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Six Ki का व प:-

येक Six Ki का अपना ही एक अलग सव प होता है जो िक देवलोक क देन


होती है।
1 Wind वायु
वायु िजसका ना कोई रं ग ना कोई आवाज तथा ना ही कोई सुगंध होती होती है वायु
एक चलने वाली उजा/ है। येक प0रवत/ न तथा ि1या का आरं भ चाल से ह3 आ
करता है। इसिलये हर एक घटना तथा प0रवत/ न क शु8आत के िलये वायु उजा/ क
ज़ रत पड़ती है जब सभी जीिवत चीज़< ल=बी सिद/ य> के कारावास से मु@ होती हA
और उनमे संचािलत होने क योCयता आती है तब वसंत ऋतु क शु8आत होती
है। येक घटना क शु8आती अव था वायु से स=बंिधत होती है।
वायु पांच त व के अनुसार Wood (काG) से स=बंिधत होती है िजसके इस तरह के
कई एक िवशेषताय< और गुण होते हA।
जैसे वष/ के मौसम के प मे वसंत,देह के अंग के प मे मसल Muscle,जीवन च1
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के प मे जVम,कारण गितिविध के प मे वतंW अथा/ त् Originality,मनोिवकार
के प मे 1ोध Anger,रं ग के प मे हरा (_ीन), वाद के प मे खaा,यह सब Six
Ki क वायु से संबिधत हA। जब हवा आती है तो सब चीज़< िहलने लगती हA और नमी
को उड़ा कर ले जाती है।यिद मनुbय वायु से भािवत होता तब वह एका_ता से
मु@ होकर वयम् को हcका महसस ू करने लगता है और जब ये ही वायु गहराई मे
चली जाती है तब शरीर क मसल णाली भािवत हो जाती है तथा 1ोध के लeण
और मानिसक ि थरता क eित हो जाती है।
Wind वायु Humidity नमी को कम करती है और वयम् Dryness सख ू ेपन के iारा
कम हो जाती है।
वायु दो कार क होती है एक ियन और दूसरी यांग। जब वायु हcक ,उ=मीद के
मुतािबक,वसंत के दौरान अपेिeत होती है तब इसका स=बंध ियन से होता है और
जब वायु के तेज झ>के होते हA और अ यािशत होते है तब इसका स=बंध यांग से
होता है।
ियन वायु क िलवर के iारा और यांग वायु क गाल kलेडर के iारा आपिू त/ होती
है।
2 Heat उbमा:-
उbमा प0रसंचालन च1 के अनुसार िवंड उजा/ के बाद होती है।उbमा यांग वभाव से
आ1ामक होती है िजसका प0रणाम िव तार करना होता है यह िसकुड़न को
Subjugation अथा/ त् अधीनता के िनयम अनुसार रोकती है उbमा सख ू ेपन को कम
करती है और ठं डक उजा/ से वयम् कम हो जाती है।
पांच त व के अनुसार उbमा का स=बंध अिCन त व से होता है और अिCन के गुण
उbमा के गुण होते हA जैसे:- वष/ के मौसम के प मे _ीbम गमq, णाली के प मे
Circulation System, शरीर के घटक के प मे Heart & Blood Vessel,जीवन च1
के प मे िवकास,मनोभाव के प मे खुशी,गितिविध के प मे आकांeा, वाद के
प मे कडुवा वाद,रं ग के प मे लाल Red ये सभी उbम उजा/ से स=बंिधत हA।
जब जीव> मे उbमा क उwपती होती है तब वह जीवंत हो उठते हA। उनक गित तेज
तथा सि1य हो जाती है पौधे तथा जानवर तेजी से बढ़ने लग जाते हA तथा गमq के
मौसम मे फुतqले भी हो जाते हA। उbमा खुशी का एक मुzय कारण है िजसके iारा
ि1या के िलये बल इ{छा क उ प}ी होती है।
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जो लोग उbमा से _ त होते हA वह लोग वही काय/ करते हA जो वह करना चाहते हA
उनमे ~ान क कमी होती है िजसके कारण वह उिचत िनण/ य नह• कर पाते इसके
साथ-साथ ऐसे लोग अ यिधक मह वाकांeी भी होते हA।ऐसे लोग> का शरीर उbमा
के रहते सज ू ा ह3 आ भी हो सकता है।
च1नुसार उbमा िवंड के बाद आती है और गमq का िनमा/ ण करती है। उbमा दो
