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गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रस्तुत भासवक ई-ऩत्रिका अप्रैर-2020 | अॊक 2

Nonprofit Publications .

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गुरुत्ल ज्मोसतऴ गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक
भासवक ई-ऩत्रिका
अप्रैर 2020 | अॊक 2 ई-ऩत्रिका भें रेखन शे तु
वॊऩादक

स ॊतन जोळी फ्रीराॊव ्स्लतॊिल रेखकक का


वॊऩका
गुरुत्ल ज्मोसतऴ त्रलबाग स्लागत शैं ...
गुरुत्ल कामाारम

गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक ई ऩत्रिका


92/3. BANK COLONY,
BRAHMESHWAR PATNA,
BHUBNESWAR-751018,

भें आऩके द्राया सरखे गमे भॊि,


(ODISHA) INDIA

पोन
91+9338213418, मॊि, तॊि, ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ,
91+9238328785,
लास्तु, पेंगळुई, टै यक, ये की एलॊ
ईभेर
gurutva.karyalay@gmail.com, अन्म आध्मात्त्भक सान लधाक
gurutva_karyalay@yahoo.in,

लेफ
रेख को प्रकासळत कयने शे तु बेज
वकते शैं ।
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असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयें ।


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ऩत्रिका प्रस्तुसत
GURUTVA KARYALAY
स ॊतन जोळी, BHUBNESWAR-751018, (ODISHA) INDIA
गुरुत्ल कामाारम Call Us: 91 + 9338213418,
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अनुक्रभ
अषम तृसतमा (अखातीज 26-अप्रैर-2020) 7 रक्ष्भी प्रासद्ऱ का अभोघ वाधन दत्षणालता ळॊख 33

बगलान श्रीकृ ष्ण ने वभझामा अषम तृतीमा व्रत


अषम तृसतमा स्लमॊ सवत्रि अफूझ भुशूता 9 36
का भाशात््म

अषम तृतीमा को स्थात्रऩत कयें रक्ष्भी प्रासद्ऱ शे तु


अषम तृतीमा का धासभाक भशत्ल 11 37
दर
ु ब
ा वाभग्रीमाॊ

अषम तृतीमा वे जुडी ऩौयात्णक भान्मताएॊ 12


ऩायद रक्ष्भी वाधना
43

भॊि सवि कारी शल्दी के त्रलसबन्न राब 15


श्रीमॊि की भफशभा
44

धन प्रासद्ऱ का अ क
ू उऩाम स्पफटक श्रीमॊि का
वुलणा के आबूऴण धायण कयने के त्रलसबन्न
20 55
ऩूजन राब

रक्ष्भी प्रासद्ऱ भें राबप्रद दर


ु ब
ा भॊि सवि कल धन प्रासद्ऱ औय वुख वभृत्रि के सरमे लास्तु
22 58
सविाॊत

भत्कायी रक्ष्भी मॊि वे दयू शोगी आसथाक ेशये ऩय सतर का प्रबाल


24 59
वभस्माएॊ

स्लमॊ सवि कयें रक्ष्भी भॊि 26 आईना एलॊ लास्तु सविाॊत 60

धन लऴााने लारी वात दर


ु ब
ा रक्ष्भी वाधनाएॊ 27

स्थामी औय अन्म रेख


4 दै सनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका
वॊऩादकीम 86

अप्रैर 2020 भासवक ऩॊ ाॊग 77 फदन- यात के ौघफडमे


87

अप्रैर 2020 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय 79 फदन- यात फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक


88

86
अप्रैर 2020 -त्रलळेऴ मोग
त्रप्रम आत्त्भम,

फॊध/ु फफशन

जम गुरुदे ल

लैळाख ळुक्र ऩष की तृतीमा को अषम तृतीमा का ऩला भनामा जाता शैं । अषम तृतीमा स्लमॊसवि ल
अफूझ भुशूता शैं । एवी भान्मता शैं , फक अषम तृतीमा के फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूण)ा अथाात
त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं ।
फशॊ द ू धभाग्रॊथो भें अषम तृतीमा सतसथ वे जुडे कई यो क तथ्मक का लणान सभरता शै । इव त्रलळेऴाॊक भें
ऩाठको के भागादळान शे तु कुछ प्रभुख तथ्म प्रस्तुत कयने का प्रमाव फकमा गमा शैं ।
बायतीम ऩॊ ाग के अनुवाय लऴा भें 19 अफूझ भुशूता ल 4 स्लमॊ सवत्रि भुशूता शोते शैं । अषम तृतीमा (आखा
तीज) बी अफूझ भुशूता ल सवत्रि भुशूता भें वे एक शैं ।
अषम तृसतमा को ऩूये बायत लऴा भें कई नाभक वे जाना औय भनामा जाता शैं , त्जवभें भुख्म रुऩ वे
अषम तृतीमा, आखा तीज तथा लैळाख तीज प्रभुख शैं । इव लऴा 2020 भें अषम तृतीमा 26 अप्रैर यत्रललाय को शैं ।
अषम तृसतमा के फदन कोई बी ळुब कामो का प्राय्ब कयना त्रलळेऴ ळुब भाना जाता शैं । ळास्त्रोक्त
भतानुळाय इव फदन कोई बी ळुब कामा ळुरु कयने वे उव कामा का पर सनत्द्ळत त्स्थय रुऩ भें प्राद्ऱ शोते शैं ।
ळास्त्रो भें उल्रेख शैं फक लैळाख भाव के ळुक्र ऩष की तृसतमा अथाात अषम तृसतमा के फदन बगलान
के नय-नायामण, ऩयळुयाभ, शमग्रील रुऩ भें अलतरयत शुए थे। इव सरमे अषम तृसतमा को ऩयळुयाभ ल अन्म
जमत्न्तमाॊ भानकय उवे उत्वल रुऩ भें भनामा जाता शैं ।
वाॊवारयक एलॊ वाभात्जक जीलन भें फकवी बी लस्तु के क्रम-त्रलक्रम का भुख्म आधाय वेतु धन शी भाना
गमा शै । एलॊ फशन्द ू ळास्त्रोक्त लणा शैं धन की दे ली रक्ष्भी शैं , त्जनके प्रवन्न शोने वे भनुष्म को वबी प्रकाय वे
धन, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा की प्रासद्ऱ शोती शै । भाॊ रक्ष्भी को ॊ र भाना गमा शैं । अथाात रक्ष्भी जी फकवी एक
जगश फटकती नशीॊ शै । फकव प्रकाय रक्ष्भी का आगभन आऩके घय भें शोता यशे औय जीलन वे द्ु ख, दरयद्र, कद्शो
वे छुटकाया प्राद्ऱ शो कय जीलान खुसळमक वे बय जाए उववे जुडे यशस्मो को बायतीम ऋत्रऴ भुसनमक ने खोज
सनकारा शैं ।
त्रलद्रानो का कथन शै की अषम तृतीमा के फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूण)ा अथाात
त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं । शय व्मत्रक्त की मश इच्छा शोती यशती शै फक उवे जीलन ऩमान्त अषम रक्ष्भी
की प्रासद्ऱ शोती यशे । इवसरए अषम तृतीमा के फदन दे ली रक्ष्भी एलॊ बगलान त्रलष्णु का ऩूजन अ न
ा त्रलळेऴ
राबप्रदान कयने लार भाना गमा शै । क्मोफक रक्ष्भी जी के वाथ त्रलष्णु जी का ऩू जन घयभें त्स्थय रक्ष्भी का
सनलाव भाना गमा शै ।
आज के बौसतक मुग भें शय व्मत्रक्त की ाश शोती शैं की उवे असधक वे असधक धन-वॊऩत्रि एलॊ ऐद्वमा
प्राद्ऱ शो औय लश अषत रुऩ वे उवके ऩाव यशे । आज शय व्मत्रक्त अऩनी धन-वॊऩत्रि को फदन दोगुनी यात ौगुनी
यफ्ताय वे फढ़ाना ाशते शैं , इवसरए व्मत्रक्त रक्ष्भी प्रासद्ऱ शे तु त्रलसबन्न उऩाम जैवे भॊि , मॊि, तॊि एलॊ वाधना आफद
प्रमोगो को अऩना कय रक्ष्भीजी को प्रवन्न कय वकते शैं ।
त्जन रोगक ने रक्ष्भी प्रासद्ऱ एलॊ अऩने घय भें वुख वभृत्रि के सरए रक्ष्भीजी की प्रवन्ना शे तु दर
ु ब

वाभग्री को अऩने घय भें अलश्म स्थात्रऩत कय उवका सनमसभत ऩूजन-अ न
ा कयना फशए। त्जनके घय भें दर
ु ब

वाभग्रीमाॊ ऩशरे वे स्थात्रऩत शो उन्शें असधक राब की प्रासद्ऱ शे तु रक्ष्भी प्रासद्ऱ के अन्म वयर उऩामक को बी
अऩने जीलन भें अलश्म आजभाना ाफशए। लश रोग जो इन दर
ु ब
ा वाभग्रीमक को स्थात्रऩत कयने भें अवभथा शैं ,
उन रोगक को रक्ष्भी प्रासद्ऱ के अनुबूत उऩामो को अऩनाकय अऩने जीलन भें सनत्द्ळत रुऩ वे वुख -वभृत्रि एलॊ
ऐद्वमा प्राद्ऱ कयने का प्रमाव कयना ाफशए एलॊ इन उऩामक वे राब की प्रासद्ऱ शोने ऩय त्रलसबन्न दर
ु ब
ा लस्तुओॊ
को प्राद्ऱ कय अऩने घय भें अलश्म स्थात्रऩत कय उवना सनमसभत ऩूजन-अ न
ा कयना ाफशए।
अषम तृतीमा जैवे अफुझ भुशूता भें धन प्रासद्ऱ के त्रलळेऴ उऩामक को प्रायॊ ब कय सनत्द्ळत रुऩ वे अऩने
जीलन भें धन-लैबल, वुख-वभृत्रि का आगभन फकमा जा वकता शैं ।
मफद व्मत्रक्त स्लमॊ कोई उऩाम प्रमोग मा वाधन इत्माफद द्राया स्लमॊ फकवी वाभग्री को सवि कयने भें
अवभथा शो को फकवी मोग्म गुरु मा ब्राह्मण वे बी कयला वकते शै अथला गुरुत्ल कामाारम द्राया ऩूणा प्राण
प्रसतत्रद्षत वाभग्रीमा वुरब भूल्म भें प्राद्ऱ कय त्रफना फकवी त्रलळेऴ ऩूजा अ न
ा ा के राब प्राद्ऱ वकते शै ।
त्रलद्रानक का कथन शैं की अषम तृतीमा के भशत्ल को जानते शुए ले बी मफद कोई इव अफुझ ळुब भुशूता
के राब वे लॊस त यश जाए तो वॊबल् उव अबागे भनुष्म का दब
ु ााग्म शी शोगा की जो उवे इव ळुब भुशूता के
राब वे लॊस त यख यशा शोगा! इव अषम तृतीमा के ळुब भुशूता को त्रफना फकवी ऩूजन-अ न
ा अथला उऩाम
इत्माफद को फकमे फगैय छोड दे ना दब
ु ााग्मऩूणा शै , धन-वॊऩत्रि एलॊ वॊऩन्नताकी काभना शे तु व्मत्रक्त को इव अलवय
का राब अलश्म उठाना ाफशए।
बायतीम त्रलद्रानक का भत शैं की वुलणा के आबूऴण को ळयीय के त्रलसबन्न अॊगक ऩय धायण कयने वे
अरग-अरग राबक की प्रासद्ऱ शोती शै । आमुलद
े त्रलळेस के भतानुवाय वुलणा बष्भ के प्रमोग वे ळयीय को अनेक
प्रकाय के राब शोते शैं । वुलणा एक दर
ु ब
ा धातु शै । एलॊ वुलणा की बस्भ औऴसधम गुणक वे मुक्त असत दर
ु ब
ा शै ।
वुलणा के आबूऴण का ळुब प्रबाल तबी शोता शैं जल मश शभाये ळयीय को स्ऩळा कय यशे शो।
इव अॊक भें शभने वुलणा वे जुडी कुछ यो क जानकायीमा आऩके भागादळान शे तु प्रकासळत फक गई शै ।
इव भासवक ई-ऩत्रिका भें वॊफॊसधत जानकायीमक के त्रलऴम भें वाधक एलॊ त्रलद्रान ऩाठको वे अनुयोध शैं , मफद दळाामे
गए भॊि, द्ऴोक, मॊि, वाधना एलॊ उऩामक मा अन्म जानकायी के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण ऩढ़ने, वॊऩादन भें,
फडजाईन भें, टाईऩीॊग भें, त्रप्रॊफटॊ ग भें, प्रकाळन भें कोई िुफट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रें मा फकवी मोग्म ज्मोसतऴी,
गुरु मा त्रलद्रान वे वराश त्रलभळा कय रे । क्मोफक त्रलद्रान ज्मोसतऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के सनजी अनुबल त्रलसबन्न भॊि,
द्ऴोक, मॊि, वाधना, उऩाम के प्रबालक का लणान कयने भें बेद शोने ऩय काभना सवत्रि शे तु फक जाने लारी लारी ऩूजन त्रलसध
एलॊ उवके प्रबालक भें सबन्नता वॊबल शैं ।

आऩको एलॊ आऩके ऩरयलाय के वबी वदस्मक को गुरुत्ल कामाारम


ऩरयलाय की औय अषम तृतीमा की ळुबकाभनाएॊ ..
आऩका जीलन वुखभम, भॊगरभम शो भाॊ रक्ष्भी की कृ ऩा आऩके
ऩरयलाय ऩय फनी यशे । भाॊ रक्ष्भी वे मशी प्राथना शैं … स ॊतन जोळी
e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 6 अप्रैर 2020 | अॊक 2

***** भासवक ई-ऩत्रिका वे वॊफॊसधत वू ना *****


 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत वबी रेख गुरुत्ल कामाारम के असधकायक के वाथ शी आयत्षत शैं ।
 ई-ऩत्रिका भें लत्णात रेखक को नात्स्तक/अत्रलद्वावु व्मत्रक्त भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शैं ।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख आध्मात्भ वे वॊफॊसधत शोने के कायण बायसतम धभा ळास्त्रक वे प्रेरयत शोकय प्रस्तुत
फकमा गमा शैं ।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी त्रलऴमो फक वत्मता अथला प्राभात्णकता ऩय फकवी बी
प्रकाय की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शैं ।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत जानकायीकी प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं
औय ना शीॊ प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी के फाये भें जानकायी दे ने शे तु कामाारम मा वॊऩादक फकवी
बी प्रकाय वे फाध्म शैं ।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत रेखो भें ऩाठक का अऩना त्रलद्वाव शोना आलश्मक शैं । फकवी बी
व्मत्रक्त त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भें त्रलद्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ सनणाम स्लमॊ का शोगा।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी प्रकाय की आऩिी स्लीकामा नशीॊ शोगी।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळध
ॊ ान के आधाय ऩय फदए गमे शैं । शभ फकवी बी
व्मत्रक्त त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे धासभाक, एलॊ भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोकी त्जन्भेदायी
नफशॊ रेते शैं । मश त्जन्भेदायी भॊि- मॊि मा अन्म उऩामोको कयने लारे व्मत्रक्त फक स्लमॊ फक शोगी।
 क्मोफक इन त्रलऴमो भें नैसतक भानदॊ डक, वाभात्जक, कानूनी सनमभक के त्खराप कोई व्मत्रक्त मफद नीजी स्लाथा
ऩूसता शे तु प्रमोग कताा शैं अथला प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकूर ऩरयणाभ वॊबल शैं ।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत जानकायी को भाननने वे प्राद्ऱ शोने लारे राब, राब की शानी मा
शानी की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं ।
 शभाये द्राया प्रकासळत फकमे गमे वबी रेख, जानकायी एलॊ भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ
अन्म शभाये फॊधग
ु ण ऩय प्रमोग फकमे शैं त्जस्वे शभे शय प्रमोग मा कल , भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनत्द्ळत
वपरता प्राद्ऱ शुई शैं ।
 ई-ऩत्रिका भें गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रकासळत वबी उत्ऩादक को केलर ऩाठको की जानकायी शे तु फदमा गमा शैं ,
कामाारम फकवी बी ऩाठक को इन उत्ऩादक का क्रम कयने शे तु फकवी बी प्रकाय वे फाध्म नशीॊ कयता शैं । ऩाठक
इन उत्ऩादक को कशीॊ वे बी क्रम कयने शे तु ऩूणत
ा ् स्लतॊि शैं ।

असधक जानकायी शे तु आऩ कामाारम भें वॊऩका कय वकते शैं ।


(वबी त्रललादो केसरमे केलर बुलनेद्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 7 अप्रैर 2020 | अॊक 2

अषम तृसतमा (अखातीज 26-अप्रैर-2020)


 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
अषम तृसतमा को ऩूये बायत लऴा भें कई नाभक अषम तृसतमा (ऩयळुयाभ तीज)
वे जाना औय भनामा जाता शैं , त्जवभें भुख्म रुऩ वे लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा को अषम तृसतमा
अषम तृतीमा, आखा तीज तथा लैळाख तीज के नाभ वे जानाजाता शैं । इव फदन श्री ऩयळुयाभजी का
प्रभुख शैं । इव लऴा 2020 भें अषम तृतीमा 26 अप्रैर जन्भ फदन शोने के कायण इवे ऩयळुयाभ तीज मा
यत्रललाय को शैं । ऩयळुयाभ जमॊती बी कशा जाता शैं ।
बायतीम ऩयॊ ऩयाके अॊतगात अषम तृसतमा का ऩला प्रभुख
अषम तृतीमा ळुब भुशूता
त्मौशायक भें वे एक शैं । अषम तृसतमा को अफूझ भशूता
बायत भें ऩौयात्णक कार वे वबी ळुब कामा ळुब
बी कशा जाता शैं ।
भुशुता एलॊ ळुब वभम ऩय प्रायॊ ब कयने का प्र रन शैं ।
अषम तृसतमा ऩला लैळाख भाव के ळुक्र ऩष
व्मत्रक्त द्राया फकए जाने लारे कामा भें वपरता
की तृसतमा सतसथ के फदन भनामा जाता शैं । त्रलद्रानो के
प्राद्ऱ कयने के सरमे बायतीम ऩयॊ ऩया भें ऩुयातन कार वे
अनुळाय अषम तृसतमा के फदन स्नान, जऩ, शोभ, दान
शी ळुब भुशुता औय वभम का न
ु ाल फकमा जाता यशा शैं ।
आफद ऩूण्म कामा कयना त्रलळेऴ राबदामक सवि शोता शैं ।
त्रलद्रानो के अनुळाय जफ बी कोई व्मत्रक्त फकवी
क्मकफक भान्मता शैं , फक इव फदन फकमे गम ऩुण्म कामा
ळुब कामा की ळुरुलात ळुब भुशुता वभम ऩय कयता शैं , तो
का पर व्मत्रक्त को अषम रुऩ भें प्राद्ऱ शोता शैं ।
उव ळुब भुशूता वभम भें फकए ळुरु फकए गमे कामा के
अषम तृसतमा के फदन कोई बी ळुब कामो का
वपर शोने की उव कामा भें असधक राबप्रासद्ऱ की
प्राय्ब कयना त्रलळेऴ ळुब भाना जाता शैं । ळास्त्रोक्त
वॊबालनाएॊ फढ जाती शैं ।
भतानुळाय इव फदन कोई बी ळुब कामा ळुरु कयने वे
बायत भें लवॊत ऩॊ भी, याभनलभी, अषम तृसतमा,
उव कामा का पर सनत्द्ळत त्स्थय रुऩ भें प्राद्ऱ शोते शैं ।
जन्भाद्शभी, गणेळ तुथॉ, दळशया, धनतेयव, दीऩालरीभ
ळास्त्रो भें उल्रेख शैं फक लैळाख भाव के ळुक्र
कासताक ऩूत्णाभा आफद को अफूझ भशूता भाना जाता शैं ।
ऩष की तृसतमा अथाात अषम तृसतमा के फदन बगलान
इवसरए अफूझ भशुता भें कोई बी ळुब कामा
के नय-नायामण, ऩयळुयाभ, शमग्रील रुऩ भें अलतरयत शुए
प्राय्ब फकमा जा वकता शैं । ळास्त्रोक्त त्रलधान के अनुळाय
थे। इव सरमे अषम तृसतमा को ऩयळुयाभ ल अन्म
कामा प्राय्ब कयने के सरमे भुशूता के अन्म फकवी
जमत्न्तमाॊ भानकय उवे उत्वल रुऩ भें भनामा जाता शैं ।
सनमभ को दे खना आलश्मक नशीॊ शैं । अफूझ भशुता भें
एक ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय िेता मुग की
फकवी बी वभम भें कामा प्राय्ब फकमा जा वकता शैं ।
ळुरुआत बी इवी फदन वे शुई थी. इवी कायण वे इवे
अषम तृसतमा के फदन नई बूसभ-बल-लाशन
िेतामुगाफद सतसथ बी कशा जाता शैं ।
खयीदना, वोना- ाॊफद खयीदना जैवे त्स्थय रक्ष्भी वे
अषम तृतीमा के फदन ायक धाभक भें वे एक श्री
वॊफॊसधत लस्तुएॊ खयीदना वलोतभ भाना गमा शैं ।
फद्रीनाथ नायामण धाभ के ऩाट खुरते शैं ।
त्रलद्रानो के भतानुळाय अषम तृसतमा के फदन
नमे व्मलवामीक कामा का ळुबाय्ब कयने के
गभॉ के भौवभ भें खाने-ऩीने-ऩशनने आफद काभ आने
सरमे इव फदन को प्रमोग फकमा जा वकता शैं ।

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 8 अप्रैर 2020 | अॊक 2

लारी औय गभॉ को ळाॊत कयने लारी वबी लस्तुओॊ का  उिभ भाना जाता शैं ।
दान कयना ळुब भाना जाता शैं ।  अषम तृसतमा के फदन दे ळ के कई फशस्वो भें
अषम तृसतमा के फदन जौ, गेशूॊ, ने, दशी, ालर, ालर, भूॊग की फनी त्ख डी खाने का रयलाज शैं ।
त्ख डी, ईळ (गन्ना) का यव, ठण्डाई ल दध
ू वे फने शुए  अषम तृसतमा के फदन गॊगा स्नान का फडा भशत्ल
ऩदाथा, वोना, कऩडे , जर का घडा आफद दान कयना बी भाना जाता शैं ।
राबदामक भाना जाता शैं । लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा को स्लगॉम
 अषम तृसतमा के फदन फकए गए वबी धासभाक कामा आत्भाओॊ की प्रवन्नाता के सरए करळ, ऩॊखा, खडाऊॉ,
असत उिभ यशते शैं । छाता, विू, ककडी, खयफूजा आफद भौवभी पर, ळक्कय
 अषम तृसतमा के फदन व्रत-उऩलाव के सरमे बी इत्माफद ऩदाथा ब्राह्माण को दान कयने का त्रलधान शैं ।

