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No.

40-3/2020-DM-I (A)

भारत सरकार

गृह मंत्रालय

नॉथथ ब्लॉक, नइ ददल्ली – 110001

29 जून, 2020

अदेश

पूर्थ में 30.05.2020 को कोवर्ड-19 की रोकथाम के वलए 30.06.2020 तक


की ऄर्वध के वलए एक अदेश जारी दकया गया था;

ऄब अपदा प्रबंधन ऄवधवनयम, 2005 की धारा 6 (2) (i) के ऄंतगथत ददए गए


ऄवधकारों के तहत राष्ट्रीय अपता प्रबंधन प्रावधकरण (एनडीएमए) ऄधो
हस्ताक्षरकताथ को संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों (कॉन्टेनमेंट जोन) के बाहर के क्षेत्रों में
जांच परखकर ज्यादा गवतवर्वधयों को दिर से शुरू करने और संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों
में 31.07.2020 तक लॉकडाईन का वर्स्तार करने के वलए अदेश जारी करने के
वनदेश देता है;

ऄब आसीवलए, अपदा प्रबंधन ऄवधवनयम, 2005 की धारा 10 (2) (1) के


ऄंतगथत ईवल्लवखत शवियों के तहत ऄधो हस्ताक्षरी एतद् द्वारा वनदेश देता है दक
ऄनलॉक 2 पर ददशावनदेशों, जैसा ऄनुलग्नक में ददया गया है, को 31.07.2020
तक लागू दकया जाएगा।

के न्रीय गृह सवचर्

और, चेयरमैन, राष्ट्रीय कायथकारी सवमवत (एनइसी)

प्रेवित

1. भारत सरकार के मंत्रालयों/वर्भागों के सवचर्ों


2. राज्यों/ संघ शावसत क्षेत्रों के मुख्य सवचर्ों/ प्रशासकों (जैसा सूची में संलग्न है)

प्रवत प्रेवित

i. राष्ट्रीय कायथकारी सवमवत के सभी सदस्यों

ii. सदस्य सवचर्, राष्ट्रीय अपदा प्रबंधन प्रावधकरण

चरणबद्ध तरीके से पुनः खोले जाने के ददशावनदेश (ऄनलॉक 2)

(गृह मंत्रालय के ददनांक 29 जून, 2020 को जारी अदेश संख्या No. 40-3/2020-
DM-I (A) के तहत)

1. ऄनलॉक 2 की ऄर्वध के दौरान संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों के बाहर स्र्ीकृ त


गवतवर्वधयां

संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों के बाहर के क्षेत्रों में वनम्नवलवखत को छोड़कर सभी


गवतवर्वधयों के वलए स्र्ीकृ वत होगी :

(i) वर्द्यालय, महावर्द्यालय, शैक्षवणक और कोचचग संस्थान 31 जुलाइ,


2020 तक बंद रहेंगे। ऑनलाआन/दूरस्थ वशक्षा के वलए ऄनुमवत जारी रहेगी
और साथ ही आन्हें प्रोत्साहन ददया जाता रहेगा।
के न्र और राज्य सरकारों के प्रवशक्षण संस्थानों को 15 जुलाइ, 2020 से
कामकाज की ऄनुमवत वमलेगी, वजसके वलए कार्ममक एर्ं प्रवशक्षण वर्भाग
(डीओपीटी) द्वारा मानक संचालन प्रदक्रया (एसओपी) जारी की जाएंगी।
(ii) यावत्रयों की ऄंतरराष्ट्रीय हर्ाइ यात्रा, ईनको छोड़कर वजनके वलए
एमएचए द्वारा ऄनुमवत है।
(iii) मेट्रो रे ल।
(iv) वसनेमाघर, वजम्नेवजयम, तरणताल (वस्र्चमग पूल), मनोरं जन पाकथ ,
वथएटर, ऑवडटोररयम, सभा कक्ष और आसी प्रकार के स्थान।
(v) सामावजक/ राजनीवतक/ खेल/ मनोरं जन/ शैक्षवणक/ सांस्कृ वतक/ धार्ममक
कायथक्रम और ऄन्य बड़े जन समूह र्ाले कायथक्रम।

ईि गवतवर्वधयों को दिर से शुरू करने की तारीखों पर ऄलग से िै सला वलया


जा सकता है और सामावजक दूरी सुवनवित करने तथा कोवर्ड-19 के प्रसार को
रोकने के वलए अर्श्यक एसओपी जारी की जाएंगी।

