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ह रयाणा

भारतीय रा य

ह रयाणा उ र भारत का एक रा य है जसक


राजधानी च डीगढ़ है। इसक सीमाय उ र म पंजाब
और हमाचल दे श, द ण एवं प म म राज थान से
जुड़ी ई ह। यमुना नद इसके उ र दे श रा य के साथ
पूव सीमा को प रभा षत करती है। रा ीय राजधानी
द ली ह रयाणा से तीन ओर से घरी ई है और
फल व प ह रयाणा का द णी े नयो जत वकास
के उ े य से रा ीय राजधानी े म शा मल है।
यह रा य वै दक स यता और सधु घाट स यता का
मु य नवास थान है। इस े म व भ नणायक
लड़ाइयाँ भी ई ह जसम भारत का अ धक र इ तहास
समा हत है। इसम महाभारत का महाका यु भी
शा मल है। ह मत के अनुसार महाभारत का यु
कु े म आ (इसम भगवान कृ ण ने भागवत गीता
का वादन कया)। इसके अलावा यहाँ तीन पानीपत क
लड़ाइयाँ ई। तानी भारत म ह रयाणा पंजाब रा य
का अंग था जसे १९६६ म भारत के १७व रा य के प
म पहचान मली। वतमान म खा ान और ध उ पादन
म ह रयाणा दे श म मुख रा य है। इस रा य के
नवा सय का मुख वसाय कृ ष है। समतल कृ ष
भू म नम जक कु (सम सबल पंप) और नहर से
स चत क जाती है। १९६० के दशक क ह रत ा त
म ह रयाणा का भारी योगदान रहा जससे दे श खा ान
सप आ।
ह रयाणा
भारत का रा य

[[ च :|250px|center|]]

राजधानी च डीगढ़

सबसे बड़ा शहर फरीदाबाद

जनसं या 2,53,51,462
- घन व 573 / कमी²
े फल 44,212 कमी² 
- ज़ले 22
राजभाषा ह द , [ह रयाणवी] पंजाबी[1]

गठन 1 नव बर 1966

सरकार ह रयाणा सरकार


- रा यपाल स यदे व नारायण आय
- मु यमं ी मनोहर लाल ख र (भाजपा)
एकसदनीय
- वधानम डल
वधान सभा (90 सीट)
रा य सभा (5 सीट)
- भारतीय संसद
लोक सभा (10 सीट)
पंजाब और ह रयाणा
- उ च यायालय
उ च यायालय
डाक सूचक सं या 12 और 13

वाहन अ र HR

आइएसओ 3166-2 IN-HR

www.haryana.gov.in
ह रयाणा, भारत के अमीर रा य म से एक है और त
आय के आधार पर यह दे श का सरा सबसे धनी
रा य है। वष २०१२-१३ म दे श म इसक त- ₹
१,१९,१५८ (अथ व था के आकार के आधार पर
भारत के रा य दे ख) और वष २०१३-१४ म ₹
१,३२,०८९ रही।[2] इसके अ त र भारत म सबसे
अ धक ामीण करोड़प त भी इसी रा य म ह।[3]
ह रयाणा आ थक प से द ण ए शया का सबसे
वक सत े है और यहाँ कृ ष एवं व नमाण उ ोग ने
१९७० के दशक से नरंतर वृ का ा त क है।[4]
भारत म ह रयाणा या कार , च वाहन और
ै टर के नमाण म सव परी रा य है।[5] भारत म त
नवेश के आधार पर वष २००० से रा य सव परी
थान पर रहा है।[6]
ह रयाणा रा य जाट और यादव जा त के भाईचारे का
रा य माना जाता है और ह रयाणा गुजर क
ब लया नयत से भी जाना जाता है

भूगोल

धोसी पहाड़ी।
अरावली पवतमाला का व तार रा य के द णी ह से म है।

ह रयाणा उ र भारत म थत एक थल रा य है।


इसका व तार २७°३९' उ र से ३०°५५' उ र तक के
अ ांश तक, और ७४°२८' पूव से ७७°३६' पूव तक के
दे शा तर तक है। रा य क सीमाय उ र म पंजाब और
हमाचल दे श, तथा द ण एवं प म म राज थान से
जुड़ी ई ह। उ र दे श रा य के साथ इसक पूव सीमा
को यमुना नद प रभा षत करती है। ह रयाणा रा ीय
राजधानी े द ली को भी तीन ओर से घेरता है। रा य
का े फल ४४,२१२ वग कलोमीटर है, जो दे श के कुल
भौगो लक े फल का १.४ तशत है, और इस कार
े फल के आधार पर यह भारत का इ क सवाँ सबसे
बड़ा रा य है। समु तल से ह रयाणा क ऊंचाई ७०० से
३६०० फ ट (२०० मीटर से १२०० मीटर) तक है।

