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श्री गणेशायनम : /

श्री दत्तात्रेयायनम : /

श्री दत्तगोरक्षनाथायनम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

पुर्वस्यां इंद्राय नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

आग्नेयां अग्नेय नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

दक्षिणस्यां यमाय नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

नैॠत्यां नैॠत्तीनाथाय नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

पश्चिमे वरुणाय नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

वायव्यां वायवे नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

उत्तरस्यां कुबेराय नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

ईशान्यां ईश्वराय नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

उर्ध्वस्यां अर्थ श्वेदपाय नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

अथ: भूमीदे वतायै नम : /

ॐ ॐ दं वं तं ॐ ॐ ॐ दत्तगोरक्ष सिद्धाय नम : /

मध्य प्रकाशज्योती दे वतायै नम : /


// श्रीदत्तगोरक्षनाथकवचस्तवराज //

// श्री पार्वती उवाच //

नमस्ते दे वदे वेश विश्वव्यापिमहे श्वर /

दत्तगोरक्षकवचं स्तवराजं वद प्रभो //१//

// श्री ईश्वर उवाच //

श्रुणु शैलसत
ु े सत्य सिद्धमार्गमयोदितम /

ज्ञानविज्ञानमार्गेण जीवन्मुक्तोभवेन्नर: //२//

सर्वज्ञत्वं कार्यसिद्धं लभते वरमुत्तमम /

वाकसिद्धीं योगसिद्धींच लभते चिंतितार्थकम //३//

न दष्ु टे भ्य: प्रदातव्यं न दातव्यं कुलेश्वरी /

निष्प्रपंचाय शिष्याय दद्यात सविधीपूर्वकम //४//

रहस्यातिरहस्यं च मम वक्त्राव्दिनिर्गतम /

एकान्ते निर्जले रम्ये सरि धुतटे नगे //५//

बिल्वस्थलालये जप्त्वा कुलमार्गे शभ


ु स्थले /

सर्वसिद्धेश्वरोसाक्षात प्राप्यते नात्र संशय: //६//

श्री पार्वती उवाच //

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