घरे लू ईड़ानों और यात्री ट्रेनों को पहले ही सीवमत रूप से ऄनुमवत दे दी गइ


है। ईनके पररचालन में पूरी तरह जांच परख के बाद ही अगे वर्स्तार दकया
जाएगा।

2. नाआट कर्फयूथ

कइ पावलयों में चलने र्ाली औद्योवगक आकाआयों, राष्ट्रीय और राज्य राजमागों


पर लोगों तथा सामान की अर्ाजाही, सामान का लदान और ईतार तथा बस,
ट्रेन र् हर्ाइ जहाज से ईतरने के बाद ऄपने गंतव्य तक जाने र्ाले लोगों की
यात्रा सवहत अर्श्यक गवतवर्वधयों को छोड़कर देश भर में रात 10 बजे से
सुबह 5 बजे के बीच लोगों की अर्ाजाही पर सख्त प्रवतबंध लागू रहेगा।
स्थानीय ऄवधकाररयों को सीअरपीसी की धारा 144 जैसे कानून के ईवचत
प्रार्धानों के ऄंतगथत ऄपने ऄवधकार क्षेत्र में अने र्ाले पूरे क्षेत्र में अदेश जारी
करने होंगे और सख्ती से ऄनुपालन सुवनवित करना होगा।

3. कोवर्ड-19 प्रबंधन के वलए राष्ट्रीय ददशावनदेश

कोवर्ड-19 प्रबंधन के वलए राष्ट्रीय ददशावनदेश, जैसा ऄनुलग्नक 1 में ईवल्लवखत


है, देश भर में लागू रहेंगे।

4. लॉकडाईन संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों तक सीवमत

(i) संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों में 31 जुलाइ, 2020 तक लॉकडाईन लागू रहेगा।

(ii) वजले के ऄवधकाररयों द्वारा संक्रमण की चेन को प्रभार्ी रूप से तोड़ने के


ईद्देश्य से स्र्ास््य एर्ं पररर्ार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएिडब्ल्यू) के
ददशावनदेशों पर वर्चार करने के बाद संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों का सीमांकन करना
होगा। संबंवधत वजलावधकाररयों द्वारा और राज्यों/ संघ शावत क्षेत्रों द्वारा संक्रमण
प्रभावर्त क्षेत्रों को र्ेबसाआट्स पर ऄवधसूवचत दकया जाएगा तथा आससे संबंवधत
जानकारी एमओएचएिडब्ल्यू के साथ साझा की जाएगी।

(iii) संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों में वसिथ अर्श्यक सेर्ाओं के वलए ही ऄनुमवत होगी।
स्र्ास््य अपात वस्थवत को छोड़कर और अर्श्यक र्स्तुओं एर्ं सेर्ाओं की अपूर्मत
बनाए रखते हुए आन क्षेत्रों में या आनके बाहर लोगों की कोइ अर्ाजाही नहीं
हो, यह सुवनवित करने के वलए सख्त क्षेत्रीय वनयंत्रण लागू होगा। संक्रमण
प्रभावर्त क्षेत्रों में संपकों की गहन जांच, घर-घर वनगरानी और जरूरत पड़ने
पर ऄन्य नैदावनक ईपाय दकए जाएंगे। एमओएचएिडब्ल्यू के ददशावनदेशों को ईि
ईद्देश्यों से प्रभार्ी रूप से लागू दकया जाएगा।

(iv) राज्य/ संघ शावसत क्षेत्रों के ऄवधकाररयों के द्वारा संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों में
सभी गवतवर्वधयों की सख्ती से वनगरानी की जाएगी। साथ ही आन क्षेत्रों में
रोकथाम के ईपायों से संबंवधत ददशावनदेशों को सख्ती से लागू दकया जाएगा।

(v) राज्यों/ संघ शावसत क्षेत्रों को संक्रमण प्रभावर्त क्षेत्रों के बाहर बिर जोन
की पहचान भी करनी पड़ सकती है, जहां नए मामले सामने अने की ज्यादा
अशंकाएं हों। वजले के ऄवधकारी जरूरत पड़ने पर बिर जोन के भीतर प्रवतबंध
लागू कर सकते हैं।

5. पररवस्थवतयों के अकलन के अधार पर राज्य/ संघ शावसत क्षेत्र संक्रमण प्रभावर्त


क्षेत्रों के बार कु छ गवतवर्वधयों पर प्रवतबंध लगा सकते हैं, या जरूरत पड़ने पर
ऐसी बंददशें लगा सकते हैं।

हालांदक पड़ोसी देशों के साथ संवधयों के ऄंतगथत सीमा पार करने सवहत लोगों और
र्स्तुओं की ऄंतर-राज्यीय और राज्यों के भीतर अर्ाजाही पर कोइ प्रवतबंध नहीं
होगा। ऐसी अर्ाजाही के वलए कोइ ऄलग ऄनुमवत/ स्र्ीकृ वत/ इ-स्र्ीकृ वत की
अर्श्यकता नहीं होगी।

