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वॊऩका
गुरुत्ल ज्मोसतऴ त्रलबाग स्लागत शैं ...
गुरुत्ल कामाारम
पोन
91+9338213418, मॊि, तॊि, ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ,
91+9238328785,
लास्तु, पेंगळुई, टै यक, ये की एलॊ
ईभेर
gurutva.karyalay@gmail.com, अन्म आध्मात्त्भक सान लधाक
gurutva_karyalay@yahoo.in,
लेफ
रेख को प्रकासळत कयने शे तु बेज
वकते शैं ।
www.gurutvakaryalay.com
www.gurutvakaryalay.in
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ऩत्रिका प्रस्तुसत
GURUTVA KARYALAY
स ॊतन जोळी, BHUBNESWAR-751018, (ODISHA) INDIA
गुरुत्ल कामाारम Call Us: 91 + 9338213418,
पोटो ग्राफपक्व 91 + 9238328785
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गुरुत्ल कामाारम gurutva.karyalay@gmail.com
अनुक्रभ
अषम तृसतमा (अखातीज 26-अप्रैर-2020) 7 रक्ष्भी प्रासद्ऱ का अभोघ वाधन दत्षणालता ळॊख 33
धन प्रासद्ऱ का अ क
ू उऩाम स्पफटक श्रीमॊि का
वुलणा के आबूऴण धायण कयने के त्रलसबन्न
20 55
ऩूजन राब
86
अप्रैर 2020 -त्रलळेऴ मोग
त्रप्रम आत्त्भम,
फॊध/ु फफशन
जम गुरुदे ल
लैळाख ळुक्र ऩष की तृतीमा को अषम तृतीमा का ऩला भनामा जाता शैं । अषम तृतीमा स्लमॊसवि ल
अफूझ भुशूता शैं । एवी भान्मता शैं , फक अषम तृतीमा के फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूण)ा अथाात
त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं ।
फशॊ द ू धभाग्रॊथो भें अषम तृतीमा सतसथ वे जुडे कई यो क तथ्मक का लणान सभरता शै । इव त्रलळेऴाॊक भें
ऩाठको के भागादळान शे तु कुछ प्रभुख तथ्म प्रस्तुत कयने का प्रमाव फकमा गमा शैं ।
बायतीम ऩॊ ाग के अनुवाय लऴा भें 19 अफूझ भुशूता ल 4 स्लमॊ सवत्रि भुशूता शोते शैं । अषम तृतीमा (आखा
तीज) बी अफूझ भुशूता ल सवत्रि भुशूता भें वे एक शैं ।
अषम तृसतमा को ऩूये बायत लऴा भें कई नाभक वे जाना औय भनामा जाता शैं , त्जवभें भुख्म रुऩ वे
अषम तृतीमा, आखा तीज तथा लैळाख तीज प्रभुख शैं । इव लऴा 2020 भें अषम तृतीमा 26 अप्रैर यत्रललाय को शैं ।
अषम तृसतमा के फदन कोई बी ळुब कामो का प्राय्ब कयना त्रलळेऴ ळुब भाना जाता शैं । ळास्त्रोक्त
भतानुळाय इव फदन कोई बी ळुब कामा ळुरु कयने वे उव कामा का पर सनत्द्ळत त्स्थय रुऩ भें प्राद्ऱ शोते शैं ।
ळास्त्रो भें उल्रेख शैं फक लैळाख भाव के ळुक्र ऩष की तृसतमा अथाात अषम तृसतमा के फदन बगलान
के नय-नायामण, ऩयळुयाभ, शमग्रील रुऩ भें अलतरयत शुए थे। इव सरमे अषम तृसतमा को ऩयळुयाभ ल अन्म
जमत्न्तमाॊ भानकय उवे उत्वल रुऩ भें भनामा जाता शैं ।
वाॊवारयक एलॊ वाभात्जक जीलन भें फकवी बी लस्तु के क्रम-त्रलक्रम का भुख्म आधाय वेतु धन शी भाना
गमा शै । एलॊ फशन्द ू ळास्त्रोक्त लणा शैं धन की दे ली रक्ष्भी शैं , त्जनके प्रवन्न शोने वे भनुष्म को वबी प्रकाय वे
धन, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा की प्रासद्ऱ शोती शै । भाॊ रक्ष्भी को ॊ र भाना गमा शैं । अथाात रक्ष्भी जी फकवी एक
जगश फटकती नशीॊ शै । फकव प्रकाय रक्ष्भी का आगभन आऩके घय भें शोता यशे औय जीलन वे द्ु ख, दरयद्र, कद्शो
वे छुटकाया प्राद्ऱ शो कय जीलान खुसळमक वे बय जाए उववे जुडे यशस्मो को बायतीम ऋत्रऴ भुसनमक ने खोज
सनकारा शैं ।
त्रलद्रानो का कथन शै की अषम तृतीमा के फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूण)ा अथाात
त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं । शय व्मत्रक्त की मश इच्छा शोती यशती शै फक उवे जीलन ऩमान्त अषम रक्ष्भी
की प्रासद्ऱ शोती यशे । इवसरए अषम तृतीमा के फदन दे ली रक्ष्भी एलॊ बगलान त्रलष्णु का ऩूजन अ न
ा त्रलळेऴ
राबप्रदान कयने लार भाना गमा शै । क्मोफक रक्ष्भी जी के वाथ त्रलष्णु जी का ऩू जन घयभें त्स्थय रक्ष्भी का
सनलाव भाना गमा शै ।
आज के बौसतक मुग भें शय व्मत्रक्त की ाश शोती शैं की उवे असधक वे असधक धन-वॊऩत्रि एलॊ ऐद्वमा
प्राद्ऱ शो औय लश अषत रुऩ वे उवके ऩाव यशे । आज शय व्मत्रक्त अऩनी धन-वॊऩत्रि को फदन दोगुनी यात ौगुनी
यफ्ताय वे फढ़ाना ाशते शैं , इवसरए व्मत्रक्त रक्ष्भी प्रासद्ऱ शे तु त्रलसबन्न उऩाम जैवे भॊि , मॊि, तॊि एलॊ वाधना आफद
प्रमोगो को अऩना कय रक्ष्भीजी को प्रवन्न कय वकते शैं ।
त्जन रोगक ने रक्ष्भी प्रासद्ऱ एलॊ अऩने घय भें वुख वभृत्रि के सरए रक्ष्भीजी की प्रवन्ना शे तु दर
ु ब
ा
वाभग्री को अऩने घय भें अलश्म स्थात्रऩत कय उवका सनमसभत ऩूजन-अ न
ा कयना फशए। त्जनके घय भें दर
ु ब
ा
वाभग्रीमाॊ ऩशरे वे स्थात्रऩत शो उन्शें असधक राब की प्रासद्ऱ शे तु रक्ष्भी प्रासद्ऱ के अन्म वयर उऩामक को बी
अऩने जीलन भें अलश्म आजभाना ाफशए। लश रोग जो इन दर
ु ब
ा वाभग्रीमक को स्थात्रऩत कयने भें अवभथा शैं ,
उन रोगक को रक्ष्भी प्रासद्ऱ के अनुबूत उऩामो को अऩनाकय अऩने जीलन भें सनत्द्ळत रुऩ वे वुख -वभृत्रि एलॊ
ऐद्वमा प्राद्ऱ कयने का प्रमाव कयना ाफशए एलॊ इन उऩामक वे राब की प्रासद्ऱ शोने ऩय त्रलसबन्न दर
ु ब
ा लस्तुओॊ
को प्राद्ऱ कय अऩने घय भें अलश्म स्थात्रऩत कय उवना सनमसभत ऩूजन-अ न
ा कयना ाफशए।
अषम तृतीमा जैवे अफुझ भुशूता भें धन प्रासद्ऱ के त्रलळेऴ उऩामक को प्रायॊ ब कय सनत्द्ळत रुऩ वे अऩने
जीलन भें धन-लैबल, वुख-वभृत्रि का आगभन फकमा जा वकता शैं ।
मफद व्मत्रक्त स्लमॊ कोई उऩाम प्रमोग मा वाधन इत्माफद द्राया स्लमॊ फकवी वाभग्री को सवि कयने भें
