You are on page 1of 6

01

​ नातको र क उपा ध के लए तत ु

​ घु शोध बंध
​श​ ीषक
​“ ​ ेमचंद का होर ामीण कृषक का
​ तमान क सम या “

​ ​ नातको र हंद वभाग


​बलदे व शाहू महा व यालय लोहरदगा
​ श
​ ोध नद शका शोधाथ
डॉo मीरा कुमार ममता कुमार संह
अ स टट ोफेसर हंद (लघु शोध)
नातको र हंद वभाग , प कूट सं या:404
बलदे व साहू महा व यालय, क ा मांक:323
लोहरदगा रांची पर ा मांक-18MA0604477
पजीयन सं या-1226011
सेमे टर- IV
स : 2018-2020
नातको र हंद वभाग
बलदे व साहू महा व यालय
लोहरदगा, राँची
​ ​ ​02
​ ​ माण प
​ ​ मा णत कया जाता है क नाम ममता कुमार संह मांक
18MA0604477, पंजीयन सं या 1226011, बलदे व साहू
महा व यालय लोहरदगा के नातको र हंद वभाग चतथ ु ,प
कूट सं या 404 के अंतगत शीषक गोदान क कृषक का
तमान सम या पर लघु शोध बंध तत ु क है I
अत: अपने आचरण और च र से शोध बंध करने म सवथा
यो य है I

​ नद शका
डॉ मीरा कुमार
हंद वभाग
बलदे व साहू महा व यालय
लोहरदगा
03
​ ​ ​आभार ापन  
​ ​ ततु लघु शोध बंध संप न करने म मझ ु े अपनी नद शका
डॉ मीरा कुमार का बहुमू य सहयोग ा त हुआ है I
मागदशन के बना इस लघु शोध बंध या संप न करना
असंभव थाI
अत: म इनके सहयोग के लए आभार य त करती हूं I
साथी हमारे व यालय के भार साथ ह हमारे बलदे व साहू
महा व यालय के भार ाचाय ोफेसर डॉ गो सनर कपरू के
त आभार य त करती हूं I उनके आशीवचन और ो साहन
से ह यह काय सफल हो सका है I
इसके अलावा म अपने बलदे व साहू महा व यालय के हंद
वभाग नातको र के सहायक श क ोफेसर डॉ वज
व वकमा , श का ोफेसर सेनेल हे लन के त आभार
य त करती हूं इन सभी श क के वारा इस लघु शोध बंध
को परू ा करने म समय-समय पर मागदशन मलता रहा है ।
इ ह ने हमार सार िज ासाओं को शांत कर हर सम याओं का
समाधान कया है । म अपने सभी सहपा ठय स हत अपने
माता- पता एवं प रवार के सभी सद य के त बहुत-बहुत
ध यवाद ापन करती हूं , िज ह ने सदै व मेरा सहयोग कया है I
04
​ तावना
​ हंद बहुत खब
ू सरू त भाषाओं म से हंद एक ऐसा वषय है जो हर
कसी को अपना लेती है अथात सरल के लए बहुत सरल क ठन के
लए बहुत क ठन बन जाती है हंद को हर दन एक नया प एक
नई पहचान दे ने वाले थे उसके सा ह यकार उसके लेखक उ ह ं म से
एक महान छ व थी मश ंु ी ेमचंद क , वे एक ऐसी तभाशाल
यि त व के धनी थे िजसने हंद वषय क काया पलट द I वे एक
ऐसे लेखक थे जो समय के साथ बदलते गए और हंद सा ह य को
आधु नक प दान कया I मश ंु ी ेमचंद ने सरल सहज हंद को
ऐसा सा ह य दान कया िजसे लोग कभी नह ं भल ू सकते I बड़ी
क ठन प रि थ तय का सामना करते हुए हंद जैसे खब ू सरू त वषय म
अ मत छाप छोड़ी मश ंु ी ेमचंद हंद के लेखक ह नह ं बि क एक
महान सा ह यकार , नाटककार, उप यासकार जैसी बहुमख ु ी तभा
के धनी थे I ेमचंद क दो मख ु रचनाएं गोदान तथा गवन थी I
05
​ वषय सच
ू ी
0 सं0 अ याय प0
ृ सं0
1. तावना
2. थम अ याय
(क) ेमचंद क जीवनी
(ख) ेमचंद वारा र चत उप यास
गोदान का प रचया मक अ ययन
3. वतीय अ याय
ेमचंद के उप यास गोदान एक कसान क
जीवन-कथा
4. ततृ ीय अ याय
म यम कोट के यि तय क दशा तथा भोग
वलास यु त आनंदमय जीवन बताने वाले
उ च को ट के पज
ंू ी प तय का च ण
5. चतथु अ याय
गोदान उप यास का श प
पंचम अ याय
ेमचंद के उप यास का चंतन
संदभ ंथ सच ू ी

You might also like