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वर्ष 2020 भारत और ववश्व- भाग 1

(लेखक-ज्योततर्ाचायष जग प्रसाद पाण्डेय,स्थान: लखनऊ, संपकष सत्र


ू : 7651895742)

वर्ष 2020 ववश्व के मानव समुदाय और मानव सभ्यता के ववकास क्रम में एक महत्वपूर्ष वर्ष साबित होगा आने
वाले कई वर्ों तक इसका प्रभाव हमें अर्षव्यवस्र्ा और मानव आचार- ववचार के पररवतषन के रूप में दे खने को
ममलेगा। सवषप्रर्म हम इस चीज पर गौर करें गे कक यह वर्ष इतना महत्वपूर्ष क्यों है? इसकी क्रमिद्ध वववेचना हम
करें गे किलहाल इस िात के संकेत हमने अपने पुर ाने लेख” िालाकोट की घटना “ के नाम से प्रकामित लेख में ककया
र्ा।

सवषप्रर्म हम वर्ष 2019-20 और 2020-21 की संवत्सर और जगत कंु डली की वववेचना से प्रारं भ करते हैं। 5 अप्रैल
2019ईस्वी से 23 माचष 2020ईस्वी तक पररधावी संवत्सर वव. सं. 2076 का समय रहा। यदद हम संवत्सर की
वववेचना करें तो पाएंगे की संवत्सर का राजा िनन है, और मंत्री सूयष हैं। ज्योनतर् में यह संयोग अच्छा नहीं माना
जाता है । कहा गया है

“ राजा रवव व मंत्री िनन ---- वपता, पुत्र संयोग ।

युद्ध, उपद्रव व अग्नन भय---- जग में िाढे रोग।।“

िहुत अधधक गहराई में ना जाते हुए केवल इस िात पर जोर दें गे की यह संयोग भय, हानन ,आपदा, पथ्
ृ वी पर कष्ट
का वातावरर् ,पडोसी दे िों से कटु संिंध, राजनैनतक एवं सामाग्जक जीवन में असंतोर्, जनता को कष्ट प्रदान करने
वाला है।पररधावी संवत्सर लागू होने के समय की कंु डली को ध्यान से दे खें तो यह पता चलेगा कक संवत्सर के
अंनतम चरर् में जन-धन हानन एवं आसुरी प्रववृ ियों के कारर् राष्रीय या वैग्श्वक आपदा का संयोग ददखाई दे ता है ।

अि हम पररधावी संवत्सर में मेर् संक्रांनत के अवसर पर ददनांक 14 4 2019 को समय दोपहर 2:09 पर स्र्ान--
लखनऊ के दहसाि से जगत कंु डली िनाकर दे खें तो हम ननम्नमलखखत ननष्कर्ष ननकाल सकते हैं।

प्रर्म, चंद्रमा व्ययेि होकर व्यय भाव में ही ग्स्र्त है अतः यह जनता या जनहानन के संकेत दे ता है दस
ू रा,
अष्टमेि एवं पंचमेि गुरु पंचम भाव में र्ष्ठे ि िनन के सार् ग्स्र्त होकर एकादि भाव में ग्स्र्त राहु से पूर्ष दृग्ष्ट
संिंध िना रहा है क्योंकक गुरु की मीन रामि अष्टम भाव में है इसमलए संवत्सर के अंनतम भाग में अष्टमेि का
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िल सिलीभूत होगा संवत्सर के प्रारं भ में गुरु पंचमेि का िल दे गा। तीसरा ,र्ष्ठे ि िनन अष्टमेि गुरु और एकादि
भाव में राहु की दृग्ष्टसंिंध ककसी भीर्र् ववर् या ववर्ार्ु जननत िीमारी अर्वा ित्रु द्वारा र्ड्यन्त्त्र की ओर संकेत कर
रहा हैं। यहां एकादिेि और द्ववतीयेि िुद्ध अष्टम भाव में ग्स्र्त है । अतः दे ि एवं ववश्व के िैंककं ग क्षेत्र,आय
अजषन, िाइनेंस सेक्टर की गनतववधधयों में िाधा,संधर्ष और नवीन माडल के प्रयोग का अवसर होगा ।