भूत व …

भौगो लक तौर पर ह रयाणा को चार भाग म बांटा जा


सकता है: रा य के उ री ह से म थत यमुना-घ गर के
मैदान, सु र उ र म शवा लक पहा ड़य क एक प ,
द ण-प म म बांगर े तथा द णी ह से म
अरावली पवतमाला के अं तमांश, जनका ै तज
व तार राज थान से द ली तक है।[7]:२१ रा य क म
आमतौर पर गहरी और उपजाऊ है। हालां क, पूव र के
पहाड़ी और द ण-प म के रेतीले इलाके इसके
अपवाद ह। रा य क अ धकांश भू म कृ ष यो य है,
ले कन यहाँ अ य धक सचाई क आव यकता पड़ती
है।

यमुना रा य क एकमा चर थायी नद है, जो इसक


पूव सीमा पर बहती है। उ री ह रयाणा म उ र-पूव से
द ण-प म क ओर बहने वाली कई बरसाती न दयां
ह, जो हमालय क शवा लक पहा ड़य से नकलती ह।
इनम घ गर-हकरा, चौटांग, टागंरी, कौश या, मारकंडा,
सर वती और सोम इ या द मुख ह। इसी तरह द णी
ह रयाणा म भी अरावली पहा ड़य से नकलने वाली
कई न दयां द ण-पूव से उ र-प म क ओर बहती
ह। इन न दय म सा हबी, दोहान, कृ णावती और इंदौरी
शा मल ह। माना जाता है क ये सभी कसी समय
सर वती नद क सहायक न दयां थ । इन न दय पर
रा य भर म कई बाँध बने ह, जनम यमुना नद पर बने
ह थनीकुंड तथा ताजेवाला बैराज, पंचकुला ज़ले म
थत कौश या बाँध, यमुनानगर ज़ले म थत पथराला
बैराज तथा सरसा ज़ले म थत ओटू बैराज मु य ह।

ह रयाणा क मुख झील म गु ाम का बसई वेटलड,


फरीदाबाद क बड़खल झील और ाचीन सूरजकु ड,
कु े के स हत और सरोवर, हसार क लू
बड झील, सोहना क दमदामा झील, यमुनानगर जले
का हथनी कुंड, करनाल क कण झील, और रोहतक क
त यार झील इ या द मुख ह। सचाई के लए जल क
व था हेतु रा य भर म नहर का जाल बछा है, जनम
प मी यमुना नहर, इं दरा गांधी नहर और ता वत
सतलज यमुना लक नहर मु य ह। रा ीय राजधानी े
म आने वाले लगभग १४,००० जोहड़ और ६० झील
का बंधन ह रयाणा रा य वाटरबॉडी बंधन बोड
ह रयाणा के ज मे है। रा य का एकमा गरम च मा
सोहना म थत है।

व य जीवन …

२०१३ म रा य म वन कवर ३.५९% (१,५८६ वग कमी)


था, और रा य म वृ ारोपण २.९०% (१,२८२ वग
कमी) था, जसम कुल वन और वृ ६.४९% का कवर
था। २०१६-१७ म, १४.१ म लयन पौधे लगाकर
१८,४१२ हे टे यर े को वन े के अंतगत लाया गया
था। पूरे रा य म कांटेदार, शु क, पणपाती वन और
कांटेदार झा ड़य को पाया जा सकता है। मानसून के
दौरान, घास का एक कालीन पहा ड़य को ढक लेता है।
शहतूत, नील गरी, पाइन, ककर, शशम और बाबुल
यहां पाए जाने वाले कुछ पेड़ ह। ह रयाणा रा य म पाए
जाने वाले जीव क जा तय म काला हरण, नीलगाय,
पथर, लोमड़ी, नेवला, सयार और जंगली कु ा शा मल
ह। यहां प य क ४५० से अ धक जा तयां पाई
जाती ह।

जलवायु …

ह रयाणा क जलवायु साल भर म गांगेय मैदान के


समान रहती है, यहाँ का मौसम ग मय म ब त गम,
जब क स दय म म यम ठं डा रहता है। सबसे गम महीने
मई और जून होते ह, जब तापमान ४५ ड ी से सयस
(११३ ड ी फारेनहाइट) तक चला जाता है,नारनौल व
हसार गम म सबसे गम तथा सद म सबसे ठं डे शहर
और सबसे ठं डे महीने दसंबर और जनवरी रहते है।
को पेन वग करण के अनुसार रा य म तीन मौसम े
पाए जाते ह: रा य के प मी तथा म य ह स क
जलवायु अ शु क है, उ री तथा पूव े क गम
भूम यसागरीय, जब क द णी े क जलवायु
म थलीय है।[8]

