई.पी म्जले के समग्र मसूंचाई षवकास पररदृश्य को प्रस्तुत करे गा ।
डीआईपी म्जले में सभी मौजद
ू ा और प्रस्ताषवत जल सूंसाधन नेटवका प्रणामलयों का साराूंश
तैयार करे गा ।
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सच
ू ना शाममल की जायेगी। जल सूंचयन, सतही/उप-सतही स्रोतों से जल की वद्
ृ धध, जल
तनकायों की मरमत और पन
ु ध
ा ार सदहत जल अनप्र
ु योग और षवतरण, मख्
ु य मध्य और लघ
मसूंचाई काया, कूंमाड क्षेत्र षवकास आदद से सूंभाषवत सभी कायाकलापों को इस मास्टर प्लान
के भीतर ककया जाना है । प्रभावी षवतरण और अनुप्रयोग तूंत्र के जररये जल स्रोत की
पहुूंच/कवरे ज को बढ़ाना, कूंमाड क्षेत्र षवकास और सूक्ष्म मसूंचाई पर ज्यादा ध्यान दे ने के
जररये तनममात क्षमता और उपयोग के बीच अूंतर को कम करना जैसे लो हें धगूंग फ्रूट से
क्षमता लाभ प्राप्त करने पर जोर ददया जाना है । जल सूंसाधनों के बेहतर उधचत उपयोग के
मलए बाूंध और जल सूंचयन सूंरचनाओूं जैसे स्रोत के तनमााण, नहर और कूंमाड क्षेत्र षवकास
काया तथा सूक्ष्म मसूंचाई के उधचत समेकन ककया जाना है । मसूंचाई प्रयोजन के मलए शहरी
पररशुद्ध अपमशष्टट जल के उपयोग के मलए भी कदम उठाये जाना है । सबधधत नगरों के
मलए शहरी तनवास स्थान के सपूणा कृषि भमू म में इस प्रयोजन के मलए कूंमाड क्षेत्र धचम्न्हत
ककया जायेगा। तथाषप उपयोग के समय में षवशेि कायाकलापों के मलए गन्दें पानी की
गुणवत्ता के सूंस्तत
ु मानदर्डों (पररशिष्ट र् में दर्दया र्या) को साफ ककये गये पानी के
उपयोग के दौरान सुतनम्श्चत ककया जाये।
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म्जला मसूंचाई योजना तैयार करते समय माननीय ससूंद सदस्य, स्थानीय षवधायक के
सझ
ु ाव मलए जाएगें और म्जला मसूंचाई पररयोजना में सम्ममलत ककया जाएगा। इस म्जला
स्तरीय पररयोजना को अूंततम रूप दे ते समय स्थानीय सूंसद सदस्य के उपयोगी सुझावों को
प्राथममकता दी जाएगी।
समतल्
ु य केन्र्द्ीय योजना स्कीम के ना होने पर उनके स्कीमों के मलए सूंबूंधधत राज्य
सरकारों द्वारा तनधााररत मानदर्डों और शतों लागू ककया जायेगा।
जहाूं कोई केन्र्द्ीय/राज्य सरकारी मानदर्ड ना हो वहाूं प्रत्येक ऐसे मामलें में राज्य
स्तरीय पररयोजना स्क्रीतनूंग सममतत (एसएलपीएससी) द्वारा प्रस्ताषवत लागत का औधचत्य
प्रमाण पत्र इसके कारणों के साथ तनरपवाद रूप से ददया जायेगा।
वद्
ृ धधमान बजट के अलावा, पीएमकेएसवाई गततशील वाषिाक तनधध आबूंटन प्रणाली
अपनाया जायेगा जो पीएमकेएसवाई तनधधयों के प्राम्प्त के मलए योग्य बनने हे तु मसूंचाई क्षेत्रों
को अधधक तनधधयों के आबूंटन को राज्यों को आदे श दे गा। इस प्रायोजन के मलए :
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षवकास में व्यय आधार रे खा व्यय से कम न हो और उसने म्जला मसूंचाई योजना