यहां यह भी ध्यान दे ने योनय िात है नवंिर 2019 ईस्वी से जुलाई 2020 ईस्वी के िीच मंगल गुरु और िनन
पथ्
ृ वी के सिसे करीि की ग्स्र्नत में धीरे -धीरे आएंगे(Perigee aspect)HL Cornell ने अपनी ककताि “इनसाइक्लोपीडडया
ऑि मेडडकल एस्रोलॉजी “में मलखा है कक जि जि सौर मंडल के प्रमुख ग्रह जैसे िनन, गुरु, मंगल आदद सूयष के
ननकट(perihelion) अर्वा पथ्
ृ वी के ननकट(perigree) ग्स्र्नतयों में पहुंचते हैं ति- ति पथ्
ृ वी पर महामारी जैसी ग्स्र्नत
िनती है क्योंकक यह ग्स्र्नत नवंिर 2019ईस्वी से िनी है । अतः कोई ना कोई महामारी िैलने की संभावना प्रिल है
और यह लगभग जुलाई 2020 के िाद ही प्रभावहीन होना िुरू होगी ।

इसी िीच हम िताना चाहें गे की 26 ददसंिर 2019ईस्वी को सूयष ग्रहर् की ग्स्र्नत िनी और पुनः 10 जनवरी
202019ईस्वी को चंद्र ग्रहर् की ग्स्र्नत सौरमंडल में िनी आपको पता ही है कक सूयष ग्रहर् और चंद्र ग्रहर् का प्रभाव
लगभग 6 महीने तक होता है , परं तु इसका तीव्र प्रभाव ग्रहर् के आगे पीछे 15 ददनों तक रहता है ग्जसके कारर्
राष्र में या ववश्व में ककसी िडे नेता या प्रभाविाली व्यग्क्त की मत्ृ यु भी हो सकती है आपको पता ही है कक ईरान के
एक िडे सैननक कमांडर को इसी दौरान अमेररका द्वारा मार धगराया गया और इसी ददसम्िर 2019ईस्वी के अंनतम
ददनों से ही कोरोना नामक ववर्ार्ु चीन के वुहान प्रांत में धीरे -धीरे सकक्रय होने लगा और आगे चलकर माचष, अप्रैल
2020ईस्वी के महीने में पूरे ववश्व को अपनी चपेट में लेकर एक महामारी का रूप धारर् कर मलया ग्जसमे लाखों
लोगों की जान चली गई ।

अि हम लोग अपने अगले चरर् में वर्ष 2020- 21 के संवत्सर और इस संवत्सर में मेर् संक्रांनत पर जगत कंु डली
पर दृग्ष्ट डालें तो कुछ अधधक तथ्य समझ में आएंगे। 24 माचष 2020ईस्वी को दोपहर 2:58 पर प्रमादी संवत्सर
वव. सं. 2077 लागू हो रहा है। ननर्षय मसंधु के अनुसार के अनुसार 25 माचष ददन िुधवार को नव संवत्सर का प्रारं भ
माना जाएगा इस प्रमादी संवत्सर का राजा िुध और मंत्री चंद्र है। अि हम जानते हैं कक चंद्रमा िुद्ध से ित्रुता
नहीं रखता है, परं तु िुध चंद्रमा के प्रनत ित्रु भाव रखता है ।संवत्सर की कंु डली पर ध्यान दें तो हमें ज्ञात होता है
कक संवत्सर का राजा िुध तृतीय और द्वादि भाव का स्वामी होकर के स्वयं अष्टम भाव में राहु के ितमभर्ा नक्षत्र
और िनन की कुम्भ रामि में ग्स्र्त है और राहु द्वारा नवम दृग्ष्ट से दृग्ष्टत भी है । लननेि चंद्रमा भानय भाव में
ग्स्र्त है परं तु उस पर िनन की तीसरी दृग्ष्ट पड रही है और यहीं पर सूयष भी है अत: राजा और जनता दोनों की
ग्स्र्नत िहुत अच्छी नहीं है। िुद्ध चंद्रमा और सूयष की इस प्रकार की ग्स्र्नत दे ि ववदे ि में आतंकवाद, र्ड्यंत्र, जन-

