होर का जीवन अंत तक लेखक ने ऐसा दखाया है जहां द र ता का
पणू सा ा य है और उस द र ता एवं नधनता के उमड़ते हुए बादल म भी वह दस ू र पर दया तथा धा मक मयादा का पणू प से पालन करता है उसके इसी यवहार के कारण वह सभी का दयापा है परं तु उस पर बांझ ि ट से ह येक यि त दया द शत करता है ,आंत रक ि ट से तो सभी के दय म लोभ तथा वा य का सा ा य है I अत: उसका जीवन उस ोत क भां त है जो सम त पेड़ पौध तथा बेलो के लए वा हत होता हो और अपने जीवन क चंता कं चत भी ना करता हो I उसका जीवन ेमचंद जी के उस वग का भी जीवन है जो नरं तर नराशा, दभ ु ा य तथा आपदाओं का शकार होता आया है और िजससे या महाजन या साहूकार और नाग रक समु नत एवं वैभव पण ू होते रहते हIअतः यह कहना अ त यिु त नह ं है क होर का कथान रे शम से प रवेश है I होर एक कसान है ,ध नया उसक प नी है I ध नया सोचती है चाहे कतना ह करत यात करो, कतना पेट तन काटो ,चाहे एक एक घड़ी को दांत से पकड़ो मगर लगान बेबाक होना मिु कल है I उसक संतान म से अब केवल तीन िजंदा है एक लड़का गोबर और दो लड़ कयां सोना और पा 12 और 8 वष क Iतीन लड़के बचपन म ह मर आपका मन आज भी कहता था उनक दवा दा होती तो वे बच जाते पर वह एक दे ने क दवा भी ना मंगवा सक थी Iहोर के च र का मू यांकन ी राम काश कपरू के श द म इस कार कया जा सकता है होर सम त हंद और उद ू सा ह य का एक महान जीवंत पा है द र ता के कारण अनेक बार शू ता के आवत म फंस जाता है वह चतु दक शोषण क च क मलता है म ृ यु भी उसके दख ु का अंत नह ं कर पाती उसक मनु यता अटूट है I होर क दबु लताए म भारतीय कृ ष क सामा य च र दब ु लताए है िजसका मल ू है उसका अ ान I होर क मह वाकां ाए साधारण है I वह राज सख ु नह ं चाहता भोग वलास उसका ई ट नह ं है आपके साथ जीना चाहता है वह केवल मोटा कपड़ा और खाना तथा मयादा के साथ जीना चाहता है Iले कन आजीवन म क च क म पसते रहने पर भी उसका इ छापण ू ना हो सकाI होर सम त उप यास का क बंद ु है I उसका च र धीरोदात नायक के सांचे म ना ढाला होकर साधारण भारतीय कृषको क सामा य वशेषताओं एवं दब ु लताओं का कंु जीभतू प है वह कसी गमले का पौधा ना होकर व य कुसम ु क भां त फुला- फुला एवं हरा- भरा है Iउसक शाख पर कसी माल क कांची नह ं चल है I का अ त- य त जीवन हर -भर बेतरतीब पहल पंि तय के बीच खेले व य कुसम ु क तरह आकषक एवं भावकार है I
The Happiness Project: Or, Why I Spent a Year Trying to Sing in the Morning, Clean My Closets, Fight Right, Read Aristotle, and Generally Have More Fun