कार क होती है एक ियन उbमा तथा दूसरी यांग उbमा । जब उbमा तीव् तथा
उ=मीद के मुतािबक होती है तब इसका स=बंध ियन उbमा से होता है और जब यह
कम समय मे उ_ वा अ यािशत होती है तब इसका स=बंध यांग उbमा से होता है।
ियन उbमा क आपिू त/ हाट/ तथा यांग उbमा क आपिू त/ छोटी आंत के मे0रडीअन के
iारा होती है।
3 हॉटने स उजा/ िसƒस क सक/ ु लेशन के अनुसार हीट के बाद आती है जब हीट
अिधक समय रहते ह3 ए इक„ी हो जाती है तब वह हॉटने स का प ले लेती है
हॉटने स एक कार से प0रपƒवता क अव था होती है सभी जीिवत चीज़< जब
हॉटने स क अव था मे पह3 ंचती हA तब वह सब प0रपƒवता के समिVवत जीव
कहलाते हA।
वष/ के प मे इसक ऋतु म…य _ीbम् होती है, शरीर के घटक के प मे इसका
स=बंध नव/ स िस टम से होता है, जीवन च1 के अनुसार यह अव था िवकास क
होती है, मनोभाव के प मे यह अव था खुशी से स=बंिधत होती है, गितिविध के
कारण इसका स=बंध मह वकांeा से होता है, वाद मे इसका स=बंध कडुवे से होता
है, रं ग मे इस उजा/ का स=बंध संतरी से है।
हॉटने स उजा/ †ाइने स को कम करती है और खुद कोcडनेस के iारा कम हो
जाती है। अिधक हॉटने स हो जाने पर पसीना और ‡यास लगती है, यह अ8िच का
भाव पैदा करती है,अिधक हॉटने स होने पर शि@ eीण हो जाती है तथा शरीर मे
अ यिधक गैस बनती है। अ यिधक हॉटने स से इ{छा शि@ लुˆ हो जाती है और
‰यि@ आलसी हो जाता है। मनोभाव के तर पर खुशी उदासी को कम करती है।
हॉटने स दो कार क होती है एक ियन हॉटने स तथा दूसरी यांग हॉटने स। जब
हॉटने स ि थर तथा उ=मीद के मुतािबक होती है तब यह ियन हॉटने स होती है
और जब यह शि@शाली,अcपकालीन और अ थाई होती है तब यह यांग हॉटने स
कह लाती है।
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ियन हॉटने स Šेन से तथा यांग हॉटने स पाइनल कॉड/ से ाˆ होती है।
4 HUMIDITY नमी:-
•िू मिडटी िसƒस Ki क वह उजा/ है जो गिम/ य> के अंत मे तथा वषा/ ऋतु मे अपना
शासन करती है। •िू मिडटी वह िबVदु है जहां से िसƒस Ki के संचरण के च1 के
अनुसार िगरावट का आर=भ हो जाता है। नमी हॉटने स से िमल कर †ाइने स क
अव था उ पVन करती है।
जब हॉटने स क अव था मे पानी वाbप के प मे इक„ा हो जाता है अथा/ त् जब यह
प0रपणू / ता के िबVदु पर पह3 ंच जाता है तब वषा/ का आर=भ हो जाता है। वषा/ ऋतु के
दौरान सभी व तुय< नमी से लबालब हो जात• हA, निदय> मे सैलाब आ जाता
है,गीलापन सख ू कर सज ू न मे प0रवित/ त हो जाता है।
इस उजा/ का स=बंध वष/ के देरी वाले _ीbम् से है, शरीर के घटक के प मे यह उजा/
माँस (Fat & Lymph वसा तथा लािसका) से स=बंिधत है, जीवन च1 के िहसाब से
यह अव था समिृ ध क अव था होती है, मनोभाव के अनुसार इस अव था मे ‰यथा
का भु व होता है, गितिविध का कारण अिधक सोचना होता है, वाद अनुसार यह
उजा/ मीठे से स=बंध रखती है और इस उजा/ का रं ग पीला है।
जब ‰यि@ नमी से ‰याकुल होता है तब उसको भारीपन तथा थकान महसस ू होती
है यहाँ तक िक उठकर चलने का मन ही नह• करता है,वसा िक परत< बढ़ जाती हA।
इस अव था मे धीमी दद• बढ़ने लगती हA।
वषा/ ऋतु के दौरान फफं ू दी सड़ने के कारण से बढ़ने लगती है। इस उजा/ का एक
मुzय लeण खुजली होता है मनोभाव के तर से जब •िू मिडटी बढ़ जाती है तब
इस अव था मे िचंताय< तथा ‰यथाएं भी बढ़ने लगती हA इस अव था मे मानिसक