(डीआईपी) और राज्य मसूंचाई योजना (एसआईपी) तैयार करी हों। षवचाराधीन विा
के पहले के तीन विा में राज्य योजना में राज्य षवभाग पर ध्यान ददये बबना
मसूंचाई क्षेत्र में व्यय की औसत आधारी व्यय होगा (अथाात राज्य योजना स्कीमों
से जल स्रोत, षवतरण, प्रबूंधन, और अनुप्रयोग का सज
ृ न)।
राज्य अनुसूधचत जातत/अनुसूधचत जनजातत तथा लघु एवूं सीमाूंत ककसानों की अधधक
जनसूंख्या वाले , ज्यादा अवमसूंधचत क्षेत्रों, कम कृषि उत्पादकता वाले म्जलों के बीच
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पररयोजनाओूं को प्रमख
ु ता दे ते हुए राज्य पीकेएमएसवाई तनधधयों का लगभग 50 प्रततशत
आबूंदटत करे गा। राज्य पीकेएमएसवाई के कायाान्वयन के समय सूंसद आदशा ग्राम योजना
(एसएजीवाई) के तहत धचम्न्हत म्जलों को भी प्रमुखता दे गा। शेि 50 प्रततशत को
पररयोजनाओूं के सूंचालन/सूंशोधन के मलए प्रमुखता दी जायेगी जो समाम्प्त के रममानल स्तर
के अधीन है (जल सूंसाधन षवकास/पनधारा)। कूंमाड क्षेत्र षवकास और सूक्ष्म मसूंचाई के जररये
सम्ृ जत तथा वास्ताषवक रूप से उपयोग ककये गये मसूंचाई क्षमता के बीच अूंतर को कम करने
के मलए भी प्रमख
ु ता दे ता है ।
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के फामा स्कूल घटक को इस कायाकलाप की शरू
ु आत के मलए उधचत रूप से उपयोग ककया
जाएगा। जल और उसके प्रभावी उपयोग की क्षमता वद्
ृ धध को प्रदमशात करने के मलए योजना
के अनुसार उनको अलग करने के मलए म्जलों में 8 से 10 गााँवों के क्लस्टर को मलया
जाएगा। ऐसी कायाकलापों के सूंवधान में इन क्लस्टरों की सफलता म्जला के अन्य भागों में
दोहराई जायेगी।
वह
ृ त कवरे ज तक सूक्ष्म मसूंचाई की पहुूंच को बढ़ाने हे तु जागरूकता अमभयान, प्रदशान,
क्षमता तनमााण, प्रमशक्षण, रखरखाव सेवा प्रदान करना, तकनीकी समथान आदद के साथ
सम्ममलत कूंपतनयों सदहत सुतनम्श्चत ककया जाएगा।
पारूं पररक प्रणामलयााँ जैसे जल मम्न्दर; खत्री; खुल; जाबो ओररयनस; डोंग्स; कट्स;
बूंधास आदद, नवाचारी पररयोजना, सहभागी प्रबूंधन आदद की सफलता की कहातनयों को
व्यापक रूप से प्रततकृत करने हे तु अन्य राज्यों एूंजेंमसयों के साथ शेयर करने के मलए
एकबत्रत कर दस्तावेज के रूप में तैयार की जा सकती है ।
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प्रस्तावों को अूंतर षवभागीय काया समह
ू और राज्य स्तरीय सूंस्ततु त सममतत को प्रस्तुत करने
से पहले राज्य स्तरीय समन्वय एूंजेन्सी द्वारा समीक्षा की जाने की आवश्यकता है ।
पीएमकेएसवाई में कायाक्रम के प्रबूंधन के मलए सुदृढ़ तकनीकी घटक और डोमेन षवशेिज्ञ
होंगे। कायाक्रम के तहत राज्य को उपलब्ध प्रशासतनक प्रावधानों से परामशादाता और