करनाल, कु े और अंबाला जल के कुछ ह स को


छोड़कर पूरे रा य म वषा कम और अ नय मत है। वष
भर म अ धकतम वषा २१६ सेमी, जब क यूनतम वषा
२५ से ३८ सेमी तक रकॉड क जाती है। जुलाई से
सतंबर के महीन के दौरान लगभग ८० तशत बा रश
होती है, और शेष वषा दसंबर से फरवरी क अव ध के
दौरान ा त होती है। ह रयाणा म तीन जले ऐसे ह जो
अपने से यादा ताकतवर ह 1.रोहतक 2.सोनीपत
3.झ जर
जनसां यक
ऐ तहा सक जनसं या
जनगणना जनसं या %±
१९५१ 56,74,000 —
१९६१ 75,91,000 33.8%
१९७१ 1,00,36,000 32.2%
१९८१ 1,29,22,000 28.8%
१९९१ 1,64,64,000 27.4%
२००१ 2,11,45,000 28.4%
२०११ 2,53,51,000 19.9%
ोत: [9]

2011 क जनगणना के अनुसार, ह रयाणा क कुल


आबाद लगभग २५,३५०,००० है।
जाट ह रयाणा म मुख जा त ह, जो क वीर एवं साहसी
जा त है, और रा य के मतदाता का लगभग १७%
ह सा बनाते ह। बाक मतदाता म ओबीसी क वीर
जा त (२४%, अहीर / यादव स हत) ऊपरी जा त
( ा ण , ब नयास और पंजा बय स हत ३०%); और
द लत (२१%) शा मल ह।

धम …

ह रयाणा के धा मक आंकड़े(2011)[10]
██  ह धम (87.46%)
██ इ लाम (7.03%)
██  सख धम (4.91%)
██ जैन धम (0.21%)
██ ईसाई धम (0.20%)
██ बौ धम (0.03%)
██ अ य (0.18%)

८७.४६% आबाद के साथ ह रा य म ब सं यक ह।


मुख अ पसं यक म मुसलमान (७.०३%) (मु य प
से मयो) और सख (४.९१%) ह। मु लम मु य प से
नूंह जले म पाए जाते ह। ह रयाणा म पंजाब के बाद
भारत क सरी सबसे बड़ी सख आबाद है, और वे
यादातर पंजाब के आस-पास के जल , जैसे हसार,
सरसा, ज द, फतेहाबाद, कैथल, करनाल, कु े ,
अंबाला, नारनौल और पंचकुला म रहते ह।

भाषाएं …
ह रयाणा के भाषाई आंकड़े(2001)[11]
██  ह द (87.31%)
██ पंजाबी (10.57%)
██ उ (1.23%)
██ बंगाली (0.19%)
██ नेपाली (0.10%)
██ अ य (0.60%)

हद २०१० तक ह रयाणा क एकमा आ धका रक


भाषा थी और रा य क अ धकांश आबाद (८७.३१%)
ारा बोली जाती है।[11] ह रयाणा म ७०% ामीण
आबाद है जो मु य प से हद क ह रयाणवी बोली
बोलती है। ह रयाणा म जभाषा भी लोक य है, जो
पलवल ज़ला और गु ाम ज़ला म मुखता से बोली
जाती है।[12] साथ ही साथ अ य संबं धत बो लयां भी,
जैसे बागरी और मेवाती भी बोली जाती ह।

इ तहास
इ ह भी दे ख: ह रयाणा का इ तहास

इसक थापना १ नव बर १९६६ को ई। इसे भाषायी


आधार पर पूव पंजाब से नये रा य के प म बनाया
गया।[13][14][15] श द ह रयाणा सव थम १२व सद म
अप ंश लेखक वबुध ीधर ( वसं ११८९–१२३०) ने
उ लखीत कया था।[16]

उप …
ह रयाणा सं कृत श द हरी और आयन से मलकर बना
है , जसमे हरी श द भगवान व णु का सूचक है और
आयन का अथ होता है घर , इस कार से ह रयाणा
भगवान के घर से लया गया है यह पर महाभारत का
महान यु लड़ा गया था , जसमे व णु अवतार भगवान
ी कृ ण ने गीता का उपदे श कु े क भू म पर दया
था | हालाँ क कुछ व ान जैसे मु न लाल ,मुरली चंद
शमा ,HA फडके ,सुखदे व सह आ द का मानना है क
हरी श द यहाँ क ह रयाली का तीक है और आयन का
अथ होता है जंगल जो क ह रयाणा के नाम को साथक
करता है | एवं इनके अलावा ह रयाणा क उ प
अ हर+आना मतलब अहीर जा त से है यूँ क भगवान
ी हरी अहीर जा त से थे ओर वो ह रयाणा आए थे

ाचीन इ तहास …
सधु घाट जतनी पुरानी कई स यता के अवशेष
सर वती नद के कनारे पाए गए ह। जनमे नौरंगाबाद
और म ाथल भवानी म, कुणाल, फतेहाबाद मे, अ ोहा
और राखीगढ ़ हसार म, खी रोहतक म और बनवाली
Fatehabad जले म मुख है। ाचीन वै दक स यता
भी सर वती नद के तट के आस पास फली फूली।
ऋ वेद के मं क रचना भी यह ई है।

