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सी बेदार मू हम
NPR एनपीआर : नेशनल पापुलेशन रिज टर (National Population Register)
CAB स ए ब : सट जन शप अमडमट बल या नागर कता संशोधन बल (citizenship amendment Bill)
NRC एनआरसी : नेशनल पापुलेशन रिज टर (National Population Register)
एनपीआर या है ?
NPR एनपीआर : नेशनल पापुलेशन रिज टर
(National Population Register)
एनपीआर मतलब जनगणना है जो हर 10 साल म क जाती है, एनपीआर एक नेशनल पापल
ु ेशन रिज टर (National Population Register) है िजसके
ज रए भारत मे रहने वाले मू क व गैर मू क तमाम नाग रक क शना त का रकॉड रखा जाता है, ये जनगणना क कारवाई है जो ईस से पहले भी हो चक
ु है
मगर इस मतबा एनपीआर रकॉड का हुकूमत डिजटलाइजेशन करना चाहती है यानी तमाम नाग रक का रकॉड आधार काड क तरह डिजटल करना चाहती है,
याद रख क एनपीआर जनगणना क तरह डाटा जमा करने का एक तर का है, मगर इस बार एनपीआर के साथ या एनपीआर होने के बाद या एनपीआर को मू ा
बना कर मरकजी हुकूमत एनआरसी यानी नेशनल रिज टर ऑफ सट जन शप (National Register Of Citizenship) लागू करना चाहती है.
सट जन शप अमडमट बल या है ?
CAB स ए ब : सट जन शप अमडमट बल या नागर कता संशोधन बल
(citizenship amendment Bill)
citizenship amendment Bill 1955 मे पहे ल बार जल
ू ै 1987 मे संशोधन कया गया और फर उ के बाद दसंबर 2004 मे मगर इस बार एनपीआर से
पहले मरकजी हुकूमत फर एक बार ईस बल मे संशोधन करना चा ती है िज के लये हूकूमत ने कै बनेट के अंदर नए संशोधन के लये सट जन शप अमडमट
बल यानी CAB को मंजरू द है िजसक बना पर वह ऐसा संशोधन कराना चाहती है के हर वो गैर मुि लम जो इस मु क म पछले 6 साल से रह रहा है वह
भारतीय नाग रक बनाया जाएगा यानी उसे भारत क नाग रकता दान क जाएगी मगर मुसलमान के हक म ऐसा नह ं है मुसलमान को यह बताना होगा क
वह और उनके बापदादा 19 जल
ु ाई 1948 से इसी मु क म रह रहे ह जो जा हर सी बात है थोड़ा परे शान करने वाला और इंसाफ़ से परे है. हालांक ये बल इस
से पहले भ लोकसभा मे पेश हो चक
ू ा था िजसे लोकसभा मे मंजरू करा के रा यसभा भेजा गया और रा यसभा मे हूकूमत ये बल पास करा नह पायी, अब ये
बल दोबरा प लमट के दोनो सदनो मे पेश होगा. अ लाह आ फ़यत का मामला फ़माये... आ मन.
नेशनल रिज टर ऑफ़ सट ज़ंस या है ?
NRC एनआरसी : नेशनल रिज टर ऑफ़ सट ज़ंस
(National Register Of Citizens)
हर मू क के पास अपने दे श क नागर कता ा त नागर क का रकॉड होता है िजसे NRC नेशनल रिज टर ऑफ़ सट ज़ंस कहते ह. और NRC का
लागू होजाना मतलब नागर क को ख़द
ू को यहां ईसी दे श के होने का मान यानी सबत
ू दे ना होगा जो मूसलमानो के लये CAB सट जन शप अमडमट बल के
ज़र ये मूि कल करा दया जायेगा.
अब हम या करना होगा?
सबसे पहले हम इस आने वाल बल क यानी सट जन शप अमडमट बल क मुखा लफत करनी होगी और साथ ह ज द से ज द हमारे कागजात
को सह करके लेना होगा, 27 दसंबर 2019 को औसा मे हूए NRC बेदार ो ाम मे जमीअत उ मा ए हंद के महारा ा के सदर हा फ़ज नद म स क़ साहब ने
अपने कागजात को सह करवाने और जमा करवाने के लये बहोत ज़ोर दे कर ये कहा के मस
ू लमान अपना दनी फ़र जा समझ कर इस काम को कर.
कौन कौन से डॉ यम
ू ट लगगे?
१) बथ स ट फकेट
२) कूल क तमाम स ट फकेट
३) वारस माणप
४) राशन काड
५) मतदान काड
६) ायि हंग लायस स
७) आधार काड
८) पॅन काड
९) जमीन के कागजात और परु ाने रे कॉड
१०) बक खाता
११) पासपोट
१२) सरकार मुलािजमत का जॉब काड
१३) गैस कने शन
१४) प रवा रक रिज टर क नक़ल
(1) बथ स ट फकेट Birth Certificate
1968 के पहले क पैदाईश वाले िजन लोग के पास ज म तार ख का ज म दाखला यानी बथ स ट फकेट नह ं है वह ज द से ज द कोट से बनवा ल, िजसके लए
नगर पा लका म पहले आवेदन कर और अगर वहां से वह लखकर द क उनके पास आपक ज म तार ख क रकॉड नह ं है तो फर आप वह लखा हुआ माण
प लेकर वक ल के पास जाएं और कोट के ज रए अपना बथ स ट फकेट ज द से ज द बनवा ल, 1968 के बाद पैदा होने वाले सभी लोगो के पास सरकार ने
बथ स ट फ़केट होना अ नवाय कया है, 1968 के बाद पैदा होने वाले िजन लोगो के पास बथ स ट फकेट नह है वो भी जलद से ज द कोट से अपना बथ
स ट फकेट बनवा ल.
एक बात याद रख क आपके तमाम कागज़ात पर आपका नाम, आपके पता या पती का नाम और आपक ज म तार ख़ एक जैसी होनी ज़ र है.
(2) कूल क तमाम स ट फकेट
कूल के माण प जैसे कूल छोड़ने का माण प यानी ट सी, नगम उतारा, बोनाफाइड, माक मेमो ड ी स ट फकेट इ या द सभी जमा कर ल और उन
पर अपना नाम सह करवा ल, अगर नाम म गड़बड़ी हो तो पहले वक ल के पास से अपना गैजेट तैयार करवा ले और उस हसाब से अपने नाम के करे शन
करवा ल.
हर हंद ु तानी नाग रक से खास कर जो मुसलमान है गुजा रश क जाती है क वह ज द से ज द इन 14 द तावेज म से यादा से यादा द तावेज सह करके
तैयार रख.
नोट: कूछ लोग हमारे उलमा हज़रात पर ये इ जाम लगा रहे ह के उलमा हज़रात वाम वा डरा रहे ह, तो ऐसे लोग से गुज़ार श है क उलमा हज़रात क बात
क अहे मयत को समझ, आपके कागज़ात को द ू त करवा कर उ मा हज़रात को कोइ इनाम नह ं मलने वाला. मेहरबानी कर के खूद क और अपने आने वाल
न ल क ख़ातीर उ मा हज़रात क हदायत पर अमल कर और यास लगने से पहले पानी का इंतेज़ाम कर ल, आने वाला व त उ मत के लये बहोत मिू कल
गूज़रने वाला है, अ लाह आने वाल मूसीबत से हमार हफ़ाज़त फ़माए-आमीन.