नवमांश कुंडली विवेचना 〰?〰?〰?〰 कुंडली के बारे मे - ज्योतिष - कुंडली ज्ञान - mymandir

You might also like

You are on page 1of 3

mymandir Instagram

इ ं टॉल कर
धा मक सोशल नेट वक

Instagram
Capture moments.

इं टॉल कर

दे व शमा उपा याय May 12, 2019


ह रहर कै लाश ानपीठ

नवमांश कुंडली ववेचना 〰🌼〰🌼〰🌼〰 कुंडली के बारे म जानते- पढ़ते


समय नवमांश कुंडली का ज आप लोग ने कई बार सुना होगा। मन म ये
अव य आया होगा क ये नवमांश कुंडली आ खर है या ? कई ज ासु पाठक व
कई म जो यो तष म च रखते ह वे कई बार आ ह कर चुके ह क आप नवमांश
कुंडली पर भी कुछ कह। या होती है ?कैसे बनती है आ द। सामा यतः आप सभी
को ात है क कुंडली म नव भाव को भा य का भाव कहा गया है। या न आपका
भा य नवां भाव है। इसी कार भा य का भी भा य दे खा जाता है , जसके लए
नवमांश कुंडली क आव यकता होती है। जाग क यो तषी कुंडली स ब धी कसी
भी कथन से पहले एक तरछ नवमांश पर भी अव य डाल चुका होता है। बना
नवमांश का अ यन कये बना भ व यकथन म चूक क संभावनाएं अ धक होती ह।
ह का बलाबल व उसके फ लत होने क संभावनाएं नवमांश से ही ात होती ह।
ल न कुंडली म बलवान ह य द नवमांश कुंडली म कमजोर हो जाता है तो उसके
ारा दए जाने वाले लाभ म संशय हो जाता है। इसी कार ल न कुंडली म कमजोर
दख रहा ह य द नवमांश म बली हो रहा है तो भ व य म उस ओर से बे फ रहा
जा सकता है , य क ब त हद तक वो वयं कवर कर ही लेता है। अतः भ व यकथन
म नवमांश आव यक हो जाता है। नवमांश कुंडली फलादे श ( ीजातक वचार) 〰
〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 👉   जस रा श का जो नवांश हो वह उस
रा श के बल से अ धक बली होता है। अथात ज मल न क रा श से नवांशल न क
रा श अ धक बली होती है। रा श क बलता से नवांश भी तदनु प बल होता है।
य द रा श म यम बली हो, तो नवांश भी म यम बली होता है। इसका फ लत म सव
यान रखना चा हये। 👉  नवांश अ धप त वनवांश मे हो या अपनी रा श या उ च
रा श म अ य वग मे हो अथवा शुभ ह से यु या हो, तो जातक अतुल गुणवती
उ म वभाव सु दर ी को बना याश ा त करता है।   👉
 नवांश का वामी य द
बली होकर के मे थत हो, तो 16 वष क आयु अथात त ण अव था म ववाह हो
जाता है। य द बली नवांशेश कोण मे हो, तो 25 वष क आयु अथात युवाव था मे
ववाह होता है। य द नवांशेश बली होकर कोण के अ त र अनु अ य थानो मे
हो, तो 26 से 30 वष क अव था मे या ौढ़ अव था मे ी सुख ा त होता है।  👉
 नवांश ल न मे पाप ह का योगा दक हो तथा स तम भाव के नवांश पर पाप ह
का योगा दक हो या स तम भावगत नवांश पर पाप ह का योगा दक हो, तो जातक
का ववाह नही होता है।  👉 नवमांश जो ह बलवान (वग मी, उ च, वरा श या
अ य कार) होकर थत हो वह उतना ही उ म एवं शुभ फल दे ता है।  👉
 नवांश
ल न का वामी सूय हो, तो ी प त ता, उ कृ त वाली। च मा हो, तो ी शा त
कृ त, पवती। मंगल हो, तो ी ू र वभाव वाली, आचरणहीन। बुध हो, तो चतुर,
सुंद री, कसीदे आ द मे नपुण। गु हो, तो सदाचारणी, नयम त मे चवान।  शु
हो, तो ी ृंगार य, चतुर, शौक न, भोग वलास मे वीण, आचरणहीन होने का