6. एसओपी के साथ लोगों की अर्ाजाही

यात्री ट्रेनों और श्रवमक स्पेशल ट्रेनों द्वारा अर्ाजाही; घरे लू यावत्रयों की हर्ाइ यात्रा;
देश के बाहर िं से भारतीय नागररकों की अर्ाजाही और वर्देश यात्रा के वलए
वनर्ददष्ट लोगों; भारतीय नावर्कों का काम पर जाना और काम से लौटना आस संबंध
में जारी एसओपी के तहत वर्वनयवमत रहेगा।
7. कमजोर लोगों को सुरक्षा

65 र्िथ से ज्यादा ईम्र के लोगों, सह-रुग्णता (बीमार) से ग्रस्त लोग, गभथर्ती


मवहलाओं और 10 र्िथ से कम ईम्र के बच्चों को अर्श्यक तथा स्र्ास््य ईद्देश्यों को
छोड़कर घर में ही रहने की सलाह दी जाती है।

8. अरोग्य सेतु का ईपयोग

(i) अरोग्य सेतु संक्रमण के संभावर्त जोवखम की जल्द पहचान में सक्षम बनाता है
और व्यविगत रूप से तथा समुदाय के वलए ढाल के रूप में काम करता है।

(ii) कायाथलयों और कायथ स्थलों में सुरक्षा सुनवित करने के ईद्देश्य से वनयोिाओं
को ऄपने सर्थश्रेष्ठ प्रयासों के अधार पर सुवनवित करना चावहए दक आसके ऄनुकूल
मोबाआल रखने र्ाले सभी कमथचाररयों द्वारा अरोग्य सेतु को डाईनलोड दकया जाए।

(iii) वजले के ऄवधकारी लोगों को आसके ऄनुकूल मोबाआल िोन में अरोग्य सेतु
डाईनलोड करने और वनयवमत रूप से आस ऐप पर ऄपनी स्र्ास््य की वस्थवत को
ऄपडेट करने की सलाह दे सकते हैं। आससे ऐसे लोगों के वलए ऄपने स्र्ास््य के
प्रवत सतकथ होना संभर् हो जाएगा, वजनके प्रवत जोवखम बढ़ गया हो।

9. ददशावनदेशों को सख्ती से लागू दकया जाना

(i) राज्य/ संघ शावसत क्षेत्र दकसी भी प्रकार से अपदा प्रबंधन ऄवधवनयम, 2005
के ऄंतगथत जारी आन ददशावनदेशों को कमजोर नहीं करें गे।

(ii) सभी वजलावधकाररयों को ईि कदमों को सख्ती से लागू करना होगा।

10. दंड के प्रार्धान

आन वनयमों का ईल्लंघन करने र्ाला कोइ भी व्यवि अपदा प्रबंधन ऄवधवनयम,


2005 की धारा 51 से 60 तक के प्रार्धानों के ऄलार्ा अइपीसी की धारा 188
और ऄन्य लागू प्रार्ाधानों तहत कारथ र्ाइ का पात्र होगा। दंड के आन प्रार्धानों का
सार ऄनुलग्नक -2 में ददया गया है।

के न्रीय गृह सवचर्

और, चेयरमैन, राष्ट्रीय कायथकारी सवमवत


ऄनुलग्‍नक‍ I

कोवर्‍ड-19 के प्रबंधन‍के ‍वलए‍राष्‍ट‍ट्रीय‍ददशा-वनदेश

1. िे स‍कर्ररग: सार्थजवनक‍स्थानों‍पर; कायथ स्थलों‍पर; और‍पररर्हन‍या‍अर्ागमन‍के ‍


दौरान िे स‍कर्र‍पहनना‍ऄवनर्ायथ‍है।‍
2. सामावजक‍दूरी: लोगों‍को‍सार्थजवनक‍स्थानों‍पर‍न्यूनतम‍6 िीट‍(2 गज)‍की‍दूरी‍ऄर्श्‍य‍
बनाए‍रखनी‍चावहए।‍
दुकानों‍में‍ग्राहकों‍के ‍बीच‍सामावजक‍दूरी‍सुवनवित‍करनी‍होगी।‍
3. समारोह: बड़ी‍सार्थजवनक‍सभाओं/समारोह‍पर‍पाबंददयां‍ऄभी‍जारी‍रहेंगी।‍
वर्र्ाह‍संबंधी‍समारोह: मेहमानों‍की‍संख्या‍50 से‍ऄवधक‍नहीं।‍
दाह‍संस्कार/ऄंवतम‍संस्कार‍से‍संबंवधत‍समारोह:‍लोगों‍की‍संख्या‍20 से‍ऄवधक‍नहीं।‍
4. सार्थजवनक‍स्थानों‍पर‍थूकना‍जुमाथने‍के ‍साथ‍दंडनीय‍होगा, वजसका‍वनधाथरण‍राज्य/कें र‍
शावसत‍प्रदेश‍के ‍स्थानीय‍प्रावधकारी‍द्वारा‍ऄपने‍कानूनों, वनयमों‍या‍वनयमनों‍के ‍ऄनुसार‍दकया‍
जा‍सकता‍है।‍
5. सार्थजवनक‍स्थानों‍पर शराब, पान, गुटका, तंबाकू ‍आत्‍यादद‍का‍सेर्न र्र्मजत‍है।