ंथ म वणन …

कुछ ाचीन ह ंथ के अनुसार, कु े क सीमाय,


मोटे तौर पर ह रयाणा रा य क सीमाय ह। तै ीय
अर यक ५.१.१ के अनुसार, कु े े , तुघना ( ुघना
/ सुघ सर ह द, पंजाब म) के द ण म, खांडव ( द ली
और मेवात े ) के उ र म, मा (रे ग तान) के पूव म
और पा रन के प म म है।[17] भारत के महाका
महाभारतमे ह रयाणा का उ लेख ब धा यकऔर
ब धनके प म कया गया है। महाभारत म व णत
ह रयाणा के कुछ थान आज के आधु नक शहर जैस,े
थुदक (पेहोवा), तल थ ( त पुट), पान थ
(पानीपत) और सोन थ (सोनीपत) म वक सत हो गये
ह। गुड़गाँव का अथ गु के ाम या न गु ोणाचाय के
गाँव से है। कौरव और पांडव के बीच आ महाभारत
का स यु कु े नगर के नकट आ था। कृ ण
ने अजुन को गीता का उपदे श यह पर दया था। इसके
बाद अठारह दन तक ह तनापुर के सहासन का
अ धकारी तय करने के लये कु े के मैदानी इलाक
म पूरे भारत से आयी सेना के म य भीषण संघष
आ। जन ु त के अनुसार महाराजा अ सेन् ने अ ोहा
जो आज के हसार के नकट थत है, म एक ापा रय
के समृ नगर क थापना क थी। कवंदती है क जो
भी यहाँ बसना चाहता था उसे एक ट और पया
शहर के सभी एक लाख नाग रक ारा दया जाता था,
इससे उस के पास घर बनाने के लये पया त ट
और ापार शु करने के लए पया त धन होता था।

म यकालीन इ तहास …

ण के शासन के प ात हषवधन ारा 7व शता द म


था पत रा य क राजधानी कु े के पास थानेसर म
बसायी। उसक मौत के बाद गुजर तहार ने वहां
शासन करना आरंभ कर दया और अपनी राजधानी
क ौज बना ली। यह थान द ली के शासक के लये
मह वपूण था। पृ वीराज चौहान ने १२व शता द म
अपना कला हाँसी और तरावड़ी (पुराना नाम तराईन) म
था पत कर लया।मुह मद गौरी ने सरी तराईन युध म
इस पर क जा कर लया। उसके प ात द ली स तनत
ने कई सद तक यहाँ शासन कया।
वदे शी आ मणका रय ारा द ली पर अ धकार के
लए अ धकतर यु ह रयाणा क धरती पर ही लड़े गए।
तरावड़ी के यु के अ त र पानीपत के मैदान म भी
तीन यु एसे लड़े गए ज ह ने भारत के इ तहास क
दशा ही बदल द । टश राज से मु पाने के
आ दोलन म ह रयाणा वा सय ने भी बढ़ चढ़ कर
ह सा लया। रेवाड़ी के राजा राव तुला राम का नाम
१८५७ के सं ाम म योगदान दया।

रा य थापना …

एक रा य के प म ह रयाणा १ नवंबर १९६६ को


पंजाब पुनगठन अ ध नयम (१९६६) के मा यम से
अ त व म आया था। भारत सरकार ने २३ अ ैल
१९६६ को पंजाब के त कालीन रा य को नवा सय
ारा बोली जाने वाली भाषा के आधार पर वभा जत
करने के वचार के बाद ह रयाणा के नए रा य क सीमा
नधा रत करने के लए यायमू त जेसी शाह क
अ य ता म शाह आयोग क थापना क । आयोग ने
३१ मई १९६६ को अपनी रपोट दे द , जससे हसार,
मह गढ़, गुड़गांव, रोहतक और करनाल के त कालीन
जल ह रयाणा के नए रा य का ह सा बन गए। इसके
अलावा, संग र जले क जद और नरवाना तहसील,
और साथ साथ ही नारायणगढ़, अंबाला और जगधरी
को भी इसम शा मल कया जाना था।

आयोग ने यह भी सफा रश क थी क खारद तहसील,


जसम पंजाब क राजधानी चंडीगढ़ शा मल थी, को
ह रयाणा का ह सा होना चा हए। हालां क, ह रयाणा
को खड़द का केवल एक छोटा सा ह सा दया गया था।
चंडीगढ़ शहर को क शा सत दे श बनाया गया था, जो
कालांतर म पंजाब और ह रयाणा दोन क राजधानी
बना।

म डल तथा जले

ह रयाणा के जले (२०११)