व्यवसातयक को काया पर लगाने के मलए सहायता दी जाएगी।
राज्य द्वारा धचम्न्हत नोडल षवभाग तथा एजेंसी षवमभन्न कायाान्वयन षवभागों/म्जलों
से प्राप्त प्रत्येक कलस्टर के सभी उप-पररयोजनाओूं को प्रत्येक डीपीआर के रूप में एकबत्रत
करे गा और अूंतषवाभागीय काया-समूह (आईडीडब्ल्यज
ू ी) के समक्ष सूक्ष्म परीक्षण के मलए और
राज्य स्तरीय सूंस्वीकृतत सममतत (एसएलएससी) के समक्ष मूंजरू ी के मलए रखा जाएगा।
(iv) कृषि एवूं सहकाररता षवभाग को ततमाही वास्तषवक और षवत्तीय प्रगतत ररपोटा
की प्रस्तुतत
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तैयारी और एसएलएससी बैठक में अथापण
ू ा सहभाधगता के मलए तैयार करने के
मलए एसएलएससी की बैठक से कम से कम 15 ददन पहले पहुाँच सके।
(ङ) पररयोजनाओूं में षवत्तीय प्रततमानों/राजसहायता समथान से सूंबूंधधत कोई अूंतर म्जला
असमानता न हो, को सुतनम्श्चत ककया जाना।
(च) पररयोजना की प्रकृतत पर आधाररत प्रत्येक पररयोजना के मलए राज्य में कायाान्वयक
एजेंसी/षवभाग को तनम्श्चत करना और एजेंसी/षवभाग के साथ उस षवभाग में उपलब्ध
को षवशेिीकृत करना।
(झ) यह सुतनम्श्चत करे कक भारत सरकार की सभी मौजूदा प्रकक्रयाओूं और तनदे शों का
पालन हो ताकक पररयोजनाओूं के कायाान्वयन पर व्यय अथाव्यवस्था के मलए
न्युनतम धचूंता को और षवत्तीय प्रथाममकताओूं पारदमशाकताओूं और सत्य तनष्टठता के
अनुरूप भी हो।
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(ञ) यह सतु नम्श्चत करना की पीएमकेएसवाई के कायाान्वयन में पूंचयती राज सूंस्थान
(पीआरआई) षवशेि रूप में लाभाथीयों के चयन, सामाम्जक लेखा परीक्षा आयोजन
आदद में सकक्रया रूप से शाममल है ।
एसएलएससी जल क्षेत्र में षवशेिज्ञों, मसूंचाई क्षेत्र में कायारत तनजी/सावाजतनक एजेंमसयाूं,
मसूंचाई के क्षेत्र में कायारत प्रततम्ष्टठत एनजीओ,अनुसूंधान सूंस्थान, प्रमुख ककसान आदद से
सदस्यों को सम्ममलत भी करे गा।
राज्य नोडल सेल/समन्वयन एजेंसी म्जला मसूंचाई योजनाओूं की समय पर प्राम्प्त, राज्य
मसूंचाई योजना तैयार करना और उसके एसएलएससी द्वारा अनम
ु ोदन को सतु नम्श्चत करे गा।
इसके पश्चात एसएनसी लाईन षवभागों द्वारा कायायोजना का अनुमोदन और कायाान्वयन की
तनगरानी करे गी।
आईडीडब्ल्यज
ू ी जााँच और सुतनम्श्चत करे गा कक :
(क) प्रस्ताषवत पररयोजनाओूं के मलए राज्य सरकार और/अथवा भारत सरकार के अन्य
स्कीमों के तहत उपलब्ध तनधधयों को पीएमकेएसवाई के षवस्तार क्षेत्र के तहत
लाये जाने से पहले उपयोग के मलए प्राप्त और उपयोग/उपयोग के मलए
योजनाबद्ध कर ली गई है ;
(घ) डीपीआर में तनगरानी और मूल्याकूंन के मलए प्रावधान शाममल ककया गया है ।
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13. जजला स्तर कायागन्वयन शमनत (डीएलआई ी):