कायथ‍स्थलों‍के ‍वलए‍ऄवतररि‍ददशा-वनदेश

6. र्कथ ‍फ्रॉम‍होम (डब्‍ल्य


‍एू िएच): जहां‍तक‍संभर्‍हो, र्कथ ‍फ्रॉम‍होम का‍ही‍वर्कल्‍प‍ऄपनाया‍
जाना‍चावहए।‍
7. कायाथलयों, कायथ‍स्थलों, दुकानों, बाजारों‍और‍औद्योवगक‍एर्ं‍र्ावणवज्यक‍प्रवतष्ठानों‍में‍
कामकाज/व्यर्साय‍के ‍वलए‍दो‍वशर्फटों‍के ‍बीच‍पयाथप्‍त‍ऄंतराल‍रखा‍जाएगा।‍
8. स्क्रीचनग‍और‍स्र्च्छता: सभी‍प्रर्ेश‍एर्ं‍वनकास‍स्‍थानों‍पर‍और‍अम‍क्षेत्रों‍में थमथल‍स्कै चनग,
हैंड‍र्ाश‍और‍सैवनटाआजर‍की‍व्‍यर्स्‍था‍की‍जाएगी।‍
9. संपूण‍थ कायथ स्थल, अम‍सुवर्धाओं‍र्ाली‍र्स्‍तओं ु ‍और‍मानर्‍संपकथ ‍में‍अने‍र्ाली‍सभी‍चीजों‍
जैसे‍दक‍दरर्ाजे‍के ‍हैंडल, आत्‍यादद‍को‍सामान्‍य‍रूप‍से‍और‍वशर्फटों‍के ‍दौरान‍भी बार-बार‍
सैवनटाआज‍दकया‍जाएगा।‍
10. सामावजक‍दूरी: कायथ‍स्थलों‍के ‍सभी‍प्रभारी‍ऄपने‍यहां‍कामगारों‍के ‍बीच‍पयाथप्त‍दूरी,
वशर्फटों‍के ‍बीच‍पयाथप्त‍ऄंतराल, कमथचाररयों‍के ‍लंच‍ब्रेक‍के ‍वलए‍ऄलग-ऄलग‍समय, आत्‍यादद
सुवनवित‍करें गे।‍
ऄनुलग्‍नक II

लॉकडाईन‍ईपायों‍के ‍ईल्‍लघ
ं न‍का‍ऄपराध‍करने‍पर‍दंड‍

क. अपदा‍प्रबंधन‍ऄवधवनयम, 2005 की‍धारा‍51 से‍60 तक


51. बाधा‍डालने, आत्‍यादद‍के ‍वलए‍दंड - जो‍कोइ, यथोवचत‍कारण‍के ‍वबना –
क. आस‍ऄवधवन‍यम‍के ‍तहत‍कें र‍सरकार‍या‍राज्‍य सरकार‍के ‍दकसी‍ऄवधकारी‍या‍कमथचारी‍
ऄथर्ा राष्‍ट‍ट्रीय‍प्रावधकरण‍या‍राज्‍य‍प्रावध‍करण‍ऄथर्ा‍वजला‍प्रावध‍करण‍द्वारा‍प्रावध‍कृत‍दकसी‍
व्‍यवि‍ के ‍दावयत्‍र्‍वनर्हथन‍में बाधा‍डालेगा; या

ख. आस‍ऄवधवन‍यम‍के ‍तहत कें र‍सरकार‍या‍राज्‍य‍ सरकार‍ऄथर्ा‍राष्‍ट‍ट्रीय कायथकारी‍सवमवत


या‍राज्‍य‍कायथकारी‍सवमवत‍या‍वजला‍प्रावध‍करण‍द्वारा‍ऄथर्ा‍ईसकी‍ओर‍से‍ददए‍गए‍दकसी‍
वनदेश‍का‍पालन करने‍से‍आनकार‍करे गा;

