हो आजा मेरे मािहया हो आजा मेरे मािहया रांझणा, तू है मेरा रांझणा मािहया आ भी जा टूटे न छूटे न िर ता... हो आजा मेरे मािहया हो आजा मेरे मािहया मािहया आ भी जा टूटे न छूटे न ये िर ता हम जो यूं साथ हो जाना हो कहाँ, ये न हो पता? मािहया आ भी जा टूटे न छूटे न िर ता मािहया... मािहया... आजा मेरे दे श आजा तझ ु को पुका रांझा तेरे िलए काटूं राते तेरे िलए जीयँू रांझा मािहया हो आजा मेरे मािहया हो आजा मेरे मािहया ख्वाब से दरू इक दिु नया है मैने ए◌ेसा कुछ कहीं पे सन ु ा है बादल पे भी बसा एक समा है मैने ए◌ेसा कुछ कहीं पे सुना है मािहया आ भी जा टूटे न छूटे न िर ता... तू है मेरा रांझणा क्यूँ मेरे चेहरे पे ख्वाब तेरे ही तेरे? तेरी आहट पे जी रह हूँ आज भी, आज भी िज दा तू मुझम आज भी छुपा है तू मुझम कहीं तेरी आहटओं पे जी रहा हूँ आज भी, आज भी मािहया आ भी जा टूटे न छूटे न िर ता