डीएलआईसी कक्रयान्वयन दे खरे ख तथा अूंतषा वभागीय समन्वयन करे गी तथा तननमलखखत
भूममका तनभाएगी:
क. म्जले में षवमभन्न कायाान्वयन एजेंसी / लाइन षवभाग के बीच फील्ड स्तर पर
समन्वयक के रूप में काया करना तथा सुतनम्श्चत करना कक म्जला मसूंचाई
योजना/वाषिाक मसूंचाई योजना का कायाान्वयन सफलतापव
ू क
ा ककया जाता है ।
ख. म्जला मसूंचाई योजना (डीआईपी) तैयार करना, षवमशष्टट आउटपुट एवूं पररणाम के
प्रतत षवमभन्न षवत्तपोषित वगों एवूं कायाक्रमों के योगदान को दशााना तथा इस
के मलए एसएलएससी का अनम
ु ोदन प्राप्त करना।
डीएलआईसी म्जले के मलए म्जला मसूंचाई योजना (डीआईपी) तैयार करे गी, म्जसमें
षवमभन्न् मसूंचाई स्रोतों द्वारा सम्ृ जत म्जले की मौजूदा जल सूंसाधनों का मानधचत्रण, म्जले की
जल जोखखम म्स्थततयों को धचम्न्हत करने के उपाय, फामा स्तर पर वास्तषवक जल उपलब्धता
बढ़ाने के मलए नए जल स्रोतों की पहचान करना, उन्न्त जल उपयोग क्षमता तथा जल
षवतरण के उपाय शाममल होंगे । डीआईपी को मौजूदा और परपरागत फसल प्रणामलयों
षवशेिकर जल सूंसाधनों के इष्टटतम उपयोग के सूंदभा में आईसीएआर द्वारा आयोम्जत
अध्ययनों के पररणामों पर षवचार करना चादहए । इसके अततररक्त, डीआईपी तैयार करते
समय उस षवमशष्टट क्षेत्र के परपरागत जल प्रबूंधन तूंत्र पर षवचार ककया जाए । जल
सूंसाधन, नदी षवकास और गूंगा पुनरुद्धार मूंत्रालय को एक माह के भीतर परपरागत जल
प्रबूंधन तूंत्र के अध्ययन के मलए राज्य सरकारों से परामशा करना चादहए और डीआईपी में
शाममल करने के मलए सभी राज्यों को सच
ू ना प्रदान करनी चादहए ।
शहरी षवकास मूंत्रालय भवन तनमााण के मलए तैयार ककए गए उनके माडल
षवतनयमनों में अतनवाया जल सूंचयन प्रणाली को शाममल करे गा और राज्य सरकार उनके
भवन षवतनयमनों को तैयार करते समय इन मॉडल षवतनयमनों पर षवचार करे गा । तीन
सबसे कतनष्टठ बैच के आईएएस और आईएफएस (वन) अधधकाररयों द्वारा म्जला मसूंचाई
योजना तैयार की जाएगी । डीआईपी के तनमााण के मलए प्रमशक्षण माडयूल आईसीएआर
सूंस्थानों द्वारा अन्य सूंबूंधधत सूंस्थानों से परामशा करके तैयार ककए जाएूंगे और मसतबर,
2015 के अूंत तक डीआईपी तनमााण के मलए उन्हें प्रमशक्षण प्रदान ककया जाएगा तथा
ददसबर, 2015 के अूंत तक अधधकारी इस काया को पूरा करें गे । एटीएमए प्रबूंधन सममतत
पीएमकेएसवाई के तहत समन्वय और कक्रयान्वयन षवस्तार सूंबध
ूं ी कायाकलापों में
डीएलआईसी की सहायता करे गी ।
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करने के मलए सदस्य सधचव के रूप में सधचव (कृषि एवूं सहकाररता) के साथ सदस्य के रूप
में जल सूंसाधन, नदी षवकास एवूं गूंगा पन
ु रूद्धार, ग्रामीण षवकास; भ-ू सूंसाधन, शहरी