ईसे‍दोिी‍सावबत‍होने‍ पर‍कारार्ास‍की‍सजा‍होगी,‍वजसकी‍ऄर्वध‍एक‍र्िथ‍तक‍बढ़ाइ‍जा‍
सके गी‍या जुमाथना‍देना‍होगा, ऄथर्ा‍दोनों‍ही‍एक‍साथ‍हो‍सकते‍हैं‍और‍यदद‍आस‍तरह‍की‍
बाधा‍पहुंचाने‍या‍वनदेशों‍का‍पालन‍करने से‍आनकार‍करने‍के ‍पररणामस्‍र्रूप दकसी‍की‍मौत‍
हो‍जाती‍है‍या‍ईनके ‍वलए‍खतरा‍ईत्‍पन्‍न‍होता‍है, तो‍ईसे‍दोिी‍सावबत‍होने‍ पर‍कारार्ास‍की‍
सजा‍होगी,‍वजसकी‍ऄर्वध‍दो र्िों‍तक‍बढ़ाइ‍जा‍सके गी।‍

52. झूठे‍दार्े‍के ‍वलए‍दंड- जो‍कोइ‍जानबूझकर‍के र‍सरकार, राज्‍य‍सरकार, राष्‍ट‍ट्रीय‍


प्रावध‍करण, राज्‍य‍प्रावध‍करण‍ऄथर्ा‍वजला‍प्रावध‍करण‍के ‍दकसी‍ऄवधकारी‍से‍अपदा‍संबध
ं ी‍
कोइ‍राहत, सहायता, मरम्‍मत, पुनर्मनमाथण‍या‍ऄन्‍य िायदे‍प्राप्‍त करने‍के ‍वलए‍ऐसा‍दार्ा‍करे गा‍
वजसके ‍बारे ‍में‍ र्ह‍यह‍जानता‍है‍या‍ईसके ‍पास‍वर्श्‍र्ास‍करने का‍यह‍कारण‍है‍दक‍र्ह‍वम्‍या‍
है, तो‍ईसे‍दोिी‍सावबत‍होने‍ पर‍कारार्ास‍की‍सजा‍होगी,‍वजसकी‍ऄर्वध‍दो‍र्िों‍तक‍बढ़ाइ‍
जा‍सके गी‍और‍जुमाथना‍भी‍देना‍होगा।‍

53. धन‍या‍सामग्री, आत्‍यादद‍की‍हेरािे री‍के ‍वलए‍दंड- जो‍कोइ,‍वजसे‍दकसी अपदा‍की‍


अशंका‍की‍वस्थवत, या‍अपदा‍में राहत‍पहुंचाने‍के ‍वलए‍कोइ धनरावश‍या‍सामग्री‍सौंपी‍गयी‍है‍
या‍कोइ‍धन‍या‍माल‍ईसकी‍ऄवभरक्षा‍या अवधपत्‍य‍में है,‍ऐसे‍धन‍या‍सामग्री‍या‍ईसके ‍दकसी‍
भाग‍की‍हेरािे री करे गा‍या‍ऄपने‍स्‍र्यं‍के ‍ईपयोग‍के ‍वलए‍ईपयोजन‍करे गा‍ऄथर्ा‍ईसका‍
व्‍ययन करे गा‍या‍जानबूझकर‍दकसी‍ऄन्‍य‍व्‍यवि को‍ऐसा‍करने‍के ‍वलए‍वर्र्श‍करे गा, तो र्ह‍
दोिवसवद्ध पर‍कारार्ास,‍वजसकी‍ऄर्वध‍दो‍र्िथ तक‍की‍हो‍सके गी‍और जुमाथने‍के ‍साथ‍भी
दंवडत‍होगा।

54.‍वम्‍या‍चेतार्नी‍के ‍वलए‍दंड‍-‍जो‍कोइ,‍दकसी‍अपदा‍या‍ईसकी‍गंभीरता या‍ईसके ‍


पररणाम‍के ‍संबंध‍में‍घबराहट‍बढ़ाने‍र्ाली‍वम्‍या‍संकट-सूचना‍या चेतार्नी‍देता‍है, तो‍र्ह‍
दोिवसवद्ध‍पर‍कारार्ास,‍वजसकी‍ऄर्वध‍एक‍र्िथ‍तक‍की हो‍सके गी‍या‍जुमाथने‍के ‍साथ‍दंवडत‍
होगा।

55. सरकार‍के ‍वर्भागों‍द्वारा‍ऄपराध- (1) जहां‍आस‍ऄवधवनयम‍के ‍ऄधीन कोइ‍ऄपराध‍


सरकार‍के ‍दकसी‍वर्भाग‍द्वारा‍दकया‍गया‍है‍र्हां‍वर्भागाध्‍यक्ष ऐसे ऄपराध‍का‍दोिी‍समझा‍
जाएगा‍और‍तदनुसार‍ऄपने‍वर्रुद्ध कारथ र्ाइ‍दकए‍जाने और‍दंवडत‍दकए‍जाने‍का‍भागी‍होगा,
जब‍तक‍दक‍र्ह‍यह‍सावबत‍नहीं‍कर‍देता दक‍ऄपराध‍ईसकी‍जानकारी‍के ‍वबना‍दकया‍गया‍था‍
या‍ईसने‍ऐसे‍ऄपराध‍को‍रोकने‍के ‍वलए‍ऄपनी‍ओर‍से‍समस्‍त‍तत्‍परता एर्ं‍सतकथ ता‍बरती‍थी।