अवभथा शो को फकवी मोग्म गुरु मा ब्राह्मण वे बी कयला वकते शै अथला गुरुत्ल कामाारम द्राया ऩूणा प्राण
प्रसतत्रद्षत वाभग्रीमा वुरब भूल्म भें प्राद्ऱ कय त्रफना फकवी त्रलळेऴ ऩूजा अ न
ा ा के राब प्राद्ऱ वकते शै ।
त्रलद्रानक का कथन शैं की अषम तृतीमा के भशत्ल को जानते शुए ले बी मफद कोई इव अफुझ ळुब भुशूता
के राब वे लॊस त यश जाए तो वॊबल् उव अबागे भनुष्म का दब
ु ााग्म शी शोगा की जो उवे इव ळुब भुशूता के
राब वे लॊस त यख यशा शोगा! इव अषम तृतीमा के ळुब भुशूता को त्रफना फकवी ऩूजन-अ न
ा अथला उऩाम
इत्माफद को फकमे फगैय छोड दे ना दब
ु ााग्मऩूणा शै , धन-वॊऩत्रि एलॊ वॊऩन्नताकी काभना शे तु व्मत्रक्त को इव अलवय
का राब अलश्म उठाना ाफशए।
बायतीम त्रलद्रानक का भत शैं की वुलणा के आबूऴण को ळयीय के त्रलसबन्न अॊगक ऩय धायण कयने वे
अरग-अरग राबक की प्रासद्ऱ शोती शै । आमुलद
े त्रलळेस के भतानुवाय वुलणा बष्भ के प्रमोग वे ळयीय को अनेक
प्रकाय के राब शोते शैं । वुलणा एक दर
ु ब
ा धातु शै । एलॊ वुलणा की बस्भ औऴसधम गुणक वे मुक्त असत दर
ु ब
ा शै ।
वुलणा के आबूऴण का ळुब प्रबाल तबी शोता शैं जल मश शभाये ळयीय को स्ऩळा कय यशे शो।
इव अॊक भें शभने वुलणा वे जुडी कुछ यो क जानकायीमा आऩके भागादळान शे तु प्रकासळत फक गई शै ।
इव भासवक ई-ऩत्रिका भें वॊफॊसधत जानकायीमक के त्रलऴम भें वाधक एलॊ त्रलद्रान ऩाठको वे अनुयोध शैं , मफद दळाामे
गए भॊि, द्ऴोक, मॊि, वाधना एलॊ उऩामक मा अन्म जानकायी के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण ऩढ़ने, वॊऩादन भें,
फडजाईन भें, टाईऩीॊग भें, त्रप्रॊफटॊ ग भें, प्रकाळन भें कोई िुफट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रें मा फकवी मोग्म ज्मोसतऴी,
गुरु मा त्रलद्रान वे वराश त्रलभळा कय रे । क्मोफक त्रलद्रान ज्मोसतऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के सनजी अनुबल त्रलसबन्न भॊि,
द्ऴोक, मॊि, वाधना, उऩाम के प्रबालक का लणान कयने भें बेद शोने ऩय काभना सवत्रि शे तु फक जाने लारी लारी ऩूजन त्रलसध
एलॊ उवके प्रबालक भें सबन्नता वॊबल शैं ।
लारी औय गभॉ को ळाॊत कयने लारी वबी लस्तुओॊ का उिभ भाना जाता शैं ।
दान कयना ळुब भाना जाता शैं । अषम तृसतमा के फदन दे ळ के कई फशस्वो भें
अषम तृसतमा के फदन जौ, गेशूॊ, ने, दशी, ालर, ालर, भूॊग की फनी त्ख डी खाने का रयलाज शैं ।
त्ख डी, ईळ (गन्ना) का यव, ठण्डाई ल दध
ू वे फने शुए अषम तृसतमा के फदन गॊगा स्नान का फडा भशत्ल
ऩदाथा, वोना, कऩडे , जर का घडा आफद दान कयना बी भाना जाता शैं ।
राबदामक भाना जाता शैं । लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा को स्लगॉम
अषम तृसतमा के फदन फकए गए वबी धासभाक कामा आत्भाओॊ की प्रवन्नाता के सरए करळ, ऩॊखा, खडाऊॉ,
असत उिभ यशते शैं । छाता, विू, ककडी, खयफूजा आफद भौवभी पर, ळक्कय
अषम तृसतमा के फदन व्रत-उऩलाव के सरमे बी इत्माफद ऩदाथा ब्राह्माण को दान कयने का त्रलधान शैं ।
एवी ऩौयात्णक भान्मता शैं फक अषम तृतीमा के फदन वोने- ाॊदी की ीजें खयीदी जाती शैं । अषम तृतीमा के फदन वोना ल ाॊदी
खयीदना ळुब भाना जाता शै , क्मोफक इव फदन वोना औय आबूऴण खयीदने वे लऴा बय जीलन भें वभृत्रि फनी यशती शै । इव फदन
वोने मा ाॊदी के आबूऴणक के वाथ भाॉ रक्ष्भी की त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजा कयने का त्रलधान शभाये धभाग्रॊथक भें शैं ।
भॊि सवि दर
ु ब
ा वाभग्री
कारी शल्दी:- 370, 550, 730, 1450, 1900 कभर गट्टे की भारा - Rs- 370
भामा जार- Rs- 251, 551, 751 शल्दी भारा - Rs- 280
धन लृत्रि शकीक वेट Rs-280 (कारी शल्दी के वाथ Rs-550) तुरवी भारा - Rs- 190, 280, 370, 460
घोडे की नार- Rs.351, 551, 751 नलयत्न भारा- Rs- 1050, 1900, 2800, 3700 & Above
शकीक::11:नॊग-Rs-190, 21:नॊग Rs-370 नलयॊ गी शकीक भारा Rs- 280, 460, 730
रघु श्रीपर::1:नॊग-Rs-21, 11:नॊग-Rs-190 शकीक भारा (वात यॊ ग) Rs- 280, 460, 730, 910
नाग केळय::11 ग्राभ, Rs-145 भूॊगे की भारा Rs- 1050, 1900 & Above
स्पफटक भारा- Rs- 235, 280, 460, 730, DC 1050, 1250 ऩायद भारा Rs- 1450, 1900, 2800 & Above
वपेद ॊदन भारा - Rs- 460, 640, 910 लैजमॊती भारा Rs- 190, 280, 460
यक्त ्रारल ॊदन - Rs- 370, 550, रुद्राष भारा: 190, 280, 460, 730, 1050, 1450
भोती भारा- Rs- 460, 730, 1250, 1450 & Above त्रलधुत भारा - Rs- 190, 280
कासभमा सवॊदयू - Rs- 460, 730, 1050, 1450, & Above भूल्म भें अॊतय छोटे वे फडे आकाय के कायण शैं ।
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GURUTVA KARYALAY
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 12 अप्रैर 2020 | अॊक 2
एवी भान्मता शै लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा श्रीकृ ष्ण के ल न अनुवाय ऩूणा त्रलसध-त्रलधान वे बगलान
वूमद
ा े ल ने ऩाॊडलक को फतान (अषम ऩाि) फदमा था। जो प्रकट शुए औय मुसधत्रद्षय को एक ताॊफे का फतान (अषम
एक फदव्म ऩाि था त्जवभें बोजन की सनयॊ तय आऩूसता ऩाि) दे ते शुए कशाॉ फक यवोई भें जो कुछ बोजन वाभग्री
सळलजी ने कुफेय वे लय भाॊगने को कशा, तफ कुफेयजी ने लारा था। एक फाय उवने नगय के त्रलद्रान ब्राह्मण के
लयदान भें अऩना धन एलॊ वॊऩत्रि रक्ष्भीजी वे ऩुन् प्राद्ऱ भुख वे अषम तृतीमा के भशत्ल को वुनकय इवे कयने