षवकास; पेयजल एवूं स्वच्िता; षवज्ञान एवूं प्रौद्योधगकी; पयाावरण, वन एवूं जलवायु पररवतान;
औद्योधगक नीतत, पूवोत्त्ाार क्षेत्रों का षवकास (डीओएनइआर); उपाध्यक्ष, नीतत आयोग जैसे
सूंबूंधधत मूंत्रालयों से केन्र्द्ीय मूंत्री के साथ प्रधान मूंत्री की अध्यक्षता के तहत ककया जाएगा।
एनएससी अपनी काया प्रकक्रया को अपनाएगा तथा ऐसी शम्क्तयों का प्रत्यायोजन करे गा
म्जसकी राष्टरीय कायाकारी सममतत के मलए उपयक्
ुा त समक्षता हो।
सूंस्तुत पररयोजना का कुल लागत वाषिाक पररव्यय से कम हो, के मामले में , सूंस्तुत
पररयोजना लागत की 60% तनधधयों तनमक्
ुा त्म्ााा की जाएूंगी।
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द्षवतीय एवूं अूंततम ककस्त की तनमम्ुा क्त पर तननमलखखत के प्राम्प्त पर षवचार ककया जाएगा:
यदद राज्य उधचत समयावधध के भीतर इन दस्तावेजों को प्रस्तुत करने में असफल
होते है , तो शेि तनधध बेहतर तनष्टपादन राज्यों को पुन: आवूंदटत की जा सकती है ।
तनमक्
ुा त तनधध की तुलना में मॉतनटरे बल लक्ष्यों को सभी जदटल उप-घटकों के मलए
तनयत ककया जाएगा तथा दी गई समय-सीमा में कोई उपलम्ब्ध बेसलाइन/दहस्टोररक डाटा के
सूंबूंध में प्रत्येक गततषवधध गततषवधधयों के मलए ररपोटा दी जाएगी। यह उत्पादन क्षेत्र,
उत्पादकता, सक्ष्
ू म मसूंचाई सषु वधाओूं का उपयोग आदद में वद्
ृ धध शाममल कर सकते है । इस
प्रकक्रया में , जवाबदे ही तथा प्रौद्योधगकी का उपयोग तनयत करने पर फोकस भी होना चादहए।
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17.0 प्रिा ननक व्यय एवं आकजस्मकताएं :
कृषि एवूं सहकाररता षवभाग अपनी षवद्यमान क्षमता एवूं शाममल सलाहकारों,
षवशेिताओूं से समषपात अधधकाररयों एवूं कमाचाररयों को तनयक्
ु त करते हुए तकनीकी सहायता
समह
ू की स्थापना कर सकते है । कृषि एवूं सहकाररता षवभाग पीएमकेएसवाई कायाकलापों से
सूंबूंधधत अध्ययन, प्रमशक्षण कायाक्रम, कायाशालाओूं; समेलनों, जागरूकता अमभयान, प्रचार,
दस्तावेजीकरण आदद को शाममल करते हुए षवमशष्टट एजेंमसयों के मलए कुि तकनीकी तनयत
काया को आउटसोसा द्वारा कर सकते हैं।
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पररयोजना डाटा ऑनलाईन प्रस्तुतीकरण/ अद्यतन करने के मलए होगी, जो सावाजतनक डोमेन
में पीएमकेएसवाई पररयोजना के आउटपुट,पररणाम एवूं योगदान पर वतामान एवूं प्रमाखणक
डाटा प्रदान करे गा । सभी उपघटको के मलए प्रत्येक घटक के षवरूद्ध तनगरानी योग्य लक्ष्यों
को भारत सरकार के सूंबधधत मूंत्रालय/षवभाग यथा कृषि एवूं सहकाररता षवभाग, जल
सूंसाधन, नदी षवकास और गूंगा पुनरुद्धार मूंत्रालय, भू सूंसाधन षवभाग तथा ग्रामीण षवकास
मूंत्रालय द्वारा तनधााररत ककया जाएगा (जहाूं भ-ू सूंसाधन षवभाग अपने जारी पनधारा
कायाक्रमों को पण