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 9 अप्रैर 2020 | अॊक 2

अषम तृसतमा स्लमॊ सवत्रि अफूझ भुशूता


 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
लैळाख ळुक्र ऩष की तृतीमा को अषम तृतीमा नषि की ळुब त्स्थती भें फकमे गमे वबी ळुब कामा
का ऩला भनामा जाता शैं । अषम तृतीमा स्लमॊसवि ल भें ऩूणा वपरता, वुख-वभृत्रि की प्रासद्ऱ शोती शै ।
अफूझ भुशूता शैं । एवी भान्मता शैं , फक अषम तृतीमा के  ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन
फदन फकमा गमा दान, शलन, ऩूजन अषम (वॊऩूण)ा अथाात शी बगलान लेद व्माव ने गणेळजी की वशामता वे
त्जवका षम (नाळ) नशीॊ शोता शैं । भशाबायत की कथा सरखना प्रायॊ ब फकमा था।
फशॊ द ू धभाग्रॊथो भें अषम तृतीमा सतसथ वे जुडे कई  ऩौयात्णक भान्मता केअनुवाय अषम तृतीमा के फदन
यो क तथ्मक का लणान सभरता शै । मशाॊ आऩके शी श्रीकृ ष्ण के फडे बाई फरयाभ का जन्भ शुआ था।
भागादळान शे तु कुछ प्रभुख तथ्म प्रस्तुत शैं ।  ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन
बायतीम ऩॊ ाग के अनुवाय लऴा भें 19 अफूझ शी दे ली ऩालाती के अलताय दे ली अन्नऩूणाा का जन्भ
भुशूता ल 4 स्लमॊ सवत्रि भुशूता शोते शैं । अषम तृतीमा शुला था । इवसरए फदन बी अषम तृतीमा के फदन
(आखा तीज) बी अफूझ भुशूता ल सवत्रि भुशूता भें वे एक शैं । दे ली अन्नऩूणाा का बी ऩूजन फकमा जाता शै औय
 धभा ग्रॊथक के अनुवाय अषम तृतीमा वे शी िेतामुग भाता वे अन्न के बॊडाय वदै ल बये यशें मश लयदान
की ळुरुआत भानी जाती शैं , इवसरए अषम तृतीमा भाॊगा जाता शै ।
को मुगाफद सतसथ कशा जाता शै ।  ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन
 अषम तृतीमा के फदन शी ाय धाभो भें वे एक श्री शी द्रौऩदी का ीय शयण शुला था औय बगलान श्री
बगलान फद्रीनायामण के ऩट खुरते शैं । कृ ष्ण ने द्रौऩदी की यषा शे तु उव के ीय को अषम
 अषम तृतीमा के फदन लऴा भें एक फाय शी लृॊदालन फना फदमा था।
भें श्री फाॊकेत्रफशायीजी के भॊफदय भें श्री त्रलग्रश के यण  अषम तृतीमा के फदन त्रलद्व प्रसवि ऩुयी भें श्री
दळान शोते शैं । जगन्नाथ-फरबद्र-वुबद्रा जी की यथ मािा शे तु यथ
 ळास्त्रो भें उल्रेख शैं की अषम तृतीमा के फदन सनभााण भें प्रमोग शोने लारी रकडीमक की ऩूजा कय
बगलान नय-नायामण अलतरयत शुले थे। के तीनक यथक का सनभााण कामा को प्रायॊ ब फकमा
 अषम तृतीमा के फदन बगलान श्री त्रलष्णु ने श्री जाता शै ।
ऩयळुयाभजी औय शमग्रील के रुऩ भें अलतरयत शुले थे।  अषम तृतीमा के फदन बायत के कई फशस्वक भें इव
 स्लमॊसवि ल अफूझ भुशूता शोने के कायण अषम दौयान खेती का ऩशरा फदन भानते शै ।
तृतीमा के फदन वॊऩूणा बायत लऴा भें वफवे असधक  नमे व्मलवामीक कामा का ळुबाय्ब कयने के सरमे
त्रललाश शोते शैं । इव फदन को प्रमोग फकमा जा वकता शैं ।
 ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय िेता मुग के ळुरू शोने  इवसरए अफूझ भशुता भें कोई बी ळुब कामा प्राय्ब
ऩय अषम तृतीमा के फदन शी गॊगा नदी को बागीयथ फकमा जा वकता शैं । ळास्त्रोक्त त्रलधान के अनुळाय
जी स्लगा वे धयती ऩय रामे थे । इव फदन ऩत्रलि कामा प्राय्ब कयने के सरमे भुशूता के अन्म फकवी
गॊगा नदी भें स्नान कयने ने वे भनुष्म के ऩाऩ नद्श सनमभ को दे खना आलश्मक नशीॊ शैं । अफूझ भशुता भें
शो जाते शैं । इवसरए अषम तृसतमा के फदन गॊगा फकवी बी वभम भें कामा प्राय्ब फकमा जा
स्नान का फडा भशत्ल भाना जाता शैं । वकता शैं ।
 ज्मोसतऴ के के अनुळाय इव फदन ग्रशक की त्स्थसत  अषम तृसतमा के फदन नई बूसभ-बल-लाशन खयीदना,
अनुकूर शोती शै । इव दौयान ळुब ग्रश न्द्रभा औय वोना- ाॊफद खयीदना जैवे त्स्थय रक्ष्भी वे वॊफॊसधत
वूमा अऩनी उच् यासळ भें त्स्थत शोते शैं । इव ग्रश- लस्तुएॊ खयीदना वलोतभ भाना गमा शैं ।

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 10 अप्रैर 2020 | अॊक 2

 इव फदन ळुब एलॊ ऩत्रलि कामा कयने वे जीलन भें प्रात्


वुख-ळाॊसत आती शै । इव फदन गॊगा स्नान का बी राब 04:30 वे 06:00 तक
त्रलळेऴ भशत्ल शै ।
26 अप्रैर को प्रात: कार वे
इव वार तृतीमा सतसथ भें ळुब भुशूता 25 अप्रैर को 11:59
वुफश
फजे वे अगरे फदन वूमोदम तक यशे गा। इन 17 धॊटे 45
र 07:30 वे 09:00 तक
सभनट एलॊ 26 अप्रैर को प्रात् 05:45 फजे वे आयॊ ब शो
राब 09:00 वे 10:30 तक
जाएगा औय दोऩशय 12:19 फजे तक यशे गा। इन 6 धॊटे 34
अभृत 10:30 वे 12:00 तक
सभनट के दौयान फकवी बी तयश का ळुब कामा, क्रम फकए जा
ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे दे ली रक्ष्भी का ऩूजन ळास्त्रोक्त
वकता शैं ।
तृतीमा सतसथ प्रायॊ ब 25 अप्रैर को दोऩशय 11:59 फजे वे त्रलसध-त्रलधान वे वॊऩन्न कय त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शैं ।

शोगा एलॊ अॊत 26 अप्रैर को दोऩशय 01:34 फजे शोगा।


त्रलळेऴ : लताभान वभम भें वॊऩूणा दे ळ भें Lockdown की
अषम तृतीमा ऩय वुलणा (वोना) खयीदने औय ऩूजन का
त्स्थसत शै अत् इव लऴा वुलणा की खयीदायी शे तु कृ प्मा
ळुब भुशूता
25 अप्रैर को अगरी वुफश प्रात: कार तक घय वे फाशय न सनकरे, मफद आऩ इव दौयान वुलणा की

दोऩशय खयीदायी कयना ाशते शै , तो अऩने ऩरयस त वुलणा


र 12:00 वे 01:30 तक त्रलक्रेता के मशाॉ पोने ऩय शी अऩना ऑडा य फुक कयरे
राब 01:30 वे 03:00 तक अथला बयोवेभॊद वॊस्था की फेल वाईट ऩय ओनराईन शी
अभृत 03:00 वे 04:30 तक
अऩना ऑडा य फुक कय वकते शै अथला नमे वुलणा के
वॊध्मा
अरॊकायो की खयीदायी शे तु कुछ रुऩमे वॊकल्ऩ के वाथ
राब 06:00 वे 07:30 तक
यात खयीदायी का बाल कयके ळुब भुशूता भें अरग यख वकते
ळुब 09:00 वे 10:30 तक शै । इव ळुब एलॊ अफूझ भुशूता भें अऩने वुलणा के
अभृत 10:30 वे 12:00 तक
अरॊकायक का ऩूजन कयना बी ळुब शोता शै ।
र 12:00 वे 01:30 तक

शभाये त्रलळेऴस ज्मोसतऴी वे ऩूछें अऩने प्रद्ल


व्ऩूणा ज्मोसतऴ ऩयाभळा, जन्भ कुण्डरी सनभााण, प्रद्ल कुण्डरी, गुण सभरान,
भुशूत,ा यत्न औय रुद्राष ऩयाभळा, लास्तु ऩयाभळा एलॊ अन्म फकवी बी वभस्मा का
वभाधान ज्मोसतऴ, मॊि, भॊि एलॊ अन्म वयर घये रु उऩामो द्राया सनदान शे तु
वॊऩका कये । शभायी वेलाएॊ न्मूनतभ ळुल्क ऩय उप्रब्ध शै ।
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 11 अप्रैर 2020 | अॊक 2

अषम तृतीमा का धासभाक भशत्ल


 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
लैफदक वॊस्कृ सत भें अषम तृतीमा का वलासवि भुशूता के रूऩ भें बी त्रलळेऴ भशत्ल शै । भान्मता शै फक इव फदन त्रफना कोई
भुशूता दे खे कोई बी ळुब ल भाॊगसरक कामा जैवे त्रललाश, गृश-प्रलेळ, लस्त्र-आबूऴण, जभीन, भकान लाशन आफद की खयीददायी
आफद फकए जा वकते शैं । इव फदन नमे लस्त्र, आबूऴण आफद धायण कयने औय नई दक
ु ान, ऑफपव आफद व्मलवामीक कामा
स्थर का ळुबायॊ ब श्रेद्ष भाना जाता शै । ऩुयाणक भें उल्रेख शै फक इव फदन फकमा गमा दान, अषम पर प्रदान कयता शै । इव फदन
ऩत्रलि नफदमक भें स्नान कयने वे तथा इद्श ऩूजन वे वबी प्रकाय के ऩाऩ नद्श शो जाते शैं । मशाॉ तक फक इव फदन फकमा गमा जऩ,
तऩ, शलन औय दान बी अषम शो जाता शै ।
इव फदन भाता रक्ष्भी औय नायामण का वपेद कभर अथला वपेद गुराफ मा ऩीरे गुराफ वे ऩूजन कयना ाफशमे।
वलाि ळुक्र ऩुष्ऩात्ण प्रळस्तासन वदा न
ा े।
दानकारे वलाि भॊि भेत भुदीयमेत ्॥
अथाात: वबी भशीनक की तृतीमा भें वपेद ऩुष्ऩ वे फकमा गमा ऩूजन प्रळॊवनीम भाना गमा शै ।

एवी ऩौयात्णक भान्मता शैं फक अषम तृतीमा के फदन वोने- ाॊदी की ीजें खयीदी जाती शैं । अषम तृतीमा के फदन वोना ल ाॊदी
खयीदना ळुब भाना जाता शै , क्मोफक इव फदन वोना औय आबूऴण खयीदने वे लऴा बय जीलन भें वभृत्रि फनी यशती शै । इव फदन
वोने मा ाॊदी के आबूऴणक के वाथ भाॉ रक्ष्भी की त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजा कयने का त्रलधान शभाये धभाग्रॊथक भें शैं ।

भॊि सवि दर
ु ब
ा वाभग्री
कारी शल्दी:- 370, 550, 730, 1450, 1900 कभर गट्टे की भारा - Rs- 370
भामा जार- Rs- 251, 551, 751 शल्दी भारा - Rs- 280
धन लृत्रि शकीक वेट Rs-280 (कारी शल्दी के वाथ Rs-550) तुरवी भारा - Rs- 190, 280, 370, 460
घोडे की नार- Rs.351, 551, 751 नलयत्न भारा- Rs- 1050, 1900, 2800, 3700 & Above
शकीक::11:नॊग-Rs-190, 21:नॊग Rs-370 नलयॊ गी शकीक भारा Rs- 280, 460, 730
रघु श्रीपर::1:नॊग-Rs-21, 11:नॊग-Rs-190 शकीक भारा (वात यॊ ग) Rs- 280, 460, 730, 910
नाग केळय::11 ग्राभ, Rs-145 भूॊगे की भारा Rs- 1050, 1900 & Above
स्पफटक भारा- Rs- 235, 280, 460, 730, DC 1050, 1250 ऩायद भारा Rs- 1450, 1900, 2800 & Above
वपेद ॊदन भारा - Rs- 460, 640, 910 लैजमॊती भारा Rs- 190, 280, 460
यक्त ्रारल ॊदन - Rs- 370, 550, रुद्राष भारा: 190, 280, 460, 730, 1050, 1450
भोती भारा- Rs- 460, 730, 1250, 1450 & Above त्रलधुत भारा - Rs- 190, 280
कासभमा सवॊदयू - Rs- 460, 730, 1050, 1450, & Above भूल्म भें अॊतय छोटे वे फडे आकाय के कायण शैं ।
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 12 अप्रैर 2020 | अॊक 2

अषम तृतीमा वे जुडी ऩौयात्णक भान्मताएॊ


 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
ऩाॊडलक की कथा की आयाधना कीत्जए। धभायाज मुसधत्रद्षय ने बगलान

एवी भान्मता शै लैळाख ळुक्र ऩष की तृसतमा श्रीकृ ष्ण के ल न अनुवाय ऩूणा त्रलसध-त्रलधान वे बगलान

के फदन अथाात अषम तृतीमा के फदन शी बगलान वूमा की ऩूजा-अ न


ा ा की। बगलान वूमा ने प्रवन्न शोकय

वूमद
ा े ल ने ऩाॊडलक को फतान (अषम ऩाि) फदमा था। जो प्रकट शुए औय मुसधत्रद्षय को एक ताॊफे का फतान (अषम

एक फदव्म ऩाि था त्जवभें बोजन की सनयॊ तय आऩूसता ऩाि) दे ते शुए कशाॉ फक यवोई भें जो कुछ बोजन वाभग्री

शोती थी। तैमाय शोगी लश तफ तक वभाद्ऱ नशीॊ शोगी जफ तक

कथा इव प्रकाय शैं । द्रौऩदी उवे ऩयोवती यशे गी।

जफ ऩाॊडलक को लनलाव के सरए सनकरे तो याजा धृतयाद्स कृ ष्ण-वुदाभा की कथा


ने त्रलदयु वे ऩूछा फक ऩाॊडल फकव प्रकाय लन भें जा यशे ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय जफ वुदाभा की
शैं , उवका लणान लताओ। त्रलदयु ने कशाॊ फक ऩत्नी ने उन्शें बगलान कृ ष्ण वे आसथाक भदद के सरए
धभायाज मुसधत्रद्षय अऩनी दोनक आॊखें फॊद फकए फाध्म फकमा था। तफ वुदाभा बगलान कृ ष्ण वे सभरने
शुए शैं । क्मोफकॊ, फकवी प्रकाय क्रोध वे उनकी आॊखक के के सरए द्रायका गए थे। औय अषम तृतीमा के फदन शी
वाभने मफद कौयल आ जामे तो लश बस्भ न शो जाएॊ। बगलान श्रीकृ ष्ण औय वुदाभा का ऩुन् ऩुनसभारन शुआ
रते रते बीभ अऩनी बुजाएॊ पैराकय फदखा यशे शैं था। रेफकन अऩने त्रप्रम वखा के धन, लैबल औय ऐद्वमा
फक उस त वभम आने ऩय, भैं अऩने फाशुफर वे कौयलक को दे ख प्रवन्न ता शुई औय वुदाभा को अऩने सरए
का नाळ कय दॊ ग
ू ा। वशामता भाॊगने भें रज्जा भशवूव शुई।
अजुन
ा धूर उडाते र यशे शैं , जो वॊकेत दे यशे शै वुदाभा अऩने वाथ उऩशाय के रूऩ भें बगलान
फक ले मुि के वभम भैं ऐवे शी फाणक की लऴाा कय कृ ष्ण के सरए कुछ ालर रेकय आमे थे, रेफकन
दॊ ग
ू ा। ळसभिंदगी के कायण वॊको वे उन्शकने उवे लशीॊ छोड
वशदे ल ने कोई उनका भुख न दे ख वके, इवसरए फदमा औय लाऩव अऩने घय रौट आए। बगलान कृ ष्ण
अऩने भुॊश ऩय धूर रगा यखी शै । ने ालर को दे खा औय अऩने वखा के प्रसत प्रेभ दळााते
नकुर ने तो अऩने वाये ळयीय ऩय शी धूर रगा शुए उवका वशऴा उऩबोग फकमा। जफ वुदाभा घय ऩशुॊ े,
री शै । त्जववे उवका रूऩ दे खकय कोई त्स्त्र उव ऩय फकत शो गए, उन्शक ने दे खा उनकी झोऩडी की जगश
भोफशत न शो जाएॊ। ऩय एक बव्म भशर खडा शैं औय उनके ऩरयलाय के
द्रौऩदी एक लस्त्र धायण कय कुरे केळ योते शुए वदस्म फशुभूल्म ऩोळाक भें वुळोसबत।
जा यशी शै । रते वभम लश कश यशी शै फक त्जन मश वफ दे ख वुदाभा को सात शो गमा की मश
रोगोके कायण भेयी मश दद
ु ा ळा शुई शै , उनकी त्स्त्रमाॊ बी वफ बगलान कृ ष्ण की कृ ऩा वे प्राद्ऱ शुला शै । भान्मता शैं
आज वे ौदशलें लऴा के फाद अऩने स्लजनक की भृत्मु वे की तफ वे, इव फदन को अषम तृतीमा के रूऩ भें
द:ु खी शोकय इवी प्रकाय जामेगी। भनामा जाता शै ।
लनलाव के सरमे सनकरने के कुछ फदनक भें कुफेय की कथा
उनके अन्न, धन वभाद्ऱ शो गमे थे। स सॊ तत शो कय ऩौयात्णक भान्मता के अनुवाय अषम तृतीमा के फदन शी
मुसधत्रद्षय ने बगलान श्रीकृ ष्ण वे इव का वभाधान ऩूछा कुफेयजी ने सळलजी की आयाधना कय उन्शें प्रवन्न फकमा
तो बगलान श्रीकृ ष्ण ने कशा फक आऩ बगलान वूमद
ा ेल था। कुफेयजी की तऩस्मा वे प्रवन्न शो कय बगलान
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 13 अप्रैर 2020 | अॊक 2

सळलजी ने कुफेय वे लय भाॊगने को कशा, तफ कुफेयजी ने लारा था। एक फाय उवने नगय के त्रलद्रान ब्राह्मण के
लयदान भें अऩना धन एलॊ वॊऩत्रि रक्ष्भीजी वे ऩुन् प्राद्ऱ भुख वे अषम तृतीमा के भशत्ल को वुनकय इवे कयने
कयने का अनुयोध फकमा। तबी सळलजी ने कुफेयजी को का सनद्ळम फकमा। अषम तृतीमा के फदन धभादाव ऩत्रलि
रक्ष्भीजी का ऩूजन कय के उन्शें प्रवन्न कयने को कशा, गॊगा भें स्नान कयके त्रलसध-त्रलधान वे अऩने इद्श दे ली-
उवी वभम वे अषम तृतीमा के फदन रक्ष्भीजी का दे लता की ऩूजा-अ न
ा ा की। लृिालस्था भें योग ग्रस्त शोते
ऩूजन कय उन्शें प्रवन्न कयने का त्रलधान रा आ यशा शुए बी उवने ऩूणा श्रिा वे व्रत-उऩलाव-दान-सनमभ
शै । इव फदन रक्ष्भीजी-बगलान त्रलष्णु के वॊमुक्त ऩूजा आफद वत कभा फकमे।
त्रलळेऴ राबदामक भानी गमी शै । अन्म भान्मता के एवा भाना जाता अषम तृतीमा के फदन फकमे
अनुवाय बगलान सळलजी ने दे ली रक्ष्भीजी को वकर गमे धभा-कभा व्रत आफद के प्रबाल वे उवे अगरे जन्भ
रोकक की धन-व्ऩत्रि का असधकायी फनामा था। भें फशुत धनी ल प्रताऩी याजा फना। उवके याज दयफाय
धभादाव की कथा भें त्रलसबन्न दे ली-दे लता बी अषम तृतीमा के फदन ब्राह्मण

प्रा ीन कार भें एक नगय भें धभादाव नाभक का लेऴ धायण कयके उवके धभा-कभा भें उऩत्स्थत शो

एक लृि था। धभादाव अत्मॊत वदा ायी, धभा-कभा भें जाते थे। लश याजा अगरे जन्भ भें याजा द्र
ॊ गुद्ऱ के रूऩ

आस्था यखने लारा औय ब्राह्मणक का आदय वत्काय कयने भें उतऩन्न शुए।

भॊि सवि मॊि


रक्ष्भी-गणेळ (स िमुक्त) कभरा मॊि वलातोबद्र मॊि
रक्ष्भी त्रलनामक मॊि बुलनेद्वयी मॊि कासताकेम मॊि
लास्तुदोऴ सनलायण (ऩुरुऴाकृ सत मुक्त) वुमा (भुखाकृ तीमुक्त) लवुधया त्रलवा मॊि
लास्तु मॊि (स िमुक्त) शीॊगराज मॊि कल्माणकायी सवि त्रलवा मॊि
गृशलास्तु मॊि ब्रह्माणी मॊि कोटा क ेयी मॊि
लास्तु ळान्ती मॊि भेरडी भाता का मॊि जैन मॊि
भशाकारी मॊि कात्मामनी मॊि वयस्लती मॊि (स िमुक्त)
उत्च्छद्श गणऩती मॊि ऩॊदयीमा मॊि (ऩॊ दळी मॊि) फालनलीय मॊि
भशा गणऩती मॊि भशावुदळान मॊि ऩॊ गुरी मॊि
ळिु दभनालणा मॊि काभाख्मा मॊि वूयी भॊि
ऋणभुत्रक्त मॊि रक्ष्भी वॊऩुट मॊि सतजमऩशुत वलातोबद्र मॊि
रक्ष्भीधाया मॊि लीवा मॊि 16 त्रलद्यादे ली मुक्त वलातोबद्र
रक्ष्भी प्राद्ऱी औय व्माऩायलधाक सछन्नभस्ता (स ि + मॊि) गौतभस्लाभी मॊि
सवि भशारक्ष्भी मॊि घुभालती (स ि + मॊि) अनॊतरब्धीसनधान गौतभ स्लाभी
कनकधाया मॊि (कृ भऩृद्श) कारी (स ि + मॊि) बक्ता्फय (१ वे ४८) फदग्फय
दग
ु ाा मॊि (अॊकात्भक) श्री भातृका मॊि ऩद्मालती दे ली मॊि
भातॊगी मॊि वलातोबद्र मॊि (गणेळ) त्रलजम ऩताका मॊि

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 14 अप्रैर 2020 | अॊक 2

वला कामा सवत्रि कल


त्जव व्मत्रक्त को राख प्रमत्न औय ऩरयश्रभ कयने के फादबी उवे
भनोलाॊसछत वपरतामे एलॊ फकमे गमे कामा भें सवत्रि (राब) प्राद्ऱ
नशीॊ शोती, उव व्मत्रक्त को वला कामा सवत्रि कल अलश्म धायण
कयना ाफशमे।
कल के प्रभुख राब: वला कामा सवत्रि कल के द्राया वुख
वभृत्रि औय नल ग्रशक के नकायात्भक प्रबाल को ळाॊत कय धायण
कयता व्मत्रक्त के जीलन वे वला प्रकाय के द:ु ख-दारयद्र का नाळ शो
कय वुख-वौबाग्म एलॊ उन्नसत प्रासद्ऱ शोकय जीलन भे वसब प्रकाय के
ळुब कामा सवि शोते शैं । त्जवे धायण कयने वे व्मत्रक्त मफद व्मलवाम
कयता शोतो कायोफाय भे लृत्रि शोसत शैं औय मफद नौकयी कयता शोतो
उवभे उन्नसत शोती शैं ।

 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें वलाजन लळीकयण कल के


सभरे शोने की लजश वे धायण कताा की फात का दव
ू ये व्मत्रक्तओ
ऩय प्रबाल फना यशता शैं ।

 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें अद्श रक्ष्भी कल के सभरे


शोने की लजश वे व्मत्रक्त ऩय वदा भाॊ भशा रक्ष्भी की कृ ऩा एलॊ
आळीलााद फना यशता शैं । त्जस्वे भाॊ रक्ष्भी के अद्श रुऩ (१)-आफद
रक्ष्भी, (२)-धान्म रक्ष्भी, (३)- धैमा रक्ष्भी, (४)-गज रक्ष्भी, (५)-वॊतान रक्ष्भी, (६)-त्रलजम रक्ष्भी, (७)-त्रलद्या
रक्ष्भी औय (८)-धन रक्ष्भी इन वबी रुऩो का अळीलााद प्राद्ऱ शोता शैं ।

 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें तॊि यषा कल के सभरे शोने की लजश वे ताॊत्रिक फाधाए दयू शोती शैं , वाथ शी
नकायात्भक ळत्रक्तमो का कोइ कुप्रबाल धायण कताा व्मत्रक्त ऩय नशीॊ शोता। इव कल के प्रबाल वे इऴाा-द्वेऴ यखने
लारे व्मत्रक्तओ द्राया शोने लारे दद्श
ु प्रबालो वे यषा शोती शैं ।

 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें ळिु त्रलजम कल के सभरे शोने की लजश वे ळिु वे वॊफॊसधत वभस्त ऩये ळासनओ
वे स्लत् शी छुटकाया सभर जाता शैं । कल के प्रबाल वे ळिु धायण कताा व्मत्रक्त का ाशकय कुछ नशी त्रफगाड
वकते।