कयने का अनुयोध फकमा। तबी सळलजी ने कुफेयजी को का सनद्ळम फकमा। अषम तृतीमा के फदन धभादाव ऩत्रलि
रक्ष्भीजी का ऩूजन कय के उन्शें प्रवन्न कयने को कशा, गॊगा भें स्नान कयके त्रलसध-त्रलधान वे अऩने इद्श दे ली-
उवी वभम वे अषम तृतीमा के फदन रक्ष्भीजी का दे लता की ऩूजा-अ न
ा ा की। लृिालस्था भें योग ग्रस्त शोते
ऩूजन कय उन्शें प्रवन्न कयने का त्रलधान रा आ यशा शुए बी उवने ऩूणा श्रिा वे व्रत-उऩलाव-दान-सनमभ
शै । इव फदन रक्ष्भीजी-बगलान त्रलष्णु के वॊमुक्त ऩूजा आफद वत कभा फकमे।
त्रलळेऴ राबदामक भानी गमी शै । अन्म भान्मता के एवा भाना जाता अषम तृतीमा के फदन फकमे
अनुवाय बगलान सळलजी ने दे ली रक्ष्भीजी को वकर गमे धभा-कभा व्रत आफद के प्रबाल वे उवे अगरे जन्भ
रोकक की धन-व्ऩत्रि का असधकायी फनामा था। भें फशुत धनी ल प्रताऩी याजा फना। उवके याज दयफाय
धभादाव की कथा भें त्रलसबन्न दे ली-दे लता बी अषम तृतीमा के फदन ब्राह्मण
प्रा ीन कार भें एक नगय भें धभादाव नाभक का लेऴ धायण कयके उवके धभा-कभा भें उऩत्स्थत शो
एक लृि था। धभादाव अत्मॊत वदा ायी, धभा-कभा भें जाते थे। लश याजा अगरे जन्भ भें याजा द्र
ॊ गुद्ऱ के रूऩ
आस्था यखने लारा औय ब्राह्मणक का आदय वत्काय कयने भें उतऩन्न शुए।
GURUTVA KARYALAY
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वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें तॊि यषा कल के सभरे शोने की लजश वे ताॊत्रिक फाधाए दयू शोती शैं , वाथ शी
नकायात्भक ळत्रक्तमो का कोइ कुप्रबाल धायण कताा व्मत्रक्त ऩय नशीॊ शोता। इव कल के प्रबाल वे इऴाा-द्वेऴ यखने
लारे व्मत्रक्तओ द्राया शोने लारे दद्श
ु प्रबालो वे यषा शोती शैं ।
वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें ळिु त्रलजम कल के सभरे शोने की लजश वे ळिु वे वॊफॊसधत वभस्त ऩये ळासनओ
वे स्लत् शी छुटकाया सभर जाता शैं । कल के प्रबाल वे ळिु धायण कताा व्मत्रक्त का ाशकय कुछ नशी त्रफगाड
वकते।
GURUTVA KARYALAY
92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ODISHA)
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गुणकायी भाना जाता शैं इवसरए शल्दी का प्रमोग बोजन ल प्राद्ऱ शोना वौबाग्म की फात शैं । त्जव घय भें कारी शल्दी का
औऴसध के अराला भाॊगसरत कामा, दे ली-दे लताओॊ के ऩूजन- ऩूजन शोता शो लश घय भें सनलाव कताा वौबाग्मळारी शोते शैं ।
घये रू टोने-टोटके
छोटे -छोटे मॊि, भॊि
सवि उऩाम एलॊ वाधना
ऩूजन कय के अऩनी सतजोयी मा धन यखने लारे के फदन मा अन्म फकवी ळुब भुशूता भें ळॊख का को धूऩ-
स्थान ऩय यखने वे धन का कबी अबाल नशीॊ दीऩ आफद वे ऩूजन कय के अऩनी सतजोयी मा धन
यशता शैं । यखने लारे स्थान ऩय मा ऩूजन स्थाभ भें यखने वे धन
का कबी अबाल नशीॊ यशता शैं ।
दत्षणालता ळॊख
वुख-वभृत्रि, धन-वॊऩत्रि, रयत्रि-सवत्रि एलॊ ऐद्वमा की धन लृत्रि फडब्फी
प्रासद्ऱ के सरए शभाये धभा ळास्त्रक भे दत्षणालता ळॊख का धन लृत्रि फडब्फी को अऩनी अरभायी, कैळ फोक्व,
अत्मासधक भशत्ल फतामा गमा शैं । दत्षणालता ळॊख का ऩूजा स्थान भें यखने वे धन लृत्रि शोती शैं त्जवभें कारी
भुख दामीॊ औय वे खुरा शोता शैं । शल्दी, रार- ऩीरा-वपेद रक्ष्भी कायक शकीक ्अकीकल,
ळास्त्रोक्त भान्मता शैं की त्जव घय भें त्रलसध- रक्ष्भी कायक स्पफटक यत्न, 3 ऩीरी कौडी, 3 वपेद
त्रलधान वे दत्षणालता ळॊख का ऩूजन शोता शैं , उव घय कौडी, गोभती क्र, वपेद गुॊजा, यक्त गुॊजा, कारी गुॊजा,
भें धन, वुख, वभृत्रि, मळ-फकसता की लृत्रि शोती शैं । उव भामा जार, इत्मादी दर
ु ब
ा लस्तुओॊ को ळुब भशुता भें
घय भें रक्ष्भी त्स्थत शोती शैं । अषम तृतीमा, दीऩालरी तेजस्ली भॊि द्राया असबभॊत्रित फकम जाता शैं ।
जफ 7 ग्रश याशु औय केतु के भध्म भे त्स्थत शो मश इन वफ फातक का बी वॊफॊसधत जातक ऩय भशत्लऩूणा प्रबाल
आजाने वे याशु केतु अन्म ळुब ग्रशक के प्रबालक को षीण कय दे ते इवसरए भािा कारवऩा मोग वुनकय बमबीत शो जाने
शक!, तो अळुब कारवऩा मोग फनता शै , क्मोफक ज्मोसतऴ भे याशु की जरूयत नशीॊ फत्ल्क उवका जानकाय मा कुळर ज्मोसतऴी वे
को वऩा(वाऩ) का भुश(भुख) एलॊ केतु को ऩूॊछ कशा जाता शै । ज्मोसतऴीम त्रलद्ऴेऴण कयलाकय उवके प्रबालक की त्रलस्तृत
जानकायी शासवर कय रेना शी फुत्रिभिा शै । जफ अवरी कायण
कारवऩा मोग का प्रबाल क्म शोता शै ? ज्मोसतऴीम त्रलद्ऴेऴण वे स्ऩद्श शो जामे तो तत्कार उवका उऩाम
त्जव प्रकाय फकवी व्मत्रक्त को वाऩ काट रे तो लश कयना ाफशए। उऩाम वे कारवऩा मोग के कुप्रबालो को कभ
व्मत्रक्त ळाॊसत वे नशी फेठ वकता लेवे शी कारवऩा मोग वे ऩीफडत फकमा जा वकता शै ।
व्मत्रक्त को जीलन ऩमान्त ळायीरयक, भानसवक, आसथाक ऩये ळानी मफद आऩकी जन्भ कुॊडरी भे बी अळुब कारवऩा मोग का फन
का वाभना कयना ऩडता शै । त्रललाश त्रलर्फ वे शोता शै एलॊ यशा शो औय आऩ उवके अळुब प्रबालक वे ऩये ळान शो, तो
त्रललाश के ऩश्च्मात वॊतान वे वॊफॊधी कद्श जेवे उवे वॊतान शोती कारवऩा मोग के अळुब प्राबालक को ळाॊत कयने के सरमे त्रलळेऴ
शी नशीॊ मा शोती शै तो योग ग्रस्त शोती शै । उवे जीलन भें फकवी अनुबत
ू उऩामक को अऩना कय अऩने जीलन को वुखी एलॊ वभृि
न फकवी भशत्लऩूणा लस्तु का अबाल यशता शै । जातक को फनाए।
कारवऩा मोग के कायण वबी कामों भें अत्मासधक वॊघऴा कयना ***
भॊि सवि दर
ु ब
ा वाभग्री