ू ा करता है , ग्रामीण षवकास मूंत्रालय मनरे गा तनधधयों द्वारा षवशेि फोकस के
मलए धचम्न्हत विाा मसूंधचत और षपिडे ब्लॉकों में जल स्रोतों के तनमााण के मलए सूचना
प्रस्तुत करे गा) । दी गई समय सीमा में बेसलाईन/दहस्टोररक डाटा के सूंबूंध में प्रत्येक
कायाकलापों के मलए ककसी भी उपलम्ब्ध की सूचना दी जाएगी इसमें उत्पादन क्षेत्र, उत्पादकता
में वद्
ृ धध, पररशद्
ु धता सषु वधाओूं का उपयोग आदद शाममल ककया जा सकता है । इस प्रकक्रया
में , लक्ष्यों को पूरा न करने तथा कायाान्वयन की समय सीमा के मलए जवाबदे ही एवूं
प्रौद्योधगककयों का उपयोग तनयत करने पर भी फोकस ककया जाना चादहए।
22
तीन शब्द/ प्रचालानात्मक विा/ दे शानूंतर/ अक्षाूंश’’ के साथ यतू नक आईडी सूंख्या रखेगी।
एमएनसीएफसी की सेवाओूं का ऐसे कायाकलापों के मलए उपयोग ककया जाएगा।
राज्य द्वारा सूंस्तुत पररयोजना का पच्चीस प्रततशत (25%) कायाान्वयन राज्यों द्वारा
तीसरा दल मॉतनटररूंग एवूं मल्
ू याूंकन के मलए अतनवाया रूप से प्रारभ होगा। इसके अलावा,
सम्ृ जत सभी पररसूंपम्त्तयों के लेखों को सामाम्जक अूंकेक्षण हे तु ग्राम सभा के समक्ष रखना
होगा।
मॉतनटररूंग एवूं मूल्याूंकन के मलए काया योजना अधधमानता सभी क्षेत्रों को कवर करते
हुए पररयोजना लागत, पररयोजना के महत्व आदद के आधार पर इसकी पहली बैठक में
एसएलएससी द्वारा चयतनत ककया जाएगा। राज्य सरकार अपने राज्यों में मॉतनटररूंग एवूं
मूल्याूंकन काया का सूंचालन करने के मलए ककसी भी प्रततम्ष्टठत एजेंसी का चयन करने के
मलए मक्
ु त होगी। मॉतनटररूंग एवूं मल्
ू याूंकन के प्रतत अपेक्षक्षत शल्
ु क/ लागत को राज्य
सरकार द्वारा प्रशासतनक व्यय के मलए अपनी द्वारा सुरक्षक्षत 5% आवूंटन से पूरा ककया
जाएगा।
राज्यों के तनष्टपादन सूंबूंधी मूंत्रालय/षवभाग के पररणाम बजट दस्तावेज में दशााए जाएगें ।
19.0 अशभ रण :
पीएमकेएसवाई जल सूंरक्षण एवूं प्रबूंधन कायाक्रम योजना जैसे महात्मा गााँधी राष्टरीय
ग्रामीण रोजगार गारर्टी योजना (एमजीएनआरईजीएस), राष्टरीय कृषि षवकास योजना
(आरकेवीवाई), जवाहरलाल नेहरू राष्टरीय सोलर ममशन एवूं ग्रामीण षवद्युतीकरण कायाक्रम,
ग्रामीण अवसूंरचना षवकास तनधध (आरआईडीएफ), साूंसद स्थानीय क्षेत्र षवकास (एमपीएलएडी)
योजना, षवधायक स्थानीय क्षेत्र षवकास(एमएलएएलएडी) योजना, स्थानीय तनकाय तनधध,
राज्य वन प्रभाग की काया योजना आदद से सूंबूंधधत कायाक्रमों आधाररत सभी ग्रामीण
पररसूंपम्त्तयों/अवसूंरचना के साथ समरूपता सुतनम्श्चत करे गी। 2,500 षपिडे ब्लॉकों में
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मनेरगा के तहत पहले से ही सूंचामलत सहभाधगता योजना कायाक्रम(आईपीपीई) से आदानों को
डीआईपी तैयार करने में उपयोग ककए जा सकते है । अधधकतर मामलों में , स्रोत सज