शास नक आधार पर ह रयाणा को २२ जल म


वभा जत कया गया है, जो ६ म डल म समूहब ह।
इन २२ जल म ७२ सब- डवीजन, ९३ तहसील, ५०
उप-तहसील, १४० सामुदा यक वकास खंड, १५४ नगर
तथा क बे, ६,२१२ ाम पंचायत और ६,८४१ गांव ह।

१ नवंबर १९६६ को जब त कालीन पूव पंजाब के


वभाजन ारा ह रयाणा रा य क थापना ई थी, तब
रा य म ७ जले थे; रोहतक, ज द, हसार, मह गढ़,
गुडगाँव, करनाल तथा अ बाला। २०१७ तक इन जल
के पुनगठन के मा यम से १४ नए जले जोड़े जा चुके ह।
ह रयाणा के म डल तथा जले
म डल जले

अ बाला अ बाला, कु े , पंचकुला, यमुनानगर

फरीदाबाद फरीदाबाद, पलवल, मेवात

गु ाम गु ाम, मह गढ़, रेवाड़ी

हसार फतेहाबाद, ज द, हसार, सरसा

रोहतक झ जर, दादरी, रोहतक, सोनीपत, [[ भवानी जला| भवानी] [चरखा दादरी]

करनाल करनाल, पानीपत, कैथल

नगर तथा क बे
ह रयाणा म कुल १५४ नगर तथा क बे ह। २०११ क
जनगणना के अनुसार रा य म १ लाख से अ धक
जनसं या वाले १८ नगर ह: फरीदाबाद, गु ाम,
पानीपत, अ बाला, यमुनानगर, रोहतक, हसार, करनाल,
सोनीपत, पंचकुला, भवानी, सरसा, बहा रगढ़, ज द,
थानेसर, कैथल, रेवाड़ी और पलवल।

च डीगढ़, जो भारत का एक के शा सत दे श है,


ह रयाणा क राजधानी है। १ नवंबर, १९६६ को जब
पंजाब के ह द -भाषी पूव भाग को काटकर ह रयाणा
रा य का गठन कया गया, तो चंडीगढ़ शहर के दोन के
बीच सीमा पर थत होने के कारण इसी दोन रा य क
संयु राजधानी के प म घो षत कया गया और साथ
ही संघ शा सत े भी घो षत कया गया था। अग त
१९८५ म त कालीन धान मं ी राजीव गांधी और
अकाली दल के संत हरचंद सह ल गोवाल के बीच ए
समझौते के अनुसार, चंडीगढ़ को १९८६ म पंजाब म
थानांत रत होना तय आ था। इसके साथ ही ह रयाणा
के लए एक नयी राजधानी का सृजन भी होना था,
क तु कुछ शास नक कारण के चलते इस थानांतरण
म वलंब आ। इस वलंब के मु य कारण म द णी
पंजाब के कुछ ह द -भाषी गाँव को ह रयाणा और
प म ह रयाणा के पंजाबी-भाषी गाँव को पंजाब को
दे ने का ववाद था।

ह रयाणा के मुख नगर


फरीदाबाद

पंचकुला
गु ाम

हसार
रोहतकक_सली

अथ व था
२०१२-१७ म १२.९६% क कंपाउंड वा षक वृ दर
और २०१७-१८ म यूएस $९५ ब लयन डॉलर क
अनुमा नत जीएसडीपी के साथ ह रयाणा क जीडीपी
भारत म १४व सबसे बड़ी है। ह रयाणा क जीडीपी
५२% स वस से टर, ३०% इंड ज से टर, और १८%
कृ ष से टर म वभा जत है।
स वस से टर ४५% रीयल ए टे ट और व ीय और
पेशेवर सेवा , २६% ापार और आ त य, १५% रा य
और क य सरकारी कमचा रय , और १४% प रवहन
और रसद और गोदाम म वभा जत है। आईट सेवा
म, गु ाम वकास दर और मौजूदा ौ ो गक
आधारभूत संरचना म पूरे भारत म नंबर १ थान पर,
और टाटअप पा र थ तक तं , नवाचार और
उ रदा य व (नवंबर २०१६) म नंबर २ पर है।

इंड ज से टर ६९% व नमाण, २८% नमाण, २%


उपयो गता और १% खनन म वभा जत है। ह रयाणा
पूरे भारत क ६७% या ी कार, ६०% मोटरसाइ कल,
५०% ै टर और ५०% रे जरेटर का उ पादन करता
है।
सेवा और औ ो गक े को ७ प रचा लत
एसईजेड और अ त र २३ औपचा रक प से
अनुमो दत एसईजेड (२० पहले ही अ धसू चत और ३
इन- सपल वीकृ त) ारा बढ़ाया जाता है जो
यादातर द ली-मुंबई औ ो गक कॉ रडोर, अमृतसर
द ली कोलकाता औ ो गक कॉ रडोर और द ली
प मी प रधीय ए स ेसवे के साथ फैले ए ह।

