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Gurus Grace

जानते हो एक बार योगानंद जी के एक शिष्य हिमालय की यात्रा के लिए आये थे| रास्ते में
वे उनके रांची आश्रम में रुके और वहां उन्हें इतना अच्छा लगा कि वो यात्रा का विचार
छोड़कर आश्रम में ही रुक गए|
कुछ हफ़्तों में उन्हें ऐसा लगने लगा कि अब वो हमेशा के लिए वहीँ रहना चाहते हैं| लेकिन
एक दिन वो बहुत बीमार पड़ गए और उन्हें लगा कि शायद उन्हें अमेरिका जाना होगा|

एक साधु ने भी उन्हें अमेरिका जाने कि सलाह दी लेकिन वो बहुत कंफ्यूज थे| आखिरकार
एक रात वो आश्रम में गुरु के कक्ष में उनसे मार्गदर्शन की प्रार्थना करके ध्यान में बैठे| काफी
दे र तक ध्यान करने के बाद उन्हें भीतर से उत्तर मिला कि उन्हें अमेरिका लौट जाना
चाहिए| उनका मन एकदम शांत और संतुष्ट हो गया|

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