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नियमित अभ्यास करने से पत्थर पर भी लकीर बनाई जा सकती है : प्रो.

उषा अरोड़ा

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हिसार : 30 मई 2020 : गरू


ु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के हरियाणा स्कूल
ऑफ बिजनेस के एमबीए के छात्र अरविंद सिंघल, राघव गर्ग, प्रतीक द्वारा कोरोना महामारी में
विद्यार्थियों में उनकी पढ़ाई का नुक़सान होने से बचाने का बीड़ा उठाया हुआ है , इसी अभियान के तहत
इन्होंने अपने शिक्षकों के साथ मिलकर आज एक राज्यस्तरीय ऑनलाइन बिजनेस प्रश्नोत्तरी आयोजित
की।

हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस की अधिष्ठात्री प्रोफ़ेसर उषा अरोड़ा व निदे शक प्रोफ़ेसर कर्मपाल नरवाल ने
जानकारी दे ते हुए बताया था कि सफल विद्यार्थी अपने अंदर कुछ ऐसे गुण और क्षमताओं को विकसित
करते हैं जो उनको भविष्य में सफलता के मक
ु ाम पर पहुँचाने में सहायता करता हैं। उन्हें बताया कि एक
प्रसिद्ध दोहा है , "करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।" "रसरी आवत जात तें , सिल पर परत
निसान।।"

इस का दोहे का सार है , नियमित अभ्यास करने से पत्थर पर भी लकीर बनाई जा सकती है । ठीक इसी
प्रकार हर विद्यार्थी में अगर कोई गुण दिखाई दे ता है तो नियमित अभ्यास करके उस गुण निखारा जा
सकता है तथा उक्त गुण के कारण वह विद्यार्थी ख्याति प्राप्त कर सकता है लेकिन इसमें निरं तरता बनाए
रखना बेहद ही जरूरी होता है । कुछ इसी उद्देश्य को लेकर चलते हुए हमारे होनहार छात्र अरविंद सिंघल,
राघव गर्ग व प्रतीक हर सप्ताह एक नई प्रतियोगी लेकर बच्चो को भविष्य में आने वाली कठिनाइयो से
बचने के लिए तैयार कर रहे है ।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर टँ केश्वर कुमार व कुलसचिव हरभजन बंसल ने विजेता विद्यार्थियों
को बधाई दे ते हुए सभी प्रतिभागियों का हौंसला बढ़ाया है । उन्होंने आयोजको को भी इस कार्यक्रम के सफल
आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता को सफल बनाने में स्कूल के निदे शक के
इलावा डॉ वंदना सिंह व डॉ दलबीर सिंह ने अग्रिनी भूमिका निभाई, प्रतियोगिता से पहले आयोजकों ने
समय समय पर सभी प्रोफेसरों से मार्ग दर्शन लेते हुए कदम बढ़ाए हर तरह से हर समय सभी ने आगे
आकर आयोजकों की काफी मदद कि तथा उनका उत्साह बढाया।

वहीँ दस
ू री ओर, आयोजकों का कहना है कि सफलता कोई चीज नहीं है बल्कि वह एक माइंडसेट है ।
सफलता हासिल करने के लिए आपको अपने लक्ष्य के प्रति परू ी तरह से समर्पित होना होता है । आपको
सबकुछ छोडक़र बस अपने लक्ष्य को हासिल करने पर अपना ध्यान केंद्रित करना होता है । इसके लिए
आपको अपनी जिंदगी में अच्छी आदतें लानी होती हैं और बुरी आदतों को छोडऩा होता है । जहां अच्छी
आदतें आपको आपके लक्ष्य और सफलता के करीब लेकर जाती हैं, वहीं, आपकी बुरी आदतें आपको
आपकी कामयाबी से दरू ले जाती हैं और आप जिंदगी में विफल हो जाते हैं। बुरी आदतें आपको हाथ आए
अवसर को गंवाने के लिए मजबूर कर दे ती हैं और आप कभी एक कामयाब एंटरप्रेन्योर नहीं बन पाते। साथ
ही आप अपने प्रतिस्पर्धियों से पीछे रह जाते हैं। अच्छी आदतें आपको ना सिर्फ बिजनेस में सफलता
दिलाती हैं बल्कि कामयाब एंटरप्रेन्योर बनने में आपकी मदद करती हैं। और इन्हीं शब्दों के साथ विराम
दे ते हुए उनका कहना है कि सॉफ्ट स्किल्स की इस तरह की प्रतियोगिता में भाग ले और सफलता को
हासिल करे ।

डॉ दलबीर सिंह व डॉ वंदना सिंह ने बताया कि इस ऑनलाइन राज्यस्तरीय बिजनेस में 301 विद्यार्थियो
ने भाग लिया जिनमें से 87 बच्चो ने सर्टिफिकेट प्राप्त कर श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट
तुरन्त उनके इमेल पर भेज दिए गए जिसमें एक विशेष प्रकार का सर्टिफिकेट नंबर अंकित है जो कि
वेरिफाई करने में काम आता है यह सर्टिफिकेट बच्चो को भविष्य में काफी मदद प्रदान करे गा।

प्रोफ़ेसर कर्मपाल नरवाल ने बताया कि इस प्रतियोगिता में टॉप तीन कुछ इस प्रकार है । पहले स्थान पर
गज
ू वि कि एमकॉम की छात्रा मनीषा रही जिन्होंने 50 में से 48 अंक प्राप्त किए। दस
ू रे स्थान पर गज
ू वी कि
एमबीए की छात्रा राधिका सिंघल रही जिन्होंने 50 में से 44 अंक प्राप्त किए। तीसरे स्थान पर दरु स्त
एजुकेशन की वैशाली घई रही जिन्होंने 50 में से 44 अंक प्राप्त किए। ये तीन पोजिशन सबसे पहले सब्मिट
करके प्राप्त नंबर के आधार पर निकाली गई है । बाकी बचे 84 बच्चो ने भी सफलता पूर्वक 80% या इससे
ऊपर प्राप्त कर सर्टिफिकेट हासिल किए।

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