कारी शल्दी:- 370, 550, 730, 1450, 1900 कभर गट्टे की भारा - Rs- 370
भामा जार- Rs- 251, 551, 751 शल्दी भारा - Rs- 280
धन लृत्रि शकीक वेट Rs-280 (कारी शल्दी के वाथ Rs-550) तुरवी भारा - Rs- 190, 280, 370, 460
घोडे की नार- Rs.351, 551, 751 नलयत्न भारा- Rs- 1050, 1900, 2800, 3700 & Above
शकीक: 11 नॊग-Rs-190, 21 नॊग Rs-370 नलयॊ गी शकीक भारा Rs- 280, 460, 730
रघु श्रीपर: 1 नॊग-Rs-21, 11 नॊग-Rs-190 शकीक भारा (वात यॊ ग) Rs- 280, 460, 730, 910
नाग केळय: 11 ग्राभ, Rs-145 भूॊगे की भारा Rs- 1050, 1900 & Above
स्पफटक भारा- Rs- 235, 280, 460, 730, DC 1050, 1250 ऩायद भारा Rs- 1450, 1900, 2800 & Above
वपेद ॊदन भारा - Rs- 460, 640, 910 लैजमॊती भारा Rs- 190, 280, 460
यक्त (रार) ॊदन - Rs- 370, 550, रुद्राष भारा: 190, 280, 460, 730, 1050, 1450
भोती भारा- Rs- 460, 730, 1250, 1450 & Above त्रलधुत भारा - Rs- 190, 280
कासभमा सवॊदयू - Rs- 460, 730, 1050, 1450, & Above भूल्म भें अॊतय छोटे वे फडे आकाय के कायण शैं ।
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वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें तॊि यषा कल के सभरे शोने की लजश वे ताॊत्रिक फाधाए दयू शोती शैं , वाथ शी
नकायात्भक ळत्रक्तमो का कोइ कुप्रबाल धायण कताा व्मत्रक्त ऩय नशीॊ शोता। इव कल के प्रबाल वे इऴाा-द्वेऴ यखने
लारे व्मत्रक्तओ द्राया शोने लारे दद्श
ु प्रबालो वे यषा शोती शैं ।
वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें ळिु त्रलजम कल के सभरे शोने की लजश वे ळिु वे वॊफॊसधत वभस्त ऩये ळासनओ
वे स्लत् शी छुटकाया सभर जाता शैं । कल के प्रबाल वे ळिु धायण कताा व्मत्रक्त का ाशकय कुछ नशी त्रफगाड
वकते।
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श्री गणेळ मॊि के ऩूजन वे व्मत्रक्त को फुत्रि, त्रलद्या, त्रललेक का त्रलकाव शोता शैं औय योग, व्मासध एलॊ वभस्त त्रलध्न-
फाधाओॊ का स्लत् नाळ शोता शै । श्री गणेळजी की कृ ऩा प्राद्ऱ शोने वे व्मत्रक्त के भुत्श्कर वे भुत्श्कर कामा बी
आवान शो जाते शैं ।
त्जन रोगो को व्मलवाम-नौकयी भें त्रलऩयीत ऩरयणाभ प्राद्ऱ शो यशे शक, ऩारयलारयक तनाल, आसथाक तॊगी, योगक वे
ऩीडा शो यशी शो एलॊ व्मत्रक्त को अथक भेशनत कयने के उऩयाॊत बी नाकाभमाफी, द:ु ख, सनयाळा प्राद्ऱ शो यशी शो, तो
एवे व्मत्रक्तमो की वभस्मा के सनलायण शे तु तुथॉ के फदन मा फुधलाय के फदन श्री गणेळजी की त्रलळेऴ ऩूजा-
अ न
ा ा कयने का त्रलधान ळास्त्रक भें फतामा शैं ।
त्जवके पर वे व्मत्रक्त की फकस्भत फदर जाती शैं औय उवे जीलन भें वुख, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा की प्रासद्ऱ शोती शैं ।
त्जव प्रकाय श्री गणेळ जी का ऩूजन अरग-अरग उद्दे श्म एलॊ काभनाऩूसता शे तु फकमा जाता शैं , उवी प्रकाय श्री
गणेळ मॊि का ऩूजन बी अरग-अरग उद्दे श्म एलॊ काभनाऩूसता शे तु अरग-अरग फकमा जाता वकता शैं ।
श्री गणेळ मॊि के सनमसभत ऩूजन वे भनुष्म को जीलन भें वबी प्रकाय की ऋत्रि-सवत्रि ल धन-व्ऩत्रि की प्रासद्ऱ
शे तु श्री गणेळ मॊि अत्मॊत राबदामक शैं । श्री गणेळ मॊि के ऩूजन वे व्मत्रक्त की वाभात्जक ऩद-प्रसतद्षा औय कीसता
ायक औय पैरने रगती शैं ।
त्रलद्रानक का अनुबल शैं की फकवी बी ळुब कामा को प्रायॊ ऩ कयने वे ऩूला मा ळुबकामा शे तु घय वे फाशय जाने वे ऩूला
गणऩसत मॊि का ऩूजन एलॊ दळान कयना ळुब परदामक यशता शैं । जीलन वे वभस्त त्रलघ्न दयू शोकय धन,
आध्मात्त्भक ेतना के त्रलकाव एलॊ आत्भफर की प्रासद्ऱ के सरए भनुष्म को गणेळ मॊि का ऩूजन कयना ाफशए।
गणऩसत मॊि को फकवी बी भाश की गणेळ तुथॉ मा फुधलाय को प्रात: कार अऩने घय, ओफपव, व्मलवामीक
स्थर ऩय ऩूजा स्थर ऩय स्थात्रऩत कयना ळुब यशता शैं ।
गुरुत्ल कामाारम भें उऩरब्ध अन्म : रक्ष्भी गणेळ मॊि | गणेळ मॊि | गणेळ मॊि (वॊऩूणा फीज भॊि वफशत) | गणेळ
सवि मॊि | एकाषय गणऩसत मॊि | शरयद्रा गणेळ मॊि बी उऩरब्ध शैं । असधक जानकायी आऩ शभायी लेफ वाइट ऩय प्राद्ऱ
कय वकते शैं ।
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औय दर
ु ब
ा मॊि भाना गमा शैं ।
भाॉ दग
ु ाा के दव अलतायक का आळीलााद वभाफशत शैं ,
इवसरए दव भशात्रलद्या मॊि को के ऩूजन एलॊ दळान भाि वे व्मत्रक्त अऩने जीलन को सनयॊ तय असधक वे असधक वाथाक एलॊ
दे ली के आसळलााद वे व्मत्रक्त को सान, वुख, धन-वॊऩदा, ऐद्वमा, रूऩ-वौंदमा की प्रासद्ऱ वॊबल शैं । व्मत्रक्त को लाद-त्रललाद भें
दळ भशात्रलद्या को ळास्त्रक भें आद्या बगलती के दव बेद कशे गमे शैं , जो क्रभळ् (1) कारी, (2) ताया, (3) ऴोडळी, (4)
बुलनेद्वयी, (5) बैयली, (6) सछन्नभस्ता, (7) धूभालती, (8) फगरा, (9) भातॊगी एलॊ (10) कभात्त्भका। इव वबी दे ली
स्लरुऩक को, वत््भसरत रुऩ भें दळ भशात्रलद्या के नाभ वे जाना जाता शैं ।
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अभोद्य भशाभृत्मुॊजम कल
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल ल उल्रेत्खत अन्म वाभग्रीमक को ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे
त्रलद्रान ब्राह्मणो द्राया वला राख भशाभृत्मुॊजम भॊि जऩ एलॊ दळाॊळ शलन द्राया सनसभात कल
अत्मॊत प्रबालळारी शोता शैं ।
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल
अभोद्य्
कल फनलाने शे तु:
अऩना नाभ, त्रऩता-भाता का नाभ, भशाभृत्मुॊजम कल