(2) ईप-धारा‍(1) में‍दकसी‍बात‍के ‍शावमल‍होते‍हुए‍भी जब‍आस‍ऄवधवनयम‍के ‍तहत‍कोइ


ऄपराध‍सरकार‍के ‍दकसी‍वर्भाग‍द्वारा‍दकया‍गया‍है‍और‍यह‍सावबत‍हो‍जाता‍है‍दक र्ह‍
ऄपराध‍वर्भागाध्‍यक्ष‍द्वारा‍नहीं, बवल्क‍दकसी‍ऄन्‍य‍ऄवधकारी‍की स्‍र्ीकृ वत‍या‍मौन सहमवत‍से‍
दकया‍गया‍है‍या‍ईस‍ऄपराध‍का‍दकया‍जाना‍ईसकी‍दकसी‍ईपेक्षा‍के कारण‍माना‍जा‍सकता‍है‍
तो‍र्हां‍ऐसा‍ऄवधकारी‍ईस‍ऄपराध‍का‍दोिी‍माना‍जाएगा और‍दंवडत‍दकए‍जाने‍का‍भागी‍
होगा।

56. ऄवधकारी‍का‍दावयत्‍र्‍वनर्थहन‍में‍वर्िल‍रहना‍या‍आस ऄवधवनयम‍के ‍प्रार्धानों‍के ‍ईल्‍लघ


ं न‍
में‍ईसकी‍मौन‍सहमवत- ‍ऐसा‍कोइ‍ऄवधकारी, वजस‍पर‍आस‍ऄवधवनयम‍द्वारा‍या‍ईसके ‍तहत‍
कोइ‍दावयत्‍र्‍सौंपा‍गया है‍और‍र्ह‍ऄपने‍दावयत्‍र्ों‍का‍पालन‍नहीं‍करता‍है‍या‍करने‍से‍आनकार‍
कर‍देता‍है‍या स्‍र्यं‍को‍ईससे‍वर्मुख‍कर‍लेता‍है, तो जब‍तक‍दक‍ईसने‍ऄपने‍से‍र्ररष्‍ट‍ठ‍
ऄवधकारी की‍वलवखत‍ऄनुमवत‍प्राप्‍त न‍कर‍ली‍हो‍या‍ईसके ‍पास‍ऐसा‍करने‍के ‍वलए‍कोइ ऄन्‍य‍
वर्वधपूणथ कारण‍न‍हो, तो‍र्ह‍कारार्ास,‍वजसकी‍ऄर्वध‍एक‍र्िथ तक‍हो सके गी, या‍जुमाथने‍के ‍
साथ‍दंवडत‍होगा।

57. मांग‍प्रस्‍तुत‍करने‍के ‍संबध


ं ‍में‍दकसी‍अदेश‍के ‍ईल्‍लघ
ं न‍के ‍वलए‍दंड-‍यदद कोइ‍व्‍यवि धारा‍
65 के ‍तहत‍दकए‍गए‍दकसी‍अदेश‍का‍ईल्‍लघ
ं न‍करे गा, तो र्ह‍कारार्ास,‍वजसकी‍ऄर्वध‍एक‍
र्िथ तक‍की‍हो‍सके गी, या‍जुमाथना, ऄथर्ा‍दोनों के ‍साथ‍दंवडत‍होगा।
58. कं पवनयों‍द्वारा‍ऄपराध- (1) जब‍आस‍ऄवधवनयम‍के ‍तहत‍कोइ‍ऄपराध, दकसी‍कं पनी‍या‍
वनगवमत‍वनकाय‍द्वारा‍दकया‍जाता‍है, तो‍ऐसा‍प्रत्‍यक
े ‍व्‍यवि जो ऄपराध‍दकए‍जाने‍के ‍समय‍
ईस‍कं पनी‍के ‍कारोबार‍के ‍संचालन‍के ‍साथ-साथ‍ईस कं पनी‍के ‍प्रवत‍ईत्‍तरदायी‍था, और‍आसके ‍
साथ‍ही‍र्ह‍कं पनी‍भी आस‍तरह‍के ‍ईल्‍लघ
ं न‍के ‍दोिी‍समझे‍जाएंगे‍और‍तदनुसार‍ईनके ‍वर्रुद्ध
कारथ र्ाइ‍दकए‍जाने और‍दंवडत‍दकए‍जाने‍के ‍भागी‍होंगे:

बशते‍दक‍आस‍ईपधारा‍में‍ऐसी‍कोइ‍बात‍नहीं‍हो‍जो‍ईसे‍आस‍ऄवधवनयम‍के ‍तहत दकसी‍दंड‍का‍


भागी‍बनाए।‍यदद‍र्ह‍सावबत‍कर‍देता‍है‍दक‍ऄपराध‍ईसकी जानकारी‍के ‍वबना‍दकया‍गया‍था‍
या‍ईसने‍ऐसे‍ऄपराध‍के ‍दकए‍जाने‍का‍वनर्ारण करने‍के ‍वलए‍ऄपनी‍ओर‍से‍समस्‍त‍तत्‍परता‍
एर्ं‍सतकथ ता‍बरती‍थी।

(2) ईपधारा‍(1) ‍में‍दकसी‍बात‍के ‍होते‍हुए‍भी, जहां‍आस‍ऄवधवनयम‍के ‍तहत‍कोइ ऄपराध‍


दकसी‍कं पनी‍द्वारा‍दकया‍गया‍है‍और‍यह‍सावबत‍हो‍जाता‍है‍दक‍र्ह ऄपराध‍कं पनी‍के ‍दकसी‍
वनदेशक, प्रबंधक, सवचर्‍या‍ऄन्‍य ऄवधकारी‍की स्‍र्ीकृ वत या‍मौन‍सहमवत‍से‍दकया‍गया‍है‍या‍
ईस‍ऄपराध‍का‍दकया‍जाना‍ईसकी‍दकसी ईपेक्षा‍के ‍कारण‍माना‍जा‍सकता‍है, तो‍र्ैसी‍वस्थवत‍
में‍र्ह‍वनदेशक, प्रबंधक, सवचर्‍या‍ऄन्‍य‍ऄवधकारी‍ईस‍ऄपराध‍का‍दोिी‍माना‍जाएगा‍और‍
दंवडत‍दकए‍जाने‍का‍भागी‍होगा।

स्‍पष्‍ट‍टीकरण‍– आस‍धारा‍के ‍प्रयोजन‍के ‍वलए‍–

I. ‘ कं पनी’ से‍अशय कोइ‍वनगवमत‍वनकाय‍से‍है‍और‍आसमें‍िमथ‍या व्‍यवियों‍का‍ऄन्‍य


संघ‍भी‍शावमल‍है; और
II. िमथ के ‍संबंध‍में‍‘वनदेशक’ से‍अशय‍ईस‍िमथ‍के ‍साझेदार‍से‍है।

59. ऄवभयोजन‍के ‍वलए‍पूर्‍थ मंजरू ी-‍धारा‍55 और‍56 के ‍तहत‍दंडनीय‍ऄपराधों के ‍वलए‍


ऄवभयोजन कें र‍सरकार‍या‍राज्‍य सरकार‍या‍ऐसी‍सरकार द्वारा‍साधारण‍या‍वर्शेि‍अदेश‍
द्वारा‍आसके ‍वलए‍वऄ‍धकृ त‍दकसी‍ऄवधकारी‍की‍पूर्थ मंजूरी‍के ‍वबना‍शुरू‍नहीं‍दकया‍जाएगा।

60. ऄपराधों‍का‍संज्ञान‍लेना-‍कोइ‍भी‍ऄदालत‍आस‍ऄवधवनयम‍के ‍तहत‍दकसी‍ऄपराध का‍


संज्ञान‍वनम्‍नवलवखत‍द्वारा‍वशकायत‍दजथ‍कराए‍जाने‍के ‍वसर्ाय‍नहीं‍लेगी-

(क) राष्‍ट‍ट्रीय‍प्रावधकरण, राज्‍य‍प्रावधकरण, कें रीय‍सरकार, राज्‍य सरकार,‍वजला प्रावधकरण‍


या, यथावस्थवत, ईस‍प्रावधकारी‍या‍सरकार‍द्वारा‍आस‍वनवमत्‍त‍प्रावधकृ त‍कोइ ऄन्‍य‍प्रावधकारी‍
या‍ऄवधकारी‍द्वारा, जैसा‍भी‍मामला‍हो; या
(ख) कोइ‍भी‍व्यवि, वजसने‍कवथत‍ऄपराध‍के ‍वलए‍वनधाथररत‍तरीके ‍से‍कम-से-कम‍तीस‍
ददनों‍की ऄर्वध‍का‍नोरटस‍ददया‍है‍और‍ईसकी‍मंशा‍राष्‍ट‍ट्रीय‍प्रावधकरण, राज्‍य‍प्रावधकरण,
कें र‍सरकार, राज्‍य‍सरकार,‍वजला‍प्रावधकरण‍या‍कोइ‍भी‍ऄन्‍य‍ईपयुथ्‍‍त‍ऄवधकृ त‍प्रावधकारी‍या‍
ऄवधकारी‍के ‍समक्ष‍वशकायत‍दजथ‍कराने‍की‍है।