कृ ष े ९३% फसल और पशुधन, ४% वा ण यक


वा नक और लॉ गग, और २% म यपालन म वभा जत
है। ह रयाणा का कृ ष े , भारत के १.४% से कम े
के साथ, क य खा सुर ा सावज नक वतरण
णाली, और कुल रा ीय कृ ष नयात का ७% का
योगदान दे ता है जसम कुल रा ीय बासमती चावल
नयात का ६०% शा मल है।
कृ ष …

ह रयाणा परंपरागत प से एक कृ ष समाज रहा है।


१९६० के दशक म ह रयाणा म ह रत ां त के आगमन,
और फर १९६३ म भाखड़ा बांध और १९७० के दशक
म प मी यमुना कमांड नेटवक नहर णाली के पूरा
होने के प रणाम व प ह रयाणा म खा अनाज
उ पादन म उ लेखनीय वृ ई। २०१५-२०१६ म,
ह रयाणा म १,३३,५२,००० टन गे ं, ४१,४५,००० टन
चावल, ७१,६९,००० टन ग ा, ९,९३,००० टन कपास
और ८,५५,००० टन तलहन (सरस का बीज,
सूरजमुखी, आ द) का उ पादन आ। ह रयाणा ध के
लए भी जाना जाता है। रा य म मवे शय क कई न ल
पाई जाती ह, जनम मुरा भस, ह रयाणवी, मेवाती,
सा हवाल और नी ल-र व इ या द मुख ह।
कृ ष आधा रत ह रयाणा क अथ व था को और
बेहतर बनाने के लए, क य सरकार (क य अनुसंधान
सं थान, बफेलो, क य भेड़ जनन फाम, इ वनेस पर
रा ीय शोध क , म य पालन सं थान, रा ीय डेयरी
अनुसंधान सं थान, भारतीय सं थान गे ं और जौ
अनुसंधान और रा ीय यूरो ऑफ ए नमल आनुवां शक
संसाधन) और रा य सरकार (सीसीएस एचएयू, लुवास,
सरकारी पशुधन फाम, े ीय चारा टे शन और उ री
े कृ ष मशीनरी श ण और परी ण सं थान) ने
कृ ष े म अनुसंधान और श ा के लए कई सं थान
रा य म खोले ह।

शासन

नयम कानून …
ह रयाणा पु लस बल ह रयाणा क कानून वतन एजसी
है। ह रयाणा पु लस क पांच रज अंबाला, हसार,
करनाल, रेवाड़ी और रोहतक ह। इसके अ त र
फरीदाबाद, गुड़गांव और पंचकुला म तीन पु लस
आयु ह। साइबर ाइम क जांच हेतु गुड़गांव के
से टर ५१ म साइबर सेल थत है।

रा य म सव च या यक ा धकरण पंजाब और
ह रयाणा उ च यायालय है। ह रयाणा ई-फाइ लग
सु वधा का उपयोग करता है।

अ य शास नक सेवाएं …

नाग रक को सैकड़ ई-सेवा क पेशकश करने के


लए सभी जल म सव सेवा क (सीएससी) को
अप ेड कया गया है, जसम नए जल कने शन, सीवर
कने शन, बजली बल सं ह, राशन काड सद य
पंजीकरण, एचबीएसई का प रणाम, बोड परी ा के
लए वेश प , सरकारी कॉलेज के लए ऑनलाइन
वेश फॉम, बस क लंबी माग बु कग, कु े
व व ालय और एचयूडीए लॉट् स टे टस पूछताछ के
लए फॉम उपल ध ह। ह रयाणा सभी जल म आधार-
स म ज म पंजीकरण को लागू करने वाला पहला रा य
बन गया है। ड जटल इं डया पहल के अंतगत एक कृत
यूएमएएनजी ऐप और पोटल के मा यम से हजार
पारंप रक ऑफ़लाइन रा य और क सरकार सेवाएं भी
२४/७ उपल ध ह।

प रवहन

सड़क …
दसंबर २०१७ तक ह रयाणा रा य म सड़क क कुल
लंबाई २६,०६२ कलोमीटर (१६,१९४ मील) है, जसम
२,४८२ कलोमीटर (१,५४२ मील) रा ीय राजमाग,
१,८०१ कलोमीटर (१,११९ मील) रा य राजमाग,
१,३९५ कलोमीटर (८६७ मील) मुख जला सड़क
(एमडीआर) और २०,३४४ कलोमीटर (१२,६४१ मील)
अ य जला सड़क (ओडीआर) ह।[18] रा य म कुल १५
रा ीय राजमाग ह,[19] जनम से अ धकतर रा य के
वभ ह स को द ली से जोड़ते ह। ह रयाणा
रोडवेज का ३,८६४ बस का बेड़ा रा य भर म त दन
१.१५ म लयन कमी क री को कवर करता है।
ह रयाणा दे श म ल जरी वी डयो कोच पेश करने वाला
पहला रा य था।