गोि, एक नमा पोटो बेजे दत्षणा भाि: 10900
कल के त्रलऴम भें असधक जानकायी शे तु गुरुत्ल कामाारम भें वॊऩका कयें । >> Order Now
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श्री मॊि (वॊऩूणा भॊि वफशत) रक्ष्भी दामक सवि फीवा मॊि श्री श्री मॊि (रसरता भशात्रिऩुय वुन्दमै श्री भशारक्ष्भमैं श्री भशामॊि )
श्री मॊि (फीवा मॊि) रक्ष्भी दाता फीवा मॊि अॊकात्भक फीवा मॊि
श्री मॊि श्री वूक्त मॊि रक्ष्भी फीवा मॊि ज्मेद्षा रक्ष्भी भॊि ऩूजन मॊि
श्री मॊि (कुभा ऩृद्षीम) रक्ष्भी गणेळ मॊि धनदा मॊि > Shop Online | Order Now
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वलासवत्रिदामक भुफद्रका
इव भुफद्रका भें भूॊगे को ळुब भुशूता भें त्रिधातु ्वुलणा+यजत+ताॊफेंल भें जडला कय उवे ळास्त्रोक्त त्रलसध-
त्रलधान वे त्रलसळद्श तेजस्ली भॊिो द्राया वलासवत्रिदामक फनाने शे तु प्राण-प्रसतत्रद्षत एलॊ ऩूणा त
ै न्म मुक्त फकमा
जाता शैं । इव भुफद्रका को फकवी बी लगा के व्मत्रक्त शाथ की फकवी बी उॊ गरी भें धायण कय वकते
शैं । मशॊ भुफद्रका कबी फकवी बी त्स्थती भें अऩत्रलि नशीॊ शोती। इवसरए कबी भुफद्रका को उतायने की
आलश्मक्ता नशीॊ शैं । इवे धायण कयने वे व्मत्रक्त की वभस्माओॊ का वभाधान शोने रगता शैं ।
धायणकताा को जीलन भें वपरता प्रासद्ऱ एलॊ उन्नसत के नमे भागा प्रवस्त शोते यशते शैं औय जीलन
भें वबी प्रकाय की सवत्रिमाॊ बी ळीध्र प्राद्ऱ शोती शैं । भूल्म भाि- 6400/-
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्नोट: इव भुफद्रका को धायण कयने वे भॊगर ग्रश का कोई फुया प्रबाल वाधक ऩय नशीॊ शोता शैं ।ल
वलासवत्रिदामक भुफद्रका के त्रलऴम भें असधक जानकायी के सरमे शे तु व्ऩका कयें ।
उऩयोक्त वबी मॊिो को द्रादळ भशा मॊि के रुऩ भें ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवि ऩूणा
प्राणप्रसतत्रद्षत एलॊ ैतन्म मुक्त फकमे जाते शैं । त्जवे स्थाऩीत कय त्रफना फकवी ऩूजा
अ न
ा ा-त्रलसध त्रलधान त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शैं ।
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घय ऩरयलाय भें ळाॊसत एलॊ फच् े को कुवॊगती वे छुडाने शे तु फच् े के नाभ वे गुरुत्ल कामाारत
द्राया ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवि प्राण-प्रसतत्रद्षत ऩूणा ैतन्म मुक्त लळीकयण कल एलॊ
एव.एन.फडब्फी फनलारे एलॊ उवे अऩने घय भें स्थात्रऩत कय अल्ऩ ऩूजा, त्रलसध-त्रलधान वे आऩ
त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शैं । मफद आऩ तो आऩ भॊि सवि लळीकयण कल एलॊ
एव.एन.फडब्फी फनलाना ाशते शैं , तो वॊऩका इव कय वकते शैं ।
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बी ळसन द्राया शी सभरती शै अत् मश मॊि असत उऩमोगी मॊि शै त्जवके द्राया ळीघ्र शी राब ऩामा जा वकता शै ।
भूल्म: 1225 वे 8200 >> Shop Online | Order Now
वॊऩूणा प्राणप्रसतत्रद्षत
22 गेज ळुि स्टीर भें सनसभात अखॊफडत
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गरे भें शोने के कायण मॊि ऩत्रलि यशता शैं एलॊ स्नान कयते वभम इव मॊि ऩय स्ऩळा कय जो जर
त्रफॊद ु ळयीय को रगते शैं , लश गॊगा जर के वभान ऩत्रलि शोता शैं । इव सरमे इवे वफवे तेजस्ली
एलॊ परदासम कशजाता शैं । जैवे अभृत वे उिभ कोई औऴसध नशीॊ, उवी प्रकाय रक्ष्भी प्रासद्ऱ के
सरमे श्री मॊि वे उिभ कोई मॊि वॊवाय भें नशीॊ शैं एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं । इव प्रकाय के नलयत्न
जफडत श्री मॊि गुरूत्ल कामाारम द्राया ळुब भुशूता भें प्राण प्रसतत्रद्षत कयके फनालाए जाते शैं ।
Rs: 4600, 5500, 6400 वे 10,900 वे असधक
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श्री शनुभान मॊि ळास्त्रक भें उल्रेख शैं की श्री शनुभान जी को बगलान वूमद
ा े ल ने ब्रह्मा जी के आदे ळ ऩय
शनुभान जी को अऩने तेज का वौलाॉ बाग प्रदान कयते शुए आळीलााद प्रदान फकमा था, फक भैं शनुभान को वबी ळास्त्र
का ऩूणा सान दॉ ग
ू ा। त्जववे मश तीनोरोक भें वला श्रेद्ष लक्ता शकगे तथा ळास्त्र त्रलद्या भें इन्शें भशायत शासवर शोगी औय
इनके वभन फरळारी औय कोई नशीॊ शोगा। जानकायो ने भतानुवाय शनुभान मॊि की आयाधना वे ऩुरुऴक की त्रलसबन्न
फीभारयमक दयू शोती शैं , इव मॊि भें अद्भत
ु ळत्रक्त वभाफशत शोने के कायण व्मत्रक्त की स्लप्न दोऴ, धातु योग, यक्त दोऴ,
लीमा दोऴ, भूछाा, नऩुॊवकता इत्माफद अनेक प्रकाय के दोऴो को दयू कयने भें अत्मन्त राबकायी शैं । अथाात मश मॊि
ऩौरुऴ को ऩुद्श कयता शैं । श्री शनुभान मॊि व्मत्रक्त को वॊकट, लाद-त्रललाद, बूत-प्रेत, द्यूत फक्रमा, त्रलऴबम, ोय बम, याज्म
बम, भायण, व्भोशन स्तॊबन इत्माफद वे वॊकटो वे यषा कयता शैं औय सवत्रि प्रदान कयने भें वषभ शैं ।
श्री शनुभान मॊि के त्रलऴम भें असधक जानकायी के सरमे गुरुत्ल कामाारम भें वॊऩका कयें ।
भूल्म Rs- 910 वे 12700 तक
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सान दाता भशा मॊि रग्न त्रलघ्न सनलायक मॊि कुदृत्रद्श नाळक मॊि
कामा कल्ऩ मॊि रग्न मोग मॊि श्री ळिु ऩयाबल मॊि
दीधाामु अभृत तत्ल वॊजीलनी मॊि दरयद्रता त्रलनाळक मॊि ळिु दभनाणाल ऩूजन मॊि
मॊि के त्रलऴम भें असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयें । >> Shop Online | Order Now