ृ न के
मलए मजदरू सघन कायों जैसे भूमम काया को एनजीएनआरइजीए के तहत शुरू ककया जा
सकता है । मसूंचाई उद्दे श्यों हे तु जल की उपलब्धता के मलए भूंडारण क्षमता में सुधार एवूं
लक्ष्यों के सज
ृ न करने के मलए पुराने तालाबों, जल मूंददर, खल
ु , टैंक आदद जैसे तालाब नहर
तनम्ष्टक्रय जल तनकाय से गाद हटाने के मलए मनेरगा तनधध का उपयोग करने पर जोर ददया
जाएगा। पीएमकेएसवाई (प्रतत बूंद
ू अधधक फसल) तनधध को परत, प्रवेमशका, तनकास, गाद
हटाने, समायोजन गेट आदद के मलए मनेरगा में षवमशष्टट सीमा के बाहर अथाात ् 40% की
सामग्री को लागत को भरने में भी उपयोग ककया जा सकेगा। सभी ककसानों, पूंचायत, एवूं
जमीनी स्तर के कममायों को नहरों को साफ करने, गाद तनकालने, जल सूंचयन सूंरचनाओूं का
तनमााण आदद की वैज्ञातनक/तकनीकी प्रकक्रया कायो के मलए मनेरगा का अधधक से अधधक
लाभ उठाने के मलए आईइसी का उपयोग करते हुए षवस्तार कायाकलापों, लघु एतनमेटेड कफल्म
आदद के माध्यम से इन कायों के मलए जागरूक बनाया जाएगा। काया के प्रकार एवूं प्रकृतत
पर तनभार होते हुए पीएमकेएसवाई (हर खेत को पानी), पीएमकेएसवाई (पणधारा) से अन्य
काया शुरू ककए जा सकते है । जहॉ ूं मसूंचाई स्रोत सम्ृ जत ककए जाते है , पीएमकेएसवाई (प्रतत
बूंद
ू अधधक फसल) घटक को इसके स्रोत से मसूंचाई दक्षता में सध
ु ार एवूं बह
ृ द कवरे ज को
बढ़ाने के मलए सशक्त रूप से उपयोग ककया जाएगा। भूमम सूंसाधन षवभाग, षवश्व बैंक
सहायता प्राप्त “नीराूंचल” पररयोजना शुरू कर रहा है । नीराूंचल का प्रस्ताव बेहतर वैज्ञातनक
बेमसन स्तर की आयोजना तैयार करने, कुशल जल प्रबूंधन के मलए प्रौद्योधगककयााँ, समुदाय
आधाररत जल षवज्ञान वधधात उत्पादन और उपज, मूंडी के साथ सूंपका, अत्याधतु नक
प्रौद्योधगककयों और शहरी पणधारा का उपयोग करते हुए वास्तव समय मॉतनटररूंग प्रणाली
एवूं नीराूंचल दोनों कायाक्रमों के बीच पयााप्त साहचया के साथ पीएमकेएसवाई का समथान
करे गा।
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तकनीकी सहायता प्रदान ककए की जाएगी। वास्तव में , ऐसी सहायता पीएमकेएसवाई के भाग
के रूप में कायों की वैज्ञातनक योजना एवूं सपादन को समथान दे गी।
20.0 कृषि एवूं सहकाररता षवभाग, कृषि मूंत्रालय, भारत सरकार योजना के एनईसी के
अनुमोदन से जब कभी इस प्रकार का पररवतान आवश्यक समझा जाएूं, तब षवत्त पोिण
पैटना को प्रभाषवत करने के अलावा पीएमकेएसवाई प्रचालन ददशा-तनदे श में भी पररववातन कर
सकता है ।
21.0 ये ददशातनदे शन सभी राज्यों एवूं सूंघ राज्य क्षेत्रों पर लागू होते है ।
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पररशिष्ट : क
कुल बुवाई, श धं चत तथा विाग श धं चत क्षेत्र की राज्यवार मात्रा (2011-12)