ख. भारतीय‍दंड‍संवहता, 1860 की‍धारा‍188

188. लोक‍सेर्क‍के ‍वर्वधर्त‍अदेश‍की‍ऄर्ज्ञा — जो कोइ‍यह‍जानते‍हुए‍दक‍र्ह‍ऐसे‍लोक‍


सेर्क‍द्वारा‍प्रख्‍यावपत‍दकसी‍अदेश‍से, जो ऐसे‍अदेश‍की‍घोिणा‍करने‍के ‍वलए‍वर्वधर्त‍
सश्‍‍त‍है, कोइ‍कायथ करने‍से वर्रत‍रहने‍के ‍वलए‍या‍ऄपने‍कब्‍जे‍में, या‍ऄपने‍प्रबंधाधीन,‍दकसी‍
संपवि के ‍बारे ‍में‍कोइ‍वर्शेि‍व्‍यर्स्‍था‍करने‍के ‍वलए‍वनर्ददष्‍ट‍ट‍दकया‍गया‍है, ऐसे‍वनदेश‍की‍
ऄर्ज्ञा करे गा; यदद‍ऐसी‍ऄर्ज्ञा‍वर्वधपूर्थक‍वनयोवजत‍दकन्‍हीं‍व्‍यवियों‍को‍बाधा, क्षोभ‍या
क्षवत, ऄथर्ा‍बाधा, क्षोभ‍या‍क्षवत‍की‍ररस्‍क‍काररत‍करे , या‍काररत‍करने‍की‍प्रर्ृवि रखती‍हो,
तो‍र्ह‍साधारण‍कारार्ास‍से,‍वजसकी‍ऄर्वध‍एक‍मास‍तक‍की‍हो सके गी, या‍जुमाथने‍से, जो‍दौ‍
सौ‍रुपये‍तक‍का‍हो‍सके गा, या‍दोनों‍से, दंवडत‍दकया जाएगा; और‍यदद‍ऐसी‍ऄर्ज्ञा‍मानर्‍
जीर्न, स्‍र्ास्‍्‍य‍ या‍क्षेम‍को‍संकट‍काररत‍करे , या‍काररत‍करने‍की‍प्रर्ृवि‍रखती‍हो, ऄथर्ा‍
बलर्ा‍या‍दंगा‍काररत‍करती‍हो, या‍काररत करने‍की‍प्रर्ृवि‍रखती‍हो, तो‍र्ह‍दोनों‍में से‍दकसी‍
भांवत‍के ‍कारार्ास,‍वजसकी ऄर्वध‍छह‍माह‍तक‍हो‍सके गी, या‍जुमाथना, जो‍एक‍हजार‍रुपये‍
तक‍का‍हो सके गा, या‍दोनों‍के ‍साथ दंवडत‍दकया‍जाएगा।‍

स्‍पष्‍टट‍ ीकरण — यह‍अर्श्‍यक‍नहीं‍है‍दक‍ऄपराधी‍की‍मंशा‍हावन‍पहुंचाने‍की‍हो‍या‍ईसके ‍


ध्‍यान‍में यह‍हो‍दक‍ईसकी‍ऄर्ज्ञा‍करने‍से‍हावन‍होने‍की संभार्ना‍है।‍यह‍पयाथप्त
‍ ‍है‍दक‍वजस‍
अदेश‍की‍र्ह‍ऄर्ज्ञा‍करता‍है, ईस‍अदेश‍का ईसे‍ज्ञान‍है, और‍यह‍भी‍ज्ञान‍है‍दक‍ईसके ‍द्वारा‍
ऄर्ज्ञा‍करने‍से‍हावन‍होती‍है‍या होने की‍संभार्ना‍है।‍

दृष्टांत

आस‍तरह‍के ‍अदेश‍की‍घोिणा‍करने‍के ‍वलए‍ऄवधकार प्राप्‍त‍दकसी‍लोक‍सेर्क‍द्वारा‍यह अदेश‍


जारी‍दकया‍जाता‍है‍दक‍एक‍धार्ममक‍जुलूस‍एक वनवित‍सड़क‍से‍नहीं‍गुजरे गा।‍‘ए’ जानबूझकर‍
आस‍अदेश‍की‍ऄर्ज्ञा‍करता‍है, और‍ईससे‍दंगे‍का‍खतरा‍ईत्‍पन्‍न‍होता‍है।‍‘ए’ ने‍आस‍धारा‍में‍
पररभावित‍ऄपराध‍दकया‍है।‍

***

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