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 77 अप्रैर 2020 | अॊक 2
1 फुध ैि ळुक्र अद्शभी 27:57 आद्रा 19:28 ळोबन 16:40 त्रलत्रद्श 16:08 सभथुन -
2 गुरु ैि ळुक्र नलभी 26:58 ऩुनलावु 19:28 असतगॊड 15:07 फारल 15:33 सभथुन 11:39
3 ळुक्र ैि ळुक्र दळभी 25:11 ऩुष्म 18:40 वुकभाा 12:56 तैसतर 14:10 कका -
4 ळसन ैि ळुक्र एकादळी 22:41 आद्ऴेऴा 17:08 धृसत 10:09 लत्णज 12:01 कका 13:42
5 यत्रल ैि ळुक्र द्रादळी 19:33 भघा 14:57 ळूर 06:48 फल 09:11 सवॊश -
6 वोभ ैि ळुक्र िमोदळी 15:57 ऩूलाापाल्गुनी 12:15 लृत्रि 22:52 तैसतर 15:57 सवॊश 15:50
7 भॊगर ैि ळुक्र तुदाळी 12:04 उियापाल्गुनी 09:15 ध्रुल 18:33 लत्णज 12:04 कन्मा -
ऩूत्णाभा-
08:04- 06:07-
8 फुध ैि ळुक्र शस्त- स िा व्माघात 14:12 फल 08:04 कन्मा 17:57
प्रसतऩदा 28:10 27:2
9 गुरु लैळाख कृ ष्ण फद्रतीमा 24:33 स्लाती 24:14 शऴाण 09:58 तैसतर 14:19 तुरा -
10 ळुक्र लैळाख कृ ष्ण तृतीमा 21:23 त्रलळाखा 21:54 सवत्रि 26:29 लत्णज 10:54 तुरा 20:05
11 ळसन लैळाख कृ ष्ण तुथॉ 18:50 अनुयाधा 20:11 व्मसतऩात 23:29 फल 08:01 लृत्द्ळक -
12 यत्रल लैळाख कृ ष्ण ऩॊ भी 17:01 जेद्षा 19:12 लरयमान 21:05 तैसतर 17:01 लृत्द्ळक 22:11
13 वोभ लैळाख कृ ष्ण ऴद्षी 16:02 भूर 19:02 ऩरयघ 19:21 लत्णज 16:02 धनु -
14 भॊगर लैळाख कृ ष्ण वद्ऱभी 15:53 ऩूलााऴाढ़ 19:40 सळल 18:16 फल 15:53 धनु 01:58
15 फुध लैळाख कृ ष्ण अद्शभी 16:32 उियाऴाढ़ 21:03 सवि 17:46 कौरल 16:32 भकय -
16 गुरु लैळाख कृ ष्ण नलभी 17:53 श्रलण 23:05 वाध्म 17:47 गय 17:53 भकय -
17 ळुक्र लैळाख कृ ष्ण दळभी 19:46 धसनद्षा 25:35 ळुब 18:12 लत्णज 06:46 भकय 01:35
18 ळसन लैळाख कृ ष्ण एकादळी 22:02 ळतसबऴा 28:24 ळुक्र 18:53 फल 08:52 कुॊब -
19 यत्रल लैळाख कृ ष्ण द्रादळी 24:31 ऩूलााबाद्रऩद - ब्रह्म 19:44 कौरल 11:16 कुॊब 02:51
20 वोभ लैळाख कृ ष्ण िमोदळी 27:3 ऩूलााबाद्रऩद 07:22 इन्द्र 20:37 गय 13:47 भीन -
21 भॊगर लैळाख कृ ष्ण तुदाळी 29:33 उियाबाद्रऩद 10:22 लैधसृ त 21:30 त्रलत्रद्श 16:19 भीन -
22 फुध लैळाख कृ ष्ण अभालस्मा - ये लसत 13:17 त्रलऴकुॊब 22:17 तुष्ऩाद 18:45 भीन 04:31
23 गुरु लैळाख कृ ष्ण अभालस्मा 07:55 अत्द्वनी 16:04 प्रीसत 22:57 नाग 07:55 भेऴ -
24 ळुक्र लैळाख ळुक्र प्रसतऩदा 10:05 बयणी 18:38 आमुष्भान 23:26 फल 10:05 भेऴ 05:41
25 ळसन लैळाख ळुक्र फद्रतीमा 11:59 कृ सतका 20:57 वौबाग्म 23:42 कौरल 11:59 लृऴ -
26 यत्रल लैळाख ळुक्र तृतीमा 13:34 योफशत्ण 22:55 ळोबन 23:42 गय 13:34 लृऴ -
27 वोभ लैळाख ळुक्र तुथॉ 14:43 भृगसळया 24:29 असतगॊड 23:23 त्रलत्रद्श 14:43 लृऴ 07:47
28 भॊगर लैळाख ळुक्र ऩॊ भी 15:23 आद्रा 25:32 वुकभाा 22:41 फारल 15:23 सभथुन -
29 फुध लैळाख ळुक्र ऴद्षी 15:28 ऩुनलावु 26:01 धृसत 21:32 तैसतर 15:28 सभथुन 09:32
30 गुरु लैळाख ळुक्र वद्ऱभी 14:55 ऩुष्म 25:52 ळूर 19:54 लत्णज 14:55 कका -
ळुक्र ैि ळुक्र दळभी नलयाि व्रत का ऩायण, श्री धभायाज दळभी, यत्रल दळभी ऩला, ऩुष्म नषि
25:11
3
(वाॊम 06:40 तक)
यत्रल ैि ळुक्र द्रादळी भदन द्रादळी, लाभन द्रादळी, यत्रल प्रदोऴ व्रत, शरय दभनोत्वल, अनॊग
19:33
5
िमोदळी व्रत,
फुध ैि ळुक्र
08:04-
अन्लाधान, भन्लाफद, वलादेल दभनकोत्वल, श्री शनुभान जमॊती, लैळाख
8
प्रसतऩदा 28:10 भावीम व्रत-मभ-सनमभाफद प्राय्ब, 08:04 ऩद्ळात लैळाख कृ ष्ण
ऩषाय्ब,
ळसन लैळाख कृ ष्ण तुथॉ वॊकद्शी श्री गणेळ तुथॉ व्रत, ( न्द्रोदम.या.8.24), वती अनवुइमा
18:50
11
जमन्ती,
वूमा अत्द्वनी नषि भें एलॊ वूमा की भेऴ वॊक्रात्न्त का ऩुण्म कार
वोभ लैळाख कृ ष्ण ऴद्षी दोऩशय 12:22 वे वाॊम 18:46 तक ्अलसध 06:24 सभनटल, वॊक्रात्न्त
16:02
13
का भशा ऩुण्म कार वाॊम 16:38 वे वाॊम 18:46 तक ्अलसध 02:08
सभनटल, भीन भाव (खयभाव) वभाद्ऱ,
ळसन लैळाख ळुक्र फद्रतीमा ऩश्च्मात 11:59 तृतीमा, बगलान ऩयळुयाभ जमन्ती (प्रदोऴ कार
25 11:59
व्मात्रऩनी तृतीमा भें), छिऩसत सळला जी जमन्ती,
यत्रल लैळाख ळुक्र तृतीमा अषम तृसतमा 13:34 तक (योफशणी नषिमुता), योफशत्ण नषि यात
26 13:34
22:55 तक, िेतामुगाफद, कल्ऩाफद, याद्सीम लैळाख भावाय्ब,
भॊगर लैळाख ळुक्र ऩॊ भी श्री आद्य ळॊकया ामा जमन्ती, श्री वूयदाव जमन्ती, श्री याभानुजा ामा
28 15:23
जमन्ती (द.बा),
गुरु लैळाख ळुक्र वद्ऱभी श्री गॊगा वद्ऱभी, गॊगोत्ऩत्रि, गॊगालतयण (भध्मान्श भें गॊगा ऩूजन), गॊगा
30 14:55
जन्भ रग्न (लृऴ),
यासळ यत्न
भेऴ यासळ: लृऴब यासळ: सभथुन यासळ: कका यासळ: सवॊश यासळ: कन्मा यासळ:
भूग
ॊ ा शीया ऩन्ना भोती भाणेक ऩन्ना
तुरा यासळ: लृत्द्ळक यासळ: धनु यासळ: भकय यासळ: कॊु ब यासळ: भीन यासळ:
शीया भूग
ॊ ा ऩुखयाज नीरभ नीरभ ऩुखयाज
* उऩमोक्त लजन औय भूल्म वे असधक औय कभ लजन औय भूल्म के यत्न एलॊ उऩयत्न बी शभाये मशा व्माऩायी भूल्म ऩय उप्रब्ध
शैं । >> Shop Online | Order Now
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अऩने सभिो ल ऩरयलायजनो के त्रफ भें रयश्तो भें वुधाय कयने की ईच्छा शोती व्मत्रक्त को ळीघ्र ऩूणा राब प्राद्ऱ शोता
शैं उनके सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि का ऩूजन एक वयर ल वुरब भाध्मभ शैं । कल को गरे भें धायण कयने
वात्रफत शो वकता शैं । वे लशॊ अत्मॊत प्रबाल ळारी शोता
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि ऩय अॊफकत ळत्रक्तळारी त्रलळेऴ ये खाएॊ, फीज भॊि एलॊ शैं । गरे भें धायण कयने वे कल