अन्म कल के फाये भे असधक जानकायी के सरमे कामाारम भें वॊऩका कये :


फकवी व्मत्रक्त त्रलळेऴ को वला कामा सवत्रि कल दे ने नशी दे ना का अॊसतभ सनणाम शभाये ऩाव वुयत्षत शैं ।
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 15 अप्रैर 2020 | अॊक 2

भॊि सवि कारी शल्दी के त्रलसबन्न राब


 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम

त्रलद्रानक का कथन शैं की ईद्वय की कृ ऩा प्रासद्ऱ शे तु एलॊ अ न


ा इत्माफद भें त्रलळेऴ रुऩ वे प्रमोग फकमा जाता शैं ।
लाॊसछत कामा भें सवत्रि की प्रासद्ऱ एलॊ भनोकाभना ऩूसता शे तु असधकतय रोगक ने शल्दी केलर ऩीरे यॊ ग की शी दे खी शोगी।
भॊि, मॊि औय तॊि के अनेक क्मोफक ऩीरी शल्दी का प्रमोग
उऩामो का लणान फशन्दॊ ू धभाग्रॊथक
शय घयक भें भवारक के रुऩ भें
भें सभरता शैं ।
प्रमोग शोता शी शैं , इवसरए
आज के बौसतक मुग भें
ऩीरी शल्दी फाजायक भें
शय कामा अथा (धन) के उऩय
आवानी वे उऩरब्ध शो जाती
प्रत्मष मा अप्रत्मष रुऩवे सनबाय
शैं ।
शोता शैं इव सरमे प्रत्मेक व्मत्रक्त
फक मशी इच्छा शोती शैं फक उवके रेफकन शल्दी कारे

ऩाव बी इतना धन शो फक लश यॊ ग की बी प्राद्ऱ शोती शैं । कारी


अऩने जीलन भें वभस्त बौसतक शल्दी को तॊि ळास्त्रक भें असधक
वुखो को बोग ने भें वभथा शक। दर
ु ब
ा औय दे लीम गुणक वे मुक्त
शय व्मत्रक्त की ाश शोती शैं की भाना गमा शैं । कारी शल्दी
उवकी धन-वॊऩत्रि फदन दोगुनी औऴसधम गुणक वे बयऩूय शोती
यात ौगुनी फढती यशें !
शैं , इवसरए इव का प्रमोग तॊि
फशन्द ू धभा भें धन औय
प्रमोगो के अराला औऴसध के
ऐद्वमा की दे ली भाॊ भशारक्ष्भी शैं
सनभााण इत्माफद भें बी त्रलळेऴ
जो धन, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा प्रदान
रुऩ वे फकमा जाता शैं ।
कयती शैं । इवसरए भाॉ भशारक्ष्भी
की प्रवन्नता एलॊ कृ ऩा वे धन, तॊि त्रलद्या के जानकाय

वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा की प्रासद्ऱ के भानते शैं की धन प्रासद्ऱ शे तु


वयर उऩाम तॊि ळास्त्र भें फतामे कारी शल्दी एक अद्भत

गमे शैं । भत्कायी प्रबालक वे मुक्त
बायतीम ऩयॊ ऩया भें शल्दी शोती शैं , उनका भानना शैं की
का त्रलळेऴ भशत्ल फतामा गमा शैं , कारी शल्दी के त्रलसध-त्रलधान
शल्दी का उऩमोग प्राम् वबी
वे ऩूजन वे व्मत्रक्त अवीभ
व्मत्रक्त के जीलन भें बोजन के
धन-वॊऩत्रि एलॊ ऐद्वमा प्राद्ऱ
अराला असधक्तय आध्मात्त्भक ल
कयने भें वभथा शो वकता शैं ।
औऴसध के रुऩ भें बी शोता शैं ।
शल्दी को शरयद्रा बी कशा जाता शै । तॊि त्रलद्या के
आध्मात्त्भक षेि भें शल्दी के प्रमोगो वे धन प्रासद्ऱ वॊबल शैं !
फशन्द ू वॊस्कृ सत भें शल्दी को अत्मॊत ळुब एलॊ जानकायक का तो मशाॊ तक भानना शैं की अवरी कारी शल्दी

गुणकायी भाना जाता शैं इवसरए शल्दी का प्रमोग बोजन ल प्राद्ऱ शोना वौबाग्म की फात शैं । त्जव घय भें कारी शल्दी का

औऴसध के अराला भाॊगसरत कामा, दे ली-दे लताओॊ के ऩूजन- ऩूजन शोता शो लश घय भें सनलाव कताा वौबाग्मळारी शोते शैं ।

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 19 अप्रैर 2020 | अॊक 2

घये रू टोने-टोटके
छोटे -छोटे मॊि, भॊि
सवि उऩाम एलॊ वाधना

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 41 अप्रैर 2020 | अॊक 2

 अषम तृतीमा मा दीऩालरी की यात को ऩाॊ भॊि रघु श्रीपर


सवि गोभसत क्र को स्थात्रऩत कयके उवका वाषात रघु श्रीपर एक प्रकाय का छोटे स्लरुऩ का
रक्ष्भी रुऩ भें ऩूजन कयने वे उवका त्रलसधलत ऩूजन नारयमर शोता शैं । त्जवके ऊऩय नारयमर के वभान शी
कयने वे व्मत्रक्त को जीलन भें सनयॊ तय धन की प्रासद्ऱ जटाएॊ शोती शैं जो कयीफ एक ई त्जतना फडाो़ शोता शैं ।
शोती यशती शैं । रघु श्रीपर को नारयमर का रघुरुऩ भाना जाता शैं ।
 अषम तृतीमा मा दीऩालरी के फदन 11 गोभती क्र रघु श्रीपर का प्रमोग त्रलळेऴ रुऩ वे रक्ष्भी प्रासद्ऱ शे तु
औय 11 ऩीरी कोफडमक दोनक को को एक ऩीरे कऩडे फकमा जाता शैं ।
ऩय यख यखकय कय ऩूजन कयें । फपय "ऐॊ ह्ीॊ श्रीॊ क्मोफक रघु श्रीपर भाॊ भशारक्ष्भी का मश त्रप्रम
क्रीॊ" भॊि का ऩाॊ भारा कयके उवे कऩडे ो़ भें पर भानाजाता शैं औय एवी भान्मता शैं की त्जवके
फाॊधकय अऩने सतजोयी भें स्थात्रऩत कयने वे धन ऩाव रघु श्रीपर शोता शैं दे ली रक्ष्भी सनत्द्ळत रुऩ वे
राब की प्रासद्ऱ शोती शैं । उव ऩय कृ ऩा कयती शैं । रघु श्रीपर के ऩूजन वे भाॊ
रक्ष्भी त्खॊ ी री आती शैं ।
रक्ष्भी कायक शकीक
 त्जव बी घय भें रघु श्रीपर शोता शैं लशाॊ वुख-
शकीक एक प्रकाय का उऩयत्न शैं , त्जवका उऩमोग
वॊऩन्नता औय लैबल का लाव शोता शैं ।
त्रलसबन्न तॊि प्रमोग एलॊ धनप्रासद्ऱ शे तु त्रलळेऴ रुऩ वे
 मफद रघु श्रीपर को व्मलवामीक स्थान ऩय यखने
फकमा जाता शैं । मश एक अत्मॊत प्रबालळारी ऩत्थय
वे व्माऩाय भें फदन प्रसत फदन उन्नसत शोती यशती
भाना जाता शैं ।
शैं ।
शकीक के प्रबालक के त्रलऴम कुछ जानकाय
 त्रलद्रानो का कथन शैं की मफद फकवी व्मत्रक्त को
त्रलद्रानो का अनुबल शैं की शकीक को मफद कोई व्मत्रक्त
वौबाग्म वे 11 रघु श्रीपर प्राद्ऱ शो जामे तो उवके
धायण नशीॊ कयके केलर अऩने वाथ यखता शैं तो बी
जन्भक-जन्भ की दरयद्रता का अॊत शो जाता शैं औय
लश अऩना भत्कायी प्रबाल फदखा शी दे ता शैं ।
मफद फकवी व्मत्रक्त के घय भें 1 रघु श्रीपर का
 अषम तृतीमा मा दीऩालरी के फदन ऩूजान के वभम
ऩूजन शोता शक लशाॊ वे दख
ु ्, दरयद्रता कोवो दयू
21 शकीक को स्थाऩीत कयदे ऩूजन के ऩद्ळमात उवे
यशती शैं । अत् अषम तृतीमा मा दीऩालरी के फदन
दीऩालरी के फदन शी जभीन भें गाढ़दे ने वे व्मत्रक्त
इवे अऩने ऩूजन भें अलश्म स्थात्रऩत कये ।
को सनयॊ तय धन राब शोता यशता शैं ।
 भनोकाभना ऩूसता शे तु ग्मायश शकीक ऩत्थय को कारी शल्दी
अऩने ऩूजा स्थान ऩय यख कय अरगरे फदन उवे त्जव प्रकाय वे शल्दी ऩीरे यॊ गी को शोती शैं ।
भॊफदय भें ढाने वे भनोकाभना ळीघ्र ऩूणा शोती शैं । उवी प्रकाय एक दर
ु ब
ा जाती की कारे यॊ गकी शल्दी बी
 अषम तृतीमा मा दीऩालरी के फदन शकीक भारा वे ऩाई जाती शैं । कारी शल्दी को कृ ष्ण शरयद्रा के नाभ वे
रक्ष्भी भॊि का एक भारा जऩ कयके। भारा को जाना जाता शैं । कारी शल्दी की वुगॊध कऩूय वे सभरती-
धायण कयने वे दे ली रक्ष्भी की शभेंळा कृ ऩाद्रत्रद्श फनी जुरती शोती शैं । कारी शल्दी को भुख्मत् तॊि फक्रमाओॊ
यशती शैं । भॊि: "ॐ ह्ीॊ ह्ीॊ श्रीॊ श्रीॊ रक्ष्भी लावुदेलाम एलॊ रक्ष्भी प्रासद्ऱ शे तु एक दर
ु ब
ा औऴसध भानते शैं ।
नभ्।"  त्जव बलन भें भॊि सवि कारी शल्दी का ऩूजन
 रक्ष्भी जी के स ि को 27 शकीक ऩत्थय के उऩय कयने वे बलन भें धन-वौबाग्म की स्लत् लृत्रि शोने
स्थात्रऩत कयने वे व्मत्रक्त को सनत्द्ळत रुऩ वे आसथाक रगती शैं ।
राब प्राद्ऱ शोता शैं ।  अषम तृतीमा, दीऩालरी के फदन मा अन्म फकवी
ळुब भुशूता भें कारी शल्दी को धूऩ-दीऩ आफद वे
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 42 अप्रैर 2020 | अॊक 2

ऩूजन कय के अऩनी सतजोयी मा धन यखने लारे के फदन मा अन्म फकवी ळुब भुशूता भें ळॊख का को धूऩ-
स्थान ऩय यखने वे धन का कबी अबाल नशीॊ दीऩ आफद वे ऩूजन कय के अऩनी सतजोयी मा धन
यशता शैं । यखने लारे स्थान ऩय मा ऩूजन स्थाभ भें यखने वे धन
का कबी अबाल नशीॊ यशता शैं ।
दत्षणालता ळॊख
वुख-वभृत्रि, धन-वॊऩत्रि, रयत्रि-सवत्रि एलॊ ऐद्वमा की धन लृत्रि फडब्फी
प्रासद्ऱ के सरए शभाये धभा ळास्त्रक भे दत्षणालता ळॊख का धन लृत्रि फडब्फी को अऩनी अरभायी, कैळ फोक्व,
अत्मासधक भशत्ल फतामा गमा शैं । दत्षणालता ळॊख का ऩूजा स्थान भें यखने वे धन लृत्रि शोती शैं त्जवभें कारी
भुख दामीॊ औय वे खुरा शोता शैं । शल्दी, रार- ऩीरा-वपेद रक्ष्भी कायक शकीक ्अकीकल,
ळास्त्रोक्त भान्मता शैं की त्जव घय भें त्रलसध- रक्ष्भी कायक स्पफटक यत्न, 3 ऩीरी कौडी, 3 वपेद
त्रलधान वे दत्षणालता ळॊख का ऩूजन शोता शैं , उव घय कौडी, गोभती क्र, वपेद गुॊजा, यक्त गुॊजा, कारी गुॊजा,
भें धन, वुख, वभृत्रि, मळ-फकसता की लृत्रि शोती शैं । उव भामा जार, इत्मादी दर
ु ब
ा लस्तुओॊ को ळुब भशुता भें
घय भें रक्ष्भी त्स्थत शोती शैं । अषम तृतीमा, दीऩालरी तेजस्ली भॊि द्राया असबभॊत्रित फकम जाता शैं ।

भॊि सवि लाशन दघ


ु ट
ा ना नाळक भारुसत मॊि
ऩौयात्णक ग्रॊथो भें उल्रेख शैं की भशाबायत के मुि के वभम अजुन
ा के यथ के अग्रबाग ऩय भारुसत ध्लज
एलॊ भारुसत मन्ि रगा शुआ था। इवी मॊि के प्रबाल के कायण वॊऩूणा मुि के दौयान शज़ायक-राखक प्रकाय के आग्नेम
अस्त्र-ळस्त्रक का प्रशाय शोने के फाद बी अजुन
ा का यथ जया बी षसतग्रस्त नशीॊ शुआ। बगलान श्री कृ ष्ण भारुसत मॊि
के इव अद्भत
ु यशस्म को जानते थे फक त्जव यथ मा लाशन की यषा स्लमॊ श्री भारुसत नॊदन कयते शक, लश
दघ
ु ट
ा नाग्रस्त कैवे शो वकता शैं । लश यथ मा लाशन तो लामुलेग वे, सनफाासधत रुऩ वे अऩने रक्ष्म ऩय त्रलजम ऩतका
रशयाता शुआ ऩशुॊ ेगा। इवी सरमे श्री कृ ष्ण नें अजुन
ा के यथ ऩय श्री भारुसत मॊि को अॊफकत कयलामा था।
त्जन रोगक के स्कूटय, काय, फव, ट्रक इत्माफद लाशन फाय-फाय दघ
ु ट
ा ना ग्रस्त शो यशे शो!, अनालश्मक लाशन को नुषान
शो यशा शक! उन्शें शानी एलॊ दघ
ु ट
ा ना वे यषा के उद्दे श्म वे अऩने लाशन ऩय भॊि सवि श्री भारुसत मॊि अलश्म रगाना
ाफशए। जो रोग ट्रान्स्ऩोफटिं ग ्ऩरयलशनल के व्मलवाम वे जुडे शैं उनको श्रीभारुसत मॊि को अऩने लाशन भें अलश्म
स्थात्रऩत कयना ाफशए, क्मोफक, इवी व्मलवाम वे जुडे वैकडक रोगक का अनुबल यशा शैं की श्री भारुसत मॊि को
स्थात्रऩत कयने वे उनके लाशन असधक फदन तक अनालश्मक ख ो वे एलॊ दघ
ु ट
ा नाओॊ वे वुयत्षत यशे शैं । शभाया
स्लमॊका एलॊ अन्म त्रलद्रानो का अनुबल यशा शैं , की त्जन रोगक ने श्री भारुसत मॊि अऩने लाशन ऩय रगामा शैं , उन
रोगक के लाशन फडी वे फडी दघ
ु ट
ा नाओॊ वे वुयत्षत यशते शैं । उनके लाशनो को कोई त्रलळेऴ नुक्ळान इत्माफद नशीॊ शोता
शैं औय नाशीॊ अनालश्मक रुऩ वे उवभें खयाफी आसत शैं ।
लास्तु प्रमोग भें भारुसत मॊि: मश भारुसत नॊदन श्री शनुभान जी का मॊि शै । मफद कोई जभीन त्रफक नशीॊ यशी शो, मा
उव ऩय कोई लाद-त्रललाद शो, तो इच्छा के अनुरूऩ लशॉ जभीन उस त भूल्म ऩय त्रफक जामे इव सरमे इव भारुसत मॊि
का प्रमोग फकमा जा वकता शैं । इव भारुसत मॊि के प्रमोग वे जभीन ळीघ्र त्रफक जाएगी मा त्रललादभुक्त शो जाएगी।
इव सरमे मश मॊि दोशयी ळत्रक्त वे मुक्त शै । भारुसत मॊि के त्रलऴम भें असधक जानकायी के सरमे गुरुत्ल कामाारम भें
वॊऩका भूल्म:Rs- 325 वे 12700 तक
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 61 अप्रैर 2020 | अॊक 2

कारवऩा मोग एक कद्शदामक मोग !


कार का भतरफ शै भृत्मु । ज्मोसतऴ के जानकायक के ऩडताअ शै । उवकी योजी-योटी का जुगाड बी फडी भुत्श्कर वे शो
अनुवाय त्जव व्मत्रक्त का जन्भ अळुबकायी कारवऩा मोग भे ऩाता शै । अगय जुगाड शोजामे तो र्फे वभम तक फटकती नशी
शुला शो लश व्मत्रक्त जीलन बय भृत्मु के वभान कद्श बोगने लारा शै । फाय-फाय व्मलवाम मा नौकयी भे फदराल आते ये शते शै ।
शोता शै , व्मत्रक्त जीलन बय कोइ ना कोइ वभस्मा वे ग्रस्त शोकय धनाढम घय भें ऩैदा शोने के फालजूद फकवी न फकवी लजश वे
अळाॊत स त शोता शै । उवे अप्रत्मासळत रूऩ वे आसथाक षसत शोती यशती शै । तयश-तयश
कारवऩा मोग अळुब एलॊ ऩीडादामक शोने ऩय व्मत्रक्त के जीलन की ऩये ळानी वे सघये यशते शैं । एक वभस्मा खतभ शोते शी दव
ू यी
को अत्मॊत द्ु खदामी फना दे ता शै । ऩाल ऩवाये खडी शोजाती शै । कारवऩा मोग वे व्मत्रक्त को ैन
नशी सभरता उवके कामा फनते शी नशी औय फन जामे आधे भे
कारवऩा मोग भतरफ क्मा?
रुक जाते शै । व्मत्रक्त के 99% शो ुका कामा बी आखयी ऩरो भे
जफ जन्भ कुॊडरी भें वाये ग्रश याशु औय केतु के फी
अकस्भात शी रुक जात शै ।
त्स्थत यशते शैं तो उववे ज्मोसतऴ त्रलद्या के जानकाय उवे
ऩयॊ तु मश ध्मान यशे , कारवऩा मोग लारे वबी जातकक
कारवऩा मोग कशा जाता शै ।
ऩय इव मोग का वभान प्रबाल नशी ऩडता। क्मोफक फकव बाल
कारवऩा मोग फकव प्रकाय फनता शै औय क्मक फनता भें कौन वी यासळ अलत्स्थत शै औय उवभें कौन-कौन ग्रश कशाॊ
शैं ? त्स्थत शैं औय दृत्रद्श कय यशे शै उस्का प्रबाल फराफर फकतना शै -

जफ 7 ग्रश याशु औय केतु के भध्म भे त्स्थत शो मश इन वफ फातक का बी वॊफॊसधत जातक ऩय भशत्लऩूणा प्रबाल

अत्च्छ त्स्थसत नफश शै । याशु औय केतु के भध्म भे फाकी वफ ग्रश ऩडता शै ।

आजाने वे याशु केतु अन्म ळुब ग्रशक के प्रबालक को षीण कय दे ते इवसरए भािा कारवऩा मोग वुनकय बमबीत शो जाने

शक!, तो अळुब कारवऩा मोग फनता शै , क्मोफक ज्मोसतऴ भे याशु की जरूयत नशीॊ फत्ल्क उवका जानकाय मा कुळर ज्मोसतऴी वे

को वऩा(वाऩ) का भुश(भुख) एलॊ केतु को ऩूॊछ कशा जाता शै । ज्मोसतऴीम त्रलद्ऴेऴण कयलाकय उवके प्रबालक की त्रलस्तृत
जानकायी शासवर कय रेना शी फुत्रिभिा शै । जफ अवरी कायण
कारवऩा मोग का प्रबाल क्म शोता शै ? ज्मोसतऴीम त्रलद्ऴेऴण वे स्ऩद्श शो जामे तो तत्कार उवका उऩाम
त्जव प्रकाय फकवी व्मत्रक्त को वाऩ काट रे तो लश कयना ाफशए। उऩाम वे कारवऩा मोग के कुप्रबालो को कभ
व्मत्रक्त ळाॊसत वे नशी फेठ वकता लेवे शी कारवऩा मोग वे ऩीफडत फकमा जा वकता शै ।
व्मत्रक्त को जीलन ऩमान्त ळायीरयक, भानसवक, आसथाक ऩये ळानी मफद आऩकी जन्भ कुॊडरी भे बी अळुब कारवऩा मोग का फन
का वाभना कयना ऩडता शै । त्रललाश त्रलर्फ वे शोता शै एलॊ यशा शो औय आऩ उवके अळुब प्रबालक वे ऩये ळान शो, तो
त्रललाश के ऩश्च्मात वॊतान वे वॊफॊधी कद्श जेवे उवे वॊतान शोती कारवऩा मोग के अळुब प्राबालक को ळाॊत कयने के सरमे त्रलळेऴ
शी नशीॊ मा शोती शै तो योग ग्रस्त शोती शै । उवे जीलन भें फकवी अनुबत
ू उऩामक को अऩना कय अऩने जीलन को वुखी एलॊ वभृि
न फकवी भशत्लऩूणा लस्तु का अबाल यशता शै । जातक को फनाए।
कारवऩा मोग के कायण वबी कामों भें अत्मासधक वॊघऴा कयना ***

कारवऩा ळाॊसत शे तु अनुबूत एलॊ वयर उऩाम


भॊि सवि भॊि सवि
कारवऩा ळाॊसत मॊि कारवऩा ळाॊसत क ल
त्रलस्तृत जानकायी शे तु वॊऩका कयें । GURUTVA KARYALAY
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 62 अप्रैर 2020 | अॊक 2

भॊि सवि दर
ु ब
ा वाभग्री
कारी शल्दी:- 370, 550, 730, 1450, 1900 कभर गट्टे की भारा - Rs- 370
भामा जार- Rs- 251, 551, 751 शल्दी भारा - Rs- 280
धन लृत्रि शकीक वेट Rs-280 (कारी शल्दी के वाथ Rs-550) तुरवी भारा - Rs- 190, 280, 370, 460
घोडे की नार- Rs.351, 551, 751 नलयत्न भारा- Rs- 1050, 1900, 2800, 3700 & Above
शकीक: 11 नॊग-Rs-190, 21 नॊग Rs-370 नलयॊ गी शकीक भारा Rs- 280, 460, 730
रघु श्रीपर: 1 नॊग-Rs-21, 11 नॊग-Rs-190 शकीक भारा (वात यॊ ग) Rs- 280, 460, 730, 910
नाग केळय: 11 ग्राभ, Rs-145 भूॊगे की भारा Rs- 1050, 1900 & Above
स्पफटक भारा- Rs- 235, 280, 460, 730, DC 1050, 1250 ऩायद भारा Rs- 1450, 1900, 2800 & Above
वपेद ॊदन भारा - Rs- 460, 640, 910 लैजमॊती भारा Rs- 190, 280, 460
यक्त (रार) ॊदन - Rs- 370, 550, रुद्राष भारा: 190, 280, 460, 730, 1050, 1450
भोती भारा- Rs- 460, 730, 1250, 1450 & Above त्रलधुत भारा - Rs- 190, 280
कासभमा सवॊदयू - Rs- 460, 730, 1050, 1450, & Above भूल्म भें अॊतय छोटे वे फडे आकाय के कायण शैं ।
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भॊि सवि स्पफटक श्री मॊि