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धन हानन और दै वीय आपदा के संकेत दे रहा है संपूर्ष समाज मैं ववद्वेर् की प्रववृ ियां िढें गी जनता में भय व्याप्त
रहेगा और ववश्व के कई प्रमुख राष्र युद्ध के मलए तत्पर रहें गे।

अि हम लोग प्रमादी संवत्सर के ददनांक 13 4 2020ईस्वी को जि सूयष ने मेर् रामि में प्रवेि ककया,समय िाम
8:23 पर स्र्ान लखनऊ के आधार पर यदद हम जगत कंु डली िनाएं तो हमें तुला लनन की कंु डली प्राप्त होती है
इस कंु डली में िुध भानय और व्यय भाव का स्वामी होकर छठे भाव में ग्स्र्त है यहां पर भी चंद्रमा तत
ृ ीय भाव में
केतु के सार् ग्स्र्त है गुरु िनन और मंगल चतुर्ष भाव में मकर रामि में ग्स्र्त है और कमष भाव पर अपनी पूर्ष
दृग्ष्ट डाल रहे हैं। लननेि िुक्र स्वयं अपनी वर्
ृ रामि में अष्टम भाव में ग्स्र्त है । ये सभी ग्स्र्नतयां जनता में भय
,कायषक्षेत्र में, व्यापार में, और अर्षव्यवस्र्ा में संघर्ष को ननरूवपत करता है और यह ददखाता है कक लननेि अष्टम
भाव में है अतः हानन के पश्चात उसकी क्षनतपूनतष िहुत कम मात्रा में ही संभव हो पाएगी।प्रमादी संवत्सर के उिराधष
में ववश्व के प्रमुख दे िों के िीच संघर्ष की ग्स्र्नत अपनी चरम सीमा पर हो सकती है । क्योंकक 5 जून 2020ईस्वी
को चंद्र ग्रहर् होगा। पुनः 21 जून 2020ईस्वी को सूयष ग्रहर् होगा। और 5 जुलाई 2020ईस्वी को पुनः चंद्र ग्रहर्
होगा और इस दौरान या इसके आसपास िनन, गुरु,,िुक्र,िुद्ध और राहु-केतु सदहत 6 ग्रह अपनी वक्री दिा में चल
रहे होंगे। 30 जून 2020ईस्वी से 20 नवंिर 2020ईस्वी तक िनन और गुरु पुनः उसी प्रकार एक दस
ू रे से 2/12 की
ग्स्र्नत में होंगे जैसा कक वह 24 जनवरी 2020ईस्वी से 31 माचष 2020ईस्वी तक के िीच र्े जि कोरोना की
समस्या ने ववकराल रूप र्ारर् ककया। ध्यान दे ने वाली िात यह है की 20 जुलाई के आसपास मंगल, िनन और गुरु
पथ्
ृ वी के सिसे ननकट ग्स्र्नत में भी होंगे जैसा कक पहले िताया जा चुका अंतः महामारी का सिसे टॉप पीररयड
होगा। 20 जुलाई 2020ईस्वी के िाद महामारी के ग्स्र्नत धीरे -धीरे कमजोर पडने लगेगी और इससे प्रभाववत दे ि और
नागररक राहत महसूस करें गे ति तक इसकी दवा भी ढूंढ ली जाएगी लेककन दवा का व्यापक प्रयोग 16 ददसंिर
22020ईस्वी के िाद ही संभव हो पाएगा। यहां एक वविेर् िात ध्यान दे ने योनय है ग्जस समय पहली िार 22 माचष
2020ईस्वी को जि एक ददन का लांक डाउन लागू ककया र्ा उससे ठीक एक ददन पहले 21 माचष 2020ईस्वी को
िाम से ही पंचक लग गया र्ा। ज्योनतर् के ननयमानुसार यदद कोई कायष पंचक में पहली िार ककया जाए तो एक से
अधधक लगभग 5 िार पुनः वही कायष दि
ु ारा करना पडता है ऐसा मसद्धांत है।इस ननयमानुसार लांक डाउन 5 िार
भारत में दोहराया जा सकता है ऐसी सम्भावना मेरे द्वारा वयक्त की गई र्ी। अि जि चार िार (22माचष, 24 माचष
से 14 अप्रैल तक,15 अप्रैल से 3 मई तक,4 मई से 17 मई तक) लागू ककया जा चुका है और िाद में भी इसके
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आंमिक तौर पर िढाये जाने की पूरी संभावना है ऐसी ग्स्र्नत में उक्त पंचक ननयम की पूरी तरह से पुग्ष्ट होती
ददखाई पड रही हैं। अतः ज्योनतर् के आदद ननयम सदै व ही मानव जीवन के मलए एक मागष दिषक या ज्योनत के
रूप में उपलब्ध हैं । इसके कई साक्ष्य िास्त्रो, पुर ार्ों,रामायर्, महाभारत, वेद और उपननर्दों आदद ग्रंर्ो के सार्
सार् ही ववश्व के कई महत्वपूर्ष पुस्तकों एवं सनातन धमष के अलावा ववश्व के कई प्रमुख धमष ग्रंर्ो में प्रमार् सदहत
उपलब्ध हैं ।