अॊको वे व्मत्रक्त को अद्द्द्भत
ु आॊतरयक ळत्रक्तमाॊ प्राद्ऱ शोती शैं जो व्मत्रक्त को शभेळा रृदम के ऩाव यशता शैं त्जस्वे
वफवे आगे एलॊ वबी षेिो भें अग्रत्णम फनाने भें वशामक सवि शोती शैं ।
व्मत्रक्त ऩय उवका राब असत तीव्र
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के ऩूजन ल सनमसभत दळान के भाध्मभ वे बगलान
एलॊ ळीघ्र सात शोने रगता शैं ।
श्रीकृ ष्ण का आळीलााद प्राद्ऱ कय वभाज भें स्लमॊ का अफद्रतीम स्थान स्थात्रऩत
भूरम भाि: 2350 >>Order Now
कयें ।
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि अरौफकक ब्रह्माॊडीम उजाा का वॊ ाय कयता शैं , जो एक प्राकृ त्रि भाध्मभ वे व्मत्रक्त के बीतय
वद्दबालना, वभृत्रि, वपरता, उिभ स्लास्थ्म, मोग औय ध्मान के सरमे एक ळत्रक्तळारी भाध्मभ शैं !
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के ऩूजन वे व्मत्रक्त के वाभात्जक भान-व्भान ल ऩद-प्रसतद्षा भें लृत्रि शोती शैं ।
त्रलद्रानो के भतानुवाय श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के भध्मबाग ऩय ध्मान मोग केंफद्रत कयने वे व्मत्रक्त फक ेतना ळत्रक्त
जाग्रत शोकय ळीघ्र उच् स्तय को प्राद्ऱशोती शैं ।
जो ऩुरुऴक औय भफशरा अऩने वाथी ऩय अऩना प्रबाल डारना ाशते शैं औय उन्शें अऩनी औय आकत्रऴत
ा कयना ाशते
शैं । उनके सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि उिभ उऩाम सवि शो वकता शैं ।
ऩसत-ऩत्नी भें आऩवी प्रभ की लृत्रि औय वुखी दा्ऩत्म जीलन के सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि राबदामी शोता शैं ।
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अभोघ भशाभृत्मुॊजम कल
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल ल उल्रेत्खत अन्म वाभग्रीमक को ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे त्रलद्रान
ब्राह्मणो द्राया वला राख भशाभृत्मुॊजम भॊि जऩ एलॊ दळाॊळ शलन द्राया सनसभात फकमा जाता शैं
इवसरए कल अत्मॊत प्रबालळारी शोता शैं । >> Order Now
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम
कल फनलाने शे तु:
अऩना नाभ, त्रऩता-भाता का नाभ, कल
गोि, एक नमा पोटो बेजे दत्षणा भाि: 10900
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मोग पर :
कामा सवत्रि मोग भे फकमे गमे ळुब कामा भे सनत्द्ळत वपरता प्राद्ऱ शोती शैं , एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं ।
त्रिऩुष्कय मोग भें फकमे गमे ळुब कामो का राब तीन गुना शोता शैं । एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं ।
गुरु ऩुष्माभृत मोग भें फकमे गमे फकमे गमे ळुब कामा भे ळुब परो की प्रासद्ऱ शोती शैं , एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं ।
अभृत सवत्रि मोग अत्मॊत ळुब मोग भें वबी प्रकाय के ळुब कामा फकए जा वकते शैं ।
ळास्त्रकक्त भत वे त्रलघ्नकायक बद्रा मोग भें ळुब कामा कयना लत्जात शैं ।
फदन के ौघफडमे
वभम यत्रललाय वोभलाय भॊगरलाय फुधलाय गुरुलाय ळुक्रलाय ळसनलाय
यात के ौघफडमे
वभम यत्रललाय वोभलाय भॊगरलाय फुधलाय गुरुलाय ळुक्रलाय ळसनलाय
ळास्त्रोक्त भत के अनुवाय मफद फकवी बी कामा का प्रायॊ ब ळुब भुशूता मा ळुब वभम ऩय फकमा जामे तो
कामा भें वपरता प्राद्ऱ शोने फक वॊबालना ज्मादा प्रफर शो जाती शैं । इव सरमे दै सनक ळुब वभम ौघफडमा
दे खकय प्राद्ऱ फकमा जा वकता शैं ।
नोट: प्राम् फदन औय यात्रि के ौघफडमे फक सगनती क्रभळ् वूमोदम औय वूमाास्त वे फक जाती शैं । प्रत्मेक ौघफडमे
फक अलसध 1 घॊटा 30 सभसनट अथाात डे ढ़ घॊटा शोती शैं । वभम के अनुवाय ौघफडमे को ळुबाळुब तीन बागक भें
फाॊटा जाता शैं , जो क्रभळ् ळुब, भध्मभ औय अळुब शैं ।
यत्रललाय वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन
वोभलाय ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा
भॊगरलाय भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र
फुधलाय फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर
गुरुलाय गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध
ळुक्रलाय ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु
ळसनलाय ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र
द्र
ॊ भा फक शोया वबी कामों के सरमे उिभ शोती शैं ।
गुरु फक शोया धासभाक कामा एलॊ त्रललाश के सरमे उिभ शोती शैं ।
कल के राब :
एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं त्जव घय भें भशाभृत्मुॊजम मॊि स्थात्रऩत शोता शैं लशा सनलाव कताा शो नाना प्रकाय
फक आसध-व्मासध-उऩासध वे यषा शोती शैं ।
ऩूणा प्राण प्रसतत्रद्षत एलॊ ऩूणा ैतन्म मुक्त वला योग सनलायण कल फकवी बी उम्र एलॊ जासत धभा के रोग
ाशे स्त्री शो मा ऩुरुऴ धायण कय वकते शैं ।
जन्भाॊगभें अनेक प्रकायके खयाफ मोगो औय खयाफ ग्रशो फक प्रसतकूरता वे योग उतऩन्न शोते शैं ।
कुछ योग वॊक्रभण वे शोते शैं एलॊ कुछ योग खान-ऩान फक असनमसभतता औय अळुितावे उत्ऩन्न शोते शैं ।
कल एलॊ मॊि द्राया एवे अनेक प्रकाय के खयाफ मोगो को नद्श कय, स्लास्थ्म राब औय ळायीरयक यषण
प्राद्ऱ कयने शे तु वला योगनाळक कल एलॊ मॊि वला उऩमोगी शोता शैं ।
आज के बौसतकता लादी आधुसनक मुगभे अनेक एवे योग शोते शैं , त्जवका उऩ ाय ओऩये ळन औय दलावे