(हजार है क्टे यर में )
विाा मसूंधचत
क्र०सूं० राज्य कुल बव
ु ाई क्षेत्र कुल मसूंधचत क्षेत्र क्षेत्र
1 आूंध्र प्रदे श 11161 5090 6071
2 अरुणाचल प्रदे श 215 57 158
3 असम 2811 161 2650
4 बबहार 5396 3052 2344
5 ित्तीसगढ़ 4677 1415 3262
6 गोवा 132 41 91
7 गुजरात 10302 4233 6069
8 हररयाणा 3513 3073 440
9 दहमाचल प्रदे श 538 106 432
10 जमू और कश्मीर 746 319 427
11 झारखूंड 1085 125 960
12 कनााटक 9941 3440 6501
13 केरल 2040 409 1631
14 मध्य प्रदे श 15237 7887 7350
15 महाराष्टर 17386 3252 14134
16 मखणपुर 365 69 296
17 मेघालय 285 65 220
18 ममजोरम 97 13 84
19 नागालैंड 379 84 295
20 उडीसा 4394 1259 3135
21 पूंजाब 4134 4086 48
22 राजस्थान 18034 7122 10912
23 मसम्क्कम 77 14 63
24 तममलनाडु 4986 2964 2022
25 बत्रपुरा 256 60 196
26 उत्तराखूंड 714 339 375
26
27 उत्तर प्रदे श 16623 13411 3212
28 पम्श्चम बूंगाल 5198 3078 2120
अर्डमान एवूं तनकोबार
29 द्वीपसमूह 15 0 15
30 चूंडीगढ़ 1 1 0
31 दादर एवूं नगर हवेली 17 4 13
32 दमन और दीव 3 0 3
33 ददल्ली 22 22 0
34 लक्षद्वीप 2 0 2
35 पाूंडडचेरी 18 15 3
कुल 140800 65266 75534
स्रोत: कृषि ांजययकी एक नज़र में , जन, 2014 अथग एवं ांजययकी ननर्दे िालय, कृषि मंत्रालय
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अनुबंध- ख
पीएमकेए वाई के तहत व्याययात्मक कायगकलाप (दर्दिा ननर्दे ि के पैरा 4.0 े ंबंधधत)
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का उन्नयन करना, जल स्रोत क्षेत्रों से
पयााप्त होते हैं ।
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कायाकलाप जैसे लाइतनूंग इनलैट, आउटलैट,
मसल्ट रै प, षवतरण प्रणाली आदद के मलए
मनरे गा के तहत अनुज्ञेय सीमा (40
प्रततशत) के बाहर मसषवल तनमााण के तहत
षवशेित: आदान लागत को सूंपूररत करना;
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मलए षवस्तार कायाकलाप
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सफाई करना तथा बाूंध/ तटबूंध आदद का
सदृ
ु ढ़ीकरण।
32
पररमशष्टटः ग
3. टीडीएस 2100
11. घल
ु नशील 1 1 1 1 2 5 2 5
फॉस्फोरस पी
के रूप में
12. नाइरे ट 10 10 10 5 10 10 10 10
नाइरोजन
एन के
अनस
ु ार
13. कफकल शन्
ू य शन्
ू य शन्
ू य शन्
ू य शन्
ू य 230 शन्
ू य 230
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कॉलीफोम
100 एमएल
में
14. हे लममन धथक एए एए एए एए एए <1 <1 <1
एग प्रतत
लीटर
15. रूं ग रूं गहीन रूं गहीन रूं गहीन रूं गहीन रूं गहीन रूं गहीन रूं गहीन रूं गहीन
16. गूंध अपतू तक म्जसका अमभप्राय है कोई गूंध नहीूं तथा सेम्प्टक नहीूं
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