"श्री मॊि" वफवे भशत्लऩूणा एलॊ ळत्रक्तळारी मॊि शै । "श्री मॊि" को मॊि याज कशा जाता शै क्मोफक मश अत्मन्त
ळुब फ़रदमी मॊि शै । जो न केलर दव
ू ये मन्िो वे असधक वे असधक राब दे ने भे वभथा शै एलॊ वॊवाय के शय
व्मत्रक्त के सरए पामदे भद
ॊ वात्रफत शोता शै । ऩूणा प्राण-प्रसतत्रद्षत एलॊ ऩूणा त
ै न्म मुक्त "श्री मॊि" त्जव व्मत्रक्त के
घय भे शोता शै उवके सरमे "श्री मॊि" अत्मन्त फ़रदामी सवि शोता शै उवके दळान भाि वे अन-सगनत राब एलॊ
वुख की प्रासद्ऱ शोसत शै । "श्री मॊि" भे वभाई अफद्रसतम एलॊ अद्रश्म ळत्रक्त भनुष्म की वभस्त ळुब इच्छाओॊ को
ऩूया कयने भे वभथा शोसत शै । त्जस्वे उवका जीलन वे शताळा औय सनयाळा दयू शोकय लश भनुष्म अवफ़रता वे
वफ़रता फक औय सनयन्तय गसत कयने रगता शै एलॊ उवे जीलन भे वभस्त बौसतक वुखो फक प्रासद्ऱ शोसत
शै । "श्री मॊि" भनुष्म जीलन भें उत्ऩन्न शोने लारी वभस्मा-फाधा एलॊ नकायात्भक उजाा को दयू कय
वकायत्भक उजाा का सनभााण कयने भे वभथा शै । "श्री मॊि" की स्थाऩन वे घय मा व्माऩाय के स्थान ऩय स्थात्रऩत
कयने वे लास्तु दोऴ म लास्तु वे व्फत्न्धत ऩये ळासन भे न्मुनता आसत शै ल वुख-वभृत्रि, ळाॊसत एलॊ ऐद्वमा फक
प्रसद्ऱ शोती शै । >> Shop Online | Order
Now
गुरुत्ल कामाारम भे त्रलसबन्न आकाय के "श्री मॊि" उप्रब्ध शै
भूल्म:- प्रसत ग्राभ Rs. 28.00 वे Rs.100.00

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 63 अप्रैर 2020 | अॊक 2

त्रलद्या प्रासद्ऱ शे तु वयस्लती कल औय मॊि


आज के आधुसनक मुग भें सळषा प्रासद्ऱ जीलन की भशत्लऩूणा
आलश्मकताओॊ भें वे एक शै । फशन्द ू धभा भें त्रलद्या की असधद्षािी दे ली
वयस्लती को भाना जाता शैं । इव सरए दे ली वयस्लती की ऩूजा-
अ न
ा ा वे कृ ऩा प्राद्ऱ कयने वे फुत्रि कुळाग्र एलॊ तीव्र शोती शै ।
आज के वुत्रलकसवत वभाज भें ायक ओय फदरते ऩरयलेळ
एलॊ आधुसनकता की दौड भें नमे-नमे खोज एलॊ वॊळोधन के
आधायो ऩय फच् ो के फौसधक स्तय ऩय अच्छे त्रलकाव शे तु
त्रलसबन्न ऩयीषा, प्रसतमोसगता एलॊ प्रसतस्ऩधााएॊ शोती यशती शैं ,
त्जव भें फच् े का फुत्रिभान शोना असत आलश्मक शो जाता शैं ।
अन्मथा फच् ा ऩयीषा, प्रसतमोसगता एलॊ प्रसतस्ऩधाा भें ऩीछड
जाता शैं , त्जववे आजके ऩढे सरखे आधुसनक फुत्रि वे वुवॊऩन्न
रोग फच् े को भूखा अथला फुत्रिशीन मा अल्ऩफुत्रि वभझते शैं ।
एवे फच् ो को शीन बालना वे दे खने रोगो को शभने दे खा शैं ,
आऩने बी कई वैकडो फाय अलश्म दे खा शोगा?
ऐवे फच् ो की फुत्रि को कुळाग्र एलॊ तीव्र शो, फच् ो की
फौत्रिक षभता औय स्भयण ळत्रक्त का त्रलकाव शो इव सरए
वयस्लती कल अत्मॊत राबदामक शो वकता शैं ।
वयस्लती कल को दे ली वयस्लती के ऩयॊ भ दर
ू ब
ा तेजस्ली भॊिो
द्राया ऩूणा भॊिसवि औय ऩूणा ैतन्ममुक्त फकमा जाता शैं । त्जस्वे जो
फच् े भॊि जऩ अथला ऩूजा-अ न
ा ा नशीॊ कय वकते लश त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ
कय वके औय जो फच् े ऩूजा-अ न
ा ा कयते शैं , उन्शें दे ली वयस्लती की कृ ऩा ळीघ्र प्राद्ऱ शो इव
सरमे वयस्लती कल अत्मॊत राबदामक शोता शैं ।
वयस्लती कल औय मॊि के त्रलऴम भें असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयें ।
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वयस्लती कल : भूल्म: 1050 औय 910 वयस्लती मॊि :भूल्म : 550 वे 1450 तक

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 64 अप्रैर 2020 | अॊक 2

वला कामा सवत्रि कल


त्जव व्मत्रक्त को राख प्रमत्न औय ऩरयश्रभ कयने के फादबी उवे
भनोलाॊसछत वपरतामे एलॊ फकमे गमे कामा भें सवत्रि (राब) प्राद्ऱ
नशीॊ शोती, उव व्मत्रक्त को वला कामा सवत्रि कल अलश्म धायण
कयना ाफशमे।
कल के प्रभुख राब: वला कामा सवत्रि कल के द्राया वुख
वभृत्रि औय नल ग्रशक के नकायात्भक प्रबाल को ळाॊत कय धायण
कयता व्मत्रक्त के जीलन वे वला प्रकाय के द:ु ख-दारयद्र का नाळ शो
कय वुख-वौबाग्म एलॊ उन्नसत प्रासद्ऱ शोकय जीलन भे वसब प्रकाय के
ळुब कामा सवि शोते शैं । त्जवे धायण कयने वे व्मत्रक्त मफद व्मलवाम
कयता शोतो कायोफाय भे लृत्रि शोसत शैं औय मफद नौकयी कयता शोतो
उवभे उन्नसत शोती शैं ।

 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें वलाजन लळीकयण कल के


सभरे शोने की लजश वे धायण कताा की फात का दव
ू ये व्मत्रक्तओ
ऩय प्रबाल फना यशता शैं ।

 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें अद्श रक्ष्भी कल के सभरे


शोने की लजश वे व्मत्रक्त ऩय वदा भाॊ भशा रक्ष्भी की कृ ऩा एलॊ
आळीलााद फना यशता शैं । त्जस्वे भाॊ रक्ष्भी के अद्श रुऩ (१)-आफद
रक्ष्भी, (२)-धान्म रक्ष्भी, (३)- धैमा रक्ष्भी, (४)-गज रक्ष्भी, (५)-वॊतान रक्ष्भी, (६)-त्रलजम रक्ष्भी, (७)-त्रलद्या
रक्ष्भी औय (८)-धन रक्ष्भी इन वबी रुऩो का अळीलााद प्राद्ऱ शोता शैं ।

 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें तॊि यषा कल के सभरे शोने की लजश वे ताॊत्रिक फाधाए दयू शोती शैं , वाथ शी
नकायात्भक ळत्रक्तमो का कोइ कुप्रबाल धायण कताा व्मत्रक्त ऩय नशीॊ शोता। इव कल के प्रबाल वे इऴाा-द्वेऴ यखने
लारे व्मत्रक्तओ द्राया शोने लारे दद्श
ु प्रबालो वे यषा शोती शैं ।

 वला कामा सवत्रि कल के वाथ भें ळिु त्रलजम कल के सभरे शोने की लजश वे ळिु वे वॊफॊसधत वभस्त ऩये ळासनओ
वे स्लत् शी छुटकाया सभर जाता शैं । कल के प्रबाल वे ळिु धायण कताा व्मत्रक्त का ाशकय कुछ नशी त्रफगाड
वकते।

अन्म कल के फाये भे असधक जानकायी के सरमे कामाारम भें वॊऩका कये :


फकवी व्मत्रक्त त्रलळेऴ को वला कामा सवत्रि कल दे ने नशी दे ना का अॊसतभ सनणाम शभाये ऩाव वुयत्षत शैं ।
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 65 अप्रैर 2020 | अॊक 2

श्री गणेळ मॊि


गणेळ मॊि वला प्रकाय की ऋत्रि-सवत्रि प्रदाता एलॊ वबी प्रकाय की उऩरत्ब्धमक दे ने भें वभथा शै , क्मोकी श्री गणेळ मॊि
के ऩूजन का पर बी बगलान गणऩसत के ऩूजन के वभान भाना जाता शैं । शय भनुष्म को को जीलन भें वुख-वभृत्रि
की प्रासद्ऱ एलॊ सनमसभत जीलन भें प्राद्ऱ शोने लारे त्रलसबन्न कद्श, फाधा-त्रलघ्नक को नाव के सरए श्री गणेळ मॊि को
अऩने ऩूजा स्थान भें अलश्म स्थात्रऩत कयना ाफशए। श्रीगणऩत्मथलाळीऴा भें लत्णात शैं ॐकाय का शी व्मक्त स्लरूऩ श्री
गणेळ शैं । इवी सरए वबी प्रकाय के ळुब भाॊगसरक कामों औय दे लता-प्रसतद्षाऩनाओॊ भें बगलान गणऩसत का प्रथभ
ऩूजन फकमा जाता शैं । त्जव प्रकाय वे प्रत्मेक भॊि फक ळत्रक्त को फढाने के सरमे भॊि के आगें ॐ (ओभ ्) आलश्म रगा
शोता शैं । उवी प्रकाय प्रत्मेक ळुब भाॊगसरक कामों के सरमे बगलान ् गणऩसत की ऩूजा एलॊ स्भयण असनलामा भाना
गमा शैं । इव ऩौयात्णक भत को वबी ळास्त्र एलॊ लैफदक धभा, व्प्रदामक ने गणेळ जी के ऩूजन शे तु इव प्रा ीन
ऩय्ऩया को एक भत वे स्लीकाय फकमा शैं ।

श्री गणेळ मॊि के ऩूजन वे व्मत्रक्त को फुत्रि, त्रलद्या, त्रललेक का त्रलकाव शोता शैं औय योग, व्मासध एलॊ वभस्त त्रलध्न-
फाधाओॊ का स्लत् नाळ शोता शै । श्री गणेळजी की कृ ऩा प्राद्ऱ शोने वे व्मत्रक्त के भुत्श्कर वे भुत्श्कर कामा बी
आवान शो जाते शैं ।
त्जन रोगो को व्मलवाम-नौकयी भें त्रलऩयीत ऩरयणाभ प्राद्ऱ शो यशे शक, ऩारयलारयक तनाल, आसथाक तॊगी, योगक वे
ऩीडा शो यशी शो एलॊ व्मत्रक्त को अथक भेशनत कयने के उऩयाॊत बी नाकाभमाफी, द:ु ख, सनयाळा प्राद्ऱ शो यशी शो, तो
एवे व्मत्रक्तमो की वभस्मा के सनलायण शे तु तुथॉ के फदन मा फुधलाय के फदन श्री गणेळजी की त्रलळेऴ ऩूजा-
अ न
ा ा कयने का त्रलधान ळास्त्रक भें फतामा शैं ।
त्जवके पर वे व्मत्रक्त की फकस्भत फदर जाती शैं औय उवे जीलन भें वुख, वभृत्रि एलॊ ऐद्वमा की प्रासद्ऱ शोती शैं ।
त्जव प्रकाय श्री गणेळ जी का ऩूजन अरग-अरग उद्दे श्म एलॊ काभनाऩूसता शे तु फकमा जाता शैं , उवी प्रकाय श्री
गणेळ मॊि का ऩूजन बी अरग-अरग उद्दे श्म एलॊ काभनाऩूसता शे तु अरग-अरग फकमा जाता वकता शैं ।
श्री गणेळ मॊि के सनमसभत ऩूजन वे भनुष्म को जीलन भें वबी प्रकाय की ऋत्रि-सवत्रि ल धन-व्ऩत्रि की प्रासद्ऱ
शे तु श्री गणेळ मॊि अत्मॊत राबदामक शैं । श्री गणेळ मॊि के ऩूजन वे व्मत्रक्त की वाभात्जक ऩद-प्रसतद्षा औय कीसता
ायक औय पैरने रगती शैं ।
 त्रलद्रानक का अनुबल शैं की फकवी बी ळुब कामा को प्रायॊ ऩ कयने वे ऩूला मा ळुबकामा शे तु घय वे फाशय जाने वे ऩूला
गणऩसत मॊि का ऩूजन एलॊ दळान कयना ळुब परदामक यशता शैं । जीलन वे वभस्त त्रलघ्न दयू शोकय धन,
आध्मात्त्भक ेतना के त्रलकाव एलॊ आत्भफर की प्रासद्ऱ के सरए भनुष्म को गणेळ मॊि का ऩूजन कयना ाफशए।
 गणऩसत मॊि को फकवी बी भाश की गणेळ तुथॉ मा फुधलाय को प्रात: कार अऩने घय, ओफपव, व्मलवामीक
स्थर ऩय ऩूजा स्थर ऩय स्थात्रऩत कयना ळुब यशता शैं ।
गुरुत्ल कामाारम भें उऩरब्ध अन्म : रक्ष्भी गणेळ मॊि | गणेळ मॊि | गणेळ मॊि (वॊऩूणा फीज भॊि वफशत) | गणेळ
सवि मॊि | एकाषय गणऩसत मॊि | शरयद्रा गणेळ मॊि बी उऩरब्ध शैं । असधक जानकायी आऩ शभायी लेफ वाइट ऩय प्राद्ऱ
कय वकते शैं ।
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 66 अप्रैर 2020 | अॊक 2

दव भशात्रलद्या ऩूजन मॊि


Das Mahavidy a Poojan Yantra | Dasmahavidy a Pujan Yantra

दव भशात्रलद्या ऩूजन मॊि को दे ली दव

भशात्रलद्या की ळत्रक्तमक वे मुक्त अत्मॊत प्रबालळारी

औय दर
ु ब
ा मॊि भाना गमा शैं ।

इव मॊि के भाध्मभ वे वाधक के ऩरयलाय ऩय

दवो भशात्रलद्याओॊ का आसळलााद प्राद्ऱ शोता शैं । दव

भशात्रलद्या मॊि के सनमसभत ऩूजन-दळान वे भनुष्म की

वबी भनोकाभनाओॊ की ऩूसता शोती शैं । दव भशात्रलद्या

मॊि वाधक की वभस्त इच्छाओॊ को ऩूणा कयने भें

वभथा शैं । दव भशात्रलद्या मॊि भनुष्म को ळत्रक्त वॊऩन्न

एलॊ बूसभलान फनाने भें वभथा शैं ।

दव भशात्रलद्या मॊि के श्रिाऩूलक


ा ऩूजन वे

ळीघ्र दे ली कृ ऩा प्राद्ऱ शोती शैं औय वाधक को दव

भशात्रलद्या दे लीमक की कृ ऩा वे वॊवाय की वभस्त

सवत्रिमक की प्रासद्ऱ वॊबल शैं । दे ली दव भशात्रलद्या की

कृ ऩा वे वाधक को धभा, अथा, काभ ल ् भोष तुत्रलाध

ऩुरुऴाथों की प्रासद्ऱ शो वकती शैं । दव भशात्रलद्या मॊि भें

भाॉ दग
ु ाा के दव अलतायक का आळीलााद वभाफशत शैं ,
इवसरए दव भशात्रलद्या मॊि को के ऩूजन एलॊ दळान भाि वे व्मत्रक्त अऩने जीलन को सनयॊ तय असधक वे असधक वाथाक एलॊ

वपर फनाने भें वभथा शो वकता शैं ।

दे ली के आसळलााद वे व्मत्रक्त को सान, वुख, धन-वॊऩदा, ऐद्वमा, रूऩ-वौंदमा की प्रासद्ऱ वॊबल शैं । व्मत्रक्त को लाद-त्रललाद भें

ळिुओॊ ऩय त्रलजम की प्रासद्ऱ शोती शैं ।

दळ भशात्रलद्या को ळास्त्रक भें आद्या बगलती के दव बेद कशे गमे शैं , जो क्रभळ् (1) कारी, (2) ताया, (3) ऴोडळी, (4)

बुलनेद्वयी, (5) बैयली, (6) सछन्नभस्ता, (7) धूभालती, (8) फगरा, (9) भातॊगी एलॊ (10) कभात्त्भका। इव वबी दे ली

स्लरुऩक को, वत््भसरत रुऩ भें दळ भशात्रलद्या के नाभ वे जाना जाता शैं ।
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 67 अप्रैर 2020 | अॊक 2

अभोद्य भशाभृत्मुॊजम कल
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल ल उल्रेत्खत अन्म वाभग्रीमक को ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे
त्रलद्रान ब्राह्मणो द्राया वला राख भशाभृत्मुॊजम भॊि जऩ एलॊ दळाॊळ शलन द्राया सनसभात कल
अत्मॊत प्रबालळारी शोता शैं ।

अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल
अभोद्य्
कल फनलाने शे तु:
अऩना नाभ, त्रऩता-भाता का नाभ, भशाभृत्मुॊजम कल
गोि, एक नमा पोटो बेजे दत्षणा भाि: 10900

कल के त्रलऴम भें असधक जानकायी शे तु गुरुत्ल कामाारम भें वॊऩका कयें । >> Order Now
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श्री शनुभान मॊि


ळास्त्रक भें उल्रेख शैं की श्री शनुभान जी को बगलान वूमद
ा े ल ने ब्रह्मा जी के आदे ळ ऩय शनुभान जी को
अऩने तेज का वौलाॉ बाग प्रदान कयते शुए आळीलााद प्रदान फकमा था, फक भैं शनुभान को वबी ळास्त्र का
ऩूणा सान दॉ ग
ू ा। त्जववे मश तीनोरोक भें वला श्रेद्ष लक्ता शकगे तथा ळास्त्र त्रलद्या भें इन्शें भशायत शासवर शोगी
औय इनके वभन फरळारी औय कोई नशीॊ शोगा। जानकायो ने भतानुळाय शनुभान मॊि की आयाधना वे ऩुरुऴक
की त्रलसबन्न फीभारयमक दयू शोती शैं , इव मॊि भें अद्भत
ु ळत्रक्त वभाफशत शोने के कायण व्मत्रक्त की स्लप्न दोऴ,
धातु योग, यक्त दोऴ, लीमा दोऴ, भूछाा, नऩुॊवकता इत्माफद अनेक प्रकाय के दोऴो को दयू कयने भें अत्मन्त
राबकायी शैं । अथाात मश मॊि ऩौरुऴ को ऩुद्श कयता शैं । श्री शनुभान मॊि व्मत्रक्त को वॊकट, लाद-त्रललाद, बूत-
प्रेत, द्यूत फक्रमा, त्रलऴबम, ोय बम, याज्म बम, भायण, व्भोशन स्तॊबन इत्माफद वे वॊकटो वे यषा कयता शैं
औय सवत्रि प्रदान कयने भें वषभ शैं । श्री शनुभान मॊि के त्रलऴम भें असधक जानकायी के सरमे गुरुत्ल
कामाारम भें वॊऩका कयें । भूल्म Rs- 325 वे 12700 तक >> Shop Online | Order Now

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 68 अप्रैर 2020 | अॊक 2

भॊि सवि ऩायद प्रसतभा


ऩायद श्री मॊि ऩायद रक्ष्भी गणेळ ऩायद रक्ष्भी नायामण ऩायद रक्ष्भी नायामण

21 Gram वे 5.250 Kg तक 100 Gram 121 Gram 100 Gram


उऩरब्ध
ऩायद सळलसरॊग ऩायद सळलसरॊग+नॊफद ऩायद सळलजी ऩायद कारी

21 Gram वे 5.250 Kg तक 101 Gram वे 5.250 Kg 75 Gram 37 Gram


उऩरब्ध तक उऩरब्ध
ऩायद दग
ु ाा ऩायद दग
ु ाा ऩायद वयस्लती ऩायद वयस्लती

82 Gram 100 Gram 50 Gram 225 Gram


ऩायद शनुभान 2 ऩायद शनुभान 3 ऩायद शनुभान 1 ऩायद कुफेय

100 Gram 125 Gram 100 Gram 100 Gram


शभायें मशाॊ वबी प्रकाय की भॊि सवि ऩायद प्रसतभाएॊ, सळलसरॊग, त्रऩयासभड, भारा एलॊ गुफटका ळुि ऩायद भें उऩरब्ध शैं ।
त्रफना भॊि सवि की शुई ऩायद प्रसतभाएॊ थोक व्माऩायी भूल्म ऩय उऩरब्ध शैं ।
ज्मोसतऴ, यत्न व्मलवाम, ऩूजा-ऩाठ इत्माफद षेि वे जुडेो़ फॊधु/फशन के सरमे शभायें त्रलळेऴ मॊि, कल , यत्न, रुद्राष ल अन्म दर
ु ब
वाभग्रीमक ऩय त्रलळेऴ वुत्रफधाएॊ उऩरब्ध शैं । असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयें ।
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 69 अप्रैर 2020 | अॊक 2

शभाये त्रलळेऴ मॊि


व्माऩाय लृत्रि मॊि: शभाये अनुबलक के अनुवाय मश मॊि व्माऩाय लृत्रि एलॊ ऩरयलाय भें वुख वभृत्रि शे तु त्रलळेऴ प्रबालळारी
शैं ।
बूसभराब मॊि: बूसभ, बलन, खेती वे वॊफॊसधत व्मलवाम वे जुडे रोगक के सरए बूसभराब मॊि त्रलळेऴ राबकायी सवि
शुला शैं ।
तॊि यषा मॊि: फकवी ळिु द्राया फकमे गमे भॊि-तॊि आफद के प्रबाल को दयू कयने एलॊ बूत, प्रेत नज़य आफद फुयी
ळत्रक्तमक वे यषा शे तु त्रलळेऴ प्रबालळारी शैं ।
आकत्स्भक धन प्रासद्ऱ मॊि: अऩने नाभ के अनुवाय शी भनुष्म को आकत्स्भक धन प्रासद्ऱ शे तु परप्रद शैं इव मॊि
के ऩूजन वे वाधक को अप्रत्मासळत धन राब प्राद्ऱ शोता शैं । ाशे लश धन राब व्मलवाम वे शो, नौकयी वे शो, धन-
वॊऩत्रि इत्माफद फकवी बी भाध्मभ वे मश राब प्राद्ऱ शो वकता शैं । शभाये लऴों के अनुवॊधान एलॊ अनुबलक वे शभने
आकत्स्भक धन प्रासद्ऱ मॊि वे ळेमय ट्रे फडॊ ग, वोने- ाॊदी के व्माऩाय इत्माफद वॊफॊसधत षेि वे जुडे रोगो को त्रलळेऴ रुऩ
वे आकत्स्भक धन राब प्राद्ऱ शोते दे खा शैं । आकत्स्भक धन प्रासद्ऱ मॊि वे त्रलसबन्न स्रोत वे धनराब बी सभर वकता
शैं ।
ऩदौन्नसत मॊि: ऩदौन्नसत मॊि नौकयी ऩैवा रोगो के सरए राबप्रद शैं । त्जन रोगक को अत्मासधक ऩरयश्रभ एलॊ श्रेद्ष
कामा कयने ऩय बी नौकयी भें उन्नसत अथाात प्रभोळन नशीॊ सभर यशा शो उनके सरए मश त्रलळेऴ राबप्रद शो वकता शैं ।
यत्नेद्वयी मॊि: यत्नेद्वयी मॊि शीये -जलाशयात, यत्न ऩत्थय, वोना- ाॊदी, ज्लैरयी वे वॊफॊसधत व्मलवाम वे जुडे रोगक के सरए
असधक प्रबाली शैं । ळेय फाजाय भें वोने - ाॊदी जैवी फशुभूल्म धातुओॊ भें सनलेळ कयने लारे रोगक के सरए बी त्रलळेऴ
राबदाम शैं ।
बूसभ प्रासद्ऱ मॊि: जो रोग खेती, व्मलवाम मा सनलाव स्थान शे तु उिभ बूसभ आफद प्राद्ऱ कयना ाशते शैं , रेफकन उव
कामा भें कोई ना कोई अड न मा फाधा-त्रलघ्न आते यशते शो त्जव कायण कामा ऩूणा नशीॊ शो यशा शो, तो उनके सरए
बूसभ प्रासद्ऱ मॊि उिभ परप्रद शो वकता शैं ।
गृश प्रासद्ऱ मॊि: जो रोग स्लमॊ का घय, दक
ु ान, ओफपव, पैक्टयी आफद के सरए बलन प्राद्ऱ कयना ाशते शैं । मथाथा
प्रमावो के उऩयाॊत बी उनकी असबराऴा ऩूणा नशीॊ शो ऩायशी शो उनके सरए गृश प्रासद्ऱ मॊि त्रलळेऴ उऩमोगी सवि शो वकता
शैं ।
कैराव धन यषा मॊि: कैराव धन यषा मॊि धन लृत्रि एलॊ वुख वभृत्रि शे तु त्रलळेऴ परदाम शैं ।
आसथाक राब एलॊ वुख वभृत्रि शे तु 19 दर
ु ब
ा रक्ष्भी मॊि >> Shop Online | Order Now