अि हम लोग वर्ष 2020ईस्वी को अंक ज्योनतर् के दृग्ष्टकोर् से दे खते हैं तो 2020 के अंकों का योग 2+2=4 होता
है। यह 4 राहु का अंक है। अर्ाषत यह पूरा वर्ष राहु से प्रभाववत रहेगा ध्यान दे ने योनय िात यह भी है कक 2020 एक
लीप वर्ष भी है । और इसमें सनातन वैददक गर्ना के अनुसार अधधमास या पुरुर्ोिम मास का प्रभाव भी सग्म्ममलत
है कई ज्योनतवर्यों का ऐसा मानना है कक लीप वर्ष या अधधमास सग्म्ममलत वर्ष में ऐनतहामसक और आपदाओं वाली
घटनाएं जन्त्म लेती हैं उदाहरर् के मलए हम ईस्वी 2016 2012, 2008, 2004, 2000, 1996, 1992, 1988 ,1984
आदद से आगे िढ़ते हुए लीप वर्ों में हुई प्रमुख घटनाओं पर ध्यान केंदद्रत कर इस तथ्य की पुग्ष्ट सकते हैं ।

इस पररचचाष के अगले चरर् में हम लोग िनन और प्लूटो का मकर रामि में होना और उसका ववश्व की ऐनतहामसक
घटनाओं में प्रभाव को समझने का प्रयास करें गे क्योंकक इस समय यह दोनों महत्वपूर्ष ग्रह मकर रामि में ही ग्स्र्त
है इन ग्रहों के सार् जुडी घटनाओं को ऐनतहामसक तथ्यों से भी पुग्ष्ट करें गे।

संदभष ग्रंर्:

1-नक्षत्रवार्ी पंचाग ,वव.सं.2076 एवं 2077,लखनऊ उ.प्र.।

2.ठाकुर प्रसाद पंचाग , वर्ष 2018 _19 ईस्वी एवं 2019_20ईस्वी,वारार्सी,उ.प्र।

3. Encyclopaedia of medical astrology by H.L.CORNELL.

4. िह
ृ द पारािर होरा िास्त्र, लेखक पं पद्मनार् िमाष ।

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