भय। श न हो, तो ू र वभाव वाली, नीच संग त वाली, प त के व वचार वाली।
रा कवा केतु हो, तो ी गु त राचार करने वाली, ा, कु टला, प त व आचरण
👉
करने वाली होती है।   नवांश ल न का वामी य द य थान मे हो, तो जातक
प नी से संतु नही होता है। नवांशेश पाप ह हो या पाप ह से हो, तो जातक क
ी झगड़ालू होती है। नवांशेश ज म कुंडली मे शुभ ह हो या शुभ ह से या युत
हो या वरा श थ हो या के , कोण मे हो, तो जातक को ी का पूण सुख मलता
👉
है।   ज म कु डली मे नवमांश का वामी तीयेश या नवमेश या एकादशेश के
साथ युत हो, तो जातक को सुसराल से लाभ या यो से लाभ होता है। य द
नवमांशेश पाप ह से युत या हो, तो उतनी ही य का नाश या उतने ही स ब ध
👉
छू टते है।  नवांश का वामी य द ज मांग मे तीय थान मे हो, तो ववाह बाद
धन मलता है। नवांशेश य द वरा श थ हो या 3, 5, 9, 10 वे थान मे हो, तो
भा यशाली ी का लाभ होता है।  👉  नवांश वामी ज म ल न मे छठवे या आठवे
हो, तो ी का वयोग या हा न होती है। ज म ल नेश श ु या नीच नवांशगत हो, तो
ी हा न या ववाह मे बाधा आती है। ज म ल न का वामी जस थान मे हो उसके
नवांशप त के गृह मे जब गोचर गु आवे तब ी लाभ होता है। मता तर अनुसार भी
नवमांश से ी भाव या न स तम थान का वचार  कया जाता है।  इससे ी का
आचरण, वभाव, चे ा भृ त दे खना चा हये।  नवांश ल न का वामी सूय हो, तो ी
प त ता, उ वभाव वाली होती है।  च मा हो, तो शीतल वभाव, गौरवण,
मलनसार, सु दर, चंचल होती है। मंगल हो, तो ी कुलटा, लड़ाकू, ू र वाभाव क
होती है। नवांश ल न का वामी बुध हो, तो ी हंसमुख, चतुर, च कार, सु दर
आकृ त, श प व ा मे नपुण होती है। गु हो, तो पीतवण, ानवती, शुभ आचरण
करने वाली, प त ता, सौ य वभाव, धा मक वृ वाली, त-तीथ करने वाली होती
है। नवांश ल न का वामी शु हो, तो ी चतुर, ंगार य, वलासी, काम ड़ा मे
वीण, गौरवण, र त सुख दा होती है। श न हो, तो ू र वभाव वाली, कुल व
आचरण करने वाली, याम वण, नीच संग त रत, प त से वरोध करने वाली होती है। 
य द नवांश ल नेश रा या केतु से युत हो, तो ी राचा रणी, कुलटा, ा होती है। 
नवांश ल न का वामी शुभ ह हो, वरा श थ के या कोण मे हो, जातक को पूण
ी सुख मलता है।  नवमांश ल न का वामी नवमेश (भा येश) के साथ 9, 11 वे
थान मे उ च का होकर थत हो, तो यो से अनेक कार के लाभ और सुसराल से
धन मलता है।  नवांश ल न का वामी पाप ह से युत या होकर 6, 8, 12 वे थान
मे हो, तो जातक को ी सुख नही होता है। यह योग  जतने पाप ह से युत या हो
👉
उतने ही यो का नाश करने वाला होता है।  यान द  यह पु ष जातक हेतु
फलादे श है।  इसे ही ी जातक हेतु लेवे। जो योग  पु ष जातक मे ी सूचक है वे
ही ी जातक मे पु ष सूचक होगे। एवं उपरो   फ लत  नवमांश ल न (नवमांश
कुंडली का थम थान ) के वामी के स दभ से कहा गया है। इसे नवमांश कुंडली 
का स तम भाव  के स दभ  से नही  समझे।   मशः अगले लेख म नवमांश कुंडली
फलादे श संबं धत अ य वषय पर चचा करगे। पं दे वशमा 〰🌼〰🌼〰🌼〰
🌼〰🌼〰🌼〰🌼〰🌼〰🌼〰
यो तष कुंडली ान

+7 त या 0 कॉमट् स • 11 शेयर

 शेय र कर  शेय र कर

स बं धत पो ट् स दे ख

You might also like