त्रलसबन्न रक्ष्भी मॊि


श्री मॊि (रक्ष्भी मॊि) भशारक्ष्भमै फीज मॊि कनक धाया मॊि
श्री मॊि (भॊि यफशत) भशारक्ष्भी फीवा मॊि लैबल रक्ष्भी मॊि (भशान सवत्रि दामक श्री भशारक्ष्भी मॊि)

श्री मॊि (वॊऩूणा भॊि वफशत) रक्ष्भी दामक सवि फीवा मॊि श्री श्री मॊि (रसरता भशात्रिऩुय वुन्दमै श्री भशारक्ष्भमैं श्री भशामॊि )

श्री मॊि (फीवा मॊि) रक्ष्भी दाता फीवा मॊि अॊकात्भक फीवा मॊि
श्री मॊि श्री वूक्त मॊि रक्ष्भी फीवा मॊि ज्मेद्षा रक्ष्भी भॊि ऩूजन मॊि
श्री मॊि (कुभा ऩृद्षीम) रक्ष्भी गणेळ मॊि धनदा मॊि > Shop Online | Order Now
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 70 अप्रैर 2020 | अॊक 2

वलासवत्रिदामक भुफद्रका
इव भुफद्रका भें भूॊगे को ळुब भुशूता भें त्रिधातु ्वुलणा+यजत+ताॊफेंल भें जडला कय उवे ळास्त्रोक्त त्रलसध-
त्रलधान वे त्रलसळद्श तेजस्ली भॊिो द्राया वलासवत्रिदामक फनाने शे तु प्राण-प्रसतत्रद्षत एलॊ ऩूणा त
ै न्म मुक्त फकमा
जाता शैं । इव भुफद्रका को फकवी बी लगा के व्मत्रक्त शाथ की फकवी बी उॊ गरी भें धायण कय वकते
शैं । मशॊ भुफद्रका कबी फकवी बी त्स्थती भें अऩत्रलि नशीॊ शोती। इवसरए कबी भुफद्रका को उतायने की
आलश्मक्ता नशीॊ शैं । इवे धायण कयने वे व्मत्रक्त की वभस्माओॊ का वभाधान शोने रगता शैं ।
धायणकताा को जीलन भें वपरता प्रासद्ऱ एलॊ उन्नसत के नमे भागा प्रवस्त शोते यशते शैं औय जीलन
भें वबी प्रकाय की सवत्रिमाॊ बी ळीध्र प्राद्ऱ शोती शैं । भूल्म भाि- 6400/-
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्नोट: इव भुफद्रका को धायण कयने वे भॊगर ग्रश का कोई फुया प्रबाल वाधक ऩय नशीॊ शोता शैं ।ल
वलासवत्रिदामक भुफद्रका के त्रलऴम भें असधक जानकायी के सरमे शे तु व्ऩका कयें ।

ऩसत-ऩत्नी भें करश सनलायण शे तु


मफद ऩरयलायक भें वुख-वुत्रलधा के वभस्त वाधान शोते शुए बी छोटी-छोटी फातो भें ऩसत-ऩत्नी के त्रफ भे
करश शोता यशता शैं , तो घय के त्जतने वदस्म शो उन वफके नाभ वे गुरुत्ल कामाारत द्राया ळास्त्रोक्त
त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवि प्राण-प्रसतत्रद्षत ऩूणा ैतन्म मुक्त लळीकयण कल एलॊ गृश करश नाळक फडब्फी
फनलारे एलॊ उवे अऩने घय भें त्रफना फकवी ऩूजा, त्रलसध-त्रलधान वे आऩ त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शैं ।
मफद आऩ भॊि सवि ऩसत लळीकयण मा ऩत्नी लळीकयण एलॊ गृश करश नाळक फडब्फी फनलाना ाशते शैं ,
तो वॊऩका आऩ कय वकते शैं ।

100 वे असधक जैन मॊि


शभाये मशाॊ जैन धभा के वबी प्रभुख, दर
ु ब
ा एलॊ ळीघ्र प्रबालळारी मॊि ताम्र ऩि,
सवरलय ( ाॊदी) ओय गोल्ड (वोने) भे उऩरब्ध शैं ।
शभाये मशाॊ वबी प्रकाय के मॊि कोऩय ताम्र ऩि, सवरलय ( ाॊदी) ओय गोल्ड (वोने) भे फनलाए जाते शै ।
इवके अराला आऩकी आलश्मकता अनुवाय आऩके द्राया प्राद्ऱ (स ि, मॊि, फडज़ाईन) के अनुरुऩ मॊि बी
फनलाए जाते शै . गुरुत्ल कामाारम द्राया उऩरब्ध कयामे गमे वबी मॊि अखॊफडत एलॊ 22 गेज ळुि
कोऩय(ताम्र ऩि)- 99.99 ट ळुि सवरलय ( ाॊदी) एलॊ 22 केये ट गोल्ड (वोने) भे फनलाए जाते शै । मॊि
के त्रलऴम भे असधक जानकायी के सरमे शे तु व्ऩका कयें ।
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 71 अप्रैर 2020 | अॊक 2

द्रादळ भशा मॊि


मॊि को असत प्रास न एलॊ दर
ु ब
ा मॊिो के वॊकरन वे शभाये लऴो के अनुवॊधान द्राया
फनामा गमा शैं ।
 ऩयभ दर
ु ब
ा लळीकयण मॊि,  वशस्त्राषी रक्ष्भी आफि मॊि
 बाग्मोदम मॊि  आकत्स्भक धन प्रासद्ऱ मॊि
 भनोलाॊसछत कामा सवत्रि मॊि  ऩूणा ऩौरुऴ प्रासद्ऱ काभदे ल मॊि
 याज्म फाधा सनलृत्रि मॊि  योग सनलृत्रि मॊि
 गृशस्थ वुख मॊि  वाधना सवत्रि मॊि
 ळीघ्र त्रललाश वॊऩन्न गौयी अनॊग मॊि  ळिु दभन मॊि

उऩयोक्त वबी मॊिो को द्रादळ भशा मॊि के रुऩ भें ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवि ऩूणा
प्राणप्रसतत्रद्षत एलॊ ैतन्म मुक्त फकमे जाते शैं । त्जवे स्थाऩीत कय त्रफना फकवी ऩूजा
अ न
ा ा-त्रलसध त्रलधान त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शैं ।
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 क्मा आऩके फच् े कुवॊगती के सळकाय शैं ?

 क्मा आऩके फच् े आऩका कशना नशीॊ भान यशे शैं ?

 क्मा आऩके फच् े घय भें अळाॊसत ऩैदा कय यशे शैं ?

घय ऩरयलाय भें ळाॊसत एलॊ फच् े को कुवॊगती वे छुडाने शे तु फच् े के नाभ वे गुरुत्ल कामाारत
द्राया ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे भॊि सवि प्राण-प्रसतत्रद्षत ऩूणा ैतन्म मुक्त लळीकयण कल एलॊ
एव.एन.फडब्फी फनलारे एलॊ उवे अऩने घय भें स्थात्रऩत कय अल्ऩ ऩूजा, त्रलसध-त्रलधान वे आऩ
त्रलळेऴ राब प्राद्ऱ कय वकते शैं । मफद आऩ तो आऩ भॊि सवि लळीकयण कल एलॊ
एव.एन.फडब्फी फनलाना ाशते शैं , तो वॊऩका इव कय वकते शैं ।

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 72 अप्रैर 2020 | अॊक 2

वॊऩूणा प्राणप्रसतत्रद्षत 22 गेज ळुि स्टीर भें सनसभात अखॊफडत

ऩुरुऴाकाय ळसन मॊि


ऩुरुऴाकाय ळसन मॊि ्स्टीर भेंल को तीव्र प्रबालळारी फनाने शे तु ळसन की कायक धातु ळुि
स्टीर्रोशे ल भें फनामा गमा शैं । त्जव के प्रबाल वे वाधक को तत्कार राब प्राद्ऱ शोता शैं । मफद
जन्भ कॊु डरी भें ळसन प्रसतकूर शोने ऩय व्मत्रक्त को अनेक कामों भें अवपरता प्राद्ऱ शोती शै , कबी व्मलवाम भें
घटा, नौकयी भें ऩये ळानी, लाशन दघ
ु ट
ा ना, गृश क्रेळ आफद ऩये ळानीमाॊ फढ़ती जाती शै ऐवी त्स्थसतमक भें
प्राणप्रसतत्रद्षत ग्रश ऩीडा सनलायक ळसन मॊि की अऩने को व्मऩाय स्थान मा घय भें स्थाऩना कयने वे अनेक
राब सभरते शैं । मफद ळसन की ढै ो़मा मा वाढ़े वाती का वभम शो तो इवे अलश्म ऩूजना ाफशए। ळसनमॊि के
ऩूजन भाि वे व्मत्रक्त को भृत्मु, कजा, कोटा केळ, जोडो का ददा , फात योग तथा र्फे वभम के वबी प्रकाय के
योग वे ऩये ळान व्मत्रक्त के सरमे ळसन मॊि असधक राबकायी शोगा। नौकयी ऩेळा आफद के रोगक को ऩदौन्नसत

बी ळसन द्राया शी सभरती शै अत् मश मॊि असत उऩमोगी मॊि शै त्जवके द्राया ळीघ्र शी राब ऩामा जा वकता शै ।
भूल्म: 1225 वे 8200 >> Shop Online | Order Now

वॊऩूणा प्राणप्रसतत्रद्षत
22 गेज ळुि स्टीर भें सनसभात अखॊफडत

ळसन तैसतवा मॊि


ळसनग्रश वे वॊफॊसधत ऩीडा के सनलायण शे तु त्रलळेऴ राबकायी मॊि।
भूल्म: 640 वे 12700 >> Shop Online | Order Now

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 73 अप्रैर 2020 | अॊक 2

नलयत्न जफडत श्री मॊि


ळास्त्र ल न के अनुवाय ळुि वुलणा मा यजत
भें सनसभात श्री मॊि के ायक औय मफद नलयत्न
जडला ने ऩय मश नलयत्न जफडत श्री मॊि
कशराता शैं । वबी यत्नो को उवके सनत्द्ळत
स्थान ऩय जड कय रॉकेट के रूऩ भें धायण
कयने वे व्मत्रक्त को अनॊत एद्वमा एलॊ रक्ष्भी
की प्रासद्ऱ शोती शैं । व्मत्रक्त को एवा आबाव
शोता शैं जैवे भाॊ रक्ष्भी उवके वाथ शैं । नलग्रश
को श्री मॊि के वाथ रगाने वे ग्रशक की अळुब
दळा का धायणकयने लारे व्मत्रक्त ऩय प्रबाल
नशीॊ शोता शैं ।

गरे भें शोने के कायण मॊि ऩत्रलि यशता शैं एलॊ स्नान कयते वभम इव मॊि ऩय स्ऩळा कय जो जर
त्रफॊद ु ळयीय को रगते शैं , लश गॊगा जर के वभान ऩत्रलि शोता शैं । इव सरमे इवे वफवे तेजस्ली
एलॊ परदासम कशजाता शैं । जैवे अभृत वे उिभ कोई औऴसध नशीॊ, उवी प्रकाय रक्ष्भी प्रासद्ऱ के
सरमे श्री मॊि वे उिभ कोई मॊि वॊवाय भें नशीॊ शैं एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं । इव प्रकाय के नलयत्न
जफडत श्री मॊि गुरूत्ल कामाारम द्राया ळुब भुशूता भें प्राण प्रसतत्रद्षत कयके फनालाए जाते शैं ।
Rs: 4600, 5500, 6400 वे 10,900 वे असधक
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 74 अप्रैर 2020 | अॊक 2

भॊि सवि लाशन दघ


ु ट
ा ना नाळक भारुसत मॊि
ऩौयात्णक ग्रॊथो भें उल्रेख शैं की भशाबायत के मुि के वभम अजुन
ा के यथ के अग्रबाग ऩय भारुसत ध्लज एलॊ
भारुसत मन्ि रगा शुआ था। इवी मॊि के प्रबाल के कायण वॊऩूणा मुि के दौयान शज़ायक-राखक प्रकाय के आग्नेम अस्त्र-
ळस्त्रक का प्रशाय शोने के फाद बी अजुन
ा का यथ जया बी षसतग्रस्त नशीॊ शुआ। बगलान श्री कृ ष्ण भारुसत मॊि के इव
अद्भत
ु यशस्म को जानते थे फक त्जव यथ मा लाशन की यषा स्लमॊ श्री भारुसत नॊदन कयते शक, लश दघ
ु ट
ा नाग्रस्त कैवे
शो वकता शैं । लश यथ मा लाशन तो लामुलेग वे, सनफाासधत रुऩ वे अऩने रक्ष्म ऩय त्रलजम ऩतका रशयाता शुआ
ऩशुॊ ेगा। इवी सरमे श्री कृ ष्ण नें अजुन
ा के यथ ऩय श्री भारुसत मॊि को अॊफकत कयलामा था।
त्जन रोगक के स्कूटय, काय, फव, ट्रक इत्माफद लाशन फाय-फाय दघ
ु ट
ा ना ग्रस्त शो यशे शो!, अनालश्मक लाशन को
नुषान शो यशा शक! उन्शें शानी एलॊ दघ
ु ट
ा ना वे यषा के उद्दे श्म वे अऩने लाशन ऩय भॊि सवि श्री भारुसत मॊि अलश्म
रगाना ाफशए। जो रोग ट्रान्स्ऩोफटिं ग ्ऩरयलशनल के व्मलवाम वे जुडे शैं उनको श्रीभारुसत मॊि को अऩने लाशन भें
अलश्म स्थात्रऩत कयना ाफशए, क्मोफक, इवी व्मलवाम वे जुडे वैकडक रोगक का अनुबल यशा शैं की श्री भारुसत मॊि को
स्थात्रऩत कयने वे उनके लाशन असधक फदन तक अनालश्मक ख ो वे एलॊ दघ
ु ट
ा नाओॊ वे वुयत्षत यशे शैं । शभाया
स्लमॊका एलॊ अन्म त्रलद्रानो का अनुबल यशा शैं , की त्जन रोगक ने श्री भारुसत मॊि अऩने लाशन ऩय रगामा शैं , उन
रोगक के लाशन फडी वे फडी दघ
ु ट
ा नाओॊ वे वुयत्षत यशते शैं । उनके लाशनो को कोई त्रलळेऴ नुक्ळान इत्माफद नशीॊ शोता
शैं औय नाशीॊ अनालश्मक रुऩ वे उवभें खयाफी आसत शैं ।
लास्तु प्रमोग भें भारुसत मॊि: मश भारुसत नॊदन श्री शनुभान जी का मॊि शै । मफद कोई जभीन त्रफक नशीॊ यशी शो, मा
उव ऩय कोई लाद-त्रललाद शो, तो इच्छा के अनुरूऩ लशॉ जभीन उस त भूल्म ऩय त्रफक जामे इव सरमे इव भारुसत मॊि
का प्रमोग फकमा जा वकता शैं । इव भारुसत मॊि के प्रमोग वे जभीन ळीघ्र त्रफक जाएगी मा त्रललादभुक्त शो जाएगी।
इव सरमे मश मॊि दोशयी ळत्रक्त वे मुक्त शै ।
भारुसत मॊि के त्रलऴम भें असधक जानकायी के सरमे गुरुत्ल कामाारम भें वॊऩका कयें ।
भूल्म Rs- 325 वे 12700 तक

श्री शनुभान मॊि ळास्त्रक भें उल्रेख शैं की श्री शनुभान जी को बगलान वूमद
ा े ल ने ब्रह्मा जी के आदे ळ ऩय
शनुभान जी को अऩने तेज का वौलाॉ बाग प्रदान कयते शुए आळीलााद प्रदान फकमा था, फक भैं शनुभान को वबी ळास्त्र
का ऩूणा सान दॉ ग
ू ा। त्जववे मश तीनोरोक भें वला श्रेद्ष लक्ता शकगे तथा ळास्त्र त्रलद्या भें इन्शें भशायत शासवर शोगी औय
इनके वभन फरळारी औय कोई नशीॊ शोगा। जानकायो ने भतानुवाय शनुभान मॊि की आयाधना वे ऩुरुऴक की त्रलसबन्न
फीभारयमक दयू शोती शैं , इव मॊि भें अद्भत
ु ळत्रक्त वभाफशत शोने के कायण व्मत्रक्त की स्लप्न दोऴ, धातु योग, यक्त दोऴ,
लीमा दोऴ, भूछाा, नऩुॊवकता इत्माफद अनेक प्रकाय के दोऴो को दयू कयने भें अत्मन्त राबकायी शैं । अथाात मश मॊि
ऩौरुऴ को ऩुद्श कयता शैं । श्री शनुभान मॊि व्मत्रक्त को वॊकट, लाद-त्रललाद, बूत-प्रेत, द्यूत फक्रमा, त्रलऴबम, ोय बम, याज्म
बम, भायण, व्भोशन स्तॊबन इत्माफद वे वॊकटो वे यषा कयता शैं औय सवत्रि प्रदान कयने भें वषभ शैं ।
श्री शनुभान मॊि के त्रलऴम भें असधक जानकायी के सरमे गुरुत्ल कामाारम भें वॊऩका कयें ।
भूल्म Rs- 910 वे 12700 तक

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 75 अप्रैर 2020 | अॊक 2

त्रलसबन्न दे लताओॊ के मॊि


गणेळ मॊि भशाभृत्मुज
ॊ म मॊि याभ यषा मॊि याज
गणेळ मॊि ्वॊऩण
ू ा फीज भॊि वफशतल भशाभृत्मुज
ॊ म कल मॊि याभ मॊि
गणेळ सवि मॊि भशाभृत्मुज
ॊ म ऩूजन मॊि द्रादळाषय त्रलष्णु भॊि ऩूजन मॊि
एकाषय गणऩसत मॊि भशाभृत्मुॊजम मुक्त सळल खप्ऩय भाशा सळल मॊि त्रलष्णु फीवा मॊि
शरयद्रा गणेळ मॊि सळल ऩॊ ाषयी मॊि गरुड ऩूजन मॊि
कुफेय मॊि सळल मॊि स ॊताभणी मॊि याज
श्री द्रादळाषयी रुद्र ऩूजन मॊि अफद्रतीम वलाका्म सवत्रि सळल मॊि स ॊताभणी मॊि
दिािम मॊि नृसवॊश ऩूजन मॊि स्लणााकऴाणा बैयल मॊि
दि मॊि ऩॊ दे ल मॊि शनुभान ऩूजन मॊि
आऩदि
ु ायण फटु क बैयल मॊि वॊतान गोऩार मॊि शनुभान मॊि
फटु क मॊि श्री कृ ष्ण अद्शाषयी भॊि ऩूजन मॊि वॊकट भो न मॊि
व्मॊकटे ळ मॊि कृ ष्ण फीवा मॊि लीय वाधन ऩूजन मॊि
कातालीमााजन
ुा ऩूजन मॊि वला काभ प्रद बैयल मॊि दत्षणाभूसता ध्मानभ ् मॊि

भनोकाभना ऩूसता एलॊ कद्श सनलायण शे तु त्रलळेऴ मॊि


व्माऩाय लृत्रि कायक मॊि अभृत तत्ल वॊजीलनी कामा कल्ऩ मॊि िम ताऩकवे भुत्रक्त दाता फीवा मॊि
व्माऩाय लृत्रि मॊि त्रलजमयाज ऩॊ दळी मॊि भधुभेश सनलायक मॊि
व्माऩाय लधाक मॊि त्रलद्यामळ त्रलबूसत याज व्भान प्रद सवि ज्लय सनलायण मॊि
फीवा मॊि
व्माऩायोन्नसत कायी सवि मॊि व्भान दामक मॊि योग कद्श दरयद्रता नाळक मॊि
बाग्म लधाक मॊि वुख ळाॊसत दामक मॊि योग सनलायक मॊि
स्लत्स्तक मॊि फारा मॊि तनाल भुक्त फीवा मॊि
वला कामा फीवा मॊि फारा यषा मॊि त्रलद्युत भानव मॊि
कामा सवत्रि मॊि गबा स्त्बन मॊि गृश करश नाळक मॊि
वुख वभृत्रि मॊि वॊतान प्रासद्ऱ मॊि करेळ शयण फत्रिवा मॊि
वला रयत्रि सवत्रि प्रद मॊि प्रवूता बम नाळक मॊि लळीकयण मॊि
वला वुख दामक ऩैंवफठमा मॊि प्रवल-कद्शनाळक ऩॊ दळी मॊि भोफशसन लळीकयण मॊि
ऋत्रि सवत्रि दाता मॊि ळाॊसत गोऩार मॊि कणा त्रऩळा नी लळीकयण मॊि
वला सवत्रि मॊि त्रिळूर फीळा मॊि लाताारी स्त्बन मॊि
वाफय सवत्रि मॊि ऩॊ दळी मॊि ्फीवा मॊि मुक्त ायक लास्तु मॊि
प्रकायकेल
ळाफयी मॊि फेकायी सनलायण मॊि श्री भत्स्म मॊि
सविाश्रभ मॊि ऴोडळी मॊि लाशन दघ
ु ट
ा ना नाळक मॊि
ज्मोसतऴ तॊि सान त्रलसान प्रद सवि फीवा अडवफठमा मॊि प्रेत-फाधा नाळक मॊि
मॊि
ब्रह्माण्ड वाफय सवत्रि मॊि अस्वीमा मॊि बूतादी व्मासधशयण मॊि
कुण्डसरनी सवत्रि मॊि ऋत्रि कायक मॊि कद्श सनलायक सवत्रि फीवा मॊि
क्रात्न्त औय श्रीलधाक ौंतीवा मॊि भन लाॊसछत कन्मा प्रासद्ऱ मॊि बम नाळक मॊि
श्री षेभ कल्माणी सवत्रि भशा मॊि त्रललाशकय मॊि स्लप्न बम सनलायक मॊि

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 76 अप्रैर 2020 | अॊक 2

सान दाता भशा मॊि रग्न त्रलघ्न सनलायक मॊि कुदृत्रद्श नाळक मॊि
कामा कल्ऩ मॊि रग्न मोग मॊि श्री ळिु ऩयाबल मॊि
दीधाामु अभृत तत्ल वॊजीलनी मॊि दरयद्रता त्रलनाळक मॊि ळिु दभनाणाल ऩूजन मॊि

भॊि सवि त्रलळेऴ दै ली मॊि वूस


आद्य ळत्रक्त दग
ु ाा फीवा मॊि ्अॊफाजी फीवा मॊिल वयस्लती मॊि
भशान ळत्रक्त दग
ु ाा मॊि ्अॊफाजी मॊिल वद्ऱवती भशामॊि्वॊऩण
ू ा फीज भॊि वफशतल
नल दग
ु ाा मॊि कारी मॊि
नलाणा मॊि ् ाभुड
ॊ ा मॊिल श्भळान कारी ऩूजन मॊि
नलाणा फीवा मॊि दत्षण कारी ऩूजन मॊि
ाभुड
ॊ ा फीवा मॊि ् नलग्रश मुक्तल वॊकट भोस नी कासरका सवत्रि मॊि
त्रिळूर फीवा मॊि खोफडमाय मॊि
फगरा भुखी मॊि खोफडमाय फीवा मॊि
फगरा भुखी ऩूजन मॊि अन्नऩूणाा ऩूजा मॊि
याज याजेद्वयी लाॊछा कल्ऩरता मॊि एकाॊषी श्रीपर मॊि

भॊि सवि त्रलळेऴ रक्ष्भी मॊि वूस


श्री मॊि ्रक्ष्भी मॊिल भशारक्ष्भमै फीज मॊि
श्री मॊि ्भॊि यफशतल भशारक्ष्भी फीवा मॊि
श्री मॊि ्वॊऩण
ू ा भॊि वफशतल रक्ष्भी दामक सवि फीवा मॊि
श्री मॊि ्फीवा मॊिल रक्ष्भी दाता फीवा मॊि
श्री मॊि श्री वूक्त मॊि रक्ष्भी गणेळ मॊि
श्री मॊि ्कुभा ऩृद्षीम) ज्मेद्षा रक्ष्भी भॊि ऩूजन मॊि
रक्ष्भी फीवा मॊि कनक धाया मॊि
श्री श्री मॊि ्श्रीश्री रसरता भशात्रिऩुय वुन्दमै श्री भशारक्ष्भमैं श्री भशामॊिल लैबल रक्ष्भी मॊि ्भशान सवत्रि दामक श्री भशारक्ष्भी मॊिल
अॊकात्भक फीवा मॊि
ताम्र ऩि ऩय वुलणा ऩोरीव ताम्र ऩि ऩय यजत ऩोरीव ताम्र ऩि ऩय
(Gold Plated) (Silver Plated) (Copper)
वाईज भूल्म वाईज भूल्म वाईज भूल्म
1” X 1” 550 1” X 1” 370 1” X 1” 325