रेल …
ह रयाणा म रेल नेटवक ३ रेलवे जोन के तहत ५ रेल
डवीजन ारा कवर कया गया है। डायमंड चतुभुज
हाई पीड रेल नेटवक, पूव सम पत े ट कॉ रडोर (72
कमी) और प मी सम पत े ट कॉ रडोर (177 कमी)
ह रयाणा से गुजरते ह।

उ र प मी रेलवे जोन के बीकानेर रेलवे डवीजन


प मी और द णी ह रयाणा म भ टडा-दबवाली-
हनुमानगढ़ लाइन, रेवाड़ी- भवानी- हसार-ब ठडा लाइन,
हसार-स लपुर लाइन और रेवाड़ी-लोहा -स लपुर
लाइन को कवर करते ए रेल नेटवक का संचालन
करता है। इसी जोन के जयपुर रेलवे डवीजन के
अंतगत द ण-प म ह रयाणा का रेल नेटवक आता है,
जसम रेवाड़ी-रे गस-जयपुर लाइन, द ली-अलवर-
जयपुर लाइन और लोहा -सीकर लाइन शा मल है।
उ री, पूव और म य ह रयाणा के े उ री रेलवे जोन
के द ली रेलवे डवीजन के अंतगत आते ह, जसके
अंदर द ली-अंबाला लाइन, द ली-रोहतक-तोहाना
लाइन, रेवारी-रोहतक लाइन, ज द-सोनीपत लाइन और
द ली-रेवाड़ी लाइन आती ह। इसी जाने के अंबाला
रेलवे डवीजन के अंतगत उ र-पूव ह रयाणा म
अंबाला-यमुनानगर लाइन, अंबाला-कु े लाइन और
यूने को व वरासत कालका- शमला रेलवे लाइन
आती ह। द ण-पूव ह रयाणा क पलवल-मथुरा लाइन
उ र म य रेलवे जोन के आगरा रेलवे डवीजन के
अंतगत आने वाली एकमा रेलवे लाइन है।

श ा

सा रता …
ह रयाणा म सा रता दर म ऊपर क वृ दे खी गई है
और २०११ क जनगणना के मुता बक यह ७६.६४
तशत है। पु ष म सा रता डॉ ८५.३८ तशत है,
जब क म हला म यह ६६.६७ तशत है। २००१ म
ह रयाणा क सा रता दर ६७.९१ तशत थी; तब
७८.४९ तशत पु ष और ५५.७३ तशत म हलाएं
सा र थ । २०१३ तक, ह रयाणा के उ चतम सा रता
दर वाले नगर गु ाम (८६.३० तशत), पंचकुला
(८१.९० तशत) और अ बाला (८१.७० तशत) ह।
जल के संदभ म, 2012 तक ७४ तशत के साथ
रेवाड़ी म ह रयाणा क उ चतम सा रता दर थी, जो
रा ीय औसत ५९.५ तशत से अ धक थी: पु ष
सा रता ७९ तशत थी, और म हला ६७ तशत थी।

कूली श ा …
ह रयाणा बोड ऑफ कूल एजुकेशन सालाना दो बार
मा य मक, मै क, और व र मा य मक तर पर
सावज नक परी ा आयो जत करता है। बोड क
थापना सतंबर १९६९ म च डीगढ़ म ई थी, और
१९८१ म यह भवानी म थानांत रत हो गया। फरवरी
और माच म सात लाख से अ धक उ मीदवार वा षक
परी ा म भाग लेते ह; जब क लगभग डेढ़ लाख येक
नवंबर म पूरक परी ा म भाग लेते ह। बोड सालाना
दो बार व र और व र मा य मक तर पर ह रयाणा
ओपन कूल के लए भी परी ा आयो जत करता है।
ह रयाणा सरकार बैचलर ड ी तर तक म हला को
मु त श ा दान करती है। हद और अं ेजी कूल म
अ नवाय भाषाएं ह जब क पंजाबी, सं कृत और उ
वैक पक भाषा के प म चुने जाते ह।
२०१५-२०१६ म, रा य भर म लगभग २०,००० कूल
थे, जनम से १०,१०० सरकारी कूल (३६ आरोही
कूल, ११ क तूरबा गांधी बा लका व ालय, २१ मॉडल
सं कार कूल, ८७४४ सरकारी ाथ मक व ालय,
३३८६ सरकारी मा य मक व ालय, १२८४ सरकारी
हाई कूल और १९६७ सरकारी व र मा य मक
व ालय), ७,६३५ नजी कूल (२०० सहायता ा त,
६,६१२ अ नयो जत मा यता ा त, और ८२१ अ ात
अवैत नक नजी कूल) और कई सौ अ य क सरकार
और नजी व ालय थे, जैसे के य व ालय, भारतीय
आम प लक कूल, जवाहर नवोदय व ालय और
डीएवी कूल।

