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भारतीय सं वधान क तावना का अथ

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Team - I.A.S. Point

भारत के सं वधान क तावना


_परू े सं वधान के मु य उ दे य को द शत करती है | भारत का सव च यायालय सं वधान म कसी भी संशोधन
को तावना के उ दे य के वपर त पाए जान पर नर त कर सकता है , इस लए सं वधान क तावना परू े
सं वधान का आधार है | सव च यायालय, तावना का योग कसी वषय म दए गए अनु छे द क भाषा को
समझने म सहायता दे ती है | तावना सं वधान के कसी भी भाग पर कोई भी वशेष बल नह ं दे ती है , पर तु यह
सं वधान को एक का शत माग क और ले जाती है , िजससे भारत के सभी यि तय को वतं ता का अनभ ु व
होता है |_

तावना का अथ

_1. तावना म यह बताया गया है , क सं वधान के अ धकार का ोत भारत के लोग के साथ सि म लत है |_

_2. तावना भारत को समाजवाद , धम नरपे , लोकतां क और गणतं रा है के प म द शत करती है |_

_3.सं वधान म तावना नाग रक के लए याय, वतं ता, समानता को सरु त करती है तथा रा क एकता
और अखंडता को बनाए रखने के लए भाईचारे को ो सा हत करती है |_

_4. तावना म सं वधान को वीकाय करने क त थ का उ लेख कया गया है , िजससे भारत को इससे पहले
वतं ता के लए कये गए संघष का मरण बना रहे |_

मख
ु श द

सं भत
ु ा

_स भ ु ता श द का अथ है , क भारत कसी भी वदे शी और आंत रक शि त के नयं ण से पण ू तः मु त


स भु ता स प न रा है | भारत को अपनी सीमाओं के अंदर काननू बनाने का अ धकार है |_

समाजवाद

_यह श द 1976 म हुए 42 व संशोधन अ ध नयम के वारा जोड़ा गया है , भारत ने ‘लोकतां क समाजवाद’ को
अपनाया है , इसका ल य गर बी, अ ानता, बीमार और अवसर क असमानता को समा त करना है |_

धम नरपे

_इस श द को 1976 म हुए 42व संशोधन अ ध नयम के वारा जोड़ा गया था | धम नरपे श द का अथ भारत म
सभी धम को रा य से समानता, सरु ा और समथन ा त करने का बराबर अ धकार है |_

लोकतां क
_👉लोकतां क श द का अथ है , एक सरकार से है , िजसक थापना भारत के य क नाग रक के मतदान के
वारा चन
ु ी जाती है | इसका अथ सव च स ा नाग रक के हाथ म है |_

*गणरा य*

_👉इस श द का अथ राजनी तक सं भतु ा एक राजा क बजाय लोग के हाथ म न हत होती है, रा य का मख



य या परो प से लोग वारा चन
ु ा जाता है .._

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