तथा अ…याि मक ि1याएं अपने िशखर के तर पर ह3 आ करती हA।
नमी कोcडनेस को कम करती है और खुद िवंड के iारा कम होती है।
•िू मिडटी दो कार िक होती है एक ियन •िू मिडटी तथा दूसरी यांग •िू मिडटी।
ि थर तथा उ=मीद के मुतािबक िक •िू मिडटी ियन होती है और अcप,अ थाई तथा
शि@शाली •िू मिडटी यांग •िू मिडटी कहलाती है। हमारे शरीर मे ियन •िू मिडटी
िक आपिू त/ ‡लीन करती है और यांग •िू मिडटी िक आपिू त/ टमक करता है।
5 †ाइने स उजा/ का पतझड़ क ऋतु मे अिधक भु व होता है †ाइने स उजा/ का
आगमन कृित के अनुसार •िू मिडटी के बाद होता है सभी पेड़-पौधे धीरे धीरे
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मुरझाने लगते हA सभी ि1याएं मधम् पड़ जाती हA सभी जैिवक णािलयाँ भी धीमी
हो जाती हA।
†ाइने स का स=बंध पांच त वनुसार मेटल से होता है
वष/ क ऋतु पतझड़ होती है इस उजा/ के शरीर से स=बंध रखने वाले घटक ि कन
और बाल होते हA जीवन के च1नुसार †ाइने स अव था Atrophy eय (िसकुड़न)
क होती है यह अव था मनोभाव के प मे Sadness उदासी क होती है यह कारण
गितिविध के अनुसार इ{छा यानी क Will से स=बंिधत है। †ाइने स उजा/ का
स=बंध तीखे वाद से होता है तथा इलाज़ के िलये इसका रं ग भरू ा होता है।
जब शरीर पर †ाइने स क अिधकता होती है तब इस कार के लeण िदखाई
पड़ते हA; खी वचा, xeroderma अथा/ त् खी वचा का रोग, ƒलरोिसस का
रोग,वजन का घट जाना,झु0र/ यां पड़ना,बाल> का सफेद होना,ि˜य> मे रजोिनविृ त
का होना,तेज दद/ लेिकन सहने वाली होना।
†ाइने स दो तरह क होती है एक ियन †ाइने स दूसरी यांग †ाइने स। िन य
लगातार और उ=मीद के मुतािबक वाली †ाइने स को ियन †ाइने स कहते हA तथा
अ थाई ती™ अ यंत रहने वाली †ाइने स को यांग †ाइने स कहते है।
ियन †ाइने स क आपिू त/ लंCज़ मे0रडीअन के iारा तथा यांग †ाइने स क आपिू त/
बड़ी आंत के मे0रडीअन के iारा होती है।
6 Coldness
कोcडनेस पांच त व क वह उजा/ है िजसका शरद ऋतु मे भु व होता है जो
†ाइने स उजा/ के बाद आती है जब सय ू / प›ृ वी से दूर चला जाता है। सिद/ य> मे सभी
चीज़< एक कार से ठहर सी और िसकुड़ सी जाती हA तरल पदाथ/ ाय: ठहर जाते हA
कई जीव कोcडनेस से बचने के िलये अपने आप को ज़मीन के नीचे छुपा लेते हA
िनœा तथा मौत कोcडनेस के तुcय हA ƒय>िक शरीर का तापमान िगर कर ठं डा हो
जाता है।
कAसेर,पुरानी अलसर,sclerosis जैसी बीमा0रय> के अंितम चरण क अव था
कोcडनेस उजा/ के लeण ही होते है सिद/ य> मे सब कुछ ठं डा और कठोर हो जाता
है।
वष/ क ऋतु शरद ऋतु है, इस उजा/ का स=बंध शरीर क हड्िडय> से होता है,जीवन
च1 के प मे यह उजा/ म ृ यु तथा बुढापे से स=बंिधत होती है इस उजा/ का MALIK
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मनोभाव Fear अथा/ त भय होता है इस उजा/ क गितिविध का कारण Wisdom
अथा/ त् बुि…धम}ा होता है,यह उजा/ नमक न वाद से स=बंिधत होती है,इलाज़ के
िलये इस उजा/ का रं ग काला ह3 आ करता है। कोcडनेस Subjugate हीट अथा/ त् यह
हीट को कम कर देती है और खुद •िू मिडटी से कम हो जाती है।
कोcडनेस दो कार क होती है एक ियन कोcडनेस तथा दूसरी यांग कोcडनेस।
ियन कोcडनेस क आपिू त/ िकड्नी तथा यांग कोcडनेस क आपिू त/ य0ू रनरी
kलेडर के मे0रडीअन करते हA।
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