2” X 2” 910 2” X 2” 640 2” X 2” 550

3” X 3” 1450 3” X 3” 1050 3” X 3” 910

4” X 4” 2350 4” X 4” 1450 4” X 4” 1225

6” X 6” 3700 6” X 6” 2800 6” X 6” 2350

9” X 9” 9100 9” X 9” 4600 9” X 9” 4150

12” X12” 12700 12” X12” 9100 12” X12” 9100

मॊि के त्रलऴम भें असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयें । >> Shop Online | Order Now
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 77 अप्रैर 2020 | अॊक 2

अप्रैर 2020 भासवक ऩॊ ाॊग


ॊद्र
लाय भाश ऩष सतसथ वभासद्ऱ नषि वभासद्ऱ मोग वभासद्ऱ कयण वभासद्ऱ वभासद्ऱ
फद
यासळ

1 फुध ैि ळुक्र अद्शभी 27:57 आद्रा 19:28 ळोबन 16:40 त्रलत्रद्श 16:08 सभथुन -

2 गुरु ैि ळुक्र नलभी 26:58 ऩुनलावु 19:28 असतगॊड 15:07 फारल 15:33 सभथुन 11:39

3 ळुक्र ैि ळुक्र दळभी 25:11 ऩुष्म 18:40 वुकभाा 12:56 तैसतर 14:10 कका -

4 ळसन ैि ळुक्र एकादळी 22:41 आद्ऴेऴा 17:08 धृसत 10:09 लत्णज 12:01 कका 13:42

5 यत्रल ैि ळुक्र द्रादळी 19:33 भघा 14:57 ळूर 06:48 फल 09:11 सवॊश -

6 वोभ ैि ळुक्र िमोदळी 15:57 ऩूलाापाल्गुनी 12:15 लृत्रि 22:52 तैसतर 15:57 सवॊश 15:50

7 भॊगर ैि ळुक्र तुदाळी 12:04 उियापाल्गुनी 09:15 ध्रुल 18:33 लत्णज 12:04 कन्मा -

ऩूत्णाभा-
08:04- 06:07-
8 फुध ैि ळुक्र शस्त- स िा व्माघात 14:12 फल 08:04 कन्मा 17:57
प्रसतऩदा 28:10 27:2

9 गुरु लैळाख कृ ष्ण फद्रतीमा 24:33 स्लाती 24:14 शऴाण 09:58 तैसतर 14:19 तुरा -

10 ळुक्र लैळाख कृ ष्ण तृतीमा 21:23 त्रलळाखा 21:54 सवत्रि 26:29 लत्णज 10:54 तुरा 20:05

11 ळसन लैळाख कृ ष्ण तुथॉ 18:50 अनुयाधा 20:11 व्मसतऩात 23:29 फल 08:01 लृत्द्ळक -

12 यत्रल लैळाख कृ ष्ण ऩॊ भी 17:01 जेद्षा 19:12 लरयमान 21:05 तैसतर 17:01 लृत्द्ळक 22:11

13 वोभ लैळाख कृ ष्ण ऴद्षी 16:02 भूर 19:02 ऩरयघ 19:21 लत्णज 16:02 धनु -

14 भॊगर लैळाख कृ ष्ण वद्ऱभी 15:53 ऩूलााऴाढ़ 19:40 सळल 18:16 फल 15:53 धनु 01:58

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 78 अप्रैर 2020 | अॊक 2

15 फुध लैळाख कृ ष्ण अद्शभी 16:32 उियाऴाढ़ 21:03 सवि 17:46 कौरल 16:32 भकय -

16 गुरु लैळाख कृ ष्ण नलभी 17:53 श्रलण 23:05 वाध्म 17:47 गय 17:53 भकय -

17 ळुक्र लैळाख कृ ष्ण दळभी 19:46 धसनद्षा 25:35 ळुब 18:12 लत्णज 06:46 भकय 01:35

18 ळसन लैळाख कृ ष्ण एकादळी 22:02 ळतसबऴा 28:24 ळुक्र 18:53 फल 08:52 कुॊब -

19 यत्रल लैळाख कृ ष्ण द्रादळी 24:31 ऩूलााबाद्रऩद - ब्रह्म 19:44 कौरल 11:16 कुॊब 02:51

20 वोभ लैळाख कृ ष्ण िमोदळी 27:3 ऩूलााबाद्रऩद 07:22 इन्द्र 20:37 गय 13:47 भीन -

21 भॊगर लैळाख कृ ष्ण तुदाळी 29:33 उियाबाद्रऩद 10:22 लैधसृ त 21:30 त्रलत्रद्श 16:19 भीन -

22 फुध लैळाख कृ ष्ण अभालस्मा - ये लसत 13:17 त्रलऴकुॊब 22:17 तुष्ऩाद 18:45 भीन 04:31

23 गुरु लैळाख कृ ष्ण अभालस्मा 07:55 अत्द्वनी 16:04 प्रीसत 22:57 नाग 07:55 भेऴ -

24 ळुक्र लैळाख ळुक्र प्रसतऩदा 10:05 बयणी 18:38 आमुष्भान 23:26 फल 10:05 भेऴ 05:41

25 ळसन लैळाख ळुक्र फद्रतीमा 11:59 कृ सतका 20:57 वौबाग्म 23:42 कौरल 11:59 लृऴ -

26 यत्रल लैळाख ळुक्र तृतीमा 13:34 योफशत्ण 22:55 ळोबन 23:42 गय 13:34 लृऴ -

27 वोभ लैळाख ळुक्र तुथॉ 14:43 भृगसळया 24:29 असतगॊड 23:23 त्रलत्रद्श 14:43 लृऴ 07:47

28 भॊगर लैळाख ळुक्र ऩॊ भी 15:23 आद्रा 25:32 वुकभाा 22:41 फारल 15:23 सभथुन -

29 फुध लैळाख ळुक्र ऴद्षी 15:28 ऩुनलावु 26:01 धृसत 21:32 तैसतर 15:28 सभथुन 09:32

30 गुरु लैळाख ळुक्र वद्ऱभी 14:55 ऩुष्म 25:52 ळूर 19:54 लत्णज 14:55 कका -

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 79 अप्रैर 2020 | अॊक 2

अप्रैर 2020 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय


फद लाय भाश ऩष सतसथ वभासद्ऱ प्रभुख व्रत-त्मोशाय

फुध ैि ळुक्र अद्शभी भशासनळा ऩूजा, श्री दग


ु ााद्शभी, बलानी उत्ऩत्रि, अळोक कसरका प्राळन, श्री
27:57
1
भशाद्शभी 8 व्रत, श्री अळोकाद्शभी, अन्नऩूणाा ऩूजन

गुरु ैि ळुक्र नलभी श्री याभनलभी व्रत, श्री दग


ु ाानलभी, श्री याभ-जन्भ भशोत्वल, ताया जमन्ती,
26:58
2
ैि नलयाि वभाद्ऱ, गुरु ऩुष्म मोग ्07:28 वे)

ळुक्र ैि ळुक्र दळभी नलयाि व्रत का ऩायण, श्री धभायाज दळभी, यत्रल दळभी ऩला, ऩुष्म नषि
25:11
3
(वाॊम 06:40 तक)

ळसन ैि ळुक्र एकादळी


4 22:41 काभदा एकादळी, काभदा एकादळी व्रत, श्री त्रलष्णु दोरोत्वल,

यत्रल ैि ळुक्र द्रादळी भदन द्रादळी, लाभन द्रादळी, यत्रल प्रदोऴ व्रत, शरय दभनोत्वल, अनॊग
19:33
5
िमोदळी व्रत,

वोभ ैि ळुक्र िमोदळी


6 15:57 श्री भशालीय जमन्ती (जैन), दभनक तुदाळी

भॊगर ैि ळुक्र तुदाळी


7
12:04 व्रत की ऩूत्णाभा,

ऩूत्णाभा- स्नान-दान इत्माफद शे तु उिभ ि


ै ी ऩूत्णाभा, ाॊडक ऩूजा (ऩ.फॊ),

फुध ैि ळुक्र
08:04-
अन्लाधान, भन्लाफद, वलादेल दभनकोत्वल, श्री शनुभान जमॊती, लैळाख
8
प्रसतऩदा 28:10 भावीम व्रत-मभ-सनमभाफद प्राय्ब, 08:04 ऩद्ळात लैळाख कृ ष्ण
ऩषाय्ब,

गुरु लैळाख कृ ष्ण फद्रतीमा


9 24:33 आळा फद्रतीमा

ळुक्र लैळाख कृ ष्ण तृतीमा 21:23


10 -

ळसन लैळाख कृ ष्ण तुथॉ वॊकद्शी श्री गणेळ तुथॉ व्रत, ( न्द्रोदम.या.8.24), वती अनवुइमा
18:50
11
जमन्ती,

यत्रल लैळाख कृ ष्ण ऩॊ भी 17:01


12 -

वूमा अत्द्वनी नषि भें एलॊ वूमा की भेऴ वॊक्रात्न्त का ऩुण्म कार

वोभ लैळाख कृ ष्ण ऴद्षी दोऩशय 12:22 वे वाॊम 18:46 तक ्अलसध 06:24 सभनटल, वॊक्रात्न्त
16:02
13
का भशा ऩुण्म कार वाॊम 16:38 वे वाॊम 18:46 तक ्अलसध 02:08
सभनटल, भीन भाव (खयभाव) वभाद्ऱ,

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 80 अप्रैर 2020 | अॊक 2

भॊगर लैळाख कृ ष्ण वद्ऱभी


14 15:53 श्री ळीतरावद्ऱभी व्रत,, काराद्शभी, बानु वद्ऱभी,

फुध लैळाख कृ ष्ण अद्शभी


15 16:32 श्री ळीतराद्शभी व्रत, अद्शका, काराद्शभी

गुरु लैळाख कृ ष्ण नलभी


16 17:53 त्ण्डका नलभी व्रत

ळुक्र लैळाख कृ ष्ण दळभी 19:46


17 -

ळसन लैळाख कृ ष्ण एकादळी


18 22:02 लरुसथनी एकादळी व्रत वफका,

यत्रल लैळाख कृ ष्ण द्रादळी 24:31


19 -

वोभ लैळाख कृ ष्ण िमोदळी


20 27:3 वोभ प्रदोऴ व्रत,

भॊगर लैळाख कृ ष्ण तुदाळी


21 29:33 भाव सळलयात्रि व्रत, सळल तुदाळी

फुध लैळाख कृ ष्ण अभालस्मा


22 - श्रािाफद शे तु उिभ अभालस्मा, दे लत्रऩतृ कामा अभालस्मा

गुरु लैळाख कृ ष्ण अभालस्मा


23 07:55 स्नान-दान- शे तु उिभ अभालस्मा, ऩुण्म अभालस्मा,

ळुक्र लैळाख ळुक्र प्रसतऩदा 10:05 लैळाख ळुक्र ऩष आयॊ ब


24

ळसन लैळाख ळुक्र फद्रतीमा ऩश्च्मात 11:59 तृतीमा, बगलान ऩयळुयाभ जमन्ती (प्रदोऴ कार
25 11:59
व्मात्रऩनी तृतीमा भें), छिऩसत सळला जी जमन्ती,

यत्रल लैळाख ळुक्र तृतीमा अषम तृसतमा 13:34 तक (योफशणी नषिमुता), योफशत्ण नषि यात
26 13:34
22:55 तक, िेतामुगाफद, कल्ऩाफद, याद्सीम लैळाख भावाय्ब,

वोभ लैळाख ळुक्र तुथॉ


27 14:43 लैनामकी श्री गणेळ तुथॉ व्रत, ( न्द्र अस्त यात 09.12 फजे)

भॊगर लैळाख ळुक्र ऩॊ भी श्री आद्य ळॊकया ामा जमन्ती, श्री वूयदाव जमन्ती, श्री याभानुजा ामा
28 15:23
जमन्ती (द.बा),

फुध लैळाख ळुक्र ऴद्षी


29 15:28 श्री याभानुजा ामा जमन्ती (उ.बा), न्दन ऴद्षी (ऩ.फॊ)

गुरु लैळाख ळुक्र वद्ऱभी श्री गॊगा वद्ऱभी, गॊगोत्ऩत्रि, गॊगालतयण (भध्मान्श भें गॊगा ऩूजन), गॊगा
30 14:55
जन्भ रग्न (लृऴ),

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 81 अप्रैर 2020 | अॊक 2

यासळ यत्न
भेऴ यासळ: लृऴब यासळ: सभथुन यासळ: कका यासळ: सवॊश यासळ: कन्मा यासळ:
भूग
ॊ ा शीया ऩन्ना भोती भाणेक ऩन्ना

Red Coral Diamond Green Emerald Naturel Pearl Ruby Green


(Special) (Special) (Old Berma) Emerald
(Special) (Special) (Special)
(Special)
5.25" Rs. 1050 10 cent Rs. 4100 5.25" Rs. 9100 5.25" Rs. 910 2.25" Rs. 12500 5.25" Rs. 9100
6.25" Rs. 1250 20 cent Rs. 8200 6.25" Rs. 12500 6.25" Rs. 1250 3.25" Rs. 15500 6.25" Rs. 12500
7.25" Rs. 1450 30 cent Rs. 12500 7.25" Rs. 14500 7.25" Rs. 1450 4.25" Rs. 28000 7.25" Rs. 14500
8.25" Rs. 1800 40 cent Rs. 18500 8.25" Rs. 19000 8.25" Rs. 1900 5.25" Rs. 46000 8.25" Rs. 19000
9.25" Rs. 2100 50 cent Rs. 23500 9.25" Rs. 23000 9.25" Rs. 2300 6.25" Rs. 82000 9.25" Rs. 23000
10.25" Rs. 2800 10.25" Rs. 28000 10.25" Rs. 2800 10.25" Rs. 28000
All Diamond are Full ** All Weight In
** All Weight In Rati ** All Weight In Rati ** All Weight In Rati ** All Weight In Rati
White Colour. Rati

तुरा यासळ: लृत्द्ळक यासळ: धनु यासळ: भकय यासळ: कॊु ब यासळ: भीन यासळ:
शीया भूग
ॊ ा ऩुखयाज नीरभ नीरभ ऩुखयाज

Diamond Red Coral Y.Sapphire B.Sapphire B.Sapphire Y.Sapphire


(Special) (Special) (Special) (Special) (Special) (Special)
10 cent Rs. 4100 5.25" Rs. 1050 5.25" Rs. 30000 5.25" Rs. 30000 5.25" Rs. 30000 5.25" Rs. 30000
20 cent Rs. 8200 6.25" Rs. 1250 6.25" Rs. 37000 6.25" Rs. 37000 6.25" Rs. 37000 6.25" Rs. 37000
30 cent Rs. 12500 7.25" Rs. 1450 7.25" Rs. 55000 7.25" Rs. 55000 7.25" Rs. 55000 7.25" Rs. 55000
40 cent Rs. 18500 8.25" Rs. 1800 8.25" Rs. 73000 8.25" Rs. 73000 8.25" Rs. 73000 8.25" Rs. 73000
50 cent Rs. 23500 9.25" Rs. 2100 9.25" Rs. 91000 9.25" Rs. 91000 9.25" Rs. 91000 9.25" Rs. 91000
10.25" Rs. 2800 10.25" Rs.108000 10.25" Rs.108000 10.25" Rs.108000 10.25" Rs.108000
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White Colour.

* उऩमोक्त लजन औय भूल्म वे असधक औय कभ लजन औय भूल्म के यत्न एलॊ उऩयत्न बी शभाये मशा व्माऩायी भूल्म ऩय उप्रब्ध
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 82 अप्रैर 2020 | अॊक 2

श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि


फकवी बी व्मत्रक्त का जीलन तफ आवान फन जाता शैं जफ उवके ायक औय का भाशोर उवके अनुरुऩ उवके लळ भें
शक। जफ कोई व्मत्रक्त का आकऴाण दव
ु यो के उऩय एक ु्फकीम प्रबाल डारता शैं , तफ रोग उवकी वशामता एलॊ वेला
शे तु तत्ऩय शोते शै औय उवके प्राम् वबी कामा त्रफना असधक कद्श ल ऩये ळानी
वे वॊऩन्न शो जाते शैं । आज के बौसतकता लाफद मुग भें शय व्मत्रक्त के सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा कल
दव
ू यो को अऩनी औय खी ने शे तु एक प्रबालळासर ुॊफकत्ल को कामभ श्रीकृ ष्ण फीवा कल को केलर
यखना असत आलश्मक शो जाता शैं । आऩका आकऴाण औय व्मत्रक्तत्ल आऩके त्रलळेऴ ळुब भुशुता भें सनभााण फकमा
ायो ओय वे रोगक को आकत्रऴात कये इव सरमे वयर उऩाम शैं , श्रीकृ ष्ण फीवा
जाता शैं । कल को त्रलद्रान कभाकाॊडी
मॊि। क्मोफक बगलान श्री कृ ष्ण एक अरौफकल एलॊ फदलम ुॊफकीम व्मत्रक्तत्ल
ब्राशभणक द्राया ळुब भुशुता भें ळास्त्रोक्त
के धनी थे। इवी कायण वे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के ऩूजन एलॊ दळान वे
त्रलसध-त्रलधान वे त्रलसळद्श तेजस्ली भॊिो
आकऴाक व्मत्रक्तत्ल प्राद्ऱ शोता शैं ।
द्राया सवि प्राण-प्रसतत्रद्षत ऩूणा त
ै न्म
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के वाथ व्मत्रक्तको दृढ़ इच्छा ळत्रक्त एलॊ उजाा प्राद्ऱ शोती
मुक्त कयके सनभााण फकमा जाता शैं ।
शैं , त्जस्वे व्मत्रक्त शभेळा एक बीड भें शभेळा आकऴाण का केंद्र यशता शैं ।
मफद फकवी व्मत्रक्त को अऩनी प्रसतबा ल आत्भत्रलद्वाव के स्तय भें लृत्रि, त्जव के पर स्लरुऩ धायण कयता

अऩने सभिो ल ऩरयलायजनो के त्रफ भें रयश्तो भें वुधाय कयने की ईच्छा शोती व्मत्रक्त को ळीघ्र ऩूणा राब प्राद्ऱ शोता

शैं उनके सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि का ऩूजन एक वयर ल वुरब भाध्मभ शैं । कल को गरे भें धायण कयने
वात्रफत शो वकता शैं । वे लशॊ अत्मॊत प्रबाल ळारी शोता
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि ऩय अॊफकत ळत्रक्तळारी त्रलळेऴ ये खाएॊ, फीज भॊि एलॊ शैं । गरे भें धायण कयने वे कल
अॊको वे व्मत्रक्त को अद्द्द्भत
ु आॊतरयक ळत्रक्तमाॊ प्राद्ऱ शोती शैं जो व्मत्रक्त को शभेळा रृदम के ऩाव यशता शैं त्जस्वे
वफवे आगे एलॊ वबी षेिो भें अग्रत्णम फनाने भें वशामक सवि शोती शैं ।
व्मत्रक्त ऩय उवका राब असत तीव्र
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के ऩूजन ल सनमसभत दळान के भाध्मभ वे बगलान
एलॊ ळीघ्र सात शोने रगता शैं ।
श्रीकृ ष्ण का आळीलााद प्राद्ऱ कय वभाज भें स्लमॊ का अफद्रतीम स्थान स्थात्रऩत
भूरम भाि: 2350 >>Order Now
कयें ।
श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि अरौफकक ब्रह्माॊडीम उजाा का वॊ ाय कयता शैं , जो एक प्राकृ त्रि भाध्मभ वे व्मत्रक्त के बीतय
वद्दबालना, वभृत्रि, वपरता, उिभ स्लास्थ्म, मोग औय ध्मान के सरमे एक ळत्रक्तळारी भाध्मभ शैं !
 श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के ऩूजन वे व्मत्रक्त के वाभात्जक भान-व्भान ल ऩद-प्रसतद्षा भें लृत्रि शोती शैं ।
 त्रलद्रानो के भतानुवाय श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि के भध्मबाग ऩय ध्मान मोग केंफद्रत कयने वे व्मत्रक्त फक ेतना ळत्रक्त
जाग्रत शोकय ळीघ्र उच् स्तय को प्राद्ऱशोती शैं ।
 जो ऩुरुऴक औय भफशरा अऩने वाथी ऩय अऩना प्रबाल डारना ाशते शैं औय उन्शें अऩनी औय आकत्रऴत
ा कयना ाशते
शैं । उनके सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि उिभ उऩाम सवि शो वकता शैं ।
 ऩसत-ऩत्नी भें आऩवी प्रभ की लृत्रि औय वुखी दा्ऩत्म जीलन के सरमे श्रीकृ ष्ण फीवा मॊि राबदामी शोता शैं ।

भूल्म:- Rs. 910 वे Rs. 12700 तक उप्रब्ि >> Shop Online


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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 83 अप्रैर 2020 | अॊक 2

जैन धभाके त्रलसळद्श मॊिो की वू ी


श्री ौफीव तीथिंकयका भशान प्रबात्रलत भत्कायी मॊि श्री एकाषी नारयमेय मॊि
श्री ोफीव तीथिंकय मॊि वलातो बद्र मॊि
कल्ऩलृष मॊि वला वॊऩत्रिकय मॊि
स ॊताभणी ऩाद्वानाथ मॊि वलाकामा-वला भनोकाभना सवत्रिअ मॊि ्१३० वलातोबद्र मॊिल
स ॊताभणी मॊि ्ऩैंवफठमा मॊिल ऋत्रऴ भॊडर मॊि
स ॊताभणी क्र मॊि जगदलल्रब कय मॊि
श्री क्रेद्वयी मॊि ऋत्रि सवत्रि भनोकाभना भान व्भान प्रासद्ऱ मॊि
श्री घॊटाकणा भशालीय मॊि ऋत्रि सवत्रि वभृत्रि दामक श्री भशारक्ष्भी मॊि
श्री घॊटाकणा भशालीय वला सवत्रि भशामॊि त्रलऴभ त्रलऴ सनग्रश कय मॊि
्अनुबल सवि वॊऩण
ू ा श्री घॊटाकणा भशालीय ऩतका मॊिल
श्री ऩद्मालती मॊि षुद्रो ऩद्रल सननााळन मॊि
श्री ऩद्मालती फीवा मॊि फृशच् क्र मॊि
श्री ऩाद्वाऩद्मालती ह्ींकाय मॊि लॊध्मा ळब्दाऩश मॊि
ऩद्मालती व्माऩाय लृत्रि मॊि भृतलत्वा दोऴ सनलायण मॊि
श्री धयणेन्द्र ऩद्मालती मॊि काॊक लॊध्मादोऴ सनलायण मॊि
श्री ऩाद्वानाथ ध्मान मॊि फारग्रश ऩीडा सनलायण मॊि
श्री ऩाद्वानाथ प्रबुका मॊि रधुदेल कुर मॊि
बक्ताभय मॊि ्गाथा नॊफय १ वे ४४ तकल नलगाथात्भक उलवग्गशयॊ स्तोिका त्रलसळद्श मॊि
भत्णबद्र मॊि उलवग्गशयॊ मॊि
श्री मॊि श्री ऩॊ भॊगर भशाश्रृत स्कॊध मॊि
श्री रक्ष्भी प्रासद्ऱ औय व्माऩाय लधाक मॊि ह्ीॊकाय भम फीज भॊि
श्री रक्ष्भीकय मॊि लधाभान त्रलद्या ऩट्ट मॊि
रक्ष्भी प्रासद्ऱ मॊि त्रलद्या मॊि
भशात्रलजम मॊि वौबाग्मकय मॊि
त्रलजमयाज मॊि डाफकनी, ळाफकनी, बम सनलायक मॊि
त्रलजम ऩतका मॊि बूताफद सनग्रश कय मॊि
त्रलजम मॊि ज्लय सनग्रश कय मॊि
सवि क्र भशामॊि ळाफकनी सनग्रश कय मॊि
दत्षण भुखाम ळॊख मॊि आऩत्रि सनलायण मॊि
दत्षण भुखाम मॊि ळिुभख
ु स्तॊबन मॊि
मॊि के त्रलऴम भें असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयें ।