उ च श ा …
मह ष दयान द व व ालय, रोहतक का मु य भवन

ह रयाणा म २९ व व ालय और २९९ कॉलेज ह,


जनम ११५ सरकारी कॉलेज, ८८ सरकारी सहायता
ा त कॉलेज और ९६ वयं व कॉलेज शा मल ह।
केवल हसार म ही तीन व व ालय ह: चौधरी चरण
सह ह रयाणा कृ ष व व ालय - ए शया का सबसे
बड़ा कृ ष व व ालय, गु जांभे र व ान एवं
ौ ो गक व व ालय, लाला लाजपत राय पशु
च क सा और पशु व ान व व ालय); कई रा ीय
सं थान ह, जैसे कृ ष और पशु च क सा अनुसंधान क
(इ वंस पर रा ीय शोध क ), क य भेड़ जनन फाम,
पग जनन और अनुसंधान पर रा ीय सं थान, उ री
े कृ ष मशीनरी श ण और परी ण सं थान और
म य इं ट ूट फॉर रसच ऑन बफेलो
(सीआईआरबी); और महाराजा अ सेन मे डकल
कॉलेज, ए ोहा स हत २० से अ धक कॉलेज भी ह।

क य मं ी र वशंकर साद ने २७ फरवरी २०१६ को


घोषणा क क युवा को कं यूटर श ण दान
करने के लए कु े म रा ीय इले ॉ न स और
सूचना ौ ो गक सं थान (एनआईईएलआईट )
था पत कया जाएगा और भारत के सॉ टवेयर
ौ ो गक पाक (एसट पीआई) क थापना पंचकुला
के से टर २३ म मौजूदा एचएसआईआईडीसी आईट
पाक म क जाएगी।

स दभ
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आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788175741539. "If the
Buddhist texts are to be relied upon, it
may be said that Buddhism reached
Haryana through the Buddha himself.
(पृ 3)
Dipavamsa refers to Buddha's visit to a
city in the Kuru country where he
received alms on the banks of the
Anotatta lake which he crossed. The
city may have been Kurukshetra..... (पृ
3)
We shall see subsequently that Agroha
was an important Buddhist centre of
Haryana.....Buddhaghosha's candid
confession that even a single
monastery could not be set up in the
Kuru country during the lifetime of
Tathagata who was obliged to stay in
the hermitage of a Brahmana.... (पृ
७)" |year= म त थ ाचल का मान जाँच
(मदद)
15. डी॰सी॰ अहीर (२००३). Buddhist sites and
shrines in India: history, art and
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इ तहास, कला और थाप य कला] (अं ेज़ी म).
ी सतगु प लकेश स. पृ॰ ११५.
आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7030-774-0. "The
ancient Kuru janapada is said to have
comprised Kurukshetra, Thanesar,
Karnal, Panipat, Sonipat....." ISBN 978-
81-7030-774-7
16. रचड जे॰ कोहेन (१९८९). "An Early
Attestation of the Toponym Ḍhillī,"
[ द ली थान के ार भक सा य]. जनल ऑफ़
द अमे रकन ओ रय टल सोसाइट : ५१३–५१९.
"ह रयाणए दे से असंखगाम, गा मयण ज ण
अणवरथ काम।
परच क वह णु स रसंघ णु, जो सुरव इणा
प रग णयं।
रउ हराव णु बउलु पव णु, ढ ली नामेण ज
भ णयं।
अनुवाद: ह रयाणा रा म अन गनत गाँव ह। वहाँ
के लोग कड़ी मेहनत करते ह। वो अ य भु व को
वीकार नह करते और श ु का र बहाने म
वशेष ह। इ वयं इस रा क तु त करते ह।
इस दे श क राजधानी द ली है।"
17. [1] आय के भारत वासन संबंधी वै दक माण
पर वशाल अ वाल का प
18. Single agency to handle road repair
work from January 1 , Tribune, 29 Dec
2017.
19. "National Highways In The State Of
Haryana" (PDF). अ भगमन त थ 19 जुलाई
2018.

बाहरी क ड़याँ
ह रयाणा से संबं धत मी डया व कमी डया कॉमंस पर
उपल ध है।

व कया ा पर ह रयाणा के लए या ा गाइड

सामा य
मु नद शका प रयोजना पर ह रयाणा
ए साइ लोपी डया टे नका पर ह रयाणा के बारे
म। (अं ेज़ी म)
सरकार
ह रयाणा सरकार का आ धका रक जाल थल
ह रयाणा के सभी वभाग , बोड, नगम,
आ धका रक, व व ालय और जल के
जाल थल क सूची
"https://hi.wikipedia.org/w/index.php?
title=ह रयाणा&oldid=4422227" से लया गया

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साम ी CC BY-SA 3.0 के अधीन है जब तक अलग से उ लेख


ना कया गया हो।

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