बी कफठन शो जाता शैं । कुछ योग एवे शोते शैं त्जवे फताने भें रोग फश फक ाते शैं ळयभ अनुबल कयते शैं
एवे योगो को योकने शे तु एलॊ उवके उऩ ाय शे तु वला योगनाळक कल एलॊ मॊि राबादासम सवि शोता शैं ।
प्रत्मेक व्मत्रक्त फक जेवे-जेवे आमु फढती शैं लैवे-लवै उवके ळयीय फक ऊजाा कभ शोती जाती शैं । त्जवके
वाथ अनेक प्रकाय के त्रलकाय ऩैदा शोने रगते शैं एवी त्स्थती भें उऩ ाय शे तु वलायोगनाळक कल एलॊ
मॊि परप्रद शोता शैं ।
त्जव घय भें त्रऩता-ऩुि, भाता-ऩुि, भाता-ऩुिी, मा दो बाई एक फश नषिभे जन्भ रेते शैं , तफ उवकी भाता
के सरमे असधक कद्शदामक त्स्थती शोती शैं । उऩ ाय शे तु भशाभृत्मुॊजम मॊि परप्रद शोता शैं ।
त्जव व्मत्रक्त का जन्भ ऩरयसध मोगभे शोता शैं उन्शे शोने लारे भृत्मु तुल्म कद्श एलॊ शोने लारे योग, स ॊता
भें उऩ ाय शे तु वला योगनाळक कल एलॊ मॊि ळुब परप्रद शोता शैं ।
नोट:- ऩूणा प्राण प्रसतत्रद्षत एलॊ ऩूणा ैतन्म मुक्त वला योग सनलायण कल एलॊ मॊि के फाये भें असधक
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भॊि सवि कल
भॊि सवि कल को त्रलळेऴ प्रमोजन भें उऩमोग के सरए औय ळीघ्र प्रबाल ळारी फनाने के सरए तेजस्ली भॊिो द्राया ळुब भशूता भें ळुब
फदन को तैमाय फकमे जाते शै । अरग-अरग कल तैमाय कयने केसरए अरग-अरग तयश के भॊिो का प्रमोग फकमा जाता शै ।
क्मक ुने भॊि सवि कल ? उऩमोग भें आवान कोई प्रसतफन्ध नशीॊ कोई त्रलळेऴ सनसत-सनमभ नशीॊ कोई फुया प्रबाल नशीॊ
उऩयोक्त कल के अराला अन्म वभस्मा त्रलळेऴ के वभाधान शे तु एलॊ उद्दे श्म ऩूसता शे तु कल का सनभााण फकमा जाता शैं । कल के त्रलऴम भें
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YANTRA LIST EFFECTS
Our Splecial Yantra
1 12 – YANTRA SET For all Family Troubles
2 VYAPAR VRUDDHI YANTRA For Business Development
3 BHOOMI LABHA YANTRA For Farming Benefits
4 TANTRA RAKSHA YANTRA For Protection Evil Sprite
5 AAKASMIK DHAN PRAPTI YANTRA For Unexpected Wealth Benefits
6 PADOUNNATI YANTRA For Getting Promotion
7 RATNE SHWARI YANTRA For Benefits of Gems & Jewellery
8 BHUMI PRAPTI YANTRA For Land Obtained
9 GRUH PRAPTI YANTRA For Ready Made House
10 KAILASH DHAN RAKSHA YANTRA -
Shastrokt Yantra
वू ना
ऩत्रिका भें प्रकासळत वबी रेख ऩत्रिका के असधकायक के वाथ शी आयत्षत शैं ।
रेख प्रकासळत शोना का भतरफ मश कतई नशीॊ फक कामाारम मा वॊऩादक बी इन त्रल ायो वे वशभत शक।
ऩत्रिका भें प्रकासळत फकवी बी नाभ, स्थान मा घटना का उल्रेख मशाॊ फकवी बी व्मत्रक्त त्रलळेऴ मा फकवी बी स्थान मा
घटना वे कोई वॊफॊध नशीॊ शैं ।
प्रकासळत रेख ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ, लास्तु, भॊि, मॊि, तॊि, आध्मात्त्भक सान ऩय आधारयत शोने के कायण मफद
फकवी के रेख, फकवी बी नाभ, स्थान मा घटना का फकवी के लास्तत्रलक जीलन वे भेर शोता शैं तो मश भाि एक वॊमोग
शैं ।
प्रकासळत वबी रेख बायसतम आध्मात्त्भक ळास्त्रक वे प्रेरयत शोकय सरमे जाते शैं । इव कायण इन त्रलऴमो फक वत्मता
अथला प्राभात्णकता ऩय फकवी बी प्रकाय फक त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शैं ।
अन्म रेखको द्राया प्रदान फकमे गमे रेख/प्रमोग फक प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल फक त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक
नशीॊ शैं । औय नाशीॊ रेखक के ऩते फठकाने के फाये भें जानकायी दे ने शे तु कामाारम मा वॊऩादक फकवी बी प्रकाय वे फाध्म
शैं ।
ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ, लास्तु, भॊि, मॊि, तॊि, आध्मात्त्भक सान ऩय आधारयत रेखो भें ऩाठक का अऩना त्रलद्वाव
शोना आलश्मक शैं । फकवी बी व्मत्रक्त त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भें त्रलद्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ
सनणाम स्लमॊ का शोगा।
शभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे वबी रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय सरखे शोते शैं । शभ फकवी बी
व्मत्रक्त त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोकी त्जन्भेदायी नफशॊ रेते शैं ।
मश त्जन्भेदायी भॊि-मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोको कयने लारे व्मत्रक्त फक स्लमॊ फक शोगी। क्मोफक इन त्रलऴमो भें
नैसतक भानदॊ डक, वाभात्जक, कानूनी सनमभक के त्खराप कोई व्मत्रक्त मफद नीजी स्लाथा ऩूसता शे तु प्रमोग कताा शैं अथला
प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकूर ऩरयणाभ वॊबल शैं ।
शभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे वबी भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ अन्म शभाये फॊधग
ु ण ऩय प्रमोग फकमे
शैं त्जस्वे शभे शय प्रमोग मा भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनत्द्ळत वपरता प्राद्ऱ शुई शैं ।
ऩाठकक फक भाॊग ऩय एक फश रेखका ऩून् प्रकाळन कयने का असधकाय यखता शैं । ऩाठकक को एक रेख के ऩून् प्रकाळन
वे राब प्राद्ऱ शो वकता शैं ।
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गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक ई-ऩत्रिका
अप्रैर 2020 | अॊक 2
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 99 अप्रैर 2020 | अॊक 2
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