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 84 अप्रैर 2020 | अॊक 2

घॊटाकणा भशालीय वला सवत्रि भशामॊि को स्थाऩीत


कयने वे वाधक की वला भनोकाभनाएॊ ऩूणा शोती शैं ।
वला प्रकाय के योग बूत-प्रेत आफद उऩद्रल वे यषण
शोता शैं । जशयीरे औय फशॊ वक प्राणीॊ वे वॊफॊसधत बम
दयू शोते शैं । अत्ग्न बम, ोयबम आफद दयू शोते शैं ।
दद्श
ु ल अवुयी ळत्रक्तमक वे उत्ऩन्न शोने लारे बम
वे मॊि के प्रबाल वे दयू शो जाते शैं ।
मॊि के ऩूजन वे वाधक को धन, वुख, वभृत्रि,
ऎद्वमा, वॊतत्रि-वॊऩत्रि आफद की प्रासद्ऱ शोती शैं । वाधक
की वबी प्रकाय की वात्त्लक इच्छाओॊ की ऩूसता शोती
शैं ।
मफद फकवी ऩरयलाय मा ऩरयलाय के वदस्मो ऩय
लळीकयण, भायण, उच् ाटन इत्माफद जाद-ू टोने लारे
प्रमोग फकमे गमें शोतो इव मॊि के प्रबाल वे स्लत्
नद्श शो जाते शैं औय बत्रलष्म भें मफद कोई प्रमोग
कयता शैं तो यषण शोता शैं ।
कुछ जानकायो के श्री घॊटाकणा भशालीय ऩतका मॊि
वे जुडे अद्द्द्भत
ु अनुबल यशे शैं । मफद घय भें श्री
घॊटाकणा भशालीय ऩतका मॊि स्थात्रऩत फकमा शैं औय
मफद कोई इऴाा, रोब, भोश मा ळिुतालळ मफद अनुस त कभा कयके फकवी बी उद्दे श्म वे वाधक को
ऩये ळान कयने का प्रमाव कयता शैं तो मॊि के प्रबाल वे वॊऩण
ू ा ऩरयलाय का यषण तो शोता शी शैं ,
कबी-कबी ळिु के द्राया फकमा गमा अनुस त कभा ळिु ऩय शी उऩय उरट लाय शोते दे खा शैं । भूल्म:-
Rs. 2350 वे Rs. 12700 तक उप्रब्ि
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 85 अप्रैर 2020 | अॊक 2

अभोघ भशाभृत्मुॊजम कल
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल ल उल्रेत्खत अन्म वाभग्रीमक को ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे त्रलद्रान
ब्राह्मणो द्राया वला राख भशाभृत्मुॊजम भॊि जऩ एलॊ दळाॊळ शलन द्राया सनसभात फकमा जाता शैं
इवसरए कल अत्मॊत प्रबालळारी शोता शैं । >> Order Now

अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम कल
अभोद्य् भशाभृत्मुॊजम
कल फनलाने शे तु:
अऩना नाभ, त्रऩता-भाता का नाभ, कल
गोि, एक नमा पोटो बेजे दत्षणा भाि: 10900

याळी यत्न एलॊ उऩयत्न


त्रलळेऴ मॊि

शभायें मशाॊ वबी प्रकाय के मॊि वोने- ाॊफद-


ता्फे भें आऩकी आलश्मक्ता के अनुवाय
फकवी बी बाऴा/धभा के मॊिो को आऩकी
आलश्मक फडजाईन के अनुवाय २२ गेज
ळुि ता्फे भें अखॊफडत फनाने की त्रलळेऴ
वबी वाईज एलॊ भूल्म ल क्लासरफट के
वुत्रलधाएॊ उऩरब्ध शैं ।
अवरी नलयत्न एलॊ उऩयत्न बी उऩरब्ध शैं ।
शभाये मशाॊ वबी प्रकाय के यत्न एलॊ उऩयत्न व्माऩायी भूल्म ऩय उऩरब्ध शैं । ज्मोसतऴ कामा वे जुडेो़
फधु/फशन ल यत्न व्मलवाम वे जुडे रोगो के सरमे त्रलळेऴ भूल्म ऩय यत्न ल अन्म वाभग्रीमा ल अन्म
वुत्रलधाएॊ उऩरब्ध शैं ।

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 86 अप्रैर 2020 | अॊक 2

अप्रैर 2020 -त्रलळेऴ मोग


कामा सवत्रि मोग
02 प्रात् 06:10 वे अगरे फदन प्रात् 06:09 तक 23 प्रात् 05:47 वे दोऩशय 16:05 तक
10 यात 21:55 वे अगरे फदन प्रात: 06:00 तक 25 यात 20:58 वे अगरे फदन प्रात् 05:45 तक
12 वाॊम 19:13 वे अगरे फदन प्रात् 05:58 तक 27 प्रात् 05:44 वे यात 00:30 तक
21 प्रात् 05:49 वे फदन 10:23 तक 30 प्रात् 05:41 वे दे य यात 01:53 तक
त्रिऩुष्कय मोग ्तीनगुना पर दामकल
19 प्रात् 04:25 दे य यात 24:43 तक 25 प्रात् 05:45 वे दोऩशय 11:52 तक
गुरु ऩुष्माभृत मोग
2 यात: 19:29 वे अगरे फदन प्रात: 06:09 तक 30 प्रात् 05:41 वे दे य यात 01:53 तक
अभृत सवत्रि मोग
2 यात 19:29 वे अगरे फदन 06:09 तक 27 प्रात् 05:44 वे दे य यात 00:30 तक
25 यात 20:58 वे अगरे फदन 05:45 तक 30 प्रात् 05:41 वे दे य यात 01:53 तक
त्रलघ्नकायक बद्रा
1 दे य यात 03:49 वे दोऩशय 15:50 तक 17 वुफश 07:04 वे यात 20:03 तक
4 दोऩशय 11:49 वे यात 22:30 तक 21 यात 03:11 वे दोऩशय 16:25 तक
7 दोऩशय 12:01 वे यात 22:02 तक 27 दे य यात 01:59 वे दोऩशय 14:29 तक
10 दोऩशय 11:01 वे यात 21:31 तक 30 दोऩशय 14:40 वे दे य यात 02:09 तक
13 दोऩशय 16:18 वे 28:08 तक

मोग पर :
 कामा सवत्रि मोग भे फकमे गमे ळुब कामा भे सनत्द्ळत वपरता प्राद्ऱ शोती शैं , एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं ।
 त्रिऩुष्कय मोग भें फकमे गमे ळुब कामो का राब तीन गुना शोता शैं । एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं ।
 गुरु ऩुष्माभृत मोग भें फकमे गमे फकमे गमे ळुब कामा भे ळुब परो की प्रासद्ऱ शोती शैं , एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं ।
 अभृत सवत्रि मोग अत्मॊत ळुब मोग भें वबी प्रकाय के ळुब कामा फकए जा वकते शैं ।
 ळास्त्रकक्त भत वे त्रलघ्नकायक बद्रा मोग भें ळुब कामा कयना लत्जात शैं ।

दै सनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका


गुसरक कार (ळुब) मभ कार (अळुब) याशु कार (अळुब)
लाय वभम अलसध वभम अलसध वभम अलसध
यत्रललाय 03:00 वे 04:30 12:00 वे 01:30 04:30 वे 06:00
वोभलाय 01:30 वे 03:00 10:30 वे 12:00 07:30 वे 09:00
भॊगरलाय 12:00 वे 01:30 09:00 वे 10:30 03:00 वे 04:30
फुधलाय 10:30 वे 12:00 07:30 वे 09:00 12:00 वे 01:30
गुरुलाय 09:00 वे 10:30 06:00 वे 07:30 01:30 वे 03:00
ळुक्रलाय 07:30 वे 09:00 03:00 वे 04:30 10:30 वे 12:00
ळसनलाय 06:00 वे 07:30 01:30 वे 03:00 09:00 वे 10:30

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 87 अप्रैर 2020 | अॊक 2

फदन के ौघफडमे
वभम यत्रललाय वोभलाय भॊगरलाय फुधलाय गुरुलाय ळुक्रलाय ळसनलाय

06:00 वे 07:30 उद्वेग अमृत रोग लाभ शुभ चल काल


07:30 वे 09:00 चल काल उद्वेग अमृत रोग लाभ शुभ
09:00 वे 10:30 लाभ शुभ चल काल उद्वेग अमृत रोग
10:30 वे 12:00 अमृत रोग लाभ शुभ चल काल उद्वेग
12:00 वे 01:30 काल उद्वेग अमृत रोग लाभ शुभ चल
01:30 वे 03:00 शुभ चल काल उद्वेग अमृत रोग लाभ
03:00 वे 04:30 रोग लाभ शुभ चल काल उद्वेग अमृत
04:30 वे 06:00 उद्वेग अमृत रोग लाभ शुभ चल काल

यात के ौघफडमे
वभम यत्रललाय वोभलाय भॊगरलाय फुधलाय गुरुलाय ळुक्रलाय ळसनलाय

06:00 वे 07:30 शुभ चल काल उद्वेग अमृत रोग लाभ


07:30 वे 09:00 अमृत रोग लाभ शुभ चल काल उद्वेग
09:00 वे 10:30 चल काल उद्वेग अमृत रोग लाभ शुभ
10:30 वे 12:00 रोग लाभ शुभ चल काल उद्वेग अमृत
12:00 वे 01:30 काल उद्वेग अमृत रोग लाभ शुभ चल
01:30 वे 03:00 लाभ शुभ चल काल उद्वेग अमृत रोग
03:00 वे 04:30 उद्वेग अमृत रोग लाभ शुभ चल काल
04:30 वे 06:00 शुभ चल काल उद्वेग अमृत रोग लाभ

ळास्त्रोक्त भत के अनुवाय मफद फकवी बी कामा का प्रायॊ ब ळुब भुशूता मा ळुब वभम ऩय फकमा जामे तो
कामा भें वपरता प्राद्ऱ शोने फक वॊबालना ज्मादा प्रफर शो जाती शैं । इव सरमे दै सनक ळुब वभम ौघफडमा
दे खकय प्राद्ऱ फकमा जा वकता शैं ।

नोट: प्राम् फदन औय यात्रि के ौघफडमे फक सगनती क्रभळ् वूमोदम औय वूमाास्त वे फक जाती शैं । प्रत्मेक ौघफडमे
फक अलसध 1 घॊटा 30 सभसनट अथाात डे ढ़ घॊटा शोती शैं । वभम के अनुवाय ौघफडमे को ळुबाळुब तीन बागक भें
फाॊटा जाता शैं , जो क्रभळ् ळुब, भध्मभ औय अळुब शैं ।

ौघफडमे के स्लाभी ग्रश * शय कामा के सरमे ळुब/अभृत/राब का


ळुब ौघफडमा भध्मभ ौघफडमा अळुब ौघफडमा ौघफडमा उिभ भाना जाता शैं ।
ौघफडमा स्लाभी ग्रश ौघफडमा स्लाभी ग्रश ौघफडमा स्लाभी ग्रश
ळुब गुरु य ळुक्र उद्बेग वूमा * शय कामा के सरमे र/कार/योग/उद्वेग
अभृत द्र
ॊ भा कार ळसन का ौघफडमा उस त नशीॊ भाना जाता।
राब फुध योग भॊगर

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 88 अप्रैर 2020 | अॊक 2

फदन फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक


लाय 1.घॊ 2.घॊ 3.घॊ 4.घॊ 5.घॊ 6.घॊ 7.घॊ 8.घॊ 9.घॊ 10.घॊ 11.घॊ 12.घॊ

यत्रललाय वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन
वोभलाय ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा
भॊगरलाय भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र
फुधलाय फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर
गुरुलाय गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध
ळुक्रलाय ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु
ळसनलाय ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र

यात फक शोया – वूमाास्त वे वूमोदम तक


यत्रललाय गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध
वोभलाय ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु
भॊगरलाय ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र
फुधलाय वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन
गुरुलाय ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा
ळुक्रलाय भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र
ळसनलाय फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर वूमा ळुक्र फुध ॊद्र ळसन गुरु भॊगर
शोया भुशूता को कामा सवत्रि के सरए ऩूणा परदामक एलॊ अ क
ू भाना जाता शैं , फदन-यात के २४ घॊटक भें ळुब-अळुब
वभम को वभम वे ऩूला सात कय अऩने कामा सवत्रि के सरए प्रमोग कयना ाफशमे।

त्रलद्रानो के भत वे इत्च्छत कामा सवत्रि के सरए ग्रश वे वॊफॊसधत शोया का न


ु ाल कयने वे त्रलळेऴ राब
प्राद्ऱ शोता शैं ।
 वूमा फक शोया वयकायी कामो के सरमे उिभ शोती शैं ।

 द्र
ॊ भा फक शोया वबी कामों के सरमे उिभ शोती शैं ।

 भॊगर फक शोया कोटा -क ेयी के कामों के सरमे उिभ शोती शैं ।

 फुध फक शोया त्रलद्या-फुत्रि अथाात ऩढाई के सरमे उिभ शोती शैं ।

 गुरु फक शोया धासभाक कामा एलॊ त्रललाश के सरमे उिभ शोती शैं ।

 ळुक्र फक शोया मािा के सरमे उिभ शोती शैं ।

 ळसन फक शोया धन-द्रव्म वॊफॊसधत कामा के सरमे उिभ शोती शैं ।

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 89 अप्रैर 2020 | अॊक 2

वला योगनाळक मॊि/कल


भनुष्म अऩने जीलन के त्रलसबन्न वभम ऩय फकवी ना फकवी वाध्म मा अवाध्म योग वे ग्रस्त शोता
शैं । उस त उऩ ाय वे ज्मादातय वाध्म योगो वे तो भुत्रक्त सभर जाती शैं , रेफकन कबी-कबी वाध्म योग शोकय
बी अवाध्म शोजाते शैं , मा कोइ अवाध्म योग वे ग्रसवत शोजाते शैं । शजायो राखो रुऩमे ख ा कयने ऩय बी
असधक राब प्राद्ऱ नशीॊ शो ऩाता। डॉक्टय द्राया फदजाने लारी दलाईमा अल्ऩ वभम के सरमे कायगय वात्रफत
शोती शैं , एवी त्स्थती भें राब प्रासद्ऱ के सरमे व्मत्रक्त एक डॉक्टय वे दव
ू ये डॉक्टय के क्कय रगाने को फाध्म
शो जाता शैं ।
बायतीम ऋऴीमोने अऩने मोग वाधना के प्रताऩ वे योग ळाॊसत शे तु त्रलसबन्न आमुलये औऴधो के
असतरयक्त मॊि, भॊि एलॊ तॊि का उल्रेख अऩने ग्रॊथो भें कय भानल जीलन को राब प्रदान कयने का वाथाक
प्रमाव शजायो लऴा ऩूला फकमा था। फुत्रिजीलो के भत वे जो व्मत्रक्त जीलनबय अऩनी फदन माा ऩय सनमभ,
वॊमभ यख कय आशाय ग्रशण कयता शैं , एवे व्मत्रक्त को त्रलसबन्न योग वे ग्रसवत शोने की वॊबालना कभ शोती
शैं । रेफकन आज के फदरते मुग भें एवे व्मत्रक्त बी बमॊकय योग वे ग्रस्त शोते फदख जाते शैं । क्मोफक वभग्र
वॊवाय कार के अधीन शैं । एलॊ भृत्मु सनत्द्ळत शैं त्जवे त्रलधाता के अराला औय कोई टार नशीॊ वकता, रेफकन
योग शोने फक त्स्थती भें व्मत्रक्त योग दयू कयने का प्रमाव तो अलश्म कय वकता शैं । इव सरमे मॊि भॊि एलॊ
तॊि के कुळर जानकाय वे मोग्म भागादळान रेकय व्मत्रक्त योगो वे भुत्रक्त ऩाने का मा उवके प्रबालो को कभ
कयने का प्रमाव बी अलश्म कय वकता शैं ।
ज्मोसतऴ द्विद्या के कुळर जानकय बी कार ऩुरुऴकी गणना कय अनेक योगो के अनेको यशस्म को
उजागय कय वकते शैं । ज्मोसतऴ ळास्त्र के भाध्मभ वे योग के भूरको ऩकडने भे वशमोग सभरता शैं , जशा
आधुसनक स फकत्वा ळास्त्र अषभ शोजाता शैं लशा ज्मोसतऴ ळास्त्र द्राया योग के भूर(जड) को ऩकड कय उवका
सनदान कयना राबदामक एलॊ उऩामोगी सवि शोता शैं ।
शय व्मत्रक्त भें रार यॊ गकी कोसळकाए ऩाइ जाती शैं , त्जवका सनमभीत त्रलकाव क्रभ फि तयीके वे शोता
यशता शैं । जफ इन कोसळकाओ के क्रभ भें ऩरयलतान शोता शै मा त्रलखॊफडन शोता शैं तफ व्मत्रक्त के ळयीय भें
स्लास्थ्म वॊफॊधी त्रलकायो उत्ऩन्न शोते शैं । एलॊ इन कोसळकाओ का वॊफॊध नल ग्रशो के वाथ शोता शैं । त्जस्वे
योगो के शोने के कायण व्मत्रक्त के जन्भाॊग वे दळा-भशादळा एलॊ ग्रशो फक गो य त्स्थती वे प्राद्ऱ शोता शैं ।
वला योग सनलायण कल एलॊ भशाभृत्मुॊजम मॊि के भाध्मभ वे व्मत्रक्त के जन्भाॊग भें त्स्थत कभजोय
एलॊ ऩीफडत ग्रशो के अळुब प्रबाल को कभ कयने का कामा वयरता ऩूलक
ा फकमा जावकता शैं । जेवे शय व्मत्रक्त
को ब्रह्माॊड फक उजाा एलॊ ऩृथ्ली का गुरुत्लाकऴाण फर प्रबालीत कताा शैं फठक उवी प्रकाय कल एलॊ मॊि के
भाध्मभ वे ब्रह्माॊड फक उजाा के वकायात्भक प्रबाल वे व्मत्रक्त को वकायात्भक उजाा प्राद्ऱ शोती शैं त्जस्वे योग
के प्रबाल को कभ कय योग भुक्त कयने शे तु वशामता सभरती शैं ।
योग सनलायण शे तु भशाभृत्मुॊजम भॊि एलॊ मॊि का फडा भशत्ल शैं । त्जस्वे फशन्द ू वॊस्कृ सत का प्राम् शय
व्मत्रक्त भशाभृत्मुॊजम भॊि वे ऩरयस त शैं ।
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 90 अप्रैर 2020 | अॊक 2

कल के राब :
 एवा ळास्त्रोक्त ल न शैं त्जव घय भें भशाभृत्मुॊजम मॊि स्थात्रऩत शोता शैं लशा सनलाव कताा शो नाना प्रकाय
फक आसध-व्मासध-उऩासध वे यषा शोती शैं ।
 ऩूणा प्राण प्रसतत्रद्षत एलॊ ऩूणा ैतन्म मुक्त वला योग सनलायण कल फकवी बी उम्र एलॊ जासत धभा के रोग
ाशे स्त्री शो मा ऩुरुऴ धायण कय वकते शैं ।
 जन्भाॊगभें अनेक प्रकायके खयाफ मोगो औय खयाफ ग्रशो फक प्रसतकूरता वे योग उतऩन्न शोते शैं ।
 कुछ योग वॊक्रभण वे शोते शैं एलॊ कुछ योग खान-ऩान फक असनमसभतता औय अळुितावे उत्ऩन्न शोते शैं ।
कल एलॊ मॊि द्राया एवे अनेक प्रकाय के खयाफ मोगो को नद्श कय, स्लास्थ्म राब औय ळायीरयक यषण
प्राद्ऱ कयने शे तु वला योगनाळक कल एलॊ मॊि वला उऩमोगी शोता शैं ।
 आज के बौसतकता लादी आधुसनक मुगभे अनेक एवे योग शोते शैं , त्जवका उऩ ाय ओऩये ळन औय दलावे
बी कफठन शो जाता शैं । कुछ योग एवे शोते शैं त्जवे फताने भें रोग फश फक ाते शैं ळयभ अनुबल कयते शैं
एवे योगो को योकने शे तु एलॊ उवके उऩ ाय शे तु वला योगनाळक कल एलॊ मॊि राबादासम सवि शोता शैं ।
 प्रत्मेक व्मत्रक्त फक जेवे-जेवे आमु फढती शैं लैवे-लवै उवके ळयीय फक ऊजाा कभ शोती जाती शैं । त्जवके
वाथ अनेक प्रकाय के त्रलकाय ऩैदा शोने रगते शैं एवी त्स्थती भें उऩ ाय शे तु वलायोगनाळक कल एलॊ
मॊि परप्रद शोता शैं ।
 त्जव घय भें त्रऩता-ऩुि, भाता-ऩुि, भाता-ऩुिी, मा दो बाई एक फश नषिभे जन्भ रेते शैं , तफ उवकी भाता
के सरमे असधक कद्शदामक त्स्थती शोती शैं । उऩ ाय शे तु भशाभृत्मुॊजम मॊि परप्रद शोता शैं ।
 त्जव व्मत्रक्त का जन्भ ऩरयसध मोगभे शोता शैं उन्शे शोने लारे भृत्मु तुल्म कद्श एलॊ शोने लारे योग, स ॊता
भें उऩ ाय शे तु वला योगनाळक कल एलॊ मॊि ळुब परप्रद शोता शैं ।
नोट:- ऩूणा प्राण प्रसतत्रद्षत एलॊ ऩूणा ैतन्म मुक्त वला योग सनलायण कल एलॊ मॊि के फाये भें असधक
जानकायी शे तु वॊऩका कयें । >> Shop Online | Order Now

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 91 अप्रैर 2020 | अॊक 2

भॊि सवि कल
भॊि सवि कल को त्रलळेऴ प्रमोजन भें उऩमोग के सरए औय ळीघ्र प्रबाल ळारी फनाने के सरए तेजस्ली भॊिो द्राया ळुब भशूता भें ळुब
फदन को तैमाय फकमे जाते शै । अरग-अरग कल तैमाय कयने केसरए अरग-अरग तयश के भॊिो का प्रमोग फकमा जाता शै ।
 क्मक ुने भॊि सवि कल ?  उऩमोग भें आवान कोई प्रसतफन्ध नशीॊ  कोई त्रलळेऴ सनसत-सनमभ नशीॊ  कोई फुया प्रबाल नशीॊ

भॊि सवि कल वूस


राज राजेश्वरी किच 11000 द्विष्णु बीसा किच
Raj Rajeshwari Kawach ………..……………………… Vishnu Visha Kawach ………..………………………... 2350
अमोघ महामृतयुुंजय किच रामभद्र बीसा किच
Amogh Mahamrutyunjay Kawach ……………………. 10900 Ramabhadra Visha Kawach ………..………………… 2350
दस महाद्विद्या किच कु बेर बीसा किच
Dus Mahavidhya Kawach ………..……………………. 7300 Kuber Visha Kawach ………..…………………………. 2350
श्री घुंटाकणण महािीर सिण द्वसद्वि प्रद किच गरुड बीसा किच
Shri Ghantakarn Mahavir Sarv Siddhi Prad Kawach.. 6400 Garud Visha Kawach ………..………………………… 2350
सकल द्वसद्वि प्रद गायत्री किच लक्ष्मी बीसा किच
Sakal Siddhi Prad Gayatri Kawach …………………... 6400 Lakshmi Visha Kawach ……..…………………………. 2350
निदुगाण शद्वि किच ससह बीसा किच
Navdurga Shakiti Kawach ………..…………………… 6400 Sinha Visha Kawach ………..…………………………. 2350
रसायन द्वसद्वि किच निाणण बीसा किच
Rasayan Siddhi Kawach ………..…………………….. 6400 Narvan Visha Kawach ………..……………………….. 2350
पुंचदेि शद्वि किच सुंकट मोद्वचनी काद्वलका द्वसद्वि किच
Pancha Dev Shakti Kawach ………..…………………. 6400 Sankat Mochinee Kalika Siddhi Kawach ………..…… 2350
सिण कायण द्वसद्वि किच राम रक्षा किच
Sarv Karya Siddhi Kawach ………..………………….. 5500 Ram Raksha Kawach ………..………………………… 2350
सुिणण लक्ष्मी किच नारायण रक्षा किच
Suvarn Lakshmi Kawach ………..……………………. 4600 Narayan Raksha Kavach .……………………………... 2350
स्िणाणकर्णण भैरि किच हनुमान रक्षा किच
Swarnakarshan Bhairav Kawach ………..…………… 4600 Hanuman Raksha Kawach ………..………………….. 2350
कालसपण शाुंद्वत किच भैरि रक्षा किच
Kalsharp Shanti Kawach ………..…………………….. 3700 Bhairav Raksha Kawach ………………………………. 2350
द्विलक्षण सकल राज िशीकरण किच शद्वन साड़ेसाती और ढ़ैया कष्ट द्वनिारण किच
Vilakshan Sakal Raj Vasikaran Kawach ………..…… 3250 Shani Sadesatee aur Dhaiya Kasht Nivaran Kawach ….. 2350
इष्ट द्वसद्वि किच श्राद्वपत योग द्वनिारण किच
Isht Siddhi Kawach ………..…………………………… 2800 Sharapit Yog Nivaran Kawach ……..………………… 1900
परदेश गमन और लाभ प्राद्वि किच द्विर् योग द्वनिारण किच
Pardesh Gaman Aur Labh Prapti Kawach ………...... 2350 Vish Yog Nivaran Kawach ……..……………………. 1900
श्रीदुगाण बीसा किच सिणजन िशीकरण किच
Durga Visha Kawach ………..…………………………. 2350 Sarvjan Vashikaran Kawach ……..…………………… 1450
कृ ष्ण बीसा किच द्वसद्वि द्विनायक किच
Krushna Bisa Kawach ………..………………………... 2350 Siddhi Vinayak Ganapati Kawach ……..…………….. 1450
अष्ट द्विनायक किच सकल सम्मान प्राद्वि किच
Asht Vinayak Kawach ………..………………………... 2350 Sakal Samman Praapti Kawach ……..………………. 1450
आकर्णण िृद्वि किच स्िप्न भय द्वनिारण किच
Aakarshan Vruddhi Kawach ……..…………………… 1450 Swapna Bhay Nivaran Kawach ……..……………….. 1050

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 92 अप्रैर 2020 | अॊक 2

िशीकरण नाशक किच सरस्िती किच (कक्षा +10 के द्वलए)


Vasikaran Nashak Kawach ……..…………………….. 1450 Saraswati Kawach (For Class +10) ………………….. 1050
प्रीद्वत नाशक किच सरस्िती किच (कक्षा 10 तकके द्वलए)
Preeti Nashak Kawach ……..…………………………. 1450 Saraswati Kawach (For up to Class 10) …………….. 910
चुंडाल योग द्वनिारण किच िशीकरण किच (2-3 व्यद्विके द्वलए)
Chandal Yog Nivaran Kawach ……..………………… 1450 Vashikaran Kawach For (For 2-3 Person) ……………. 1250
ग्रहण योग द्वनिारण किच पत्नी िशीकरण किच
Grahan Yog Nivaran Kawach ……..………………….. 1450 Patni Vasikaran Kawach ………………………………... 820
माुंगद्वलक योग द्वनिारण किच (कु जा योग ) पद्वत िशीकरण किच
Magalik Yog Nivaran Kawach (Kuja Yoga) …………. 1450 Pati Vasikaran Kawach …………………………………. 820
अष्ट लक्ष्मी किच िशीकरण किच ( 1 व्यद्वि के द्वलए)
Asht Lakshmi Kawach ……..………………………... 1250 Vashikaran Kawach (For 1 Person) …………………… 820
आकद्वस्मक धन प्राद्वि किच सुदशणन बीसा किच
Akashmik Dhan Prapti Kawach ……..……………….. 1250 Sudarshan Visha Kawach ……..…………………...…... 910
स्पे.व्यापार िृद्वि किच महा सुदशणन किच
Special Vyapar Vruddhi Kawach ……..……………… 1250 Mahasudarshan Kawach ……..……………...…………. 910
धन प्राद्वि किच तुंत्र रक्षा किच
Dhan Prapti Kawach ……..…………………………... 1250 Tantra Raksha Kawach …………………………………. 910
कायण द्वसद्वि किच िशीकरण किच (2-3 व्यद्विके द्वलए)
Karya Siddhi Kawach ……..…………………………… 1250 Vashikaran Kawach For (For 2-3 Person) ……………. 1250
भूद्वमलाभ किच पत्नी िशीकरण किच
Bhumilabh Kawach ……..……………………………. 1250 Patni Vasikaran Kawach ………………………………... 820
निग्रह शाुंद्वत किच पद्वत िशीकरण किच
Navgrah Shanti Kawach ……..……………………….. 1250 Pati Vasikaran Kawach …………………………………. 820
सुंतान प्राद्वि किच िशीकरण किच ( 1 व्यद्वि के द्वलए)
Santan Prapti Kawach ……..………………………….. 1250 Vashikaran Kawach (For 1 Person) …………………… 820
कामदेि किच सुदशणन बीसा किच
Kamdev Kawach ……..………………………………. 1250 Sudarshan Visha Kawach ……..…………………...…... 910
हुंस बीसा किच महा सुदशणन किच
Hans Visha Kawach ……..…………………………….. 1250 Mahasudarshan Kawach ……..……………...…………. 910
पदौन्नद्वत किच तुंत्र रक्षा किच
Padounnati Kawach ……..…………………………. 1250 Tantra Raksha Kawach …………………………………. 910
ऋण / कजण मुद्वि किच द्वत्रशूल बीसा किच
Rin / Karaj Mukti Kawach ……..……………………… 1250 Trishool Visha Kawach ……..…………………………... 910
शत्रु द्विजय किच व्यापर िृद्वि किच
Shatru Vijay Kawach ………………………………….. 1050 Vyapar Vruddhi Kawach ………………………………... 910
द्वििाह बाधा द्वनिारण किच सिण रोग द्वनिारण किच
Vivah Badha Nivaran Kawach ………………………... 1050 Sarv Rog Nivaran Kawach ……………………………... 910
स्िद्वस्तक बीसा किच शारीररक शद्वि िधणक किच
Swastik Visha Kawach ……..…………………………. 1050 Sharirik Shakti Vardhak Kawach ..……………………... 910
मद्वस्तष्क पृद्वष्ट िधणक किच द्वसि शुक्र किच
Mastishk Prushti Vardhak Kawach …………………… 820 Siddha Shukra Kawach …………………………………. 820

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 93 अप्रैर 2020 | अॊक 2

िाणी पृद्वष्ट िधणक किच द्वसि शद्वन किच


Vani Prushti Vardhak Kawach ………………………… 820 Siddha Shani Kawach …………………………………... 820
कामना पूर्तत किच द्वसि राहु किच
Kamana Poorti Kawach ………………………………. 820 Siddha Rahu Kawach …………………………………… 820
द्विरोध नाशक किच द्वसि के तु किच
Virodh Nashan Kawach ………………………………. 820 Siddha Ketu Kawach ……………………………………. 820
द्वसि सूयण किच रोजगार िृद्वि किच
Siddha Surya Kawach …………………………………. 820 Rojgar Vruddhi Kawach ………………………………… 730
द्वसि चुंद्र किच द्विघ्न बाधा द्वनिारण किच
Siddha Chandra Kawach ……………………………… 820 Vighna Badha Nivaran Kawah …………………………. 730
द्वसि मुंगल किच (कु जा) नज़र रक्षा किच
Siddha Mangal Kawach (Kuja) ……………………… 820 Najar Raksha Kawah ……………………………………. 730
द्वसि बुध किच रोजगार प्राद्वि किच
Siddha Bhudh Kawach ………………………………… 820 Rojagar Prapti Kawach …………………………………. 730
द्वसि गुरु किच दुभाणग्य नाशक किच
Siddha Guru Kawach ………………………………..… 820 Durbhagya Nashak ……………………………………… 640

उऩयोक्त कल के अराला अन्म वभस्मा त्रलळेऴ के वभाधान शे तु एलॊ उद्दे श्म ऩूसता शे तु कल का सनभााण फकमा जाता शैं । कल के त्रलऴम भें
असधक जानकायी शे तु वॊऩका कयें । *कल भाि ळुब कामा मा उद्दे श्म के सरमे >> Shop Online | Order Now

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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 94 अप्रैर 2020 | अॊक 2

Gemstone Price List


NAME OF GEM STONE GENERAL MEDIUM FINE FINE SUPER FINE SPECIAL
Emerald (ऩन्ना) 200.00 500.00 1200.00 1900.00 2800.00 & above
Yellow Sapphire (ऩुखयाज) 550.00 1200.00 1900.00 2800.00 4600.00 & above
Yellow Sapphire Bangkok (फैंकोक ऩुखयाज) 550.00 1200.00 1900.00 2800.00 4600.00 & above
Blue Sapphire (नीरभ) 550.00 1200.00 1900.00 2800.00 4600.00 & above
White Sapphire (वफ़ेद ऩुखयाज) 1000.00 1200.00 1900.00 2800.00 4600.00 & above
Bangkok Black Blue(फैंकोक नीरभ) 100.00 150.00 190.00 550.00 1000.00 & above
Ruby (भात्णक) 100.00 190.00 370.00 730.00 1900.00 & above
Ruby Berma (फभाा भात्णक) 5500.00 6400.00 8200.00 10000.00 21000.00 & above
Speenal (नयभ भात्णक/रारडी) 300.00 600.00 1200.00 2100.00 3200.00 & above
Pearl (भोसत) 30.00 60.00 90.00 120.00 280.00 & above
Red Coral (4 यसत तक) (रार भूॊगा) 125.00 190.00 280.00 370.00 460.00 & above
Red Coral (4 यसत वे उऩय)( रार भूॊगा) 190.00 280.00 370.00 460.00 550.00 & above
White Coral (वफ़ेद भूॊगा) 73.00 100.00 190.00 280.00 460.00 & above
Cat’s Eye (रशवुसनमा) 25.00 45.00 90.00 120.00 190.00 & above
Cat’s Eye ODISHA(उफडवा रशवुसनमा) 280.00 460.00 730.00 1000.00 1900.00 & above
Gomed (गोभेद) 19.00 28.00 45.00 100.00 190.00 & above
Gomed CLN (सवरोनी गोभेद) 190.00 280.00 460.00 730.00 1000.00 & above
Zarakan (जयकन) 550.00 730.00 820.00 1050.00 1250.00 & above
Aquamarine (फेरुज) 210.00 320.00 410.00 550.00 730.00 & above
Lolite (नीरी) 50.00 120.00 230.00 390.00 500.00 & above
Turquoise (फफ़योजा) 100.00 145.00 190.00 280.00 460.00 & above
Golden Topaz (वुनशरा) 28.00 46.00 90.00 120.00 190.00 & above
Real Topaz (उफडवा ऩुखयाज/टोऩज) 100.00 190.00 280.00 460.00 640.00 & above
Blue Topaz (नीरा टोऩज) 100.00 190.00 280.00 460.00 640.00 & above
White Topaz (वफ़ेद टोऩज) 60.00 90.00 120.00 240.00 410.00& above
Amethyst (कटे रा) 28.00 46.00 90.00 120.00 190.00 & above
Opal (उऩर) 28.00 46.00 90.00 190.00 460.00 & above
Garnet (गायनेट) 28.00 46.00 90.00 120.00 190.00 & above
Tourmaline (तुभर ा ीन) 120.00 140.00 190.00 300.00 730.00 & above
Star Ruby (वुमका ान्त भत्ण) 45.00 75.00 90.00 120.00 190.00 & above
Black Star (कारा स्टाय) 15.00 30.00 45.00 60.00 100.00 & above
Green Onyx (ओनेक्व) 10.00 19.00 28.00 55.00 100.00 & above
Lapis (राजलात) 15.00 28.00 45.00 100.00 190.00 & above
Moon Stone ( न्द्रकान्त भत्ण) 12.00 19.00 28.00 55.00 190.00 & above
Rock Crystal (स्फ़फटक) 19.00 46.00 15.00 30.00 45.00 & above
Kidney Stone (दाना फफ़यॊ गी) 09.00 11.00 15.00 19.00 21.00 & above
Tiger Eye (टाइगय स्टोन) 03.00 05.00 10.00 15.00 21.00 & above
Jade (भयग ) 12.00 19.00 23.00 27.00 45.00 & above
Sun Stone (वन सवताया) 12.00 19.00 23.00 27.00 45.00 & above
Note : Bangkok (Black) Blue for Shani, not good in looking but mor effective, Blue Topaz not Sapphire This Color of Sky Blue, For Venus
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 95 अप्रैर 2020 | अॊक 2

GURUTVA KARYALAY
YANTRA LIST EFFECTS
Our Splecial Yantra
1 12 – YANTRA SET For all Family Troubles
2 VYAPAR VRUDDHI YANTRA For Business Development
3 BHOOMI LABHA YANTRA For Farming Benefits
4 TANTRA RAKSHA YANTRA For Protection Evil Sprite
5 AAKASMIK DHAN PRAPTI YANTRA For Unexpected Wealth Benefits
6 PADOUNNATI YANTRA For Getting Promotion
7 RATNE SHWARI YANTRA For Benefits of Gems & Jewellery
8 BHUMI PRAPTI YANTRA For Land Obtained
9 GRUH PRAPTI YANTRA For Ready Made House
10 KAILASH DHAN RAKSHA YANTRA -

Shastrokt Yantra

11 AADHYA SHAKTI AMBAJEE(DURGA) YANTRA Blessing of Durga


12 BAGALA MUKHI YANTRA (PITTAL) Win over Enemies
13 BAGALA MUKHI POOJAN YANTRA (PITTAL) Blessing of Bagala Mukhi
14 BHAGYA VARDHAK YANTRA For Good Luck
15 BHAY NASHAK YANTRA For Fear Ending
16 CHAMUNDA BISHA YANTRA (Navgraha Yukta) Blessing of Chamunda & Navgraha
17 CHHINNAMASTA POOJAN YANTRA Blessing of Chhinnamasta
18 DARIDRA VINASHAK YANTRA For Poverty Ending
19 DHANDA POOJAN YANTRA For Good Wealth
20 DHANDA YAKSHANI YANTRA For Good Wealth
21 GANESH YANTRA (Sampurna Beej Mantra) Blessing of Lord Ganesh
22 GARBHA STAMBHAN YANTRA For Pregnancy Protection
23 GAYATRI BISHA YANTRA Blessing of Gayatri
24 HANUMAN YANTRA Blessing of Lord Hanuman
25 JWAR NIVARAN YANTRA For Fewer Ending
JYOTISH TANTRA GYAN VIGYAN PRAD SHIDDHA BISHA
26 YANTRA
For Astrology & Spritual Knowlage
27 KALI YANTRA Blessing of Kali
28 KALPVRUKSHA YANTRA For Fullfill your all Ambition
29 KALSARP YANTRA (NAGPASH YANTRA) Destroyed negative effect of Kalsarp Yoga
30 KANAK DHARA YANTRA Blessing of Maha Lakshami
31 KARTVIRYAJUN POOJAN YANTRA -
32 KARYA SHIDDHI YANTRA For Successes in work
33  SARVA KARYA SHIDDHI YANTRA For Successes in all work
34 KRISHNA BISHA YANTRA Blessing of Lord Krishna
35 KUBER YANTRA Blessing of Kuber (Good wealth)
36 LAGNA BADHA NIVARAN YANTRA For Obstaele Of marriage
37 LAKSHAMI GANESH YANTRA Blessing of Lakshami & Ganesh
38 MAHA MRUTYUNJAY YANTRA For Good Health
39 MAHA MRUTYUNJAY POOJAN YANTRA Blessing of Shiva
40 MANGAL YANTRA ( TRIKON 21 BEEJ MANTRA) For Fullfill your all Ambition
41 MANO VANCHHIT KANYA PRAPTI YANTRA For Marriage with choice able Girl
42 NAVDURGA YANTRA Blessing of Durga
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 96 अप्रैर 2020 | अॊक 2

YANTRA LIST EFFECTS

43 NAVGRAHA SHANTI YANTRA For good effect of 9 Planets


44 NAVGRAHA YUKTA BISHA YANTRA For good effect of 9 Planets
45  SURYA YANTRA Good effect of Sun
46  CHANDRA YANTRA Good effect of Moon
47  MANGAL YANTRA Good effect of Mars
48  BUDHA YANTRA Good effect of Mercury
49  GURU YANTRA (BRUHASPATI YANTRA) Good effect of Jyupiter
50  SUKRA YANTRA Good effect of Venus
51  SHANI YANTRA (COPER & STEEL) Good effect of Saturn
52  RAHU YANTRA Good effect of Rahu
53  KETU YANTRA Good effect of Ketu
54 PITRU DOSH NIVARAN YANTRA For Ancestor Fault Ending
55 PRASAW KASHT NIVARAN YANTRA For Pregnancy Pain Ending
56 RAJ RAJESHWARI VANCHA KALPLATA YANTRA For Benefits of State & Central Gov
57 RAM YANTRA Blessing of Ram
58 RIDDHI SHIDDHI DATA YANTRA Blessing of Riddhi-Siddhi
59 ROG-KASHT DARIDRATA NASHAK YANTRA For Disease- Pain- Poverty Ending
60 SANKAT MOCHAN YANTRA For Trouble Ending
61 SANTAN GOPAL YANTRA Blessing Lorg Krishana For child acquisition
62 SANTAN PRAPTI YANTRA For child acquisition
63 SARASWATI YANTRA Blessing of Sawaswati (For Study & Education)
64 SHIV YANTRA Blessing of Shiv
Blessing of Maa Lakshami for Good Wealth &
65 SHREE YANTRA (SAMPURNA BEEJ MANTRA)
Peace
66 SHREE YANTRA SHREE SUKTA YANTRA Blessing of Maa Lakshami for Good Wealth
67 SWAPNA BHAY NIVARAN YANTRA For Bad Dreams Ending
68 VAHAN DURGHATNA NASHAK YANTRA For Vehicle Accident Ending
VAIBHAV LAKSHMI YANTRA (MAHA SHIDDHI DAYAK SHREE Blessing of Maa Lakshami for Good Wealth & All
69 MAHALAKSHAMI YANTRA) Successes
70 VASTU YANTRA For Bulding Defect Ending
71 VIDHYA YASH VIBHUTI RAJ SAMMAN PRAD BISHA YANTRA For Education- Fame- state Award Winning
72 VISHNU BISHA YANTRA Blessing of Lord Vishnu (Narayan)
73 VASI KARAN YANTRA Attraction For office Purpose
74  MOHINI VASI KARAN YANTRA Attraction For Female
75  PATI VASI KARAN YANTRA Attraction For Husband
76  PATNI VASI KARAN YANTRA Attraction For Wife
77  VIVAH VASHI KARAN YANTRA Attraction For Marriage Purpose
Yantra Available @:- Rs- 325 to 12700 and Above…..
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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 97 अप्रैर 2020 | अॊक 2

वू ना
 ऩत्रिका भें प्रकासळत वबी रेख ऩत्रिका के असधकायक के वाथ शी आयत्षत शैं ।

 रेख प्रकासळत शोना का भतरफ मश कतई नशीॊ फक कामाारम मा वॊऩादक बी इन त्रल ायो वे वशभत शक।

 नात्स्तक/ अत्रलद्वावु व्मत्रक्त भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शैं ।

 ऩत्रिका भें प्रकासळत फकवी बी नाभ, स्थान मा घटना का उल्रेख मशाॊ फकवी बी व्मत्रक्त त्रलळेऴ मा फकवी बी स्थान मा
घटना वे कोई वॊफॊध नशीॊ शैं ।

 प्रकासळत रेख ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ, लास्तु, भॊि, मॊि, तॊि, आध्मात्त्भक सान ऩय आधारयत शोने के कायण मफद
फकवी के रेख, फकवी बी नाभ, स्थान मा घटना का फकवी के लास्तत्रलक जीलन वे भेर शोता शैं तो मश भाि एक वॊमोग
शैं ।

 प्रकासळत वबी रेख बायसतम आध्मात्त्भक ळास्त्रक वे प्रेरयत शोकय सरमे जाते शैं । इव कायण इन त्रलऴमो फक वत्मता
अथला प्राभात्णकता ऩय फकवी बी प्रकाय फक त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शैं ।

 अन्म रेखको द्राया प्रदान फकमे गमे रेख/प्रमोग फक प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल फक त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक
नशीॊ शैं । औय नाशीॊ रेखक के ऩते फठकाने के फाये भें जानकायी दे ने शे तु कामाारम मा वॊऩादक फकवी बी प्रकाय वे फाध्म
शैं ।

 ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ, लास्तु, भॊि, मॊि, तॊि, आध्मात्त्भक सान ऩय आधारयत रेखो भें ऩाठक का अऩना त्रलद्वाव
शोना आलश्मक शैं । फकवी बी व्मत्रक्त त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भें त्रलद्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ
सनणाम स्लमॊ का शोगा।

 ऩाठक द्राया फकवी बी प्रकाय फक आऩिी स्लीकामा नशीॊ शोगी।

 शभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे वबी रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय सरखे शोते शैं । शभ फकवी बी
व्मत्रक्त त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोकी त्जन्भेदायी नफशॊ रेते शैं ।

 मश त्जन्भेदायी भॊि-मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोको कयने लारे व्मत्रक्त फक स्लमॊ फक शोगी। क्मोफक इन त्रलऴमो भें
नैसतक भानदॊ डक, वाभात्जक, कानूनी सनमभक के त्खराप कोई व्मत्रक्त मफद नीजी स्लाथा ऩूसता शे तु प्रमोग कताा शैं अथला
प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकूर ऩरयणाभ वॊबल शैं ।

 शभाये द्राया ऩोस्ट फकमे गमे वबी भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ अन्म शभाये फॊधग
ु ण ऩय प्रमोग फकमे
शैं त्जस्वे शभे शय प्रमोग मा भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनत्द्ळत वपरता प्राद्ऱ शुई शैं ।

 ऩाठकक फक भाॊग ऩय एक फश रेखका ऩून् प्रकाळन कयने का असधकाय यखता शैं । ऩाठकक को एक रेख के ऩून् प्रकाळन
वे राब प्राद्ऱ शो वकता शैं ।

 असधक जानकायी शे तु आऩ कामाारम भें वॊऩका कय वकते शैं ।

(वबी त्रललादो केसरमे केलर बुलनेद्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)


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e गुरुत्ल ज्मोसतऴ 99 अप्रैर 2020 | अॊक 2

शभाया उद्दे श्म


त्रप्रम आत्त्भम
फॊध/ु फफशन
जम गुरुदे ल
जशाॉ आधुसनक त्रलसान वभाद्ऱ शो जाता शैं । लशाॊ आध्मात्त्भक सान प्रायॊ ब शो
जाता शैं , बौसतकता का आलयण ओढे व्मत्रक्त जीलन भें शताळा औय सनयाळा भें फॊध
जाता शैं , औय उवे अऩने जीलन भें गसतळीर शोने के सरए भागा प्राद्ऱ नशीॊ शो ऩाता
क्मोफक बालनाए फश बलवागय शैं , त्जवभे भनुष्म की वपरता औय अवपरता
सनफशत शैं । उवे ऩाने औय वभजने का वाथाक प्रमाव शी श्रेद्षकय वपरता शैं ।
वपरता को प्राद्ऱ कयना आऩ का बाग्म शी नशीॊ असधकाय शैं । ईवी सरमे शभायी
ळुब काभना वदै ल आऩ के वाथ शैं । आऩ अऩने कामा-उद्दे श्म एलॊ अनुकूरता शे तु
मॊि, ग्रश यत्न एलॊ उऩयत्न औय दर
ु ब
ा भॊि ळत्रक्त वे ऩूणा प्राण-प्रसतत्रद्षत स ज लस्तु
का शभेंळा प्रमोग कये जो १००% परदामक शो। ईवी सरमे शभाया उद्दे श्म मशीॊ शे
की ळास्त्रोक्त त्रलसध-त्रलधान वे त्रलसळद्श तेजस्ली भॊिो द्राया सवि प्राण-प्रसतत्रद्षत ऩूणा
ैतन्म मुक्त वबी प्रकाय के मन्ि- कल एलॊ ळुब परदामी ग्रश यत्न एलॊ उऩयत्न
आऩके घय तक ऩशो ाने का शैं ।
वूमा की फकयणे उव घय भें प्रलेळ कयाऩाती शैं ।
जीव घय के त्खडकी दयलाजे खुरे शक।

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